बांसवाड़ा प्रजामंडल की स्थापना कब हुई

  1. झालावाड़ प्रजामंडल की स्थापना कब हुई?
  2. प्रजामण्डल
  3. बांसवाड़ा प्रजामंडल की स्थापना कब हुई?
  4. प्रजामण्डल आंदोलन वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  5. भोपाल प्रजामंडल की स्थापना कब हुई थी?
  6. राजा बांसिया भील (Raja Basiya Bheel) का गौरवशाली इतिहास
  7. राजस्थान में प्रजामंडल आंदोलन
  8. जयपुर प्रजामंडल की स्थापना कब हुई और किसने की?


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झालावाड़ प्रजामंडल की स्थापना कब हुई?

Explanation : झालावाड़ प्रजामंडल की स्थापना 25 नवंबर, 1946 को हुई थी। यह प्रजामंडल मांगीलाल भव्य की अध्यक्षता में गठित हुआ था और इसमें कन्हैयालाल मित्तल व मकबूल आलम का महत्वपूर्ण सहयोग रहा। झालावाड़ प्रजामंडल को राजघराने का समर्थन पूरी तरह प्राप्त था। बता दे कि खनिज संपदाओं से समृद्ध इस क्षेत्र को 'झालाओं की भूमि' कहा जाता है। वर्ष 1791 में कोटा राज्य के फौजदार जालिमसिंह ने उम्मेदपुरा की छावनी के नाम से झालावाड़ नगर की नींव रखी थी। झालावाड़ की स्थापना झाला मदनसिंह द्वारा 1838 में की गई। वर्ष 1935 में राणा राजेंद्रसिंह ने इसका नाम ब्रजनगर रखा। झालावाड़ को संतरों की अधिकता के कारण 'राजस्थान का नागपुर' भी कहा जाता है। Tags :

प्रजामण्डल

अनुक्रम • 1 परिचय • 2 राजस्थान में प्रजामण्डल आन्दोलन • 3 इन्हेंभीदेखें • 4 बाहरी कड़ियाँ परिचय [ ] भारतीय रियासतों का शासन व्यवस्था ब्रिटिश नियंत्रण वाले भारतीय क्षेत्र से भिन्न थी तथा अनेक रियासतों के राजा प्रायः अंग्रेजों के मुहरे के समान व्यवहार करते थे। शुरुआती दौर में [ ] प्रजामण्डल स्थापना वर्ष संस्थापक टिप्पणी जयपुर प्रजामण्डल 1931, 1936 में पुनः स्थापना हुई उद्देश्य - प्रथम अधिवेशन 1938 में [जेंटल मेंट एग्रीमेंट 17 सितंबर 1942] आजाद मोर्चा अध्यक्ष बाबा हरिश्चंद्र गैर सरकारी सदस्य की नियुक्ति मानसिंह द्वितिय द्वारा देवी शंकर तिवाड़ी को बूंदी प्रजामण्डल 1931 कान्ति लाल और नित्यानन्द 25 मार्च 1948 को राजस्थान संघ में शामिल मारवाड़ प्रजामण्डल 1934 बीकानेर प्रजामण्डल 1936 मघाराम वैद्य द्वारा ( राज्य के बाहर स्थापित होने वाला प्रजामण्डल धोलपुर प्रजामण्डल 1936 कृष्णदत्त पालीवाल और ज्वाला प्रसाद जिज्ञासु मेवाड़ प्रजामण्डल 24 अप्रेल 1938 माणिक्य लाल वर्मा द्वारा ( 1941 मे सर टी विजयराघवाचार्य मेवाड़ के प्रधानमंत्री ने प्रतिबंध हटाया' भरतपुर प्रजामण्डल 1938 (स्त्रोत RBSE 10th) किशन लाल जोशी और मास्टर आदित्येन्द्र शाहपुरा प्रजामण्डल 1938 रमेश चन्द्र ओझा और लादूराम व्यास उत्तरदायी शासन स्थापित करने वाला प्रथम देशी राज्य शाहपुरा किशनगढ़ प्रजामण्डल 1939 कांतिलाल चोथानी और जमालशाह अलवर प्रजामण्डल 1938 हरिनारायण शर्मा और कुंजबिहारी मोदी करौली प्रजामण्डल 1938 (स्रोत RBSE 10th) त्रिलोकचन्द माथुर कोटा प्रजामण्डल 1939 अभिन्न हरि और पं. नयनु राम शर्मा (कोटा में राष्ट्रीयता के जनक ) सिरोही प्रजामण्डल 1939 गोकुल भाई भट्ट (राजस्थान के गाँधी ) कुशलगढ़ प्रजामण्डल 1942 भंवर लाल निगम बांसवाड...

बांसवाड़ा प्रजामंडल की स्थापना कब हुई?

Explanation : बांसवाड़ा प्रजामंडल की स्थापना वर्ष 1943 में हुई थी। इसका गठन भूपेंद्रलाल त्रिवेदी, धूलजी भाई और मणिशंकर ने किया था। 'सौ द्वीपों का शहर' के उपनाम से प्रसिद्ध बांसवाड़ा का नाम यहां के प्रतापी शासक बोसना के कारण पड़ा था। बांसवाड़ा राज्य की नींव महारावल जगमलसिंह ने डाली थी। वर्तमान में बांसवाड़ा राजस्थान का एक जिला है जो दक्षिणी भाग मे गुजरात व मध्य प्रदेश की सीमा से ल्रगा हुआ है। बांसवाड़ा को राजस्थान का चेरापूंजी भी कहा जाता है। यहां की जीवन वाहिनी नदी माही मध्य प्रदेश से होती हुई माही बांध तक आती है। बांसवाड़ा में जंगल बहूतायत में मौजूद है इसलिए यहां लकडी और वनस्पति प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होती है। Tags : Explanation : कालिदास चंद्रगुप्त II के शासनकाल में थे। चंद्रगुप्त द्वितीय अथवा चंद्रगुप्त विक्रमादित्य का शासनकाल 380-412 ईसवी तक रहा। चंद्रगुप्त द्वितीय ने अपना साम्राज्य विस्तार वैवाहिक सम्बन्ध व विजय दोनों से किया जिसमें नाग राजकुमारी कुबेर • मुगल साम्राज्य में नील उत्पादन का सर्वाधिक प्रसिद्ध क्षेत्र कौन था? Explanation : मुगल साम्राज्य में नील उत्पादन का सर्वाधिक प्रसिद्ध क्षेत्र बयाना था। 18वीं शताब्द की प्रमुख फसलों में धान, गेहूं, ज्वार-बाजरा इत्यादि थे। धान हिंदुस्तान के अधिकांश क्षेत्रों में उगाया जाता था जिसमें गंगा, ब्रह्मपुत्र, महानदी, गो • मुगल साम्राज्य में नील उत्पादन का सबसे प्रसिद्ध क्षेत्र कौन था? Explanation : गुरु ग्रंथ साहिब में सूफी संत शेख फरीद की रचनाएं संकलित है। पंजाब के सूफी संतों में भक्त शेख फरीद जी का नाम प्रमुखता से आता है। भक्त शेख फरीद जी, बाबा फरीद जी, शेख फरीद जी, बाबा फरीद जी शकरगंज इत्यादि नामों से पहचाने जाने वाले शे •...

प्रजामण्डल आंदोलन वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 5.- डूंगरपुर प्रजामंडल की स्थापना 1944 में की गई थी- (1) रामनारायण चौधरी (2) प्रताप सिंह बारहठ (3) भोगीलाल पांडया ✓ (4) माणिक्य लाल वर्मा प्रश्न 6.- नवंबर 1941 में मेवाड़ प्रजामंडल के प्रथम वार्षिक अधिवेशन का उद्घाटन किसके द्वारा किया गया- (1) विजयलक्ष्मी पंडित (2) माणिक्य लाल वर्मा (3) आचार्य कृपलानी ✓ (4) बलवंत सिंह मेहता प्रश्न 7.- राजस्थान की किस रियासत को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने विश्व का आठवां आश्चर्य कहा था- (1) झालावाड (2) बीकानेर (3) कोटा (4) जैसलमेर ✓ प्रश्न 8.- जैसलमेर रियासत के इतिहास में पहली बार जवाहर दिवस कब मनाया गया- (1) 15 अगस्त 1936 (2) 26 मार्च 1938 (3) 16 नवंबर 1930 ✓ (4) 3 मई 1941 प्रश्न 9.- निम्न में से कौन-सा महंत प्यारेलाल हत्याकांड से संबंध नहीं था- (1) मोहनलाल जालोरी ✓ (2) सोमदत्त लहरी (3) ठाकुर केसरी सिंह बारहठ (4) रामकरण प्रश्न 10.- हाडोती प्रजामंडल की स्थापना किसकी अध्यक्षता में की गई थी- (1) सरस्वती दास (2) माणिक्य लाल वर्मा (3) नैनू राम शर्मा (4) हाजी फैज मोहम्मद ✓ प्रश्न 11.- महाराजा गंगा सिंह ने किस क्रांतिकारी के बीकानेर आगमन पर प्रतिबंध लगाया था- (1) जमनालाल बजाज (2) हीरालाल शास्त्री (3) प्रताप सिंह बारहठ ✓ (4) महात्मा गांधी प्रश्न 12.- राजस्थान की एकमात्र रियासत कौन सी थी जिसने अपने राज्य में पूर्ण उत्तरदाई शासन की स्थापना 14 अगस्त 1947 को ही कर दी थी- (1) प्रतापगढ़ (2) टोंक (3) अलवर (4) शाहपुरा ✓ प्रश्न 13.- राजस्थान के संदर्भ में ठाकुर केसरी सिंह बारहठ स्वामी दयानंद सरस्वती अर्जुनलाल सेठी और विजय सिंह पथिक के बीच एक समानता थी- (1) सभी ने महात्मा गांधी के साथ काम किया था (2) सभी के अनुयायियों ने राजस्थान में विद्यालय खोलें (3) सभ...

भोपाल प्रजामंडल की स्थापना कब हुई थी?

Explanation : भोपाल प्रजामंडल की स्थापना 1938 ई. में हुई थी। इसमें मौलाना तरजी मशरिकी को सदर व चतुर नारायण मालवीय को मंत्री के रूप में चुना गया। भोपाल राज प्रजामंडल ने खुले अधिवेशन में नागरिक स्वतंत्रता की मांग रखी। महात्मा गांधी ने द्वितीय विश्वयुद्ध प्रारंभ होने पर 1939 में जबलपुर में अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत की। बता दे कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का गठन 1885 ई. में मुंबई में किया गया। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने लोगों में राष्ट्रीय चेतना जगाने का प्रयास किया। इसी बीच खंडवा ने 'सुबोध सिंधु' व जबलपुर से 'जबलपुर टाइम्स' का प्रकाशन प्रारंभ किया गया। Tags : Explanation : मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा गुफा समूह भीम बेटा की गुफाएँ हैं। भीमबेटका की गुफाएँ मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 46 कि.मी. दूर रायसेन जिले में स्थित हैं तथा चारों ओर से विंध्य पर्वत मालाओं से घिरी हुई हैं, जिनका संबंध 'नवपाषाण काल' • मध्य प्रदेश के किस जिले को ‘दक्षिण का प्रवेश द्वार’ कहा जाता है?

राजा बांसिया भील (Raja Basiya Bheel) का गौरवशाली इतिहास

1.1.12 राजा बांसिया भील किस जाति के थे? राजा बांसिया भील (Raja Basiya Bheel) का परिचय एवं वंशज राजा बांसिया भील (Raja Basiya Bheel) राजस्थान के प्रतापी शासक थे जिन्हें बांसवाडा शहर के स्थापक के रूप में जाना जाता है। बांसवाड़ा राजस्थान का दक्षिणी भाग में स्थित एक शहर है जो गुजरात और मध्य प्रदेश की सीमाओं से लगा हुआ है।7 बांसवाड़ा को सौ द्वीपों का नगर भी कहा जाता है क्योंकि यहां से गुजरने वाली माही नदी जिसमें बहुत सारे द्वीप है। राजा बांसिया भील को वाहिया भील के नाम से भी जाना जाता है। राजा बांसिया भील (Raja Basiya Bheel) राजा अमरा चरपोटा (Raja Amara Charpota Bheel) के पुत्र थे। राजा अमरा चरपोटा भील, राजा बिया चरपोटा भील (Biya Charpota Bheel) के पुत्र थे। जिन्होंने चित्तौड़गढ़ और मल्हारगढ़, धारगढ़ राजधानियों पर राज किया। इनके बाद राज्य के शासक इनके बेटे राजा अमरा बने और उन्हीं के नाम से नगर का नाम अमरथुन किया गया। राजा बांसिया भील (Raja Basiya Bheel) द्वारा बांसवाड़ा नगर की स्थापना :- राजा बांसिया भील अपने वंश की कुलदेवी मां अंबे और शिव पार्वती की मूर्तियां चित्तौड़गढ़ से अमरथुन सन 1445 ईसवी में लेकर आए थे। जो आज भी वहां पर स्थापित हैं। राजा बांसिया भील के एक भाई और तीन बहन थी। बांसिया भील को राजा अमरा चरपोटा के बाद राज्य का शासक बनाया गया। राजा बंसिया भील अपने भाई बहनों के साथ अमर चंद नगर से निकलकर एक घने जंगलों में एक नया नगर बसाया। राजा बांसिया भील (Raja Basiya Bheel) द्वारा बांसवाड़ा नगर की स्थापना :- जिसका नाम उन्होंने बांसवाड़ा रखा। बांसवाड़ा नगर की स्थापना उन्होंने 14 जनवरी 1515 ईसवी को किया। और इस नगर की स्थापना करके राजा बांसिया भील ने यहां पर नवीन बस्तियों की स्थापना ...

राजस्थान में प्रजामंडल आंदोलन

राजस्थान में प्रजामण्डल आन्दोलन प्रजामण्डल का अर्थ ( Praja Mandal Meaning राजस्थान प्रजामंडल ट्रिक प्रजा का मण्डल (संगठन)। 1920 के दशक में ठिकानेदारों और जागीरदारों के अत्याचार दिन प्रतिदिन बढ़ रहे थे। इसी के कारण किसानों द्वारा विभिन्न आंदोलन चलाये जा रहे थे। साथ ही गांधी जी के नेतृत्व में देश में स्वतंत्रता आन्दोलन भी चल रहा था। इन सभी के कारण राज्य की प्रजा में जागृती आयी और उन्होंने संगठन(मंडल) बनाकर अत्याचारों के विरूद्ध आन्दोलन शुरू किया जो प्रजामण्डल आंदोलन कहलाये। इन आन्दोलनो का मुख्य उद्देश्य रियासती शासन के अधीन उत्तरदायी शासन प्राप्त करना था। उत्तरदायी शासन से तात्पर्य संघ बनाने, भाषण देने आम सभा करने और जुलूस निकालने आदि की स्वतंत्रता दी जाये। राजस्थान में प्रजामंडल आंदोलनों को स्थापित करने का बीज सुभाष चंद्र बॉसद्वारा आयोजित किया गया था। जब 1938में कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में जोधपुरकी यात्रा की थी। इसकी पृष्ठभूमि राजस्थान राज्यों में चल रहे कृषक आन्दोलन थे। कृषक आन्दोलन उस व्यापक असन्तोष के अंग थे, जो प्रचलित राजनीतिक और आर्थिक ढांचे में विद्यमान था। कृषकों ने विभिन्न आन्दोलनों के माध्यम से उस समय के ठिकानेदारों और जागीरदारों के अत्याचारों को तथा कृषि संबंध में आये विचार को स्पष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जागीरदारी व्यवस्था उस पैतृकवादी स्वरुप को छोड़कर शोषणात्मक स्वरुप ले चुकी थी। प्रचलित व्यवस्था में असन्तोष व्यापक था।उनके असन्तोष को मूर्तरूप देने के लिए संगठन की आवश्यकता थी।1919ई.में राजस्थान सेवासंघके स्थापित हो जाने से जनता की अभिव्यक्ति के लिए एक सशक्त माध्यम मिल गया। 1920 से 1929 तक राजस्थान में होने वाले कृषक आन्दोलन का नेतृत्व इसी संघ के द्...

जयपुर प्रजामंडल की स्थापना कब हुई और किसने की?

Table of Contents Show • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • ❖ प्रजामंडल :- १. 1931- जयपुर, बूंदी २. 1934- मारवाड़, हाडोती ३. 1936 – बीकानेर, धौलपुर ४. 1938 – मेवाड़ , शाहपुरा, अलवर, भरतपुर, करौली ५. 1939 – कोटा, किशनगढ़, सिरोही ६.1942 – कुशलगढ़ ७. 1943 – बांसवाड़ा ८. 1944 – डूंगरपुर ९. 1945 – जैसलमेर ,प्रतापगढ़ १०. 1946 – झालावाड़ 1. जयपुर प्रजामंडल :- 1931 ❖ स्थापना – कर्पूरचंद पाटनी ❖ 1936 में जमनालाल बजाज ने पुनर्गठन तथा अध्यक्ष चिरंजीलाल मिश्र को बनाया। ❖ जैंटलमैन एग्रीमेंट :- 17 सितंबर 1942 १. हीरालाल शास्त्री (प्रजा मंडल का अध्यक्ष )+मिर्जा इस्माइल (आधुनिक जयपुर का निर्माता) जयपुर के प्रधानमंत्री २. इस समझौते के कारण जयपुर प्रजामंडल ने भारत छोड़ो आंदोलन में भाग नहीं लिया। ❖ आजाद मोर्चा :- 1. जेंटलमैन एग्रीमेंट से असंतुष्ट कार्यकर्ताओं ने बाबा हरिश्चंद्र के नेतृत्व में आजाद मोर्चा का गठन तथा भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया। 2. आजाद मोर्चा के अन्य सदस्य :- रामकरण जोशी, दौलतमल भंडारी, गुलाब चंद्र कासलीवाल। 3. 1945 मैं नेहरू जी के कहने पर आजाद मोर्चा का प्रजामंडल में विलय हो गया। 2. बूंदी प्रजामंडल :- ❖ संस्थापक – कांतिलाल, नित्यानंद, ऋषिदत्त मेहता ❖ इन्होंने बूंदी देशी राज्य लोक परिषद की स्थापना की ।। ❖ ऋषि दंत मेहता का समाचार पत्र- राजस्थान १. एक साप्ताहिक समाचार पत्र था। २. 1930 में ब्यावर से प्रकाशित ३. इसमें हाडोती क्षेत्र की खबरें प्रकाशित होती थी। 3. मारवाड़ प्रजामंडल :- 1934 ❖ 1918 – मारवाड़ हितकारिणी सभा – चांदमल सुराणा ,1923 – पुनर्गठन ❖ 1920 – मारवाड़ी सेवा संघ – जय नारायण व्यास १. तौल आंदोलन चलाया- क्योंकि 100 तोले की स्थान 80 तोले का शेर कर दिया गय...