Asthma ke lakshan in hindi

  1. अस्थमा अटैक के लक्षण, क्या करें, प्राथमिक उपचार
  2. Asthma Rog ke Karan Lakshan
  3. गठिया (आर्थराइटिस) के लक्षण, इलाज और घरेलू उपचार
  4. Asthma ka gharelu ilaj
  5. अपेंडिक्स के कारण, लक्षण और इलाज
  6. दमा (अस्थमा) के 15 अनुभूत घरेलू उपचार
  7. इन 6 लक्षणों से समझे कि आपको है चश्मा बनवाने की ज़रूरत


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अस्थमा अटैक के लक्षण, क्या करें, प्राथमिक उपचार

जब अस्थमा के लक्षण बढ़ जाते हैं या अचानक बिगड़ जाते हैं, तो उसे अस्थमा अटैक आना कहा जाता है। इसमें फेफडों के अंदर की श्वसन नलियों की मांसपेशियां संकुचित होने लगती हैं, जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है। ये बिना किसी कारण हो सकता है या कभी-कभी कुछ विशेष कारणों के कारण भी ये समस्या हो सकती है, जैसे (और पढ़ें - अस्थमा अटैक को रोकने का तरीका होता है अटैक होने पर जल्द इसका उपाय करना। इसके उपाय जानने के लिए अस्थमा की समस्या होने पर अपने डॉक्टर से बात करें ताकि आप अस्थमा का अटैक आने पर जल्द कुछ कर पाएं। अस्थमा का अटैक आने पर आमतौर पर लोग अपने आप इनहेलर की मदद से अपनी स्थिति ठीक कर लेते हैं, लेकिन अगर उनके पास इनहेलर नहीं है, तो आप उन्हें myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं। अस्थमा अटैक के लक्षण और संकेत हर व्यक्ति में अलग-अलग होते हैं। अपने लक्षणों को पहचानने के लिए अपने डॉक्टर से बात करें। इसके कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं - • • सीने में जकड़न • • सीने में दबाव महसूस होना • गले और छाती की मांसपेशियां सिकुड़ना • खांसी आना (और पढ़ें - • सांस लेने में आवाज़ आना • • • रात में अस्थमा के लक्षणों के कारण नींद खुल जाना • चेहरे का रंग उड़ना या पसीना आना • इनहेलर का उपयोग करने के बाद भी लक्षण ठीक न होना • होठों या नाखूनों का नीला पड़ना अगर बताई गई दवाएं लेने या अन्य उपाय करने के बाद भी आपके लक्षण ठीक नहीं हो रहे हैं, तो आपको आपातकालीन स्थिति में डॉक...

Asthma Rog ke Karan Lakshan

- - सोने के तरीके से जाने तक़दीर Dear Visitors, आप जिस विषय को भी Search या तलाश रहे है अगर वो आपको नहीं मिला या अधुरा मिला है या मिला है लेकिन कोई कमी है तो तुरंत निचे कमेंट डाल कर सूचित करें, आपको तुरंत सही और सटीक सुचना आपके इच्छित विषय से सम्बंधित दी जाएगी. इस तरह के व्यवहार के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद ! प्रार्थनीय जागरण टुडे टीम प्योर देसी गाय के उपले / कंडे - यहाँ क्लिक करें ....... ----------------------------------------- पहली बार कंप्यूटर हार्डवेयर सम्पुर्ण हिंदी में - CLICK ON FOLLOWING LINK TO GET THIS E-BOOK ....... ----------------------------------------- स्त्री पुरुष गुप्त यौन रोग लक्षण और घरेलू उपचार - CLICK ON FOLLOWING LINK TO GET THIS E-Book ....... ------------------------------------------- असली प्रैक्टिकल आयुर्वेदिक देसी घरेलू नुस्खे– अभी SUBSCRIBE करें ------------------------------------------- SUBSCRIBE FOR ALL Type Property अगर आपको भारत में कहीं भी मकान,प्लाट,फ्लोर, फ्लैट्स या एग्रीकल्चर जमीन बेचनी या खरीदनी है तो तुरंत सब्सक्राइब करें हमारे चैनल को : हर तरह की प्रॉपर्टी खरीदने और बेचने के लिए तुरंत सब्सक्राइब जरूर करें तुरंत

गठिया (आर्थराइटिस) के लक्षण, इलाज और घरेलू उपचार

इस बात से तो आप सहमत ही होंगे कि अब न तो पहले जैसा रहन-सहन रहा है और न ही खानपान। इस कारण से हमारी हड्डियां, जोड़ और मांंसपेशियां कमजोर हो रही हैं। परिणामस्वरूप, गठिया (आर्थराइटिस) का सामना करना पड़ता है। जहां, पहले यह समस्या अमूमन बुजुर्गों में देखने को मिलती थी, वहीं अब युवा भी इसका शिकार हो रहे हैं। गठिया का सबसे ज्यादा असर घुटनों, कूल्हों व हाथों की उंगलियों पर दिखाई देता है। इस अवस्था में मरीज का चलना-फिरना और उठना-बैठना तक मुश्किल हो जाता है। आखिर गठिया रोग क्या है, गठिया रोग मे परहेज, गठिया के लक्षण और गठिया की दवा के साथ-साथ गठिया का आयुर्वेदिक इलाज कैसे किया जाए, इस बारे में आपको इस लेख में जानने को मिलेगा। इसके साथ ही आपको ध्यान रखना होगा कि लेख में शामिल गठिया के घरेलू उपचार कुछ हद तक राहत तो दिला सकते हैं, लेकिन पूर्ण इलाज डॉक्टरी परामर्श पर ही निर्भर करता है। विषय सूची • • • • • • • • • • गठिया क्या है? हड्डियों के जोड़ों में यूरिक एसिड जमा होने या फिर कैल्शियम की कमी होने पर उनमें सूजन व अकड़न आ जाती है। साथ ही जोड़ों में गांठ और कांटे चुभने जैसा महसूस होता है। साथ ही जोड़ों में मौजूद टिश्यू भी टूटकर नष्ट होने लगते हैं। इस अवस्था को ही गठिया कहा जाता है। जोड़ उन्हें कहा जाता है, जहां दो हड्डियां आपस में मिलती हैं, जैसे – कोहनियां व घुटने जुवेनाइल आर्थराइटिस : इसका शिकार बच्चे होते हैं, इसलिए इसे जुवेनाइल आर्थराइटिस कहा जाता है। यह 16 साल से कम उम्र के बच्चों को होता है। स्पष्ट तौर पर बताना मुश्किल है कि यह किस कारण से होता है, ऐसा अनुमान है कि ऑटोइम्यून (इम्यून सिस्टम से जुड़ा विकार) होने के कारण ऐसा हो सकता है। इसमें शरीर के स्वस्थ्य टिशू नष्ट हो जाते हैं गठि...

Asthma ka gharelu ilaj

Asthma ka gharelu ilaj, Home remedy for asthma. Asthma Treatment at Home. Asthma ka gharelu ilaj – आज हम आपको स्वर चिकित्सा की ऐसी विधि बता रहे हैं जिससे बिना दवा के ही दमा जैसे भयंकर रोग में आपको तुरंत आश्चर्यजनक रूप से आराम आ जायेगा। ये विधि बहुत ही सरल और बहुत ही उपयोगी है। आइये जाने। जब कभी भी दमा का दौरा उठे या श्वांस फूलने लगे तब तत्काल स्वर परीक्षा करें, देखे के श्वांस किस नाक से आ रहा है, अपनी हथेली को नाक के पास ले जाएँ और ज़ोर से सांस फेंककर देखें के किस नाक से सांस आ रहा है। जिस नाक से सांस तेज़ आ रहा हो तो उस नाक को तुरंत बंद कर दीजिये और दूसरे नाक से सांस लेना प्रारम्भ कर दीजिये। इसी को स्वर बदलना कहते है। स्वर बदलने के 10-15 मिनट में ही आश्चर्यजनक रूप से दम का फूलना बंद हो जाता है। Asthma ka gharelu ilaj स्थायी रूप से श्वांस रोग को दूर करने के लिए स्थायी रूप से श्वांस रोग को दूर करने के लिए रोगी को प्रयत्नपूर्वक दिन रात अधिक से अधिक दायां स्वर (अर्थात दाहिने नथुने से सांस का निकलना या सूर्य स्वर) चलाने का अभ्यास करना चाहिए, जैसे प्रात: उठते समय, भोजन करने के लिए बैठते समय, भोजन करने के बाद, रात्रि सोते समय। सूर्य स्वर कफशामक होने के साथ जठराग्निवर्धक भी है जिससे दमा शांत होता है। अत: यदि भोजन भी स्वर शास्त्र के नियमानुसार किया जाए तो निश्चय दमे का रोग समूल नष्ट हो जाता है। Asthma ka gharelu ilaj भोजन ग्रहण करते समय और भोजन करने के पश्चात दायाँ स्वर (सूर्य स्वर) चलायें तो न केवल दमा रोग के उन्मूलन में ही सहायता मिलती है, बल्कि अजीर्ण भूख न लगने और पाचन शक्ति के कमज़ोर होने की शिकायतें भी दूर हो जाती हैं। यदि रोगी सदैव दाहिने नथुने के चलते समय ही भोजन करे (और भोजन...

अपेंडिक्स के कारण, लक्षण और इलाज

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दमा (अस्थमा) के 15 अनुभूत घरेलू उपचार

3 दमा या अस्थमा रोग का घरेलू उपचार : Dama ka Desi Ilaj दमा या अस्थमा रोग के कारण : दमा (dama / Asthma / Saans) आज के प्रदूषण भरे वातावरण की देन हैं। दमा वस्तुतः एलर्जी के कारण होता है। जब श्वसनी (bronchus) में हवा भर जाता है तब फेफड़ों में सूजन होने लगता है जिसके फलस्वरूप साँस लेने में मुश्किल होने लगती हैं। फेंफड़ो के अंदर जाने वाला वायु मार्ग छोटा या संकीर्ण हो जाने के कारण दमा का एटैक होता है। तब लोग सामान्य साँस भी जोर-जोर से लेने लगते हैं और नाक से जब साँस लेना दूभर हो जाता है तब मुँह से साँस लेने लगते हैं। दमा के रोगी को साँस लेने से ज़्यादा साँस छोड़ने में मुश्किल होती है। एलर्जी के कारण श्वसनी में बलगम पैदा हो जाता है जो कष्ट को और भी बढ़ा देता है। एलर्जी के कारण दमा होने के बहुत से कारणों में से कुछ इस प्रकार है- • घर के धूल भरे वातावरण के कारण । • घर के पालतू जानवरों के कारण । • रास्ते के धुँए और धूल के कारण । • सुगंधित सौन्दर्य (perfumed cosmetics) प्रसाधनों के कारण । • सर्दी, फ्लू, ब्रोंकाइटिस (bronchitis) और साइनसाइटिस (sinusitis) के संक्रमण के कारण। • ध्रूमपान करने के कारण। • अधिक मात्रा में शराब पीने के कारण। • व्यक्ति विशेष के कुछ विशेष खाद्द-पदार्थों से एलर्जी के कारण। • महिलाओं में हार्मोनल बदलाव के कारण। • कुछ विशेष प्रकार के दवाओं के कारण। • सर्दी के मौसम में ज़्यादा ठंड पड़ जाने के कारण एलर्जी के बिना भी दमा का रोग शुरू हो सकता हैं। • तनाव या भय के कारण। • अतिरिक्त मात्रा में प्रोसेस्ड या जंक फूड खाने के कारण। • ज़्यादा नमक खाने के कारण। • आनुवांशिकता (heredity) के कारण आदि। दमा या अस्थमा रोग के लक्षण : Dama Rog ke Lakshan in Hindi • दमा (dama / Asthma...

इन 6 लक्षणों से समझे कि आपको है चश्मा बनवाने की ज़रूरत

1/7 • • • • • Reading Glasses Hindi हम में ज़्यादातर लोग सरदर्द और आंखों में होनेवाली तकलीफों को मामूली समझकर नज़रअंदाज़ करते रहते हैं। हालांकि ये सब आंखों से जुडी किसी बड़ी समस्या के भी लक्षण हो सकते हैं। जो है एक सही चश्मा खरीदना। आई स्पेशलिस्ट और शंकरदेवा नेत्रालय, गुवाहाटी के डॉ. साधन दास बता रहें हैं उन लक्षणों के बारे में जिनके दिखने का मतलब है कि आपको रीडिंग ग्लास यानि नज़र के चश्मे की ज़रूरत है। PEOPLE ARE ALSO WATCHING 2/7 • • • • • Recurring-headache Hindi बार-बार होनेवाला सरदर्द- कंप्यूटर के सामने हमेशा बैठे रहने से आपकी आंखें थक जाती हैं और आपको बार-बार सरदर्द की शिकायत होने लगती है। सरदर्द की यह शिकायत अस्टिग्मटिज़म(astigmatism) या हाइपरमेट्रोपिया(hypermetropia) भी हो सकती है। वैसे ये दोनों ही समस्याएं चश्मा लगाने से ठीक हो जाती हैं। Also Read - 4/7 • • • • • Holding-book-too-close-or-too-far Hindi किताब को बहुत पास या दूर रखकर पढ़ने की ज़रूरत- आपके किताब पकड़ने के तरीके से भी पता चलता है कि आपकी आंखों की सेहत कैसी है। अगर आपको नज़दीक की नज़र की समस्या है तो आप किताब को एक फुट से अधिक दूर नहीं रख सकेंगे। वहीं अगर आपकी दूर की नज़र कमज़ोर है तो आप एक हाथ की दूरी पर रखकर किताब पढ़ सकेंगे। इन समस्याओं के इलाज के लिए आपको सही लेंस की जरूरत होगी। Also Read - 6/7 • • • • • You-need-brighter-reading-light Hindi पढ़ने के लिए तेज़ रोशनी की ज़रूरत -अगर आपको पढ़ने में दिक्कत हो, तो एक लैम्प या रीडिंग लाइट जलाकर पढ़ने की कोशिश करें। लेकिन इसके बाद भी आपको और रोशनी की आवश्यकता महसूस हो तो इसका मतलब है कि आपको एक चश्मे की ज़रूरत है। यह समस्या उम्र के साथ-साथ और भी गंभीर हो सकती है।इसलिए इस त...