भारतीय संविधान का पिता किसे कहा जाता है

  1. भारतीय संविधान क्या है
  2. भारतीय संविधान
  3. भारतीय संविधान की विशेषताएं
  4. डॉ. आंबेडकर को भारतीय संविधान का निर्माता क्यों कहा जाता है?


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भारतीय संविधान क्या है

इस लेख में हम आपको संविधान क्या है? ( Samvidhan Kya Hai?) इसके बारे में जानकारी प्रदान करने वाले हैं। इसके अलावा आपको संविधान के प्रकार से जुड़ी जानकारियां सरल और स्पष्ट भाषा में दी जाएंगी। अगर आप राजनीति विषय के छात्र हैं और इसका अध्ययन करते हैं अथवा किसी कंपटीशन की तैयारी कर रहे हैं, तो आपको Samvidhan Kya Hai? इसके बारे में पूरी जानकारी पता होना चाहिए। क्योंकि प्रश्न कहीं से भी पूछे जा सकते हैं। इस आर्टिकल में संविधान के बारे में व्याख्यात्मक रूप से चर्चा की गई है, जिससे छात्रों को संविधान के बारे में सीखने को मिलता है और वे बड़ी ही आसानी से किसी को समझा सकते हैं, कि किसी देश के लिए संविधान क्यों आवश्यक है? इसके अलावा इस आर्टिकल में आपको संविधान का महत्व, विशेषताएं, सामाजिक परिणाम तथा इसके मूल सिद्धांत के बारे में जानकारी प्रदान की गई है। इसे पढ़ने के बाद आप संविधान के पक्ष अथवा विपक्ष में अपना तर्क दे सकते हैं। इसके अलावा Article में आपके लिए एक वीडियो भी है, जिसे देखने के बाद आपको यह बात बिल्कुल अच्छी तरह से याद हो जायेगी, कि संविधान क्या है? इसलिए कृपया इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें। Content Headings • • • • • • • • • • • • • • • • संविधान क्या है? (Samvidhan kya hai) संविधान किसी देश को चलाने के लिए बनाया गया संहिता (दस्तावेज) है, जिसमें विभिन्न प्रकार के विधि-विधान लिखित रहते हैं। संविधान में लिखे गए कानून किसी भी राष्ट्र (देश) के शासन का आधार होते हैं और संविधान ही देश के भविष्य का निर्धारण करते हैं। भारत का संविधान विश्व के किसी भी संप्रभु देश के संविधान से सबसे बड़ा लिखित संविधान है। आसान शब्दों में समझा जाए तो किसी भी देश का संविधान उस देश की न्याय व्यवस्था, राजनीतिक...

भारतीय संविधान

भारतीय संविधान (Bhartiya Samvidhan) Constitution of India in Hindi भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है जिसमें 25 भागों और 12 अनुसूचियों में 449 अनुच्छेद शामिल हैं और कुल 101 बार संशोधित किया गया है। यह देश का सर्वोच्च कानून है और यह मौलिक अधिकार, निर्देश सिद्धांत, नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों को स्थापित करते समय मौलिक राजनीतिक संहिता, संरचना, प्रक्रियाओं, शक्तियों और सरकारी संस्थानों के कर्तव्यों का निर्धारण करने वाले ढांचे को प्रस्तुत करता है। संविधान एक लिखित दस्तावेज है जिसमें सरकार के लिए नियमों का एक सेट होता है। यह सरकार के ढांचे, प्रक्रियाओं, शक्तियों और कर्तव्यों की स्थापना के मौलिक राजनीतिक सिद्धांतों को परिभाषित करता है। यह शोषण को रोकने और लोगों के कुछ अधिकारों की गारंटी के लिए सरकार की शक्ति को सीमित करता है। संविधान शब्द किसी भी समग्र कानून पर लागू किया जा सकता है जो सरकार के कामकाज को परिभाषित करता है। डॉ. बी.आर. अम्बेडकर की अध्यक्षता में भारतीय संविधान को तैयार करने के लिए 29 अगस्त 1947 को संविधान सभा द्वारा एक आलेखन समिति की स्थापना की गई थी। 165 दिनों की अवधि में ग्यारह सत्र आयोजित संविधान के आलेखन के लिए लगभग तीन साल लग गए। भारत का संविधान उदार लोकतंत्र के सिद्धांतों की रूपरेखा में पश्चिमी कानूनी परंपराओं से बड़े पैमाने पर आकर्षित है। यह एक निचले और ऊपरी सदन के साथ एक ब्रिटिश संसदीय पैटर्न का पालन करता है। यह कुछ मौलिक अधिकारों का प्रतीक है जो संयुक्त राज्य संविधान द्वारा घोषित विधेयक के समान हैं। यह संयुक्त राज्य अमेरिका से सुप्रीम कोर्ट की अवधारणा का भी सन्दर्भ लेता है। भारतीय संविधान को 26 नवंबर 1949 को भारत की संविधान सभा द्वारा अपनाया ...

भारतीय संविधान की विशेषताएं

Table of Contents • • • • • • • • • • • परिचय (इंट्रोडक्शन) संविधान प्रत्येक देश का सर्वोच्च (सुप्रीम) कानून है। भारतीय संविधान को दुनिया के सबसे लंबे संविधानों में से एक माना जाता है। प्रत्येक राज्य का यह कर्तव्य (ड्यूटीज) है कि वह संविधान बनाए जिसके द्वारा एक देश गवर्न होगा। दुनिया के सबसे लंबे संविधान को बनाने में करीब 2 साल 11 महीने 18 दिन का समय लगा है। कुछ विद्वानों (स्कॉलर्स) का तो यह तक कहना है कि यह उधार (बॉरोड) लिया हुआ दस्तावेज़ है। कुछ प्रावधानों (प्रोविजंस) में डायरेक्टिव प्रिंसिपल्स ऑफ स्टेट पॉलिसी, मौलिक अधिकार (फंडामेंटल राइट्स) और व्यक्तियों के कर्तव्य शामिल हैं। इसमें वर्तमान में 448 आर्टिकल्स हैं, जो 25 भागों (पार्ट्स) में विभाजित हैं और इसमें 12 शेड्यूल भी हैं। हालांकि, संविधान की कई विशेषताएं हैं मुख्य रूप से एक सेक्युलर राज्य, फेडरलिज्म, पार्लियामेंट्री सरकार, मौलिक अधिकार और आर्टिकल 368 में प्रदत्त (कन्फर्ड) अमेंडमेंट की अपनी शक्ति के तहत सरकार द्वारा अमेंडेड किए गए कई और प्रावधान है। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि (हिस्टोरिकल बैकग्राउंड) भारतीय संविधान, संविधान सभा (असेंबली) के सामूहिक प्रयासों का परिणाम था जिसे लोगों के प्रतिनिधित्व को ध्यान में रखकर बनाया गया था। वर्तमान संविधान 9 दिसंबर 1946 को बनी संविधान सभा के निर्माताओं के पसीने का परिणाम था। यह 26 नवंबर 1949 को पूरी तरह से तैयार किया गया था और 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा के सभी सदस्यों द्वारा स्वीकार कर लिया गया था। हालांकि, कहा जाता है कि संविधान के कई प्रावधान उधार लिए गए हैं, लेकिन फिर भी इसे देश का सबसे महत्वपूर्ण और बुलंद (लॉफ्टी) कानून माना जाता है। सचिन आनंद सिन्हा संविधान सभा के पहले अंतरिम (इं...

डॉ. आंबेडकर को भारतीय संविधान का निर्माता क्यों कहा जाता है?

26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने संविधान के उस प्रारूप को स्वीकार किया, जिसे डॉ. बीआर आंबेडकर की अध्यक्षता में ड्राफ्टिंग कमेटी ने तैयार किया था. इसी रूप में संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ और भारत एक गणराज्य बना. इसी की याद में 26 नवंबर के दिन को संविधान दिवस मनाने का चलन 2015 को शुरू किया गया. यह दिलचस्प है कि ये चलन उस साल शुरू हुआ जब डॉ. आंबेडकर की 125वीं जन्म जयंती मनाई जा रही थी. यह राष्ट्र की तरफ से डॉ. आंबेडकर को दी गई श्रद्धांजलि है. सवाल उठता है कि संविधान सभा की ज्यादातर बैठकों में औसतन 300 सदस्य मौजूद रहे और सभी सदस्यों को संविधान के निर्माण में समान अधिकार प्राप्त था. तो आखिर क्यों डॉ. आंबेडकर को ही संविधान का मुख्य वास्तुकार या निर्माता कहा जाता है? यह बात सिर्फ डॉ. आंबेडकर के व्यक्तित्व और विचारों के समर्थक ही नहीं कहते, बल्कि भारतीय संविधान सभा के सदस्यों ने भी इसे स्वीकारा और विभिन्न अध्येताओं ने भी किसी न किसी रूप में इसे मान्यता दी. नेहरू के आत्मकथा लेखक संविधान सभा के समक्ष संविधान प्रस्तुत करते हुए अपने अंतिम भाषण में डॉ. आंबेडकर ने गरिमा और विनम्रता के साथ इतने कम समय में इतना मुकम्मल और विस्तृत संविधान तैयार करने का श्रेय अपने सहयोगियों को दिया. लेकिन पूरी संविधान सभा इस तथ्य से परिचित थी कि यह एक महान नेतृत्वकर्ता का अपने सहयोगियों के प्रति प्रेम और विनम्रता से भरा आभार है. अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें. अभी सब्सक्राइब करें यह भी पढ़ें ...