भारतीय महिलाएं बनाम बांग्लादेश वोमेन

  1. इंडिया वीमेन वर्सेस वेस्टइंडीज वीमेन टी20 मैच की हाईलाइट 2023
  2. बांग्लादेश में 10% महिला कामगार बढ़ीं तो GDP 600% बढ़ी, भारत में ऐसा हो तो 2026 तक GDP 7 ट्रिलियन डॉलर होगी
  3. भारत में महिलाओं के उत्थान और विकास से संबंधित कानूनों का विश्लेषण
  4. IND W vs BAN W India Women vs Bangladesh Women 15th Match Live Cricket Score Hindi Commentary Womens Asia Cup


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इंडिया वीमेन वर्सेस वेस्टइंडीज वीमेन टी20 मैच की हाईलाइट 2023

जैसा कि गौरतलब है इन दिनों भारत, साउथ अफ्रीका व वेस्टइंडीज के बीच ट्री सीरीज खेली जा रही है. इस टूर्नामेंट का पहला मैच भारत व साउथ अफ्रीका महिला के बीच खेला गया था जो भारत ने 27 रनों से जीता था. जबकि सोमवार को भारत व वेस्टइंडीज महिला के बफ़ेलो पार्क में खेला गया टी20 मैच भी भारत ने 56 रनों से जीत लिया है. और फिलहाल भारतीय महिला टीम पॉइंट टेबल में 2 में से 2 मैच जीतकर टॉप पर है. चलिये जानते है कैसी रही पूरे मैच की हाइलाइट्स.

बांग्लादेश में 10% महिला कामगार बढ़ीं तो GDP 600% बढ़ी, भारत में ऐसा हो तो 2026 तक GDP 7 ट्रिलियन डॉलर होगी

सीमा अपने पति और दो बच्चों के साथ दिल्ली के एक इंडस्ट्रियल एरिया से सटी झुग्गी में रहती थी। पति के साथ एक फैक्ट्री में काम करती थी। 2020 के कोरोना लॉकडाउन ने पूरे परिवार को गांव लौटने पर मजबूर कर दिया। पिछले साल पति तो काम पर दिल्ली लौट गया, मगर अनिश्चितताओं के डर ने सीमा के कदम रोक दिए। यह नुकसान सिर्फ सीमा या उसके परिवार का नहीं... पूरी भारतीय अर्थव्यवस्था का था। दरअसल, कोरोनाकाल में भारतीय वर्कफोर्स में महिलाओं की हिस्सेदारी घटकर 19% रह गई। अनुमान है कि 2022 में यह हिस्सेदारी महज 9% रह गई है। वैसे भी महिलाओं की अर्थव्यवस्था में हिस्सेदारी 2005 से लगातार घटी ही है। 2005 में महिलाओं की हिस्सेदारी सर्वाधिक 32% थी। अब ग्लोबल अकाउंटिंग फर्म KPMG का आकलन है कि वर्कफोर्स का यही जेंडर गैप हमारी तरक्की की चाबी है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का अनुमान है कि भारत 5 ट्रिलियन डॉलर GDP का सपना 2026-27 तक पूरा कर सकता है। KPMG की स्टडी कहती है कि अगर भारत अपने वर्कफोर्स में बने जेंडर गैप को घटा ले तो 2026 तक GDP अनुमान से भी 25% ज्यादा, यानी 7 ट्रिलियन डॉलर से भी ज्यादा हो सकती है। यह जेंडर गैप पूरी तरह पाटने के लिए 6.8 करोड़ महिलाओं को रोजगार से जोड़ना होगा। बढ़ती बेरोजगारी दर के सामने यह काम असंभव सा लगता जरूर है, मगर हमारे सामने पड़ोसी बांग्लादेश का उदाहरण भी है। महिलाओं के लेबर फोर्स में हिस्सेदारी के मामले में बांग्लादेश हमसे कहीं आगे है। यह बदलाव उसकी अर्थव्यवस्था के आंकड़ों में भी झलकता है। 18 वर्षों में उसकी GDP करीब 600% बढ़ी है और वर्ल्ड बैंक भी मानता है कि इसकी बड़ी वजह वहां महिलाओं की अर्थव्यवस्था में हिस्सेदारी बढ़ना है। आइए, जानते हैं कैसे महिलाएं दे सकती हैं भारत के विकास क...

भारत में महिलाओं के उत्थान और विकास से संबंधित कानूनों का विश्लेषण

“ यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमन्ते तत्र देवता ” अर्थात् “जिस कुल में नारियों की पूजा होती है वहीं देवता निवास करते हैं | पुराने ज़माने से ही कहा जा रहा है कि औरते पैदा नहीं होती अपितु बनती है एवं उनमे दुनिया को बदलने की ताकत होती है, असमानता और संघर्ष की स्थिति में भी महिलाएं ऊपर उठने की क्षमता के साथ काम करती हैं और न केवल अपने जीवन को बदलती हैं बल्कि अपने पूरे समुदाय को बदलने का हौसला रखती है। भारतवर्ष के पहले प्रधानमंत्री माननीय श्री पंडित जवाहर लाल नेहरु जी ने महिलाओ की समाज में महत्वता के बारे में सही कहा हैं कि:- “ लोगों को जगाने के लिये महिलाओं का जागृत होना जरुरी है , एक बार जब वो अपना कदम उठा लेती है तो उनके पीछे–पीछे परिवार आगे बढ़ता है , गाँव आगे बढ़ता है और राष्ट्र विकास की ओर उन्मुख होता है। “ आज भारत के विकास और उन्नति में नारीशक्ति का योगदान अतुल्य हैं । इतिहास में भी महिलाओ ने विशिष्ट भूमिका निभाई हैं, जैसे कि भारतीय नारीवाद की जननी – सावित्रीबाई फुले – जिन्होंने देश में लड़कियों के लिए पहला स्कूल शुरू करके देश में साक्षरता का नया दीपक जलाया, जिससे महिलाये आत्मनिर्भर हो पायी, ताराबाई शिंदे – जिनकी कृति स्त्री पुरुष तुलना को पहला आधुनिक नारीवादी पाठ माना जाता है और पंडिता रमाबाई – इन्हे ब्रिटिश राज द्वारा कैसर-ए-हिंद पदक से सम्मानित किया गया क्योकि इन्होने विशिष्ट सामाजिक सेवा से ब्रिटिश भारत के समय एक समाज सुधारक के रूप में महिलाओं की मुक्ति के लिए के लिए कार्य किया था | इसी क्रम में ब्रिटिश राज के दौरान, राजा राम मोहन राय, ईश्वर चंद्र विद्यासागर और ज्योतिराव फुले जैसे कई समाज सुधारकों ने महिलाओं के अधिकारों और उथान के लिए लड़ाई लड़ी | राजा राममोहन राय के ही प...

IND W vs BAN W India Women vs Bangladesh Women 15th Match Live Cricket Score Hindi Commentary Womens Asia Cup

IND W vs BAN W Highlights: भारत ने बांग्लादेश को 59 रन से दी मात, शैफाली वर्मा बैटिंग के बाद बॉलिंग में भी चमकीं भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने एशिया कप 2022 में अपने पांचवें मैच में आज शनिवार को मौजूदा चैंपियन बांग्लादेश को 59 रन से हरा दिया। शैफाली ने 55 रन बनाने के बाद गेंदबाजी में दो विकेट भी चटकाए। IND W vs BAN W: भारतीय महिला क्रिकेट टीम नेएशिया कप 2022 में अपने पांचवें मैच में आज शनिवार को मौजूदा चैंपियनबांग्लादेश को 59 रन से हरा दिया। इस जीत के साथ ही भारतीय टीम ने 2018 के फाइनल में बांग्लादेश से मिली हार का बदला भी ले लिया है।भारत ने इस टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 5विकेट के नुकसान पर 159 रन का स्कोर बनाया और फिर बांग्लादेश को निर्धारित 20 ओवर में 7विकेट पर 100 रन पर रोक दिया। बांग्लादेश के लिए निगार सुल्ताना ने सर्वाधिक 36,फ़रगाना हक़ ने 30 औरमुर्शीदा ख़ातून ने 21 रन बनाए। भारत की ओर से शैफाली ने अपने चार ओवर में केवल 10 रन देकर 2 विकेट झटके। दीप्ति शर्मा ने 4ओवर में केवल 13 रन दिए और दोसफलता हासिल की। इससे पहले, भारत ने5विकेट के नुकसान पर 159 रन का स्कोर बनाया।टीम इंडिया ने तूफानी शुरुआत करते हुए 10 ओवर तक बिना किसी नुकसान के 91 रन बना लिए थे। लेकिन अगले 10 ओवर में टीम 68 रनही बना पाई। भारतीय टीम के लिए शैफाली वर्मा ने सबसे ज्यादा 55 रन बनाए। उनके अलावा इस मैच में कप्तानी कर रहीं स्मृति मंधाना ने 47 और जेमिमाह रोड्रिग्स ने नाबाद 35 रन बनाए।बांग्लादेश की ओर से रुमाना अहमद ने सबसे ज्यादा तीन विकेट अपने नाम किए। INDW 159/5(20) BAN W 100/7(20) भारत ने इसके साथ ही बांग्लादेश को 59 रन से हरा दिया है। शैफाली ने बैटिंग के बाद बॉलिंग में भी दमदार गेंदबाजी करते हुए 4ओवर मे...

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महिलाएं किसी से कम नहीं हैं, ये बात उन्होंने बार-बार साबित की है। वे हर क्षेत्र में अपने साहस, आत्मविश्वास और विवेक से लगातार आगे बढ़ रही हैं। अपनी सूझबूझ से लगातार दुनिया को चकित कर रही हैं। चाहे वे राजनीति के क्षेत्र में हों, साहित्य या फिर सैन्य बलों में, उन्होंने हर जगह अपना लोहा मनवाया है। अरुणिमा सिन्हा जैसी महिलाओं के आत्मविश्वास की मिसाल दी जाती है, जिन्होंने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर अपने एक पैर से चढ़कर भारत का झंडा लहराया और देश का गौरव बढ़ाया है। ऐसी ही कई महिलाओं ने एक से बढ़कर एक बड़े काम किए हैं, जो उनसे पहले कोई भी महिला नहीं कर सकी थी। आइए जानते हैं, अलग-अलग क्षेत्रों में अपना नाम दर्ज कराने वाली इन पहली भारतीय महिलाओं के बारे में... Table of Contents • • • • • • • • • • • 1. सावित्रीबाई फुले (Savitribai Phule) TOI सावित्रीबाई फुले भारत की पहली महिला शिक्षक व हेडमिस्ट्रेस थीं। उन्होंने लड़कियों के शिक्षा और समाज के उत्थान पर विशेष रूप से काम किया। उनका जन्म 3 जनवरी 1831 को महाराष्ट्र के एक दलित परिवार में हुआ। लगभग 9 साल की उम्र में ही उनकी शादी कर दी गई थी। उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर किसी के साथ भेदभाव ना हो और हर किसी को पढ़ने का अवसर मिले, इसपर काम किया। सावित्रीबाई फुले समाजसेविका और कवियत्री भी थीं। देश को आजादी दिलाने में भी उनका योगदान है। इस दौरान उन्हें पुणे की यरवदा जेल में भी रहना पड़ा था। वे महात्मा गांधी की अनुयायी भी थीं। भारत की महान महिलाओं की लिस्ट में सावित्रीबाई फुले का नाम सबसे पहले आता है। 2. सरोजिनी नायडू (Sarojini Naidu) TOI सरोजनी नायडू को भारत कोकिला के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने भारत की आजादी की लड़ाई में...