भगत के व्यक्तित्व और उनकी वेशभूषा का अपने शब्दों में चित्र प्रस्तुत कीजिए।

  1. NCERT Solutions For Class 10 Hindi Kshitiz Chapter 11 बालगोबिन भगत
  2. NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 11 बालगोबिन भगत
  3. भगत के व्यक्तित्व और उनकी वेशभूषा को अपने शब्दों में चित्र प्रस्तुत कीजिए।
  4. पाठ 11
  5. भगत के व्यक्तित्व और उनकी बेशभूषा का अपने शब्दों में चित्र प्रस्तुत कीजिए।


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NCERT Solutions For Class 10 Hindi Kshitiz Chapter 11 बालगोबिन भगत

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitiz Chapter 11 बालगोबिन भगत is part of NCERT Solutions for Class 10 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitiz Chapter 11 बालगोबिन भगत. Board CBSE Textbook NCERT Class Class 10 Subject Hindi Kshitiz Chapter Chapter 11 Chapter Name बालगोबिन भगत Number of Questions Solved 25 Category NCERT Solutions NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitiz Chapter 11 बालगोबिन भगत प्रश्न 1. खेतीबारी से जुड़े गृहस्थ बालगोबिन भगत अपनी किन चारित्रिक विशेषताओं के कारण साधु कहलाते थे? उत्तर- बालगोबिन भगत बेटा-पतोहू से युक्त परिवार, खेतीबारी और साफ़-सुथरा मकान रखने वाले गृहस्थ थे, फिर भी उनका आचरण साधुओं जैसा था। वह सदैव खरी-खरी बातें कहते थे। वे झूठ नहीं बोलते थे। वे किसी की वस्तु को बिना पूछे प्रयोग नहीं करते थे। वे खामखाह किसी से झगड़ा नहीं करते थे। वे अत्यंत साधारण वेशभूषा में रहते थे। वे अपनी उपज को कबीरपंथी मठ पर चढ़ावा के रूप में दे देते थे। वहाँ से जो कुछ प्रसाद रूप में मिलता था उसी में परिवार का निर्वाह करते थे। प्रश्न 2. भगत की पुत्रवधू उन्हें अकेले क्यों नहीं छोड़ना चाहती थी? उत्तर- भगत की पुत्रवधू उन्हें इसलिए अकेला नहीं छोड़ना चाहती थी क्योंकि भगत के इकलौते पुत्र और उसके पति की मृत्यु के बाद भगत अकेले पड़ गए थे। स्वयं भगत वृद्धावस्था में हैं। वे नेम-धर्म का पालन करने वाले इंसान हैं, जो अपने स्वास्थ्य की तनिक भी चिंता नहीं करते हैं। वह वृद्धावस्था में अकेले पड़े भगत को रोटियाँ बनाकर देना चाहती थी और उनकी सेवा करके अपना जीवन बिताना चाहती थी। प्रश्न 3. भगत ने अपने बेटे की मृत्यु पर अपनी भावनाएँ किस तरह व्यक्त कीं? उत्तर- भ...

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 11 बालगोबिन भगत

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 11 बालगोबिन भगत These Solutions are part of प्रश्न-अभ्यास (पाठ्यपुस्तक से) प्रश्न 1. खेतीबारी से जुड़े गृहस्थ बालगोबिन भगत अपनी किन चारित्रिक विशेषताओं के कारण साधु कंहलीते थे? उत्तर बालगोबिन भगत खेतीबारी से जुड़े गृहस्थ थे फिर भी वे साधुता की श्रेणी में आते थे, क्योंकि- • वे कबीर को अपना साहब मानते थे। • वे कबीर के पदों को ही गाते थे और उनके आदेशों पर चलते थे। • वे सभी से खरा व्यवहार रखते थे, दो टूक बात कहने में न कोई संकोच करते थे, न किसी से झगड़ते थे। • वे अन्य किसी की चीज़ को बिना पूछे व्यवहार में नहीं लाते थे। • वह अपनी प्रत्येक वस्तु पर साहब का अधिकार मानते थे। इस प्रकार त्याग की प्रवृति और साधुता का व्यवहार उन्हें साधु की श्रेणी में खड़ा कर देता है। प्रश्न 2. भगत की पुत्रवधू उन्हें अकेले क्यों नहीं छोड़ना चाहती थी? उत्तर भगत के पुत्र की मौत से आहत पतोहू अपना शेष जीवन भगत की सेवा करते हुए बिताना चाहती थी। वह भगत को अकेला छोड़ना नहीं चाहती थी। वह जानती थी कि • बुढ़ापे में भगत को कौन भोजन कराएगा? • बीमार पड़े तो कौन सहारा देगा? • बीमार पड़ने पर कौन पानी देगा? • पुत्र की मृत्यु होने से घर में अकेले कैसे रहेंगे? इस प्रकार पतोहू भगत का सहारा बनकर वहीं वैधव्य जीवन काटना चाहती थी। प्रश्न 3. भगत ने अपने बेटे की मृत्यु पर अपनी भावनाएँ किस प्रकार व्यक्त कीं? उत्तर अपने बेटे की मृत्यु पर भगत ने अपनी भावनाएँ इस प्रकार व्यक्त कीं • मृतक पुत्र को आँगन में चटाई पर लिटाकर सफेद कपड़े से ढंक दिया। • मृतक पुत्र के ऊपर फूल और तुलसी के पत्ते बिखेर दिए और सिरहाने एक दीपक जलाकर रख दिया। • उसके समीप आसन पर बैठकर हमेशा की तरह कबीर के पदों को...

भगत के व्यक्तित्व और उनकी वेशभूषा को अपने शब्दों में चित्र प्रस्तुत कीजिए।

बालगोबिन भगत साठ वर्ष से अधिक उम्र वाले गोरे-चिट्टे इंसान थे। उनके बाल सफ़ेद हो चुके थे। उनका चेहरा सफ़ेद बालों से जगमगाता रहता था। कपड़ों के नाम पर उनके शरीर पर एक लँगोटी और सिर पर कनफटी टोपी धारण करते थे बालगोबिन भगत और गले में तुलसी की बेडौल माला पहने रहते थे। उनके माथे पर रामानंदी टीका सुशोभित होता था। सरदियों में वे काली कमली ओढ़े रहते थे।

पाठ 11

पाठ 11 - बालगोबि भगत , लेखक – रामवृक्ष बेनीपुरी | क्षितिज भाग - 2 हिंदी (NCERT Solutions Chapter 11 - Balgobin Bhagat, Class 10, Hindi Kshitij II) प्रश्नोत्तरी : प्रश्न अभ्यास 1. खेतीबारी से जुड़े गृहस्थ बालगोबिन भगत अपनी किन चारित्रिक विशेषताओं के कारण साधु कहलाते थे? उत्तर बालगोबिन भगत एक गृहस्थ थे परन्तु उनमें साधु कहलाने वाले गुण भी थे – 1.कबीर के आर्दशों पर चलते थे, उन्हीं के गीत गाते थे। 2.कभी झूठ नहीं बोलते थे, खरा व्यवहार रखते थे। 3.किसी से भी दो-टूक बात करने में संकोच नहीं करते, न किसी से झगड़ा करते थे। 4.किसी की चीज़ नहीं छूते थे न ही बिना पूछे व्यवहार में लाते थे। 5.कुछ खेत में पैदा होता, सिर पर लादकर पहले उसे कबीरपंथी मठ में ले जाते, वहाँ से जो कुछ भी भेंट स्वरुप मिलता था उसे प्रसाद स्वरुप घर ले जाते थे। 6.उनमें लालच बिल्कुल भी नहीं था। 2. भगत की पुत्रवधू उन्हें अकेले क्यों नहीं छोड़ना चाहती थी? उत्तर भगत की पुत्रवधू उन्हें अकेले छोड़कर नहीं जाना चाहती थी क्योंकि भगत के बुढ़ापे का वह एकमात्र सहारा थी। उसके चले जाने के बाद भगत की देखभाल करने वाला और कोई नहीं था। 3.भगत ने अपने बेटे की मृत्यु पर अपनी भावनाएँ किस तरह व्यक्त कीं? उत्तर बेटे की मृत्यु पर भगत ने पुत्र के शरीर को एक चटाई पर लिटा दिया, उसे सफेद चादर से ढक दिया तथा वे कबीर के भक्ति गीत गाकर अपनी भावनाएँ व्यक्त करने लगे। भगत ने अपने पुत्रवधू से कहा कि यह रोने का नहीं बल्कि उत्सव मनाने का समय है| विरहिणी आत्मा अपने प्रियतम परमात्मा के पास चली गई है| उन दोनों के मिलन से बड़ा आनंद और कुछ नहीं हो सकती| इस प्रकार भगत ने शरीर की नश्वरता और आत्मा की अमरता का भाव व्यक्त किया| 4.भगत के व्यक्तित्व और उनकी वेशभूषा का ...

भगत के व्यक्तित्व और उनकी बेशभूषा का अपने शब्दों में चित्र प्रस्तुत कीजिए।

बालगोबिन भगत मँझोलेकद के गोरे-चिट्‌टे व्यक्ति थे जिनकी आयु साठ वर्ष से अधिक थी। उनके बाल सफेद थे। वे दाढ़ी तो नहीं रखते थे पर उनके चेहरे पर सफेद बाल जगमगाते ही रहते थे। वे कपड़े बिलकुल कम पहनते थे। कमर में एक लंगोटी और सिर पर कबीर पंथियों जैसी कनफटी टोपी पहनते थे। जब सरदियां आतीं तो एक काली कमली ऊपर से ओढ़ लेते थे। माथे पर सदा चमकता रामानंदी चंदन, जो नाक के एक छोर से ही, औरतों के टीके की तरह शुरू होता था। अपने गले में तुलसी की जड़ों की एक बेडौल माला बाँधे रहते थे। उनमें साधुओं वाली सारी बातें थीं। वे कबीर को ‘साहब’ मानते थे, उन्हीं के गीत गाते रहते थे और उन्हीं के आदेशों पर चलते थे। कभी झूठ नहीं बोलते थे और सदा खरा न्यवहार करते थे। हर बात साफ-साफ करते थे और किसी से व्यर्थ झगड़ा नहीं करते थे। किसी की चीज को तो कभी छूते नहीं थे। वह दूसरों के खेत में शौच तक के लिए नहीं बैठते थे। उनके खेत में जो कुछ पैदा होता उसे सिर पर रख कर चार कोस दूर कबीर पंथी मठ में ले जाते थे और प्रमाद रूप में कुछ वापिस ले आते थे।