भारत की परमाणु नीति क्या है

  1. न्यूक्लियर ट्रायड किसे कहते हैं और दुनिया के किन देशों में यह क्षमता है ?
  2. भारत की परमाणु नीति क्या है ?(Nuclear Policy of India in hindi)
  3. PSEB 10th Class SST Solutions Civics Chapter 5 भारत की विदेश नीति तथा संयुक्त राष्ट्र – PSEB Solutions
  4. भारत की परमाणु नीतिः मूल्यांकन की आवश्यकता?
  5. भारत की परमाणु नीति क्या है?
  6. भारत की परमाणु नीति (दक्षिण एशिया में परमाणविक शक्ति संतुलन के विशेष सन्दर्भ में)
  7. भारत का परमाणु सिद्धांत क्या है?
  8. भारत की परमाणु नीति क्या है?


Download: भारत की परमाणु नीति क्या है
Size: 52.6 MB

न्यूक्लियर ट्रायड किसे कहते हैं और दुनिया के किन देशों में यह क्षमता है ?

भारत ने अपना पहला परमाणु परीक्षण मई 1974 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासन काल में किया था। इस परमाणु परीक्षण का नाम "स्माइलिंग बुद्धा" था। इसके बाद, पोखरण -2 परीक्षण मई 1998 में पोखरण परीक्षण रेंज में किए गए पांच परमाणु बम परीक्षणों की एक श्रृंखला का एक हिस्सा था। भारत ने 11 और 13 मई 1998 को राजस्थान में पोखरण परमाणु स्थल पर 5 परमाणु परीक्षण किए। इस कदम के साथ भारत की ख्याति पूरी दुनिया में इकट्ठी हो चुकी थी। आज दुनिया में केवल 5 देश ऐसे हैं जिन्होंने परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर किए हैं और परमाणु हमले करने की क्षमता रखते हैं। ये देश हैं; अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन। इसके अलावा, भारत, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया ने भी आधिकारिक तौर पर घोषणा की है कि उनके पास भी परमाणु क्षमता है, हालांकि इन देशों ने एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। परमाणु त्रय किसी देश की परमाणु हमले की क्षमता का वर्णन करता है। अगर कोई देश पानी में पनडुब्बियों, हवा में उड़ने वाले लड़ाकू विमानों और जमीन में रखे लांचरों की मदद से परमाणु हमला करने में सक्षम है, तो उस देश को परमाणु त्रय की क्षमता कहा जाता है। सीधे शब्दों में कहें तो अगर कोई देश पानी, जमीन और हवा तीनों जगहों से परमाणु हमले करने में सक्षम है, तो उसे परमाणु त्रय देश कहा जाता है। यह ज्ञात है कि भारत अरिहंत से पहले मिराज -2000, जगुआर आईएस / आईबी, मिग -27 की मदद से हवा से परमाणु हमले को अंजाम देने में सक्षम था, जबकि यह क्षमता पृथ्वी 1 और अग्नि के सभी प्रकारों का उपयोग करके जमीन से हमला करने के लिए थी। . लेकिन अब भारत बैलिस्टिक मिसाइलों की मदद से पानी के भीतर से अरिहंत पनडुब्बी पर परमाणु हमला करने में कामयाब हो गया है। L...

भारत की परमाणु नीति क्या है ?(Nuclear Policy of India in hindi)

भारत की परमाणु नीति- भारत ने परम्परागत विदेश नीति के सैद्वांतिक आधारों पर निष्पक्ष और पूर्ण निशस्त्रीकरण का विकल्प वैश्विक स्तर पर रखा जिसका सबूत है संयुक्त राष्ट्र द्वारा 1954 में सभी प्रकार के परमाणु परीक्षणों पर प्रतिबंध संबंधी दस्तावेज का पूर्णतः समर्थन किया गया था। 1963 में लेकिन बाकी देशों की सुरक्षा आवश्यकताओं के बावजूद उन्हें हर हाल में नाभिकीय संपन्न देश होने से रोकना चाहते थे लेकिन भारत को मजबूरी में विशेषकर 1962 में चीनी आक्रमण के बाद परिस्थितियों के दृष्टिगत परमाणु बनाने का विकल्प चुनना पड़ा। भारत प्रारम्भ से ही परमाणु उर्जा के शांतिपूर्ण उपभोग का सभी देशों को अधिकार देने का समर्थन करता रहा है। भारत की परमाणु नीति के मुख्य सिद्धांत क्या हैं ? भारत की 1998 की परमाणु डॉक्ट्रिंग - इस नीति के तीन प्रमुख आधार :- 1. विश्वसनीयता - ये नीति भारत को परमाणु दृष्टि से एक विश्वसनीय देश के रूप् में स्थापित करने का प्रयत्न हैभारत प्रथम उपयोग नहीं करने और गैर-नाभिकीय देशों पर कभी भी परमाणु हमला ना करने और नागरिक क्षेत्रों में भी कभी भी परमाणु ना करने का संकल्प रखकर अपनी विश्वसनीयता में और वृद्वि करता है इसी का प्रभाव है कि NPTऔर CTBT पर हस्ताक्षर ना करने के बावजूद अमेरिका सहित विश्व की सभी परमाणु ताकतें भारत से परमाणु समझौते कर रहे हैं। प्रभावशीलता- इसके अन्तर्गत भारत नाभिकीय Command प्राधिकरण की रचना करता है जिसका प्रमुख उद्देश्य त्वरित और तार्किक निर्णय प्रणाली को इस विषय की संवेदनशीलता के अनुरूप संभव बनाना है यह प्राधिकरण के दो स्तर हैं पहला- राजनैतिक परिषद - जो PM की अध्यक्षता में परमाणु हथियारों के उपयोग में अंतिम निर्णय लेने का अधिकार रखती हैं। दूसरा- कार्यकारी परिषद- ये ...

PSEB 10th Class SST Solutions Civics Chapter 5 भारत की विदेश नीति तथा संयुक्त राष्ट्र – PSEB Solutions

Punjab State Board PSEB Solutions for Class 10 Social Science Civics Chapter 5 भारत की विदेश नीति तथा संयुक्त राष्ट्र SST Guide for Class 10 PSEB भारत की विदेश नीति तथा संयुक्त राष्ट्र Textbook Questions and Answers (क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द/एक पंक्ति (1-15 शब्दों) में लिखो प्रश्न 1. भारत की विदेश नीति का एक मूल सिद्धान्त लिखो। उत्तर- • गुट-निरपेक्षता की नीति में विश्वास। • पंचशील के सिद्धान्तों में विश्वास। • संयुक्त राष्ट्र में पूर्ण विश्वास। • साम्राज्यवाद और उपनिवेशवाद का विरोध। (कोई एक लिखें) प्रश्न 2. पंचशील से आप क्या समझते हैं? उत्तर- अप्रैल, 1954 को भारत के प्रधानमन्त्री पण्डित जवाहर लाल नेहरू और चीन के प्रधानमन्त्री चाऊ-एन-लाई ने जो पांच सिद्धान्त स्वीकार किए। उन्हें सामूहिक रूप से पंचशील कहते हैं। प्रश्न 3. गुट-निरपेक्षता की नीति से आप क्या समझते हैं? उत्तर- गुट-निरपेक्षता की नीति से अभिप्राय सैनिक गुटों से अलग रहने की नीति से है। प्रश्न 4. भारत और संयुक्त राज्य में सम्बन्ध बिगड़ने का एक मुख्य कारण लिखो। उत्तर- भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका में सम्बन्ध बिगड़ने का एक मुख्य कारण यह है कि अमेरिका पाकिस्तान को सैनिक सहायता देता रहता है। प्रश्न 5. भारत की परमाणु नीति क्या है? उत्तर- भारत एक परमाणु शक्ति सम्पन्न देश है। परंतु हमारी विदेश नीति शांतिप्रियता पर आधारित है। इसलिए भारत की परमाणु नीति का आधार शांतिप्रिय लक्ष्यों की प्राप्ति करना और देश का विकास करना है। वह किसी पड़ोसी देश को अपनी परमाणु शक्ति के बल पर दबाने के पक्ष में नहीं है। हमने स्पष्ट कर दिया है कि युद्ध की स्थिति में भी हम परमाणु शक्ति का प्रयोग करने की पहल नहीं करेंगे। प्रश्न 6. सुरक्षा...

भारत की परमाणु नीतिः मूल्यांकन की आवश्यकता?

भारतकीपरमाणुनीतिःमूल्यांकनकीआवश्यकता? - यूपीएससी, आईएएस, सिविलसेवाऔरराज्यपीसीएसपरीक्षाओंकेलिएसमसामयिकी चर्चाकाकारण हालहीमेंसंसदद्वाराजम्मू-कश्मीरकेविशेषदर्जासंबंधीअनुच्छेद 370 केअधिकतरप्रावधानोंकोखत्मकरनेकेबादपाकिस्तानसेचलरहेतनावकोलेकरभारतकेरक्षामंत्रीराजनाथसिंहनेकहाहैकिआजतकभारतकीपरमाणुनीति (Nuclear Policy) "नोफर्स्टयूज" (No First Use) रहीहै।परन्तुभविष्यमेंभारतकीनीतिक्याहोगीयहपरिस्थितियोंपरनिर्भरकरेगा। गौरतलबहैकिभारतकापरमाणुशक्तिसम्पन्नबननेकामहत्वपूर्णकारणचीनकीबजाएपाकिस्तानथा, लेकिनक्याभारतकीप्राथमिकताएँअबबदलगईहैं? इन्हींसबबिन्दुओंपरइसआलेखमेंसविस्तारपूर्वकविश्लेषणकियागयाहै। ‘नोफर्स्टयूज’ पॉलिसीक्याहै? • भारतकीपरमाणुनीतिकामूलसिद्धांत- पहलेउपयोगनहींहै, (No First Use) जोभारतकोविश्वकेअन्यदेशोंसेअलगबनाताहै।इसनीतिकेअनुसारभारतकिसीभीदेशपरपरमाणुहमलातबतकनहींकरेगाजबतककिशत्रुदेशभारतकेऊपरहमलानहींकरदेताहै। • भारतअपनीपरमाणुनीतिकोइतनासशक्तरखेगाकिदुश्मनकेमनमेंभयबनारहे। • दुश्मनदेशकेखिलाफपरमाणुहमलेकीकार्यवाहीकरनेकाअधिकारसिर्फजनताद्वाराचुनेगएप्रतिनिधियोंअर्थातदेशकेराजनीतिकनेतृत्वकोहीहोगाजबकिनाभिकीयकमांडप्राधिकरणकासहयोगजरूरीहोगा। • जिनदेशोंकेपासपरमाणुहथियारनहीहैंउनदेशोंकेखिलाफभारतअपनेपरमाणुहथियारोंकाइस्तेमालनहींकरेगा। • यदिभारतकेखिलाफयाभारतीयसुरक्षाबलोंकेखिलाफकोईरासायनिकयाजैविकहमलाहोताहैतोभारतइसकेजबाबमेंपरमाणुहमलेकाविकल्पखुलारखेगा। • भारतपरमाणुमुक्तविश्वबनानेकीवैश्विकपहलकासमर्थनकरतारहेगातथाभेदभावमुक्तपरमाणुनिःशस्त्रीकरणकेविचारकोआगेबढ़ाएगा। ध्यानदेनेवालीबातयहहैकिपहले ‘प्रयोगनकरनेकीनीति’ कीऐतिहासिकपृष्ठभूमिशीतयुद्धकेदिनोंमेंनिहितहै।उससमययूरोपकेभीतरपारंपरिकसैन्यशक्तिमेंवारसासंधि (Warsaw Pact) को...

भारत की परमाणु नीति क्या है?

भारत एक परमाणु शक्ति सम्पन्न देश है। परंतु हमारी विदेश नीति शांतिप्रियता पर आधारित है। इसलिए भारत की परमाणु नीति का आधार शांतिप्रिय लक्ष्यों की प्राप्ति करना और देश का विकास करना है। वह किसी पड़ोसी देश को अपनी परमाणु शक्ति के बल पर दबाने के पक्ष में नहीं है। हमने स्पष्ट कर दिया है कि युद्ध की स्थिति में भी हम परमाणु शक्ति का प्रयोग करने की पहल नहीं करेंगे। Categories • • (31.9k) • (8.8k) • (764k) • (248k) • (2.9k) • (5.2k) • (664) • (121k) • (26.8k) • (26.9k) • (11.1k) • (18.4k) • (36) • (72.1k) • (3.8k) • (19.6k) • (1.4k) • (14.2k) • (12.5k) • (9.3k) • (7.7k) • (3.9k) • (6.7k) • (63.8k) • (26.6k) • (23.7k) • (14.6k) • (25.7k) • (530) • (84) • (766) • (49.1k) • (63.8k) • (1.8k) • (59.3k) • (24.5k)

भारत की परमाणु नीति (दक्षिण एशिया में परमाणविक शक्ति संतुलन के विशेष सन्दर्भ में)

परमाणु हथियारों के विकास ने राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में चिन्तन को नई दिशा प्रदान की है। प्रत्येक राष्ट्र चाहे वह कितना भी महान हो, बिना परमाणु हथियारों के शक्तिशाली नहीं बन सकता है। इसी सोच ने राष्ट्रों को‘शान्ति की दौड़’ के बजाय ‘हथियारों की होड़’ में लगा दिया। अपनी सुरक्षा चिन्ताओं के कारण भारत भी परमाणु सम्पन्न देश बना। लेकिन भारतीय परमाणु नीति न तो आक्रामक है और न ही किसी पड़ोसी देश के लिए खतरा। भारतीय परमाणु नीति केवल भारतीय सुरक्षा चिन्ताओं का समाधान करती है। यह समाधान दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय परमाणु सन्तुलन स्थापित करता है। एक तरफ यह पाकिस्तान व चीन को संतुलित करता है तो दूसरे तरफ अमेरिका जैसे देश को भी इस क्षेत्र से दूर रखने का प्रयास करता है। इस प्रकार भारतीय परमाणु नीति ने केवल क्षेत्रीय स्तर पर बल्कि वैश्विक स्तर पर भी परमाणु सन्तुलन(Deterence) स्थापित किया है। सुरक्षा किसी भी राष्ट्र की अनिवार्यता है। राष्ट्रीय सुरक्षा प्रारम्भ से ही एक विकट समस्या रही है हालांकि परमाणु हथियारों के आविष्कार ने इसे और भी जटिल बना दिया है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका द्वारा हिरोशिमा व नागासाकी पर गिराये गये दो परमाणु बमों ने राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में चिंतन को नई दिशा दी। प्रत्येक राष्ट्र यह विचार करने के लिए मजबूर हुआ कि क्या वे परम्परागत हथियारों से अपनी राष्ट्रीय अस्मिता, एकता, अखण्डता एवं अस्तित्व को बनाये रख सकते हैं? इसी आशंका ने पूरे विश्व में परमाणु शस्त्रों की होड़ शुरू कर दी। आज घोषित व अघोषित रूप में कम से कम 15-20 राष्ट्रों के पास परमाणु हथियार हैं। परमाणु हथियारों के प्रति राष्ट्रों की ललक का कारण राष्ट्रीय सुरक्षा की सुनिश्चितता रही है। अब यह ल...

भारत का परमाणु सिद्धांत क्या है?

bharat ka dusra parmanu parikshan, bharat ka pehla parmanu parikshan, bharat ki parmanu niti in hindi, India nu, india nuclear doctrine 2003, npt in hindi, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान मई 1974 में भारत ने अपना पहला परमाणु परीक्षण किया था। इस परमाणु परीक्षण का नाम "स्माइलिंग बुद्धा" था। इसके बाद, पोखरण- II परीक्षण 11 और 13 मई 1998 के बीच पोखरण परीक्षण रेंज में आयोजित पांच परमाणु परीक्षणों की श्रृंखला का एक हिस्सा था। 1. भारत के परमाणु सिद्धांत का मूल सिद्धांत "नो फर्स्ट यूज़" है। इस नीति के अनुसार, परमाणु हथियारों का उपयोग केवल भारतीय क्षेत्र पर या भारतीय बलों पर कहीं भी परमाणु हमले के प्रतिशोध में किया जाएगा। 2. भारत को एक विश्वसनीय न्यूनतम जासूस बनाने और बनाए रखने की आवश्यकता है। यह भी शामिल है; पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान मई 1974 में भारत ने अपना पहला परमाणु परीक्षण किया था। इस परमाणु परीक्षण का नाम "स्माइलिंग बुद्धा" था। इसके बाद, पोखरण- II परीक्षण 11 और 13 मई 1998 के बीच पोखरण परीक्षण रेंज में आयोजित पांच परमाणु परीक्षणों की श्रृंखला का एक हिस्सा था। परमाणु परीक्षणों के कारण; दुनिया भर में भारत की मान्यता बढ़ी। भारत परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर किए बिना पहला परमाणु ऊर्जा संचालित देश बन गया। परमाणु परीक्षणों के बाद, विश्व समुदाय ने भारत पर कई प्रतिबंध लगाए थे। भारत ने विश्व समुदाय को समझाया था कि भारत एक जिम्मेदार देश है और उसके परमाणु युद्ध सिर्फ देश की संप्रभुता और सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए हैं, किसी भी देश पर आक्रमण करने के लिए नहीं। भारत ने 2003 में अपना परमाणु सिद्धांत बनाया था और भारत के परमाणु सिद्धांत ...

भारत की परमाणु नीति क्या है?

I am Narendra Modi App and Social Media State Coordinator and Ex-State Executive Member, Bharatiya Janata Party (BJP) Haryana, A Sewika in RSS and A Social-Worker. I Have received “Bharat Gaurav” Award on 16th Sept,14 For My Social-Work By Sh. Shripadh Naik, Cultural & Tourism Central Minister, Government Of India. My only Dream is to work with Our Honorable Prime Minister Sh. Narender Modi Ji For The People of My Great Country BHARAT. 🙏🙏 ★आओकुछअच्छीबातेंकरें★ दोस्तों, जबभीमुझे, कोईभीअच्छीबात, सोशलमीडियायाप्रिंटमीडियापरपढ़नेकोमिलतीहैं, तोवोमैंकॉपी-पेस्ट-एडिटकरकेआपसबतक★आओकुछअच्छीबातेंकरें★केतहतशेयरजरूरकरतीहूँ।आजभी "भारतकीपरमाणुनीतिक्याहै?"विषयपरकुछअच्छीबातेंआपसेशेयरकररहीहूँ, इसप्राथनाकेसाथकिअगरआपकोभीयेबातेंअच्छीलगें, तोकृपयादूसरोंकेलिए, आगेज़रूरशेयरकरे ........ ........विजेतामलिक भारतकीपरमाणुनीतिक्याहै? ~~~~~~~~~~~~~~~~~ भारतनेअपनासफलवगुप्तपरमाणुपरीक्षणपोखरण-2 परीक्षणमई 1998 मेंपूर्वप्रधानमंत्रीश्रीअटलबिहारीवाजपेयीकेशासनकालमेंकियाथा।पोखरणपरीक्षणरेंजपरकियेगएपांचपरमाणुबमपरीक्षणोंकीश्रृंखलाकाएकहिस्साथा।भारतने 11 और 13 मई, 1998 कोराजस्थानकेपोरखरणपरमाणुस्थलपर 5 परमाणुपरीक्षणकियेथे। इसकदमकेसाथहीभारतकीदुनियाभरमेंधाकजमगई।भारतपहलाऐसापरमाणुशक्तिसंपन्नदेशबनाजिसनेपरमाणुअप्रसारसंधि (NPT) परहस्ताक्षरनहींकिएहैं।भारतद्वाराकियेगएइनपरमाणुपरीक्षणोंकीसफलतानेविश्वसमुदायकीनींदउड़ादीथी। इनपरीक्षणोंकेकारणविश्वसमुदायनेभारतकेऊपरकईतरहकेप्रतिबन्धलगायेथे।इसीकारणभारतनेविश्वसमुदायसेकहाथाभारतएकजिम्मेदारदेशहैऔरवहअपनेपरमाणुहथियारोंकोकिसीदेशकेखिलाफ“पहलेइस्तेमाल”नहीकरेगा; जोकिभारतकीपरमाणुनीतिकाहिस्साहै। भारतने20...