बार बार टॉयलेट आने का कारण

  1. Health Tips: कम पानी पीने के बाद भी आपको बार
  2. ज्यादा टॉयलेट आने का क्या कारण है? – ElegantAnswer.com
  3. बार बार पेशाब आने के घरेलू उपाय
  4. वास्तु के अनुसार बाथरूम और टॉयलेट की दिशा: बाथरूम और टॉयलेट के लिए उपयोगी वास्तु टिप्स
  5. क्या आपको भी आती है बार
  6. बार बार पेशाब आने के घरेलू उपाय
  7. वास्तु के अनुसार बाथरूम और टॉयलेट की दिशा: बाथरूम और टॉयलेट के लिए उपयोगी वास्तु टिप्स
  8. Health Tips: कम पानी पीने के बाद भी आपको बार
  9. ज्यादा टॉयलेट आने का क्या कारण है? – ElegantAnswer.com


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Health Tips: कम पानी पीने के बाद भी आपको बार

Health Tips For Urine Issue: सर्दियों (Winter) के मौसम में हम सभी हेल्दी खाने और पीने पर कम ध्यान देते हैं. हालांकि सर्दी के मौसम में बहुत बार ऐसा होता है कि थोड़ा सा पानी तक पीने से बार-बार टॉयलेट (Toilet) जाना पड़ता है. ऐसे में कई बार हम पानी के सेवन को कम भी कर देते हैं. वैसे सर्दी के मौसम में 5 से 6 बार से टॉयलेट जाना आम बात है, लेकिन बहुत से लोग ऐसे भी होते हैं जो कम पानी पीते हैं फिर भी बार बार टॉयलेट जाते हैं. अगर के आपके साथ भी हो रहा है तो आपको कारण (Health Tips) जानने की कोशिश करनी चाहिए- सामान्य तौर पर कितनी बार जाते हैं टॉयलेट हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो हर व्यक्ति के साथ बॉशरुम बार-बार जाने की परिस्थिति अलग-अलग होती है. लेकिन फिर भी एक स्वस्थ व्यक्ति 24 घंटे में 4 से 10 बार वॉशरूम जा सकता है. आपको बता दें कि बॉशरुम आने का समय या मात्रा आपकी उम्र, दवा, डायबिटीज, मूत्राशय आदि पर निर्भर करती है. बार-बार टॉयलेट आने के क्या हैं कारण यूरिनरी ब्लैडर का ज्यादा एक्टिव होना अगर बिना किसी बीमारी वाले व्यक्ति को बार बार वॉशरूम जाना पड़ रहा है कि तो इसका कारण हो सकता है कि यूरिनरी ब्लैडर (मूत्राशय) का ज्यादा एक्टिव होना, जिसके साथ ऐसा होता है उनको अधिक बार टॉयलेट आता है. इसके अलावा जब ब्लैडर की क्षमता पेशाब को एकत्र करने में कम होने लगती है या फिर उस पर दवाब होने लगता है तो भी ये समस्या सामने आ जाती है. ऐसे में थोड़े से पानी पीने के बाद पेशाब को रोकना मुश्किल हो जाता है. शरीर में शुगर के बढ़ने पर जो भी लोग डायबिटीज के मरीज होते हैं उनको बार-बार टॉयलेट आता है. टाइप-2 डायबिटीज के मरीज इस समस्या से सबसे ज्यादा ग्रस्त रहते हैं. ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ने पर आप इस समस्या से ...

ज्यादा टॉयलेट आने का क्या कारण है? – ElegantAnswer.com

ज्यादा टॉयलेट आने का क्या कारण है? इसे सुनेंरोकें-ज्यादा पानी पीने से ज्यादा मात्रा में बार-बार पेशाब आना स्वाभाविक होता है। -कई बार कुछ लोगों का मूत्राशय अधिक सक्रिय होता है जिसकी वजह से व्यक्ति को जल्दी-जल्दी पेशाब आने लगता है। -बार-बार पेशाब आने की वजह यूरिनल टैक्ट इंफेक्शन (यूटी आई) भी हो सकता है। यूरिन में इंफेक्शन हो तो पेशाब आने के समय जलन भी होती है एक दिन में कितनी बार पेशाब करना चाहिए? इसे सुनेंरोकेंआज हम आपको बताते हैं कि दिनभर में कितनी बार यूरिन जाना सामान्य बात है। विशेषज्ञों के अनुसार हर व्यक्ति को दिन में 6-8 बार यूरिन जाना ही चाहिए इन्फेक्शन क्यों होता है? इसे सुनेंरोकेंयूटीआई इन्फेक्शन ई-कोलाई बैक्टीरिया के कारण होता है और ये तब होता है जब यूरिनरी ब्लैडर और यूरिनरी ट्यूब बैक्टीरिया से संक्रमित (Infected) हो जाते हैं. यूटीआई होने के कई सिम्प्टम हो सकते हैं, जैसे ब्लैडर की लेयर पर सूजन होना, यूरीन पास करते समय दर्द या जलन होना, यूरिन से स्मैल या ब्लड आना, टमी में दर्द होना और फीवर आना बच्चों में पेशाब रुकने का क्या कारण है? इसे सुनेंरोकेंबच्चों को रुक-रुककर पेशाब आना किडनी खराब होने के संकेत हो सकते हैं, क्योंकि यूरेटर के पास बना वॉल्व कमजोर हो जाता है। इस वजह से थोड़ी यूरिन किडनी में रुक जाती है। बच्चों को रुक-रुककर पेशाब आना किडनी खराब होने के संकेत हो सकते हैं, क्योंकि यूरेटर के पास बना वॉल्व कमजोर हो जाता है बार बार लैट्रिन लगे तो क्या करना चाहिए? ये उपाय पूरी तरह घरेलू हैं इसलिए इन पर भरोसा करने में कोई नुकसान भी नहीं है. • सेब का सिरका बात जब पेट दर्द में घरेलू उपाय की हो तो सेब के सिरके से बेहतर कुछ भी नहीं. • अदरक अपसेट पेट में अदरक का इस्तेमाल काफी...

बार बार पेशाब आने के घरेलू उपाय

बार-बार पेशाब का आना आपको परेशान कर सकता है और यह समस्या लंबे समय तक होने पर एक गंभीर बीमारी का कारण भी बन सकती हैं। सामान्य से अधिक पेशाब आने की समस्या को एक अतिसक्रिय मूत्राशय (overactive bladder) के रूप में भी जाना जाता है। इस स्थिति में पेशाब की तीव्र इच्छा होती है। मूत्र पथ के संक्रमण (UTI), बढ़े हुए • • पेशाब को लंबे समय तक रोककर रखना • • • • यौन संभोग • गर्भावस्था के दौरान मूत्र प्रणाली की संरचना में परिवर्तन • • • इंटरस्टीशियल सिस्टाइटिस (interstitial cystitis) • • न्यूरोलॉजिकल रोग (neurological diseases) • अत्यधिक • अधिक पेशाब आने के उपाय – Adhik peshab aane ka ilaj बार बार पेशाब का आना आपके शरीर में पानी की कमी करता है। इसके अलावा यह समस्या रात में भी आपकी बार-बार पेशाब आने का घरेलू इलाज दही – Bar bar peshab aane ka ilaj dahi in Hindi दही प्रोबायोटिक्स का एक समृद्ध स्रोत है, जो कि अच्छे बैक्टीरिया होते हैं। यह आपके पेट के साथ-साथ समग्र स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। दही मूत्र पथ के संक्रमण के इलाज में भी मदद करता है, जो मूत्र आवृत्ति यानि बार-बार पेशाब आने की समस्या का कारण है। दही के प्रयोग से मूत्र पथ के संक्रमण का इलाज करने के लिए आप एक छोटे कटोरा की मात्रा के बराबर रोज दही का सेवन करें। यह बार बार पेशाब आने की समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकता हैं ( (और पढ़ें – बार बार पेशाब आने का रामबाण इलाज बेकिंग सोडा – B ar bar peshab aane ka ramban ilaj Baking Soda यदि आप बार-बार पेशाब आने से परेशान है तो बेकिंग सोडा इसका का रामबाण इलाज है। बेकिंग सोडा की क्षारीय प्रकृति का उपयोग आपके मूत्र को क्षारीय करने के लिए किया जा सकता है। जो अधिक पेशाब आने की समस्या ...

वास्तु के अनुसार बाथरूम और टॉयलेट की दिशा: बाथरूम और टॉयलेट के लिए उपयोगी वास्तु टिप्स

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • वास्तु के मुताबिक घर में शौचालय किस दिशा में होना चाहिए बाथरूम घर के उत्तर या उत्तर-पश्चिम कोने में होना चाहिए. बाथरूम दक्षिण दिशा, दक्षिण-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम दिशा में भी न बनवाएं, क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि इससे घर में लोगों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. शौचालय का निर्माण जमीनी स्तर से एक से दो फीट ऊंचा होना चाहिए. वास्तु के अनुसार, बाथरूम को जमीन के समान स्तर पर रखना सही नहीं है। वैज्ञानिक रूप से बाथरूम को घर के अन्य क्षेत्रों से अलग रखना लाभदायक होता है। बाथरूम वास्तु के हिसाब से क्यों होना चाहिए ? भारत में अधिकतर लोग ऐसा घर चाहते हैं जो वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों के अनुरूप हों. उनका मानना है कि इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आएगी. ऐसे लोग भी जो वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों को बहुत ज्यादा तवज्जो नहीं देते हैं, वे भी मानते हैं कि अगर भारत में खरीदने के बारे में भी पढ़ें उत्तर दिशा में स्थित टॉयलेट के लिए वास्तु उपाय उत्तर दिशा में टॉयलेट होने से स्वास्थ्य से जुड़ी नकारात्मक समस्याएं आ सकती हैं. इस तरह के डिजाइनों के लिए एक वास्तु उपाय है, गड्ढे को उत्तर-पश्चिम में शिफ्ट करना और दीवारों को काले रंग में रंगना. सफेद रंग के फूलों को धातु के फूलदान में उत्तर दिशा में रखने से भी नकारात्मक प्रभाव दूर होता है. बाथरूम वास्तु नियमों के अनुसार, उत्तर मुखी घर के लिए दक्षिण-पश्चिम या उत्तर-पश्चिम के दक्षिण में बाथरूम डिजाइन करने के लिए उपयुक्त स्थान हैं। यह भी देखें : उत्तर मुखी घर वास्तु योजना दक्षिण दिशा में शौचालय के वास्तु दोष उपाय वास्तु शास्त्र के दिशा-निर्देशो...

बार

Written by |Updated : May 25, 2022 1:15 PM IST • • • • • पेशाब आना शरीर के लिए कोई समस्या तो नहीं है लेकिन अगर बार-बार पेशाब आने लगे तो ये किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। दरअसल, शरीर से विषैले पदार्थ को बाहर निकालना जरूरी होता है। ये तत्व शरीर मल और मूत्र के रास्ते से बाहर निकाल देता है। वहीं, बात अगर सिर्फ मूत्र यानी कि पेशाब की करें को एक सामान्य व्यक्ति को दिन में 4-8 बार यूरिन होता है। कुछ लोगों को दिन और रात में बार-बार यूरिन आता है लेकिन वे इसे शरीर की सामान्य क्रिया मानकर नजरअंदाज कर देते हैं। जरूरत से ज्यादा पेशाब आने (Frequent Urination) के कई कारण हो सकते हैं। ये कोई बीमारी या स्वास्थ्य स्थितियों का भी संकेत हो सकता है। तो, अगर आपको सामान्य से ज्यादा पेशाब आती है तो आपको एक बार अपने डॉक्टर से जा कर जरूर संपर्क करना चाहिए क्योंकि कई बार ये किसी बड़ी बीमारी का संकेत हो सकता है। तो, आइए आज हम आपको उन गंभीर बीमारियों के बारे में बताते हैं जो कि बार-बार पैशाब आने का कारण हो सकते हैं। बार-बार पेशाब आने का कारण-Causes of frequent Urination 1. डायबिटीज की समस्या में ब्लड में शुगर लेवल बढ़ने की स्थिति को ही डायबिटीज कहते हैं। टाइप 1 और टाइप 2 दोनों तरह की डायबिटीज में शरीर जरूरत के अतिरिक्त ग्लूकोज को मूत्र मार्ग से बाहर निकालने लगता है। इसी वजह से डायबिटीज के मरीजों को बार-बार पेशाब होता रहता है। 2. प्रेगनेंसी के दौरान प्रेगनेंसी के दौरान यूटरस बड़ा होने लगता है जिसकी वजह से ब्लैडर पर दबाव बढ़ने लगता है इसलिए इस दौरान महिला को बार-बार पेशाब आना शुरू हो जाता है। Also Read • • • 3. हाई बीपी की समस्या होने पर हाई ब्लड प्रेशर के दौरान जो दवाएं दी जाती हैं, वो किडनी पर...

क्या आपको भी आती है बार

• • Health • क्या आपको भी आती है बार-बार जम्हाई? जान लें इसके कारण क्या आपको भी आती है बार-बार जम्हाई? जान लें इसके कारण Excessive Yawning: अक्सर आपने देखा होगा कुछ नहीं लोगों को बार-बार जम्हाई आती है. बता दें कि यह समस्या गंभीर नहीं है. यदि बार-बार जम्हाई आए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है. जानते हैं कारण... Excessive Yawning: अकसर जम्हाई लेना आम आदतों में से एक माना जाता है. लेकिन अगर किसी व्यक्ति को बार-बार जम्हाई आए तो यह किसी शारीरिक समस्या का लक्षण हो सकता है. जी हां, ऐसे में इन समस्याओं के बारे में पता होना जरूरी है. आज का हमार लेख इसी विषय पर है. आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि व्यक्ति को बार बार जम्हाई क्यों आती है. साथ ही इससे बचाव के उपाय भी जानेंगे. पढ़ते हैं आगे… बार-बार जम्हाई आने के कारण • यदि किसी व्यक्ति को सामान्य से ज्यादा जम्हाई आ रही है तो इसका मतलब यह है कि आपकी नींद पूरी नहीं हुई है. यह थकान के लक्षणों में से एक है. यदि दिन में भी बार बार जम्हाई आए या थकान महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. • जब व्यक्ति अकसर डिप्रेशन में रहता है तब भी उसे बार-बार जम्हाई आती है ये अवसाद और डिप्रेशन के लक्षणों में से एक है. डिप्रेशन के कारण बार-बार जम्हाई आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. • जो लोग मिर्गी से पीड़ित होते हैं वे भी बार-बार जमाई लेते हैं. उन्हें थकान के कारण बार-बार जमाई आती है. वैसे बार-बार जम्हाई लेना नजरअंदाज ना करें. • एंग्जाइटी और चिंता के कारण भी व्यक्ति को बार-बार जम्हाई आ सकती है. जब एंग्जायटी बढ़ जाती है तो वह श्वसन प्रणाली और ऊर्जा के स्तर को प्रभावित कर सकती है, जिसके कारण सांस फूलने जैसी समस्या, तनाव की समस्या, बा...

बार बार पेशाब आने के घरेलू उपाय

बार-बार पेशाब का आना आपको परेशान कर सकता है और यह समस्या लंबे समय तक होने पर एक गंभीर बीमारी का कारण भी बन सकती हैं। सामान्य से अधिक पेशाब आने की समस्या को एक अतिसक्रिय मूत्राशय (overactive bladder) के रूप में भी जाना जाता है। इस स्थिति में पेशाब की तीव्र इच्छा होती है। मूत्र पथ के संक्रमण (UTI), बढ़े हुए • • पेशाब को लंबे समय तक रोककर रखना • • • • यौन संभोग • गर्भावस्था के दौरान मूत्र प्रणाली की संरचना में परिवर्तन • • • इंटरस्टीशियल सिस्टाइटिस (interstitial cystitis) • • न्यूरोलॉजिकल रोग (neurological diseases) • अत्यधिक • अधिक पेशाब आने के उपाय – Adhik peshab aane ka ilaj बार बार पेशाब का आना आपके शरीर में पानी की कमी करता है। इसके अलावा यह समस्या रात में भी आपकी बार-बार पेशाब आने का घरेलू इलाज दही – Bar bar peshab aane ka ilaj dahi in Hindi दही प्रोबायोटिक्स का एक समृद्ध स्रोत है, जो कि अच्छे बैक्टीरिया होते हैं। यह आपके पेट के साथ-साथ समग्र स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। दही मूत्र पथ के संक्रमण के इलाज में भी मदद करता है, जो मूत्र आवृत्ति यानि बार-बार पेशाब आने की समस्या का कारण है। दही के प्रयोग से मूत्र पथ के संक्रमण का इलाज करने के लिए आप एक छोटे कटोरा की मात्रा के बराबर रोज दही का सेवन करें। यह बार बार पेशाब आने की समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकता हैं ( (और पढ़ें – बार बार पेशाब आने का रामबाण इलाज बेकिंग सोडा – B ar bar peshab aane ka ramban ilaj Baking Soda यदि आप बार-बार पेशाब आने से परेशान है तो बेकिंग सोडा इसका का रामबाण इलाज है। बेकिंग सोडा की क्षारीय प्रकृति का उपयोग आपके मूत्र को क्षारीय करने के लिए किया जा सकता है। जो अधिक पेशाब आने की समस्या ...

वास्तु के अनुसार बाथरूम और टॉयलेट की दिशा: बाथरूम और टॉयलेट के लिए उपयोगी वास्तु टिप्स

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • वास्तु के मुताबिक घर में शौचालय किस दिशा में होना चाहिए बाथरूम घर के उत्तर या उत्तर-पश्चिम कोने में होना चाहिए. बाथरूम दक्षिण दिशा, दक्षिण-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम दिशा में भी न बनवाएं, क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि इससे घर में लोगों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. शौचालय का निर्माण जमीनी स्तर से एक से दो फीट ऊंचा होना चाहिए. वास्तु के अनुसार, बाथरूम को जमीन के समान स्तर पर रखना सही नहीं है। वैज्ञानिक रूप से बाथरूम को घर के अन्य क्षेत्रों से अलग रखना लाभदायक होता है। बाथरूम वास्तु के हिसाब से क्यों होना चाहिए ? भारत में अधिकतर लोग ऐसा घर चाहते हैं जो वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों के अनुरूप हों. उनका मानना है कि इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आएगी. ऐसे लोग भी जो वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों को बहुत ज्यादा तवज्जो नहीं देते हैं, वे भी मानते हैं कि अगर भारत में खरीदने के बारे में भी पढ़ें उत्तर दिशा में स्थित टॉयलेट के लिए वास्तु उपाय उत्तर दिशा में टॉयलेट होने से स्वास्थ्य से जुड़ी नकारात्मक समस्याएं आ सकती हैं. इस तरह के डिजाइनों के लिए एक वास्तु उपाय है, गड्ढे को उत्तर-पश्चिम में शिफ्ट करना और दीवारों को काले रंग में रंगना. सफेद रंग के फूलों को धातु के फूलदान में उत्तर दिशा में रखने से भी नकारात्मक प्रभाव दूर होता है. बाथरूम वास्तु नियमों के अनुसार, उत्तर मुखी घर के लिए दक्षिण-पश्चिम या उत्तर-पश्चिम के दक्षिण में बाथरूम डिजाइन करने के लिए उपयुक्त स्थान हैं। यह भी देखें : उत्तर मुखी घर वास्तु योजना दक्षिण दिशा में शौचालय के वास्तु दोष उपाय वास्तु शास्त्र के दिशा-निर्देशो...

Health Tips: कम पानी पीने के बाद भी आपको बार

Health Tips For Urine Issue: सर्दियों (Winter) के मौसम में हम सभी हेल्दी खाने और पीने पर कम ध्यान देते हैं. हालांकि सर्दी के मौसम में बहुत बार ऐसा होता है कि थोड़ा सा पानी तक पीने से बार-बार टॉयलेट (Toilet) जाना पड़ता है. ऐसे में कई बार हम पानी के सेवन को कम भी कर देते हैं. वैसे सर्दी के मौसम में 5 से 6 बार से टॉयलेट जाना आम बात है, लेकिन बहुत से लोग ऐसे भी होते हैं जो कम पानी पीते हैं फिर भी बार बार टॉयलेट जाते हैं. अगर के आपके साथ भी हो रहा है तो आपको कारण (Health Tips) जानने की कोशिश करनी चाहिए- सामान्य तौर पर कितनी बार जाते हैं टॉयलेट हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो हर व्यक्ति के साथ बॉशरुम बार-बार जाने की परिस्थिति अलग-अलग होती है. लेकिन फिर भी एक स्वस्थ व्यक्ति 24 घंटे में 4 से 10 बार वॉशरूम जा सकता है. आपको बता दें कि बॉशरुम आने का समय या मात्रा आपकी उम्र, दवा, डायबिटीज, मूत्राशय आदि पर निर्भर करती है. बार-बार टॉयलेट आने के क्या हैं कारण यूरिनरी ब्लैडर का ज्यादा एक्टिव होना अगर बिना किसी बीमारी वाले व्यक्ति को बार बार वॉशरूम जाना पड़ रहा है कि तो इसका कारण हो सकता है कि यूरिनरी ब्लैडर (मूत्राशय) का ज्यादा एक्टिव होना, जिसके साथ ऐसा होता है उनको अधिक बार टॉयलेट आता है. इसके अलावा जब ब्लैडर की क्षमता पेशाब को एकत्र करने में कम होने लगती है या फिर उस पर दवाब होने लगता है तो भी ये समस्या सामने आ जाती है. ऐसे में थोड़े से पानी पीने के बाद पेशाब को रोकना मुश्किल हो जाता है. शरीर में शुगर के बढ़ने पर जो भी लोग डायबिटीज के मरीज होते हैं उनको बार-बार टॉयलेट आता है. टाइप-2 डायबिटीज के मरीज इस समस्या से सबसे ज्यादा ग्रस्त रहते हैं. ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ने पर आप इस समस्या से ...

ज्यादा टॉयलेट आने का क्या कारण है? – ElegantAnswer.com

ज्यादा टॉयलेट आने का क्या कारण है? इसे सुनेंरोकें-ज्यादा पानी पीने से ज्यादा मात्रा में बार-बार पेशाब आना स्वाभाविक होता है। -कई बार कुछ लोगों का मूत्राशय अधिक सक्रिय होता है जिसकी वजह से व्यक्ति को जल्दी-जल्दी पेशाब आने लगता है। -बार-बार पेशाब आने की वजह यूरिनल टैक्ट इंफेक्शन (यूटी आई) भी हो सकता है। यूरिन में इंफेक्शन हो तो पेशाब आने के समय जलन भी होती है एक दिन में कितनी बार पेशाब करना चाहिए? इसे सुनेंरोकेंआज हम आपको बताते हैं कि दिनभर में कितनी बार यूरिन जाना सामान्य बात है। विशेषज्ञों के अनुसार हर व्यक्ति को दिन में 6-8 बार यूरिन जाना ही चाहिए इन्फेक्शन क्यों होता है? इसे सुनेंरोकेंयूटीआई इन्फेक्शन ई-कोलाई बैक्टीरिया के कारण होता है और ये तब होता है जब यूरिनरी ब्लैडर और यूरिनरी ट्यूब बैक्टीरिया से संक्रमित (Infected) हो जाते हैं. यूटीआई होने के कई सिम्प्टम हो सकते हैं, जैसे ब्लैडर की लेयर पर सूजन होना, यूरीन पास करते समय दर्द या जलन होना, यूरिन से स्मैल या ब्लड आना, टमी में दर्द होना और फीवर आना बच्चों में पेशाब रुकने का क्या कारण है? इसे सुनेंरोकेंबच्चों को रुक-रुककर पेशाब आना किडनी खराब होने के संकेत हो सकते हैं, क्योंकि यूरेटर के पास बना वॉल्व कमजोर हो जाता है। इस वजह से थोड़ी यूरिन किडनी में रुक जाती है। बच्चों को रुक-रुककर पेशाब आना किडनी खराब होने के संकेत हो सकते हैं, क्योंकि यूरेटर के पास बना वॉल्व कमजोर हो जाता है बार बार लैट्रिन लगे तो क्या करना चाहिए? ये उपाय पूरी तरह घरेलू हैं इसलिए इन पर भरोसा करने में कोई नुकसान भी नहीं है. • सेब का सिरका बात जब पेट दर्द में घरेलू उपाय की हो तो सेब के सिरके से बेहतर कुछ भी नहीं. • अदरक अपसेट पेट में अदरक का इस्तेमाल काफी...