Balyavastha mein hone wale rogon ki suchi bataen

  1. भारतीय संविधान के अनुच्छेद, अनुसूचियां, भाग और विशेषताएं
  2. सूक्ष्म जीव के प्रकार
  3. भारत के 28 राज्यों में बोली जाने वाली 22 भाषाएं
  4. Ayushman Card List 2023 Village Wise, Name Check, New List
  5. प्रोटीन की कमी से होने वाले रोग
  6. संक्रामक रोग क्या है और इसके लक्षण क्या है


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भारतीय संविधान के अनुच्छेद, अनुसूचियां, भाग और विशेषताएं

भारतीय संविधान के 22 भाग, 465 अनुच्छेद एवं 12 अनुसूचियाँ: भारत, संसदीय प्रणाली की सरकार वाला एक प्रभुसत्ता सम्पन्न, समाजवादी धर्मनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य है। यह गणराज्य भारत के संविधान के अनुसार शासित है। संविधान बनाने वाली कमिटी के अध्यक्ष डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर को बनाया गया था। भारतीय संविधानका निर्माण डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर ने 2 वर्ष, 11 महीने और 18 दिन में किया। भारत का संविधान 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ। 26 जनवरी का दिन भारत में गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। 26 जनवरी का इतिहास दिसम्बर 1929 में, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का वार्षिक अधिवेशन तत्कालीन पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर में हुआ और इसकी अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी। इस अधिवेशन में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने "पूर्ण स्वराज्य" के प्रस्ताव को पेश करके संपूर्ण भारत में क्रान्ति ला दी थी, उन्होने 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने का निश्चय किया जिसके बाद 26 जनवरी 1930 को पूरे देश में अलग-अलग जगाहों पर सभाओं का आयोजन किया गया, जिनमें सभी लोगों ने सामूहिक रूप से स्वतंत्रता प्राप्त करने की शपथ ली और झंडा फहराया गया परंतु भारत 26 जनवरी के बजाए 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ था जिसके बाद से इस दिन के इतिहास को जिंदा रखने के लिए भारतीय संविधान को 26 जनवरी 1950 में लागू किया गया था। भारतीय संविधान की विशेषताएं: • भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है। • भारतीय संविधान को बनने में लगभग 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था। • भारतीय संविधान 26 नवम्बर 1949 को बनकर तैयार हो चुका था लेकिन इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया ग...

सूक्ष्म जीव के प्रकार

सूक्ष्मजीवों का संसार अत्यन्त विविधता से बह्रा हुआ है। सूक्ष्मजीवों के अन्तर्गत सभी जीवाणु (बैक्टीरिया) और आर्किया तथा लगभग सभी प्रोटोजोआ के अलावा कुछ कवक (फंगी), शैवाल (एल्गी), और चक्रधर (रॉटिफर) आदि जीव आते हैं। बहुत से अन्य जीवों तथा पादपों के शिशु भी सूक्ष्मजीव ही होते हैं। कुछ सूक्ष्मजीवविज्ञानी विषाणुओं को भी सूक्ष्मजीव के अन्दर रखते हैं किन्तु अन्य लोग इन्हें 'निर्जीव' मानते हैं।

भारत के 28 राज्यों में बोली जाने वाली 22 भाषाएं

भारत के कौन-से राज्य में कौन-सी भाषा बोली जाती है पर आधारित सामान्य ज्ञान: भारतीय राज्य देश के संघीय प्रशासनिक ढाँचे की एक उप-राष्ट्रीय प्रशासनिक इकाई हैं। भारत के राज्यों की अपनी चुनी हुई सरकारें होती हैं, जिनका चुनाव उस राज्य के मतदाताओं द्वारा प्रति पाँच वर्ष की अवधि पर किया जाता है। प्रत्येक राज्य की अपनी विधानसभा भी होती हैं, जो राज्य स्तर पर भारत की संसद के समान ही हैं, जहाँ से राज्य सरकार, राज्य में शासन चलाती है। संसार में सबसे बड़ा गणतन्त्र, भारत गणराज्य में 28 राज्य और 9 केंद्र शासित प्रदेश हैं। राज्य का मुखिया मुख्यमंत्री होता हैं और केंद्र शासित प्रदेश का मुखिया को उप-राज्यपाल या प्रशासक कहा जाता हैं। भारत के 28 राज्य और 22 भाषाओं के नाम भारत अनेकता में एकता प्रदर्शित करने वाला देश हैं। यहाँ हर एक राज्य में अलग-अलग भाषाएँ बोली जाती हैं, रहन-सहन और बोली और संस्कृति भी हर 40-50 किलोमीटर में ही अलग दिखाई देती हैं। भारत में विभिन्नता का स्वरूप न केवल भौगोलिक है, बल्कि भाषायी तथा सांस्कृतिक भी है। हिन्दी भाषा को भारत की राजकीय और आधिकारिक भाषा का दर्जा प्रदान किया गया है और हिंदी भारत के 10 राज्यों की राजकीय भाषा है। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 1652 मातृभाषायें प्रचलन में हैं, जबकि संविधान द्वारा 22 भाषाओं को राजभाषा की मान्यता प्रदान की गयी है। भारत के 28 राज्यों में बोली जाने वाली 22 भाषाओं की सूची: भारत के राज्य और केंद्र शासित प्रदेश भाषा अन्य भाषा कश्मीरी डोगरी और हिंदी हिन्दी पंजाबी और नेपाली हिन्दी पंजाबी और उर्दू पंजाबी हिन्दी हिन्दी गड्वाली, कुमाऊनी, उर्दू, पंजाबी और नेपाली दिल्ली हिन्दी पंजाबी, उर्दू और बंगाली हिन्दी उर्दू हिन्दी पंजाबी और उर्दू हिन्दी मर...

Ayushman Card List 2023 Village Wise, Name Check, New List

Ayushman Card List 2023 – Ayushman Card List Village Wise Online Check Pdf Download – Ayushman Bharat will cover the defined benefit of rupees 5 lakhs Per Family per Year. This cover will take care of almost all secondary care and most tertiary care procedures. To ensure that no one is exempted (especially women, children and the elderly) there will be no limit on the size and age of the family in this scheme. Benefit cover will also include expenses before and after hospitalization. All pre-existing terms will be covered from the first day of the policy. The beneficiary will also be given a prescribed transport allowance per hospital. Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • Ayushman Card List 2023 Village Wise, Name Check, New List Scheme Name Ayushman Bharat Scheme 2023 Launched Date 14 April 2018 Category Benefits Free treatment up to 5 lakhs to poor citizens through insurance Official Website pmjay.gov.in About PM-JAY : This Is a Government Schemes Which was Launched By Prime Minister Narendra Modi. PM-JAY provides a cover of Rs. 5 lakh per family per year for secondary and tertiary care hospitalisation of over 10.74 crore poor and vulnerable families (about 50 crore beneficiaries). • There is no limit to the size of the family under this scheme. • The scheme was earlier known as the National Health Protection Plan (NHPS), before it was renamed PM-JAY. • The scheme was launched by the Hon’ble Prime Minister Shri Narendra Modi on 23rd September 2018. • P...

प्रोटीन की कमी से होने वाले रोग

प्रोटीन जन्तु तथा वनस्पति दोनों साधनों से प्राप्त होता है। प्रोटीन का निर्माण प्रारम्भिक रूप से वनस्पति में ही होता है। वनस्पति भूमि से नाइट्रोजन, जल, हवा आदि लेकर प्रोटीन का निर्माण करते हैं तथा अपने बीजों में संग्रह करते हैं। मनुष्य जन्तु एवं वनस्पति दोनों माध्यम से प्रोटीन का उपयोग करता है, परन्तु जन्तु प्रोटीन अधिक उपयोगी होती है। जैसे- मांस, मछली, अण्डा, पक्षी, दूध, पनीर, खोआ आदि। कुछ वनस्पति प्रोटीन भी हमारे शरीर के लिए बहुत उपयेागी होती है। जैसे- सोयाबीन, सूखे मेवे, मूंगफली, सेम आदि। दूसरे वनस्पति पदार्थ जिनकी प्रोटीन अधिक उपयोगी नहीं होती है अन्य भोज्य पदार्थ के साथ मिलकर उपयोगिता बढ़ा देती है। जैसे- दालें, मटर विभिन्न अनाज आदि। फल व सब्जियों में प्रोटीन नगण्य व अत्यंत निम्न कोटि की होती है। प्रोटीन की कमी से होने वाले रोगप्रोटीन ऊर्जा कुपोषण लक्षणों की एक लंबी श्रृंखला है जिसके एक तरफ मरास्मस है जो किसी ऊर्जा प्रोटीन व अन्य पौष्टिक तत्वों की कमी से उत्पन्न होता है तथा दूसरी ओर क्वाषियोरकर है जो की प्रोटीन की कमी से होता है। इन दोनों के मध्य अनेक ऐसे लक्षण देखे जा सकते हैं जो प्रोटीन तथा ऊर्जा की कमी से होते हैं। क्वाशियोरकर यह नाम 1933 में सिसले विलियम द्वारा सर्वप्रथम परिचित कराया गया था। क्वाषियोरकर का अर्थ पहले निम्न प्रकार से दिया गया - ‘‘दूसरे बच्चे के जन्म से बड़े बच्चे को बीमारी प्राप्त होती है।’’ यह उचित भी है क्योंकि दूसरे बच्चे के जन्म के कारण बड़े बच्चे को आकस्मिक रूप से माँ का दूध मिलना बन्द हो जाता है और यह वह समय होता है जब बच्चे के लिए केवल दूध ही उत्तम गुणों वाला प्रोटीन देने का स्रोत है। क्वाशियोरकर के लक्षण • सामान्य लक्षण - सामान्य रूप से वृद्धि...

संक्रामक रोग क्या है और इसके लक्षण क्या है

संक्रामक रोग का तात्पर्य ऐसे रोगों से है जो एक इंसान या जीव से दूसरे इंसान या जीव में फैलते हैं. इस प्रकार के रोग किसी ना किसी रोगजनित कारकों (रोगाणुओं) जैसे प्रोटोज़ोआ, यीस्ट, बैक्टीरिया, वाइरस इत्यादि के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलकर उसे संक्रमित कर सकते हैं. मलेरिया, टायफायड, चेचक, इन्फ्लुएन्जा इत्यादि संक्रामक रोगों के उदाहरण हैं. मेडिकल साइंस जैसे-जैसे तरक्की कर रही है वैसे-वैसे ही इंसानी जीवन में नए- नए वायरस सामने आ रहे हैं. संक्रामक बीमारियां निरंतर इंसानी जिंदगी के लिए खतरा बनी हुई हैं और विज्ञान के सामने इनसे पार पाने की चुनौतियां भी बढ़ रही हैं. आइए जानने का कोशिश करते हैं वर्तमान समय के सबसे खतरनाक संक्रामक रोगों के बार में और साथ ही यह भी जानेंगे की कौन से बीमारी ने सबसे ज्यादा इंसानी जीवन के लिए खतरनाक है. इस लेख के माध्यम से हम संक्रामक रोगों के प्रकारों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे. संक्रामक बीमारियाँ - Sankramak Rog Kise Kehte Hai • एचआईवी/एड्स- ह्यूमन इम्यूनोडेफिशियंसी हमारे बॉडी के इम्यून सिस्टम के विफलता के कारण होती है. इससे इंसान को हर छोटी-बड़ी बीमारी प्रभावित करने लगती है. अगर इस बीमारी का इलाज समय पर नहीं किया जाए तो एचआईवी इन्फेक्शन एड्स में तब्दील हो सकता है. इम्यून सिस्टम में कमजोरी के कारण बॉडी को कई इन्फेक्शन और बीमारियां होने का खतरा होता है. एचआईवी बॉडी में ब्लड, स्पर्म और यौनिक द्रव्य और ब्रैस्ट मिल्क के माध्यम से फैलता है. • डेंगू- डेंगू फैलने का मुख्य कारण वायरस होता है. यह वायरस मच्छरों में पाए जाते है. किसी भी व्यक्ति को डेंगू तभी हो सकता है, जब उसका संपर्क डेंगू वायरस से होता है. इसके लक्षणों में तेज बुखार और जोड...