भारत में विधानसभा सीट कितनी है २०२१

  1. विधानसभा क्या है? MLA Ka Full Form Kya Hai? Seats हैं?
  2. राजस्थान में क्या है सचिन पायलट की सियासी ताकत, अगर नई पार्टी बनी BJP या कांग्रेस, किसे होगा नुकसान?
  3. How Many Seats Are There In The Assembly In Uttarakhand, How Many Seats Are In BJP
  4. किस राज्य में कितनी विधानसभा सीटें है : जानें यहाँ विस्तार से
  5. BSP Is Now Working On A New Strategy For The 2024 Lok Sabha Elections !
  6. BSP Is Now Working On A New Strategy For The 2024 Lok Sabha Elections !
  7. किस राज्य में कितनी विधानसभा सीटें है : जानें यहाँ विस्तार से
  8. How Many Seats Are There In The Assembly In Uttarakhand, How Many Seats Are In BJP
  9. विधानसभा क्या है? MLA Ka Full Form Kya Hai? Seats हैं?
  10. राजस्थान में क्या है सचिन पायलट की सियासी ताकत, अगर नई पार्टी बनी BJP या कांग्रेस, किसे होगा नुकसान?


Download: भारत में विधानसभा सीट कितनी है २०२१
Size: 9.33 MB

विधानसभा क्या है? MLA Ka Full Form Kya Hai? Seats हैं?

विधान सभा के सदस्यों (विधायक) का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से होता है। उनका कार्यकाल 5 साल या इससे कम भी हो सकता है लेकिन आपातकाल के समय कार्यकाल 6 महीने तक बढ़ाया जा सकता है। एक विधानसभा में MLA सबसे ज्यादा और सबसे कम कितना संख्या हो सकता है? भारत के संविधान के अनुसार किसी भी राज्य में विधानसभा में सदस्यों की संख्या 600 से ज्यादा नहीं हो सकती है. दूसरी बात, 60 से कम नहीं हो सकता है। लेकिन भारत के कुछ राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेश (गोवा – 40, मिज़ोरम – 40, सिक्किम – 32 और पुडुचेरी – 30) के विधानसभा में यह संख्या कम है, जिससे कानून बनाकर बाद में बदला गया था। ऐंग्लो इंडियन और अल्पसंख्यक समुदाय अगर विधानसभा में उचित प्रतिनिधित्व ना मिलने की स्थिति में राज्यपाल कुछ राज्यों में एक सदस्य को मनोनीत कर सकता है। MLA Ka Full Form Kya? • MLA Full Form In English – Member of Legislative Assembly • MLA Full Form In Hindi – मेंबर ऑफ लेजिसलेटिव असेंबली • विधायक का पूरा नाम – विधानसभा सदस्य विधायक किसे कहते है? जिसे आप MLA कहते हैं? विधान मंडल के सदस्य को विधायक कहते हैं, जैसा कि आप जान चुके हैं विधानमंडल में दो सदन हो सकता है। विधान सभा के सदस्य को अंग्रेजी में MLA कहते हैं। एमएलए का फुल फॉर्म ऑफ लेजिसलेटिव असेंबली है। विधान परिषद के सदस्य को अंग्रेजी में MLC कहते हैं। एमएलसी का फुल फॉर्म मेंबर ऑफ लेजिसलेटिव काउंसिल है। किस राज्य में कितने MLA Seats हैं? भारत का सबसे बड़ा विधानसभा कौन सा है? भारत का सबसे छोटा विधानसभा कौन-सा राज्य में है? भारत के 28 राज्य और 3 केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा है. जहां पर मुख्यमंत्री बनाए जाते हैं। वर्ष 2023 में, भारत में कुल मुख्यमंत्रियों की संख्या संख्या 3...

राजस्थान में क्या है सचिन पायलट की सियासी ताकत, अगर नई पार्टी बनी BJP या कांग्रेस, किसे होगा नुकसान?

डीएनए हिंदी: राजस्थान (Rajasthan) में विधानसभा चुनाव से पहले माहौल बेहद दिचचस्प हो गया है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (Congress) के बीच सीधी लड़ाई में एक तीसरे फैक्टर की एंट्री हो सकती है. अगर न भी हो तो यह कांग्रेस के दो धड़े, पुरानी पार्टी को कमजोर करने वाले हैं. राजस्थान में सचिन पायलट का कद बेहद अहम है. सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच जारी सियासी अनबन खत्म नहीं हुई है. ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि अब दोनों के बीच समझौते के आसार नहीं हैं. सचिन पायलट, खुद अपनी पार्टी बना सकते हैं. वह कांग्रेस छोड़ सकते हैं. दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं लेकिन कांग्रेस का बना बनाया गेम सचिन पायलट बिगाड़ सकते हैं. आइए जानते हैं कि सचिन पायलट की असली चुनावी ताकत कितनी है? 40 विधानसभा सीटों पर है सचिन पायलट का दबदबा सचिन पायलट का प्रभाव सवाई माधोपुर, जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा सहित विभिन्न जिलों के 40 निर्वाचन क्षेत्रों पर है. इन विधानसभा क्षेत्रों में गुर्जर मतदाताओं की एक बड़ी संख्या है, जो चुनाव परिणामों को प्रभावित करते हैं. अगर पायलट एक नई पार्टी बनाते हैं, तो कांग्रेस और भाजपा दोनों को काफी नुकसान होगा. इसे भी पढ़ें- सचिन पायलट के साथ हैं कई दिग्गज नेता सचिन पायलट को अलग-अलग समुदायों के करीब 20 विधायक समर्थन देते हैं. ये समर्थक गुर्जर समुदाय के वर्चस्व वाली 40 सीटों को प्रभावित करते हैं. 15 विधानसभा सीटों पर नतीजों को प्रभावित करने का दमखम भी सचिन पालयट रखते हैं. सचिन पायलट के पास 8 गुर्जर विधायक हैं, वहीं 22 अन्य विधायक हैं. गुर्जर समुदाय, सचिन पायलट को अपना नेता मानता है. सचिन पायलट के धुर समर्थकों में से दीपेंद्र सिंह शेखावत, हेमाराम चौधरी, इंद्राज गुर्जर और कई अन्य...

How Many Seats Are There In The Assembly In Uttarakhand, How Many Seats Are In BJP

Uttarakhand Election 2022: उत्तराखंड में विधानसभा की कितनी हैं सीटें, बीजेपी ने 2017 में जीती थीं कितनी सीटें, जानिए Uttarakhand Election 2022: उत्तराखंड का विधानसभा चुनाव दिलचस्प होगा क्योंकि सत्ताधीन बाजेपी ने अब तक दो मुख्यमंत्री बदल चुकी है. वही कांग्रेस और आप भी वोटर्स को लुभाने के लिए काम कर रही हैं. उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड समेत पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है. सभी पार्टियां चुनाव को लेकर तैयार हैं. ज्यादात्तर राज्यों में बीजेपी की सरकार है. उत्तराखंड में चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों ने वोटर्स को लुभाने के लिए कई तरह की घोषणाएं कर रही हैं. हाल ही में आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उत्तराखंड को फ्री बिजली देने का वादा किया है वहीं बीजेपी के दिग्गज नेता भी जगह-जगह पर रैलियां कर रहे हैं. साल 2017 के चुनाव में बीजेपी ने भारी महुमत से चुनाव जीतकर सत्ता में आई थी. उस वक्त बीजेपी ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया था लेकिन पांच साल के कार्यकाल पूरे होने से पहले ही पिछले साल उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था. 10 मार्च 2021 को तीरथ सिंह रावत उतराखंड के नए मुख्यमंत्री बने लेकिन वे केवल तीन महीनों तक इस पद पर बने रहे. इसके बाद 3 जुलाई को पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाया गया. उत्तराखंड में विधानसभा सीट उत्तराखंड में विधानसभा की कुल 70 सीटें हैं. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी उसने 70 सीटों में से 57 सीटों पर जीत हासिल की थी. कांग्रेस को केवल 11 सीटों पर ही जीत मिली थी. इसके अलावा दो सीटे अन्य के खाते आई थीं. वहीं बीएसपी खाता भी नहीं खोल पाई थी. इस चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्...

किस राज्य में कितनी विधानसभा सीटें है : जानें यहाँ विस्तार से

ADVERTISEMENT विज्ञापन ये भी पढ़े: विधान सभा भारत के संविधान के अनुसार विधान सभा के सदस्य संख्या न्यूनतम 60 से 500 के मध्य निर्धारित की गयी है | इसके सदस्यों को सीधे मतदान के माध्यम से जनता द्वारा निर्वाचित किया जाता है | इसके सदस्यों को MLA (Member of the Legislative Assembly) कहा जाता है | विधानसभा के सदस्यों का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है | इसके संचालनकर्ता को “स्पीकर” कहा जाता है | वर्तमान समय में सभी 29 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली तथा पुदुचेरी में विधानसभा कार्यरत है | ये भी पढ़े: राज्य सभा के सांसद कैसे बने ADVERTISEMENT विज्ञापन विधान सभा का गठन, अधिकार और कार्य भारतीय संविधान के अनुसार प्रत्येक राज्य में एक विधानमंडल (Legislature) का प्रावधान किया गया है, विधानसभा के अधिकार और कार्य संविधान की सातवीं अनुसूची 2 तथा अनुसूची 3 के अनुसार निर्धारित किये गए है, इसके अंतर्गत राज्‍य सरकार द्वारा किए जाने वाले सभी व्‍ययों, कर निर्धारण और उधार लेने के अधिकारों को सम्मिलित किया गया है | विधान सभा को धन विधेयक लाने का पूर्ण अधिकार प्रदान किया गया है | धन विधेयक के रूप में विधान परिषद् केवल अपने सुझाव ही दे सकती है, जिसे विधानसभा द्वारा मानना बाध्यकारी नहीं है | यदि विधान परिषद 14 दिन तक विधेयक पर कोई सुझाव नहीं देती है, तो विधेयक पारित मान लिया जाता है | ये भी पढ़े: विधान सभा के विधेयकों को स्वीकृति विधान सभा के विधेयकों को राज्य एवं उनकी विधानसभा सीटें राज्य एवं उनकी विधानसभा सीटें इस प्रकार है – ये भी पढ़े: क्र. सं. राज्य/केन्द्रशासित प्रदेश सीटे 1. 403 2. पश्चिम बंगाल 294 3. महाराष्ट्र 288 4. बिहार 243 5. तमिलनाडु 234 6. मध्य प्रदेश 230 7. कर्नाटक 224 8. राजस्थान 200 ...

BSP Is Now Working On A New Strategy For The 2024 Lok Sabha Elections !

CLOSE 2022 के विधानसभा चुनाव में महज एक सीट पर सिमटी बसपा अब पार्टी को नई धार देने में लगी है. कोशिश है कि फिर से पार्टी की पुरानी साख लौटाई जाए. लिहाजा मायावती ने एक नया प्लान तैयार किया है. 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बसपा अब नए नेता बनाने की नई रणनीति पर काम कर रही है. बसपा के शीर्ष नेतृत्व की ओर से पार्टी को-ऑर्डिनेटर और अन्य पदाधिकारियों को ऐसे नेताओं की तलाश करने के निर्देश दिए गए हैं, जो वर्ग विशेष में पकड़ रखते हों.

BSP Is Now Working On A New Strategy For The 2024 Lok Sabha Elections !

CLOSE 2022 के विधानसभा चुनाव में महज एक सीट पर सिमटी बसपा अब पार्टी को नई धार देने में लगी है. कोशिश है कि फिर से पार्टी की पुरानी साख लौटाई जाए. लिहाजा मायावती ने एक नया प्लान तैयार किया है. 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बसपा अब नए नेता बनाने की नई रणनीति पर काम कर रही है. बसपा के शीर्ष नेतृत्व की ओर से पार्टी को-ऑर्डिनेटर और अन्य पदाधिकारियों को ऐसे नेताओं की तलाश करने के निर्देश दिए गए हैं, जो वर्ग विशेष में पकड़ रखते हों.

किस राज्य में कितनी विधानसभा सीटें है : जानें यहाँ विस्तार से

ADVERTISEMENT विज्ञापन ये भी पढ़े: विधान सभा भारत के संविधान के अनुसार विधान सभा के सदस्य संख्या न्यूनतम 60 से 500 के मध्य निर्धारित की गयी है | इसके सदस्यों को सीधे मतदान के माध्यम से जनता द्वारा निर्वाचित किया जाता है | इसके सदस्यों को MLA (Member of the Legislative Assembly) कहा जाता है | विधानसभा के सदस्यों का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है | इसके संचालनकर्ता को “स्पीकर” कहा जाता है | वर्तमान समय में सभी 29 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली तथा पुदुचेरी में विधानसभा कार्यरत है | ये भी पढ़े: राज्य सभा के सांसद कैसे बने ADVERTISEMENT विज्ञापन विधान सभा का गठन, अधिकार और कार्य भारतीय संविधान के अनुसार प्रत्येक राज्य में एक विधानमंडल (Legislature) का प्रावधान किया गया है, विधानसभा के अधिकार और कार्य संविधान की सातवीं अनुसूची 2 तथा अनुसूची 3 के अनुसार निर्धारित किये गए है, इसके अंतर्गत राज्‍य सरकार द्वारा किए जाने वाले सभी व्‍ययों, कर निर्धारण और उधार लेने के अधिकारों को सम्मिलित किया गया है | विधान सभा को धन विधेयक लाने का पूर्ण अधिकार प्रदान किया गया है | धन विधेयक के रूप में विधान परिषद् केवल अपने सुझाव ही दे सकती है, जिसे विधानसभा द्वारा मानना बाध्यकारी नहीं है | यदि विधान परिषद 14 दिन तक विधेयक पर कोई सुझाव नहीं देती है, तो विधेयक पारित मान लिया जाता है | ये भी पढ़े: विधान सभा के विधेयकों को स्वीकृति विधान सभा के विधेयकों को राज्य एवं उनकी विधानसभा सीटें राज्य एवं उनकी विधानसभा सीटें इस प्रकार है – ये भी पढ़े: क्र. सं. राज्य/केन्द्रशासित प्रदेश सीटे 1. 403 2. पश्चिम बंगाल 294 3. महाराष्ट्र 288 4. बिहार 243 5. तमिलनाडु 234 6. मध्य प्रदेश 230 7. कर्नाटक 224 8. राजस्थान 200 ...

How Many Seats Are There In The Assembly In Uttarakhand, How Many Seats Are In BJP

Uttarakhand Election 2022: उत्तराखंड में विधानसभा की कितनी हैं सीटें, बीजेपी ने 2017 में जीती थीं कितनी सीटें, जानिए Uttarakhand Election 2022: उत्तराखंड का विधानसभा चुनाव दिलचस्प होगा क्योंकि सत्ताधीन बाजेपी ने अब तक दो मुख्यमंत्री बदल चुकी है. वही कांग्रेस और आप भी वोटर्स को लुभाने के लिए काम कर रही हैं. उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड समेत पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है. सभी पार्टियां चुनाव को लेकर तैयार हैं. ज्यादात्तर राज्यों में बीजेपी की सरकार है. उत्तराखंड में चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों ने वोटर्स को लुभाने के लिए कई तरह की घोषणाएं कर रही हैं. हाल ही में आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उत्तराखंड को फ्री बिजली देने का वादा किया है वहीं बीजेपी के दिग्गज नेता भी जगह-जगह पर रैलियां कर रहे हैं. साल 2017 के चुनाव में बीजेपी ने भारी महुमत से चुनाव जीतकर सत्ता में आई थी. उस वक्त बीजेपी ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया था लेकिन पांच साल के कार्यकाल पूरे होने से पहले ही पिछले साल उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था. 10 मार्च 2021 को तीरथ सिंह रावत उतराखंड के नए मुख्यमंत्री बने लेकिन वे केवल तीन महीनों तक इस पद पर बने रहे. इसके बाद 3 जुलाई को पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाया गया. उत्तराखंड में विधानसभा सीट उत्तराखंड में विधानसभा की कुल 70 सीटें हैं. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी उसने 70 सीटों में से 57 सीटों पर जीत हासिल की थी. कांग्रेस को केवल 11 सीटों पर ही जीत मिली थी. इसके अलावा दो सीटे अन्य के खाते आई थीं. वहीं बीएसपी खाता भी नहीं खोल पाई थी. इस चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्...

विधानसभा क्या है? MLA Ka Full Form Kya Hai? Seats हैं?

विधान सभा के सदस्यों (विधायक) का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से होता है। उनका कार्यकाल 5 साल या इससे कम भी हो सकता है लेकिन आपातकाल के समय कार्यकाल 6 महीने तक बढ़ाया जा सकता है। एक विधानसभा में MLA सबसे ज्यादा और सबसे कम कितना संख्या हो सकता है? भारत के संविधान के अनुसार किसी भी राज्य में विधानसभा में सदस्यों की संख्या 600 से ज्यादा नहीं हो सकती है. दूसरी बात, 60 से कम नहीं हो सकता है। लेकिन भारत के कुछ राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेश (गोवा – 40, मिज़ोरम – 40, सिक्किम – 32 और पुडुचेरी – 30) के विधानसभा में यह संख्या कम है, जिससे कानून बनाकर बाद में बदला गया था। ऐंग्लो इंडियन और अल्पसंख्यक समुदाय अगर विधानसभा में उचित प्रतिनिधित्व ना मिलने की स्थिति में राज्यपाल कुछ राज्यों में एक सदस्य को मनोनीत कर सकता है। MLA Ka Full Form Kya? • MLA Full Form In English – Member of Legislative Assembly • MLA Full Form In Hindi – मेंबर ऑफ लेजिसलेटिव असेंबली • विधायक का पूरा नाम – विधानसभा सदस्य विधायक किसे कहते है? जिसे आप MLA कहते हैं? विधान मंडल के सदस्य को विधायक कहते हैं, जैसा कि आप जान चुके हैं विधानमंडल में दो सदन हो सकता है। विधान सभा के सदस्य को अंग्रेजी में MLA कहते हैं। एमएलए का फुल फॉर्म ऑफ लेजिसलेटिव असेंबली है। विधान परिषद के सदस्य को अंग्रेजी में MLC कहते हैं। एमएलसी का फुल फॉर्म मेंबर ऑफ लेजिसलेटिव काउंसिल है। किस राज्य में कितने MLA Seats हैं? भारत का सबसे बड़ा विधानसभा कौन सा है? भारत का सबसे छोटा विधानसभा कौन-सा राज्य में है? भारत के 28 राज्य और 3 केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा है. जहां पर मुख्यमंत्री बनाए जाते हैं। वर्ष 2023 में, भारत में कुल मुख्यमंत्रियों की संख्या संख्या 3...

राजस्थान में क्या है सचिन पायलट की सियासी ताकत, अगर नई पार्टी बनी BJP या कांग्रेस, किसे होगा नुकसान?

डीएनए हिंदी: राजस्थान (Rajasthan) में विधानसभा चुनाव से पहले माहौल बेहद दिचचस्प हो गया है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (Congress) के बीच सीधी लड़ाई में एक तीसरे फैक्टर की एंट्री हो सकती है. अगर न भी हो तो यह कांग्रेस के दो धड़े, पुरानी पार्टी को कमजोर करने वाले हैं. राजस्थान में सचिन पायलट का कद बेहद अहम है. सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच जारी सियासी अनबन खत्म नहीं हुई है. ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि अब दोनों के बीच समझौते के आसार नहीं हैं. सचिन पायलट, खुद अपनी पार्टी बना सकते हैं. वह कांग्रेस छोड़ सकते हैं. दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं लेकिन कांग्रेस का बना बनाया गेम सचिन पायलट बिगाड़ सकते हैं. आइए जानते हैं कि सचिन पायलट की असली चुनावी ताकत कितनी है? 40 विधानसभा सीटों पर है सचिन पायलट का दबदबा सचिन पायलट का प्रभाव सवाई माधोपुर, जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा सहित विभिन्न जिलों के 40 निर्वाचन क्षेत्रों पर है. इन विधानसभा क्षेत्रों में गुर्जर मतदाताओं की एक बड़ी संख्या है, जो चुनाव परिणामों को प्रभावित करते हैं. अगर पायलट एक नई पार्टी बनाते हैं, तो कांग्रेस और भाजपा दोनों को काफी नुकसान होगा. इसे भी पढ़ें- सचिन पायलट के साथ हैं कई दिग्गज नेता सचिन पायलट को अलग-अलग समुदायों के करीब 20 विधायक समर्थन देते हैं. ये समर्थक गुर्जर समुदाय के वर्चस्व वाली 40 सीटों को प्रभावित करते हैं. 15 विधानसभा सीटों पर नतीजों को प्रभावित करने का दमखम भी सचिन पालयट रखते हैं. सचिन पायलट के पास 8 गुर्जर विधायक हैं, वहीं 22 अन्य विधायक हैं. गुर्जर समुदाय, सचिन पायलट को अपना नेता मानता है. सचिन पायलट के धुर समर्थकों में से दीपेंद्र सिंह शेखावत, हेमाराम चौधरी, इंद्राज गुर्जर और कई अन्य...