बाबा रामदेव जी का पुराना इतिहास

  1. बाबा रामदेव जी का पुराना इतिहास
  2. 12 राशियों के अक्षर जाने / नाम के अनुसार राशि जाने
  3. Ramsa Peer : लोकदेवता रामसा पीर रामदेवरा का परिचय, मेला
  4. बाबा रामदेव जी का पुराना इतिहास
  5. Baba Ramdev : Itihas Evam Sahitya
  6. रामदेव जी के पुत्र कितने हैं?
  7. रामदेवजी पीर के भजन, चमत्कार जीवन परिचय
  8. Baba Ramdev Biography in Hindi


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बाबा रामदेव जी का पुराना इतिहास

जब - जब अधर्म , पाप , अस्पृश्यता आदि ने पृथ्वी पर अपना आधिपत्य स्थापित किया , तब - तब भगवान स्वयं राम , कभी कृष्ण , नरसिंह , कच्छ , मच्छ आदि के रूप में प्रकट हुए और उनसे पृथ्वी को मुक्त कराया। बाबा रामदेवजी ऐसे ही लोकदेवता हैं , जिन्होंने धरती पर अवतार लेकर पश्चिमी राजस्थान में फैले भैरव नामक राक्षस के आतंक और तत्कालीन समाज में व्याप्त अस्पृश्यता आदि को समाप्त किया। इस लेख में हम बाबा रामदेव जी के पुराने इतिहास को विस्तार से जानेंगे। जिसमें रामदेव जी का जन्म कब हुआ , बाबा रामदेव जी का जन्म स्थान , बाबा रामदेव जी का परिवार , विवाह , बच्चे , बाबा रामदेव जी के पैम्फलेट , बाबा रामदेव जी की समाधि आदि के बारे में पता चलेगा। बाबा रामदेव का जीवन परिचय एक नजर में नाम बाबा रामदेव अन्य नाम रमसा पीर , रुणिचा रा धानी , बाबा रामदेव जन्म चैत्र सुदी पंचमी , विक्रम संवत 1409 जन्म स्थान रुणिचा ( रामदेवरा ), राजस्थान जीवनकाल 33 वर्ष पिता अजमल जी तंवर मां कुमारी भाई वीरमदेव बहनें सगुना और लंका ( चचेरे भाई ) पत्नी नैतलदे ( विक्रम संवत 1426) बच्चे सादोजी और देवोजी ( दो बेटे ), फूल कंवर ( बेटी ) मुख्य - मंदिर रामदेवरा , जैसलमेर ( राजस्थान ) प्रसिद्धि लोकदेवता , समाज सुधारक वंश तंवर कल्ट कामडिया धर्म हिन्दू घोड़े का नाम लिलो गुरु बलिनाथ मृत्यु ( जीवित समाधि ) भादवा सुदी एकादशी , विक्रम संवत 1442 समाधि - स्थल रामदेवरा ( रूणिचा के नाम से जाना जाता है ) बाबा रामदेव जी का पुराना इतिहास ( बाबा रामदेव की पूरी कहानी ) युगों युगों से चला आ रहा है कि जब - जब अधर्म , पाप , अस्पृश्यता ने पृथ्वी पर अपना साम्राज्य स्थापित किया , तब - तब भगवान स्वयं प्रकट हुए और पृथ्वी को पापों से मुक्त किया। जब - जब पृथ्वी पर...

12 राशियों के अक्षर जाने / नाम के अनुसार राशि जाने

जैसे की किसी व्यक्ति का नाम महेश है. तो इस नाम का पहला अक्षर “म” है. तो महेश नाम के लिए सिंह राशि का प्रयोग होता हैं. अर्थात महेश की राशि सिंह हैं. दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से 12 राशियों के अक्षर बताने वाले हैं. इस के लिए हमने नीचे राशि और अक्षर का टेबल बनाया हैं. जो आपको 12 राशियों के अक्षर जानने / नाम के अनुसार राशि जानने में मदद करेगा. Kumbh घड़ा, कलश गू, गे, गो, स, सी, सू, से, सो, द 12. मीन ( Pisces) Meen मछली दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, च, ची अब हम आपको 12 राशियों के स्वामी के बारे में बताएगे. जैसे 12 राशियों के अक्षर अलग-अलग होते हैं. वैसे इन 12 राशियों को स्वामी होते हैं. इस बारे में हमने विस्तृत जानकारी नीचे प्रदान की हैं. 7 ghode ki tasveer kaha lagaye, fayde, niyam – सम्पूर्ण जानकरी 12 राशियों के स्वामी जाने ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 12 राशि और 9 ग्रहों का वर्णन मिलता हैं. यह सभी 12 राशि इन 9 ग्रहों के द्वारा संचालित होती हैं. अर्थात हर एक राशि किसी ना किसी ग्रह पर निर्भर हैं. तो आइये जानते है कौनसी राशि किस ग्रह को संबोधित करती हैं. • मेष राशि : मेष राशि का स्वामी मंगल ग्रह हैं. मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता हैं. • वृषभ राशि : वृषभ राशि का स्वामी शुक्र ग्रह हैं. शुक्र ग्रह को असुरों का गुरु माना जाता हैं. शुक्र देव को प्रसन्न करने के लिए आप शिवलिंग पर दूध अर्पित कर सकते हैं. • मिथुन राशि : मिथुन राशि का स्वामी बुध ग्रह है. बुध को प्रसन्न करने के लिए बुधवार के दिन गाय को हरी घास खिलाने से फायदा होता है. • कर्क राशि : कर्क राशि का स्वामी चंद्र देव है. चंद्र देव को प्रसन्न करने के लिए सोमवार के दिन शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए. ...

Ramsa Peer : लोकदेवता रामसा पीर रामदेवरा का परिचय, मेला

Read Time:7 Minute, 37 Second लोकदेवता बाबा रामदेवजी (Ramsa Peer) रामसा पीर, रूणीचे रा राजा, रूणीचे रा धणी, बाबा रामदेव सहित विभिन्न नामों से विख्यात है। रामदेवजी का जन्म भादवा सुदी बीज को बाड़मेर के उण्डु काश्मीर में हुआ था। रामदेवरा जैसलमेर में रामसा पीर (Ramsa Peer) ने भाद्रपद एकादशी को जीवित समाधि ले ली थी। लोग लोकदेवता के साथ इष्टदेवता के रूप में पूजा करते है। बाबा रामसा पीर का मेला भादवा सुदी बीज भाद्रमद शुक्ल द्वितिया से एकादशी तक भरता है। बाबा रामदेवजी के पूजारी तंवर वंश के लोग है। वहीं पर भव्य मंदिर बना हुआ है। क्षेत्र विशेष ही नहीं देश-विदेश और राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट सहित विभिन्न राज्यों से लोग बाबा के दर्शन को पैदल आते है। आइए जानते है बाबा रामा पीर (Ramsa Peer) के नाम से विख्यात रामदेवजी का परिचय और मंदिर विशेषता… रामसा पीर का परिचय- मान्यतानुसार बाबा रामसा पीर (Ramsa Peer) का जन्म भादवा सुदी बीज विक्रम संवत 1409 ई. में बाड़मेर जिले के उंडू काश्मीर शिव तहसील में हुआ था। बाबा रामसा पीर ने रूणिचा रामदेवरा के शासक अजमलजी के घर अवतार लिया था। अजमल जी न्यायप्रिय राजा थे। जो भगवान द्वारिकाधीश के अनन्य भक्तों में से एक थे। इनकी माता का नाम मैणादे था। बड़े भाई का नाम विरमदेव जी थे। बताया जाता है एक समय में दिल्ली के राजा रहे अनंगपाल जी तंवर के रामदेवजी वंशज है। बाबा की जन्मस्थली उंडू काश्मीर शिव बाड़मेर में सन 2021 में भव्य मंदिर बनाकर प्रतिष्ठा करवाई गई। इससे पहले छोटा मंदिर था। वैसे समाधि स्थल रामदेवरा में भव्य मंदिर बना हुआ है। Read More- रामदेव जी की क्या जाति है- बाबा रामदेवजी (Ramsa Peer) के पिता अजमल जी तोमर वंशीय राजपूत थे। बाबा रामदेवजी एक लोकदेवता के रूप में ...

बाबा रामदेव जी का पुराना इतिहास

आइये इस लेख में हम जानते है बाबा रामदेव जी का पुराना इतिहास! तो अगर आप भी बाबा रामदेव जी का पुराना इतिहास या History of Baba Ramdev जानने के लिए उत्सुक है तो निश्चिंत रहे आज के लेख में हम बड़े विस्तार से बाबा रामदेव जी का पुराना इतिहास जानेंगे। तो आइये शुरू करते है. भगवान रामदेवजी महाराज एक तुंवर राजपूत थे, जिन्हें हिंदू भगवान कृष्ण का अवतार मानते थे। इतिहास कहता है कि मक्का से पांच पीर उनकी चमत्कारी शक्तियों का परीक्षण करने आए और आश्वस्त होने के बाद उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। तब से उन्हें मुसलमानों द्वारा रामशाहपीर या रामापीर के रूप में सम्मानित किया जाता है। रामापीर की ख्याति दूर-दूर तक पहुँची। वह उच्च और निम्न, अमीर और गरीब सभी मनुष्यों की समानता में विश्वास करते थे। उन्होंने अपनी इच्छाओं को पूरा करके दलितों की मदद की। भगवान रामदेवजी महाराज ने 1459A.D में समाधि ली। बीकानेर के महाराज गंगा सिंह ने 1931 ई. में समाधि के चारों ओर एक मंदिर का निर्माण करवाया। रामदेवपीर के भक्त रामदेवजी को चावल, नारियल, चूरमा और लकड़ी के खिलौने वाले घोड़े चढ़ाते हैं। समाधि मंदिर राजस्थान के रामदेवरा में है. तो आइये अब हम बाबा रामदेव जी का पुराना इतिहास यानि History of Baba Ramdev विस्तारपूर्वक जानते है. और देखते है बाबा रामदेव जी हमें तथा हमारे समाज के लिए क्या छोड़कर गए जिससे सालो से लोगो का भला होता आ रहा है. Table of Contents • • • • • • • • • • रामापीर का जन्म (बाबा रामदेव जी का पुराना इतिहास) बाबा रामदेव जी का पुराना इतिहास: बाबा रामदेव जी का जन्म भाद्रपद की शुक्ल दूज को विक्रम संवत् 1409 में राजस्थान प्रान्त के रामसा पीर ने किसी धर्म विशेष पर कटाक्ष नहीं किया, बल्कि वे सभी धर्मों को...

Baba Ramdev : Itihas Evam Sahitya

बाबा रामदेव : इतिहास एवं साहित्य : समृद्व और वैविध्यपूर्ण राजस्थानी लोक साहित्य में आये लोकोपकारी चरित्रों में बाबा रामदेव का स्थान सर्वोपरि है। अब तक इनके जीवन और साहित्य सम्बन्ध में कोई प्रामाणिक ग्रंथ प्राप्त नहीं था। डॉ. सोनाराम बिश्नोई ने इस साहित्य का संग्रह सम्पादन कर, प्रथम बार इसका विवेचनात्मक समीक्षात्मक अध्ययन इस ग्रंथ में प्रस्तुत किया है, जो नवीन और मौलिक है। यह शोध दो खण्डों में विभक्त है। प्रथम खण्ड के प्रथम अध्याय में बाबा रामदेवजी की वंश परम्परा का ऐतिहासिक विवरण प्रस्तुत किया गया है। द्वितीय अध्याय में बाबा रामदेव जी के जन्म-स्थान, आविर्भाव कालीन परिस्थिति तथा उनके द्वारा सम्पादित विविध लौकिक-अलौकिक कार्यो का विवरण प्रस्तुत किया है। तृतीय अध्याय में बाबा रामदेव सम्बन्धी लोक साहित्य का परिचय दिया गया है। चतुर्थ अध्याय में इस लोक साहित्य का भक्ति, दर्शन, उपदेश, नीति, सामाजिक संस्कार और जीवनी आदि के आधार पर वर्गीकरण कर उसका विवेचन किया गया है। पंचम अध्याय में इस लोक साहित्य का साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक दृष्टि से मूल्यांकन किया गया है। इस मूल्यांकन द्वारा हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रबल समर्थक, महान अछूतोद्वारक बाबा रामदेवजी का चरित्र उभरकर सामने आया है। द्वितीय खण्ड लेखक के अनवरत श्रम और दुरूह प्रयास का परिणाम है। इसके परिशिष्ट-क में बाबा रामदेव और उनके भक्त कवियों द्वारा रचित बाणियां, परिशिष्ट-ख में आठ कवियों द्वारा रचित बाबा रामदेव सम्बन्धी प्राचीन छंद (हिन्दी व्याख्या सहित) और परिशिष्ट-ग में तीन लोक वार्ताएं मौलिक परम्परा और हस्तलिखित ग्रंथो के आधार पर संकलित-सम्पादित की गई है, जो इस शोध ग्रंथ की महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

रामदेव जी के पुत्र कितने हैं?

विषयसूची Show • • • • • • • • • • • रामदेवरा में बाबा रामदेव जी जन्म जयंती पर हर साल मेला लगता हैं. लाखों भक्त इस मेले में देश-विदेश से आते हैं. लाखों भक्त रामदेवरा पैदल भी जाते हैं. दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बाबा रामदेव जी का पुराना इतिहास बताने वाले हैं. तथा बाबा रामदेव जी से जुडी सभी बातों पर चर्चा करेगे. तो आइये इस बारे में आपको सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं. • बाबा रामदेव जी का पुराना इतिहास • बाबा रामदेव जी की जाति क्या थी • बाबा रामदेव जी ने समाधि कब ली थी • बाबा रामदेव जी के परिवार • रामदेव जी के घोड़े का क्या नाम था • बाबा रामदेव जी के कितने पुत्र थे • निष्कर्ष बाबा रामदेव जी का पुराना इतिहास बाबा रामदेव जी का जन्म 1409 ई में भादवे की बीज के दिन रुणिचा गांव के शासक अजमल जी के घर हुआ था. बाबा रामदेव जी की माता का नाम मैणादे था. और उनके बड़े भाई का नाम विरमदेव जी था. ऐसा माना जाता है की रामदेव जी के पिता अजमल जी नी:संतान थे. संतान सुख की प्राप्ति के लिए अजमल जी ने द्वारकाधीश जी की भक्ति की थी. उनकी सच्ची भक्ति देखकर द्वारकाधीश जी ने उन्हें वरदान दिया था. की भादवे की बीज के दिन वह स्वयं आपके घर बेटा बनकर अवतरित होगे. इस तरीके से अजमल जी के वहा द्वारकाधीश जी ने स्वयं भादवे की बीज को बेटे के रूप में जन्म लिया. बाबा रामदेव जी अवतारी पुरुष थे. उनका जन्म हुआ तब से उन्होंने चमत्कारी लीलाए करना शुरू कर दिया था. कर्ज उतारने का आसान तरीका | किस ग्रह के कारण कर्ज होता है ऐसा कहा जाता है की उनके जन्म के समय महल में पानी से भरे बरतन दूध से भर गए थे. तथा आकाशवाणी होने लगी. आंगन में कुमकुम के पद चिन्ह बन गए. और घंटिया बजने लगी. बाबा रामदेव जी जब बड़े हुए तो वह एक...

रामदेवजी पीर के भजन, चमत्कार जीवन परिचय

Ramdev Ji Peer दोस्तों हम यहाँ रामदेव जी पीर (Ramdev Ji Peer), रामसा पीर की वो रोचक जानकारी शेयर करेंगे जिसके बारे शायद ही आपको पता हो. राजस्थान के लोक देवता रामसा पीर के नाम से भी जाने जाते है. दोस्तों रामदेव जी की पूजा Summary नाम बाबा रामदेव जी (Ramdev Ji Peer) उपनाम रामदेव पीर/रामसा पीर/अजमल जी रा कंवर जन्म तारिक विक्रमसंवत 1409 में चैत्र सुदी पंचमी जन्म स्थान रुणिचा बाड़मेर की शिव तहसील का गांव पिता का नाम अजमल जी तंवर माता का नाम मैणादे समाधि स्थल रामदेवरा बहन का नाम सुगना बाई डाली बाई डाली बाई मेघवाल समाज की धर्म बहन पत्नी का नाम निहाल दे (नेतल दे ) गुरु का नाम बालीनाथ वंस तंवर राजपूत अवतार श्रीकृष्ण धर्म हिन्दू देश भारत राज्य जिला बाड़मेर मृत्यु विक्रम संवत 1442 में भादवा सुदी एकादशी समाधि पोस्ट श्रेणी Ramdev Ji Peer (रामदेवजी के चमत्कार जीवन परिचय) रामदेव जी को किस का अवतार माना जाता है? श्रीकृष्ण का अवतार माने जाते हैं रामदेव जी– विक्रमसंवत 1409 में चैत्र सुदी पंचमी को रूणिचा के राजा अजमाल तंवर के घर अवतरित बाबा रामदेव ने विक्रम संवत 1442 में भादवा सुदी एकादशी को समाधि ली. 33 वर्ष के अल्प काल में आपने कई चमत्कार किए. लोग उन्हें साक्षात कृष्ण का अवतार मानते हैं. बाबा रामदेव ने अपने जीवनकाल के दौरान 24 चमत्कार (परचे) किये /दिए जिन्हें लोग लोकगाथाओं में बाबा रामदेव के भक्तगण आज भी बड़े चाव से गाते हैं. उण्डू काश्मीर राजस्थान के बाड़मेर में शिव तहसील का गांव उण्डू काश्मीर बाबा रामदेव जी का जन्म स्थान है. डाली बाई डाली बाई मेघवाल समाज की कन्या थी. और बाबा रामदेव जी की धर्म बहन थी डाली बाई. और डाली बाई ने रामदेव जी से एक दिन पहले समाधी ली थी. सुगना बाई सुगना बाई बाबा राम...

Baba Ramdev Biography in Hindi

हमारे देश की जानी मानी पतंजलि आयुर्वेद के फाउंडर Baba Ramdev Biography in Hindi में आपका स्वागत है। सिर्फ भारत में ही नहीं लेकिन देश विदेश सभी जगह पर पतंजलि और योग के माध्यम से प्रसिद्ध बाबा रामदेव का जीवन परिचय देने वाले है। स्वामी रामदेव को सभी लोग पहचानते है। क्योकि वह हमारे भारत में सबसे स्वदेशी चीजें उपयोग करने के लिए समजाते है। उन्हें योग गुरु, आध्यात्म गुरु या नेता भी कहते है। उन्होंने Baba Ramdev Patanjali Ayurvedic, Baba Ramdev Wife और Baba Ramdev ke Upay की माहिती के साथ उनसे जुडी माहिती से ज्ञात करवाने वाले है। Ramdev Baba आयुर्वेद, घर्म, वेद, ग्रंथों, योग और साहित्य के साथ राजनीती के धनि ज्ञानी व्यक्तित वाले योग गुरु है। हमारे भारत देश को विदेशी दवाओं और भ्रष्टाचार से बचने के लिए कई प्रयास किये है। उन्होंने योग एव आयुर्वेद के उपयोग करने और लोकप्रिय बढ़ाके जनता को योग का महत्व समजाने का काम किया है। वह योग गुरु के साथ एक अच्छे कथावाचक है। तो चलिए बाबा रामदेव जी का पुराना इतिहास के साथ Baba Ramdev Corona Kit की जानकारी बताना शुरू करते है। Baba Ramdev Biography in Hindi – Real Name रामकृष्ण यादव ( Baba Ramdev) Nick name योग गुरु, बाबा रामदेव Date of birth 25 दिसंबर 1965 Birth Place सैयद अलीपुर, कस्बा-नांगल चौधरी, महेन्द्रगढ़, हरियाणा Father Name रामनिवास यादव Mother Name गुलाबो देवी Sister – Brother राम भारत Marital status अविवाहित Wife – School गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार Education Qualification – Cast यादव Religion हिन्दू धर्म Baba Ramdev Age 65 वर्ष (2021) Hobby योग करना Zodiac Sign मकर Net Worth 25600 करोड़ Professionals योग गुरु, व्यापारी Home town ...