Bhartiya van adhiniyam kab parit hua

  1. वन संरक्षण अधिनियम कब पारित हुआ
  2. भारतीय वन अधिनियम कब परितः हुआ था, Bhartiya Van Adhiniyam Kab Parit Hua Tha
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वन संरक्षण अधिनियम कब पारित हुआ

कृषि, उद्योगों और शहरीकरण से वनों का काफी कटाव हुआ है। वनों के अधिक कटाव से अनेक वन्यजीव जंतुओं की कई प्रजातियाँ या तो लुप्त हो गई हैं या लुप्त होने के कगार पर हैं। वन्यजीवन के महत्त्व को ध्यान में रखकर व लुप्त होती प्रजातियों को बचाने के लिए सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। सन 1952 में भारतीय वन्यजीवन बोर्ड का गठन किया गया। इस बोर्ड के अंतर्गत वन्य-जीवन पार्क और अभयारणय बनाए गए। 1972 में भारतीय वन्यजीवन संरक्षण अधिनियम पारित किया गया। भारत जीव-जंतुओं और वनस्पतियों की समाप्त होने के खतरे में पडी प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संबंधी समझौते (1976) का सदस्य बना। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन (युनेस्को ) का ‘मानव और जैव मण्डल’ कार्यक्रम भी भारत में चलाया गया और विलुप्त होती विभिन्न प्रजातियों के संरक्षण के लिए परियोजनाएँ चलाई गईं। सिंह के संरक्षण के लिए 1972 में, बाघ के लिए 1973 में , मगरमक्वछ के लिए 1984 में तथा भूरे रंग के हिरण के लिए ऐसी परियोजनाएँ चलाई गईं। वन्यजीवन संरक्षण अधिनियम (1972) में लुप्त होती प्रजातियों के संरक्षण की व्यवस्था है तथा इन जातियों के व्यापार की मनाही है। इस अधिनियम के मुख्य प्रावधान निम्नलिखित हैं: • संकट ग्रस्त वन्यप्राणियों की सूची बनाना तथा उनके शिकार पर प्रतिबंध लगाना • संकटग्रस्त पौधों को संरक्षण प्रदान करना • राष्ट्रीय चिडिय़ाघरों तथा अभयारणयों में मूलभुत सुविधाओं को बनाए रखना तथा प्रबंध व्यवस्था को बेहतर बनाना • लुप्त होती प्रजातियों को संरक्षण देना तथा उनके अवैध व्यापार को रोकना • चिडियाघरों व अभयारण्यों में वंश वृद्धि कराना • वन्यजीवन के लाभो की जानकारी का शिक्षा के माध्यम से प्रचार करना • केंद्रीय चिडियाघर प्राधिकरण...

भारतीय वन अधिनियम कब परितः हुआ था, Bhartiya Van Adhiniyam Kab Parit Hua Tha

Bhartiya Van Adhiniyam Kab Parit Hua Tha: भारतीय वन अधिनियम (इंडियन फॉरेस्ट एक्ट) का पहला अध्याय 1865 में परितः हुआ था। इसके बाद इसमें कई बार संशोधन करते गए और अंत: इसका नया रूप 1927 में आया। इस अधिनियम के अंतरगत, वनों को संभलने, सुरक्षा देना और उनके इस्तेमाल का प्रबंधन करने जैसे कार्यों को सरकार द्वारा नियमित किया जाता है। Bhartiya Van Adhiniyam Kab Parit Hua Tha • • • • • • • • • • • • • • भारतीय वन अधिनियम कब परितः हुआ था भारतीय वन अधिनियम 1927, ब्रिटिश सरकार के द्वारा भारत के वनों को संभलने के उद्देष्य से बनाया गया था। इस अधिनियम के तह, वनों की रक्षा, उनके प्रयोग और उनके बारे में नियमित करार लेने के लिए वन विभाग को अधिकार प्रदान किया गया था। इस अधिनियम के अंतरगत, वनों के प्रयोग के लिए विभिन्न प्रकार के अनुमति प्रदान किए जाते थे, जैसे वन कटे, झाड़-फूंक, लकडी, अन्य वनिज्य कार्यक्रम आदि। अंतत: भारतीय वन अधिनियम 1927 को भारत के अनेक राज्यों में बदल दिया गया और नए वन प्रबंधन अधिनियम का निर्माण किया गया है। इसके अलावा, 2017 में एक नया वन रक्षा अधिनियम भी पारित किया गया है, जिसके तहत वनों की रक्षा और प्रबंधन के अलावा, वन जीव-जंतुओं की रक्षा में भी महात्वपूर्ण हो गई है। Bhartiya Van Adhiniyam Kab Parit Hua Tha भारतीय वन अधिनियम 1927 के अंतरगत वन विभाग को वनों की सुरक्षा, प्रबंधन और उनके प्रयोग के नियम लेने के लिए अधिकार प्रदान किया गया था। इस अधिनियम के अंतरगत, वनों के विभिन्‍न प्रकारों के प्रयोग के लिए अनुमति प्रदान की जाति थी, जैसी लकड़ी और अन्य वनिज्य कार्यक्रम, वन कटे, झाड़-फूँक आदि। इस अधिनियम के अंतरगत, वन प्रबंधन की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए काई सुधर किए गए। जैसे कि, वन...

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