भारत में हरित क्रांति के जनक कौन थे

  1. Harit Kranti Kya Hai in Hindi: भारत में हरित क्रांति के जनक
  2. हरित क्रांति क्या है? भारत में हरित क्रांति के जनक (Green Revolution)
  3. हरित क्रांति (Harit Kranti)
  4. MS SWAMINATHAN IN HINDI
  5. हरित क्रांति के जनक कौन है?
  6. Economics Quiz In Hindi : विश्व हरित क्रांति के जनक कौन थे? अर्थशास्त्र के महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी
  7. हरित क्रांति क्या है


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Harit Kranti Kya Hai in Hindi: भारत में हरित क्रांति के जनक

Harit Kranti Kya Hai in Hindi: हरित क्रांति का भारतीय कृषि पर काफी प्रभाव पड़ा क्योंकि स्वतंत्रता के बाद भारत में भूखमरी की स्थिति पैदा हो गई थी और देश के बहुत सारे लोग इसका शिकार हो रहे थे। भारत ने जब विकसित देशों से खाद्यान्न की कमी को पूरा करने के लिए मदद मांगी तो उन्होंने बदले में निम्न कोटि का खाद्यान्न भेजना शुरू कर दिया था। शायद आप सभी ने हरित क्रांति के बारे में सुना होगा। दरअसल यह कृषि का विकास करने के लिए शुरू की गई एक ऐसी योजना थी, जिसने पूरे विश्व में कृषि के विकास को एक नया आयाम दिया। सबसे पहले हरित क्रांति की शुरुआत अमेरिका में हुई थी, इसके बाद यह भारत और अन्य देशों में भी पहुंचा। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि हरित क्रांति क्या है, हरित क्रांति का इतिहास भारत में हरित क्रांति के जनक, भारत में हरित क्रांति की शुरुआत कब हुई, हरित क्रांति का संबंध किस क्षेत्र से है? Table of Contents • • • • • • • हरित क्रांति का संबंध किस क्षेत्र से है? हरित क्रांति का संबंध कृषि एवं उससे संबंधित उत्पादों से है। विश्व में सबसे पहले अमेरिका में हरित क्रांति की शुरुआत हुई थी, जो धीरे-धीरे विश्व के अलग-अलग देशों में शुरू की गई और कृषि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इसके नियमों का अनुसरण किया गया। सिर्फ भारत या अमेरिका में ही नहीं बल्कि दुनिया के अन्य देशों में भी हरित क्रांति ने कृषि को काफी अधिक बढ़ावा दिया। हरित क्रांति के बाद ही भारत एक कृषि संपन्न राष्ट्र बन सका और वर्तमान समय में आज भारत कई कृषि उत्पादों एवं खाद्यान्नों का सबसे बड़ा निर्यातक भी बन चुका है। कुछ मामलों में यह दूसरे या तीसरे नंबर पर भी आता है। हरित क्रांति क्या है? / Harit Kranti Kya Hai? 1960 के दशक में कृषि...

हरित क्रांति क्या है? भारत में हरित क्रांति के जनक (Green Revolution)

सर्वप्रथम भारत में इसकी शुरुआत एस. स्वामीनाथन ने की इन्हें भारत में हरित क्रांति का जनक कहा जाता है। कृषि एवं खाद्य मंत्री बाबू जगजीवन राम को हरित क्रांति का प्रणेता माना जाता है, इन्होने एम० एस० स्वामीनाथन की कमेटी की सिफारिशों पर इस क्रांति का सफलतम संचालन किया और इसके संतोषजनक परिणाम भविष्य में देखने को भी मिले। इसका मुख्य उद्देश्य देश में जितने भी सिंचित व असिंचित कृषि क्षेत्र में अधिक उपज देने वाले संकर तथा बौने बीज के उपयोग से फसल उत्पादन की वृद्धि में बढ़ोतरी करना। 3.3 Harit Kranti से सम्बंधित प्रश्न हरित क्रांति क्या है? विश्वभर में कृषि मनुष्य की खाद्य आवश्यकता का सर्वाधिक विकसित उपाय है। भारत में कुल 3280 लाख हेक्टेयर भूमि में से करीब आधी भूमि पर कृषि की जाती है। इसके बावजूद भी स्वतंत्रता के बाद भारत की सबसे बड़ी समस्या खाद्यान की अपर्याप्तता थी। क्यूंकि परंपरागत कृषि से उत्पादन कम होता था और देश की बढ़ती जनसंख्या के चलते एक गंभीर समस्या की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। इसीलिए इन सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए भारत ने अपने कृषि ढाँचे परिवर्तन करते हुए एक नए प्रकार की कृषि पद्धति को अपनाकर खाद्यान के क्षेत्र में एक बहुत बड़ा बदलाव किया जिसे हरित क्रांति कहा गया। कृषि क्षेत्रों में अच्छी फसल या उच्च पैदावार वाले बीजों, उर्वरकों का प्रयोग करके उत्पादन में तेजी लाने की प्रक्रिया को हरित क्रांति कहा गया है। इसमें परंपरागत तकनीक की जगह पर नई तकनीकों का प्रयोग किया जाता है और साथ-साथ उर्वरकों, सिंचाई के साधनों और उपयुक्त कीटनाशकों के प्रयोग करने से उत्तम किस्म की बीजों द्वारा उत्पादन को बढ़ने का प्रयास किया जाता है। आर्टिकल हरित क्रांति क्या है हरित क्रांति की शुरुआत हुई सन 1...

हरित क्रांति (Harit Kranti)

• • • • • • • हरित क्रांति की परिभाषा हरित क्रांति शब्द का सम्बन्ध आधुनिक प्रौद्योगिकी के प्रयोग से कृषि उत्पादन विशेष रूप से खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि करने से है। इस क्रांति का प्रमुख आधार उच्च उत्पादकता वाले बीजों की किस्मो का अधिकाधिक प्रयोग करना था। भारतीय कृषि के इतिहास में हरित क्रांति (Harit Kranti) का सूत्रपात बहुत ही महत्वपूर्ण है। क्योंकि बढ़ती जनसंख्या के लिए खाद्यान्न की आवश्यकता होती है। इस क्रांति के फलस्वरूप हमारे देश में गेहूं, चावल, ज्वार – बाजरा आदि खाद्यान्नों का उत्पादन तीन गुना से भी अधिक होता है। हरित क्रांति के जनक भारत में:- भारत में हरित क्रांति के जनक एम.एस. स्वामीनाथन जी हैं। भारत में हरित क्रांति की शुरुआत सन् 1966 – 67 ई० में हुई है। विश्व में:- विश्व में हरित क्रांति के जनक प्रोफेसर नॉरमन बोरलॉग जी हैं। जिन्हें सबसे पहले हरित क्रांति शुरु करने का श्रेय जाता है। इन्होंने हरित क्रांति के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार जीता था। नॉरमन बोरलॉग, अमेरिका के निवासी थे। द्वितीय हरित क्रांति: द्वितीय हरित क्रांति सन् 1987 में शुरू हुई जिसका सम्बन्ध दलहन, तिलहन, चावल के उत्पादन से है। हरित क्रांति की शुरुआत किस पंचवर्षीय योजना के तहत की गई थी हरित क्रांति की शुरुआत दूसरी पंचवर्षीय योजना के तहत की गई थी। हरित क्रांति के परिणाम • हरित क्रांति के फलस्वरूप देश में खाद्यान्नों की कमी का संकट दूर हो गया है। तथा देश आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हुआ है। • भारत में प्रति हेक्टेयर उत्पादन में वृद्धि हुई है। • देश में गेहूं का उत्पादन पहले से पाँच गुना तथा चावल का उत्पादन दो गुना हो गया है। हरित क्रांति (Harit Kranti) का सामान्य अर्थ कृषि उत्पादन में आश्चर्यजनक रूप से व...

MS SWAMINATHAN IN HINDI

एम.एस.स्वामीनाथन (M S Swaminathan in Hindi ) की गिनती भारत के महान कृषि वैज्ञानिक के रूप में की जाती है। इन्हीं के कोशिस के कारण ही 60 के दशक में भारत में हरित क्रांति सफल हो सका था. इस कारण डॉ एम.एस.स्वामीनाथन को भारत में हरित क्रांति का जनक माना जाता है। हमारा देश भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ की अधिकांश जनसंख्या के जीविका का स्रोत कृषि है। देश की आजादी के लगभग 18 साल बाद, 60 के दशक के दौरन देश में अनाज का उत्पादन काफी कम हो गया था। अकाल की स्थिति उत्पन्न हो चली थी। विशाल जनसंख्या वाले हमारे देश भारत में खाद्य पदार्थों की कमी की हो गई थी। उस बक्त भारत में हरित क्रांति के जनक | MS SWAMINATHAN IN HINDI उनके अहम प्रयास का प्रतिफल था की देश में खाद्य पदार्थों का उत्पादन कई गुण बढ़ गया। इन्होंने गेहूं, चावल और आलू की भी कई उन्नत किस्म का विकास किया। इस कारण खाध्य पदार्थों के पैदावार में अपार बढ़ोतरी हुई। इस प्रकार एमएस स्वामीनाथन का संबंध हरित क्रांति से है। स्वामीनाथन का प्रारम्भिक जीवन एमएस स्वामीनाथन का पूरा नाम मंकॉम्बो सम्बासीवन स्वामीनाथन(Mankombu Sambasivan Swaminathan) था। बचपन से इनका रुझान कृषि की तरफ था। स्वामीनाथन का जन्म तमिलनाडु के कुंभकोणम में 7 अगस्त 1925 को हुआ था। बंगाल के भीषण आकाल के बारें में पढ़ चुके थे। अनाज उत्पादन के क्षेत्र में वे भारत को आत्मनिर्भर देखना चाहते थे। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा-दीक्षा तमिलनाडू में ही हुई थी। वे गांधी जी के स्वदेशी आंदोलन से बहुत प्रभावित थे। उन्होंने तमिलनाडु से कृषि में ग्रैजूइट की डिग्री हासिल की। पोस्ट ग्रैजूइट के बाद वे पी-एच.डी. के लिए इंग्लैंड के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में अध्ययन करने लगे। इंग्लैंड के कैम्ब्रिज वि...

हरित क्रांति के जनक कौन है?

दोस्तों, शीत युद्ध के बाद में जब पूरे विश्व में भुखमरी फैलने लगी थी, उस समय यह आवश्यकता बन चुकी थी कि कुछ ऐसे आविष्कार किए जाएं जिससे पूरे विश्व की भूख शांत की जा सके। हालांकि आज के समय तक भी ऐसा नहीं कहा जा सकता कि हर व्यक्ति को पेट भर खाना मिलता है। लेकिन फिर भी पूरे विश्व की 95% आबादी आज के समय भुखमरी से मरने की कगार पर नहीं खड़ी है। इसका श्रेय हरित क्रांति के जनक को जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि हरित क्रांति क्या है? हरित क्रांति की शुरुआत कब हुई? bharat mein harit kranti ke janak kaun hai हरित क्रांति क्यों शुरू हुई? हरित क्रांति के फायदे क्या है? यह सभी सवाल आपके मन में उठ रहे होंगे। चिंता मत कीजिये, क्योंकि आज के लेख में हम आपको सभी सवालों के जवाब देंगे। दोस्तों, हरित क्रांति जिसे Green Revolution या तीसरी कृषि क्रांति के नाम से जाना जाता है, यह एक ऐसा समय था जिस समय शीत युद्ध के पश्चात पूरे विश्व में लोग भुखमरी से मरने लगे थे। करोड़ों लोग अपनी जान गवा चुके थे। उस समय कृषि इतने विकसित नहीं थी कि लोगों को कम समय में अधिक भोजन की आपूर्ति कर सके। इसलिए कुछ ऐसे बड़े कदम किए गए जिसमें टेक्नोलॉजी और विज्ञान को हर प्रकार से छोड़ा गया। परंपरागत कृषि तकनीक को छोड़कर नवीन कृषि तकनीक को अपनाया गया, और पूरी पृथ्वी पर लोगों को शीघ्रता से भोजन की उपलब्धि करवाई गई। ऐसा करके कृषि करने के नए-नए तरीके खोजे गए जिससे कम समय में अधिक से अधिक भोजन का उत्पादन किया जा सका। हरित क्रांति के जनक कौन है? | Harit Kranti ke Janak Kaun hai? अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हरित क्रांति के जनक के रूप में नॉर्मन बोरलॉग को माना जाता था। नॉरमन बोरलॉग एक कृषि वैज्ञानिक थे, जिन्होंने विज्ञान और कृषि के सहयोग से...

Economics Quiz In Hindi : विश्व हरित क्रांति के जनक कौन थे? अर्थशास्त्र के महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी

4/5 - (2 votes) Economics Quiz In Hindi Economics Quiz In Hindi भारत के किस राज्य की प्रति व्यक्ति आय सबसे अधिक है? नमस्कार दोस्तों आज में आप सभी के लिए अर्थशास्त्र के महत्वपूर्ण प्रश्नों का Online Test ले के आया हु ये Economics Quiz In Hindi आने वाले परीक्षा जैसे ( RRB, NTPC, SSC, UPSC, CETET, UPTET,SSC GD, BANK) के लिए महत्वपूर्ण हे जैसा कि सभी को पता है कि अर्थशास्त्र में बोहत प्रश्न महत्वपूर्ण में हम आप सभी को 25 प्रश्नों का अभ्यास सेट बना के आप सभी को प्रोवाइड कर रहे हैं हे आप सभी ऑनलाइन टेस्ट अवश्य दे | Note– टेस्ट का रिजल्ट आप सभी को ऑनलाइन टेस्ट खत्म होने के बाद मिलेगा इसलिए सभी प्रश्नों का टेस्ट दें | Economics Quiz In Hindi से संबंधित 25+ महत्वपूर्ण प्रश्नों का ऑनलाइन टेस्ट Restart Test 100+ History Practice Test Click Here सम्पूर्ण समान्य ज्ञान Downlead Free PDF Latest Test Series Economics Quiz In Hindi से संबंधित 25+ महत्वपूर्ण प्रश्न | Important Gk Questions For – SSC GD, RRB, NTPC, SSC, UPSC, BANK, & All Exams Q. विश्व हरित क्रांति के जनक कौन थे? • नॉर्मन ई बोरलॉग Q. प्रथम पंचवर्षीय योजना किस मॉडल पर आधारित थी • हैरोड डोमर मॉडल Q. भारत सरकार द्वारा योजना आयोग के स्थान पर नीति आयोग का कब गठन किया गया • 1 जनवरी 2015 Q. सेबी के वर्तमान अध्यक्ष हैं • अजय त्यागी Q. इंडिया इज फॉर सेल नामक पुस्तक किसने लिखी है • चित्रा सुब्रमण्यम Q. महालनोबिस समिति का संबंध किससे हैं • राष्ट्रीय आय Q. रेखी समिति का संबंध किससे हैं • अप्रत्यक्ष कर Q. भारत की पहली पंचवर्षीय योजना कब से प्रारंभ हुई? • 1951 Q. प्रथम योजना आयोग के अध्यक्ष कौन थे? • जवाहरलाल नेहरू Q. योजना आयोग को कब समा...

हरित क्रांति क्या है

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • हरित क्रांति (Green Revolution) से सम्बंधित जानकारी हरित क्रांति के बारे में जानने के लिए हमे काफी समय पहले जाना होगा | जब दूसरा विश्व युद्ध समाप्त हो चुका था और विजय प्राप्त अमेरिकी सेना उस वक़्त जापान में थी साथ ही कृषि अनुसन्धान सेवा के एस सिसिल सैल्मन भी थे| जापान के हालात देखते हुए यह विचार होने लगा था कि जापान का पुनर्निर्माण कैसे किया जाये| सैल्मन का विचार कृषि उपज पर था, उन्हें नोरिन नामक गेहूं की एक ऐसी क़िस्म मिली जिसमे दाना काफी बड़ा होता था| सैल्मन ने इसके और बेहतर परिणाम के लिए इसे शोध हेतु अमरीका भेजा | 13 वर्ष तक के प्रयोगो के उपरांत वर्ष 1959 में गेन्स नाम की क़िस्म तैयार हुई | इसके बाद नॉरमन बोरलॉग ने इसका मैक्सिको की सबसे अच्छी क़िस्म के साथ संकरण कर एक नयी क़िस्म का निर्माण किया, जिसके उपरांत हरित क्रांति का आरम्भ हुआ | यदि आप भी जानना चाहते है कि हरित क्रांति क्या है, भारत में हरित क्रांति के जनक, Green Revolution Explained in Hindi तो इसके बारे में यहाँ पर जानकारी दी गई है| डाबर कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग भारत में हरित क्रांति के जनक (Father of Green Revolution in India) भारत में हरित क्रांन्ति का आरम्भ सन 1966-67 के मध्य हुआ | इस हरित क्रांति का पूरा श्रेय नोबल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर नारमन बोरलॉग को समर्पित हैं। परन्तु भारत में हरित क्रांति का जनक एम. एस. स्वामीनाथन को कहा गया है। भारत के कृषि एवं खाद्य मन्त्री बाबू जगजीवन राम हरित क्रान्ति के रूप में जाने जाते है, उन्होंने एम॰एस॰ स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों पर हरित क्रांति का सफल संचालन किया, जिसका भविष्य में सन्तोषजनक प्रभाव भी ...