भारत में लोकतंत्र का इतिहास

  1. भारत में लोकतंत्र पर निबंध (Indian Democracy Essay In Hindi)
  2. आज का इतिहास : नेपाल में लोकतंत्र का उदय
  3. भारतीय संसद
  4. Loktantra Kise Kahate Hain
  5. भारत में लोकसभा चुनाव का इतिहास
  6. भारत में लोकतंत्र पर निबंध
  7. Loktantra Kya Hai: जाने लोकतंत्र का अर्थ, महत्व, इतिहास व कार्य, सिद्धांत


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भारत में लोकतंत्र पर निबंध (Indian Democracy Essay In Hindi)

भारत में लोकतंत्र पर निबंध (Democracy Of India Essay In Hindi) प्रस्तावना भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश है। लोकतंत्र का तात्पर्य है, जनता का शासन। लोक यानी जनता और तंत्र का अर्थ है शासन। ब्रिटिश शासनकाल के पश्चात जब देश को आज़ादी प्राप्त हुयी, तब भारत को लोकतान्त्रिक देश घोषित किया गया था। यहाँ प्रत्येक आदमी को वोट देने का अधिकार है। सभी लोग समान रूप से मतदान दे सकते है। लोकतंत्र का अधिकार सबसे महत्वपूर्ण है। देश के सभी लोग सोच विचार करके अपने अनुसार मतदान देते है, जिसके आधार पर सरकार का गठन होता है। स्वतंत्रता के पश्चात देश एक लोकतान्त्रिक देश में बदल चूका है। समस्त संसार में हमारा देश भारत सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश है। इस देश में सभी लोगो के धर्म को मान्यता दी गयी है। धर्म, भेद, जाति के आधार पर किसी का भेदभाव नहीं किया जाता है। अगर ऐसा कोई भी करता है, तो यह अपराध है। संविधान के अनुसार सभी लोग एक समान है। देश के पांच लोकतान्त्रिक स्तम्भ यानी सिद्धांत है। वह है समाजवादी, संप्रभु, धर्मनिरपेक्ष, लोकतंत्र और लोकतान्त्रिक गणराज्य। लोकतान्त्रिक राष्ट्र का इतिहास पुराने वक़्त में भारत में मुग़ल और मौर्य सम्राटो का शासन चलता था। तब के ज़माने में जो भी वंश जिस देश को जीत लेता था, उसी के पीढ़ियों के लोग राजगद्दी पर बैठते थे और उन्ही का शासन चलता था। पीढ़ीगत उन्ही के परिवार के लोग राज करते थे। सभी पीढ़ी के बनाये हुए नियम और कानून भिन्न थे। उसके बाद अंग्रेज़ो और मुग़ल शासको का राज हमारे देश पर चलता था। तब जनता को कई अपमान और मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। अंग्रेज़ो ने भारतीयों को कई तकलीफें दी और उन्हें गुलाम बनाया। उसके बाद सन 1947 में देश आज़ाद हुआ और हमारा देश एक लोकतान्त्रिक दे...

आज का इतिहास : नेपाल में लोकतंत्र का उदय

देश-दुनिया के इतिहास में 28 मई की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह तारीख भारत के पड़ोसी राष्ट्र नेपाल के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसी तारीख को 2008 में नेपाल को गणतंत्र राष्ट्र घोषित किया गया। इसी के साथ नेपाल में 240 साल से चली आ रही राजशाही का अवसान हो गया। नेपाल की बागडोर गुप्त वंश से लेकर किरात वंशी, सोमवंशी, लिच्छवि और सूर्यवंशी राजाओं के हाथों में रही है। इतिहास में दर्ज है कि 1768 में शाह वंश के पृथ्वी नारायण शाह नेपाल की पूर्वी और पश्चिमी रियासतों को जीतकर उन पर हुकूमत करने लगे। करीब 80 साल तक नेपाल में शाह वंश ने राज किया। 1846 में सेना के जनरल जंग बहादुर राणा ने तख्तापलट करते हुए खुद को प्रधानमंत्री घोषित कर दिया। इस सैन्य अधिकारी ने कहा कि राणा वंश के लोग ही प्रधानमंत्री बनेंगे। 100 साल तक यह प्रथा चली। 1951 में शाह वंश ने राणा वंश से राजपाट छीन लिया। इसके बाद राजा और प्रधानमंत्री दोनों शाह वंश के बनने लगे। वर्ष 1955 में महेंद्र शाह नेपाल के राजा बने। चार साल बाद उन्होंने 1959 में देश का संविधान बदलते हुए कॉन्स्टिट्यूशनल मोनार्की का सिस्टम कर दिया। यानी प्रधानमंत्री का चुनाव होगा और राजा शासन का प्रमुख रहेगा। इस व्यवस्था के तहत देश में पहली बार आम चुनाव हुए। इसमें नेपाली कांग्रेस पार्टी को बहुमत मिला, लेकिन राजा ने एक साल बाद सभी राजनीतिक पार्टियों पर प्रतिबंध लगा दिया। अस्सी के दशक के मध्य राजा के खिलाफ आवाज उठी। नेपाली कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में लोग राजशाही के खिलाफ सड़क पर आ गए। 1990 के आते-आते आंदोलन उग्र और हिंसक होने लगा। आखिरकार राजा को अपनी प्रजा के सामने झुकना पड़ा। अप्रैल 1990 में नए संविधान के तहत नेपाल को फिर से कॉन्स्टिट्यूशनल मोनार्की बना दिया ...

भारतीय संसद

बैठक स्थान जालस्थल .nic .in संविधान भारतीय संसद संसद के किसी भी सदन के लिए राष्ट्रपति द्वारा निर्वाचित या मनोनीत लोगों और मंत्रियों को लोक सभा में राष्ट्र की जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि होते हैं जिनकी अधिकतम संख्या 550 है। राज्य सभा एक स्थायी सदन है जिसमें अधिकतम सदस्य संख्या 250 है। राज्य सभा के सदस्यों का निर्वाचन/मनोनयन 6 वर्ष के लिए होता है। जिसके 1/3 सदस्य प्रत्येक 2 वर्ष में सेवानिवृत्त होते रहते हैं। वर्तमान मे लोकसभा के सदस्यों की संख्या 543 है तथा राज्यसभा के सदस्यों की संख्या 245 है। अनुक्रम • 1 इतिहास व व्युत्पत्ति • 2 संसद की भूमिका • 2.1 राष्ट्रपति • 2.2 राज्यसभा • 2.3 लोक सभा • 2.4 मंत्रिपरिषद • 3 संसद और सरकार • 4 संसद सदस्यों का चुनाव • 4.1 पात्रता • 4.2 चुनाव संबंधी विवाद • 5 संसद के सत्र और बैठकें • 5.1 राष्ट्रपति द्वारा आमंत्रण • 5.2 संसद के सत्र • 5.3 राष्ट्रपति का अभिभाषण • 5.4 अध्यक्ष/उपाध्यक्ष का चुनाव • 6 कार्यक्रम और प्रक्रिया • 6.1 संसद में प्रश्न पूछना • 6.2 शून्यकाल • 6.3 संसद में जनहित के मामले • 6.4 भाषा • 7 संसद में बजट • 7.1 लेखानुदान • 8 विधायिक प्रक्रिया • 9 संसदीय विशेषाधिकार • 10 सदस्यों के वेतन एवं भत्ते • 11 संसद परिसर • 12 इन्हें भी देखें • 13 सन्दर्भ • 14 बाहरी कड़ियाँ • 14.1 अन्य शब्दावलियाँ इतिहास व व्युत्पत्ति मध्य युग में आकर संसद सभा और समिति जैसी संस्थाएं गायब हो गईं। ऊपर के स्तर पर लोकतंत्रात्मक संस्थाओं का विकास रूक गया। सैकड़ों वर्षों तक हम आपसी लड़ाइयों में उलझे रहे। विदेशियों के आक्रमण पर आक्रमण होते रहे। सेनाएं हारती-जीतती रहीं। शासक बदलते रहे। हम विदेशी शासन की गुलामी में भी जकड़े रहे। सिंध से असम तक और कश्मीर से कन्य...

Loktantra Kise Kahate Hain

• • • • • • • • • • • • • • Loktantra Kise Kahate Hain | लोकतंत्र किसे कहते हैं हम में से प्रत्येक एक लोकतांत्रिक समाज का एक सामूहिक हिस्सा है। भारत को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रों में से एक के रूप में जाना जाता है। भारतीय संविधान समग्र रूप से लोकतंत्र का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। लेकिन सवाल झूठ हैं, लोकतंत्र से वास्तव में आपका क्या मतलब है? पहली शुरूआत कैसे हुई? यह क्या भूमिका निभाता है? यह कैसे काम करता है? खैर, लोकतंत्र का यह अध्याय आपको लोकतंत्र के बारे में जानने के लिए आवश्यक हर चीज में संक्षिप्त विवरण देता है और भारत एक लोकतांत्रिक देश कैसे है। आप व्यक्तिगत रूप से इस बारे में सीखेंगे कि लोकतंत्र क्या है और साथ ही भारत को लोकतंत्र के रूप में कैसे परिभाषित किया गया है। चलो लोकतंत्र की जीवन शक्ति के बारे में नीचे जानें। लोकतंत्र क्या है | Loktantra Kya Hai लोकतंत्र सरकार की एक प्रणाली है जिसमें नागरिक सीधे सत्ता का प्रयोग करते हैं या संसद जैसे शासी निकाय बनाने के लिए अपने बीच से प्रतिनिधियों का चुनाव करते हैं। इसे “बहुमत का शासन” भी कहा जाता है। यहां सत्ता विरासत में नहीं मिल सकती। जनता अपने नेता चुनती है। प्रतिनिधि चुनाव में खड़े होते हैं और नागरिक अपने प्रतिनिधि के लिए मतदान करते हैं। जिस प्रतिनिधि को सबसे ज्यादा वोट मिलते हैं, उसे सत्ता मिल जाती है। लोकतंत्र इतिहास | Loktantra History “लोकतंत्र” शब्द पहली बार प्राचीन यूनानी राजनीतिक और दार्शनिक विचार में शास्त्रीय पुरातनता के दौरान एथेंस के शहर-राज्य में दिखाई दिया। यह शब्द ग्रीक शब्द डेमोस, “आम लोग” और क्रेटोस, शक्ति से आया है। यह 508-507 ईसा पूर्व में एथेनियाई लोगों द्वारा स्थापित किया गया था और इसका नेतृत...

भारत में लोकसभा चुनाव का इतिहास

GOV भारतीय लोकतंत्र को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहा जाता है। इसमें त्रिस्तरीय चुनाव होते हैं- लोकसभा, विधानसभा तथा नगर/ ग्राम पंचायत चुनाव। इसके अलावा मंडी जैसे निकायों के भी चुनाव संपूर्ण पारदर्शिता के साथ कराए जाते हैं। इन चुनावों में थोड़े-बहुत अपवाद भी हुआ करते हैं। भारतीय चुनावों में मुख्य रूप से मुकाबला कांग्रेस व भाजपा (पुराना नाम जनसंघ) के बीच ही होता आया है। समय-समय पर कई नई क्षेत्रीय पार्टियां भी बनीं, किंतु इनमें से अधिकतर अपना अस्तित्व बचाने में असफल रहीं। जो बची-खुची रहीं भी, वे केंद्र में सबसे ज्यादा बहुमत प्राप्त दल को समर्थन देने को मजबूर हुईं। तो आइए, 'वेबदुनिया' आपको सन् 52 से आज तक हुए चुनावों की दिलचस्प जानकारी दे रहा है। जनता से चुने गए प्रतिनिधियों से मिलकर लोकसभा बनी होती है जिन्हें वयस्क मताधिकार के आधार पर प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा चुना जाता है। संविधान में उल्लिखित सदन की अधिकतम क्षमता 552 सदस्यों की है जिनमें 530 सदस्य राज्यों का व 20 सदस्य केंद्रशासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करते हैं और 2 सदस्यों को एंग्लो-भारतीय समुदायों के प्रतिनिधित्व के लिए राष्ट्रपति द्वारा नामांकित किया जाता है। ऐसा तब किया जाता है, जब राष्ट्रपति को लगता है कि उस समुदाय का सदन में पर्याप्त रूप से प्रतिनिधित्व नहीं हो रहा है। स्वतंत्र भारत में पहली बार 1952 में लोकसभा का गठन हुआ। यहां लोकसभा कार्यकाल का एक संक्षिप्त इतिहास दिया गया है... प्रथम लोकसभा (1952) देश में पहली बार 1952 में लोकसभा का गठन हुआ। ऐसा पहले आम चुनावों के सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद हुआ था। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (कांग्रेस) 364 सीटों के साथ पहले लोकसभा चुनावों के बाद सत्ता में आई। इसके साथ पार्...

भारत में लोकतंत्र पर निबंध

Essay on Democracy in Hindi लोकतंत्र दो शब्दों से मिलकर बना है – लोक + तंत्र। लोक का अर्थ है जनता और लोग अर्थात तंत्र का अर्थ शासन, अर्थात लोकतंत्र का अर्थ है जनता का शासन। लोकतंत्र एक ऐसी शासन प्रणाली है, जिसमें जनता को अपना शासन चुनने का अधिकार होता है, और जनता अपनी मर्जी से अपना मनपसंद शासक चुनती है। आपको बता दें कि 15 अगस्त साल 1947 जब भारत को ब्रिटिश शासकों के चंगुल से आजादी मिली तो भारत एक लोकतांत्रिक राष्ट्र बन गया था। आजाद भारत में लोगों को अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर अपने नेताओं को चुनने हक दिया गया। और आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। भारत में जनता का, जनता के द्धारा और जनता के लिए शासन की लोकतंत्रात्मक व्यवस्था है। भारत में हर पांच साल में केन्द्रीय और राज्य सरकार के चुनाव करवाए जाते हैं, वहीं भारत के लोकतंत्र के महत्व को बताने के लिए और विद्यार्थियों के लेखन कौशल को निखारने के लिए स्कूल-कॉलेजों में छात्रों को निबंध लिखने के लिए कहा जाता है। Essay on Democracy in Hindi भारत में लोकतंत्र पर निबंध नंबर- 1 – Loktantra Par Nibandh भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, जहां जनता को अपने मनपंसद प्रतिनिधि चुनने का अधिकार है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनता अपने देश के हित के लिए और देश के विकास के लिए देश की बागडोर एक ऐसे व्यक्ति के हाथ में सौंपती है, जो इसके लायक होता है और देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने में मदत करता है। वहीं भारत का लोकतंत्र पांच मुख्य सिंद्धातों पर काम करता है जैसे संप्रभु यानि कि भारत में किसी भी तरह की विदशी शक्ति की दखलअंदाजी नहीं है, यह पूरी तरह आजाद है। समाजवादी, जिसका वोटलब है कि सभी नागरिकों को सामाजिक और आर्थिक समानता प्रदान करना।...

Loktantra Kya Hai: जाने लोकतंत्र का अर्थ, महत्व, इतिहास व कार्य, सिद्धांत

किसी भी देश में जनता को एक बेहतर व्यवस्था के द्वारा प्रतिनिधि चुनने का जो अधिकार प्रदान किया जाता है वह लोकतंत्र के माध्यम से ही प्राप्त होता है जिसे हम प्रजातंत्र के नाम से जानते हैं और जहां पर Loktantra स्थापित होता है वहां यह उम्मीद भी की जा सकती हैं की विकास की राह एक बेहतर और व्यवस्थित तौर पर संचालित हो सकेगी हालांकि बहुत से देश ऐसे हैं जहां पर राजतंत्र का बोलबाला है परंतु भारत जैसे देशों में लोकतंत्र को एक सुशासन व्यवस्था के तौर पर माना जाता है तो आज इस लेख में हम आपको Loktantra(लोकतंत्र) से संबंधित विस्तार से जानकारी प्रदान करें जिससे आपको भी यह ज्ञात हो सके कि लोकतंत्र किसी भी देश के लिए कितना ज्यादा उपयोगी साबित हो सकता है। लोकतंत्र या फिर कहीं प्रजातंत्र एक प्रकार की ऐसी शासन प्रणाली है जिसके माध्यम से देश की जनता अपनी सुरक्षा के तौर पर निर्वाचन में खड़े हुए किसी भी उम्मीदवार को अपना मत देकर प्रतिनिधि के तौर पर चुन सकती है और उसे एक विधायिका का सदस्य भी बना सकते हैं हालांकि जिस तरह से शब्दों से ही पता चलता है कि Loktantra का जो अर्थ होता है वह जनता तथा तंत्र का आशय शासन से होता है जिसका पूर्ण रूप से मतलब जनता का शासन निकल कर आता है ऐसे में लोकतंत्र एक प्रकार की ऐसी शासन व्यवस्था है जिसमें हर एक व्यक्ति को समान अधिकार प्रदान किए गए हैं इसके अंतर्गत राजनीतिक,सामाजिक,न्याय और आर्थिक न्याय की व्यवस्था भी स्थापित की गई है इसके माध्यम से जनता को सामाजिक, राजनीतिक तथा धार्मिक स्वतंत्रता भी बेहतर तौर पर प्रदान की गई है। Loktantra Kya Hai यह भी पढ़े: लोकतंत्र का अर्थ क्या है? यदि लोकतंत्र के अर्थ या परिभाषा की बात की जाए तो इसकी परिभाषा थोड़ा कठिन मानी जाती है क्योंकि बहुत...