बाजार के प्रमुख तत्व लिखिए

  1. Business Model क्या है? इसके तत्व एवं लाभ।
  2. बाजार के विस्तार को प्रभावित करने वाले कारक क्या हैं
  3. व्यापार चक्र के सिद्धांत
  4. समाचार के प्रकार, संरचना, लेखन प्रक्रिया, तत्व
  5. Elements of Marketing Mix: 4ps, 7 Elements, Importance, Examples and Strategies
  6. RBSE Solutions for Class 12 Economics Chapter 12 बाजार के अन्य स्वरूप
  7. हिंदी आधार कक्षा 12 वीं सहायक सामग्री
  8. Elements of Marketing Mix: 4ps, 7 Elements, Importance, Examples and Strategies
  9. समाचार के प्रकार, संरचना, लेखन प्रक्रिया, तत्व
  10. व्यापार चक्र के सिद्धांत


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Business Model क्या है? इसके तत्व एवं लाभ।

यद्यपि लोग अपने दैनिक जीवन में Business Model नामक ये दो शब्द अक्सर सुनते हैं और सामान्य बोलचाल में इनका इस्तेमाल भी करते हैं । लेकिन इसका अर्थ शायद सही से कुछ ही लोग जानते होंगे। उद्यमी का बिजनेस निवेशकों एवं लाइसेंस के लिए तो तैयार हो सकता है लेकिन यदि उसके पास कोई बिजनेस मॉडल ही नहीं तो समझो की कुछ भी नहीं है। जाहिर है की उद्यमी को यह बताने की आवश्यकता होती है की उसके द्वारा उत्पादित किया जाने वाला उत्पाद या सेवा लोगों की कैसे मदद करेगा और वह इस उत्पाद या सेवा को प्रदान करके ग्राहकों के जीवन में वैल्यू जोड़ने का काम कैसे करेगा। इन्हीं सब प्रश्नों का उत्तर पाने के लिए उद्यमी को अपने व्यापार के लिए Business Model की आवश्यकता होती है। जहाँ तक इसको समझने की बात है इस बारे में विद्वानों का मत है की अधिकतर लोग इसे जानते तो हैं लेकिन इसका सही से वर्णन नहीं कर पाते हैं। इसलिए आज हम हमारे इस लेख के माध्यम से इस बारे में विस्तार से जानने का प्रयत्न कर रहे हैं। 3. बिजनेस मॉडल के कुछ प्रमुख लाभ (Benefits of Business Model) बिजनेस मॉडल क्या है (What is Business Model) Business Model के बारे में जानने की उत्सुकता रखने वाले लोगों को बता देना चाहेंगे की पिछले कुछ वर्षों में इसकी अवधारणा में काफी बदलाव देखे गए हैं । वर्तमान में एक बिजनेस मॉडल ग्राहकों एवं उपयोगकर्ताओं की शुद्ध आवश्यकताओं को संदर्भित करता है। आज हम इस परिदृश्य में अनेक ऐसी चीजें होते हुए देखते हैं जो हमें आश्चर्य में डाल सकती हैं । जैसे यह कैसे हो सकता है की जो सबसे बड़ी निजी परिवहन कंपनी है उसके पास अपने एक भी वाहन नहीं है? । और यह भी कैसे हो सकता है की जो सबसे बड़ी आवास कंपनी है उसके पास अपना एक भी होटल नहीं है? । क्या...

बाजार के विस्तार को प्रभावित करने वाले कारक क्या हैं

हम आज इस अंक में बाजार को प्रभाबित करने वाले तत्व क्या हैं? जानेंगे। किसी भी बस्तु का बाज़ार या तो संकुचित हो सकता है अथवा विस्तृत हो सकता है। बात करें संकुचित बाज़ार की तो बाज़ार संकुचित तब होने लगता है जब उस बाज़ार में वस्तु विशेष की माँग एक सीमित क्षेत्र में हो रही हो। ठीक इसके विपरीत विस्तृत बाज़ार की बात करें तो कोई भी बाज़ार विस्तृत तब होता है जब उस बाज़ार में किसी वस्तु विशेष की माँग एक बड़े क्षेत्र यानि कि विस्तृत क्षेत्र में होने लगती है। (3) टिकाऊपन- ऐसी वस्तुएँ जो टिकाऊ होती हैं यानि कि ज़्यादा से ज़्यादा चलने वाली होती हैं ऐसी वस्तुओं का बाज़ार विस्तृत होता है। दूसरे शब्दों में कहें तो ऐसी वस्तुएँ जिन्हें अधिक समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है। ऐसी वस्तुओं का बाज़ार विस्तृत होता है। जैसे- कपड़ा, यंत्र, सोना-चाँदी, आदि। इसके विपरीत यदि वस्तुएँ शीघ्र नष्ट होने वाली हों तो इन वस्तुओं का (2) कुशल श्रम विभाजन- किसी देश में जब कुशल श्रम विभाजन होता है। तो वहाँ बड़े पैमाने पर वस्तुओं का उत्पादन शुरू हो जाता है। जिससे उत्पादन लागत में कमी आने लगती है। सूक्ष्म से सूक्ष्म और एक से बढ़कर एक आकर्षक वस्तुओं का उत्पादन संभव होने लगता है। जिसका परिणाम यह होता है कि उन वस्तुओं का बाज़ार अधिक विस्तृत हो जाता है। (5) व्यापार की वैज्ञानिक तकनीक- व्यापार करने का वैज्ञानिक तरीका यानि कि नयी व उच्च तकनीक का इस्तेमाल हो जैसे कि आकर्षक विज्ञापनों आदि का प्रयोग हो रहा हो तो ऐसी स्थिति में दूर-दूर तक वस्तुओं का बाज़ार फैलने लगता है। अर्थात व्यापार की नई-नई तकनीकों के इस्तेमाल होने से बाज़ार का अपेक्षाकृत विस्तार होता है। बाज़ार के विस्तार को प्रभावित करने वाले घटक (Bazar ke vistar ko prabhaavit karne vale gh...

व्यापार चक्र के सिद्धांत

6.Theories of trade cycle; Counter Cyclical Policies 🔰व्यापार चक्र के सिद्धांत : प्रतिचक्रीय नीतियां ⭕ व्यापार चक्र से अभिप्राय आर्थिक क्रियाओं के उतार चढ़ाव से है और यह उतार चढ़ाव एक नियमित क्रम में उत्पन्न होते है तथा एक क्रम समाप्त होते ही दूसरा क्रम स्वत उतपन्न हो जाता है ➖व्यापार चक्र कुल रोजगार, आय उत्पादन,तथा कीमत स्तरों में आवर्ती के उतार चढ़ाव से सम्बंधित है ➖प्रायः इसे ट्रेड साइकल कहते है अमेरिकी अर्थशास्त्री ने इसे बिजनिस साइकल कहा जाता है ➖प्रो ली ने दोनों सब्दो को भ्रामक कहा और इसे इकोनॉमी साइकल कहा ➖गुणक व त्वरक की पारस्परिक क्रिया के द्वारा व्यापार चक्र पैदा होते है ➖श्रेष्ठ का सम्बंध हिक्स का व्यापार चक्र से है ♻सुमपिटर ने व्यापार चक्रों की 4 अवस्था बताई है 1.सम्रद्धि अवस्था 2.प्रतिसार अवस्था 3.अवसाद अवस्था 4.पुनरोद्धार अवस्था ➖अवसाद अवस्था वह अवस्था है जिसमें आय और रोजगार के स्तर इस प्रकार घटते चले जाते हैं कि देश में मानवीय और गैर मानवीय संसाधनों का प्रयोग कम होता चला जाता है वर्ष 1930 की महामंदी इस अवस्था का एक उदाहरण है ➖पुनरोद्धार से अभिप्राय है उस मोड़ बिंदु से है जहां अर्थव्यवस्था अनेक उपायों द्वारा अवसाद में समृद्धि में प्रवेश के लिए प्रेरित की जाती है इन उपायों में सम्मिलित है 1.सरकारी स्वतंत्र विनियोग 2.नवप्रवर्तन 3.उत्पादन तकनीक में परिवर्तन 4.कम ब्याज दर ➖ पुनरोद्धार में किया गया स्वतंत्र सरकारी विनियोग प्रेरित विनियोग में वर्द्धि करता है जैसे बैंकों द्वारा साख निर्माण का कार्य आरंभ होता है ➖पुनरोद्धार अवस्था में निरंतर बढ़ते विनीयोग से अर्थव्यवस्था में से आरंभ होती है सरपट स्फीति में बढ़ती कीमतें स्वविनास के बीज स्वम बोती है ⭕व्यापार चक्र 1.व्यापार...

समाचार के प्रकार, संरचना, लेखन प्रक्रिया, तत्व

समाचार के प्रकार के बारे में जानना अत्यंत जरूरी है क्योंकि कई प्रकार की घटनाएं इस संसार में रोज घटती है। उनमें से कुछ घटनाएं समाचार बनती है और इस प्रकार कई तरह के समाचार हम रोज पढ़ते और सुनते हैं। कई बार इन समाचारों की प्रस्तुति के ढंग में भी अंतर होता है। एक पत्रकार और समाचार लेखक के लिए इस प्रकार के समाचारों के बारे में जानना आवश्यक है। दूसरी बात यह कि आज की दुनिया में पत्रकारिता का क्षेत्र बहुत व्यापक हो गया है। शायद ही कोई क्षेत्र बचा हो जिस पर कोई समाचार नहीं बना हो। बदलती दुनिया, बदलते सामाजिक परिदृश्य, बदलते बाजार, बाजार के आधार पर बदलते शैक्षिक-सांस्कृतिक परिवेश और सूचनाओं के अम्बार ने समाचारों में विविधता ला दिया है। कभी उंगलियों पर गिन लिये जाने वाले समाचार के प्रकारों को अब पूरी तरह गिन पाना संभव नहीं है। एक बहुत बड़ा सच यह है कि इस समय सूचनाओं का एक बहुत बड़ा बाजार विकसित हाे चुका है। इस नये नवेले बाजार मे समाचार उत्पाद का रूप लेता जा रहा है। 1. स्थानीय समाचार संचार क्रांति के बाद परिवहन के विकास के साथ ही समाचार पत्रो द्वारा एक ही साथ क संस्करणो का प्रकाशन हो रहा है। यह सभी गांव या कस्बे, जहां से समाचार पत्र का प्रकाशन होता हो, स्थानीय समाचार, जो कि स्थानीय महत्व आरै क्षेत्रीय समाचार पत्रो की लोकप्रियता को बढाने में सहायक हो को स्थान दिया जा रहा है। यह कवायद स्थानीय बाजार मे अपनी पैठ बनाने की भी है, ताकि स्थानीय छोटे-छोटे विज्ञापन भी आसानी से प्राप्त किये जा सके। इसी तरह समाचार चैनलो में भी स्थानीयता को महत्व दिया जाने लगा है। समाचार चैनल समाचार पत्रो की ही तरह अपने समाचारों को स्थानीय स्तर पर तैयार करके प्रसारित कर रहे हैं। वे छोटे-छोटे आयोजन या घटनाक्रम, जो ...

Elements of Marketing Mix: 4ps, 7 Elements, Importance, Examples and Strategies

Compilation of answers on the elements of marketing mix! Also read about: 1. Marketing Mix 4ps 2. 7 Elements Of Marketing Mix 3. Marketing Mix Elements With Examples 4. Marketing Mix Example 5. Importance Of Marketing Mix 6. What Is Marketing Mix This article will help you to get the answers of: • What are the 4 elements of marketing mix? • What is 7ps marketing mix? • What are the four basic marketing strategies? • What are the elements of marketing mix? Answer 1. Elements of Marketing Mix: Traditionally, marketers have considered the marketing mix as a combination of four basic components, or elements, namely- product, place, price and promotion. However, many marketers have long regarded the ‘4Ps’ definition as too restrictive. Criticism has centred on its short-term transaction focus and its failure to concentrate sufficiently on the importance of building and maintaining long-term relationships with customers. Many authors have now suggested a modification of the existing 4Ps framework in an effort to capture the broader complexity inherent in relationship marketing. ADVERTISEMENTS: Considerable support has also been given to the 7P s suggested by Booms and Bitne r. They propose that the existing four elements of the marketing mix be extended to include three additional elements- physical evidence, people and processes. However, we would argue that ‘physical evidence’ should be replaced with ‘customer service’. While this substitution results in one element not being ...

RBSE Solutions for Class 12 Economics Chapter 12 बाजार के अन्य स्वरूप

• RBSE Model Papers • RBSE Class 12th Board Model Papers 2022 • RBSE Class 10th Board Model Papers 2022 • RBSE Class 8th Board Model Papers 2022 • RBSE Class 5th Board Model Papers 2022 • RBSE Books • RBSE Solutions for Class 10 • RBSE Solutions for Class 10 Maths • RBSE Solutions for Class 10 Science • RBSE Solutions for Class 10 Social Science • RBSE Solutions for Class 10 English First Flight & Footprints without Feet • RBSE Solutions for Class 10 Hindi • RBSE Solutions for Class 10 Sanskrit • RBSE Solutions for Class 10 Rajasthan Adhyayan • RBSE Solutions for Class 10 Physical Education • RBSE Solutions for Class 9 • RBSE Solutions for Class 9 Maths • RBSE Solutions for Class 9 Science • RBSE Solutions for Class 9 Social Science • RBSE Solutions for Class 9 English • RBSE Solutions for Class 9 Hindi • RBSE Solutions for Class 9 Sanskrit • RBSE Solutions for Class 9 Rajasthan Adhyayan • RBSE Solutions for Class 9 Physical Education • RBSE Solutions for Class 9 Information Technology • RBSE Solutions for Class 8 • RBSE Solutions for Class 8 Maths • RBSE Solutions for Class 8 Science • RBSE Solutions for Class 8 Social Science • RBSE Solutions for Class 8 English • RBSE Solutions for Class 8 Hindi • RBSE Solutions for Class 8 Sanskrit • RBSE Solutions • RBSE Solutions for Class 7 • RBSE Solutions for Class 7 Maths • RBSE Solutions for Class 7 Science • RBSE Solutions for Class 7 Social Science • RBSE Solutions for Class 7 English • RBSE Solutions for Class 7 Hindi • RBSE ...

हिंदी आधार कक्षा 12 वीं सहायक सामग्री

द्वारा- -गुलाब चंद जैसल हिन्दी कक्षा –12 वीं छात्रोपयोगी-सहायक – सामग्री पाठों का सूत्रात्मक विवरण (संक्षिप्त परिचय) ( आरोह भाग-2 एवं वितान भाग-2 के पाठों का सार, उद्देश्य, संक्षिप्त परिचय ) 1 कविता: आत्म परिचय (हरिवंश राय बच्चन) कविता सार :- 1.स्वयं को जानना दुनिया को जानने से अधिक कठिन भी हैं और आवश्यक भी। 2. व्यक्ति के लिए समाज से निरपेक्ष एवं उदासीन रहना न तो संभव है, न ही उचित है। दुनिया अपने व्यंग्य बाणों, शासन – प्रशासन से चाहे कितना कष्ट दे, पर दुनिया से कष्ट कर व्यक्ति अपनी पहचान नहीं बना सकता । परिवेश ही व्यक्ति को बनाता हैं, ढालता है। 3.इस कविता मे कवि ने समाज एवं परिवेश से प्रेम एवं संघर्ष का संबंध निभाते हुए जीवन मे सामंजस्य स्थापित करने की बात की हैं। 4.छायावादोतर गीति काव्य में प्रीति-कलह का यह विरोधाभास दिखाई देता हैं। व्यक्ति और समाज का संबंध इसी प्रकार प्रेम और संघर्ष का है जिसमें कवि आलोचना की परवाह न करते हुए संतुलन स्थापित करते हुए चलता हैं। 5.’नादान वही है हाय, जहां पर दाना’ पंक्ति के माध्यम से कवि सत्य की खोज के लिए , अहंकार को त्याग कर नई सोच अपनाने पर जोर दे रहा हैं। ( ख)कविता:- दिन जल्दी जल्दी ढलता है। प्रस्तुत कविता में कवि हरिवंश राय बच्चन कहते हैं कि समय बीतते जाने का एहसास हमें लक्ष्य-प्राप्ति के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित करता है। मार्ग पर चलने वाला राही यह सोचकर अपनी मंजिल की ओर कदम बढाता है कि कहीं रास्ते में ही रात न हो जाए। पक्षियों को भी दिन बीतने के साथ यह एहसास होता है कि उनके बच्चे कुछ पाने की आशा में घोंसले से झांक रहे होंगे। यह सोचकर उनके पंखो में गति आ जाती है कि वे जल्दी से अपने बच्चों से मिल सकें। कविता में आशावादी स्वर है। ग...

Elements of Marketing Mix: 4ps, 7 Elements, Importance, Examples and Strategies

Compilation of answers on the elements of marketing mix! Also read about: 1. Marketing Mix 4ps 2. 7 Elements Of Marketing Mix 3. Marketing Mix Elements With Examples 4. Marketing Mix Example 5. Importance Of Marketing Mix 6. What Is Marketing Mix This article will help you to get the answers of: • What are the 4 elements of marketing mix? • What is 7ps marketing mix? • What are the four basic marketing strategies? • What are the elements of marketing mix? Answer 1. Elements of Marketing Mix: Traditionally, marketers have considered the marketing mix as a combination of four basic components, or elements, namely- product, place, price and promotion. However, many marketers have long regarded the ‘4Ps’ definition as too restrictive. Criticism has centred on its short-term transaction focus and its failure to concentrate sufficiently on the importance of building and maintaining long-term relationships with customers. Many authors have now suggested a modification of the existing 4Ps framework in an effort to capture the broader complexity inherent in relationship marketing. ADVERTISEMENTS: Considerable support has also been given to the 7P s suggested by Booms and Bitne r. They propose that the existing four elements of the marketing mix be extended to include three additional elements- physical evidence, people and processes. However, we would argue that ‘physical evidence’ should be replaced with ‘customer service’. While this substitution results in one element not being ...

समाचार के प्रकार, संरचना, लेखन प्रक्रिया, तत्व

समाचार के प्रकार के बारे में जानना अत्यंत जरूरी है क्योंकि कई प्रकार की घटनाएं इस संसार में रोज घटती है। उनमें से कुछ घटनाएं समाचार बनती है और इस प्रकार कई तरह के समाचार हम रोज पढ़ते और सुनते हैं। कई बार इन समाचारों की प्रस्तुति के ढंग में भी अंतर होता है। एक पत्रकार और समाचार लेखक के लिए इस प्रकार के समाचारों के बारे में जानना आवश्यक है। दूसरी बात यह कि आज की दुनिया में पत्रकारिता का क्षेत्र बहुत व्यापक हो गया है। शायद ही कोई क्षेत्र बचा हो जिस पर कोई समाचार नहीं बना हो। बदलती दुनिया, बदलते सामाजिक परिदृश्य, बदलते बाजार, बाजार के आधार पर बदलते शैक्षिक-सांस्कृतिक परिवेश और सूचनाओं के अम्बार ने समाचारों में विविधता ला दिया है। कभी उंगलियों पर गिन लिये जाने वाले समाचार के प्रकारों को अब पूरी तरह गिन पाना संभव नहीं है। एक बहुत बड़ा सच यह है कि इस समय सूचनाओं का एक बहुत बड़ा बाजार विकसित हाे चुका है। इस नये नवेले बाजार मे समाचार उत्पाद का रूप लेता जा रहा है। 1. स्थानीय समाचार संचार क्रांति के बाद परिवहन के विकास के साथ ही समाचार पत्रो द्वारा एक ही साथ क संस्करणो का प्रकाशन हो रहा है। यह सभी गांव या कस्बे, जहां से समाचार पत्र का प्रकाशन होता हो, स्थानीय समाचार, जो कि स्थानीय महत्व आरै क्षेत्रीय समाचार पत्रो की लोकप्रियता को बढाने में सहायक हो को स्थान दिया जा रहा है। यह कवायद स्थानीय बाजार मे अपनी पैठ बनाने की भी है, ताकि स्थानीय छोटे-छोटे विज्ञापन भी आसानी से प्राप्त किये जा सके। इसी तरह समाचार चैनलो में भी स्थानीयता को महत्व दिया जाने लगा है। समाचार चैनल समाचार पत्रो की ही तरह अपने समाचारों को स्थानीय स्तर पर तैयार करके प्रसारित कर रहे हैं। वे छोटे-छोटे आयोजन या घटनाक्रम, जो ...

व्यापार चक्र के सिद्धांत

6.Theories of trade cycle; Counter Cyclical Policies 🔰व्यापार चक्र के सिद्धांत : प्रतिचक्रीय नीतियां ⭕ व्यापार चक्र से अभिप्राय आर्थिक क्रियाओं के उतार चढ़ाव से है और यह उतार चढ़ाव एक नियमित क्रम में उत्पन्न होते है तथा एक क्रम समाप्त होते ही दूसरा क्रम स्वत उतपन्न हो जाता है ➖व्यापार चक्र कुल रोजगार, आय उत्पादन,तथा कीमत स्तरों में आवर्ती के उतार चढ़ाव से सम्बंधित है ➖प्रायः इसे ट्रेड साइकल कहते है अमेरिकी अर्थशास्त्री ने इसे बिजनिस साइकल कहा जाता है ➖प्रो ली ने दोनों सब्दो को भ्रामक कहा और इसे इकोनॉमी साइकल कहा ➖गुणक व त्वरक की पारस्परिक क्रिया के द्वारा व्यापार चक्र पैदा होते है ➖श्रेष्ठ का सम्बंध हिक्स का व्यापार चक्र से है ♻सुमपिटर ने व्यापार चक्रों की 4 अवस्था बताई है 1.सम्रद्धि अवस्था 2.प्रतिसार अवस्था 3.अवसाद अवस्था 4.पुनरोद्धार अवस्था ➖अवसाद अवस्था वह अवस्था है जिसमें आय और रोजगार के स्तर इस प्रकार घटते चले जाते हैं कि देश में मानवीय और गैर मानवीय संसाधनों का प्रयोग कम होता चला जाता है वर्ष 1930 की महामंदी इस अवस्था का एक उदाहरण है ➖पुनरोद्धार से अभिप्राय है उस मोड़ बिंदु से है जहां अर्थव्यवस्था अनेक उपायों द्वारा अवसाद में समृद्धि में प्रवेश के लिए प्रेरित की जाती है इन उपायों में सम्मिलित है 1.सरकारी स्वतंत्र विनियोग 2.नवप्रवर्तन 3.उत्पादन तकनीक में परिवर्तन 4.कम ब्याज दर ➖ पुनरोद्धार में किया गया स्वतंत्र सरकारी विनियोग प्रेरित विनियोग में वर्द्धि करता है जैसे बैंकों द्वारा साख निर्माण का कार्य आरंभ होता है ➖पुनरोद्धार अवस्था में निरंतर बढ़ते विनीयोग से अर्थव्यवस्था में से आरंभ होती है सरपट स्फीति में बढ़ती कीमतें स्वविनास के बीज स्वम बोती है ⭕व्यापार चक्र 1.व्यापार...