बड़ी माता का उपचार

  1. चिकनपॉक्स (छोटी माता): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
  2. TACK CARE OF YOU: चेचक(बड़ी माता) के उपचार
  3. चेचक के दाग हटाने के 10 आसान उपाय और घरेलू नुस्खे
  4. Chicken Pox in Hindi
  5. Smallpox treatment in hindi


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चिकनपॉक्स (छोटी माता): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

परहेज और आहार लेने योग्य आहार • चूंकि भूख का न लगना चेचक की एक सामान्य लक्षण है, इससे आम तौर पर निर्जलीकरण भी हो जाता है। इस समस्या से बचने के लिए, और कुछ आवश्यक पोषक तत्वों को लेने के लिए, सुनिश्चित करें कि मरीज को प्रतिरक्षा को मज़बूत करने वाला ढेर सारा रस उसके शरीर को मिल रहा हो। • निश्चित रूप से, जब आप को चेचक हो तो फलों का सेवन बढा दें। जैसा कि बताया गया है, आपके शरीर को इस बीमारी से उभरने के लिए विषाणु से लड़ना और उसे मरना परता है! ये आपका कर्त्तव्य है की आप शरीर को पौष्टिक भोजन जैसे अंगूर, केले, सेब, खरबूजे आदि जैसे नरम फलों से पूरक करें। आप के मुँह और गले में फफोले हो सकते हैं जिससे अनार या नारंजी का सेवन दुःख दायक हो सकता हैं। इन फलों का मिल्कशेक या जूस बना लें और हर थोड़े थोड़े समय पे पीते रहें। • पूरे दिन दही की अच्छी मात्रा लें। न केवल दही कैल्शियम और प्रोबायोटिक्स प्रदान करता है, यह त्वचा की अच्छी तरह से उपचार करने में भी मदद करता है। • सुबह सबसे पहले एक गिलास नर्म नारियल पानी पिये। यह भी महत्त्वपूर्ण विटामिन और खनिजों से भरा होता है, शून्य कैलोरी होने की वजह से ये शरीर को डंडा और प्रतीक्षा प्रणाली को मज़बूत बनता है। • दोपहर और रात्रिभोज दोनों के साथ एक कप दाल लें। टमाटर और नमक के साथ कुछ तूर या मूंग दाल को उबालें। अगर आप चाहें तो एक चुटकी हल्दी भी डाल सकते हैं। ताजी धनिया के पत्तों के साथ गार्निश करें और सूप की तरह लें। • संतरे और अन्य खट्टे फल प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए उत्कृष्ट हैं। रोज़ एक गिलास ओरेंज जूस स्वास्थ्य के लिए उचित माना जाता है। एक महत्त्वपूर्ण बात यह है कि आपको जूस में मिलाय जाने वाले योजक (एडिटिव्स) से दूर रहना चाहिए। प्राकृतिक फल और सब्जी का रस ...

TACK CARE OF YOU: चेचक(बड़ी माता) के उपचार

चेचक के रोगी का बिस्तर बिल्कुल साफ-सुथरा रखें और उसके बिस्तर पर नीम की पत्तियां रख दें। फिर नीम के मुलायम पत्तों को पीसकर छोटी-छोटी गोलियां बना लें। इस 1-1 गोली को सुबह और शाम दूध के साथ रोगी को खिलायें। गर्मी का मौसम हो तो नीम की टहनी से हवा करने से चेचक के दानों में मौजूद जीवाणु जल्द ही समाप्त हो जाते हैं। तवे पर मुनक्का को भूनकर रोगी को खिलाना चाहिए। नीम के 7 से 8 मुलायम पत्तों (कोपले) और 7 कालीमिर्च को 1 महीने तक लगातार सुबह खाली पेट खाने से चेचक जैसा भयंकर रोग 1 साल तक नहीं होता। 15 दिन तक यह खाने से 6 महीने तक चेचक (माता) नहीं निकलती। जिन दिनों चेचक का रोग फैल रहा हो उन दिनों में जो लोग नीम के पत्तों का सेवन करते हैं उन्हें चेचक (माता) जैसा भयंकर रोग नहीं होता है। • ► (4) • ► (4) • ▼ (209) • ► (10) • ► (28) • ► (11) • ► (24) • ▼ (49) • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • ► (40) • ► (35) • ► (8) • ► (3) • ► (1) • ► (13) • ► (1) • ► (3) • ► (3) • ► (1) • ► (1) • ► (1) • ► (3) • ► (78) • ► (8) • ► (1) • ► (11) • ► (5) • ► (2) • ► (6) • ► (8) • ► (11) • ► (11) • ► (15) • ► (85) • ► (19) • ► (4) • ► (6) • ► (16) • ► (13) • ► (13) • ► (14)

चेचक के दाग हटाने के 10 आसान उपाय और घरेलू नुस्खे

चेचक के दाग हटाने के घरेलू उपाय इन हिंदी चेचक को चिकन पॉक्स और छोटी माता, बड़ी माता के नाम से भी जानते है। इस रोग में शरीर पर लाल रंग के दाने निकल आते है जो रोग ठीक होने के बाद सुख कर झड़ जाते है पर दानों के निशान और गड्ढे रह जाते है। चेचक के निशान शरीर पर कहीं और हो तो वो छुप जाते है पर जब ये निशान चेहरे और गर्दन पर हो तो वो चेहरे की खूबसूरती बिगाड़ देते है। कुछ लोग चिकन पॉक्स के दाग हटाने के लिए दवा और क्रीम इस्तेमाल करते है पर मनचाहे परिणाम नहीं मिल पाते। चेचक के निशान को दूर करने के लिए घरेलू उपाय और देसी नुस्खे से भी इलाज कर सकते है। ■ इस पत्ते के प्रयोग से सिर्फ 7 दिन में पाएं शुगर से मुक्ति हैं, मोटापे में भी है लाभकारी आज इस लेख में हम जानेंगे चेचक के दाग कैसे हटाये, chicken pox chechak ke daag ka ilaj ke gharelu nuskhe in hindi. चेचक के दाग हटाने के घरेलू उपाय और नुस्खे Chechak ke Daag ka ilaj in Hindi चेचक के निशान त्वचा में अंदर तक जुड़े होते है जिन्हें हटाना कई बार आसान नहीं होता। ऐसे में कुछ लोग ये निशान और गड्ढे मिटाने के लिए मेडिसिन लेते है जो कई बार नुकसान पहुंचा सकती है क्योंकि चिकन पॉक्स होने पर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है जिससे संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी क्रीम और दवा प्रयोग न करे। इन दागों को दूर करने के लिए आप घरेलू नुस्खे अपना सकते है। 1. चिकन पॉक्स के दाग हटाने का नेचुरल तरीका है नींबू का प्रयोग करना। हर रोज कुछ देर नींबू को दाग पर रगड़े और आधे से एक घंटे बाद साफ़ कर ले। इस उपाय को निरंतर और सही तरीके से करने पर दाग हल्के हो कर गायब होने लगते है। 2. त्वचा के लिए एलोविरा रामबाण का काम करता है। एलोविरा ...

Chicken Pox in Hindi

Table of Contents • • • • • • • • चिकन पाॅक्स क्या है? – Chicken Pox kya Hai चिकनपॉक्स एक वायरल संक्रमण है जो वैरिकाला-जोस्टर वायरस के कारण होता है। यह मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करता है, लेकिन कभी-कभी ये वयस्क लोगों को भी अपनी चपेट में ले सकता है। चिकनपॉक्स का लक्षण संकेत लाल फफोले के साथ बहुत खुजली वाली त्वचा के लाल चकत्ते हैं। कई दिनों के दौरान, छाले फट जाते हैं और रिसने लगते हैं। आखिर में सही इलाज से ये खत्म हो जाते हैं, मगर कुछ मामलों में इनके निशान त्वचा पर ताउम्र भी बने रहते हैं। चिकनपॉक्स का टीका चिकनपॉक्स और इसकी संभावित जटिलताओं को रोकने का एक सुरक्षित, प्रभावी तरीका है। चिकनपॉक्स उन लोगों के लिए अत्यधिक संक्रामक है जिन्हें यह बीमारी नहीं हुई है या इसके खिलाफ टीका नहीं लगाया गया है। इसके लिए, जो वैक्सीन उपलब्ध है, वो बच्चों को चेचक से बचाती है। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) द्वारा नियमित टीकाकरण की सलाह दी जाती है। चिकन पाॅक्स होने के कारण – Chicken Pox Kyu hota Hai चिकनपॉक्स का संक्रमण वैरीसेला-जोस्टर वायरस के कारण होता है। यह दाने के सीधे संपर्क में आने से फैल सकता है। यह तब भी फैल सकता है जब चिकनपॉक्स वाला व्यक्ति खांसता या छींकता है और आप हवा की बूंदों को अंदर लेते हैं। यदि आपको पहले से चिकनपॉक्स नहीं हुआ है या फिर अगर आपके पास चिकनपॉक्स का टीका नहीं है, तो चिकनपॉक्स का कारण बनने वाले वैरिकाला-ज़ोस्टर वायरस से संक्रमित होने का आपका जोखिम अधिक है। चाइल्ड केयर या फिर स्कूल सेटिंग में काम करने वाले लोगों के लिए टीकाकरण करना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। ज्यादातर लोग जिन्हें चिकनपॉक्स हुआ है या जिन्हें चिकनपॉक्स का टीका लगाया गया है, वे चिकनपॉक्स से इ...

Smallpox treatment in hindi

• किसी व्यक्ति को हो जाता है तो इस रोग को ठीक होने में 10-15 दिन लग जाते हैं। लेकिन इस रोग में चेहरे पर जो दाग पड़ जाते हैं उसे ठीक होने में लगभग 5-6 महीने का समय लग जाता है। यह रोग अधिकतर बसन्त ऋतु तथा ग्रीष्मकाल में होता है। यदि इस रोग का उपचार जल्दी ही न किया जाए तो इस रोग के कारण रोगी व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है। • चेचक रोग होने से पहले जी मिचलाना, सिर दर्द, पीठ में पीड़ा का अनुभव होता है। हालांकि कई बार चेचक होने पर शरीर में ऐंठन, ज्वर, गलशोथ, खाँसी, गला बैठ जाना तथा नाक बहने की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ये समस्या एक प्रकार के वायरस वेरिसेला जोस्टर के कारण होती है जो संक्रमण द्वारा एक-से-दूसरे व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है। घरेलू भाषा में माता या शीतला भी कहते हैं, सामान्य रूप से चेचक छोटी उम्र के बच्चो में अधिक होता है लेकिन कई बार ये समस्या बड़ो में भी हो सकती है। ये कोई गंभीर बिमारी नहीं है बल्कि एक प्रकार का संक्रामक रोग है जो संक्रमण से फैलता है। ये रोग किसी भी उम्र के लोगो को हो सकता है चाहें वो बच्चे हो या बड़े। इसके जीवाणु थूक, मलमूत्र तथा नाखूनों में पाए जाते हैं । सूक्ष्म जीवाणु वायु में घुले रहते हैं और सांस लेते समय अन्दर चले आते हैं । • • जब भी यह रोग हमें होता है, तो सबसे पहले हमारे शरीर का तापमान बढ़ जाता है हमारा बुखार 104 डिग्री तक बढ़ जाता है। • बहुत ही बैचेनी होती है और उसे प्यास भी अधिक लगती है, साथ में पुरे शरीर में दर्द होने लगता है, ह्रदय की धड़कन तेज हो जाती है • फिर शरीर में लाल लाल दाने निकल आते हैं। दानों में पानी जैसी मवाद उत्पन्न हो जाती है 6 दिन बाद दाने पकने लगती है स्वयं ही धीरे धीरे सुखकर समाप्त हो जाते हैं लेकिन पीडि़त बच्चा...