भारतीय नदियों में प्रदूषण का मुख्य स्रोत क्या है

  1. नदी प्रदूषण दूर करने के कुछ सरल उपाय
  2. नदियों में बढ़ते प्रदूषण पर निबंध
  3. भारत की नदियाँ इनकी प्रणाली Rivers of India in Hindi (नदियों का महत्व)
  4. Water Pollution In Hindi
  5. सतलुज नदी प्रदूषण
  6. भारत में नदी प्रदूषण
  7. Essay


Download: भारतीय नदियों में प्रदूषण का मुख्य स्रोत क्या है
Size: 62.51 MB

नदी प्रदूषण दूर करने के कुछ सरल उपाय

सद्‌गुरु : कुछ ही दशक पहले तक देश भर में लोग, पीने के पानी के लिए, कपड़े धोने, नहाने या बस तैरने के लिए आस-पास किसी धारा या नदी तक चले जाया करते थे। आज ऐसा कुछ भी करने का सवाल ही नहीं उठता। और अगर ऐसा करते भी हैं तो सेहत पर उसके गंभीर दुष्परिणाम(बुरे नतीजे) हो सकते हैं। दुनिया की बहुत सारी नदियों की तरह भारतीय नदियों का पानी भी प्रदूषित हो चुका है, जबकि इन नदियों को हमारी संस्कृति में हमेशा पवित्र जगह दी जाती रही है। पर साथ ही, भारत के लोग इन नदियों से मुंह नहीं फेर सकते। वे देश की जीवनरेखाएं हैं और भारत का भविष्य कई रूपों में हमारी नदियों की सेहत से जुड़ा हुआ है। नदी प्रदूषण के दो कारण हमारी नदियों के प्रदूषण की दो वजहें हैं। एक को हम कहते हैं – प्वाइंट सोर्स यानी नदियों में किसी एक जगह से बहुत सारा कचरा गिरना – जैसे उद्योगों से निकला कचरा कुछ स्थानों से भारी मात्रा में नदी में गिरता है। दूसरे को कहा जाता है – नॉन-प्वाइंट सोर्स, इसमें वो कचरा आता है जो नदियों के पूरे रास्ते अलग-अलग कई जगहों से उसमें गिरता रहता है – जैसे खेती की ज़मीन से होकर नदी में जाने वाला जल। खेतों से होकर आने वाला जल भी नदियों के लिए नुकसानदेह है क्योंकि खेती में केमिकल्स का इस्तेमाल होता है। मिटृटी को मिट्टी कहने के लिए उसमें कम से कम दो फीसदी ऑर्गैनिक(जैविक या खाद से जुड़ा) तत्व होना चाहिए। अगर आप इस ऑर्गैनिक तत्व को निकाल देंगे तो हम उस मिट्टी को रेत कहेंगे, और ऐसी जमीन खेती के लिए सही नहीं है। पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे कई भारतीय राज्यों में, मिट्टी में ऑर्गैनिक तत्व का प्रतिशत 0.05 है। इससे हम उस जमीन को रेगिस्तान बना रहे हैं, जिसने हजारों सालों से हमें भोजन दिया है। प्वाइंट सोर्स पॉलूशन...

नदियों में बढ़ते प्रदूषण पर निबंध

Essay on Growing Pollution in Rivers:प्रदूषण से तात्पर्य प्रकृति में अशुद्धियों और अन्य हानिकारक पदार्थों के योग से है जो पर्यावरण पर बुरा प्रभाव डाल सकते हैं। यह आज के समय में एक प्रमुख चिंता का विषय है। देश में दिन-ब-दिन प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। प्रदूषण के विभिन्न प्रकार हैं; वायु प्रदूषण, मृदा प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण आदि। प्रदूषण बढ़ाने के लिए विभिन्न कारक जिम्मेदार हैं। Contents • 1 नदियों में बढ़ते प्रदूषण पर लंबा निबंध | Essay on Growing Pollution in Rivers • 1.1 नदियों में बढ़ते प्रदूषण के लिए 10 पंक्तियों पर निबंध • 1.2 1000 शब्द निबंध – नदी प्रदूषण: अर्थ, कारण, प्रभाव, समाधान और नदी प्रदूषण परियोजनाएं • 1.3 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न: अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न नदियों में बढ़ते प्रदूषण पर लंबा निबंध | Essay on Growing Pollution in Rivers यहां, मैं आपकी बेहतर समझ के लिए बहुत आसान भाषा में नदियों में बढ़ते प्रदूषण पर लंबा निबंध प्रस्तुत कर रहा हूं। नदियों में बढ़ते प्रदूषण के लिए 10 पंक्तियों पर निबंध 1) नदियों में विषाक्त पदार्थों के प्रवाह से नदी प्रदूषण में वृद्धि होती है। 2) पिछले कुछ वर्षों में नदी प्रदूषण तेजी से बढ़ा है। 3) यह फैक्ट्री डिस्चार्ज, सीवर, वेस्ट डंपिंग आदि के कारण होता है। 4) नदी के प्रदूषण से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। 5) बढ़ते नदी प्रदूषण के कारण समुद्री जीवन को भी नुकसान होता है। 6) नदियों में बहाए जाने से पहले कचरे का उचित उपचार नदी प्रदूषण को नियंत्रित कर सकता है। 7) हर साल लगभग 18 मिलियन पाउंड कचरा नदियों में फेंका जाता है। 8) “नमामि देवी नर्मदे” और “नमामि गंगे” भारत की नदियों को साफ करने के लिए सरकार द्वारा अग्रेषित कार्...

भारत की नदियाँ इनकी प्रणाली Rivers of India in Hindi (नदियों का महत्व)

Table of Content • • • • • • • • • • • भारत की नदियाँ इनकी प्रणाली Rivers of India in Hindi नदियां क्या होती है? What are Rivers? नदियाँ बहते हुए पानी का एक प्राकृतिक स्त्रोत होती है, आमतौर पर मीठे पानी का । ज्यादातर नदियाँ किसी सागर, समुद्र, झील, या किसी अन्य नदी की ओर बहती है । छोटी नदियाँ को धारा कहा जाता है । जेनेरिक शब्द ‘नदी’ के लिए कोई आधिकारिक परिभाषा नहीं है । नदियाँ हाइड्रोलॉजिकल चक्र का हिस्सा होती है । नदियों का वैज्ञानिक अध्ययन पोटेमोलौजी कहलाता है । विलियम मोरिस डेविस ने नदियों को उनकी आयू के अनुसार वर्गीकृत किया है- • युवा नदी – इन नदियों में खड़ी ढाल होती है अथवा इन का बहाव तेज होता है । • परिपक्व नदी – इन नदियों में ढाल कम खड़ा होता है और इनका बहाव धीमा होता है ,यह धीरे-धीरे बहती हैं । इन नदियों के चैनल बहुत गहरे ना होकर ज्यादातर चौड़े होते हैं । • पुरानी नदी – इन नदियों का ढाल बहुत कम होता है और कटाव ऊर्जा भी कम होती है। • कायाकल्प नदी – इन नदियों का ढाल विवर्तनिक उत्थान द्वारा बना होता हैं। नदियों का उपयोप Use and Importance of Rivers नदियों का मनुष्य जीवन और पृथ्वी में बहुत महत्व है – • नदियों के पानी को बिजली बनाने के लिए एक इस्तेमाल किया जाता है । • नदियों के पानी को स्नान के लिए भी उपयोग किया जाता है । • नदियों को कचरे के निपटान के साधन के रूप में भी देखा जाता है । • नदियों को हजारों वर्षों से नेविगेशन के लिए इस्तेमाल किया गया है, सबसे पहला सबूत हमें सिंधु घाटी सभ्यता, जो कि उत्तर पश्चिमी भारत में पाई जाती है, में मिलता है । • नदियाँ बड़े पैमाने पर परिवहन का एक सस्ता साधन प्रदान करती हैं । • नदियाँ भोजन का एक मुख्य स्त्रोत रही है, अक्सर मछली और अन्य ...

Water Pollution In Hindi

1. नदियों का जल- नदियों में औद्योगिक दूषित जल विभिन्न नालों के माध्यम छोड़ा जाता है इसके अलावा घरेलू उपयोग में आये जल को भी नालों के माध्यम से नदीयों में छोड़ा जाता है। इसके अलावा खेती करने के क्रम में खेतों में डाला गया उर्वरक, कीटनाशक तथा जल के बहाव के साथ मिट्टी कचरा आदि भी नदियों में जाकर मिलते हैं। 2. समुंद्री जल- अधिक्तर नदियां समुद्रों में जाकर मिलती हैं। जिसके कारण नदियों का प्रदूषित जल समुंद्र में जाकर मिल जाता है जिसके कारण समुंद्र भी प्रदूषित हो जाता हैं। नदियों के माध्यम से ही औद्योगिक दूषित जल, कीटनाशक, उर्वरक, भारी धातु, प्लास्टिक आदि समुंद्र में मिलते हैं। इन सब के अलावा सामुद्रिक गतिविधियों जैसे समुंद्री परिवहन, समुद्र से पेट्रोलियम पदार्थों का दोहन आदि के कारण भी समुंद्र प्रदूषित होता है। इन जलस्रोतों की भौतिक स्थिति को देखकर ही उनके प्रदूषित होने का अंदाजा लगाया जा सकता है। जल का रंग, इसकी गंध, स्वाद आदि के साथ जलीय खर-पतवार की संख्या में इजाफा होता है, जलीय जीवों जैसे मछलियों एवं अन्य जंतुओं की संख्या में कमी आना या उनका मरना, सतह पर तैलीय पदार्थों का तैरना आदि जल प्रदूषित होने के संकेत हैं। दूषित जल के सेवन से हैजा, दस्त, उल्टीयां, चर्म रोग, पेट रोग, पीलिया, टाइफाईड बुखार आदि रोग हो सकते हैं। दूषित जल के सेवन से गर्मी तथा बरसात के दिनों में इन रोगों के होने का खतरा अधिक होता है। पीने के लिए हमें हमेशा स्वच्छ पानी का प्रयोग करना चाहिए। तथा तालाब के किनारे लगे हैंडपंपों से पानी पीना नही चाहिए। जल प्रदूषण के प्रमुख कारक मान, अम्लीय, क्षारीय, धातुयें, सीसा, मरकरी, क्रोमियम एवं रेडियोधर्मी पदार्थ आते हैं। जैविक मानदण्ड - इसके अंर्तगत बैक्टीरिया, कॉलिफार्म, एलग...

सतलुज नदी प्रदूषण

टैग्स: • • • प्रिलिम्स के लिये नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, सतलुज नदी, लुहरी स्टेज-I जलविद्युत परियोजना मेन्स के लिये सतलुज नदी के जल प्रदूषण का स्रोत चर्चा में क्यों? सतलुज नदी में प्रदूषण ने इंदिरा गांधी नहर के आसपास रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य के लिये गंभीर खतरा पैदा कर दिया है। • (NGT) ने पंजाब सरकार और राजस्थान सरकार को सतलुज एवं ब्यास नदी में प्रवाहित प्रदूषित जल को रोकने के लिये की गई सुधारात्मक कार्रवाई के बारे में जल शक्ति मंत्रालय को तिमाही अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। प्रमुख बिंदु सतलुज नदी के जल प्रदूषण का स्रोत: • ‘बुड्ढा नाला’ को प्रदूषित करने वाले तीन प्रमुख स्रोत: बुद्ध नाला (एक सहायक नदी) सतलुज नदी में प्रदूषण का एक प्रमुख स्रोत है। • लुधियाना शहर के ‘सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट’ (STP) से अनुपचारित सीवेज कचरा। • रंगाई इकाइयों और आउटलेट से अनुपचारित औद्योगिक अपशिष्ट जिसे प्रत्यक्ष रूप से नदी में छोड़ा जाता है। • इलेक्ट्रोप्लेटिंग, होजरी, स्टील रोलिंग मिल जैसे छोटे पैमाने के उद्योग भी मुख्य रूप से नाले में अपशिष्ट जल की वृद्धि में योगदान करते हैं। • हाई बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड (BOD): बुद्ध नाला एक दिन में लगभग 16,672 किलोग्राम ‘बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड’ नदी में प्रवाहित करता है और ‘ईस्ट बीन’ (पंजाब में दोआबा में एक नाला) एक दिन में 20,900 किलोग्राम ‘बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड’ नदी में प्रवाहित करता है। • जितना अधिक कार्बनिक पदार्थ होता है (उदाहरण के लिये सीवेज और पानी के प्रदूषित निकायों में) उतना ही अधिक BOD होता है और BOD जितना अधिक होगा, मछलियों के लिये उपलब्ध घुलित ऑक्सीजन की मात्रा उतनी ही कम होती है। • चमड़ा उद्योग: जालंधर ज़िले में एक और म...

भारत में नदी प्रदूषण

कई नदियों और झीलों के रूप में पानी के प्रचुर प्राकृतिक स्रोतों पर विचार करते हुए देखे तो भारत एक समृद्ध देश है। देश को सही तौर पर “नदियों की भूमि” के रूप में उल्लेखित किया जा सकता है, भारत के लोग नदियों की पूजा देवी और देवताओं के रूप में करते हैं। लेकिन क्या विडंबना है कि नदियों के प्रति हमारा गहन सम्मान और श्रद्धा होने के बावजूद, हम उसकी पवित्रता, स्वच्छता और भौतिक कल्याण बनाए रखने में सक्षम नहीं हैं। हमारी मातृभूमि पर बहने वाली गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र और कावेरी या कोई अन्य नदी हो, कोई भी प्रदूषण से मुक्त नहीं है। नदियों के प्रदूषण के कारण पर्यावरण में मनुष्यों, पशुओं, मछलियों और पक्षियों को प्रभावित करने वाली गंभीर जलजनित बीमारियाँ और स्वास्थ्य सम्बंधित समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। नदी प्रदूषण के कारण नदियाँ दिन-प्रतिदिन प्रदूषित हो रही हैं। कई नदियों में चलने वाली विभिन्न सरकारी परियोजनाओं के बावजूद जल प्रदूषण को प्रतिबंधित करने या रुकने का कोई भी संभव परिणाम नहीं मिला है। हम किसे दोषी ठहरायें? जल प्रदूषण के बहुत सारे कारक हैं जो नदी के पानी की समग्र गुणवत्ता को कम करते हैं। सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से कुछ हैं: • औद्योगिक अपशिष्टों, रसायनों के मिश्रणों और भारी धातुओं को पानी में छोड़ दिया जाता है। इन्हें साफ करना मुश्किल होता है। • कृषि अपशिष्ट, रसायन, उर्वरक और कृषि में इस्तेमाल किए गए कीटनाशक नदी के जल को दूषित करते हैं। • प्राकृतिक बारिश भी प्रदूषण साथ लाती है क्योंकि यह प्रदूषित हवा के साथ गिरती है। हम इसे अम्लीय वर्षा कहते हैं जो मिट्टी में पहुँचकर हानिकारक पदार्थों को उत्पन्न करती हैं। • नदियों में प्रवाहित किये गये घरों से निकलने वाले घरेलू अपशिष्ट और गंदे नाल...

Essay

Navigation • Sansar DCA • 📖Buy PDF • Mains • Essay • Previous year Essay • GS1 • History • #AdhunikIndia : Sajiv Sir Notes • Geography • Social • GS2 • Polity • IR • GS3 • Economy • Environment-Bio • Science-Tech • GS4 • Syllabus of GS4 • Ethics Notes • Mains • Sansar Manthan • SMA Assignment • Editorial • Sansar Editorial • Prelims • Weekly Quiz • Static GK Quiz • Mock Test Series • Sansar Surgery • Yojana • Download • E-Books • NCERT, NIOS etc. • Current Affairs PDF • App Download • Syllabus • UPSC • Core Syllabus • PCS • RPSC • BPSC • JPSC • MPPSC • UPPSC • Books • UPSC • RPSC • SSC CHSL • SBI • Donate • Contact • About us • Our Mission • Authors • Want to be author? • Search • Sansar DCA • 📖Buy PDF • Mains • Essay • Previous year Essay • GS1 • History • #AdhunikIndia : Sajiv Sir Notes • Geography • Social • GS2 • Polity • IR • GS3 • Economy • Environment-Bio • Science-Tech • GS4 • Syllabus of GS4 • Ethics Notes • Mains • Sansar Manthan • SMA Assignment • Editorial • Sansar Editorial • Prelims • Weekly Quiz • Static GK Quiz • Mock Test Series • Sansar Surgery • Yojana • Download • E-Books • NCERT, NIOS etc. • Current Affairs PDF • App Download • Syllabus • UPSC • Core Syllabus • PCS • RPSC • BPSC • JPSC • MPPSC • UPPSC • Books • UPSC • RPSC • SSC CHSL • SBI • Donate • Contact • About us • Our Mission • Authors • Want to be author? • Search आज इस पोस्ट के जरिये हम भारत में जल प्रदूषण (water pollution) से संबंधितमुद्दों पर चर्चा करेंगे. साथ ही दूषित जल का हमारे दैनिक जीवन...