अरब सागर से लगे राज्य

  1. अरब सागर
  2. Explainer : क्यों अब अरब सागर में बनने लगे ज्यादा खतरनाक तूफान, क्या ये मानसून को 'किल' कर देंगे
  3. नेवी की सबसे बड़ी एक्सरसाइज में 35 फाइटर जेट, हेलिकॉप्टर और सबमरीन शामिल हुए
  4. Cyclone Biparjoy को लेकर पश्चिमी तट के राज्य अलर्ट पर, साइक्लोन से जुड़े 07 फैक्ट्स यहां देखें
  5. भूकंप से कांप गए तीन देश, उधर अरब सागर में भी उठ रहा तूफान, आखिर ये हो क्या रहा है!
  6. 50 किमी प्रतिघंटा रफ्तार से हवा चलने, 4 दिन आंधी के साथ बारिश का अलर्ट
  7. नेवी की सबसे बड़ी एक्सरसाइज में 35 फाइटर जेट, हेलिकॉप्टर और सबमरीन शामिल हुए
  8. 50 किमी प्रतिघंटा रफ्तार से हवा चलने, 4 दिन आंधी के साथ बारिश का अलर्ट
  9. Cyclone Biparjoy को लेकर पश्चिमी तट के राज्य अलर्ट पर, साइक्लोन से जुड़े 07 फैक्ट्स यहां देखें
  10. Explainer : क्यों अब अरब सागर में बनने लगे ज्यादा खतरनाक तूफान, क्या ये मानसून को 'किल' कर देंगे


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अरब सागर

अरब सागर निर्देशांक 18°N 66°E / 18°N 66°E / 18; 66 18°N 66°E / 18°N 66°E / 18; 66 अधिकतम चौड़ाई 2,400कि॰मी॰ (1,500मील) सतही क्षेत्रफल 3,862,000कि॰मी 2 (1,491,000वर्ग मील) अधिकतम गहराई 4,652मी॰ (15,262फीट) बस्तियाँ अरब सागर जिसका भारतीय नाम सिंधु सागर है, 2 सतही क्षेत्र घेरते हुए स्थित है तथा इसकी अधिकतम चौड़ाई लगभग 2,400 किमी (1,500 मील) है। अनुक्रम • 1 सीमाएं • 2 भूगोल • 3 व्यापार मार्ग • 4 नाम • 5 प्रमुख बंदरगाह • 6 इन्हें भी देखें • 7 सन्दर्भ • 8 बाहरी कड़ियाँ सीमाएं [ ] • पश्चिम में: अदन की खाड़ी की पूर्वी सीमा [केप गार्डफूई के मेरिडियन (रास असिर, 51 डिग्री 16'E) • उत्तर में: पाकिस्तान के तट पर अरब प्रायद्वीप (22°32' N) और रा जियुहनी (61°43 E) के पूर्वी बिंदु रा हाथी हद में शामिल होने वाली एक पंक्ति • दक्षिण में: मालदीव में एडु एटोल के दक्षिणी छोर से चलने वाली एक रानी, ​​रा हाथिन (अफ्रीका के पूर्वी सबसे महत्वपूर्ण बिंदु, 10°26' N) के पूर्वी छोर तक चलती है। • पूर्व में: Laccadive समुद्र की पश्चिमी सीमा भारत की पश्चिमी तट (14°48'N 74°07'E) से कोरा दिह (13°42'N 72°10' ए) और सदाशिवगढ़ से चलने वाली एक लाइन तब से लैडकैविज़ और मालदीव द्वीपसमूहों के पश्चिम की ओर मालदीव में एडु एटोल के सबसे दक्षिण बिंदु तक नीचे स्थित है। भूगोल [ ] अरब सागर की सतह का क्षेत्र लगभग 3,862,000 किमी 2 (1,41,130 वर्ग मील) है। सागर की अधिकतम चौड़ाई लगभग 2,400 किमी (1,490 मील) है, और इसकी अधिकतम गहराई 4,652 मीटर (15,262 फीट) है। सागर में बहने वाली सबसे बड़ी नदी सिंधु नदी है। अरब सागर में दो महत्वपूर्ण शाखाएं हैं - दक्षिण-पश्चिम में ऐडन की खाड़ी, लाल-सागर से बाब-अल-मन्डेब की तरंगों के माध्यम से जोड़ने; औ...

Explainer : क्यों अब अरब सागर में बनने लगे ज्यादा खतरनाक तूफान, क्या ये मानसून को 'किल' कर देंगे

अब अरब सागर में मानसून से पहले और मानसून के बाद ज्यादा तूफान बनने लगे हैं, ये मानसून को बहुत प्रभावित कर सकते हैं भारतीय उपमहाद्वीप के समुद्र में पहले से ज्यादा तूफान बनने की वजह अब यहां से समुद्र के पानी का बढ़ता तापमान है अरब सागर की खाड़ी में बने गहरे विक्षोभ के चलते बिपरजॉय तूफान और तीव्र के साथ खतरनाक हो गया. ये कई दिनों तक कहर ढाह सकता है. अरब सागर में ये इस साल बना पहला तूफान बना है. लेकिन असर केरल की ओर से आने वाले मानसून पर पड़ सकता है. संभव है कि ये तूफान मानसून को धीमा कर दे. हम आपको ये बताएंगे कि चक्रवाती तूफान कैसे बनते हैं. कितनी तरह के होते हैं. बिपरजॉय नाम से लगता है कि इसका संबंध जॉय यानि किसी आनंद से है लेकिन ऐसा वास्तव में है नहीं. इस चक्रवाती तूफान को ये नाम यानि बिपरजॉय बांग्लादेश ने दिया. बांग्ला में इस नाम का मतलब होता है डिजास्टर यानि विध्वंसक. अब ये देखा जाने लगा है कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर दोनों जगहों में तूफान बन रहे हैं और तेजी से प्रचंड भी हो जा रहे हैं. ये अपनी ताकत को कई दिनों तक बनाकर रखते हैं. अरब सागर में बनने लगे ज्यादा तूफान वैज्ञानिकों का कहना है कि अरब सागर में जो तूफान बन रहे हैं, मानसून से पहले उनके बनने की गति, समय और तीव्रता सभी में 40 फीसदी इजाफा हुआ है जबकि 20 फीसदी बढोतरी मानसून के बाद ऐसे तूफानों के बनने में आई है. पहले यहां उतने खतरनाक तूफान नहीं बनते थे, जितने अब बनने लगे हैं. इसकी वजह आखिर क्या है भारतीय मौसम विभाग से जुड़े जलवायु वैज्ञानिक कहते हैं तूफानों के बनने में आई तेजी का रिश्ता समुद्र के पानी के तापमान में हो रही बढोतरी और ग्लोबल वार्मिंग के कारण बढ़ती नमी के चलते हो रहा है. पहले अरब सागर आमतौर पर ठंडा रहता था ...

नेवी की सबसे बड़ी एक्सरसाइज में 35 फाइटर जेट, हेलिकॉप्टर और सबमरीन शामिल हुए

नेवी की इस एक्सरसाइज में पहली बार दोनों एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रमादित्य (बाएं) और INS विक्रांत (दाएं) शामिल हुए। एक्सरसाइज में फाइटर जेट, हेलिकॉप्टर, सबमरीन शामिल भारतीय नौसेना की पिछले कुछ सालों में अब तक की यह सबसे बड़ी एक्सरसाइज है। मिग के अलावा भारतीय सेना के हेलिकॉप्टर MH60R, कामोव, सी-किंग, चेतक और ALH ने भी उड़ान भरी। इसके अलावा रात में भी एयरक्राफ्ट कैरियर से लड़ाकू विमानों ने टेक ऑफ किया। नेवी ने कहा- हमारा मकसद समुद्री सीमा की सुरक्षा इंडियन नेवी के स्पोक्सपर्सन कमांडर विवेक मधवाल ने बताया- इंडियन नेवी ने यह एक्सरसाइज अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने, क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने और समुद्री सीमा की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए की है। एक्सरसाइज के दौरान एयर टू एयर रिफलिंग करते हुए नेवल फाइटर मिग-29 के। 25 साल बाद नौसेना में लौटा INS विक्रांत 31 जनवरी 1997 को नेवी से रिटायर हुए INS विक्रांत को 25 साल बाद फिर नौसेना में शामिल किया गया था। PM नरेंद्र मोदी ने 2 सितंबर 2022 को देश में बने इस सबसे बड़े युद्धपोत को नौसेना के हवाले किया था। साल 1971 की जंग में INS विक्रांत ने अपने सीहॉक लड़ाकू विमानों से बांग्लादेश के चिटगांव, कॉक्स बाजार और खुलना में दुश्मन के ठिकानों को तबाह कर दिया था। चलिए अब ग्राफिक्स में INS विक्रांत की खासियतों को जान लेते हैं 2013 में कमीशन हुआ INS विक्रमादित्य INS विक्रमादित्य रूस में बना वॉरशिप है। 16 नवंबर 2013 को रूस में रक्षा मंत्री एके एंटनी ने इसे कमीशन किया था। 14 जून 2014 को पीएम मोदी ने औपचारिक रूप से INS विक्रमादित्य को इंडियन नेवी में शामिल किया। विक्रमादित्य के फ्लोटिंग एयरफील्ड की लंबाई करीब 284 मीटर है। इसकी ऊंचाई करीब 20 मंजिला ...

Cyclone Biparjoy को लेकर पश्चिमी तट के राज्य अलर्ट पर, साइक्लोन से जुड़े 07 फैक्ट्स यहां देखें

अरब सागर में उठा बिपरजॉय साइक्लोन (Cyclone Biparjoy) अब खतरनाक रूप लेता जा रहा है. जिसको लेकर अरब सागर से लगे सभी भारतीय राज्यों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में IMD ने येलो अलर्ट जारी किया है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने भविष्यवाणी की है कि बिपरजॉय राजस्थान में 15 जून को लैंडफॉल करेगा, एहतियात के तौर पर पश्चिम रेलवे ने 67 ट्रेनों को रद्द कर दिया है साथ ही शॉर्ट-टर्मिनेटेड या शॉर्ट-ऑरिजिनेटेड 43 अन्य को रद्द कर दिया. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के साथ सोमवार को आने वाले चक्रवात बिपरजॉय की स्थिति और तैयारियों के बारे में टेलीफोन पर बातचीत की. चक्रवात बिपरजॉय की गंभीरता को देखते हुए तटीय क्षेत्रों से लोगों को निकलने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. गुजरात के तटीय क्षेत्रों 300 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. पूर्व-मध्य अरब सागर में बने इस चक्रवाती तूफान ने अब गंभीर रूप ले लिया है. जिसको लेकर गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और गोवा जैसे राज्यों को अलर्ट पर कर दिया गया है. मुंबई शहर में तो इसका असर दिखना शुरू भी हो गया है. समुद्र सटे इलाकों में तेज हवाएं चलने लगी है. (Video source: Indian Coast Guard) केंद्र सरकार बनायें हुए है नजर: बिपरजॉय साइक्लोन की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार भी स्थिति पर नजर बनायें हुए है साथ ही मोदी सरकार ने जरुरी दिशा निर्देश भी जारी किये है ताकि किसी भी गंभीर स्थिति का सामना किया जा सके. इसकी चक्रवात की गंभीरता को देखते हुए गुजरात के समुद्र तटीय जिलों को अलर्ट कर दिया गया है. पीएम मोदी कल दोपहर 1 बजे चक्रवात बिपरजॉय से संबंधित स्थिति की समीक्षा के लिए बैठक की. — A...

भूकंप से कांप गए तीन देश, उधर अरब सागर में भी उठ रहा तूफान, आखिर ये हो क्या रहा है!

विश्व कप में खूंखार खिलाड़ी को वापस लाने की तैयारी, BCCI ने लगाया पूरा जोर © नवभारत टाइम्स द्वारा प्रदत्त earthquake नई दिल्ली : अरब सागर में उठा चक्रवाती तूफान बिपोरजॉय की तबाही की आशंका से गुजरात में तटीय इलाके के लोग सहमे हुए हैं। इस बीच धरती के भीतर हुई हलचल से पूरा उत्तर भारत कांप उठा है। भूंकप के झटके भारत के साथ ही चीन और पाकिस्तान में भी महसूस किए गए। देश में दिल्ली-एनसीआर, चंडीगढ़, पंजाब से लेकर कश्मीर तक धरती हिलने से लोग दहशत में आ गए। एक तरफ समुद्र में तूफान और अब धरती के नीचे हलचल। लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर देश में ये हो क्या रहा है। दोपहर के समय जब ऑफिसेज में लोग लंच कर रहे थे, कई मेट्रो में सफर कर रहे थे, कश्मीर में बच्चे स्कूलों में थे। सब लोग अपने-अपने काम में लगे थे तभी एक झटके में पूरा उत्तर भारत सहम गया। चीन, पाकिस्तान में भी भूकंप के झटके रिक्टर स्केल में भूकंप की तीव्रता 5.7 मापी गई। भूकंप के ये झटके पाकिस्तान के साथ ही चीन में भी महसूस किए। भूकंप का केंद्र डोडा, जम्मू-कश्मीर बताया जा रहा है। जहां चक्रवात को लेकर अगले 48 घंटे काफी अहम हैं वहीं, इस तरह धरती कांपने के बाद अब लोगों के मन में आफ्टरशॉक का डर बना हुआ है। भूकंप के झटके लगभग 10 सेकंड तक महसूस किए गए। दोपहर 1:33 बजे जम्मू-कश्मीर के डोडा में 5.4 रिक्टर स्केल का एक भूकंप आया। 5.4 की तीव्रता का भूकंप मध्यम से ताकतवर भूकंप की श्रेणी में आता है। कई क्षेत्रों में झटके महसूस किए गए हैं। 4 से 4.4 रिक्टर पैमाने तक के भूकंप की दोबारा संभावना बनी हुई है। इस भूकंप का चक्रवात बिपरजॉय से कोई संबंध नहीं है।Author: ओपी मिश्रा, निदेशक भूकम्प विज्ञान, दिल्ली दोहरा खतरा अभी टला नहीं हैजिस तेजी से...

50 किमी प्रतिघंटा रफ्तार से हवा चलने, 4 दिन आंधी के साथ बारिश का अलर्ट

निदेशक राधेश्याम शर्मा ने डूंगरपुर-बांसवाड़ा सहित प्रदेश के कई जिलाें में चेतावनी जारी की है। आपदा प्रबंधन काे भी सतर्क रहने काे कहा है। माैसम विज्ञान विभाग ने एडवाइजरी जारी कर कहा है कि पूरे राजस्थान में तूफान के असर से तेज आंधी व बारिश हाेगी। डूंगरपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर व आसपास के जिलाें में आंधी व बारिश हाेगी। शाम से चलने लगी हवा, 3 दिन रहेगा असर तूफान 15 जून काे गुजरात के कच्छ जिले में पहुंचेगा। इसका असर कच्छ से 500 किमी परिधि क्षेत्र में हाेगा। बांसवाड़ा सहित डूंगरपुर जिले के गुजरात बाॅर्डर से सटे इलाके व गुजरात के इलाकाें में 13 जून से माैसम बदलने लगा। जबकि 14, 15, 16 जून काे तूफान का प्रभाव ज्यादा रहेगा। बांसवाड़ा में मंगलवार सुबह आसमान साफ रहा तथा दाेपहर बाद हवा की रफ्तार कम हाे गई। आसमान में बादल छान लगे तथा उमस लाेगाें काे परेशान करने लगी। दिन का अधिकतम तापमान 41 डिग्री दर्ज किया गया। 17 जून तक बना रहेगा असर : डॉ. हरगिलास कृषि अनुसंधान केंद्र के संभागीय निदेशक डॉ. हरगिलास ने बताया कि 16 जून को बिपर जॉय तीव्र चक्रवाती तूफान के कमजोर होकर अवसाद के रूप में दक्षिणी-पश्चिमी राजस्थान में प्रवेश करने की संभावना है। इसके असर से आंधी, बारिश होंगी। 17 जून को भी इस सिस्टम का असर बना रहेगा, जिससे भारी बारिश हो सकती है। रिकॉल : 15 दिन पहले भी तूफान मचा चुका तबाही इससे पहले भी 30 मई काे पश्चिमी विक्षाेभ के चलते आए तूफान ने जिले में बड़े स्तर पर तबाही मचाई थी। 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवा से 300 से ज्यादा बिजली के पाेल, 1 हजार से ज्यादा पेड़, 50 ट्रांसफार्मर उखड़ गए थे। जिले के कई इलाकाें में घंटाें तक बिजली ठप हाे चुकी थी। वहीं अंधड़ से दीवार ढहने से दाे महिलाएं भी ...

नेवी की सबसे बड़ी एक्सरसाइज में 35 फाइटर जेट, हेलिकॉप्टर और सबमरीन शामिल हुए

नेवी की इस एक्सरसाइज में पहली बार दोनों एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रमादित्य (बाएं) और INS विक्रांत (दाएं) शामिल हुए। एक्सरसाइज में फाइटर जेट, हेलिकॉप्टर, सबमरीन शामिल भारतीय नौसेना की पिछले कुछ सालों में अब तक की यह सबसे बड़ी एक्सरसाइज है। मिग के अलावा भारतीय सेना के हेलिकॉप्टर MH60R, कामोव, सी-किंग, चेतक और ALH ने भी उड़ान भरी। इसके अलावा रात में भी एयरक्राफ्ट कैरियर से लड़ाकू विमानों ने टेक ऑफ किया। नेवी ने कहा- हमारा मकसद समुद्री सीमा की सुरक्षा इंडियन नेवी के स्पोक्सपर्सन कमांडर विवेक मधवाल ने बताया- इंडियन नेवी ने यह एक्सरसाइज अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने, क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने और समुद्री सीमा की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए की है। एक्सरसाइज के दौरान एयर टू एयर रिफलिंग करते हुए नेवल फाइटर मिग-29 के। 25 साल बाद नौसेना में लौटा INS विक्रांत 31 जनवरी 1997 को नेवी से रिटायर हुए INS विक्रांत को 25 साल बाद फिर नौसेना में शामिल किया गया था। PM नरेंद्र मोदी ने 2 सितंबर 2022 को देश में बने इस सबसे बड़े युद्धपोत को नौसेना के हवाले किया था। साल 1971 की जंग में INS विक्रांत ने अपने सीहॉक लड़ाकू विमानों से बांग्लादेश के चिटगांव, कॉक्स बाजार और खुलना में दुश्मन के ठिकानों को तबाह कर दिया था। चलिए अब ग्राफिक्स में INS विक्रांत की खासियतों को जान लेते हैं 2013 में कमीशन हुआ INS विक्रमादित्य INS विक्रमादित्य रूस में बना वॉरशिप है। 16 नवंबर 2013 को रूस में रक्षा मंत्री एके एंटनी ने इसे कमीशन किया था। 14 जून 2014 को पीएम मोदी ने औपचारिक रूप से INS विक्रमादित्य को इंडियन नेवी में शामिल किया। विक्रमादित्य के फ्लोटिंग एयरफील्ड की लंबाई करीब 284 मीटर है। इसकी ऊंचाई करीब 20 मंजिला ...

50 किमी प्रतिघंटा रफ्तार से हवा चलने, 4 दिन आंधी के साथ बारिश का अलर्ट

निदेशक राधेश्याम शर्मा ने डूंगरपुर-बांसवाड़ा सहित प्रदेश के कई जिलाें में चेतावनी जारी की है। आपदा प्रबंधन काे भी सतर्क रहने काे कहा है। माैसम विज्ञान विभाग ने एडवाइजरी जारी कर कहा है कि पूरे राजस्थान में तूफान के असर से तेज आंधी व बारिश हाेगी। डूंगरपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर व आसपास के जिलाें में आंधी व बारिश हाेगी। शाम से चलने लगी हवा, 3 दिन रहेगा असर तूफान 15 जून काे गुजरात के कच्छ जिले में पहुंचेगा। इसका असर कच्छ से 500 किमी परिधि क्षेत्र में हाेगा। बांसवाड़ा सहित डूंगरपुर जिले के गुजरात बाॅर्डर से सटे इलाके व गुजरात के इलाकाें में 13 जून से माैसम बदलने लगा। जबकि 14, 15, 16 जून काे तूफान का प्रभाव ज्यादा रहेगा। बांसवाड़ा में मंगलवार सुबह आसमान साफ रहा तथा दाेपहर बाद हवा की रफ्तार कम हाे गई। आसमान में बादल छान लगे तथा उमस लाेगाें काे परेशान करने लगी। दिन का अधिकतम तापमान 41 डिग्री दर्ज किया गया। 17 जून तक बना रहेगा असर : डॉ. हरगिलास कृषि अनुसंधान केंद्र के संभागीय निदेशक डॉ. हरगिलास ने बताया कि 16 जून को बिपर जॉय तीव्र चक्रवाती तूफान के कमजोर होकर अवसाद के रूप में दक्षिणी-पश्चिमी राजस्थान में प्रवेश करने की संभावना है। इसके असर से आंधी, बारिश होंगी। 17 जून को भी इस सिस्टम का असर बना रहेगा, जिससे भारी बारिश हो सकती है। रिकॉल : 15 दिन पहले भी तूफान मचा चुका तबाही इससे पहले भी 30 मई काे पश्चिमी विक्षाेभ के चलते आए तूफान ने जिले में बड़े स्तर पर तबाही मचाई थी। 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवा से 300 से ज्यादा बिजली के पाेल, 1 हजार से ज्यादा पेड़, 50 ट्रांसफार्मर उखड़ गए थे। जिले के कई इलाकाें में घंटाें तक बिजली ठप हाे चुकी थी। वहीं अंधड़ से दीवार ढहने से दाे महिलाएं भी ...

Cyclone Biparjoy को लेकर पश्चिमी तट के राज्य अलर्ट पर, साइक्लोन से जुड़े 07 फैक्ट्स यहां देखें

अरब सागर में उठा बिपरजॉय साइक्लोन (Cyclone Biparjoy) अब खतरनाक रूप लेता जा रहा है. जिसको लेकर अरब सागर से लगे सभी भारतीय राज्यों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में IMD ने येलो अलर्ट जारी किया है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने भविष्यवाणी की है कि बिपरजॉय राजस्थान में 15 जून को लैंडफॉल करेगा, एहतियात के तौर पर पश्चिम रेलवे ने 67 ट्रेनों को रद्द कर दिया है साथ ही शॉर्ट-टर्मिनेटेड या शॉर्ट-ऑरिजिनेटेड 43 अन्य को रद्द कर दिया. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के साथ सोमवार को आने वाले चक्रवात बिपरजॉय की स्थिति और तैयारियों के बारे में टेलीफोन पर बातचीत की. चक्रवात बिपरजॉय की गंभीरता को देखते हुए तटीय क्षेत्रों से लोगों को निकलने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. गुजरात के तटीय क्षेत्रों 300 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. पूर्व-मध्य अरब सागर में बने इस चक्रवाती तूफान ने अब गंभीर रूप ले लिया है. जिसको लेकर गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और गोवा जैसे राज्यों को अलर्ट पर कर दिया गया है. मुंबई शहर में तो इसका असर दिखना शुरू भी हो गया है. समुद्र सटे इलाकों में तेज हवाएं चलने लगी है. (Video source: Indian Coast Guard) केंद्र सरकार बनायें हुए है नजर: बिपरजॉय साइक्लोन की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार भी स्थिति पर नजर बनायें हुए है साथ ही मोदी सरकार ने जरुरी दिशा निर्देश भी जारी किये है ताकि किसी भी गंभीर स्थिति का सामना किया जा सके. इसकी चक्रवात की गंभीरता को देखते हुए गुजरात के समुद्र तटीय जिलों को अलर्ट कर दिया गया है. पीएम मोदी कल दोपहर 1 बजे चक्रवात बिपरजॉय से संबंधित स्थिति की समीक्षा के लिए बैठक की. — A...

Explainer : क्यों अब अरब सागर में बनने लगे ज्यादा खतरनाक तूफान, क्या ये मानसून को 'किल' कर देंगे

अब अरब सागर में मानसून से पहले और मानसून के बाद ज्यादा तूफान बनने लगे हैं, ये मानसून को बहुत प्रभावित कर सकते हैं भारतीय उपमहाद्वीप के समुद्र में पहले से ज्यादा तूफान बनने की वजह अब यहां से समुद्र के पानी का बढ़ता तापमान है अरब सागर की खाड़ी में बने गहरे विक्षोभ के चलते बिपरजॉय तूफान और तीव्र के साथ खतरनाक हो गया. ये कई दिनों तक कहर ढाह सकता है. अरब सागर में ये इस साल बना पहला तूफान बना है. लेकिन असर केरल की ओर से आने वाले मानसून पर पड़ सकता है. संभव है कि ये तूफान मानसून को धीमा कर दे. हम आपको ये बताएंगे कि चक्रवाती तूफान कैसे बनते हैं. कितनी तरह के होते हैं. बिपरजॉय नाम से लगता है कि इसका संबंध जॉय यानि किसी आनंद से है लेकिन ऐसा वास्तव में है नहीं. इस चक्रवाती तूफान को ये नाम यानि बिपरजॉय बांग्लादेश ने दिया. बांग्ला में इस नाम का मतलब होता है डिजास्टर यानि विध्वंसक. अब ये देखा जाने लगा है कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर दोनों जगहों में तूफान बन रहे हैं और तेजी से प्रचंड भी हो जा रहे हैं. ये अपनी ताकत को कई दिनों तक बनाकर रखते हैं. अरब सागर में बनने लगे ज्यादा तूफान वैज्ञानिकों का कहना है कि अरब सागर में जो तूफान बन रहे हैं, मानसून से पहले उनके बनने की गति, समय और तीव्रता सभी में 40 फीसदी इजाफा हुआ है जबकि 20 फीसदी बढोतरी मानसून के बाद ऐसे तूफानों के बनने में आई है. पहले यहां उतने खतरनाक तूफान नहीं बनते थे, जितने अब बनने लगे हैं. इसकी वजह आखिर क्या है भारतीय मौसम विभाग से जुड़े जलवायु वैज्ञानिक कहते हैं तूफानों के बनने में आई तेजी का रिश्ता समुद्र के पानी के तापमान में हो रही बढोतरी और ग्लोबल वार्मिंग के कारण बढ़ती नमी के चलते हो रहा है. पहले अरब सागर आमतौर पर ठंडा रहता था ...