बातचीत के संबंध में बेन जॉनसन और एडीसन के क्या विचार हैं ?

  1. बातचीत के सम्बन्ध में बेन जॉनसन और एडीसन के क्या विचार हैं?
  2. The anion of acetylaceton 9 chelate with Co3+. The rine (acac) forms Co(a..
  3. CBSE Class 9 Hindi A संवाद लेखन
  4. Class 12th Hindi Chapter 1 बातचीत बालकृष्ण भट्ट
  5. 1. बातचीत प्रश्न ( लघु उत्तरीय प्रश्न एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न )
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बातचीत के सम्बन्ध में बेन जॉनसन और एडीसन के क्या विचार हैं?

उत्तर – बातचीत के सम्बन्ध में जॉनसन का मत है– बोलने से ही मनुष्य के रूप का साक्षात्कार होता है। यह विचार वास्तव में उचित ही है। एडीसन मानता है- असली बातचीत मात्र दो व्यक्तियों में हो सकती है। इसका तात्पर्य यह है कि जब दो व्यक्ति होंगे तभी वे अपने अन्त:करण का पर्दा एक-दूसरे के सामने हटा सकते हैं। जब तीन हुए तब तो बात कोसों दूर हो गयी। यह मान्यता उचित ही है कि छह कानों में पड़ी बात खुल जाती है। साथ ही बातचीत के मध्य यदि तीसरा आ जाये तो वे दोनों अपनी बातचीत बन्द कर देंगे अथवा आगे निपट मूर्ख और अज्ञानी समझ बनाने लगेंगे। यह भी वैज्ञानिक नियम है कि यदि दूध और ठण्डे पानी के दो बर्तन सामने रख दिये जायें तो दोनों ही प्रभावित हो उठेंगे-दूध ठण्डा हो सकता है और पानी गरम। यही स्थिति आदमी की है, अगर दो व्यक्ति पास-पास बैठे हों तो एक का असर दूसरे पर पड़ जाता है, भले ही एक-दूसरे को देखें भी नहीं । बिन बोले ही एक के शरीर की विद्युत दूसरे में प्रवेश करने लगती है। जब पास बैठने से इतना असर होता है तब बातचीत में कितना असर होता होगा। Related Questions • बुद्ध के जीवन की चार महत्वपूर्ण घटनाओं और उनसे संबद्ध चार स्थानों का नीचे उल्लेख है, यह दो स्तंभों (I) ... • चातकी किसके लिए तरसती है ? (A) चालक के लिए (B) प्रसाद जी की कविता के लिए (C) स्वाति नक्षत्र ... • 'पीठ दिखाना' मुहावरे का अर्थ क्या है ? • 'प्रशंसा' शब्द का विलोम शब्द क्या है ? • 'सफल' शब्द का विलोम शब्द क्या है ?

The anion of acetylaceton 9 chelate with Co3+. The rine (acac) forms Co(a..

Views: 5,942 CO ligand donate l.P to metal by r-fond. milal-aquire Partial negative charge. To nutralia this negative change melal netunm return back lp to co ligand in π ∗ 2 p orbibe (antibonding molecular orbital) so, that π-bond form b/w Metd carbon. This x-bond called synengic bond. Result . Back bonding form Views: 5,496 E and n F is the amoun of charge passed and Δ r ​ G is the Gibbs energy of the reaction, then Δ r ​ G = − n F E (cell) ​ It may be remembered that E is an intensil is an extensive thermodynamic property and the varameter but △ G Thus, if we write the reaction Zn ( s ) + Cu 2 + ( aq ) ⟶ Zn 2 + ( aq ) + Cu ( s ) Δ r ​ G = − 2 F E (cell) ​ ​ but when we write the reaction 2 Zn ( s ) + 2 Cu 2 + ( aq ) ⟶ 2 Zn 2 + ( aq ) + 2 Cu ( s ) Δ r ​ G = − 4 F E (cell) ​ ​ If the concentration of all the reacting species is unity, then E (ceell) ​ = E ( cell) ⊖ ​ and we have Δ r ​ G ∘ = − n F E (cell) ⊖ ​ Thus, from the measurement of E (cell) ⊖ ​ we can obtain thermodynamic quantity, Δ r ​ G ∘, standard Gibbs enes an important From the latter we can calculate equilibrium bonstargy of the reaction. Δ r ​ G θ = − RT ln K The anion of acetylaceton 9 chelate with Co 3 +. The rine (acac) forms Co ( acac ) 3 ​ (a) five membered rings of the chelate are (c) six membered (b) four membered (d) three membered. Updated On Jan 21, 2023 Topic Coordination Compounds Subject Chemistry Class Class 12 Answer Type Video solution: 4 Upvotes 423 Avg. Video Duration 2 min

CBSE Class 9 Hindi A संवाद लेखन

संवाद –‘वाद’ मूल शब्द में‘सम्’ उपसर्ग लगाने से‘संवाद’ शब्द बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ ‘बातचीत’ है। इसे वार्तालाप भी कहा जाता है। सामान्य रूप से दो लोगों के बीच होने वाली बातचीत को संवाद कहा जाता है। दो लोगों में हुई बातचीत को लिखना संवाद-लेखन कहलाता है। संवाद की विशेषता-संवाद में निम्नलिखित विशेषताएँ होनी चाहिए – • स्वाभाविकता-संवाद में स्वाभाविकता होनी चाहिए। पात्रों की अपनी स्थिति, संस्कार आदि को ध्यान में रखकर बोलना चाहिए। • पात्रानुकूल भाषा-संवाद में भाग ले रहे छात्रों की भाषा उनकी शिक्षा आयु आदि के अनुरूप होनी चाहिए। एक शिक्षित और उसके साथ संवाद कर रहे अनपढ़ की भाषा में अंतर नज़र आना चाहिए। • प्रभावीशैली-संवाद को बोलने की शैली प्रभावशाली होनी चाहिए। सुनने वाले पर संवादों का असर होना चाहिए। • जटिलता से दूर-संवाद की भाषा में जटिलता नहीं होनी चाहिए। इससे सुनने वाला बात को आसानी से समझ सकता है और यथोचित जवाब देता है। • शालीनता-संवाद की भाषा में शालीनता अवश्य होनी चाहिए। इसमें अशिष्ट भाषा के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। संवाद लेखन में ध्यान देने योग्य बातें– संवाद-लेखन में निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए। • संवाद की भाषा सरल तथा सहज होनी चाहिए। • संवाद लेखन में सरल तथा छोटे-छोटे वाक्यों का प्रयोग करना चाहिए। • भाषा सुनने वाले के मानसिक स्तर के अनुरूप होनी चाहिए। • संवाद लेखन में किसी एक पात्र के कथन को बहुत लंबा नहीं खींचना चाहिए। • भाव विचारों की पुनरुक्ति से बचना चाहिए। • संवाद लेखन के अंत में एक बार पढ़कर उसे दोहरा लेना चाहिए ताकि अशुद्धियों का निराकरण किया जा सके। संवाद लेखन के कुछ उदाहरण प्रश्नः 1. गाँव से कुछ दूरी पर रेलगाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई है, दो मित्र वह...

Class 12th Hindi Chapter 1 बातचीत बालकृष्ण भट्ट

whatsapp group link 👇 प्रश्न 1. बातचीत की कला अर्थात् ‘आर्ट ऑफ कनवरशेसन’ क्या है? (2011 A) उत्तर: प्रस्तुत निबंध में वाक्शक्ति की महत्ता तथा आर्ट ऑफ कनवरशेसन के आकर्षण शक्ति को प्रतिबिंबित किया गया है। यूरोप के लोगों का ‘आर्ट ऑफ कनवरशेसन’ जगत् प्रसिद्ध है। ‘आर्ट ऑफ कनवरशेसन’ का अर्थ है- वार्तालाप की कला। ‘आर्ट ऑफ कनवरशेसन’ के हुनर की बराबरी स्पीच और लेख दोनों नहीं कर पाते। इस हुनर की पूर्ण शोभा काव्यकला प्रवीण विद्वतमंडली में है। इस कला के माहिर व्यक्ति ऐसे चतुराई से प्रसंग छोड़ते हैं कि. श्रोताओं के लिए बातचीत कर्णप्रिय तथा अत्यंत सुखदायी होते हैं। सुहृद गोष्ठी इसी का नाम है। सुहृद गोष्ठी की विशेषता है कि वक्ता के वाकचातुर्य का अभिमान या कपट कहीं प्रकट नहीं हो पाता तथा बातचीत की सरसता बनी रहती है। प्रश्न 2. बातचीत के संबंध में वेन जॉनसन और एडीसन के क्या विचार है? उत्तरः मनुष्य की गुण-दोष प्रकट करने के लिए बातचीत आवश्यक है। बेन जॉनसन के अनुसार, “बोलने से ही मनुष्य के रूप का साक्षात्कार होता है, जो सर्वथा उचित है।” एडीसन के मतानुसार- “असल बातचीत सिर्फ दो व्यक्तियों में हो सकती है, जिसका तात्पर्य” यह हुआ कि जब दो आदमी होते हैं तभी अपना एक-दूसरे के सामने दिल खोलते हैं। तीसरे की उपस्थिति मात्र से ही बातचीत की धारा बदल जाती है।” तीन व्यक्तियों के बातचीत की मनोवृत्ति के प्रसरण की वह धारा बन जाती है मानो उस त्रिकोण की तीन रेखाएँ है। बातचीत में जब चार व्यक्ति लग जाते हैं तो ‘बेतकल्लुफी’ का स्थान ‘फॉर्मिलिटि’ ले लेती है। (2012 A, 2022 S) प्रश्न 3. अगर हममें वाक्शक्ति न होती, तो क्या होता? उत्तर : ईश्वर द्वारा प्रदत्त शक्तियों में वाक्शक्ति मनुष्य के लिए वरदान है। वाक्शक्ति के अनेक ...

1. बातचीत प्रश्न ( लघु उत्तरीय प्रश्न एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न )

Class 12th Model SET 2023 Download 1. अगर हममें वाशक्ति न होती तो क्या होता ? उत्तर ⇒हममें वाक्शक्ति न होती तो मनुष्य गूंगा होता, वह मूकबधिर होता। मनुष्य को सृष्टि की सबसे महत्वपूर्ण देन उसकी वाक्शक्ति है। इसी वाक्शक्ति के कारण वह समाज में वार्तालाप करता है। वह अपनी बातों को अभिव्यक्त करता है. और उसकी यही अभिव्यक्ति वाकशक्ति भाषा कहलाती है। व्यक्ति समाज में रहता है। इसलिए अन्य व्यक्ति के साथ उ पारस्परिक सम्बन्ध और कुछ जरूरतें होती हैं जिसके कारण वह वार्तालाप करता है। यह ईश्वर द्वारा दी हुई मनुष्य की अनमोल कृति है। इसी वाक्शक्ति के कारण वह मनुष्य है। यदि हममें इस वाकशक्ति का अभाव होता तो मनुष्य जानवरों की भाँति ही होता। वह अपनी क्रियाओं को अभिव्यक्त नहीं कर पाता। जो हम सुख-दुख इंद्रियों के कारण अनुभव करते हैं वह अवाक रहने के कारण नहीं कह पाते। 2. बातचीत के संबंध में बेन जॉनसन और एडिसन के क्या विचार हैं ? उत्तर ⇒ बातचीत के संदर्भ में विभिन्न विद्वानों ने अपने-अपने ढंग से अनेक विचार रखे हैं। इनमें बेन जॉनसन और एडिसन के विचारों को लेखक ने यहाँ उद्धृत किया है। बेन जॉनसन के अनुसार बोलने से ही मनुष्य के रूप का साक्षात्कार होता है। वास्तव में, जब तक मनुष्य बोलता नहीं तबतक उसका गुण-दोष प्रकट नहीं होता। दूसरे विद्वान एडिसन के अनुसार असल बातचीत केवल दो व्यक्तियों में हो सकती है। कहने का तात्पर्य है कि जब दो आदमी होते तभी अपना दिल एक-दूसरे के सामने खोलते हैं। तीसरे व्यक्ति की अनुपस्थिति मात्र से ही बातचीत की धारा बदल जाती है। जब चार आदमी हुए तो ‘बेतकल्लुफी’ का स्थान ‘फार्मेलिटी’ ले लेती है। अर्थात्. बातचीत सारगर्भित न होकर मात्र रस्म अदायगी भर रह जाती है। 3. ‘आर्ट ऑफ कनवरसेशन’ क्या है...

1. बातचीत प्रश्न ( लघु उत्तरीय प्रश्न एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न )

Class 12th Model SET 2023 Download 1. अगर हममें वाशक्ति न होती तो क्या होता ? उत्तर ⇒हममें वाक्शक्ति न होती तो मनुष्य गूंगा होता, वह मूकबधिर होता। मनुष्य को सृष्टि की सबसे महत्वपूर्ण देन उसकी वाक्शक्ति है। इसी वाक्शक्ति के कारण वह समाज में वार्तालाप करता है। वह अपनी बातों को अभिव्यक्त करता है. और उसकी यही अभिव्यक्ति वाकशक्ति भाषा कहलाती है। व्यक्ति समाज में रहता है। इसलिए अन्य व्यक्ति के साथ उ पारस्परिक सम्बन्ध और कुछ जरूरतें होती हैं जिसके कारण वह वार्तालाप करता है। यह ईश्वर द्वारा दी हुई मनुष्य की अनमोल कृति है। इसी वाक्शक्ति के कारण वह मनुष्य है। यदि हममें इस वाकशक्ति का अभाव होता तो मनुष्य जानवरों की भाँति ही होता। वह अपनी क्रियाओं को अभिव्यक्त नहीं कर पाता। जो हम सुख-दुख इंद्रियों के कारण अनुभव करते हैं वह अवाक रहने के कारण नहीं कह पाते। 2. बातचीत के संबंध में बेन जॉनसन और एडिसन के क्या विचार हैं ? उत्तर ⇒ बातचीत के संदर्भ में विभिन्न विद्वानों ने अपने-अपने ढंग से अनेक विचार रखे हैं। इनमें बेन जॉनसन और एडिसन के विचारों को लेखक ने यहाँ उद्धृत किया है। बेन जॉनसन के अनुसार बोलने से ही मनुष्य के रूप का साक्षात्कार होता है। वास्तव में, जब तक मनुष्य बोलता नहीं तबतक उसका गुण-दोष प्रकट नहीं होता। दूसरे विद्वान एडिसन के अनुसार असल बातचीत केवल दो व्यक्तियों में हो सकती है। कहने का तात्पर्य है कि जब दो आदमी होते तभी अपना दिल एक-दूसरे के सामने खोलते हैं। तीसरे व्यक्ति की अनुपस्थिति मात्र से ही बातचीत की धारा बदल जाती है। जब चार आदमी हुए तो ‘बेतकल्लुफी’ का स्थान ‘फार्मेलिटी’ ले लेती है। अर्थात्. बातचीत सारगर्भित न होकर मात्र रस्म अदायगी भर रह जाती है। 3. ‘आर्ट ऑफ कनवरसेशन’ क्या है...

CBSE Class 9 Hindi A संवाद लेखन

संवाद –‘वाद’ मूल शब्द में‘सम्’ उपसर्ग लगाने से‘संवाद’ शब्द बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ ‘बातचीत’ है। इसे वार्तालाप भी कहा जाता है। सामान्य रूप से दो लोगों के बीच होने वाली बातचीत को संवाद कहा जाता है। दो लोगों में हुई बातचीत को लिखना संवाद-लेखन कहलाता है। संवाद की विशेषता-संवाद में निम्नलिखित विशेषताएँ होनी चाहिए – • स्वाभाविकता-संवाद में स्वाभाविकता होनी चाहिए। पात्रों की अपनी स्थिति, संस्कार आदि को ध्यान में रखकर बोलना चाहिए। • पात्रानुकूल भाषा-संवाद में भाग ले रहे छात्रों की भाषा उनकी शिक्षा आयु आदि के अनुरूप होनी चाहिए। एक शिक्षित और उसके साथ संवाद कर रहे अनपढ़ की भाषा में अंतर नज़र आना चाहिए। • प्रभावीशैली-संवाद को बोलने की शैली प्रभावशाली होनी चाहिए। सुनने वाले पर संवादों का असर होना चाहिए। • जटिलता से दूर-संवाद की भाषा में जटिलता नहीं होनी चाहिए। इससे सुनने वाला बात को आसानी से समझ सकता है और यथोचित जवाब देता है। • शालीनता-संवाद की भाषा में शालीनता अवश्य होनी चाहिए। इसमें अशिष्ट भाषा के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। संवाद लेखन में ध्यान देने योग्य बातें– संवाद-लेखन में निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए। • संवाद की भाषा सरल तथा सहज होनी चाहिए। • संवाद लेखन में सरल तथा छोटे-छोटे वाक्यों का प्रयोग करना चाहिए। • भाषा सुनने वाले के मानसिक स्तर के अनुरूप होनी चाहिए। • संवाद लेखन में किसी एक पात्र के कथन को बहुत लंबा नहीं खींचना चाहिए। • भाव विचारों की पुनरुक्ति से बचना चाहिए। • संवाद लेखन के अंत में एक बार पढ़कर उसे दोहरा लेना चाहिए ताकि अशुद्धियों का निराकरण किया जा सके। संवाद लेखन के कुछ उदाहरण प्रश्नः 1. गाँव से कुछ दूरी पर रेलगाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई है, दो मित्र वह...

Class 12th Hindi Chapter 1 बातचीत बालकृष्ण भट्ट

whatsapp group link 👇 प्रश्न 1. बातचीत की कला अर्थात् ‘आर्ट ऑफ कनवरशेसन’ क्या है? (2011 A) उत्तर: प्रस्तुत निबंध में वाक्शक्ति की महत्ता तथा आर्ट ऑफ कनवरशेसन के आकर्षण शक्ति को प्रतिबिंबित किया गया है। यूरोप के लोगों का ‘आर्ट ऑफ कनवरशेसन’ जगत् प्रसिद्ध है। ‘आर्ट ऑफ कनवरशेसन’ का अर्थ है- वार्तालाप की कला। ‘आर्ट ऑफ कनवरशेसन’ के हुनर की बराबरी स्पीच और लेख दोनों नहीं कर पाते। इस हुनर की पूर्ण शोभा काव्यकला प्रवीण विद्वतमंडली में है। इस कला के माहिर व्यक्ति ऐसे चतुराई से प्रसंग छोड़ते हैं कि. श्रोताओं के लिए बातचीत कर्णप्रिय तथा अत्यंत सुखदायी होते हैं। सुहृद गोष्ठी इसी का नाम है। सुहृद गोष्ठी की विशेषता है कि वक्ता के वाकचातुर्य का अभिमान या कपट कहीं प्रकट नहीं हो पाता तथा बातचीत की सरसता बनी रहती है। प्रश्न 2. बातचीत के संबंध में वेन जॉनसन और एडीसन के क्या विचार है? उत्तरः मनुष्य की गुण-दोष प्रकट करने के लिए बातचीत आवश्यक है। बेन जॉनसन के अनुसार, “बोलने से ही मनुष्य के रूप का साक्षात्कार होता है, जो सर्वथा उचित है।” एडीसन के मतानुसार- “असल बातचीत सिर्फ दो व्यक्तियों में हो सकती है, जिसका तात्पर्य” यह हुआ कि जब दो आदमी होते हैं तभी अपना एक-दूसरे के सामने दिल खोलते हैं। तीसरे की उपस्थिति मात्र से ही बातचीत की धारा बदल जाती है।” तीन व्यक्तियों के बातचीत की मनोवृत्ति के प्रसरण की वह धारा बन जाती है मानो उस त्रिकोण की तीन रेखाएँ है। बातचीत में जब चार व्यक्ति लग जाते हैं तो ‘बेतकल्लुफी’ का स्थान ‘फॉर्मिलिटि’ ले लेती है। (2012 A, 2022 S) प्रश्न 3. अगर हममें वाक्शक्ति न होती, तो क्या होता? उत्तर : ईश्वर द्वारा प्रदत्त शक्तियों में वाक्शक्ति मनुष्य के लिए वरदान है। वाक्शक्ति के अनेक ...

बातचीत के सम्बन्ध में बेन जॉनसन और एडीसन के क्या विचार हैं?

उत्तर – बातचीत के सम्बन्ध में जॉनसन का मत है– बोलने से ही मनुष्य के रूप का साक्षात्कार होता है। यह विचार वास्तव में उचित ही है। एडीसन मानता है- असली बातचीत मात्र दो व्यक्तियों में हो सकती है। इसका तात्पर्य यह है कि जब दो व्यक्ति होंगे तभी वे अपने अन्त:करण का पर्दा एक-दूसरे के सामने हटा सकते हैं। जब तीन हुए तब तो बात कोसों दूर हो गयी। यह मान्यता उचित ही है कि छह कानों में पड़ी बात खुल जाती है। साथ ही बातचीत के मध्य यदि तीसरा आ जाये तो वे दोनों अपनी बातचीत बन्द कर देंगे अथवा आगे निपट मूर्ख और अज्ञानी समझ बनाने लगेंगे। यह भी वैज्ञानिक नियम है कि यदि दूध और ठण्डे पानी के दो बर्तन सामने रख दिये जायें तो दोनों ही प्रभावित हो उठेंगे-दूध ठण्डा हो सकता है और पानी गरम। यही स्थिति आदमी की है, अगर दो व्यक्ति पास-पास बैठे हों तो एक का असर दूसरे पर पड़ जाता है, भले ही एक-दूसरे को देखें भी नहीं । बिन बोले ही एक के शरीर की विद्युत दूसरे में प्रवेश करने लगती है। जब पास बैठने से इतना असर होता है तब बातचीत में कितना असर होता होगा। Related Questions • बुद्ध के जीवन की चार महत्वपूर्ण घटनाओं और उनसे संबद्ध चार स्थानों का नीचे उल्लेख है, यह दो स्तंभों (I) ... • चातकी किसके लिए तरसती है ? (A) चालक के लिए (B) प्रसाद जी की कविता के लिए (C) स्वाति नक्षत्र ... • 'पीठ दिखाना' मुहावरे का अर्थ क्या है ? • 'प्रशंसा' शब्द का विलोम शब्द क्या है ? • 'सफल' शब्द का विलोम शब्द क्या है ?

The anion of acetylaceton 9 chelate with Co3+. The rine (acac) forms Co(a..

Views: 5,658 1.8 निम्नलिखित जालकों में से प्रत्येक की एकक कोष्ठिका में कितने जालक बिंदु होते हैं? (i) फलक-केंद्रित घनीय, (ii) फलक-केंद्रित चतुष्कोणीय, (iii) अंतःकेंद्रित 1.9 समझाइए- (i) धात्चिक एवं आयनिक क्रिस्टलों में समानता एवं विभेद का आधार। (ii) आयनिक ठोस कठोर एवं भंगुर होते हैं। 1.10 निम्नलिखित के लिए धातु के क्रिस्टल में संकुलन क्षमता की गणना कीजिए। (i) सरल घनीय, (ii) अंतःकेंद्रित घनीय, (iii) फलक-केंद्रित घनीय। (यह मानते हुए कि परमाणु एक-दूसरे के संपर्क में हैं।) 1.11 चाँदी का क्रिस्टलीकरण f cc जालक में होता है। यदि इसकी कोष्ठिका के कोरों की लंबाई 4.07 × 1 0 − 8 cm तथा घनत्व 10.5 g cm − 3 हो तो चाँदी का परमाण्विक द्रव्यमान ज्ञात कीजिए। 1.12 एक घनीय ठोस दो तत्वों P एवं Q से बना है। घन के कोनों पर Q परमाणु एवं अंतः केंद्र पर P परमाणु स्थित हैं। इस यौगिक का सूत्र क्या है? P एवं Q की उपसहसंयोजन संख्या क्या है? 1.13 नायोबियम का क्रिस्टलीकरण अंतःकेंद्रित घनीय संरचना में होता है। यदि इसका घनत्व 8.55 g cm − 3 हो तो इसके परमाण्विक द्रव्यमान 93 u का प्रयोग करके परमाणु त्रिज्या की गणना कीजिए। 1.14 यदि अष्टफलकीय रिक्ति की त्रिज्या r हो तथा निविड संकुलन में परमाणुओं की त्रिज्या R हो तो r एवं R में संबंध स्थापित कीजिए। 1.15 कॉपर f ∘ c जालक रूप में क्रिस्टलीकृत होता है जिसके कोर की लंबाई 3.61 × 1 0 − 8 cm है। यह दर्शाइए कि गणना किए गए घनत्व के मान तथा मापे गए घनत्व 8.92 g cm − 3 में समानता है। The anion of acetylaceton 9 chelate with Co 3 +. The rine (acac) forms Co ( acac ) 3 ​ (a) five membered rings of the chelate are (c) six membered (b) four membered (d) three membered. Update...