अर्क पुनर्नवा बेनिफिट्स इन हिंदी

  1. नेत्र रोग नाशक फकीरी नुस्खे
  2. Kalpura Punarnava Ark in Hindi की जानकारी, लाभ, फायदे, उपयोग, कीमत, खुराक, नुकसान, साइड इफेक्ट्स
  3. पुनर्नवा
  4. नीम के 17 फायदे, उपयोग और नुकसान
  5. तुलसी अर्क के 18 फायदे और नुकसान tulsi ark ke fayde in hindi
  6. पुनर्नवा अर्क के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस
  7. तुलसी के फायदे, नुकसान और उपयोग : Tulsi Benefits, Side Effects And Uses In Hindi


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नेत्र रोग नाशक फकीरी नुस्खे

5 नेत्र रोग नाशक आयुर्वेदिक उपचार (Aankhon ke Rog ka Ayurvedic Upchar) नेत्र रोग के कारण (Netra Rog ke Karan) • खुले स्थान में अधिक देर तक स्नान करना, • सूक्ष्म और दूर की वस्तु को बहुत देर तक देखना, • रात में जागना और दिन में सोना, • आँखों में धूल, धुआँ और मिट्टी पड़ जाना, • धूप में गरम हुए पानी से मुँह धोना, • पौष्टिक खाद्य का अभाव, • चाय और वनस्पति-घी का उपयोग अधिक करना आदि कारणों से नेत्रों के रोग उत्पन्न होते हैं। आंखों को स्वस्थ रखने के उपाय (Aankhon ko Swasth Rakhne ke Upay) • धूल या मिट्टी आँख में पड़ जाए तो आँखों को मसलना नहीं चाहिए। धीरे-धीरे आँखें खोलने और बन्द करने से या ठण्डे पानी के छींटे देने से धूल के कण आसानी से निकल जाते हैं। • पढ़ते-लिखते समय प्रकाश हमेशा उचित मात्रा में, पीछे या बायीं तरफ से आना चाहिए, सामने से प्रकाश आने से आँखें बहुत जल्दी थक जाती हैं। • कापी या किताब 12 से 15 इञ्च की दूरी पर रखना चाहिएं। • सुबह उठते ही प्रतिदिन ठण्डे पानी से आँखें धोनी चाहिएं। • सरसों के तेल से बना काजल या गुलाबजल आँखों में प्रतिदिन डालना चाहिए। • अधिक देर तक पढ़ते-लिखते समय आँखों की थकान दूर करने के लिए-बीच-बीच में अपनी हथेलियों को हल्के से आँखों पर रखें, जिससे बाहरी-प्रकाश आँखों पर न पड़े। • हरे शाक-सब्जी, दूध आदि के प्रयोग से आँखों की शक्ति बढ़ती है। • आँखों को बार-बार ऊपर-नीचे, दाँए-बाँए, तिरछा और गोल-गोल घुमाकर आँखों का व्यायाम करें। फिर थोड़ी देर के लिए आँखें बन्द कर लें । • प्रतिदिन घी का अधिक से अधिक उपयोग करने से आँखों की शक्ति बढ़ती है। • अन्य व्यक्ति का रूमाल, तौलिया या अँगोछे का उपयोग नहीं करना चाहिए। ( और पढ़े – आँखों की नेत्र-रोगों से रक्षा के उपाय (Aank...

Kalpura Punarnava Ark in Hindi की जानकारी, लाभ, फायदे, उपयोग, कीमत, खुराक, नुकसान, साइड इफेक्ट्स

Kalpura Punarnava Ark बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्यतः शुगर के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा Kalpura Punarnava Ark का उपयोग कुछ दूसरी समस्याओं के लिए भी किया जा सकता है। इनके बारे में नीचे विस्तार से जानकारी दी गयी है। Kalpura Punarnava Ark के मुख्य घटक हैं पुनर्नवा जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। Kalpura Punarnava Ark की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है। • चोट या संक्रमण के कारण होने वाली सूजन को कम करने वाली दवाएं। • वो तत्व जो जीवित कोशिकाओं में मुक्त कणों के ऑक्सीकरण के प्रभाव को रोकता है। • दवाओं का एक वर्ग जो पेशाब आने की प्रक्रिया में सुधार करती है। • वो दवा जो रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को कम करने में इस्तेमाल की जाती है। इस तरह यह दवा डायबिटीज के इलाज में उपयोगी है। • ये एजेंट सूक्ष्मजीवों के विकास और कार्यों के खिलाफ सहायक होते हैं। Kalpura Punarnava Ark के लाभ - Kalpura Punarnava Ark Benefits in Hindi Kalpura Punarnava Ark के नुकसान, दुष्प्रभाव और साइड इफेक्ट्स - Kalpura Punarnava Ark Side Effects in Hindi चिकित्सा साहित्य में Kalpura Punarnava Ark के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Kalpura Punarnava Ark का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।

पुनर्नवा

'बापू सेहत के लिए तू तो हानिकारक है' दंगल फिल्म का आपने यह गाना तो ज़रूर सुना होगा। साथ ही आपने कई बार 'पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा' गाना भी गाया होगा। आपके पापा कहे न कहे पर फिल्म देखना सबको बहुत पसंद होता है। फिल्म हमारे जीवन और दुनिया की सच्चाई को दर्शाती है।आप अपने पिता के साथ ये फादर स्पेशल फिल्म देख सकते हैं। These fruits remove dirt of body : शरीर में जमी गंदगी यदि बाहर निकल जाती है तो व्यक्ति हर तरह से निरोगी हो जाता है। इससे आयु भी बढ़ती है। योग और आयुर्वेद में शरीर में जमा गंदगी को बाहर निकालने के कई तरीके बताए गए हैं, लेकिन इसके लिए आपको पहले चाय, कॉफी, दूध, कोल्ड्रिंक, मैदा, बेसन, बैंगन, समोसे, कचोरी, पोहे, पिज्जा, बर्गर आदि का त्याग करना पड़ता है। पुरषों में डायबिटीज, हार्ट अटैक और ब्लड प्रेशर का खतरा ज्यादा रहता है। अगर आपने अभी तक फादर्स डे का गिफ्ट नहीं खरीदा है तो आप फिटनेस गैजेट गिफ्ट कर सकते हैं। इन गैजेट की मदद से आप अपने पिता के स्वास्थ को मॉनिटर कर सकते हैं। ये गैजेट आपके पिता के स्वास्थ को बेहतर रखने में मदद भी करेंगे। चलिए जानते हैं इन गैजेट के बारे में.. कई लोगों को बारिश के मौसम में श्रद्धा कपूर बनना बहुत पसंद है। इस मौसम में छम-छम नचाने के लिए आपके पास सही फुटवियर होना बहुत ज़रूरी है। कई बार हम बारिश के लिए फुटवियर खरीद तो लेते हैं पर कुछ ही दिनों में वो पानी के कारण खराब हो जाती हैं। इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ज़रूरी टिप्स बताएंगे जो आपको परफेक्ट मानसून फुटवियर खरीदने में हेल्प करेंगी.. international yoga day 2023 : यदि सुबह उठते वक्त या रात सोने के दौरान आपके पैरों में ऐंठन आती है, नसें खिंचाती है तो सबसे पहले तो डॉक्टर से इसका कारण पूछें और यदि क...

नीम के 17 फायदे, उपयोग और नुकसान

नीम पर्यावरण के लिए जितना उत्तम है, उतना ही स्वास्थ्य के लिए बेहतर माना जाता है। लोग नीम का उपयोग कई सालों से आयुर्वेदिक औषधि और घरेलू उपाय के तौर पर करते आ रहे हैं। शरीर से जुड़ी कई छोटी-बड़ी समस्याओं के लिए नीम के पत्तों से लेकर इसकी छाल तक इस्तेमाल किया जाता रहा है। वहीं, कई लोग नीम की पत्तियों को खाने में भी शामिल करते हैं। ऐसे में नीम का उपयोग कितना फायदेमंद और कितना नुकसानदायक है, इसकी जानकारी हम स्टाइलक्रेज के इस लेख में दे रहे हैं। यहां आपको नीम के फायदे और नुकसान के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिलेगी। साथ ही नीम का तेल बनाने की विधि से लेकर औषधि और डाइट के रूप में नीम के उपयोग से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी यहां दी गई है। तो इन सबके बारे में जानने के लिए लेख को अंत तक जरूर पढ़ें। विषय सूची • • • • • • नीम क्या है? नीम एक औषधीय पेड़ है, जिसके लगभग सभी भागों का इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है। यह महोगनी परिवार से संबंध रखता है और इसका वानस्पतिक नाम अजादिरछा इंडिका (Azadirachta Indica) है। नीम ट्री का जीवनकाल 150-200 साल तक का हो सकता है। अनुमान यह है कि भारत में लगभग लाखों नीम ट्री हैं ( पढ़ते रहें आर्टिकल अब जानेंगे नीम के औषधीय गुण के बारे में। नीम के औषधीय गुण नीम के औषधीय गुण एक नहीं, बल्कि कई सारे हैं। यही कारण है कि इसका इस्तेमाल सदियों से किया जाता रहा है। दरअसल, इसमें एंटी बैक्टीरियल (बैक्टीरिया से लड़ने वाला), एंटी फंगल (फंगस से लड़ने वाला), एंटीऑक्सीडेंट (मुक्त कणों के प्रभाव को कम करने वाला) और एंटीवायरल (वायरल संक्रमण से बचाव) वाले गुण मौजूद हैं। यही नहीं, आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि नीम सांप के जहर के असर को कम करने की क्षमता भी...

तुलसी अर्क के 18 फायदे और नुकसान tulsi ark ke fayde in hindi

तुलसी अर्क के फायदे , तुलसी अर्क के फायदे patanjali , तुलसी अर्क के फायदे और नुकसान तुलसी – (ऑसीमम सैक्टम) को हिंदु धर्म के अंदर काफी पवित्र माना जाता है और इसको अपने आंगन मे लगाया जाता है। इस पौधे के बारे मे वैदिक ग्रंथों के अंदर अनेक ‌‌‌आपको बतादें कि तुलसी का पौधा दो से 3 वर्षों तक ही हरा रहता है उसके बाद पौधा सुख जाता है और यह इसकी वृद्धा अवस्था होती है जिसके बाद इसको हटाकर दूसरा पौधा लगाये जाने की आवश्यकता होती है। ‌‌‌दोस्तों जब इंसान की मौत होने वाली होती है तो उसके गले के अंदर रूकावट आ जाती है जिसकी वजह से उसकी आवाज भी बंद हो जाती है और ऐसी स्थिति के अंदर उसकी आवाज को खोलने के लिए उसे तुलसी का रस पिलाया जाता है जिससे कि वह कुछ बोल सके । ‌‌‌दोस्तों आपने तुलसी के अर्क का नाम तो सुना ही होगा तुलसी का अर्क तुलसी की पतियों से प्राप्त किया जाता है तुलसी के अर्क के अंदर कई सारे ‌‌‌तुलसी के अर्क का उपयोग अनेक तरह की बीमारियों के अंदर किया जाता है।दोस्तों यदि आप भी तुलसी के अर्क का सेवन करते हैं तो इसके बहुत सारे फायदे होते हैं जिसके बारे मे हम आपको जानकारी देने वाले हैं। तुलसी का अर्क कोई एक फायदा नहीं करता है यह आपकी बीमारी को जड़ से काट देता है। आयुर्वेद के अंदर इसका ‌‌‌ बहुत अधिक प्रयोग किया जाता है। आइए जानते हैं तुलसी के अर्क के फायदे के बारे मे । जीवाणु, परजीवी, विषाणु और फफूंदी आदि जब शरीर के अंदर प्रवेश करते हैं तो प्रतिरक्षा प्रणाली इनके उपर हमला कर देती है और इनको नष्ट कर देती है। शरीर के अंदर खास किस्म की प्रतिरक्षा प्रणालियां होती हैं। कुछ कोशिकाएं सिर्फ खास किस्म के जीवाणू और किटाणू को नष्ट करने के लिए होती है तो कुछ ‌‌‌ लगभग सभी प्रकार के हानिकारक बैक्टिरिया क...

पुनर्नवा अर्क के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

पुनर्नवा अर्क Punarnava Ark in Hindi, को पुनर्नवा से बनाया जाता है। यह दवाई लीवर-किडनी रोग, पीलिया, पथरी, डायबिटीज, गठिया, आदि रोगों में फायदेमंद है। पुनर्नवा अर्क लीवर के रोगों , पांडु, कामला, शरीर में पानी भर जाना, पूरे शरीर में सूजन, जोड़ों में दर्द-सूजन आदि में लाभप्रद है। यह बुखार , जलोदर, श्वास लेने में कठिनाई, एनीमिया आदि में भी बहुत प्रभावी है। पुनर्नवा अर्क (बोहेरविया डिफ्यूसा) प्लाज्मा , रक्त, मांसपेशियों, नसों और प्रजनन अंगों पर कार्य करता है। इसमें कायाकल्प , डायफोरेटिक और एमेटिक गुणों के साथ महत्वपूर्ण सूजन कम करने के, रेचक और मूत्रवर्धक गुण है। पुनर्नवा जिगर और गुर्दे की बीमारियों के लिए उपयोग की जाने वाली सबसे अच्छी जड़ी बूटी में से एक है। पुनर्नवा मूत्रवर्धक है और मूत्र में एल्बमिन , मूत्र प्रोटीन विसर्जन और स्पेसिफिक ग्रेविटी को कम करता है। यह एक यूरिनरी एंटीसेप्टिक भी है। यूरोलिथियासिस के इलाज के लिए भी इसकी की सिफारिश की जाती है। पुनर्नवा पांडुरोग, हिपेटाईटिस, यकृत की खराबी, विषदोष,शूल, शोथ, पथरी, जलोदर, मूत्र अवरोध, मूत्रकृच्छ, हृदय रोग, सूजन, हाथ-पैर में पानी इकठ्ठा हो जाना, अनिद्रा, आदि में अत्यंत प्रभावशाली है। पुनर्नवा अर्क सामान्यीकृत और स्थानीय शोफ कम कर देता है। यह दवा तासीर में न तो ठंडी है न गर्म। इसके सेवन से शरीर में विजातीय पदार्थ दूर होते हैं और मूत्रल गुण के कारण सूजन दूर होती है। यह दवाई एक आयुर्वेदिक अर्क है। अर्क बनाने के लिए पुनर्नवा के पूरे पौधे को साफ़ करके रात में पानी में भिगो देते हैं। भिगो देने से यह मुलायम हो जाता है। अगले दिन इसे नाड़िका यंत्र में डाल कर, इसे वाष्पीकृत करके भाप को कंडेंस कर अर्क बना लिया जाता है। अर्क को बोतलों मे...

तुलसी के फायदे, नुकसान और उपयोग : Tulsi Benefits, Side Effects And Uses In Hindi

तुलसी एक औषधीय पौधा है और हिंदू धर्म में इस पौधे का विशेष महत्व है। तुलसी के फायदे (tulsi ke fayde) और धार्मिक महत्व को देखते हुए कई घरों में इसकी पूजा की जाती है। आयुर्वेद में भी तुलसी के गुणों (uses of tulsi in hindi) का उल्लेख विस्तार से मिलता है और वर्तमान समय में तुलसी के गुणों और उपयोग को लेकर तमाम तरह के शोध किये जा रहे हैं और अनेक शोध आयुर्वेद में लिखे इसके गुणों की पुष्टि करते हैं। आयुर्वेद में तुलसी (tulsi in hindi) के दो प्रकारों के बारे में बताया गया है : हरी तुलसी (राम तुलसी) और काली तुलसी (कृष्ण तुलसी)। हालांकि इन दोनों के रासायनिक संरचना में ज्यादा फ़र्क नहीं है और दोनों ही सेहत के लिए गुणकारी हैं। वर्तमान समय में कई बीमारियों के घरेलू उपायों के रुप में तुलसी का उपयोग प्रमुखता से किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि तुलसी का पौधा घर में लगाने से मलेरिया वाले मच्छर दूर भागते हैं। सुबह खाली पेट तुलसी की पत्तियां खाने से कई बीमारियों से बचाव होता है। वहीं अगर आप तुलसी और शहद का साथ में सेवन करते हैं तो तुलसी के फायदे कई गुना बढ़ जाते हैं। तुलसी में पाए जाने वाले पोषक तत्व : तुलसी की पत्तियां (tulsi leaves) विटामिन और खनिज का भंडार हैं। इसमें मुख्य रुप से विटामिन सी, कैल्शियम, जिंक, आयरन और क्लोरोफिल पाया जाता है। इसके अलावा तुलसी में सिट्रिक, टारटरिक एवं मैलिक एसिड पाया जाता है। तुलसी के औषधीय गुण (medicinal properties of tulsi in hindi): तुलसी में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। यह पेट की समस्याओं समेत भूख कम लगने, गैस की समस्या, किडनी से जुड़ी समस्याएं, वाटर रिटेंशन, दाद आदि से आराम दिलाने में प्रमुख भूमिका निभाती है। सांप या किसी कीड़े के काट लेन...