भारत छोड़ो आंदोलन की व्याख्या

  1. Explainer: कैसे शुरू हुआ 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन? जानिए आंदोलन से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाएं
  2. भारत छोड़ो आन्दोलन : भारत के स्वतंत्रता संघर्ष में आन्दोलन के महत्व का विश्लेषण
  3. 9 अगस्त : अंग्रेज भार‍त छोड़ो आंदोलन दिवस का इतिहास और खास बातें
  4. भारत छोड़ो आंदोलन के कारण और परिणाम
  5. 9 अगस्त : अंग्रेज भार‍त छोड़ो आंदोलन दिवस का इतिहास और खास बातें
  6. भारत छोड़ो आंदोलन के कारण और परिणाम
  7. Explainer: कैसे शुरू हुआ 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन? जानिए आंदोलन से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाएं
  8. भारत छोड़ो आन्दोलन : भारत के स्वतंत्रता संघर्ष में आन्दोलन के महत्व का विश्लेषण
  9. Explainer: कैसे शुरू हुआ 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन? जानिए आंदोलन से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाएं
  10. भारत छोड़ो आंदोलन के कारण और परिणाम


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Explainer: कैसे शुरू हुआ 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन? जानिए आंदोलन से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाएं

2021 मेंपूछागयाप्रश्न: जिनगांधीजीनेचौरी-चौरामेंहिंसाकेमुद्देपरअसहयोगआन्दोलनवापसलेलियाथा, उन्हींनेभारतछोड़ोआन्दोलनकेदौरानलोगोंद्वाराकीगयीहिंसाकीभर्त्सनाकरनेसेइनकारकरदियाथा।क्याआपकोलगताहैकिगांधीजीअहिंसाकेप्रभावशालीहोनेकेविश्वासकोखोरहेथेतथाइसकेपथसेअलगहोनेकोसोचरहेथे? विशदव्याख्याकीजिए। 2019 मेंपूछागयाप्रश्न: भारतछोड़ोआन्दोलनकोएक 'स्वतःस्फूर्तआन्दोलन' केरूपमेंक्योंचरित्रांकितकियागया? क्याइसनेभारतीयस्वतन्त्रताकीप्रक्रियाकोतीव्रताप्रदानकी? 2015 मेंपूछागयाप्रश्न: "भारतछोड़ोआन्दोलनको 'स्वतःस्फूर्तक्रान्ति' केरूपमेंचित्रितकरनाआंशिकव्याख्याहोगी, उसीप्रकारउसेगांधीवादीसत्याग्रहआन्दोलनोंकेचरमबिंदुकेरूपमेंदेखनाभी।" स्पष्टकीजिए। दूसरेविश्वयुद्धकेविषयकोलेकरगांधीजीकाअपनेसाथियोंसेमौलिकमतभेदथा।अहिंसाकेप्रश्नपरवेकोईसमझौताकरनेकोतैयारनहींथे।एकहिंसकयुद्धकेसमर्थनमेंकिसीभीप्रकारकेप्रयत्नमेंभागीदारबननेसेउन्होंनेइंकारकरदिया।क्रिप्समिशनकीअसफलतासेयहतोस्पष्टहोगयाथाकिब्रिटिशसरकारयुद्धसेभारतकीसाझेदारीकोबरकराररखनाचाहतीहै।मिशनकीविफलतासेभारतमेंकुंठाकावातावरणगहरागयातथादेशकोविषादऔरआक्रोशकाशिकारबनादिया।लोगोंमेंतत्कालकुछकरनेकीबेचैनीथी।गांधीजीनेक्रिप्सकेप्रस्तावमेंबहुतदिलचस्पीनहींलीथीलेकिनउसकीअसफलतासेउन्हेंभीबड़ीनिराशाहुई।गांधीजीयुद्धऔरभारतकीस्थितिपरनज़ररखेहुएथे।द्वितीयविश्वयुद्धकेगहरानेसेआमआदमीकाजीवनकठिनहोताजारहाथा।ब्रिटिशसरकारकोजन-भावनाओंकीकोईपरवाहनहींथी।युद्धकेकारणज़रूरीवस्तुओंकीनसिर्फ़कमीथीबल्किक़ीमतेंआसमानछूरहीथीं। सिंगापुरऔररंगून सुरक्षामेंनामपर 'स्कार्चडअर्थनीति' (दुश्मनकेलिएउपयोगीकोईभीचीज़होउसेनष्टकरदें) अपनालीगई, जिससेदेशबरबादीकेकगारपरआगयाथा।इसनीतिकेतहतबंगालऔरउड़ीसाकीनावोंकोजापानियोंद्वारासंभावितइस्तेमालकोरोकने...

भारत छोड़ो आन्दोलन : भारत के स्वतंत्रता संघर्ष में आन्दोलन के महत्व का विश्लेषण

प्रश्न: संक्षेप में भारत छोड़ो आन्दोलन की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए, इसके कारणों की व्याख्या कीजिए और इसके महत्व पर पर प्रकाश डालिए। दृष्टिकोण • भारत छोड़ो आन्दोलन के प्रारम्भ पर प्रकाश डालते हुए उत्तर को आरम्भ कीजिए। • आन्दोलन हेतु उत्तरदायी कारणों पर चर्चा कीजिए। • आन्दोलन की महत्वपूर्ण विशेषताओं और घटनाओं पर प्रकाश डालिए। • भारत के स्वतंत्रता संघर्ष में आन्दोलन के महत्व का विश्लेषण कीजिए। उत्तर भारत में ब्रिटिश शासन की तत्काल समाप्ति हेतु अखिल भारतीय कांग्रेस समिति ने 8 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो प्रस्ताव को अंगीकृत किया था। महात्मा गाँधी ने जन सामान्य से उनके परम बलिदान की मांग की तथा ग्वालिया टैंक से ‘करो या मरो’ का नारा दिया। भारत छोड़ो आन्दोलन हेतु निम्नलिखित कारण उत्तरदायी थे: • द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लेने हेतु ब्रिटिश सरकार का एकपक्षीय निर्णय: इस निर्णय के फलस्वरूप सर्वाधिक पीड़ित लोगों में ब्रिटिश शासन के विरुद्ध अधिक क्रोध एवं विरोध की भावना उत्पन्न हुई। इसके अतिरिक्त युद्ध के दौरान बंगाल और असम में सामान्य जन की नौकाओं को जला दिया गया, उच्च खाद्यस्फीति की स्थिति यथावत बनी हुई थी तथा हजारों सैनिक घायल एवं शहीद हुए। • भारत पर जापानी आक्रमण का भय: जापानी औपनिवेशिक अधीनता से भारत की सुरक्षा हेतु भी राष्ट्रवादी एकजुट हुए। • तात्कालिक कारण: राष्ट्रवादियों की मांगों की पूर्ति करने में क्रिप्स मिशन की विफलता। आंदोलन की महत्वपूर्ण विशेषताएँ एवं घटनाएँ: • नेतृत्वविहीन आन्दोलन: 9 अगस्त को प्रात:काल में ही अधिकांश बड़े नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था। • जन हड़ताल तथा प्रदर्शन आयोजित किए गए तथा साम्राज्यवादी शासन के प्रतीकों जैसे पुलिस स्टेशनों, प्रशासनिक भवनों इत्याद...

9 अगस्त : अंग्रेज भार‍त छोड़ो आंदोलन दिवस का इतिहास और खास बातें

2. अमूमन 9 अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत मानी जाती है, परतु ये आंदोलन 8 अगस्‍त 1942 से आरंभ हुआ था। दरअसल, 8 अगस्‍त 1942 को बंबई के गोवालिया टैंक मैदान पर अखिल भारतीय कांग्रेस महासमिति ने वह प्रस्ताव पारित किया था, जिसे 'भारत छोड़ो' प्रस्ताव कहा गया. इसके बाद से ही ये आंदोलन व्‍यापक स्‍तर पर आरंभ किया हुआ। 4. महात्मा गांधी ने आंदोलन में अनुशासन बनाए रखने को कहा था परंतु जैसे ही इस आंदोलन की शुरूआत हुई, 9 अगस्त 1942 को दिन निकलने से पहले ही कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सभी सदस्य गिरफ्तार हो चुके थे और कांग्रेस को गैरकानूनी संस्था घोषित कर दिया गया था। यही नहीं अंग्रेजों ने गांधी जी को अहमदनगर किले में नजरबंद कर दिया। 9. 1943 में ही 10 फरवरी को महात्मा गांधी ने 21 दिन का उपवास शुरू किया था। उपवास के 13वें दिन गांधी जी हालत बेहद खराब होने लगी थी। अंग्रेजों द्वारा देश को स्वतंत्र किए जाने के संकेत के चलते गांधीजी ने आंदोलन को बंद कर दिया और अंग्रेजों ने कांग्रेसी नेताओं सहित लगभग 100,000 राजनैतिक बंदियों को रिहा कर दिया। Monsoon in India: मौसम वैज्ञानिकों ने शुक्रवार को कहा कि अरब सागर से उठे चक्रवात बिपरजॉय के कारण उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में रविवार से बारिश के आसार हैं। साथ ही वैज्ञानिकों ने बिपरजॉय के पूर्वी भारत में मानसून को आगे बढ़ाने में मददगार होने की संभावना जताई है। पूर्वी भारत फिलहाल भीषण गर्मी की चपेट में है। Cyclone Biporjoy Effect : चक्रवात बिपारजॉय के गुजरात से राजस्थान की ओर बढ़ने के कारण गुरुवार रात से ही राजस्थान के कई इलाकों में बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने 17 जून को बाड़मेर और जोधपुर जिलों के लिए 'रेड अलर्ट' जारी किया है। गौरतलब है क...

भारत छोड़ो आंदोलन के कारण और परिणाम

भारत छोड़ो आंदोलन 8 अगस्त, 1942 ई. को‘भारत छोड़ो’ प्रस्ताव पास हुआ और 9 अगस्त की रात को गांधीजी सहित कांग्रेस के समस्त बड़े नेता बन्दी बना लिए गये। गाँधीजी के गिरफ्तार होने के बाद अखिल भारतीय कांग्रेस समिति ने एकसूत्रीय कार्यक्रम तैयार किया और जनता को भारत छोड़ो आंदोलन में सम्मिलित होने के लिए आवाहन किया। जनता के लिए निम्न कार्यक्रम तय किए गये- • आंदोलन में किसी प्रकार की हिंसात्मक कार्यवाही न की जाए । • नमक कानून को भंग किया जाए तथा सरकार को किसी भी प्रकार का कर न दिया जाए । अंग्रेजों द्वारा भारतीयों के प्रति दुर्व्यवहार का विरोध । • सरकार विरोधी हड़तालें, प्रदर्शन तथा सार्वजनिक सभाएं करके अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए विवश किया जाए । • मूल्यों में असाधारण वृद्धि, आवश्यक वस्तु उपलब्ध न होने के विरोध में। • पूर्वी बंगाल में आतंक शासन के खिलाफ । क्रिप्स मिशन के भारत आगमन से भारतीयों को काफी उम्मीदें थीं, किन्तु जब क्रिप्स मिशन खाली हाथ लाटैा तो भारतीयों को अत्यन्त निराशा हुई। अत: 5 जुलाई, 1942 ई. को‘हरिजन’ नामक पत्रिका में गाँधीजी ने उद्घोष कि- ‘‘अंग्रेजो भारत छोड़ो। भारत को जापान के लिए मत छोड़ों, बल्कि भारत को भारतीयों के लिए व्यवस्थित रूप से छोड़ा जाय । महात्मा गांधी जी का यह अन्तिम आंदोलन था जो सन् 1942 ई. में चलाया गया था। भारत छोड़ो आंदोलन के कारण भारत छोड़ो आंदोलन के कारण है - • क्रिप्स मिशन से निराशा- भारतीयों के मन में यह बात बैठ गई थी कि क्रिप्स मिशन अंग्रेजों की एक चाल थी जो भारतीयों को धोखे में रखने के लिए चली गई थी। क्रिप्स मिशन की असफलता के कारण उसे वापस बुला लिया गया था। • बर्मा में भारतीयों पर अत्याचार- बर्मा में भारतीयों के साथ किये गए दुर्व्यवहार से भारत...

9 अगस्त : अंग्रेज भार‍त छोड़ो आंदोलन दिवस का इतिहास और खास बातें

2. अमूमन 9 अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत मानी जाती है, परतु ये आंदोलन 8 अगस्‍त 1942 से आरंभ हुआ था। दरअसल, 8 अगस्‍त 1942 को बंबई के गोवालिया टैंक मैदान पर अखिल भारतीय कांग्रेस महासमिति ने वह प्रस्ताव पारित किया था, जिसे 'भारत छोड़ो' प्रस्ताव कहा गया. इसके बाद से ही ये आंदोलन व्‍यापक स्‍तर पर आरंभ किया हुआ। 4. महात्मा गांधी ने आंदोलन में अनुशासन बनाए रखने को कहा था परंतु जैसे ही इस आंदोलन की शुरूआत हुई, 9 अगस्त 1942 को दिन निकलने से पहले ही कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सभी सदस्य गिरफ्तार हो चुके थे और कांग्रेस को गैरकानूनी संस्था घोषित कर दिया गया था। यही नहीं अंग्रेजों ने गांधी जी को अहमदनगर किले में नजरबंद कर दिया। 9. 1943 में ही 10 फरवरी को महात्मा गांधी ने 21 दिन का उपवास शुरू किया था। उपवास के 13वें दिन गांधी जी हालत बेहद खराब होने लगी थी। अंग्रेजों द्वारा देश को स्वतंत्र किए जाने के संकेत के चलते गांधीजी ने आंदोलन को बंद कर दिया और अंग्रेजों ने कांग्रेसी नेताओं सहित लगभग 100,000 राजनैतिक बंदियों को रिहा कर दिया। Monsoon in India: मौसम वैज्ञानिकों ने शुक्रवार को कहा कि अरब सागर से उठे चक्रवात बिपरजॉय के कारण उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में रविवार से बारिश के आसार हैं। साथ ही वैज्ञानिकों ने बिपरजॉय के पूर्वी भारत में मानसून को आगे बढ़ाने में मददगार होने की संभावना जताई है। पूर्वी भारत फिलहाल भीषण गर्मी की चपेट में है। Biparjoy effect in Rajasthan : चक्रवात बिपरजॉय के गुजरात से राजस्थान की ओर बढ़ने के कारण गुरुवार रात से ही राजस्थान के कई इलाकों में बारिश हो रही है। जालौर, सिरोही, बाड़मेर, जोधपुर, जैसलमेर और आसपास के इलाकों में शुक्रवार को अच्छी बारिश ...

भारत छोड़ो आंदोलन के कारण और परिणाम

भारत छोड़ो आंदोलन 8 अगस्त, 1942 ई. को‘भारत छोड़ो’ प्रस्ताव पास हुआ और 9 अगस्त की रात को गांधीजी सहित कांग्रेस के समस्त बड़े नेता बन्दी बना लिए गये। गाँधीजी के गिरफ्तार होने के बाद अखिल भारतीय कांग्रेस समिति ने एकसूत्रीय कार्यक्रम तैयार किया और जनता को भारत छोड़ो आंदोलन में सम्मिलित होने के लिए आवाहन किया। जनता के लिए निम्न कार्यक्रम तय किए गये- • आंदोलन में किसी प्रकार की हिंसात्मक कार्यवाही न की जाए । • नमक कानून को भंग किया जाए तथा सरकार को किसी भी प्रकार का कर न दिया जाए । अंग्रेजों द्वारा भारतीयों के प्रति दुर्व्यवहार का विरोध । • सरकार विरोधी हड़तालें, प्रदर्शन तथा सार्वजनिक सभाएं करके अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए विवश किया जाए । • मूल्यों में असाधारण वृद्धि, आवश्यक वस्तु उपलब्ध न होने के विरोध में। • पूर्वी बंगाल में आतंक शासन के खिलाफ । क्रिप्स मिशन के भारत आगमन से भारतीयों को काफी उम्मीदें थीं, किन्तु जब क्रिप्स मिशन खाली हाथ लाटैा तो भारतीयों को अत्यन्त निराशा हुई। अत: 5 जुलाई, 1942 ई. को‘हरिजन’ नामक पत्रिका में गाँधीजी ने उद्घोष कि- ‘‘अंग्रेजो भारत छोड़ो। भारत को जापान के लिए मत छोड़ों, बल्कि भारत को भारतीयों के लिए व्यवस्थित रूप से छोड़ा जाय । महात्मा गांधी जी का यह अन्तिम आंदोलन था जो सन् 1942 ई. में चलाया गया था। भारत छोड़ो आंदोलन के कारण भारत छोड़ो आंदोलन के कारण है - • क्रिप्स मिशन से निराशा- भारतीयों के मन में यह बात बैठ गई थी कि क्रिप्स मिशन अंग्रेजों की एक चाल थी जो भारतीयों को धोखे में रखने के लिए चली गई थी। क्रिप्स मिशन की असफलता के कारण उसे वापस बुला लिया गया था। • बर्मा में भारतीयों पर अत्याचार- बर्मा में भारतीयों के साथ किये गए दुर्व्यवहार से भारत...

Explainer: कैसे शुरू हुआ 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन? जानिए आंदोलन से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाएं

2021 मेंपूछागयाप्रश्न: जिनगांधीजीनेचौरी-चौरामेंहिंसाकेमुद्देपरअसहयोगआन्दोलनवापसलेलियाथा, उन्हींनेभारतछोड़ोआन्दोलनकेदौरानलोगोंद्वाराकीगयीहिंसाकीभर्त्सनाकरनेसेइनकारकरदियाथा।क्याआपकोलगताहैकिगांधीजीअहिंसाकेप्रभावशालीहोनेकेविश्वासकोखोरहेथेतथाइसकेपथसेअलगहोनेकोसोचरहेथे? विशदव्याख्याकीजिए। 2019 मेंपूछागयाप्रश्न: भारतछोड़ोआन्दोलनकोएक 'स्वतःस्फूर्तआन्दोलन' केरूपमेंक्योंचरित्रांकितकियागया? क्याइसनेभारतीयस्वतन्त्रताकीप्रक्रियाकोतीव्रताप्रदानकी? 2015 मेंपूछागयाप्रश्न: "भारतछोड़ोआन्दोलनको 'स्वतःस्फूर्तक्रान्ति' केरूपमेंचित्रितकरनाआंशिकव्याख्याहोगी, उसीप्रकारउसेगांधीवादीसत्याग्रहआन्दोलनोंकेचरमबिंदुकेरूपमेंदेखनाभी।" स्पष्टकीजिए। दूसरेविश्वयुद्धकेविषयकोलेकरगांधीजीकाअपनेसाथियोंसेमौलिकमतभेदथा।अहिंसाकेप्रश्नपरवेकोईसमझौताकरनेकोतैयारनहींथे।एकहिंसकयुद्धकेसमर्थनमेंकिसीभीप्रकारकेप्रयत्नमेंभागीदारबननेसेउन्होंनेइंकारकरदिया।क्रिप्समिशनकीअसफलतासेयहतोस्पष्टहोगयाथाकिब्रिटिशसरकारयुद्धसेभारतकीसाझेदारीकोबरकराररखनाचाहतीहै।मिशनकीविफलतासेभारतमेंकुंठाकावातावरणगहरागयातथादेशकोविषादऔरआक्रोशकाशिकारबनादिया।लोगोंमेंतत्कालकुछकरनेकीबेचैनीथी।गांधीजीनेक्रिप्सकेप्रस्तावमेंबहुतदिलचस्पीनहींलीथीलेकिनउसकीअसफलतासेउन्हेंभीबड़ीनिराशाहुई।गांधीजीयुद्धऔरभारतकीस्थितिपरनज़ररखेहुएथे।द्वितीयविश्वयुद्धकेगहरानेसेआमआदमीकाजीवनकठिनहोताजारहाथा।ब्रिटिशसरकारकोजन-भावनाओंकीकोईपरवाहनहींथी।युद्धकेकारणज़रूरीवस्तुओंकीनसिर्फ़कमीथीबल्किक़ीमतेंआसमानछूरहीथीं। सिंगापुरऔररंगून सुरक्षामेंनामपर 'स्कार्चडअर्थनीति' (दुश्मनकेलिएउपयोगीकोईभीचीज़होउसेनष्टकरदें) अपनालीगई, जिससेदेशबरबादीकेकगारपरआगयाथा।इसनीतिकेतहतबंगालऔरउड़ीसाकीनावोंकोजापानियोंद्वारासंभावितइस्तेमालकोरोकने...

भारत छोड़ो आन्दोलन : भारत के स्वतंत्रता संघर्ष में आन्दोलन के महत्व का विश्लेषण

प्रश्न: संक्षेप में भारत छोड़ो आन्दोलन की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए, इसके कारणों की व्याख्या कीजिए और इसके महत्व पर पर प्रकाश डालिए। दृष्टिकोण • भारत छोड़ो आन्दोलन के प्रारम्भ पर प्रकाश डालते हुए उत्तर को आरम्भ कीजिए। • आन्दोलन हेतु उत्तरदायी कारणों पर चर्चा कीजिए। • आन्दोलन की महत्वपूर्ण विशेषताओं और घटनाओं पर प्रकाश डालिए। • भारत के स्वतंत्रता संघर्ष में आन्दोलन के महत्व का विश्लेषण कीजिए। उत्तर भारत में ब्रिटिश शासन की तत्काल समाप्ति हेतु अखिल भारतीय कांग्रेस समिति ने 8 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो प्रस्ताव को अंगीकृत किया था। महात्मा गाँधी ने जन सामान्य से उनके परम बलिदान की मांग की तथा ग्वालिया टैंक से ‘करो या मरो’ का नारा दिया। भारत छोड़ो आन्दोलन हेतु निम्नलिखित कारण उत्तरदायी थे: • द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लेने हेतु ब्रिटिश सरकार का एकपक्षीय निर्णय: इस निर्णय के फलस्वरूप सर्वाधिक पीड़ित लोगों में ब्रिटिश शासन के विरुद्ध अधिक क्रोध एवं विरोध की भावना उत्पन्न हुई। इसके अतिरिक्त युद्ध के दौरान बंगाल और असम में सामान्य जन की नौकाओं को जला दिया गया, उच्च खाद्यस्फीति की स्थिति यथावत बनी हुई थी तथा हजारों सैनिक घायल एवं शहीद हुए। • भारत पर जापानी आक्रमण का भय: जापानी औपनिवेशिक अधीनता से भारत की सुरक्षा हेतु भी राष्ट्रवादी एकजुट हुए। • तात्कालिक कारण: राष्ट्रवादियों की मांगों की पूर्ति करने में क्रिप्स मिशन की विफलता। आंदोलन की महत्वपूर्ण विशेषताएँ एवं घटनाएँ: • नेतृत्वविहीन आन्दोलन: 9 अगस्त को प्रात:काल में ही अधिकांश बड़े नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था। • जन हड़ताल तथा प्रदर्शन आयोजित किए गए तथा साम्राज्यवादी शासन के प्रतीकों जैसे पुलिस स्टेशनों, प्रशासनिक भवनों इत्याद...

Explainer: कैसे शुरू हुआ 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन? जानिए आंदोलन से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाएं

2021 मेंपूछागयाप्रश्न: जिनगांधीजीनेचौरी-चौरामेंहिंसाकेमुद्देपरअसहयोगआन्दोलनवापसलेलियाथा, उन्हींनेभारतछोड़ोआन्दोलनकेदौरानलोगोंद्वाराकीगयीहिंसाकीभर्त्सनाकरनेसेइनकारकरदियाथा।क्याआपकोलगताहैकिगांधीजीअहिंसाकेप्रभावशालीहोनेकेविश्वासकोखोरहेथेतथाइसकेपथसेअलगहोनेकोसोचरहेथे? विशदव्याख्याकीजिए। 2019 मेंपूछागयाप्रश्न: भारतछोड़ोआन्दोलनकोएक 'स्वतःस्फूर्तआन्दोलन' केरूपमेंक्योंचरित्रांकितकियागया? क्याइसनेभारतीयस्वतन्त्रताकीप्रक्रियाकोतीव्रताप्रदानकी? 2015 मेंपूछागयाप्रश्न: "भारतछोड़ोआन्दोलनको 'स्वतःस्फूर्तक्रान्ति' केरूपमेंचित्रितकरनाआंशिकव्याख्याहोगी, उसीप्रकारउसेगांधीवादीसत्याग्रहआन्दोलनोंकेचरमबिंदुकेरूपमेंदेखनाभी।" स्पष्टकीजिए। दूसरेविश्वयुद्धकेविषयकोलेकरगांधीजीकाअपनेसाथियोंसेमौलिकमतभेदथा।अहिंसाकेप्रश्नपरवेकोईसमझौताकरनेकोतैयारनहींथे।एकहिंसकयुद्धकेसमर्थनमेंकिसीभीप्रकारकेप्रयत्नमेंभागीदारबननेसेउन्होंनेइंकारकरदिया।क्रिप्समिशनकीअसफलतासेयहतोस्पष्टहोगयाथाकिब्रिटिशसरकारयुद्धसेभारतकीसाझेदारीकोबरकराररखनाचाहतीहै।मिशनकीविफलतासेभारतमेंकुंठाकावातावरणगहरागयातथादेशकोविषादऔरआक्रोशकाशिकारबनादिया।लोगोंमेंतत्कालकुछकरनेकीबेचैनीथी।गांधीजीनेक्रिप्सकेप्रस्तावमेंबहुतदिलचस्पीनहींलीथीलेकिनउसकीअसफलतासेउन्हेंभीबड़ीनिराशाहुई।गांधीजीयुद्धऔरभारतकीस्थितिपरनज़ररखेहुएथे।द्वितीयविश्वयुद्धकेगहरानेसेआमआदमीकाजीवनकठिनहोताजारहाथा।ब्रिटिशसरकारकोजन-भावनाओंकीकोईपरवाहनहींथी।युद्धकेकारणज़रूरीवस्तुओंकीनसिर्फ़कमीथीबल्किक़ीमतेंआसमानछूरहीथीं। सिंगापुरऔररंगून सुरक्षामेंनामपर 'स्कार्चडअर्थनीति' (दुश्मनकेलिएउपयोगीकोईभीचीज़होउसेनष्टकरदें) अपनालीगई, जिससेदेशबरबादीकेकगारपरआगयाथा।इसनीतिकेतहतबंगालऔरउड़ीसाकीनावोंकोजापानियोंद्वारासंभावितइस्तेमालकोरोकने...

भारत छोड़ो आंदोलन के कारण और परिणाम

भारत छोड़ो आंदोलन 8 अगस्त, 1942 ई. को‘भारत छोड़ो’ प्रस्ताव पास हुआ और 9 अगस्त की रात को गांधीजी सहित कांग्रेस के समस्त बड़े नेता बन्दी बना लिए गये। गाँधीजी के गिरफ्तार होने के बाद अखिल भारतीय कांग्रेस समिति ने एकसूत्रीय कार्यक्रम तैयार किया और जनता को भारत छोड़ो आंदोलन में सम्मिलित होने के लिए आवाहन किया। जनता के लिए निम्न कार्यक्रम तय किए गये- • आंदोलन में किसी प्रकार की हिंसात्मक कार्यवाही न की जाए । • नमक कानून को भंग किया जाए तथा सरकार को किसी भी प्रकार का कर न दिया जाए । अंग्रेजों द्वारा भारतीयों के प्रति दुर्व्यवहार का विरोध । • सरकार विरोधी हड़तालें, प्रदर्शन तथा सार्वजनिक सभाएं करके अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए विवश किया जाए । • मूल्यों में असाधारण वृद्धि, आवश्यक वस्तु उपलब्ध न होने के विरोध में। • पूर्वी बंगाल में आतंक शासन के खिलाफ । क्रिप्स मिशन के भारत आगमन से भारतीयों को काफी उम्मीदें थीं, किन्तु जब क्रिप्स मिशन खाली हाथ लाटैा तो भारतीयों को अत्यन्त निराशा हुई। अत: 5 जुलाई, 1942 ई. को‘हरिजन’ नामक पत्रिका में गाँधीजी ने उद्घोष कि- ‘‘अंग्रेजो भारत छोड़ो। भारत को जापान के लिए मत छोड़ों, बल्कि भारत को भारतीयों के लिए व्यवस्थित रूप से छोड़ा जाय । महात्मा गांधी जी का यह अन्तिम आंदोलन था जो सन् 1942 ई. में चलाया गया था। भारत छोड़ो आंदोलन के कारण भारत छोड़ो आंदोलन के कारण है - • क्रिप्स मिशन से निराशा- भारतीयों के मन में यह बात बैठ गई थी कि क्रिप्स मिशन अंग्रेजों की एक चाल थी जो भारतीयों को धोखे में रखने के लिए चली गई थी। क्रिप्स मिशन की असफलता के कारण उसे वापस बुला लिया गया था। • बर्मा में भारतीयों पर अत्याचार- बर्मा में भारतीयों के साथ किये गए दुर्व्यवहार से भारत...