Bal manovigyan

  1. बालकों का भावनात्मक निर्माण (बाल मनोविज्ञान) : पं० श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा हिंदी पीडीऍफ़ पुस्तक
  2. बाल विकास एवं मनोविज्ञान शॉर्ट्स नोट्स
  3. बाल विकास एवं शिक्षा मनोविज्ञान के महत्वपूर्ण सिद्धांत NOTES for Teacher's Exam
  4. SUPER TET 2022 Bal Manovigyan MCQ: सुपर टेट परीक्षा में पूछे जाते हैं 'बाल मनोविज्ञान' से 10 अंक के सवाल, यहां पढ़ें संभावित प्रश्न
  5. Manovigyan (Psychology), Bal Manovigyan (बाल मनोविज्ञान)
  6. बाल मनोविज्ञान का अर्थ एवं सम्प्रत्यय (Meaning And Concept Of Child Psychology In Hindi)


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बालकों का भावनात्मक निर्माण (बाल मनोविज्ञान) : पं० श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा हिंदी पीडीऍफ़ पुस्तक

सभी Hindi Pdf Book यहाँ देखें सभी Audiobooks in Hindi यहाँ सुनें बालकों का भावनात्मक निर्माण (बाल मनोविज्ञान) पीडीऍफ़ पुस्तक का संछिप्त विवरण : हमारे सामने आज कितनी समस्याएँ मुँह बाये खड़ी हैं। राष्ट्रीय सामाजिक तथा नैतिक पुनरुत्थान का बहुत बड़ा दायित्व आज हमारे कंधों पर आ पड़ा है। इसी दायित्व को कल हम आने वाली पीढ़ के कंधों पर रखेंगे । यदि उनके कंधे कमजोर हुए तो वे लड़खड़ा जाएँगे । उन्हें आज से ही जुटना पड़ेगा. ऐसे सुदृढ़ बनाने में Balkon Ka Bhavanatmak Nirman (Bal Manovigyan) PDF Pustak Ka Sankshipt Vivaran : Hamare Samne aaj kitni Samasyayen munh baye khadei hain. Rashtriya, samajik tatha Naitik Punarutthan ka bahut bada dayitv aaj hamare kandhon par aa pada hai. Isei Dayitv ko kal ham aane vali peedhei ke kandhon par rakhenge . Yadi unke kandhe kamjor huye to ve ladakhada jayenge. Unhen aaj se hei aise sudrdh banane mein jutana padega…….. Short Description of Balkon Ka Bhavanatmak Nirman (Bal Manovigyan) Hindi PDF Book : How many problems are facing us today? The great responsibility of national, social and moral revival has fallen on our shoulders today. Tomorrow we will place this responsibility on the shoulders of the coming generation. If their shoulders are weak, they will stumble. They will have to work in making them strong from today itself….. 44Books का एंड्रोइड एप डाउनलोड करें “बेहतर प्रतिष्ठा पैसे से कहीं अधिक मूल्यवान होती है।” ‐ पब्लिलियस सायरस “A good reputation is more valuable than money.” ‐ Publilius Syrus Related Posts: • तर्कशास्त्र- केदार नाथ राम नाथ...

बाल विकास एवं मनोविज्ञान शॉर्ट्स नोट्स

देखिए अमेज़ॉन में आज का ऑफर 50% तक की छूट ● बालक के जन्म से पूर्व एवं पश्चात जो भी परिवर्तन दिखाई देते हैं वे सभी विकास की प्रक्रिया का ही अंग है। ● विकास की प्रक्रिया के अन्तर्गत बालक के विकास की मुख्य तीन अवस्थाएं मानी जाती हैं। शैशवावस्था, बाल्यावस्था एवं किशोरावस्था। ● बालक के विकास की प्रक्रिया का ज्ञान शिक्षक माता – पिता एवं समाज के लिए अत्यंत आवश्यक है। ताकि वे बालक समुचित विकास में अपना योगदान दे सकें। ● शैशवावस्था – बालक के विकास का निर्माण काल भी कहा जाता है। यह जन्म से पांच वर्ष तक मानी जाती है। इसी अवस्था में बालक के भावी जीवन का निर्माण किया जा सकता है। ● शैशवावस्था के पश्चात् बालक की बाल्यावस्था प्रारंभ हो जाती है। इसे विकास की अवस्था का अनोखा काल भी कहते हैं। इसको 6 से 12 वर्ष तक माना गया है। ● किशोरावस्था 12 वर्ष से 18 वर्ष मानी जाती है। इसे विकास की अवस्थाएं में सबसे कठिन काल के नाम से जाना जाता है। इसमें बालक में शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं संवेगात्मक परिवर्तन बहुत तेजी से होते हैं। ● किशोरावस्था को वय सन्धि काल से भी जाना जाता है। इसमें बालक में सन्तानोत्पत्ति की क्षमता का विकास होता है। ● बालक के जन्म के पश्चात् से विकास की प्रक्रिया के अन्तर्गत विभिन्न अवस्थाओं में शिक्षा का स्वरूप सुनिश्चित किया जाना अत्यंत आवश्यक है। बालक की भिन्नाओं को ध्यान में रखते हुए शिक्षा की व्यवस्था उपलब्ध कराना शिक्षक, अभिभावक एवं समाज का दायित्व होता है। 2. विकास एवं विकास को प्रभावित करने वाले करक ● किसी भी प्राणी के विकास की प्रक्रिया का आरंभ गर्भाधान के बाद ही प्रांरभ हो जाता है। जो कि जीवन पर्यन्त चलता रहता है। यह एक सार्वभौमिक है। ● विकास केवल शारीरिक वृद्धि को ही नहीं...

बाल विकास एवं शिक्षा मनोविज्ञान के महत्वपूर्ण सिद्धांत NOTES for Teacher's Exam

बाल विकास एवं शिक्षा मनोविज्ञान (Bal Vikas Shiksha Manovigyan) के महत्वपूर्ण सिद्धांत और उनके प्रतिपादक: शिक्षा भर्ती परीक्षाएं जैसे कि CTET, UPTET, REET, KVS, NVS, MPTETआदि में बाल विकास एवं शिक्षा मनोविज्ञान (Bal Vikas Shiksha Manovigyan) के महत्वपूर्ण सिद्धांत और उनके प्रतिपादक के बारे अक्सर प्रश्न पूछ लिए जाते है तो यदि आप टीईटी परीक्षाओ की तैयारी कर रहे है तो इस आर्टिकल मे दी गई जानकारी आपके बहुत काम आएगी। Advertisement ये भी पढ़ें: • बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र (Child Development and Pedagogy) top 50 oneliner • शिक्षण विधियाँ एवं उनके प्रतिपादक/मनोविज्ञान की विधियां,सिद्धांत: ( Downoad pdf) • बाल विकास एवं शिक्षा मनोविज्ञान के महत्वपूर्ण सिद्धांत NOTES for Teacher’s Exam • यहा हम बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र“Bal Vikas Shiksha Manovigyan Notes”के अंतर्गत विभिन्न विद्वानों द्वारा दिए गए सिद्धांत को जानेंगे इसके साथ ही हमने उन सभी विद्वानों के सिद्धांतों को सम्मिलित किया है जो की परीक्षा में पूछे जाने की पूर्ण रूप से संभावना है आशा है यह पोस्ट आपके परीक्षा की दृष्टि से सहायक सिद्ध होगा। Important Principles of Child Development and Education Psychology and Their Exhibitors बाल विकास एवं शिक्षा मनोविज्ञान के संपूर्ण सिद्धांत और उनके प्रतिपादक क्र. सिद्धांत प्रतिपादक 1. आत्म संप्रत्यय की अवधारणा विलियम जेम्स 2. शिक्षा मनोविज्ञान के जनक थार्नडाइक 3. मनोविज्ञान के जनक विलियम जेम्स 4 आधुनिक मनोविज्ञान के जनक विलियम जेम्स 5 प्रयास एवं त्रुटि का सिद्धांत थार्नडाइक 6 प्रयत्न एवं भूल का सिद्धांत थार्नडाइक 7 प्रकार्यवाद संप्रदाय के जनक विलियम जेम्स 8 संयोजनबाद का सिद्धांत थार्नडाइक...

SUPER TET 2022 Bal Manovigyan MCQ: सुपर टेट परीक्षा में पूछे जाते हैं 'बाल मनोविज्ञान' से 10 अंक के सवाल, यहां पढ़ें संभावित प्रश्न

Bal Manovigyan for Super TET: उत्तर प्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को Super Tet भर्ती प्रक्रिया शुरू होने का इंतजार लंबे समय से है प्रदेश में विधानसभा चुनाव के चलते इस भर्ती प्रक्रिया में पहले ही विलंब हो चुका है कयास लगाए जा रहे हैं कि अब उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा के परिणाम जारी होने के बाद सुपर टेट भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी ऐसे में परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को अभी से अपनी पढ़ाई पर फोकस शुरू कर देना चाहिए ताकि बेहतर अंकों के साथ सफलता अर्जित की जा सके. Advertisement शिक्षक पात्रता परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए हमारे द्वारा रोजाना प्रैक्टिस सेट और रिवीजन क्वेश्चन उपलब्ध करवाए जा रहे हैं इसके साथ ही विगत वर्षो में पूछे गए सवालों को भी हम आपके लिए रोजाना लेकर आते हैं उसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए आज हम परीक्षा में पूछे जाने वाले ‘बाल मनोविज्ञान’ (Child Psychology) से संबंधित सवाल लेकर आए हैं जिन्हें आपको परीक्षा के दृष्टिकोण से एक नजर अवश्य पढ़ लेना चाहिए. बाल मनोविज्ञान के अंतर्गत परीक्षा में पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण सवाल—Bal manovigyan practice questions for super TET exam 2020 1. पूर्ण से अंश की ओर शिक्षण सूत्र आधारित है (a) गेस्टाल्ट मनोविज्ञान पर (b) बाल मनोविज्ञान पर (c) प्राणी विज्ञान पर Ans.c 3. भारत के देशव्यापी शिशु शिक्षा कार्यक्रम का संचालन कब किया गया? (a) 2 अगस्त 1974 में (b) 2 अक्टूबर 1975 में (c) 2 सितम्बर 1982 में (d) 2 अगस्त 1982 में Ans.b 4. शिक्षा में पंचपदीय प्रणाली का प्रतिपादन किस विद्वान ने किया? (a) अरस्तू ने (b) रूसो ने (c) हरबर्ट ने (d) प्लेटो ने Ans.c 5. बहिर्मुखी प्रवृत्ति का...

Manovigyan (Psychology), Bal Manovigyan (बाल मनोविज्ञान)

बाल मनोविज्ञान (Child Psychology) मनोविज्ञान (Psychology, Manovigyan) वह शैक्षिक व अनुप्रयोगात्मक विद्या है जो प्राणी (मनुष्य, पशु आदि) के मानसिक प्रक्रियाओं (mental processes), अनुभवों तथा व्यक्त व अव्यक्त दाेनाें प्रकार के व्यवहाराें का एक क्रमबद्ध तथा वैज्ञानिक अध्ययन करती है। दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि मनोविज्ञान एक ऐसा विज्ञान है जो क्रमबद्ध रूप से (systematically) प्रेक्षणीय व्यवहार (observable behaviour) का अध्ययन करता है तथा प्राणी के भीतर के मानसिक एवं दैहिक प्रक्रियाओं जैसे – चिन्तन, भाव आदि तथा वातावरण की घटनाओं के साथ उनका संबंध जोड़कर अध्ययन करता है। इस परिप्रेक्ष्य में मनोविज्ञान को व्यवहार एवं मानसिक प्रक्रियाओं के अध्ययन का विज्ञान कहा गया है। ‘व्यवहार’ में मानव व्यवहार तथा पशु व्यवहार दोनों ही सम्मिलित होते हैं। मानसिक प्रक्रियाओं के अन्तर्गत संवेदन (Sensation), अवधान (attention), प्रत्यक्षण (Perception), सीखना (अधिगम), स्मृति, चिन्तन आदि आते हैं। मनोविज्ञान अनुभव का विज्ञान है, इसका उद्देश्य चेतनावस्था की प्रक्रिया के तत्त्वों का विश्लेषण, उनके परस्पर संबंधों का स्वरूप तथा उन्हें निर्धारित करनेवाले नियमों का पता लगाना है। सम्पूर्ण बाल मनोविज्ञान • • • • • • • सांख्यिकी (Statistics) मनोविज्ञान की परिभाषायें वाटसन के अनुसार, ” मनोविज्ञान, व्यवहार का निश्चित या शुद्ध विज्ञान है।” मैक्डूगल के अनुसार, ” मनोविज्ञान, आचरण एवं व्यवहार का यथार्थ विज्ञान है।” वुडवर्थ के अनुसार, ” मनोविज्ञान, वातावरण के सम्पर्क में होने वाले मानव व्यवहारों का विज्ञान है।” क्रो एण्ड क्रो के अनुसार, ” मनोविज्ञान मानव–व्यवहार और मानव सम्बन्धों का अध्ययन है।” बोरिंग के अनुसार...

बाल मनोविज्ञान का अर्थ एवं सम्प्रत्यय (Meaning And Concept Of Child Psychology In Hindi)

बाल मनोविज्ञान का अर्थ एवं सम्प्रत्यय (Meaning And Concept Of Child Psychology In Hindi) बाल मनोविज्ञान का अर्थ क्या है? (Meaning Of Child Psychology) बालमनोविज्ञान, मनोविज्ञान विषय में अपना महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है। इसमें गर्भस्थ शिशु की अवस्था से 12 वर्ष की आयु तक के बालक के विकास , भाषा, मानसिक शक्तियों, बुद्धि, सीखना, व्यक्तित्व आदि सभी विषयों का अध्ययन किया जाता है। • उसके वंशानुक्रम का उसकी वृद्धि में क्या योगदान है ? • वह कौन-सी प्रेरणाएँ हैं जिन्हें वह जन्म से लेकर आया है ? • बालक की बुद्धि किस प्रकार विकसित होती है ? इन सभी बातों का उत्तर बाल मनोविज्ञान विषय देता है। बालक के विकास के साथ सम्वेदना, प्रत्यक्ष, स्मृति, कल्पना आदि मानसिक क्रियाओं की उत्पत्ति और विकास का अध्ययन बाल मनोविज्ञान में किया जाता है। शाब्दिक दृष्टि से विचार करे तो हम बाल-मनोविज्ञान यदि केवल बालक के मानसिक विकास का ही अध्ययन प्रस्तुत करेगा तो यह बड़ा सीमित दृष्टिकोण होगा। हम प्रौढ़ व्यक्ति के मन का अध्ययन भी ठीक प्रकार से नहीं कर सकते, फिर बाल-मन का अध्ययन करना तो और भी कठिन कार्य होगा। बालकों की शारीरिक चेष्टाएँ, शारीरिक क्रियाएँ, शारीरिक गतिविधियाँ-इन सब के द्वारा बाल-मन का अध्ययन बड़ी सरलता से किया जा सकता है। अतएव हम कह सकते हैं कि 'बाल-मनोविज्ञान बालकों के शारीरिक तथा मानसिक विकास का अध्ययन करता है। बाल मनोविज्ञान की परिभाषा (Definition Of Child Psychology) क्रो और क्रो के अनुसार, "बाल-मनोविज्ञान वह वैज्ञानिक अध्ययन है जो व्यक्ति के विकास का अध्ययन गर्भकाल के प्रारम्भ से किशोरावस्था की प्रारम्भिक अवस्था तक करता है।" जेम्स ड्रेवर के अनुसार, "बाल-मनोविज्ञान की वह शाखा है जिसमें जन्म से पर...