भैया दूज कितनी तारीख को है

  1. भाई दूज क्या होता है? भाई दूज की कहानी (संपूर्ण जानकारी) – Daily While
  2. Bhai Dooj 2021: Why Yam Dwitiya Is Also Called Bhai Dooj
  3. Bhai Dooj 2021: यम द्वितीया के दिन क्यों मनाया जाता है भाई दूज का त्योहार? ये है कहानी
  4. Bhai Dooj 26 October 2022 Puja Muhurat Tilak Lagane Vidhi Mantra
  5. bhai dooj 2022 special coincidence bhaiya dooj is being made after solar eclipse auspicious tilak time pcup
  6. 2023 में भाई दूज कब है New Delhi, India में


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भाई दूज क्या होता है? भाई दूज की कहानी (संपूर्ण जानकारी) – Daily While

“यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः” जिसका अर्थ है कि जहां नारियों की पूजा की जाती है देवता वहीं निवास करते हैं. दोस्तों यह लाइन हमारे शास्त्रों में वर्णित है. शास्त्रों में यह भी कहा जाता है कि जिस घर में नारियों की पूजा नहीं होती वहां उन्नति के सारे मार्ग बंद हो जाते हैं. इसलिए हमें हमेशा नारियों का सम्मान करना चाहिए. दोस्तों नारी के कई स्वरूप हैं जिनमें से एक है हमारी बहन का. भाई दूज क्या होता है हिन्दू धर्म में भाई और बहन के रिश्ते को मनाने के लिए खास दो त्योहार है. रक्षा बंधन और भाई दूज.आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको भाई दूज के बारे में सभी जानकारियां देने वाले है. तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें. Table of Contents • • • • • • • • • • • • भाई दूज क्या होता है? | Bhai Dooj Kya Hota Hai भाई दूज हिंदू धर्म का एक त्यौहार है जो कि भाई और बहन के बीच अटूट रिश्ते को दिखाता है. इसे भाई बहन के रिश्ते को और मजबूत करने के लिए मनाते हैं. भाई दूज क्यों मनाया जाता है? हम सब जानते हैं कि भाई दूज, भाई बहन के रिश्ते को दर्शाता है. भाई दूज को मनाने से भाई बहन में स्नेह बढ़ता है. शास्त्रों में भाई दूज मनाए जाने के पीछे एक छोटी सी कहानी बताई गई है. जो है की एक बार यमुना जी ने यमराज को अपने घर बुलाकर पूरे स्नेह के साथ भोजन करवाया था. और तभी से यह त्यौहार मनाया जाने लगा. भाई दूज की कहानी शास्त्रों में भाई दूज की जो कहानी वर्णित है वह है यमुना और यमराज की. यमुना और यमराज बहन भाई थे. और वो दोनों एक दूसरे से बहुत स्नेह करते थे. पर जब भी यमुना, यमराज को अपने घर बुलाती तो वो अपने काम की व्यस्तता के कारण उनके घर नहीं जा पाते थे . पर एक बार यमुना जी ने यमराज को अपने घर आने के लिए व...

Bhai Dooj 2021: Why Yam Dwitiya Is Also Called Bhai Dooj

Bhai Dooj 2021 : यम द्वितीया को क्यों मनाते हैं भाई-बहन का त्योहार भाई दूज, ऐसी है परंपरा Happy Bhai Dooj 2021: यम द्वितीया को भाई दूज या भैया दूज भी कहा जाता है, इसके पीछे एक कहानी है. इस दिन यमराज और उनकी बहन यमुना की पूजा की परंपरा है. इस साल भाई दूज यानी यम द्वितीया नवंबर महीने की 6 तारीख को मनाया जाएगा. जैसे राखी में भाइयों को तिलक लगाते हैं, इस दिन भी भाई का तिलक कर उसकी आरती उतारी जाती है. बहनें अपने भाई को मिठाई खिलाती हैं और तिलक लगाकर उसकी सलामती की कामना करती हैं. भाई, बहन के घर जाता है और तिलक करवा कर प्यार से बहनों को उपहार देता है. बहनें भी छोटे भाइयों को गिफ्ट देती है. इस तरह भाई-बहन का ये प्यारा सा पर्व मनाया जाता है. यम द्वितीया को क्यों कहते हैं भैया दूज भैया दूज को सभी यम द्वितीया भी कहते हैं. दरअसल पौराणिक कथाओं में कहा गया है कि एक बार यम देव अपनी बहन यमुना या यामी से मिलने गए. बहन ने आरती कर भाई का स्वागत किया. यम देव के माथे पर तिलक लगाकर बहन ने उन्हें मिठाई खिलाई और फिर बढ़िया भोजन कराया. यमराज, बहन के इस स्वागत से खूब खुश हुए और बहन को उपहार देते हुए इस बात की घोषणा की कि इस दिन जो भी भाई अपनी बहन से मिलने जाएंगे, बहने उनका आरती और तिलक कर स्वागत करें, इससे भाई सभी तरह की बुरी ताकतों से बचेंगे और उनका कल्याण होगा. तभी से इस दिन भाई-बहन का ये प्यारा त्योहार मनाया जाना लगा. भाई को तिलक करने का शुभ मुहूर्त Listen to the इस साल द्वितीया तिथि 5 नवंबर को रात्रि 11 बजकर 14 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी 6 नवंबर को शाम 07 बजकर 44 मिनट तक रहेगी. ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस साल भाई दूज पर अपने भाइयों को तिलक करने का सबसे शुभ समय दोपहर 1 बजकर 10 से लेकर 3 ...

Bhai Dooj 2021: यम द्वितीया के दिन क्यों मनाया जाता है भाई दूज का त्योहार? ये है कहानी

Bhai Dooj 2021: पांच दिन के दीपावली (Diwali) के त्‍योहार में भाई बहन का त्योहार भाई दूज (Bhai Dooj) भी शामिल है. इसे कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है और इसे यम द्वितीया (Yam Dwitiya) के नाम से भी जानते हैं. भाई दूज को भैया दूज भी कहा जाता है. भाई दूज के दिन बहनें अपने भाई को मिठाई खिलाती हैं और तिलक लगाकर उसकी सलामती की कामना करती हैं. जबकि भाई अपनी बहन के घर जाता है और तिलक करवा कर बहनों को उपहार देता है. बड़ी बहनें छोटे भाइयों को गिफ्ट देती है और इस तरह भाई-बहन का ये त्‍योहार संपन्‍न होता है. यम द्वितीया को ही क्‍यों मनाते हैं भैया दूज पौराणिक कथाओं के अनुसार मान्‍यता है कि एक बार यम देव अपनी बहन यमुना या यामी से मिलने उनके घर गए. भाई को अपने घर आया देख बहन ने आरती कर भाई का स्वागत किया. यम देव के माथे पर तिलक लगाकर बहन ने उन्हें मिठाई खिलाई और फिर बढ़िया भोजन कराया. यमराज बहन के इस स्वागत सत्‍कार से काफी खुश हुए और उपहार स्‍वरूप उन्‍होंने सभी भाई बहनों को आशीर्वाद देते हुए घोषणा की कि इस दिन जो भी भाई अपनी बहन से मिलने जाएगा और बहनें उनका आरती और तिलक कर स्वागत करेंगी तो इससे भाई सभी तरह की बुरी ताकतों से बचेगा और और उनका कल्याण होगा. यही वजह है कि इस दिन भाई-बहन का त्योहार भाई दूज इस दिन मनाया जाता है. ये भी पढ़ें: इस साल तिलक करने का शुभ मुहूर्त ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, इस साल भाई दूज पर अपने भाइयों को तिलक करने का सबसे शुभ समय दोपहर 1 बजकर 10 से लेकर 3 बजकर 21 मिनट तक है. आप अपने भाई को इस शुभ मुहूर्त में तिलक करें तो ये बेहद शुभ होगा. लेकिन अगर आप इस समय तिलक नहीं लगा पाते हैं तो तो 6 नवंबर को शाम 7 बजे के पहले कभी भी भाई को तिलक लगा सकत...

Bhai Dooj 26 October 2022 Puja Muhurat Tilak Lagane Vidhi Mantra

Bhai Dooj 2022 Puja: कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है. इस साल भाई दूज 26 अक्टूबर 2022 को है. भाई दूज 5 दिन दिपोत्सव पर्व का आखिरी दिन होता है. इसे यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन बहन अपने भाई को तिलक कर उनकी रक्षा, लंबी उम्र और उन्नति की कामना करती हैं. भाई उन्हें उपहार देते हैं. इस साल भाई दूज का पर्व बेहद शुभ संयोग में मनाया जाएगा, इस दिन गोवर्धन पूजा और अन्नकूट भी है. भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के बीच अटटू प्रेम और पवित्रता रिश्तों को दर्शाता है. आइए जानते हैं भाई दूज का मुहूर्त और विधि. भाई दूज 2022 मुहूर्त (Bhai Dooj 2022 Muhurat) • कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि शुरू - 26 अक्टूबर 2022, दोपहर 02.42 • कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि समाप्त - 27 अक्टूबर 2022, दोपहर 12.45 भाई दूज पूजा मुहूर्त • दोपहर 01.18 - दोपहर 03.33 (26 अक्टूबर 2022) • विजय मुहूर्त- दोपहर 02:03 - दोपहर 02:48 • गोधूलि मुहूर्त - शाम 05:49 - शाम 06:14 भाई दूज पूजा विधि (Bhai Dooj Puja Vidhi) • भाई दूज वाले दिन यमुना नदी में स्नान का खास महत्व है. अगर ऐसा संभव न हो तो सूर्योदय से पूर्व स्नान कर सूर्य देव को अर्घ्य दें. • इस दिन भाई के स्वागत के लिए बहनें तरह-तरह के पकवान बनाती हैं. पूजा की थाल तैयार कर लें. • भाई दूज की पूजा शुभ मुहूर्त में ही करें. सबसे पहले भाई को एक चौकी पर बिठाएं और फिर कुमकुम से तिलक कर अक्षत लगाएं. टीका करते हुए ये मंत्र बोलें - 'गंगा पूजे यमुना को यमी पूजे यमराज को, सुभद्रा पूजा कृष्‍ण को, गंगा-यमुना नीर बहे मेरे भाई की आयु बढ़े. • तिलक करने के बाद भाई को मिठाई खिलाएं और यम देवता से भाई की लंबी आयु की कामना करें. भाई दूज पर तिलक...

bhai dooj 2022 special coincidence bhaiya dooj is being made after solar eclipse auspicious tilak time pcup

bhai dooj 2022 special coincidence bhaiya dooj is being made after solar eclipse auspicious tilak time pcup | Bhai Dooj 2022: 50 साल बाद सूर्य ग्रहण के बाद बन रहा भैया दूज का ये खास संयोग,नोट कर लें तिलक करने का सबसे शुभ मुहूर्त | Hindi News, Uttar Pradesh Bhai Dooj 2022: 50 साल बाद सूर्य ग्रहण के बाद बन रहा भैया दूज का ये खास संयोग,नोट कर लें तिलक करने का सबसे शुभ मुहूर्त Bhai Dooj 2022: हिंदू पंचाग के अनुसार भाई दूज का पर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. भाई दूज को यम द्वितीया (Yam Dwitiya) या भ्रातृ द्वितीया भी कहा जाता है. भाई दूज (Bhai Dooj 2022) दीपावली के दो दिन बाद और गोवर्धन पूजा के ठीक अगले दिन मनाया जाता है. इस पर्व के साथ ही पांच दिन के दीपोत्सव का समापन हो जाता है. भैया दूज का पर्व 26 अक्तूबर को है. ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक सूर्य ग्रहण के बाद पहले दिन पड़ने वाला यह भैयादूज का संयोग 50 सालों के बाद आ रहा है. ऐसे संयोग के कारण भाई-बहन में प्रेम बढ़ेगा. इस साल भाई दूज की तारीख को लेकर कन्फ्यूजन है. कुछ लोग 26 अक्टूबर को तो कुछ लोग 27 अक्टूबर को भाई दूज मनाने की बात कह रहे हैं. भाई दूज मनाने का शुभ मुहूर्त 26 अक्‍टूबर को भाई दूज मनाने के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 18 मिनट तक दोपहर 03 बजकर 33 मिनट तक 27 अक्टूबर को भाई दूज मनाने का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 07 मिनट से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक. कैसे करें तिलक भाई दूज के मौके पर स्नान कर नए वस्त्र पहन कर शुभ मुहूर्त में भाई को तिलक करें. तिलक के लिए आरती की थाली को अच्छे से सजाएं. थाली में दीपक ,रोली अक्षत, पुष्प, मिठाई रखें. भाई को एक छोटी सी चौकी पर बैठने को कहे और आरती की था...

2023 में भाई दूज कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2023 में भाई दूज कब है व भाई दूज 2023 की तारीख व मुहूर्त। भाई दूज पर्व, भाई-बहन के पवित्र रिश्ते और स्नेह का प्रतीक है। भाई दूज या भैया दूज पर्व को भाई टीका, यम द्वितीया, भ्रातृ द्वितीया आदि नामों से मनाया जाता है। भाई दूज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाने वाला पर्व है। यह तिथि दीपावली के दूसरे दिन आती है। इस मौके पर बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु और सुख समृद्धि की कामना करती है। वहीं भाई शगुन के रूप में बहन को उपहार भेंट करता है। भाई दूज के दिन मृत्यु के देवता यमराज का पूजन भी होता है। मान्यता है कि इसी दिन यम देव अपनी बहन यमुना के बुलावे पर उनके घर भोजन करने आये थे। भाई दूज मनाने की तिथि और नियम भाई दूज (यम द्वितीया) कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाई जाती है। इसकी गणना निम्न प्रकार से की जा सकती है। 1.शास्त्रों के अनुसार कार्तिक शुक्ल पक्ष में द्वितीया तिथि जब अपराह्न (दिन का चौथा भाग) के समय आये तो उस दिन भाई दूज मनाई जाती है। अगर दोनों दिन अपराह्न के समय द्वितीया तिथि लग जाती है तो भाई दूज अगले दिन मनाने का विधान है। इसके अलावा यदि दोनों दिन अपराह्न के समय द्वितीया तिथि नहीं आती है तो भी भाई दूज अगले दिन मनाई जानी चाहिए। ये तीनों मत अधिक प्रचलित और मान्य है। 2.एक अन्य मत के अनुसार अगर कार्तिक शुक्ल पक्ष में जब मध्याह्न (दिन का तीसरा भाग) के समय प्रतिपदा तिथि शुरू हो तो भाई दूज मनाना चाहिए। हालांकि यह मत तर्क संगत नहीं बताया जाता है। 3.भाई दूज के दिन दोपहर के बाद ही भाई को तिलक व भोजन कराना चाहिए। इसके अलावा यम पूजन भी दोपहर के बाद किया जाना चाहिए। भाई दूज पर होने वाले रीति रिवाज़ और विधि हिंदू धर्म में त्यौहार बिना...