बृजभूषण सिंह

  1. Wrestlers Protest: महिला पहलवान को लेकर बृजभूषण सिंह के ऑफिस पहुंची दिल्ली पुलिस, जानें कारण, wrestlers protest delhi police reached brijbhushan singh residence regarding female wrestler
  2. बृजभूषण सिंह की कहानी, जिसे हटाने के लिए फुटपाथ पर डटे हैं नामी पहलवान
  3. Former Supreme Court Judge Madan B. Lokur Criticizes Delhi Police For Brij Bhushan Singh Case


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Wrestlers Protest: महिला पहलवान को लेकर बृजभूषण सिंह के ऑफिस पहुंची दिल्ली पुलिस, जानें कारण, wrestlers protest delhi police reached brijbhushan singh residence regarding female wrestler

वहीं, मीडिया में खबर आने के बाद दिल्ली पुलिस ने ट्वीट कर बताया कि हमलोग सांसद के आवास पर नहीं, उनके कुश्ती महासंघ कार्यालय तफ्तीश के विषय में गए थे. बता दें, सांसद का आवास और ऑफिस दोनों एक ही जगह है. वहीं, दोपहर से ही सिंह के आवास के बाहर मीडिया का जमावड़ा लगा रहा और अंदर किसी भी व्यक्ति या मीडियाकर्मी को एंट्री नहीं दी गई है. सांसद जब बाहर निकले तो मीडिया से सिर्फ इतना ही कहा कि हमारे पास कोई नहीं आया था. हम सो रहे थे. • 15 जून तक कोर्ट में पेश की जाएगी रिपोर्ट: इससे पहले खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात के बाद एक तरफ जहां पहलवानों ने 15 जून तक अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है, वहीं दिल्ली पुलिस ने भी अपनी जांच तेज कर दी है. दिल्ली पुलिस को 15 जून तक इस मामले की रिपोर्ट को कोर्ट में पेश करनी है. पुलिस इस मामले में चार्जशीट दाखिल करेगी या फाइनल रिपोर्ट लगाएगी यह भी तय नहीं है. • बृजभूषण की यही ताक़त है. वह अपने बाहुबल, राजनीतिक ताक़त और झूठे नैरेटिव चलवाकर महिला पहलवानों को परेशान करने में लगा हुआ है, इसलिए उसकी गिरफ़्तारी ज़रूरी है. पुलिस हमें तोड़ने की बजाए उसको गिरफ़्तार कर ले तो इंसाफ़ की उम्मीद हैं वरना नहीं। महिला पहलवान पुलिस इन्वेस्टीगेशन के…— Vinesh Phogat (@Phogat_Vinesh) दरअसल खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पीड़ित महिला पहलवानों से मुलाकात के बाद उनसे 15 जून तक अपना आंदोलन स्थगित करने के लिए कहा था. साथ ही उन्हें आश्वासन भी दिया था की पुलिस अपनी जांच 15 जून तक कोर्ट में रिपोर्ट पेश करेगी. इसके बाद महिला खिलाड़ियों ने 15 जून तक अपना आंदोलन स्थगित करने की घोषणा की थी. • महिला पहलवान के ब्रज भूषण सिंह के घर जाने वाली बात पर ग़लत खबरें चल रहीं है । कृपया अफ़वाहों पर ध्या...

बृजभूषण सिंह की कहानी, जिसे हटाने के लिए फुटपाथ पर डटे हैं नामी पहलवान

गुंडई ऐसी कि SP ऑफिस में SP पर ही पिस्टल तान दी। राजनीति ऐसी कि लगातार 6 बार से सांसदी का चुनाव जीत रहे हैं। कारोबार ऐसा कि 50 से ज्यादा स्कूल-कॉलेज के मालिक हैं। रसूख ऐसा कि पार्टी लाइन से अलग भी बयानबाजी करते हैं। बेधड़क इतने कि इंटरव्यू में हत्या की बात कबूल करते हैं। दबदबा ऐसा कि 11 साल से भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष हैं। हम बात कर रहे हैं बृजभूषण शरण सिंह की, जिनके खिलाफ एक बार फिर देश के कई नामी पहलवान दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। 8 पहलवान सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। इन्होंने कोर्ट से बृजभूषण के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की है। हम बृजभूषण शरण सिंह की पूरी कहानी पेश कर रहे हैं... SP ऑफिस में ही SP पर पिस्टल तान दी उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में एक कांग्रेसी नेता हुए चंद्रभान शरण सिंह। उन्हीं के परिवार में 1957 में बृजभूषण शरण सिंह पैदा हुए। कॉलेज के दिनों से ही बृजभूषण छात्र राजनीति में सक्रिय थे। सत्तर के दशक में के.एस. साकेत महाविद्यालय, अयोध्या में महामंत्री बने। स्थानीय पत्रकार बताते हैं कि छात्र राजनीति के दौरान ही कॉलेज के किसी मामले में उन्होंने हैंडग्रेनेड चला दिया था, जिसके बाद उनका नाम उछला और फिर राजनीति में वो सक्रिय होते गए। छात्र राजनीति के दिनों में बृजभूषण शरण सिंह। 1987 की बात है। जिले के गन्ना डायरेक्टरी के चुनाव में बृजभूषण ने भी पर्चा भर दिया। बृजभूषण को SP ने बुलाया और उन्हें गाली देते हुए नामांकन वापस लेने की धमकी दी। बृजभूषण एक इंटरव्यू में बताते हैं, ‘मैंने SP पर पिस्टल तान दी और उसे 200 गालियां दीं। स्थानीय पत्रकार हनुमान सिंह सुधाकर वहीं थे। इसके बाद मैंने अपनी बाइक उठाई और वहां से निकल गया।’ बाबरी मस्जिद गिराने के ...

Former Supreme Court Judge Madan B. Lokur Criticizes Delhi Police For Brij Bhushan Singh Case

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मदन बी. लोकुर ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज मामलों से निपटने और प्रदर्शनकारी पहलवानों के साथ किए गए बर्ताव को लेकर दिल्ली पुलिस की मंगलवार को आलोचना की. ‘पहलवानों का संघर्ष: संस्थानों की जवाबदेही' विषय पर एक परिचर्चा में भाग लेते हुए न्यायमूर्ति लोकुर ने कहा कि पीड़ितों का ‘‘फिर से उत्पीड़न'' हुआ है, क्योंकि पहलवान न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘यह फिर से उत्पीड़न का एक स्पष्ट मामला है .... पहलवानों ने कहा है कि वे दबाव में हैं.'' उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ने कहा कि पहलवानों को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद सिंह के खिलाफ उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया गया. उन्होंने प्रक्रिया में देरी के लिए दिल्ली पुलिस की आलोचना की. न्यायमूर्ति लोकुर ने कहा कि डब्ल्यूएफआई के पास यौन उत्पीड़न की शिकायतों से निपटने के लिए समिति नहीं है, जो कानून के खिलाफ है. उन्होंने कहा, ‘‘जब जनवरी में विरोध शुरू हुआ, तो ऐसा नहीं था कि उन्होंने सीधे जंतर-मंतर जाने का फैसला किया था. उन्होंने शिकायतें कीं, लेकिन कुश्ती महासंघ में कोई शिकायत समिति नहीं थी.'' न्यायमूर्ति लोकुर ने प्रदर्शनकारी पहलवानों को खतरे की आशंका के बारे में भी बात की और बताया कि उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि उन्हें सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘हमने 28 मई को हुए वीभत्स दृश्य देखे...पीड़ितों को बताया जा रहा है कि वे अपराधी हैं, क्योंकि उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया.'' उच्चतम न्यायालय की वकील वृंदा ग्रोवर ने आरोप लगाया कि सरकार ने पहलवानों के...