भारतीय वन अधिनियम कब पारित हुआ

  1. Environment Protection Act 1986 in Hindi
  2. भारतीय वन अधिनियम 1927
  3. भारत में वन संरक्षण अधिनियम कब पारित किया गया? – Expert
  4. भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम कब पारित हुआ?
  5. भारतीय वन अधिनियम 1927 की धाराए
  6. वन संरक्षण अधिनियम कब लागू हुआ
  7. भारत में वन संरक्षण अधिनियम कब लागू हुआ?


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Environment Protection Act 1986 in Hindi

पर्यावरण संरक्षण अधिनियम (Paryavaran Sanrakshan Adhiniyam 1986) संसद द्वारा 23 मई 1986 को पारित किया गया था। और 19 नवंबर 1986 को लागू किया हुआ था। इसमें चार अध्याय तथा 26 धाराएं होती हैं। इसे पारित करने का मुख्य उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र द्वारा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में किए गए प्रयासों को भारत में विधि (कानून) बनाकर लागू करना है।पर्यावरण संरक्षण अधिनियम (Paryavaran Sanrakshan Adhiniyam 1986) संसद द्वारा 23 मई 1986 को पारित किया गया था। और 19 नवंबर 1986 को लागू किया हुआ था। इसमें चार अध्याय तथा 26 धाराएं होती हैं। इसे पारित करने का मुख्य उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र द्वारा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में किए गए प्रयासों को भारत में विधि (काà...

भारतीय वन अधिनियम 1927

आजके इस आर्टिकल में मैआपको “भारतीय वन अधिनियम 1927 | Indian forest act 1927 ” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की – भारतीय वन अधिनियम 1927 | Indian forest act 1927 अध्याय 1 प्रारम्भिक 1. संक्षिप्त नाम और विस्तार-(1) इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम भारतीय वन अधिनियम, 1927 है । (3) यह उन राज्यक्षेत्रों को लागू है जो प्रथम नवम्बर, 1956 से ठीक पूर्व बिहार, मुम्बई, कुर्ग, दिल्ली, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, पंजाब, उत्तर प्रदेश तथा पश्चिमी बंगाल में समाविष्ट थे, किन्तु किसी भी राज्य की सरकार राजपत्र में अधिसूचना द्वारा इस अधिनियम को उस पूर्ण राज्य में या उसके किसी विनिर्दिष्ट भाग में, जिस पर इसका विस्तार है और जहां पर यह प्रवर्तन में नहीं है, प्रवर्तन 3 में ला सकेगी ।] 2. निर्वचन खण्ड-इस अधिनियम में, जब तक कि कोई बात विषय या संदर्भ से विरुद्ध न हो, – (1) “पशु” के अन्तर्गत हाथी, ऊंट, भैंसे, घोड़े, घोड़ियां, खस्सी, पशु, टट्टू बछेड़े, बछेड़िया, खच्चर, गधे, सुअर, मेढे़ मेढ़िया, भेडें, मेमने, बकरियां और बकरियों के मेमने हैं; (2) “वन अधिकारी” से ऐसा कोई व्यक्ति अभिप्रेत है जिसे 1॥। राज्य सरकार या 1॥। राज्य सरकार द्वारा इस निमित्त सशक्त कोई अधिकारी इस अधिनियम के सब या किसी प्रयोजन को पूरा करने के लिए अथवा इस अधिनियम या उसके अधीन बनाए गए किसी नियम के अधीन वन अधिकारी द्वारा की जाने के लिए अपेक्षित कोई बात करने के लिए नियुक्त करे; (3) “वन अपराध” से इस अधिनियम या इसके अधीन बनाए गए किसी नियम के अधीन दण्डनीय कोई अपराध अभिप्रेत है; (4) “वन-उपज” के अन्तर्गत- (क) निम्नलिखित वस्तुएं आती है अर्थात्-इमारती लकड़ी, लकड़ी का कोयला, कुचुक, खैर, लकड़ी का तेल, ...

भारत में वन संरक्षण अधिनियम कब पारित किया गया? – Expert

Table of Contents • • • • • • • • • • भारत में वन संरक्षण अधिनियम कब पारित किया गया? भारतीय वन अधिनियम, 1927. भारत में वन्य जीव संरक्षण कब लागू हुआ? सरकार ने वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 को देश के वन्यजीवों को सुरक्षा प्रदान करने एवं अवैध शिकार, तस्करी और अवैध व्यापार को नियंत्रित करने के उद्देश्य से लागू किया था। जनवरी 2003 में अधिनियम में संशोधन किया गया था और सजा और अधिनियम के तहत अपराधों के लिए जुर्माना और अधिक कठोर बना दिया है। वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 कब लागू हुआ? वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 – यूपीएससी के लिए पर्यावरण नोट्स वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 (Wildlife Protection Act 1972 in Hindi) को भारत की संसद द्वारा 12 अगस्त 1972 को पारित किया गया था और 9 सितंबर 1972 को अधिनियमित किया गया था। वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 में कुल कितनी धाराएं हैं? इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य वन्य जीवों के अवैध शिकार, उनकी खाल/माँस के व्यापार को रोकना है. यह अधिनियम जंगली जानवरों, पक्षियों और पौधों को संरक्षण देता है. इस अधिनियम में कुल 6 अनुसूचियाँ हैं जो अलग-अलग तरह से वन्यजीव को सुरक्षा प्रदान करती हैं. READ: आंतों में जमा मल को कैसे निकाले? वन संरक्षण दिवस कब मनाया जाता है? विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस हर साल 28 जुलाई को मनाया जाता है। ये दिवस न केवल वर्तमान पीढ़ी को बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक स्वस्थ पर्यावरण के महत्व की याद दिलाता है। वन संरक्षण अधिनियम 1980 क्या है? संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारम्भ-(1) इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 है । (2) इसका विस्तार जम्मू-कश्मीर राज्य के सिवाय सम्पूर्ण भारत पर है । (3) यह 25 अक्तूबर, 1980 को प्रवृत्त...

भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम कब पारित हुआ?

भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम वर्ष 1904 में पारित हुआ। वर्ष 1902 में सर टामस रैले की अध्यक्षता में विश्चवविद्यालय आयोग गठित किया गया और वर्ष 1904 में लॉर्ड कर्जन (Lord Curzon) द्यारा भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम पारित किया गया। जिसके द्वारा यह निश्चित हुआ कि विश्वविद्यालयों को केवल परीक्षा लेने का ही काम नहीं करना चाहिए, उन्हें योग्य अध्यापक नियुक्त करके अनुसंधान तथा अध्यापन का भी काम करना चाहिए। स्कूलों तथा कालेजों में छात्रावास की व्यवस्था करने का आदेश दिया गया। प्रारंभिक कक्षाओं में देशीभाषा एवं उच्च कक्षाओं में अंग्रेजों के माध्यम से शिक्षा देने की व्यवस्था की गर्इ। अध्यापकों के प्रशिक्षण के लिये ट्रेनिंग कालेज खोले गये। Tags : Explanation : मुहम्मद आदिल शाह का मकबरा बीजापुर, कर्नाटक में स्थित है। इसे गोल गुंबज या गोल गुंबद कहा जाता है। बीजापुर के सुल्तान मुहम्मद आदिल शाह के मकबरे गोल गुंबज का निर्माण फारसी वास्तुकार दाबुल के याकूत ने 1656 ई. में कराया था। गोल गुंबज • राज्य सभा में सदस्य बनने के लिए किसी भी व्यक्ति की कम से कम आयु कितनी होनी चाहिए?

भारतीय वन अधिनियम 1927 की धाराए

वन हेतु सबसे व्यापक अधिनियम हैं इस अधिनियम के तहत कुछ महत्वपूर्ण परिभाषायें निम्न हें:- मवेशी के अंतर्गत हाथी, ऊंट, भैंस, घोड़े, घोडियाॅ, खस्सी पशु, खच्चर, गधे, सुअर, मेढ, मेढियाॅं, मेमने, बकरियाॅं तथा उनके मेमने हें वन अधिकारी का अर्थ होता हे राज्य सरकार या राज्य सरकार द्वारा सशक्त कोई अधिकारी इस अधिनियम के सभी या कोई भी प्रयोजन पूरे करने के लिये अथवा इस अधिनियम के अधीन बनाये गये किसी नियम के अधीन वन अधिकारी द्वारा की जाने वाली कोई बात करने के लिये नियुक्त करें। वन अपराध का मतलब है, इस अधिनियम या इसके अधीन बनाए गए किसी नियम के तहत कोई भी दण्डनीय कार्य वनोपज के अंतर्गत आते हैं:- (क) निम्नलिखित वे सभी वस्तुए भले ही वह वन से लाई गई हों या नहीं लाई गई हों:- इमारती लकड़ी, लकड़ी का कोयला, कुचुक, खेर, लकड़ी तेल, रेजिन, प्राकृतिक वार्निश, छाल, लाख, सेलक, गोंद, महुआ के फल तथा बीज, कुथ हर्रां (ख) निम्नलिखित वस्तुए जब वे वन से लाई गई हों:- • वृक्ष ओर पत्ते, फूल और फल तथा वृक्ष के इसके पूर्व अवर्णित अन्य सभी भाग और उपजं • घास, बेलें, नरकुलें और इनके सभी भाग और उपज • वन पशु और खालें, हाथी-दांत, सींग, हड्डियां, रेशम, रेशम के कोए, शहद और मोम तथा पशुओं के अन्य सभी भाग और उत्पाद • पीठ, सतही मिटटी, चटटान और चूना, लेटेराइट, खनिज तेल और खालों तथा खदानों के सभी उत्पाद । • खड़ी कास्तकारी फसलं इमारती लकड़ी के अंतर्गत वृक्ष आते हैं जबकि वे गिर गये हों या गिराये गये हों ओर सब प्रकार की लकड़ी हे, चाहे वो किसी प्रयोजन के लिये काटी गई हो/खोखली की गई हो या ना की गई हों वृक्ष के अंतर्गत ताड, बाॅस, ठूॅठ, झाड , झंखड ओर बेंत आते हैं उपरोक्त परिभाषाओं में वनोपज दो प्रकार के होते हैं (1) एैसे वनोपज जो कहीं...

वन संरक्षण अधिनियम कब लागू हुआ

संरक्षित कियाजाना चाहिए। देश की स्वतंत्र ता के पश्चात राष्ट्रीय वन नीति (1952) घाषित की गई लेकिन वनों के विकास पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया गया। 1970 के दौरान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण के प्रति चेतना की जागृति का विकास होने से वन संरक्षण को भी बल मिला। वन संरक्षण अधिनियम (1980) का इस दिशा में विशेष योगदान रहा। सन् 1951 से 1980 के बीच वन भूमियों का अपरदन 1.5 लाख हैक्टेयर प्रति वर्ष था जबकि इस अधिनियम के लागू होने के पश्चात भूमि का अपरदन 55 हजार हैक्टेयर रह गया है। इस अधिनियम को अधिक प्रभावी ढंग से कार्यान्वित करने के लिए इसमें वर्ष 1988 में संशोधन किया गया।5 ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण कानून भारत में ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण के लिए पृथक अधिनियम का प्रावधान नहीं है। भारत में ध्वनि प्रदूषण को वायु प्रदूषण में ही शामिल किया गया है। वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण ) अधिनियम, 1981 में सन् 1987 में संशोधन करते हुए इसमें ‘ध्वनि प्रदूषकों’ को भी ‘वायु प्रदूषकों’ की परिभाषा के अंतर्गत शामिल किया गया है। पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 6 के अधिन भी ध्वनि प्रदूषकों सहित वायु तथा जल प्रदूषकों की अधिकता को रोकने के लिए कानून बनाने का प्रावधान है। इसका प्रयोग करते हुए ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण ) अधिनियम, 2000 पारित किया गया है। इसके तहत विभिन्न क्षेत्रों के लिए ध्वनि के संबंध में वायु गुणवत्ता मानक निर्धारित किए गए हैं। विद्यमान राष्ट्रीय कानूनों के अंतर्गत भी ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण का प्रवधान है। ध्वनि प्रदूषको को आपराधिक श्रेणी में मानते हुए इसके नियंत्रण के लिए भारतीय दण्ड संहिता की धारा 268 तथा 290 का प्रयोग किया जा सकता है। पुलिस अधिनियम, 1861 के अंतर्गत पुलिस अध...

भारत में वन संरक्षण अधिनियम कब लागू हुआ?

वन संरक्षण विभाग का कार्य 25 अक्टूबर, 1980 को लागू वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के अनुसार सफल कार्याव्नयन करना है। यह अधिनियम वनभूमि को गैर-वानिकी प्रयोजनों के लिए परिवर्तन की अनुमति देने से संबंधित है। 1980 से लागू इस अधिनियम द्वारा जनवरी 2008 तक लगभग 16,939 विकासशील परियोजनाओं जिनमें 11.56 लाख हेक्टेयर वन क्षेत्र शामिल हैं। वन विभाग की ओर से अनुमति दी गई हैं। इनमें विद्युत उत्पादन, सिंचाई, सड़के बनाना, रेलवे लाइनें, संप्रेषण लाइन, पेय जल आपूर्ति परियोजनाएं, ग्रामीण बिजली, स्कूल, अस्पताल आदि शामिल हैं। Tags :