बड़ली औद्योगिक क्षेत्र

  1. औद्योगिक क्षेत्र: एशिया के 3 प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र (आंकड़ों के साथ)
  2. उद्योग क्या है? भारत के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र
  3. आर्थिक भूगोल/औद्योगिक प्रदेश
  4. नेपालको भूगोल
  5. औद्योगिक क्षेत्र
  6. भारत के उद्योग


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औद्योगिक क्षेत्र: एशिया के 3 प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र (आंकड़ों के साथ)

औद्योगिक क्षेत्र: एशिया के 3 प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र (आंकड़ों के साथ) औद्योगिक क्षेत्र: एशिया के 3 प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र! एशिया में, चीन, जापान और भारत ने औद्योगिक विकास में काफी प्रगति की है। हांगकांग, कोरिया और ताइवान कपड़ा और अन्य सामानों के प्रमुख निर्यातक बन गए हैं। दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्र, हालांकि पारंपरिक रूप से दृष्टिकोण में कृषि, भी उद्योगों का विकास कर रहा है। सिंगापुर दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में सबसे अधिक औद्योगीकृत है। तेल मध्य पूर्व का प्रमुख संसाधन है; इसलिए, तेल शोधन और पेट्रोकेमिकल उद्योग इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण हो गए हैं। ईरान ने उद्योगों की एक विस्तृत श्रृंखला विकसित की है। 1. चीन: 1949 में कम्युनिस्ट शासन की शुरुआत के बाद ही चीन में औद्योगिक विकास शुरू हुआ और अब चीन न केवल एशिया की कला बल्कि दुनिया की भी औद्योगिक शक्ति है। पिछले 60 वर्षों के दौरान औद्योगिक प्रणाली का पूर्ण रूप से परिवर्तन हुआ है। नई प्रणाली और नीति के तहत, चीन अपनी औद्योगिक प्रणाली को योजनाबद्ध तरीके से विकसित कर रहा है। तेजी से विकास ने चीन को लोहे और इस्पात, वस्त्र, और सस्ते उपभोक्ता सामान जैसे खिलौने, घरेलू सामान और हल्के धातु के सामान का प्रमुख उत्पादक बना दिया है। चीन में, निम्नलिखित औद्योगिक क्षेत्रों की पहचान की गई है: मंचूरियन औद्योगिक क्षेत्र: चीन का सबसे महत्वपूर्ण औद्योगिक क्षेत्र मंचूरिया में अनशन (इस्पात उद्योग), पेन्की (इस्पात उद्योग), फ़ुषुन (कोयला, चिकनाई तेल और रसायन), मुक्डन या शेनयांग (मशीनरी और उपकरण) और डिएन (मिल्स और शिपयार्ड) के केंद्र हैं। ) - ये सभी कोयले और लौह अयस्क के निक्षेपों के पास हैं। अनशन, फुशुन और शेनयांग एक त्रिकोण बनाते हैं, जिसके भीतर कई बड...

उद्योग क्या है? भारत के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र

उद्योग क्षेत्र: किसी विशेष क्षेत्र में भारी मात्रा में सामान का निर्माण/उत्पादन या वृहद रूप से सेवा प्रदान करने के मानवीय कर्म को उद्योग (industry) कहते हैं। भारत का उद्योग क्षेत्र सामान्य जानकारी प्रतियोगी परीक्षाओं के परिपेक्ष में तथा परीक्षापयोगी महत्वपूर्ण तथ्य यहाँ दी गयी है। भारत के उद्योग आकार, पूंजी निवेश, और श्रम बल नियोजित के आधार पर, उद्योगों को बड़े, मध्यम, लघु और कुटीर उद्योगों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। • स्वामित्व के आधार पर, उद्योग सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र, संयुक्त और सहकारी क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। • सामरिक और राष्ट्रीय महत्व के उद्योग आमतौर पर सार्वजनिक क्षेत्र में हैं। • उद्योगों को उनके उत्पादों के उपयोग के आधार पर भी वर्गीकृत किया जाता है जैसे कि बुनियादी माल उद्योग, पूंजीगत वस्तु उद्योग, मध्यवर्ती माल उद्योग और उपभोक्ता सामान उद्योग। • उद्योगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले कच्चे माल के आधार पर – उद्योगों को कृषि-आधारित उद्योगों, वन-आधारित उद्योगों, खनिज-आधारित उद्योगों और औद्योगिक रूप से संसाधित कच्चे माल-आधारित उद्योगों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। • उद्योग का स्थान कई कारकों से प्रभावित होता है जैसे कच्चे माल, बिजली, बाजार, पूंजी, परिवहन और श्रम आदि की पहुंच। • भिलाई (छत्तीसगढ़) और राउरकेला (ओडिशा) में लौह और इस्पात उद्योग की स्थापना देश के पिछड़े आदिवासी क्षेत्रों को विकसित करने के निर्णय पर आधारित थी। लोहा और इस्पात उद्योग लौह और इस्पात उद्योगों के लिए प्रमुख कच्चा माल लौह अयस्क, कोकिंग कोल, चूना पत्थर, डोलोमाइट, मैंगनीज और आग मिट्टी हैं। भारत में प्रमुख लोहा और इस्पात उद्योग हैं – • टाटा आयरन एंड स्टील प्लांट (TISCO); • इंडियन...

आर्थिक भूगोल/औद्योगिक प्रदेश

सामग्री • १ औद्योगिक क्षेत्र • १.१ उत्तर अमेरिकी क्षेत्र • १.१.१ संयुक्त राज्य अमेरिका • १.१.१.१ न्यू इंग्लैंड क्षेत्र • १.१.१.२ न्यूयॉर्क-मध्य-अटलांटिक क्षेत्र • १.१.१.३ मध्य-पश्चिमी क्षेत्र • १.१.१.४ उत्तर-पूर्वी क्षेत्र • १.१.१.५ दक्षिणी क्षेत्र • १.१.१.६ पश्चिमी क्षेत्र • १.१.१.७ प्रशांत क्षेत्र • १.१.२ कनाडा • १.१.२.१ ओंटारियो और सेंट लॉरेंस घाटी • १.१.२.२ प्रेयरी क्षेत्र • १.१.२.३ प्रशांत तटीय क्षेत्र • १.२ यूरोपीय क्षेत्र • १.२.१ यूनाइटेड किंगडम • १.२.१.१ मिडलैंड • १.२.१.२ निचला स्कॉटलैंड • १.२.१.३ उत्तर-पूर्वी तट • १.२.१.४ साउथ वेल्स • १.२.१.५ लंकाशायर • १.२.१.६ लंदन बेसिन • १.२.२ जर्मनी • १.२.३ इटली • १.३ अन्य यूरोपीय क्षेत्र • १.३.१ सीआईएस • १.४ एशियाई क्षेत्र • १.४.१ जापान • १.४.२ चीन • १.४.३ भारत • १.४.४ अन्य क्षेत्र • १.५ अन्य एशियाई क्षेत्र • २ संबंधित प्रश्न • ३ सन्दर्भ औद्योगिक क्षेत्र [ ] औद्योगिक क्षेत्र से आशय भूमि का वह भाग है, जहाँ एक निश्चित, औद्योगिक क्षेत्र नियोजित तथा विस्तृत योजना के आधार पर उद्योगों की स्थापना की जाती है तथा जहाँ विभिन्न आवश्यक सेवाएँ तथा सुविधाएँ उपलब्ध कराकर उद्योगों के विकास में सहायता प्रदान की जाती है। The Trafford Park Estates Ltd की स्थापना की गई तथा इसे औद्योगिक क्षेत्र की जननी भी माना जाता है।औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना देश के औद्योगीकरण की गति को त्वरित करती है, क्योंकि ऐसे क्षेत्रों में अधिकांशतः लघु उद्योगों की स्थापना की जाती है, इन क्षेत्रों में प्रारम्भ किये जाने वाले लघु उद्योग, वृहद उद्योगों के पूरक बन जाते हैं तथा दोनों प्रकार के उद्योग मिलकर देश में औद्योगीकरण की गति को बढ़ाने में सहायक सिद्ध होते हैं। औद्योगिक...

नेपालको भूगोल

• العربية • Asturianu • Azərbaycanca • Български • भोजपुरी • বাংলা • کوردی • English • Español • فارسی • Français • हिन्दी • Hrvatski • Bahasa Indonesia • Italiano • ქართული • 한국어 • मैथिली • Norsk bokmål • Polski • Português • Română • Русский • संस्कृतम् • Srpskohrvatski / српскохрватски • Simple English • Slovenščina • Српски / srpski • Українська • 中文 नेपालको भूगोल महादेश क्षेत्र निर्देशाङ्क = २८°००′उ॰ ८४°००′पू॰ / २८.०००°N ८४.०००°E / 28.000; 84.000 क्षेत्रफल •जम्मा १,४७,५१६किमी २ (५६,९५६वर्ग माइल) •भूमि 92.94% •जल 7.06% तटीय क्षेत्र ०किमी (०माइल) सीमाना जम्मा भूमि सीमाना: २,९२६किमी (१,८१८माइल) १,२३६किमी (७६८माइल) १,६९०किमी (१,०५०माइल) उच्चतम् विन्दु ८,८४८.८६मी (२९,०३२फिट) निम्नतम् विन्दु ५८मी (१९०फिट) सबैभन्दा लामो नदी सबैभन्दा ठुलो ताल नेपाल नेपालको उत्तरमा भू-रूप क्षेत्रहरू [ ] तराई [ ] मुख्य लेखहरू: भौगोलिक आधारमा बढी तापक्रम, अनुकूल वर्षा, समतल भूमि, उर्बरा माटो, यातायात आदिको सुविधा, औद्योगिक विकासका लागि अनुकूल अवस्था, व्यापारको सुविधाले गर्दा तराईलाई महत्त्वपूर्ण कृषि क्षेत्र मानिएको छ। नेपालको कुल क्षेत्रफल १७ प्रतिशत भूमि तराई क्षेत्रमा पर्दछ। तर कुल जनसंख्यको ५०.२ प्रतिशत जनसंख्यालाई तराईले धानेको छ। जनघनत्वप्रति वर्ग किलो मिटर १७५ (२०५८) भन्दा बढी छ। २०६८ सालको प्रारम्भिक नतिजा अनुसार १८१ प्र.व. कि.मी छ। राम्रो वर्षा, उर्बरा माटो, उद्योगको केन्द्रीकरण, यातायातको सुविधा, राम्रो हावापानीको कारणले पूर्वी तराईमा अधिक, मध्य तराईमा मध्य र पश्चिमी तराईमा कम जनघनत्व छ। तराईका आदिवासीहरूमा पूर्व मेचे, सतार, धिमाल, थारु, राजपूत, मध्य पश्चिम तराई र सुदूरपश्चिम तराईमा का...

औद्योगिक क्षेत्र

तेल और गैस भारत (आईईए -2021) में औद्योगिक क्षेत्र के लिए 36% ऊर्जा जरूरतों को पूरा करता है। पीसीआर ए द्वारा उद्योगों के व्यापक क्षेत्रों में ऊर्जा लेखा परीक्षा आयोजित करने के अनुभव से प्रदर्शित होता है कि इस क्षेत्र में 20% से अधिक ऊर्जा खपत को बचाने की क्षमता है। इस बचत क्षमता का एक हिस्सा बिना किसी निवेश के परिचालन समायोजन करके प्राप्त किया जा सकता है। पीसीआरए इस क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता बढ़ाने के अपने प्रयासों में ऊर्जा ऑडिट, कार्यशालाओं, सेमिनारों और उपभोक्ता सम्मेलनों का आयोजन करता है और दक्षता में सुधार के लिए अनुसंधान और विकास परियोजनाओं का संचालन करता हैं। पीसीआरए इन सभी गतिविधियों के क्षेत्रों में ऊर्जा खपत को बचाने की क्षमता की पहचान करता है और बाद में पहचान की गई बचत की वास्तविक प्राप्ति का आकलन करने के लिए इसका अनुसरण करता है। उद्योग क्षेत्र की संपूर्ण गतिविधियों को 3 भागों में विभाजित किया गया है यानि ऊर्जा दक्षता अध्ययन, विशेष पहल और प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण। 1) ऊर्जा दक्षता अध्ययन: 2021-22 के दौरान, पीसीआरए ने निम्नलिखित ऊर्जा दक्षता अध्ययन आयोजित किए हैं: • ऊर्जा लेखा परीक्षा – 222 • अनुपालन लेखा परीक्षा – 182 • लघु उद्योग के लिए सेवा – 202 2) विशेष पहल: 2021-22 के दौरान, पीसीआरए ने निम्नलिखित विशेष पहलों का नेतृत्व किया है: • पीएटी ऑडिट में भागीदारी – 18 • आईएसओ 50001:2018 कार्यान्वयन के लिए कंसल्टेंसी – 06 3) प्रशिक्षण और कार्यशालाएं: 2021-22 के दौरान, पीसीआरए ने निम्नलिखित प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किए है: • औद्योगिक इकाइयां – 574 • संस्थाएं – 465 • सेमिनार / तकनीकी बैठक – 144 ऊर्जा दक्षता बढ़ाने के मिशन को सक्रिय रूप से आगे बढ़ाने...

Butwal

बुटवल औद्योगिक क्षेत्र संक्षिप्त परिचय नेपाल सरका/को आफ्नै लगानीमा आफ्नै मोडल र जनशक्तिबाट वि.स.२०३२ सालमा स्थापित बुटवल औद्योगिक क्षेत्र नेपालको ५ नं प्रदेशको जिल्ला रुपन्देहि, बुटवलमा अवस्थित रहेको छ । यस औद्योगिक क्षेत्रको पूर्वमा सुखौरा खोला, पश्चिममा नेपाली सेनाको व्यारेक, उत्तरमा पुव(पश्चिम राजमार्ग तथा शिवनगर सामुदायिक वन, दक्षिणमा रामनगर सामुदायीक वन पर्दछ । यो औद्योगिक क्षेत्र पुर्वपश्चिम राजमार्गको दक्षिण तर्फ बुटवल उपमहानगरपालिका वडा नं.१० रामनगरमा अवस्थित छ । नेपालको प्रदेश नं.५ को अस्थायी राजधानी बुटवलमा रहेको यस औद्योगिक क्षेत्रबाट बुटवलको मुख्यबजार लगभग ३ किलो मिटर, भैरहवा व्यपारिक नाका २६ किलोमिटर, भारतको सुनौली नाका २८ किलोमिटर तथा यस औद्योगिक क्षेत्रबाट ४५ किलो मिटरको दुरीमा नेपालको पवित्र धार्मिक स्थल लुम्बिनी पर्ने भएकाले यसको छुट्टै महत्व छ । यस क्षेत्रमा विशेष गरी फलामजन्य निर्माण सामग्रीहरुको बाहुल्यता रहेको छ । क्षेत्रमा उत्पादित सामग्रीहरूमाः झोलुंगे पुल, हाइड«f]पावरका निर्माण सामाग्री, विद्युतीय सामग्री, फलामे पोल, केवल, तार, स्वीच बोर्ड, लिष्टी, काष्ट आईरनका सामान प्लास्ट«Lकजन्य सामानहरु कुर्सी, डस्टवीन, पाईप, पाईप फिटिé सामाग्री, जर्किन, डिव्वा, डोरी, ढलान सिट, झोला फित्ता स्टील तथा पित्तलका भाडाकुडा, सावुन तथा कपडा, फाईवर सिट, पेचकिल्ला, सिमेन्टका बिद्युत पोल, ह्युम पाईप, मोटरसाईकलका हेल्मेट, लेगार्ड, दुध तथा दुग्धजन्य पदार्थ, मसला समेत उत्पादन भैरहेको छ । उद्योगहरूबाट हालै प्राप्त तथ्यांक अनुसार यस औद्योगिक क्षेत्रमा २ अर्ब ३१ करोड निजी क्षेत्रको लगानी रहेको छ । औद्योगिक क्षेत्रले २०४२ जनालाई प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान गरेको छ। क्षेत्रस्थित उद्यो...

भारत के उद्योग

इतिहास प्राचीन काल से ही विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक संसाधनों की सम्पन्नता के कारण देश की गणना विश्व के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में की जाती थी। इतना अवश्य था कि उस समय की उत्कृष्ट वस्तुओं का निर्माण भी कुटीर उद्योगों के स्तर पर ही किया जाता था। सूती एवं रेशमी वस्त्र, विनिर्माण उद्योग प्राचीन काल से ही विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक संसाधनों की सम्पन्नता के कारण देश की गणना विश्व के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में की जाती थी। इतना अवश्य था कि उस समय की उत्कृष्ट वस्तुओं का निर्माण भी कुटीर उद्योगों के स्तर पर ही किया जाता था सूती एवं रेशमी वस्त्र, लौह - इस्पात उद्योग एवं अन्य • • • • • • • • • भारत के राज्यों के उद्योग मुख्य लेख: उद्योग प्रोत्साहन एवं निवेश निगम लि., औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड और उड़ीसा राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम ये तीन प्रमुख एजेंसियां राज्य के उद्योगों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है। इस्पात, एल्यूमीनियम, तेलशोधन, उर्वरक आदि विशाल उद्योग लग रहे हैं। राज्य सरकार लघु, ग्रामीण और कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए छूट देकर वित्तीय मदद दे रही है। 2004 - 2005 वर्ष में 83,075 लघु उद्योग इकाई स्थापित की गयी। केरल के उद्योग मुख्य लेख: गोवा में मत्स्य उद्योग महत्त्वपूर्ण है, सरकारी नीतियों व रियायतों ने औद्योगिक क्षेत्र के ज़रिये गोवा के तीव्र औद्योगिकीकरण को बढ़ावा दिया है। उर्वरक, रसायन, दवा, लोहा और चीनी उद्योग यहाँ के बड़े उद्योग हैं। यहाँ पर मध्यम व लघु उद्योग भी हैं, जिनमें पारम्परिक हस्तशिल्प उद्योग भी शामिल हैं। औद्योगिक उत्पादों का भारत व विदेश में अच्छा बाज़ार है। छत्तीसगढ़ के उद्योग मुख्य लेख: • • पिछले कुछ वर्षो से राज्य में उद्योगों का विस्ता...