अर्जुन का पेड़ किस काम में आता है

  1. अर्जुन की छाल के फायदे, तासीर तथा आयुर्वेदिक औषधीय उपयोग
  2. अर्जुन के फायदे नुकसान व उपयोग (Arjun chaal ke fayde in hindi)
  3. अर्जुन पेड़ की टहनियां, इसके इस्तेमाल से दूर हो सकते हैं डायबिटीज जैसे 6 रोग, बढ़ती है इम्यूनिटी
  4. अर्जुन के पेड़ की पहचान,फायदे और उपयोग » Health Sahayata
  5. अर्जुन व अर्जुन की छाल के फायदे नुकसान व उपयोग, अर्जुन की छाल का उपयोग कैसे करें, अर्जुन की छाल का काढ़ा पीने से सेहत को होते हैं ये 7 फायदे – ISKD Medifit Pracheen Ayurveda
  6. जानलेवा बीमारियों से बचाव करता है
  7. अर्जुन का पेड़ दिखाएं, अर्जुन के पेड़ का फोटो
  8. अर्जुन का पेड़ कैसा होता है
  9. अर्जुन के पेड़ की पहचान,फायदे और उपयोग » Health Sahayata
  10. जानलेवा बीमारियों से बचाव करता है


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अर्जुन की छाल के फायदे, तासीर तथा आयुर्वेदिक औषधीय उपयोग

अर्जुन एक सदाबहार वृक्ष है, जिसकी ऊंचाई 60-80 फुट तक होती है। इसका तना मोटा एवं शाखाएं तने के चारों ओर फैली रहती हैं। इसके पत्ते 10-15 से.मी. लम्बे, 47 से.मी. चौड़े तथा विपरीत क्रम में लगे होते हैं। फूल सफेद तथा फल, 1-2 इंच लम्बे होते हैं। फलों में पंख के आकार के पांच उभार होते हैं। इसकी छाल बाहर से चमकीली सफेद व अन्दर से गहरे गुलाबी रंग की होती है। हालाँकि इस पेड़ के सभी अंगो के औषधीय उपयोग है परंतु अर्जुन की छाल को विशेष रूप से आयुर्वेदिक दवा के रूप में इस्तमाल किया जाता है | शक्ति प्रदायक के रूप में प्रतिष्ठित होने के कारण संस्कृत में इसका नाम ‘अर्जुन’ रखा गया। तना सफेद होने के कारण इसे ‘धवला’ भी कहा गया है। इसे ‘वीरवृक्ष’ के नाम से भी पुकारा जाता है। इसका वानस्पतिक नाम ‘टरमिनालिया अर्जुना’ है। अर्जुन की छाल की तासीर तीसरे दर्जे की गर्म होती है। आयुर्वेद के अनुसार अर्जुन पेड़ कषाय, शीतवीर्य, कफ, पित्त, क्षतक्षय, विष, रक्त विकार, मेदोवृद्धि, प्रमेह और व्रण को दूर करने वाला है। अर्जुन की छाल का क्षीर पाक करके देने से हृदय रोग में बहुत लाभ होता है। इससे हृदय की पोषण क्रिया अच्छी होती है, हृदय को आराम और बल मिलता है। दिल की धडकने ठीक होता है। अर्जुन से रक्त भी शुद्ध होता है। रक्त पित्त और जीर्णज्वर में, जब रक्त दूषित होता है तब अर्जुन का प्रयोग किया जाता है। अर्जुन की छाल खून को बगैर दवा लिए प्राकृतिक रूप में पतला करने भी औषधि है। इसके सेवन से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी पैदा नहीं होती है। अर्जुन के पेड़ के रासायनिक विश्लेषण अर्जुन की छाल में अनेक प्रकार के रासायनिक घटक पाये जाते हैं। इसमें कैल्शियम कार्बोनेट लगभग 34 प्रतिशत व सोडियम, मैग्नीशियम व एल्युमिनियम प्रमुख क्षार हैं...

अर्जुन के फायदे नुकसान व उपयोग (Arjun chaal ke fayde in hindi)

विषय सूची / Table Of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • अर्जुन का परिचय (Introduction of Arjun) अर्जुन एक औषधीय वृक्ष है जो सदियों से आयुर्वेदिक उपचारों और औषधियों के निर्माण में उपयोग किया जाता रहा है। अर्जुन के तने की छाल और रस मुख्य रूप से औषधियों में इस्तेमाल होते हैं इसके अलावा अर्जुन की जड़ पत्ते तथाफल्लू को भी औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है। अर्जुन पेड़ की छाल के फायदे हृदय संबंधी बीमारियों , टी बी , सूजन , बुखार , डायबिटीज़ तथा अनेकों कफ तथा पित्त संबंधित रोगों के उपचार में देखे जा सकते है। अर्जुन वृक्ष के संबंध में की गई इस प्रारंभिक चर्चा से आप यह तो समझ ही गए होंगे कि अर्जुन एक बहु गुणी तथा सदाहरित वृक्ष हैऔर बहुत सारी बीमारियों के उपचार में उपयोग किया जाता है। तो आगे हम विस्तार से जानेगें अर्जुन की छाल के फायदे और नुकसान (Arjun chaal ke fayde in hindi / Arjun ki chaal ke fayde). लेकिन उससे पहले बात करते है कि अर्जुन क्या है?, अर्जुन के पेड़ की पहचान और अर्जुन छाल उपयोग में कैसे लें। ताकि आप जान सकें कि अर्जुन किन बीमारियों में फायदेमंद है तथा इसका उपयोग कैसे करें। अर्जुन क्या है ? (What is Arjuna in Hindi?) यह भारत के प्रायः सभी प्रांतों में पाया जाता है। हिमालय की तराई, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में भी बहुतायत में पाया जाता है। अर्जुन का पौधा हमेशा हरा-भरा रहता है, जिसमें पुरानी पत्तियां गिरती रहती हैं और नई गाढ़े हरे रंग की पत्तियां निकलती रहती हैं। इसकी छाल महत्वपूर्ण औषधीय गुण से युक्त होती है। इसमें सफेद रंग के फूल आते हैं। इसके पुष्पक्रम को ‘पेनिकल’ अथवा ‘स्पाइक्स...

अर्जुन पेड़ की टहनियां, इसके इस्तेमाल से दूर हो सकते हैं डायबिटीज जैसे 6 रोग, बढ़ती है इम्यूनिटी

अर्जुन पेड़ की टहनियां, इसके इस्तेमाल से दूर हो सकते हैं डायबिटीज जैसे 6 रोग, बढ़ती है इम्यूनिटी दिखते ही तोड़ लेना अर्जुन पेड़ की टहनियां, इसके इस्तेमाल से दूर हो सकते हैं डायबिटीज जैसे 6 रोग, बढ़ती है इम्यूनिटी By June 13, 2020 12:42 PM 2020-06-13T12:42:58+5:30 2020-06-13T12:42:58+5:30 Home remedies for lifestyle disease: आयुर्वेद में इस पेड़ की छाल को औषधि माना जाता है ऐसा माना जाता है कि इसमें इसमें बीटा-सिटोस्टेरोल, एलेजिक एसिड, ट्राई हाइड्रोक्सी ट्राइटर्पीन, मोनो कार्बोक्सिलिक एसिड, अर्जुनिक एसिड आदि गुण पाए जाते हैं। यह पोटैशियम, कैल्शियम, मैगनिशियम, जिंक, कॉपर जैसे शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्वों का भी भंडार है। बताया जाता है कि स्ट्रोक, हार्ट अटैक, हार्ट फेल जैसे हृदय से जुड़ी समस्याओं के अलावा क्षय, पित्त, कफ, सर्दी, खांसी, कोलेस्ट्रोल और मोटापे जैसे रोगों से बी बचने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा यह महिलाओं के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। खूबसूरती बढ़ाने वाली क्रीम के अलावा स्त्री रोगों में भी इसका प्रयोग किया जाता है। चलिए जानते हैं इससे आपको क्या-क्या स्वास्थ्य फायदे होते हैं। ब्रेस्ट कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि अर्जुन के पेड़ में कसुआरिनिन नाम का रासायनिक घटक पाया जाता है। इसके कारण शरीर में गैस्ट्रिक अल्‍सर अर्जुन छाल में उपस्थित मेथनॉल हेलीकॉक्‍टर पिलोरी और लिपोपोलिसैक्‍साइड प्रेरित गैस्ट्रिक अल्‍सर को रोकने मदद करता है। इसके लिए अर्जुन छाल का एक टुकड़ा लें और इसे आठ घंटों तक पानी में भींगने दें। फिर इससे काढ़ा बना लें और ठंडा कर इसे नियमित रूप से सेवन करे यह आपके पेट के अल्‍सर को ठीक करने मे मदद करेगा और साथ ही पेट को स्‍वस्‍थ रखेगा। हृदय रोग ह्रदय रोगिय...

अर्जुन के पेड़ की पहचान,फायदे और उपयोग » Health Sahayata

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अर्जुन व अर्जुन की छाल के फायदे नुकसान व उपयोग, अर्जुन की छाल का उपयोग कैसे करें, अर्जुन की छाल का काढ़ा पीने से सेहत को होते हैं ये 7 फायदे – ISKD Medifit Pracheen Ayurveda

अर्जुन की छाल का परिचय (Introduction of Arjun) अर्जुन का पेड़ एक सदाबहार पेड़ है, जो प्रमुख रूप से भारत व उसके आस-पास के देशों में उगता है। अर्जुन के पेड़ की छाल में अनेक स्वास्थ्यवर्धक गुण होते हैं और इसे हजारों सालों से कई स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। अर्जुन के पेड़ की छाल में अनेक स्वास्थ्यवर्धक गुण होते हैं। इस लेख में आयुर्वेदाचार्य ब्रह्मस्वरूप सिंह द्वारा अर्जुन कि छाल के फायदे और नुकसान को लेकर पूरी विस्तृत जानकारी दी जाएगी जो आपके लिए बहुत ही लाभकारी होगी क्यूंकि बहुत से लोगों को अर्जुन कि छाल की पूर्ण जानकारी नहीं होती है आम तौर पर अर्जून की छाल और रस का औषधि के रुप में इस्तेमाल किया जाता है। अर्जून नामक बहुगुणी सदाहरित पेड़ की छाल यानि अर्जुन की छाल के फायदे का प्रयोग हृदय संबंधी बीमारियों, क्षय रोग यानि टीबी जैसे बीमारी के अलावा सामान्य कान दर्द, सूजन, बुखार के उपचार के लिए किया जाता है। इसकी मांग पिछले कुछ सालों में काफी बढ़ी है और इसलिए आजकल अर्जुन की छाल व उससे बने प्रोडक्ट आसानी से मार्केट में मिल जाते हैं। अर्जुन की छाल कितनी गुणकारी जड़ी बूटी है ये बात तो समझ में आ ही गया है आगे बताएँगे ये किन-किन बीमारियों के लिए फायदेमंद होती है और अर्जुन छाल का क्षीरपाक कैसे बनाया जाता है इसके बारे में विस्तार से जानते हैं। अर्जुन के पेड़ की छाल काफी मोटी होती है और इसे उतारने के बाद यह उस हिस्से पर फिर से बनने लग जाती है। इसकी मांग पिछले कुछ सालों में काफी बढ़ी है और इसलिए आजकल अर्जुन की छाल व उससे बने प्रोडक्ट आसानी से मार्केट में मिल जाते हैं। अर्जुन की छाल क्या है – What is Arjuna Ki Chaal in Hindi अर्जुन के पेड़ के तने की बाहरी ...

जानलेवा बीमारियों से बचाव करता है

अर्जुन के पेड़ को भारत में पाए जाने वाले पौराणिक पौधों में से एक माना जाता है। आयुर्वेद में अर्जुन के पेड़ को कई औषधीय गुणों से भरा हुआ बताया गया है। इसकी मदद से हमें कई बीमारियों से छुटकारा मिलता है। यही कारण है कि अर्जुन के पेड़ को औषधीय वृक्ष भी कहा जाता है। अर्जुन का पेड़ आमतौर पर घने जंगलों में पाया जाता है। इसकी छाल हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है। इसकी छाल से स्ट्रोक, हार्ट अटैक और हार्ट फेल जैसे हार्ट संबंधी रोगों का इलाज किया जा सकता है। अर्जुन के पेड़ की छाल में कैल्शियम कार्बोनेट, सोडियम व मैग्नीशियम सहित अन्य रासायनिक तत्व पाए जाते हैं। इसकी छाल का चूर्ण बनाकर दिन में तीन बार गुड़, शहद या दूध के साथ लेने से दिल के मरीजों को फायदा होता है। साथ ही चूर्ण को चाय में उबालकर पीने से रक्तचाप सामान्य रहता है। एक चम्मच चूर्ण को दो ग्लास पानी में तब तक उबाले जब तक वह आधा ना रह जाए। अब इस मिश्रण को सुबह-शाम खाली पेट पीने से उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद मिलती है। अर्जुन के पेड़ की छाल से बना चूर्ण का सेवन करने से खांसी से भी राहत मिलती है। साथ ही इसका काढ़ा पीने से बुखार से भी राहत मिलती है। एक रिसर्च में खुलासा किया गया था कि इसकी छाल का चूर्ण बनाकर रोज सेवन करने से स्तन कैंसर से बचा जा सकता है। इसके सेवन से शरीर में कैंसर की कोशिकाएं फैल नहीं पाती है। इसकी छाल का काढ़ा पीने से पाचन तंत्र ठीक रहता है और मोटापा नहीं बढ़ता। त्वचा से जुड़े रोगों के इलाज के लिए भी अर्जुन की छाल प्रभावशाली है। इसकी छाल से चेहरे के सारे रिंकल्स चले जाते हैं और चेहरे में निखार आता है। कई सौंदर्य प्रधान क्रीम में अर्जुन की छाल का उपयोग किया जाता है। महिलाओं से जुड़े रोगों में भी यह बहुत काम की औष...

अर्जुन का पेड़ दिखाएं, अर्जुन के पेड़ का फोटो

अर्जुन के पेड़ का फोटो (Arjun Ke Ped Ki Photo): अर्जुन का पेड़ भारत भूमि में पाए जाने वाले प्रमुख औषधीय पौधों में से एक है। यह पौधा पूरे भारत में पाया जाता है। यह एक सदाबहार पेड़ है। यह वृक्ष वर्ष भर हरा-भरा रहता है। इस पेड़ का तना मोटा और शाखाएँ घनी होती हैं। इस पेड़ की पत्तियाँ लंबी और पत्तियों का ऊपरी सिरा चिकना होता है। पतियों के निचले सिरे में शिराएँ साफ दिखाई देती हैं। स्थानीय भाषा में अर्जुन को और भी कई नामों से जाना जाता है। अर्जुन को धनंजय, कहु, कोह आदि नामों से भी जानते है। अर्जुन का पेड़ नालों और नदियों के किनारे जंगलों में आसानी से देखा जा सकता है। आप इसके पेड़ को घर के आंगन में भी लगा सकते हैं। अर्जुन का पेड़ 60 से 80 फीट ऊंचा होता है। अर्जुन की पत्तियाँ लंबी होती हैं। इसके पत्ते आकार में अमरूद के समान होते हैं। अर्जुन के तने का रंग सफेद और चिकना रहता है। अर्जुन के फल देखने में बहुत अलग हैं। अर्जुन के फल गर्मियों में पकते हैं। अर्जुन का पेड़ बहुत बड़ा होता है। अर्जुन के पेड़ की छाल और पत्तियों का औषधीय रूप से इस्तेमाल किया जाता है। अर्जुन के पेड़ की छाल का इस्तेमाल कई औषधियों में किया जाता है। अर्जुन के पेड़ की तासीर ठंडी रहती है। अर्जुन की छाल को हम नेचुरल तरीके से भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसकी छाल का पाउडर बनाया जा सकता है और इसकी छाल का काढ़ा बनाकर भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे हम अपने शरीर के कई रोगों को दूर कर सकते हैं। अर्जुन का पेड़ दिखाएं, अर्जुन के पेड़ का फोटो (Arjun Ke Ped Image, Arjun Ke Ped Ka Photo) अर्जुन का पेड़ किस काम में आता है (Arjun Ka Ped Kis Kam Me Aata Hai) अर्जुन की छाल का काढ़ा बनाकर पीने से आप अपने दिल को स्वस्थ रख सकते हैं। इसक...

अर्जुन का पेड़ कैसा होता है

अर्जुन वृक्ष भारत में होने वाला एक औषधीय वृक्ष है। इसे घवल, ककुभ तथा नदीसर्ज (नदी नालों के किनारे होने के कारण) भी कहते हैं। कहुआ तथा सादड़ी नाम से बोलचाल की भाषा में प्रख्यात यह वृक्ष एक बड़ा सदाहरित पेड़ है। लगभग 60 से 80 फीट ऊँचा होता है अर्जुन का वृक्ष, उत्तर प्रदेश, बिहार, दक्कन, समेत पूरे भारत में पाया जाता है। इसकी लगभग 15 किस्में हैं। यह मुख्य रूप से नदी-नालों के के किनारे पैदा होता है। अर्जुन के पेड़ पर एक प्रकार का गोंद भी लगता है जो खाने के काम आता है।

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जानलेवा बीमारियों से बचाव करता है

अर्जुन के पेड़ को भारत में पाए जाने वाले पौराणिक पौधों में से एक माना जाता है। आयुर्वेद में अर्जुन के पेड़ को कई औषधीय गुणों से भरा हुआ बताया गया है। इसकी मदद से हमें कई बीमारियों से छुटकारा मिलता है। यही कारण है कि अर्जुन के पेड़ को औषधीय वृक्ष भी कहा जाता है। अर्जुन का पेड़ आमतौर पर घने जंगलों में पाया जाता है। इसकी छाल हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है। इसकी छाल से स्ट्रोक, हार्ट अटैक और हार्ट फेल जैसे हार्ट संबंधी रोगों का इलाज किया जा सकता है। अर्जुन के पेड़ की छाल में कैल्शियम कार्बोनेट, सोडियम व मैग्नीशियम सहित अन्य रासायनिक तत्व पाए जाते हैं। इसकी छाल का चूर्ण बनाकर दिन में तीन बार गुड़, शहद या दूध के साथ लेने से दिल के मरीजों को फायदा होता है। साथ ही चूर्ण को चाय में उबालकर पीने से रक्तचाप सामान्य रहता है। एक चम्मच चूर्ण को दो ग्लास पानी में तब तक उबाले जब तक वह आधा ना रह जाए। अब इस मिश्रण को सुबह-शाम खाली पेट पीने से उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद मिलती है। अर्जुन के पेड़ की छाल से बना चूर्ण का सेवन करने से खांसी से भी राहत मिलती है। साथ ही इसका काढ़ा पीने से बुखार से भी राहत मिलती है। एक रिसर्च में खुलासा किया गया था कि इसकी छाल का चूर्ण बनाकर रोज सेवन करने से स्तन कैंसर से बचा जा सकता है। इसके सेवन से शरीर में कैंसर की कोशिकाएं फैल नहीं पाती है। इसकी छाल का काढ़ा पीने से पाचन तंत्र ठीक रहता है और मोटापा नहीं बढ़ता। त्वचा से जुड़े रोगों के इलाज के लिए भी अर्जुन की छाल प्रभावशाली है। इसकी छाल से चेहरे के सारे रिंकल्स चले जाते हैं और चेहरे में निखार आता है। कई सौंदर्य प्रधान क्रीम में अर्जुन की छाल का उपयोग किया जाता है। महिलाओं से जुड़े रोगों में भी यह बहुत काम की औष...