भारत का अक्षांशीय व देशांतरीय विस्तार लिखिए

  1. भारत का अक्षांशीय और देशांतरीय विस्तार एवं भौगोलिक अवस्थिति
  2. अक्षांश एवं देशांतर रेखा के साथ अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा व मानक समय निर्धारण की समझ
  3. भारत का अक्षांशीय एवं देशान्तरीय विस्तार कितना है?
  4. भारत के अक्षांशीय व देशांतरीय विस्तार का स्थित समय पर क्या प्रभाव पड़ता है, स्पष्ट करें? » Bharat Ke Akshanshiya Va Deshantariya Vistaar Ka Sthit Samay Par Kya Prabhav Padta Hai Spasht Kare


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भारत का अक्षांशीय और देशांतरीय विस्तार एवं भौगोलिक अवस्थिति

भारत की मुख्य भूमि उत्तर में कश्मीर से लेकर दक्षिण में कन्याकुमारी तक और पूर्व में अरुणाचल प्रदेश से पश्चिम में गुजरात तक फैली है| इसका अक्षांशीय विस्तार 8°4′ उत्तर से 37°6′ उत्तर तक तथा देशांतरीय विस्तार 97°25′ पूर्व से 68°7′ पूर्व तक है| हम इस पोस्ट में भारत की भौगोलिक अवस्थिति एवं भारत का अक्षांश और देशांतर विस्तार से संबंधित चीजों के बारे में बता रहे है| हम भारत के है और भारत हमारे दिल में बसता है. ऐसे में भारत से जुड़ी चीजे दिमाग से नहीं बल्कि दिल से पढ़ी जानी चाहिए| इसमें आकड़े रटने की उबाऊपन और बोरियत की कोई जगह नहीं है और नहीं जगह है समझ न आने जैसे किसी बहाने की| जब आप खुद को भारत के एक अभिन्न अंग के रूप में समझेंगें तो भारत के बारे में यह भी पढ़ें: भारत की भौगोलिक अवस्थिति – Geographical location of india in hindi. भारत का क्षेत्रफल 32.8 लाख वर्ग किलोमीटर है| यह विश्व के कुल स्थलीय भारत विश्व का सातवां सबसे बड़ा देश है| पहले से छठें नंबर पर क्रमशः रूस, कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका, पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना, ब्राजील और ऑस्ट्रेलिया है| भारत की मुख्य भूमि उत्तर में कश्मीर से लेकर दक्षिण में कन्याकुमारी तक है| यह पूर्व में अरुणाचल प्रदेश से पश्चिम में गुजरात तक फैली है| भारत का तटीय सीमा आगे समुद्र की ओर 12 समुद्री मील ( लगभग 21.9 km) तक फैला है| भारत की स्थलीय सीमा 15200 किलोमीटर लंबी है| मुख्य भूमि व द्वीपों सहित तटीय सीमा की लंबाई 7516 किलोमीटर है| इसकी स्थलीय सीमा चीन, बांग्लादेश,पाकिस्तान, अफगानिस्तान,भूटान,नेपाल और म्यांमार (सात देश) से मिलती है| भारत की जलीय सीमा सात देशों पाकिस्तान,श्रीलंका,मालदीव, बांग्लादेश, म्यांमार, थायलैंड और इंडोनेशिया से मिलती है| भारत की ज...

अक्षांश एवं देशांतर रेखा के साथ अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा व मानक समय निर्धारण की समझ

पृथ्वी पर किसी स्थान की सटीक स्थिति ज्ञात करने एवं मानक समय निर्धारण के संबंध में अक्षांश और देशांतर जैसी काल्पनिक रेखा का प्रयोग किया जाता है. पृथ्वी पर अक्षांशीय और देशांतर रेखाएं क्रमशः समानांतर और लंबवत रूप से खींची जाती हुई एक ग्रिड बनाती है. हम इस पोस्ट में अक्षांश और देशांतर रेखा को समझने के साथ अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा और मानक समय निर्धारण को समझेंगें. यह भी पढ़ें • • अक्षांश रेखा यह पृथ्वी पर समानांतर रूप से खींची गई वृत्तीय काल्पनिक रेखा है. इसे अंश या डिग्री (°) में मापा जाता है. 0° अक्षांश की रेखा पृथ्वी को दो बराबर भागों में बांटती है. इसे विषुवत वृत्त या विषुवत रेखा कहा जाता है. विषुवत वृत्त के उत्तर में स्थित पृथ्वी के आधे भाग को उत्तरी गोलार्ध तथा दक्षिण में स्थित भाग को दक्षिणी गोलार्ध कहा जाता है. विषुवत रेखा से ध्रुवों तक की स्थित सभी समानांतर वृत्तों को अक्षांश रेखाएं ( Latitude line) कहा जाता है. यह 0 ° से 90° तक पाई जाती है. विषुवत रेखा के उत्तर की सभी अक्षांश को उत्तरी अक्षांश कहा जाता है तथा विषुवत वृत्त के दक्षिण में स्थित सभी अक्षांश को दक्षिणी अक्षांश कहा जाता है। इसीलिए प्रत्येक अक्षांश के मान के साथ उत्तर या दक्षिण को भी लिखा जाता है. 90 ° उत्तरी अक्षांश उत्तर ध्रुव को तथा 90 ° दक्षिणी अक्षांश दक्षिणी ध्रुव को दर्शाता है. विषुवत वृत्त पर अक्षांशीय दूरी सर्वाधिक होता है लेकिन जैसे-जैसे ध्रुवों की ओर बढ़ते हैं पृथ्वी के गोलाकार होने के कारण अक्षांशीय दूरी घटता जाता है. अक्षांश रेखाएं एवं ताप कटिबंध कुछ अक्षांश रेखाएं ये पृथ्वी पर ताप कटिबंध का निर्धारण करते हैं. ताप कटिबंध से तात्पर्य लगभग एक समान तापीय अवस्था वाली जोन या क्षेत्र से है। कर्क रेखा ...

भारत का अक्षांशीय एवं देशान्तरीय विस्तार कितना है?

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भारत के अक्षांशीय व देशांतरीय विस्तार का स्थित समय पर क्या प्रभाव पड़ता है, स्पष्ट करें? » Bharat Ke Akshanshiya Va Deshantariya Vistaar Ka Sthit Samay Par Kya Prabhav Padta Hai Spasht Kare

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। सवाल है कि भारत के अक्षांशीय व देशांतरीय विस्तार का स्थित समय पर क्या प्रभाव पड़ता है स्पष्ट करें आपके सवाल का उत्तर है कि किसी भी देश के अक्षांशीय विस्तार का उसके मानक समय पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है मानक समय को प्रभावित करने वाला देशांतरीय विस्तार होता है किसी भी देश का देशांतरीय विस्तार जितना ज्यादा होगा उस देश में समय अंतराल भी उतना ही ज्यादा पाया जाएगा संभवत छोटे देश अपने मध्य देशांतर विस्तार को देशांतर रेखा को मानक समय मानते हैं जैसे हमारे देश में साढे 82 डिग्री को मानक समय रेखा माना गया है लेकिन कुछ देश जो बहुत बड़े होते हैं विस्तार में जैसे रूस कनाडा चाइना अमेरिका इन देशों में 1 से ज्यादा मानक समय रखने पड़ते हैं क्योंकि इन देशों का विस्तार इतना ज्यादा होता है कि इन जैसे रूस जैसे देश में एक तरफ स्वरोदय हो रहा होता है तो दूसरी तरफ सूर्यास्त हो रहा होता है तो इन देशों में यदि एक मानक समय रखेंगे तो वहां के कार्यालय के समय एवं ट्रेनों के संचालन में तथा उड़ानों के संचालन में काफी मुश्किल का सामना करना पड़ेगा इसीलिए जो बहुत अधिक देशांतरीय विस्तार वाले देश हैं उनके यहां एक से ज्यादा मानक समय रेखा रखी जाती है जैसे रूस में लगभग 7 मानक समय है चीन में 5 है अमेरिका में भी ऐसे ही है कनाडा में भी एक से ज्यादा मानक समय रेखा हैं लेकिन जो छोटे होते हैं उनमें संभवत एक ही मानक समय रेखा होती है जैसे भारत में साढे 42 डिग्री लेकिन भारत का भी देशांतरीय विस्तार काफी ज्यादा है भारतपुर में अरुणाचल प्रदेश से लेकर पश्चिम में पोरबंदर तक फैला हुआ है भारत की स्थिति 68 डिग्री पश्च...