Bajrang baan in hindi

  1. श्री बजरंग बाण हिंदी अर्थ सहित
  2. Bajrang Baan Lyrics in hindi
  3. hanuman bajrang baan lyrics hindi in hindi pdf
  4. बजरंग बाण
  5. बजरंग बाण पाठ के लाभ, फायदे, पूजन विधि व नियम (Bajrang Baanpaath ke laabh ya fayade, poojan vidhi v niyam in hindi)


Download: Bajrang baan in hindi
Size: 25.17 MB

श्री बजरंग बाण हिंदी अर्थ सहित

बजरंग बाण का पाठ करना हनुमान जी को अति प्रिय है। हनुमान चालीसा और बजरंग बाण ( Bajrang Baan) के पाठ हमेशा बोलकर करने चाहिए जबकि मंत्र द्वारा आराधना में ऐसी मान्यता है कि जो भक्त नियमित रूप से बजरंग बाण का पाठ करते है उनके लिए यह अचूक बाण का कार्य करता है। किसी भी कार्य की सिद्धि के लिए बजरंग बाण का प्रयोग करने से कार्य अवश्य ही सिद्ध होता है। Quick Links • • • बजरंग बाण पाठ करने के लाभ (Bajrang Baan Benefits in hindi) • नियमित रूप से बजरंग बाण का पाठ करने से सभी प्रकार से भय आदि से मुक्ति मिलती है और आत्मविश्वास बढ़ता है। • यदि आप अपने शत्रुओं से परेशान है तो बजरंग बाण का नियमित 7 बार पाठ करें और मात्र 21 दिन में ही आपके शत्रु परास्त होने लगेंगे। • अपने व्यापार और कारोबार में वृद्धि के लिए अपने ऑफिस (कार्य स्थल) पर पाँच मंगलवार तक 7 बार बजरंग बाण का पाठ करें। • जिन व्यक्तियों के बने -बनाये कार्य बिगड़ जाते हो उन्हें अपनी दैनिक पूजा में बजरंग बाण का पाठ अवश्य करना चाहिए। • नियमित रूप से बजरंग बाण का पाठ व्यक्ति में साहस बढ़ाने के साथ -साथ सकारात्मक उर्जा का संचार करता है। • कदली वन, या कदली वृक्ष के नीचे बजरंग बाण का पाठ करने से विवाह की बाधा खत्म हो जाती है। यहां तक कि तलाक जैसे कुयोग भी टलते हैं • अगर किसी प्रकार के ग्रहदोष से पीड़ित हों, तो प्रात:काल बजरंग बाण का पाठ, आटे के दीप में लाल बत्ती जलाकर करें। ऐसा करने से बड़े से बड़ा ग्रह दोष पल भर में टल जायेगा। • राहु से नुकसान की भरपाई अगर शनि,राहु,केतु जैसे क्रूर ग्रहों की दशा,महादशा चल रही हो तो उड़द दाल के 21 या 51 बड़े एक धागे में माला बनाकर चढ़ायें। सारे बड़े प्रसाद के रुप में बांट दें। आपको तिल के तेल का दीपक जलाकर सिर्फ...

Bajrang Baan Lyrics in hindi

सभी पाठकों को Bajrang Baan Lyrics in hindi को प्रारम्भ करते हैं। एक बार सभी जय श्री राम और जय हनुमान का जप जरूर करे। Bajrang Baan Lyrics in hindi (बजरंग बाण) Bajrang Baan (बजरंग बाण) जैसा की नाम से ही पता चल रहा है, जो कोई भी Bajrang Baan (बजरंग बाण) का पाठ करता है, उसके सभी दुखों और कष्टों पर प्रभु हनुमान जी बाण का प्रयोग कर उन्हें नष्ट कर देते है। आपको आगे यह भी मिलेगा की कब आपको Bajrang Baan (बजरंग बाण) का पाठ करना चाहिए। • • • • • • • Bajrang Baan kab padhna chahiye ( बजरंग बाण कब पढ़ना चाहिए) Bajrang Baan (बजरंग बाण) का पाठ मंगलवार और शनिवार को करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा हनुमान जी के जन्मोत्सव के दिन भी Bajrang Baan (बजरंग बाण) का पाठ किया जाता है। ऐसा पुराने लोग बताते है, लेकिन भगवन को तो जब याद किया जाए वो तो प्रसन्न हो ही जाते है। इसलिए रोज हनुमान चालीसा का पाठ करें और फिर मंगलवार और शनिवार को बजरंग बाण का पाठ करें। Bajrang Baan (बजरंग बाण) ” दोहा “ “निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान।” “तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥” “चौपाई” जय हनुमन्त सन्त हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी।। जन के काज विलम्ब न कीजै। आतुर दौरि महासुख दीजै।। जैसे कूदि सिन्धु महि पारा। सुरसा बदन पैठि विस्तारा।। आगे जाई लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुर लोका।। जाय विभीषण को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा।। बाग़ उजारि सिन्धु महँ बोरा। अति आतुर जमकातर तोरा।। अक्षयकुमार को मारि संहारा। लूम लपेट लंक को जारा।। लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुरपुर में भई।। अब विलम्ब केहि कारण स्वामी। कृपा करहु उर अन्तर्यामी।। जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता। आतुर होय दुख हरहु निपाता।। जै गिरिधर जै...

hanuman bajrang baan lyrics hindi in hindi pdf

hanuman bajrang baan lyrics in hindi pdf Bajrang Baan Pdf दोहा निश्चय प्रेम प्रतीत ते, विनय करें सनमान ॥ तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैंहनुमान॥ चौपाई जय हनुमंत संत हितकारी ॥ सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ॥1॥ जन के काज विलम्ब न कीजै ॥ आतुर दौरि महा सुख दीजै ॥2॥ जैसे कूदि सुन्धु वहि पारा ॥ सुरसा बद पैठि विस्तारा ॥3॥ आगे जाई लंकिनी रोका ॥ मारेहु लात गई सुर लोका ॥4॥ जाय विभीषण को सुख दीन्हा ॥ सीता निरखि परम पद लीन्हा ॥5॥ बाग उजारी सिंधु महं बोरा ॥ अति आतुर जमकातर तोरा ॥6॥ अक्षय कुमार मारि संहारा ॥ लूम लपेट लंक को जारा ॥7॥ लाह समान लंक जरि गई ॥ जय जय धुनि सुरपुर में भई ॥8॥ अब विलम्ब केहि कारण स्वामी ॥ कृपा करहु उन अन्तर्यामी ॥9॥ जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता ॥ आतुर होय दुख हरहु निपाता ॥10॥ जै गिरिधर जै जै सुखसागर ॥ सुर समूह समरथ भटनागर ॥11॥ जय हनु हनु हनुमंत हठीले ॥ बैरिहि मारु बज्र की कीले ॥12॥ गदा बज्र लै बैरिहिं मारो ॥ महाराज प्रभु दास उबारो ॥13॥ ॐ कार हुंकार महाप्रभु धावो ॥ बज्र गदा हनु विलम्ब न लावो ॥14॥ ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा ॥ ॐ हुं हुं हनु अरि उर शीशा ॥15॥ सत्य होहु हरि शपथ पाय के ॥ रामदूत धरु मारु जाय के ॥16॥ जय जय जय हनुमंत अगाधा ॥ दुःख पावत जन केहि अपराधा ॥17॥ पूजा जप तप नेम अचारा ॥ नहिं जानत हौं दास तुम्हारा ॥18॥ वन उपवन, मग गिरि गृह माहीं ॥ तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं ॥19॥ पांय परों कर जोरि मनावौं ॥ यहि अवसर अब केहि गोहरावौं ॥20॥ जय अंजनि कुमार बलवन्ता ॥ शंकर सुवन वीर हनुमंता ॥21॥ बदन कराल काल कुल घालक ॥ राम सहाय सदा प्रति पालक ॥22॥ भूत प्रेत पिशाच निशाचर ॥ अग्नि बेताल काल मारी मर ॥23॥ इन्हें मारु तोहिं शपथरामकी ॥ राखु नाथ मरजाद नाम की ॥24॥ जनकसुता हरि दास कहावौ ॥...

बजरंग बाण

॥ चौपाई ॥ जय हनुमंत संत हितकारी । सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ॥०१॥ जन के काज विलम्ब न कीजै । आतुर दौरि महा सुख दीजै ॥०२॥ जैसे कूदि सिन्धु वहि पारा । सुरसा बद पैठि विस्तारा ॥०३॥ आगे जाई लंकिनी रोका । मारेहु लात गई सुर लोका ॥०४॥ जाय विभीषण को सुख दीन्हा । सीता निरखि परम पद लीन्हा ॥०५॥ बाग उजारी सिंधु महं बोरा । अति आतुर यम कातर तोरा ॥०६॥ अक्षय कुमार मारि संहारा । लूम लपेट लंक को जारा ॥०७॥ लाह समान लंक जरि गई । जय जय धुनि सुर पुर महं भई ॥०८॥ अब विलम्ब केहि कारण स्वामी । कृपा करहु उर अन्तर्यामी ॥०९॥ जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता । आतुर होय दुख हरहु निपाता ॥१०॥ जै गिरिधर जै जै सुखसागर । सुर समूह समरथ भटनागर ॥११॥ ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमन्त हठीले। बैरिहिं मारू बज्र की कीले ॥१२॥ गदा बज्र लै बैरिहिं मारो । महाराज प्रभु दास उबारो ॥१३॥ ॐ कार हुंकार महाप्रभु धावो । बज्र गदा हनु विलम्ब न लावो ॥१४॥ ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा । ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर शीशा ॥१५॥ सत्य होहु हरि शपथ पाय के । रामदूत धरु मारु धाय के ॥१६॥ जय जय जय हनुमंत अगाधा । दु:ख पावत जन केहि अपराधा ॥१७॥ पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत कछु दास तुम्हारा ॥१८॥ वन उपवन, मग गिरि गृह माहीं । तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं ॥१९॥ पांय परों कर जोरि मनावौं । यहि अवसर अब केहि गोहरावौं ॥२०॥ जय अंजनि कुमार बलवन्ता । शंकर सुवन वीर हनुमंता ॥२१॥ बदन कराल काल कुल घालक । राम सहाय सदा प्रति पालक ॥२२॥ भूत प्रेत पिशाच निशाचर । अग्नि बेताल काल मारी मर ॥२३॥ इन्हें मारु तोहिं शपथ राम की । राखु नाथ मरजाद नाम की ॥२४॥ जनकसुता हरि दास कहावौ । ताकी शपथ विलम्ब न लावो ॥२५॥ जय जय जय धुनि होत अकाशा । सुमिरत होत दुसह दुःख नाशा ॥२६॥ चरण शरण कर जोरि मनावौ । यहि अवस...

बजरंग बाण पाठ के लाभ, फायदे, पूजन विधि व नियम (Bajrang Baanpaath ke laabh ya fayade, poojan vidhi v niyam in hindi)

नमस्कार, दोस्तों जब भी हनुमान भक्ति की बात आती है तो उसमें सबसे प्रमुख रूप से हनुमान चालीसा या गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित सुंदरकांड की बात की जाती है। हम आपको इस लेख में महाबली, पवनसुत, केसरी नंदन हनुमान जी के एक बहुत ही अद्भुत पाठ के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका नाम में बजरंग बाण (Bajrang Baan)। बजरंग बाण को हनुमान जी के शक्तिशाली पाठों के अंतर्गत शामिल किया जाता है। आज के इस लेख में हम क्या है बजरंग बाण की महिमा(ky h bajrang baan ki mahima) , बजरंग बाण पढ़ने से होने वाले फायदे (bajrang baan padhne se hone wale fayde), बजरंग बाण के पाठ की पूजा विधि (bajrang baan pooja vidhi) आदि के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। बजरंग बाण की महिमा (Bajrang Baan ki mahima in hindi) बजरंग बाण हनुमान जी का एक शक्तिशाली पाठ हैं। बजरंग बाण के अंतर्गत हनुमान जी के बल, बुद्धि व उनके गुणों का बखान करते हुए हनुमान जी को श्री राम जी की दुहाई अर्थात सौगंध (कसम) दी जाती है कि जिस प्रकार आपने श्रीराम के कार्यों को पूर्ण किया है, आपको श्री राम की दुहाई है उसी प्रकार आपको मेरे कार्यों को भी सफल करना होगा। Bajrang Baan एक आसन बिछाकर उसके सामने हनुमान जी व श्री राम जी का चित्र रखकर बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए। हनुमान जी को शुद्ध गाय के घी का दीपक जलाकर उन्हें पुष्प, अक्षत सिंदूर आदि को अर्पित करना चाहिए। प्रसाद में उन्हें बेसन के लड्डू, मोतीचूर के लड्डू, गुड़ या चना, चिरौंजीआदि का भोग लगाना चाहिए। बजरंग बाण के लाभ या फायदे (Bajrang Baan ke labh ya fayde in hindi) शत्रुओं व विरोधियों से मुक्ति हेतु :- जब व्यक्ति अपने कार्य में प्रगति करने लगता है तो ना चाहते हुए भी उसके अनेक शत्रु उत्पन्न हो जाते...