अर्जुन पेड़

  1. अर्जुन छाल के 3 फायदे : Arjun Chaal Ke 3 Fayde In Hindi
  2. अर्जुन वृक्ष
  3. Benefits Of Arjun Fruit: Surprising Benefits Of Eating Arjun Fruits
  4. अर्जुन की छाल के फायदे और नुकसान
  5. अर्जुन की छाल के फायदे, तासीर तथा आयुर्वेदिक औषधीय उपयोग
  6. अर्जुन की छाल और दालचीनी के फायदे Arjun Ki Chhal Ke Fayde
  7. अर्जुन की छाल की तासीर गर्म होती है या ठंडी
  8. अर्जुन पेड़ की टहनियां, इसके इस्तेमाल से दूर हो सकते हैं डायबिटीज जैसे 6 रोग, बढ़ती है इम्यूनिटी


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अर्जुन छाल के 3 फायदे : Arjun Chaal Ke 3 Fayde In Hindi

हमारे आस पास कुछ ऐसी चीजे होती हैं, जिसका इस्तेमाल कई तरह की दवा में किया जाता है। ऐसे ही अर्जुन का पेड़ है। अर्जुन के पेड़ में कई तरह के गुण होते हैं, जिसकी वजह से इसे दवाइयों में डाला जाता है। अर्जुन के पेड़, फल, पत्‍तियों और जड़ों को कई बीमारियों को दूर करने के लिये प्रयोग करते हैं। अर्जुन की छाल के सेवन से कोई साइड इफेक्‍ट भी नहीं है, इसलिये इसे आजमाने में हिचकिचाएं नहीं। जानते हैं अर्जुन छाल के फायदे। स्‍पर्म काउंट बढ़ाने के लिए - जिन लोगों का स्‍पर्म काउंट कम है उन्हें नियमित तौर पर अगर अर्जुन के छाल के पावडर का काढ़ा पीना चाहिए। साथ ही यह यौन संबन्‍ध से पैदा हेाने वाली अनेको बीमारियां, जैसे गोनोरिया आदि को भी जड़ से मिटा देता है। हड्डी को जल्‍द ही जोड़े - अगर किसी की हड्डी टूट जाए तो, ऐसे में 1 कप दूध में 1 चम्‍मच अर्जुन के छाल का पावडर मिला कर दिन में तीन बार पियें। इससे हड्डियों में ताकत आती है और जल्‍द ही हड्डी जुड़ जाती है। आप चाहें तो छाल के पावडर को घी के साथ मिक्‍स कर के जहां हड्डी टूटी हैं, वहां पर लगा कर बैंडेज बांध सकते हैं। बढ़ते वजन को कम करने के लिए - आज के समय में लोगों का बढ़ता वजन बहुत समस्या का कारण बन गया है। इसे रोकने के लिए भी अर्जुन की छाल को उपयोग में लाया जा सकता है। यह बात चूहों पर आधारित एनसीबीआई के एक शोध से स्पष्ट होती है। शोध में पाया गया कि अर्जुन की छाल से तैयार कैप्सूल का उपयोग फैट को कम करने में मदद कर सकता है। अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानका...

अर्जुन वृक्ष

अर्जुन की छाल में पाए जानेवाले मुख्य घटक हैं- बीटा साइटोस्टेरॉल, अर्जुनिक अम्ल तथा फ्रीडेलीन। अर्जुनिक अम्ल ग्लूकोज के साथ एक ग्लूकोसाइड बनाता है, जिसे अर्जुनेटिक कहा जाता है। इसके अलावा अर्जुन की छाल में पाए जाने वाले अन्य घटक इस प्रकार हैं- (1) टैनिन्स-छाल का 20 से 25 प्रतिशत भाग टैनिन्स से ही बनताहै। पायरोगेलाल व केटेकॉल दोनों ही प्रकार के टैनिन होते हैं। (2) लवण-कैल्शियम कार्बोनेट लगभग 34 प्रतिशत की मात्रा में इसकी राख में होता है। अन्य क्षारों में सोडियम, मैग्नीशियम व अल्युमीनियम प्रमुख है। इस कैल्शियम सोडियम पक्ष की प्रचुरता के कारण ही यह हृदय की मांस पेशियों में सूक्ष्म स्तर पर कार्य कर पाता है। (3) विभिन्न पदार्थ हैं-शकर, रंजक पदार्थ, विभिन्न अज्ञात कार्बनिक अम्ल व उनके ईस्टर्स। अभी तक अर्जुन से प्राप्त विभिन्न घटकों के प्रायोगिक जीवों पर जो प्रभाव देखे गए हैं, उससे इसके वर्णित गुणों की पुष्टि ही होती है। विभिन्न प्रयोगों द्वारा पाया गया हे कि अर्जुन से हृदय की पेशियों को बल मिलता है, स्पन्दन ठीक व सबल होता है तथा उसकी प्रति मिनट गति भी कम हो जाती है। स्ट्रोक वाल्यूम तथा कार्डियक आउटपुट बढ़तती है। हृदय सशक्त व उत्तजित होता है। इनमें रक्त स्तंभक व प्रतिरक्त स्तंभक दोनों ही गुण हैं। अधिक रक्तस्राव होने की स्थिति से या कोशिकाओं की रुक्षता के कारण टूटने का खतरा होने परयह स्तंभक की भूमिका निभाता है, लेकिन हृदय की रक्तवाही नलिकाओं (कोरोनरी धमनियों) में थक्का नहीं बनने देता तथा बड़ी धमनी से प्रति मिनट भेजे जाने वाले रक्त के आयतन में वृद्धि करता है। इस प्रभाव के कारण यह शरीर व्यापी तथा वायु कोषों में जमे पानी को मूत्र मार्ग से बाहर निकाल देता है। खनिज लवणों के सूक्ष्म रूप ...

Benefits Of Arjun Fruit: Surprising Benefits Of Eating Arjun Fruits

2. मुंह के लिए- अर्जुन के फल मुंह से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में मददगार माने जाते हैं. अर्जुन का फल मुंह की दुर्गंध, दांतों की कैविटी, मसूड़ों की समस्या, दांतों में दर्द, दांतों से खून आना और दांतों के संक्रमण को दूर करने में मदद कर सकता है. 3. एंटी एजिंग- बढ़ती उम्र के साथ लोगों के चेहरे पर झुर्रियां दिखने लगती हैं. ऐसे में अर्जुन के फल या फिर पाउडर में थोड़ा सा शहद मिला कर लगाने से चेहरे को चमकदार बनाया जा सकता है. What Is Prostate Cancer: Symptoms, Diagnosis & Treatment | क्या होता है प्रोस्‍टेट, एक्सपर्ट के जवाब

अर्जुन की छाल के फायदे और नुकसान

अर्जुन की छाल क्‍या है? टर्मिनेलिया से संबंध रखने वाला अर्जुन एक सदाबहार वृक्ष है। इसमें (और पढ़ें - आयुर्वेदिक चिकित्‍सक भी संपूर्ण सेहत में सुधार के लिए अर्जुन की छाल की सलाह देते हैं। (और पढ़ें - अर्जुन की छाल से हृदयचक्र (मानव शरीर का ऊर्जा देने वाला केंद्र) को मजबूती मिलती है और इसके औषधीय गुणों की तुलना पश्चिमी अर्जुन की पत्तियां आयताकार होती हैं। इसके सफेद रंग के फूल मई से जुलाई के महीने में खिलते हैं। अर्जुन का ताजा फल हरे रंग का होता है और पकने पर इसका रंग भूरा पड़ने लगता है। क्‍या आप जानते हैं? टर्मिनेलिया एक लैटिन शब्‍द है जिसका अर्थ है अंत। अर्जुन के वृक्ष की पत्तियां इसकी शाखाओं के अंत में होती हैं और शायद यही वजह है कि इसका नाम टर्मिनेलिया रखा गया है। अर्जुन वृक्ष के बारे में तथ्‍य • वानस्‍पतिक नाम: टर्मिनेलिया अर्जुन • कुल: कॉम्‍ब्रेटेसी • सामान्‍य नाम: अर्जुन, सफेद मरुदाह • संस्‍कृत नाम: अर्जुन, धवला, नदीसर्ज • उपयोगी भाग: छाल • भौगोलिक विवरण: मूल रूप से अर्जुन वृक्ष भारत और श्रीलंका से संबंणित है लेकिन ये बांग्‍लादेश, नेपाल, पाकिस्‍तान, इंडोनेशिया, थाईलैंड और मलेशिया में भी पाया जाता है। • गुण: अुर्जन की छाल पित्त और कफ को बढ़ने से रोकती है जबकि वात को बढ़ाती है। शरीर पर इसका शीतल प्रभाव पड़ता है। (और पढ़ें - • • • • • • • • • • • • • • • • • • अर्जुन वृक्ष 60 से 80 फीट ऊँचा होता है। इसके पत्ते अमरूद के पत्तों के समान होते हैं। यह पेड़ धारियां युक्त फल की वजह से आसानी से पहचाना जा सकता है। इसके फल कच्चेपन में हरे तथा पकने पर लाल-भूरे रंग के होते हैं।यह विशेषकर हिमालय की तराई, बंगाल, बिहार और मध्यप्रदेश के जंगलों में और नदी-नालों के किनारे पंक्तिबद्ध लगा हुआपा...

अर्जुन की छाल के फायदे, तासीर तथा आयुर्वेदिक औषधीय उपयोग

अर्जुन एक सदाबहार वृक्ष है, जिसकी ऊंचाई 60-80 फुट तक होती है। इसका तना मोटा एवं शाखाएं तने के चारों ओर फैली रहती हैं। इसके पत्ते 10-15 से.मी. लम्बे, 47 से.मी. चौड़े तथा विपरीत क्रम में लगे होते हैं। फूल सफेद तथा फल, 1-2 इंच लम्बे होते हैं। फलों में पंख के आकार के पांच उभार होते हैं। इसकी छाल बाहर से चमकीली सफेद व अन्दर से गहरे गुलाबी रंग की होती है। हालाँकि इस पेड़ के सभी अंगो के औषधीय उपयोग है परंतु अर्जुन की छाल को विशेष रूप से आयुर्वेदिक दवा के रूप में इस्तमाल किया जाता है | शक्ति प्रदायक के रूप में प्रतिष्ठित होने के कारण संस्कृत में इसका नाम ‘अर्जुन’ रखा गया। तना सफेद होने के कारण इसे ‘धवला’ भी कहा गया है। इसे ‘वीरवृक्ष’ के नाम से भी पुकारा जाता है। इसका वानस्पतिक नाम ‘टरमिनालिया अर्जुना’ है। अर्जुन की छाल की तासीर तीसरे दर्जे की गर्म होती है। आयुर्वेद के अनुसार अर्जुन पेड़ कषाय, शीतवीर्य, कफ, पित्त, क्षतक्षय, विष, रक्त विकार, मेदोवृद्धि, प्रमेह और व्रण को दूर करने वाला है। अर्जुन की छाल का क्षीर पाक करके देने से हृदय रोग में बहुत लाभ होता है। इससे हृदय की पोषण क्रिया अच्छी होती है, हृदय को आराम और बल मिलता है। दिल की धडकने ठीक होता है। अर्जुन से रक्त भी शुद्ध होता है। रक्त पित्त और जीर्णज्वर में, जब रक्त दूषित होता है तब अर्जुन का प्रयोग किया जाता है। अर्जुन की छाल खून को बगैर दवा लिए प्राकृतिक रूप में पतला करने भी औषधि है। इसके सेवन से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी पैदा नहीं होती है। अर्जुन के पेड़ के रासायनिक विश्लेषण अर्जुन की छाल में अनेक प्रकार के रासायनिक घटक पाये जाते हैं। इसमें कैल्शियम कार्बोनेट लगभग 34 प्रतिशत व सोडियम, मैग्नीशियम व एल्युमिनियम प्रमुख क्षार हैं...

अर्जुन की छाल और दालचीनी के फायदे Arjun Ki Chhal Ke Fayde

प्रकृति का उपहार पेड़ हमारे जीवन में खास महत्व रखता है। भारत देश में अनेक प्रकार की गुणकारी औषधियों की भरमार है। उनमे से एक है Arjun Ki Chhal, जिसे दालचीनी के साथ उपयोग में लिया जाये। तो अर्जुन की छाल और दालचीनी के फायदे अधिक बढ़ जाते है। जो शरीर स्वास्थ्य को अच्छा बनाते है और बीमारियों को दूर रखते है। आयुर्वेद में इन दोनों औषधियों का महत्व ज़्यादा है काढ़ा या लेप बनाने के लिए भी इनका इस्तेमाल किया जाता है। अर्जुन के पेड़ से ज़्यादातर लोग परिचित होंगे क्यों की यह वृक्ष भारत के कही हिस्सों में पाया जाता है। और दालचीनी या उसके पाउडर का उपयोग मसाले के तोर पर व्यंजनों में किया जाता है। अर्जुन की छाल और दालचीनी क्या है स्वास्थकिय गुणों से भरपूर दोनों औषधिया शरीर को अनगिनत फायदे देने में मददगार है। देश की प्रचलित और कश्मीर की पारम्परिक चाय में इलायची, केसर और दालचीनी का समन्वय किया जाता है। इसी तरह की हर्बल टी बनाने में अर्जुन की छाल का भी प्रयोग किया जाता है। दोनों को विस्तार में समझने के लिए निचे दी गयी जानकारी उपयोगी है। अर्जुन का पेड़ Arjun Ka Ped प्रकृति सुंदरता के पर्याय वृक्ष न केवल ऑक्सीजन देने का कार्य करते है। बल्कि यह अपने औषधीय गुणों से शारीरिक स्वास्थ्य पर भी प्रभावकारी असर डालते है। अर्जुन का पेड़ ऐसा वृक्ष है जो शरीर स्वास्थ्य पर हकारात्मक असर छोड़ता है। अर्जुन पेड़ की छाल सबसे ज़्यादा गुणकारी मानी जाती है। छाल में हृदय रोग, क्षय, पित्त, कफ, बुखार, सर्दी, खांसी, कोलेस्ट्रॉल और मोटापे जैसी अधिकांश बीमारी को दूर करने की क्षमता है। महिलाए एवं पुरुषो की शारीरिक समस्या के निकाल के लिए अर्जुन की छाल चमत्कारिक फायदे प्रदान करती है। छाल के अलावा अर्जुन पेड़ के पत्ते, फल, फूल वगेरा भी...

अर्जुन की छाल की तासीर गर्म होती है या ठंडी

अर्जुन के वृक्ष की छल को बहुत ही उपयोगी माना गया हैं। आयुर्वेद में अर्जुन के वृक्ष को एक औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है। अर्जुन का पेड़ आपको कही भी आसानी से मिल जाता हैं। इसका उपयोग बहुत सी बीमारी को दूर करने के लिए किया जाता हैं। इसके सेवन करने से आप निरोग रह सकते हैं। आज हम जानेंगे कि अर्जुन की छाल की तासीर गर्म होती है या ठंडी? अर्जुन की छाल की तासीर गर्म होती है या ठंडी अर्जुन के पेड़ की छाल का सेवन करने से पहले आपको इसकी तासीर के बारे में पता होना चाहिए। अर्जुन की छाल की तासीर ठंडी होती हैं। इसका उपयोग मुख्यतः पेट संबधी रोगो को दूर करने के लिए किया जाता है। यह आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है जिससे सर्दी- खांसी जैसी बीमारियां नहीं होती है, यह मुँह में होने वाले छालो को आसानी से दूर करता है, इसके नियमित सेवन से आप मोटापे को कम कर सकते है, अर्जुन की छाल धमनियों में जमने वाले कोलेस्ट्रॉल और ट्रायग्लूसराइड को कम करती है, इससे दिल को रक्त पहुंचाने वाली धमनियां सुचारू काम करने लगती हैं अर्थात आपको दिल से सम्बंधित बीमारियां भी नहीं होगी, इनके अलावा डायबिटीज की बीमारी को नियंत्रित करने में अर्जुन की छाल बड़े काम की औषधि है। कुछ और महत्वपूर्ण लेख – • • • •

अर्जुन पेड़ की टहनियां, इसके इस्तेमाल से दूर हो सकते हैं डायबिटीज जैसे 6 रोग, बढ़ती है इम्यूनिटी

अर्जुन पेड़ की टहनियां, इसके इस्तेमाल से दूर हो सकते हैं डायबिटीज जैसे 6 रोग, बढ़ती है इम्यूनिटी दिखते ही तोड़ लेना अर्जुन पेड़ की टहनियां, इसके इस्तेमाल से दूर हो सकते हैं डायबिटीज जैसे 6 रोग, बढ़ती है इम्यूनिटी By June 13, 2020 12:42 PM 2020-06-13T12:42:58+5:30 2020-06-13T12:42:58+5:30 Home remedies for lifestyle disease: आयुर्वेद में इस पेड़ की छाल को औषधि माना जाता है ऐसा माना जाता है कि इसमें इसमें बीटा-सिटोस्टेरोल, एलेजिक एसिड, ट्राई हाइड्रोक्सी ट्राइटर्पीन, मोनो कार्बोक्सिलिक एसिड, अर्जुनिक एसिड आदि गुण पाए जाते हैं। यह पोटैशियम, कैल्शियम, मैगनिशियम, जिंक, कॉपर जैसे शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्वों का भी भंडार है। बताया जाता है कि स्ट्रोक, हार्ट अटैक, हार्ट फेल जैसे हृदय से जुड़ी समस्याओं के अलावा क्षय, पित्त, कफ, सर्दी, खांसी, कोलेस्ट्रोल और मोटापे जैसे रोगों से बी बचने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा यह महिलाओं के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। खूबसूरती बढ़ाने वाली क्रीम के अलावा स्त्री रोगों में भी इसका प्रयोग किया जाता है। चलिए जानते हैं इससे आपको क्या-क्या स्वास्थ्य फायदे होते हैं। ब्रेस्ट कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि अर्जुन के पेड़ में कसुआरिनिन नाम का रासायनिक घटक पाया जाता है। इसके कारण शरीर में गैस्ट्रिक अल्‍सर अर्जुन छाल में उपस्थित मेथनॉल हेलीकॉक्‍टर पिलोरी और लिपोपोलिसैक्‍साइड प्रेरित गैस्ट्रिक अल्‍सर को रोकने मदद करता है। इसके लिए अर्जुन छाल का एक टुकड़ा लें और इसे आठ घंटों तक पानी में भींगने दें। फिर इससे काढ़ा बना लें और ठंडा कर इसे नियमित रूप से सेवन करे यह आपके पेट के अल्‍सर को ठीक करने मे मदद करेगा और साथ ही पेट को स्‍वस्‍थ रखेगा। हृदय रोग ह्रदय रोगिय...