भंडारण

  1. Modi government Created the worlds largest grain storage scheme Anurag Thakur explained the whole plan
  2. ग्रामीण भंडारण योजना क्या है?
  3. सरकार प्याज भंडार गृह बनवाने के लिए देगी 50 प्रतिशत सब्सिडी, 10 हजार किसानों को मिलेगा योजना का लाभ
  4. अन्न भंडारण योजना की हुई शुरुआत, अब नही होगी अन्न की बर्बादी
  5. भंडारण का अर्थ, विशेषताएं, महत्व, उद्देश्य
  6. तुअर, उड़द की भंडारण सीमा का उल्लंघन करने वालों पर राज्य कार्रवाई करेंः केंद्र – ThePrint Hindi
  7. सरकार ने गेहूं की भंडारण सीमा तय की
  8. खाद्यान्न: भंडारण में वृद्धि का लक्ष्य; नई योजना से रुकेगी अनाज की बर्बादी, खाद्य सुरक्षा होगी मजबूत
  9. [ प्याज भंडारण योजना राजस्थान 2023 ] पोर्टल पर करें ऑनलाइन या ईमित्र से आवेदन प्याज भंडारण सरचना पर मिलेगी 50% तक सब्सिडी


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Modi government Created the worlds largest grain storage scheme Anurag Thakur explained the whole plan

दुनिया का सबसे बड़ा खाद्यान्न भंडारण कार्यक्रम केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रस्तावित योजना को सहकारी क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा खाद्यान्न भंडारण कार्यक्रम बताया। इसके तहत प्रत्येक प्रखंड में 2,000 टन क्षमता के गोदाम बनाये जाएंगे। यह क्षमता सहकारी क्षेत्र में बढ़ेगी। इसके तहत प्रत्येक प्रखंड में 2,000 टन क्षमता के गोदाम बनाये जाएंगे। योजना का क्या उद्देश्य है? अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य भंडारण सुविधाओं की कमी से अनाज को होने वाले नुकसान से बचाना, किसानों को संकट के समय अपनी उपज औने-पौने दाम पर बेचने से रोकना, आयात पर निर्भरता कम करना तथा गांवों में रोजगार के अवसर को बढ़ाना है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि अधिक भंडारण क्षमता से किसानों के लिये परिवहन लागत कम होगी और खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी। देश में सालाना करीब 3,100 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन होता है। लेकिन मौजूदा क्षमता के तहत गोदामों में कुल उपज का 47 प्रतिशत तक ही रखा जा सकता है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने आगे कहा कि आज की बैठक में सिटीज (Citiis) 2.0 शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इसके भाग सिटीज 1.0 की तरह 3 ही रहेंगे। इसके ऊपर 1866 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा। इसके अलावा अनुराग ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार के 9 साल होने पर पूरा देश उन्हें बधाई दे रहा है। • मुखपृष्ठ • चुनाव 2023 • भारत न्यूज़ • ब्रेकिंग न्यूज़ • वीडियो • अंतरराष्ट्रीय • व्यापार • बजट • खेल • क्रिकेट • फ़ुटबॉल • IPL 2023 • विशेष • राज्य • नई दिल्ली • मुंबई • पुणे • लखनऊ • कोलकाता • बेंगलुरु • जयपुर • अहमदाबाद • चेन्‍नई • नोएडा • चंडीगढ़ • गुड़गांव • पटना • वाराणसी • कानपुर • भोपाल • भागलपुर • विचार • ब्लॉग • संपादकीय •...

ग्रामीण भंडारण योजना क्या है?

ग्रामीण भंडारण योजना क्या है? :- भारत सरकार द्वारा समय – समय पर बहुत से ऐसे कल्याणकारी कदमों को उठाया जाता है, जिससे देश के किसानों को किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़े तथा वे आर्थिक रूप से मजबूत हो। इसके अंतर्गत भारत सरकार प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना, पीएम कृषि इनपुट योजना जैसी बहुत सी कल्याणकारी योजनाओं को चलाया जा रहा है। यदि आप इस लेख को पढ़ रहे है तो कहीं ना कहीं आप भी कृषि से संबंध रखते होंगे। अगर हां! तो आज का ये आर्टिकल आपके लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकता है। क्योंकि भारत सरकार द्वारा ग्रामीण भंडारण योजना की शुरुआत की गयी है जिसके अंतर्गत सरकार द्वारा किसानों की फसल सुरक्षित रखने के लिए समुचित व्यवस्था की जायेगी तथा इस योजना के बारे में हमारे द्वारा सम्पूर्ण जानकारी जैसे – आवेदन प्रक्रिया, लाभार्थी, मिलने वाली सब्सिडी राशि आदि के बारे नीचे जानकारी साझा की गयी है। इसलिए आर्टिकल को पूरा पढ़े। हेल्पलाइन नंबर ग्रामीण भंडारण योजना क्या है? | Warehouse Subsidy Scheme ग्रामीण भंडारण योजना भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही एक कल्याणकारी योजना है, जिसके अंतर्गत सरकार द्वारा किसानों की फसल का भंडारण करनी की समुश्चित व्यवस्था करने के लिए बहुत से कदमों को उठाया जायेगा। क्योंकि अक्सर देखा जाता है कि किसानों के पास फसल का भंडारण करने के सही व्यवस्था नहीं होती है. • जिस कारण उन्हें कम दामों पर अपनी फसल को बेचना पड़ जाता है, लेकिन जब उनके पास भंडारण की व्यवस्था होगी तो वह सही समय पर अपनी फसल को बेचेंगे तथा उन्हें अपनी फसल की सही कीमत मिल पायेगी। जिस देश के किसान आर्थिक रूप से मजबूत होंगे तथा उनकी कृषि के प्रति रुचि बढ़ेगी। • साथ ही आपको बता दें कि फसल के लिए भंडारण ग्रह का नि...

सरकार प्याज भंडार गृह बनवाने के लिए देगी 50 प्रतिशत सब्सिडी, 10 हजार किसानों को मिलेगा योजना का लाभ

प्याज भंडारण के लिए अनुदान आलू, प्याज जैसे नश्वर उत्पादों का भंडारण किसान नहीं कर पाते हैं, जिसके चलते किसानों को फसल निकालने के उपरांत तुरंत ही मंडियों में बेचना पड़ता है जिससे बाजार में भाव काफी गिर जाते हैं और किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। इस समस्या को दूर करने के लिए सरकार अधिक से अधिक किसानों को प्याज भंडारण के लिए गोदाम आदि बनाने के लिए प्रोत्साहन हेतु भारी अनुदान उपलब्ध कराती है। ताकि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके। इस कड़ी में राजस्थान सरकार ने प्याज भंडारण के लिए नई योजना को मंजूरी दे दी है। प्रदेश के 10 हजार किसानों को कम लागत की प्याज भंडारण संरचनाओं के निर्माण के लिए 87.50 करोड़ रुपए का अनुदान दिया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने अनुदान के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। प्याज भंडार गृह पर कितना अनुदान Subsidy दी जाएगी? राजस्थान सरकार राज्य में किसानों को अलग-अलग योजनाओं के मद से प्याज भंडारण के लिए सब्सिडी उपलब्ध कराएगी। सभी योजनाओं के तहत सरकार ने लक्ष्य निर्धारित कर दिए है। सरकार ने प्याज भंडारण संरचनाओं के निर्माण में प्रति इकाई लगभग 1.75 लाख रुपए लागत तय की है, जिस पर लाभार्थी किसानों को निर्माण के लिए 50 प्रतिशत अधिकतम 87,500 रुपए प्रति इकाई अनुदान के रूप में उपलब्ध करवाए जाने का प्रावधान किया गया है। यह भी पढ़ें अभी हुए फसल नुकसान के लिए किसानों को राहत राशि के साथ ही दिया जाएगा फसल बीमा योजना का लाभ 10 हजार किसानों को मिलेगा लाभ सरकार ने वर्ष 2023-24 के कृषि बजट में प्याज भंडारण संरचनाओं के निर्माण पर अनुदान देने की घोषणा की है। जिसमें सरकार ने 10 हजार प्याज भंडारण के लिए संरचना निर्माण का लक्ष्य रखा है। सरकार द्वारा जारी किए गए लक...

अन्न भंडारण योजना की हुई शुरुआत, अब नही होगी अन्न की बर्बादी

( Anna Bhandaran Yojana Kya hai in Hindi 2023 | अन्न भंडारण योजना | Grain Storage Scheme Details | लाभ एवं विशेषताएं | खाद्य भंडारण स्कीम | बजट ) ग्रेन स्टोरेज स्कीम क्या है: दोस्तों भारत एक कृषि प्रधान देश है। जहां पर हर वर्ष लाखों टन अनाज उत्पादन होता है। अनाज का उत्पादन होते ही उनका स्टोरेज करने का प्रश्न भारत में बहुत जटिल था। क्योंकि अनाज का स्टोरेज ना होने की वजह से बहुत सारे अनाज की बर्बादी हो जाती थी। किन्तु हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आयोजित कैबिनेट बैठक के दौरान विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना को मजबूरी प्रदान की गई है। अब भारत में अन्न भंडारण की समस्या का समाधान मिल गया है। दोस्तों आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको Anna Bhandaran Yojana यानी की Grain Storage Scheme के बारे में ए टू जेड जानकारी प्रदान करेंगे। जैसे कि इस योजना से आम लोगों को क्या फायदा होगा? और सरकार को भी क्या फायदा होने वाला है? तो हमारा आपसे यह निवेदन है कि इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें। Table of Contents • • • • • • • • • • अन्न भंडारण योजना क्या है? (Anna Bhandaran Yojana Kya hai in Hindi 2023) दोस्तों, अन्न भंडारण योजना को 31 मई के दिन ही आयोजित कैबिनेट बैठक के दौरान मंजूरी प्रदान की गई है। जिसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मीडिया के सामने रखी है। इस योजना के माध्यम से देश के सभी ब्लॉकों में 2000 टन की क्षमता वाले गोदाम (Godown) बनाए जाएंगे। इसके लिए भारत सरकार द्वारा 1 लाख करोड रुपए का बजट भी निर्धारित किया है। ताकि भारत देश में ब्लॉक स्तर पर अनाज भंडारण के लिए स्टोर हाउस यानी कि गोदाम बनाया जा सके। इसकी वजह से आने वाले समय में अनाज का संग्रह करना भारत सरकार ...

भंडारण का अर्थ, विशेषताएं, महत्व, उद्देश्य

भंडारण का अर्थ (bhandaran kya hai) bhandaran arth visheshta mahatva uddeshya;साधारण शब्‍दों में वह स्‍थान जहाँ पर वस्‍तुओं का संग्रहण करके रखा जाता है उसे भंडारण कहते है। भण्‍डारण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा माल का स्‍वामी शुल्‍क या किराये का भुगतान करने की शर्त पर माल को भण्‍डारगृह में रखकर सुरक्षित कर सकता है इसके भीतर माल के स्‍वामी अथवा उसके प्रतिनि‍धि को आवश्‍यकतानुसार माल को भण्‍डारगृह से निकालने की सुविधा प्रदान की जाती है। भण्‍डारण में माल की सुरक्षा के साथ-साथ श्रेणीयन, मिश्रण, पैकिंग, बोटलीग आदि की सुविधा उपलब्‍ध करायी जाती है। भण्‍डारण की विशेषताएं (bhandaran ki visheshta) भण्‍डारण की विशेषताएं इस प्रकार है 1. माल का मालिक या उसका प्रतिनिधि आवश्‍यकता के अनुसार माल को भण्‍डारगृह से निकाला जा सकता है। 2. भण्‍डारगृह सर्वजनिक व नीजि हो सकते है। वैंसे ज्‍यादातर सर्वजनिक भण्‍डारगृह ही पाये जाते है। 3. भण्‍डारगृह की सुविधा सभी उत्‍पादक, थोक-विक्रेता, आदि सभी के लिए उपलब्‍ध होती है। 4. भण्‍डारण में शुल्‍क देने के बदले में माल को भण्‍डारगृह में रखने की सुविधा उपलब्‍ध कराई जाती है इस तरह भण्‍डारण में माल को सुरक्षित रखने के लिए स्‍थान उपलब्‍ध कराया जाता है। 5. भण्‍डारण में माल की सुरक्षा के साथ-साथ पैकिंग, श्रेणीयन, वित्‍त प्रदान करना मिश्रण आदि सुविधाएं भी उपलब्‍ध कराई जाती है। भण्‍डारण का महत्‍व इस प्रकार है-- 1. रूप उपयोगिता परिस्थितिओं में भण्‍डारण द्वारा रूप उपयोगिता का भी सृजन किया जाता है। पैकिंग, मिश्रण आदि के माध्‍यम से वस्‍तुओ के आकार में परिवर्तन कर उसे उपभोक्‍ताओं की आवश्‍यकता के अनुरूप बनाया जाता है। 2. मांग में वृद्धि समय पर माल की उपलब्धि मांग को बढ़ात...

तुअर, उड़द की भंडारण सीमा का उल्लंघन करने वालों पर राज्य कार्रवाई करेंः केंद्र – ThePrint Hindi

नयी दिल्ली, 14 जून (भाषा) केंद्र ने बुधवार को राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि वे तुअर और उड़द की कीमतों पर लगातार नजर रखें और भंडारण सीमा आदेश का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई करें। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव निधि खरे की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में राज्य सरकारों को यह निर्देश दिया गया। इस बैठक में तुअर और उड़द के भंडारण की जानकारी के साथ राज्य सरकारों की लगाई गई भंडारण सीमा पर अमल की समीक्षा की गई। बैठक में राज्यों के खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग, केंद्रीय भंडारण निगम (सीडब्ल्यूसी) और राज्य भंडारण निगमों (एसडब्ल्यूसी) के प्रतिनिधि उपस्थित थे। एक सरकारी बयान के मुताबिक, ‘‘बैठक में राज्य सरकारों को कीमतों की लगातार निगरानी करने और स्टॉक रखने वाली संस्थाओं के स्टॉक की स्थिति को सत्यापित करने और भंडारण सीमा आदेश का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा गया।’’ बैठक में तुअर और उड़द के संबंध में सीडब्ल्यूसी और एसडब्ल्यूसी गोदामों में खुदरा कीमतों, विभिन्न स्टॉक-होल्डिंग संस्थाओं द्वारा प्रकट किए गए स्टॉक की मात्रा की समीक्षा की गई। गत दो जून को सरकार ने दालों की जमाखोरी और संदिग्ध सट्टेबाजी को रोकने के लिए 31 अक्टूबर तक तुअर और उड़द का भंडार रखने की सीमा लगा दी थी। थोक विक्रेताओं पर 200 टन की स्टॉक सीमा लगाई गई जबकि खुदरा विक्रेताओं पर पांच टन की सीमा तय की गई है। उपभोक्ताओं को सस्ती तुअर और उड़द दालों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। भाषा राजेश राजेश प्रेम प्रेम यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

सरकार ने गेहूं की भंडारण सीमा तय की

नई दिल्ली: सरकार ने गेहूं की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने और जमाखोरी रोकने के लिए सोमवार को इसकी भंडारण सीमा तय कर दी जो 31 मार्च 2024 तक लागू रहेगी। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि इस कदम से खाद्य सुरक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा। यह सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़े चेन रिटेलरों और प्रोसेसरों पर लागू होगी। आदेश के अनुसार, प्रोसेसरों के लिए गेहूं की भंडारण सीमा वार्षिक स्थापित क्षमता का 75 प्रतिशत या मासिक स्थापित क्षमता के बराबर मात्रा को 2023-24 के शेष महीनों से गुणा करके, जो भी कम हो, निर्धारित की गई है। थोक विक्रेता और व्यापारी किसी भी समय 3,000 टन और खुदरा विक्रेता 10 टन से ज्यादा गेहूं नहीं रख सकते हैं। बड़े रिटेल चेन के मामले में प्रत्येक आउटलेट के लिए भंडारण सीमा 10 टन और चेन के सभी आउटलेट को मिलाकर 3,000 टन तय की गई है। डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

खाद्यान्न: भंडारण में वृद्धि का लक्ष्य; नई योजना से रुकेगी अनाज की बर्बादी, खाद्य सुरक्षा होगी मजबूत

खाद्यान्न: भंडारण में वृद्धि का लक्ष्य; नई योजना से रुकेगी अनाज की बर्बादी, खाद्य सुरक्षा होगी मजबूत विस्तार हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सहकारी क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी खाद्यान्न भंडारण क्षमता बनाने की योजना को मंजूरी दी है। इसका मकसद देश की खाद्य सुरक्षा को मजबूत करना और भंडारण क्षमता में कमी के कारण किसानों को फसल पैदावार के मौसम में कम मूल्य पर की जाने वाली बिक्री से होने वाले नकुसान से बचाना भी है। गौरतलब है कि नई खाद्यान्न भंडार क्षमता योजना लगभग एक लाख करोड़ रुपये के खर्च के साथ शुरू होगी। इस समय देश का खाद्यान्न उत्पादन लगभग 3,100 लाख टन है, जबकि भंडारण क्षमता कुल उत्पादन का केवल 47 प्रतिशत ही है। ऐसे में, देश में खाद्यान्न भंडारण की जो मौजूदा क्षमता 1,450 लाख टन की है, उसे अगले पांच वर्षों में 2,150 लाख टन किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए प्रत्येक प्रखंड में 2,000 टन क्षमता का गोदाम स्थापित किया जाएगा। इस योजना के क्रियान्वयन में प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) की अहम भूमिका होगी। भारत में किसान कड़ी मेहनत कर खाद्यान्न उगाते हैं, लेकिन 12 से 14 फीसदी तक अन्न बर्बाद हो जाता है। अधिकांशतः किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिल पाता है। अनाज के भंडारण की सही व्यवस्था न होने के चलते कृषि उपज हासिल करने के तुरंत बाद किसानों को उसे बेच देना पड़ता है। देश में मौजूद लगभग तीन चौथाई भंडारण सुविधाएं परंपरागत तरीके से ही संचालित होती हैं और ये प्रतिकूल मौसमी दशाओं जैसे-तेज बारिश, बाढ़, तूफान आदि में अनाजों के बड़े हिस्से को बचा नहीं पाती हैं। देश में अधिकांश कोल्ड स्टोरेज संरचनाएं असंगठित क्षेत्र की हैं, जिन्हें पारंपरिक ढंग से चलाया जा रहा है। अपर्याप...

[ प्याज भंडारण योजना राजस्थान 2023 ] पोर्टल पर करें ऑनलाइन या ईमित्र से आवेदन प्याज भंडारण सरचना पर मिलेगी 50% तक सब्सिडी

राजस्थान सरकार की बहुत ही कल्याणकारी दिशा में बने राज किसान साथी पोर्टल पर बागवानी विभाग की और से कई योजनाओ के आवेदन मांगे जा रहे है | आज हम बात करेंगे – “प्याज भंडारण योजना” राजस्थान सरकार के बागवानी बोर्ड द्वारा शुरू की गई एक योजना है, जो कि प्याज के उत्पादन और भंडारण को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है| इस योजना के तहत, किसान भाई अपने खेतों में प्याज भंडारण हेतु सुरक्षित एव वातानुकूलित सरचना भारी सब्सिडी अनुदान के साथ बना सकते है | 7.2 राजस्थान में प्याज हाउस बनवाने के लिए आवेदन की तारीख ? प्याज भंडारण योजना राजस्थान क्या है ? प्रदेश के सभी प्याज उत्पादक किसानों के लिए राजस्थान सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना है, जो मुख्य रूप से प्याज की बढ़ती हुई, उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है| इस योजना के तहत, सरकार प्रत्येक वर्ष राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में प्याज के भंडारण केंद्र स्थापित करने में सहायता करेगी | इस योजना के उद्देश्यों में से कुछ निम्नलिखित हैं : – • राजस्थान में प्याज की खेती को प्रोत्साहित/बढ़ावा देना है | • प्याज के उत्पादन में वृद्धि करना और अनाज उत्पादकों की आय को बढ़ाना| • अधिकतम मात्रा में प्याज को भंडारण करना। • सालभर प्याज, लहसुन, आलू के मूल्य में अस्थिरता कम करना। इस योजना के अंतर्गत, बागवानी विभाग प्याज भंडारण सरचना केंद्रों की स्थापना करती है, जो उत्पादकों को अपनी फसल को लम्बे समय तक सुरक्षित रखने में मदद करते हैं| इन केंद्रों में अधिकतम प्याज की उत्पादकता को भंडारण किया जाता है, जो उत्पादकों को समय एव मांग आने पर अधिक मूल्य प्राप्त करने में मदद करता है| राजस्थान फसल बीमा योजना – बेमौसम बारिश मुआवजा कब मिलेगा राजस्थान प्याज भंडार गृह बनवाने की ...