Bharat ka mahanyayvadi

  1. भारत देश का महान्यायवादी कौन है? » Bharat Desh Ka Mahanyayvadi Kaun Hai
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  3. भारत के वर्तमान महान्यायवादी कौन है


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भारत देश का महान्यायवादी कौन है? » Bharat Desh Ka Mahanyayvadi Kaun Hai

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। प्रिय मित्र भारत के महान्यायवादी अर्थात अटॉर्नी जनरल ऑफ इंडिया का नाम केके वेणुगोपाल है जिन्हें कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा 3 वर्ष की अवधि के लिए नियुक्त किया गया था धन्यवाद

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Table of Contents • • • • • भारत के महान्यायवादी (Attorney General of India) संविधान में (अनुच्छेद 76) भारत के महान्यायवादी’ के पद की व्यवस्था की गई है। वह देश का सर्वोच्च कानून अधिकारी होता है। भारत के महान्यायवादी -नियुक्ति एवं कार्यकाल महान्यायवादी के कार्यकाल को संविधान द्वारा निश्चित नहीं किया गया है। इसके अलावा संविधान में उसको हटाने को लेकर भा कोई मूल व्यवस्था नहीं दी गई है। वह अपने पद पर राष्ट्रपति क प्रसादपर्यंत तक बने रह सकता है। इसका तात्पर्य है कि उसे राष्ट्रपति द्वारा किसी भी समय हटाया जा सकता है। वह राष्ट्रपति को भी अपना त्यागपत्र सौंपकर पदमुक्त हो सकता है। परंपरा यह है जब सरकार (मंत्रिपरिषद) त्यागपत्र दे दे या उसे बदल दिया जाए तो उसे त्यागपत्र देना होता है क्योंकि उसकी नियुक्ति सरकार की सिफारिश से ही होती है। भारत के महान्यायवादी – कार्य एवं शक्तियां भारत सरकार के मुख्य कानून अधिकारी के रूप में महान्यायवादी के निम्नलिखित कर्तव्य हैं: 1. भारत सरकार को विधि संबंधी ऐसे विषयों पर सलाह दे जो राष्ट्रपति द्वारा सौंपे गए हों। 2. विधिक स्वरूप से ऐसे अन्य कर्तव्यों का पालन करे जो राष्ट्रपति द्वारा सौंपे गए हों। 3. संविधान या किसी अन्य विधि द्वारा प्रदान किए गए कृत्यों का निर्वहन करना। राष्ट्रपति महान्यायवादी को निम्नलिखित कार्य सौंपता है: 1. भारत सरकार से संबंधित मामलों को लेकर उच्चतम न्यायालय में भारत सरकार की ओर से पेश होना। 2. संविधान के अनुच्छेद 143 के तहत, राष्ट्रपति के द्वारा उच्चतम न्यायालय में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करना। 3. सरकार से संबंधित किसी मामले में उच्च न्यायालय में सुनवाई का अधिकार। भारत के महान्यायवादी – अधिकार एवं मर्यादाएं भारत के किसी भी क्षेत...

भारत के वर्तमान महान्यायवादी कौन है

3 जुलाई, 2017 को वरिष्ठ अधिवक्ता के.के. वेणुगोपाल ने भारत के नए अटार्नी जनरल (महान्यायवादी) के रूप में पदभार ग्रहण किया। वह भारत के 15वें अटार्नी जनरल हैं। इस पद पर उन्होंने मुकुल रोहतगी का स्थान लिया। इससे पूर्व वह मोरारजी देसाई की सरकार में (वर्ष 1977-79) भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल रह चुके हैं। उल्लेखनीय है कि अटार्नी जनरल भारत सरकार का प्रथम विधि अधिकारी होता है। वह न्यायालयों में भारत सरकार का पक्ष रखता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 76(1) के अनुसार अटार्नी जनरल की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी। वह राष्ट्रपति के प्रसादपर्यन्त अपना पद धारण करता है। अटार्नी जनरल को संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही में भाग लेने एवं बोलने का अधिकार है, लेकिन मत देने का अधिकार नहीं है। एम.सी.सीतलवाड़ भारत के प्रथम अटार्नी जनरल