भगत सिंह की कहानी हिंदी में

  1. भगत सिंह की जेल नोटबुक / Bhagat Singh Jail Note Book PDF Download Free Hindi Book by Bhagat Singh
  2. शहीदे आज़म भगत सिंह की जीवनी, शहीद भगत सिंह की बायोग्राफी हिंदी में, भगत सिंह का इतिहास, भगत सिंह का जीवन परिचय, Shaheed Bhagat Singh Ki Jivani, Shaheed Bhagat Singh Biography In Hindi, Shaheed Bhagat Singh Ka Itihas
  3. भगत सिंह की जीवनी, निबंध
  4. भगत सिंह की कहानी हिंदी मे


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भगत सिंह की जेल नोटबुक / Bhagat Singh Jail Note Book PDF Download Free Hindi Book by Bhagat Singh

पुस्तककाविवरण (Description of Book of भगतसिंहकीजेलनोटबुक / Bhagat Singh Jail Note Book PDF Download) :- नाम📖 भगतसिंहकीजेलनोटबुक / Bhagat Singh Jail Note Book PDF Download लेखक🖊️ भगतसिंह / Bhagat Singh आकार 23.6 MB कुलपृष्ठ 341 भाषा Hindi श्रेणी Download Link 📥 Working भगतसिंहकी‘जेलनोटबुक’सुप्रसिद्धविचारकोंऔरदार्शनिकोंकेविचारोंकोलेकरउनकीपड़तालकाएकनयामार्गखोलतीहै।एकजिज्ञासुऔरपढ़नेकीभूखरखनेवालेव्यक्तिकेरूपमेंप्रसिद्ध; भगतसिंहनेजेलमेंसजाकाटनेकेदौरानअपनीपसंदकेजाने-मानेलेखकोंकीचुनिंदापुस्तकोंकोबड़ीसंख्यामेंजुटालियाथा।उनकिताबोंकेजिनअंशों; नोट्सऔरउक्तियोंकोउन्होंनेअपनीजेलनोटबुकमेंलिखा; वेनसिर्फउसगंभीरताकापरिचयदेतेहैं; जिनसेवहउनपुस्तकोंकोपढ़ाकरतेथे; बल्किउनकीबौद्धिकगहराईऔरसामाजिकतथाराजनीतिकचिंताओंकाप्रदर्शनभीकरतेहैं।भगतसिंहनोटबुकमेंनोट्सयाकोईउक्तिलिखतेसमयउसकेपूरेसंदर्भकोदर्जकरनेकेप्रतिज्यादातरलापरवाहहीरहतेथे; जिसकेकारणबहुतसीभ्रांतियाँउत्पन्नहुईहैंऔरउनकेप्रतिगहरासम्मानरखनेवालेविद्वानोंकीओरसेइसबारेमेंकाल्पनिकदावेऔरबेबुनियादअनुमानसामनेआएहैं।इसमेंऐसीबातेंहैंकिभगतसिंहनेजेलमेंकिनमहान्विचारकोंकीकितनीकिताबेंऔरकितनीमौलिकरचनाओंकाअध्ययनकियाथा। अपनीइसपुस्तक‘जेलनोटबुक: संदर्भऔरप्रासंगिकता’मेंहरीशजैनभगतसिंहकेकामकोआगेबढ़ातेहुएउनकेद्वारानोटबुकमेंदर्जसूत्रोंऔरउक्तियोंकेमूलस्रोतोंकोढूँढ़ने; उनकीपढ़ीपुस्तकोंकोतलाशनेऔरहरउक्तिविशेषऔरसूत्रकोप्रामाणिकताप्रदानकरनेकेलिएजोकार्यकरतेहैंउसमेंउनकीअसाधारणरूपसेपुष्टऔरश्रमसाध्यखोजऔरअनुसंधानकीझलकदिखाईदेतीहै।एकदशकसेभीअधिकसमयतकलेखककीओरसेकीगईखोजकीकहानी; युक्तिपूर्णअनुमानऔरसूझ-बूझसेकिताबोंकीखोजऔरपहचान; तथाउससमयउपलब्धकईसंभावितकिताबोंकोखँगालनेकीप्रक्रिया; जिनमेंसेकईअबआसा...

शहीदे आज़म भगत सिंह की जीवनी, शहीद भगत सिंह की बायोग्राफी हिंदी में, भगत सिंह का इतिहास, भगत सिंह का जीवन परिचय, Shaheed Bhagat Singh Ki Jivani, Shaheed Bhagat Singh Biography In Hindi, Shaheed Bhagat Singh Ka Itihas

भगत सिंह का प्रारंभिक जीवन भगत सिंह का जन्म 27 सितम्बर 1907 में पंजाब के नवांशहर जिले के खटकर कलां गावं के एक सिख परिवार में हुआ था. बता दें कि भगत सिंह की याद में अब इस जिले का नाम बदल कर शहीद भगत सिंह नगर रख दिया गया है. भगत सिंह के पिता का नाम सरदार किशन सिंह और माता का नाम विद्यावती था और वो अपने मां-बाप की तीसरी संतान थे. भगत सिंह का परिवार स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ था. उनके पिता किशन सिंह और चाचा अजित सिंह ग़दर पार्टी के सदस्य थे. ब्रिटिश शासन को भारत से निकालने के लिए ग़दर पार्टी की स्थापना हुई थी. परिवार के माहौल का युवा भगत सिंह के दिमाग पर बड़ा असर हुआ और बचपन से ही उनकी नसों में देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भर गई. सन् 1916 में लाहौर के DAV विद्यालय में पढ़ते समय भगत सिंह जाने-पहचाने राजनेता जैसे लाला लाजपत राय और रास बिहारी बोस के संपर्क में आये. उस समय पंजाब राजनैतिक रूप से काफी उत्तेजित था. 13 अप्रैल 1919 को जब अमृतसर में जलिआंवाला बाग़ हत्याकांड हुआ तब भगत सिंह सिर्फ 12 साल के थे. इस हत्याकाण्ड ने भगत सिंह की सोच पर गहरा प्रभाव डाला था. हत्याकांड के अगले ही दिन भगत सिंह जलिआंवाला बाग़ गए और उस जगह से मिट्टी इकठ्ठा कर इसे पूरी जिंदगी एक निशानी के रूप में अपने पास रखा. इस हत्याकांड ने उनके अंग्रेजो को भारत से निकाल फेंकने के संकल्प को और सुदृढ़ कर दिया. पूरा नाम Born – भगत सिंह संधू Bhagat Singh Sandhu उपनाम Surname – भागो वाला Bhago Wala राष्ट्रीयता Nationality – भारतीय Indian जन्म – 28 सितंबर 1907 उम्र मृत्यु के समय (23 वर्ष) मृत्यु – 23 मार्च 1931 जन्मस्थान – जिला लयालपुर, बंगा, पंजाब (अब पाकिस्तान में हैं) District Lyalpur, Banga, Punjab (now i...

भगत सिंह की जीवनी, निबंध

Amar Shaheed Bhagat Singh /अमर शहीद सरदार भगत सिंह भारत के प्रमुख क्रांतिकारियों में एक थे। भगत सिंह ने देश की आज़ादी के लिए जिस साहस के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार का मुक़ाबला किया, वह आज के युवकों के लिए एक बहुत बड़ा आदर्श है। भगत सिंह अपने देश के लिये ही जीये और उसी के लिए शहीद भी हो गये। मात्र 23 साल की उम्र में इन्होंने अपने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। Contents • • • • भगत सिंह का संक्षिप्त परिचय – Bhagat Singh Biography In Hindi पूरा नाम शहीद-ए-आज़म अमर शहीद सरदार भगत सिंह (Bhagat Singh) अन्य नाम भागां वाला जन्म दिनांक 28 सितंबर, 1907 लायलपुर, पंजाब मृत्यु दिनांक 23 मार्च, 1931 ई. लाहौर, पंजाब पिता का नाम सरदार किशन सिंह माता का नाम विद्यावती कौर राष्ट्रीयता भारतीय आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम प्रमुख संगठन नौजवान भारत सभा, हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन ऐसोसियेशन शिक्षा बारहवीं जेल यात्रा असेम्बली बमकाण्ड (8 अप्रैल, 1929) भारत की आजादी की लड़ाई के समय भगत सिंह सभी नौजवानों के लिए यूथ आइकॉन थे, जो उन्हें देश के लिए आगे आने को प्रोत्साहित करते थे। भगतसिंह संधु जाट सिक्ख थे वे देश की आज़ादी के लिए जिस साहस के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार का मुक़ाबला किया, वह भुलाया नहीं जा सकता। इन्होंने केन्द्रीय संसद (सेण्ट्रल असेम्बली) में बम फेंककर भी भागने से मना कर दिया। जिसके फलस्वरूप इन्हें 23 मार्च 1931 को इनके दो अन्य साथियों, राजगुरु तथा सुखदेव के साथ फाँसी पर लटका दिया गया। सारे देश ने उनके बलिदान को बड़ी गम्भीरता से याद किया। पहले लाहौर में साण्डर्स की हत्या और उसके बाद दिल्ली की केन्द्रीय असेम्बली में चन्द्रशेखर आजाद व पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ बम-विस्फोट ...

भगत सिंह की कहानी हिंदी मे

Advertisements 1. भगत सिंह की कहानी हिंदी में, भगत सिंह की जीवनी पीडीऍफ़ , Bhagat Singh Ke Bare Mein Jankari Hindi Mein भगत सिंह की कहानी हिंदी में– भगत सिंह का जन्म 27 दिसंबर 1907 को लायलपुर जिले के बंगा क्षेत्र में हुआ था। यह क्षेत्र वर्तमान समय में पाकिस्तान में स्थित है। इनके पिता का नाम सरदार किशन और माताजी का नाम विद्यावती कौर था। यह जाट सिख परिवार से थे, जब इनका जन्म हुआ था तब इनके चाचा अजीत सिंह और स्वान सिंह आजादी के लिए अपना सहयोग दे रहे थे। इनके चाचाओ की वजह से ही भगत सिंह बचपन से ही अंग्रेजों से नफरत करते थे। 2. करतार सिंह सराभा और लाला लाजपत राय से प्रभावित होना भगत सिंह के मन पर करतार सिंह सराभा और लाला लाजपत राय का काफी प्रभाव पढ़ा था। वे इन दोनों से अत्यधिक प्रभावित थे, इसलिए 13 अप्रैल 1919 को हुए जलियांवाला बाग हत्याकांड से भगत सिंह के बचपन पर काफी प्रभाव पड़ा था इसीलिए लाहौर के नेशनल कॉलेज की पढ़ाई छोड़कर ही उन्होंने 1920 में महात्मा गांधी द्वारा चलाए जा रहे अहिंसा आंदोलन में भाग ले लिया। इस आंदोलन में गांधीजी विदेशी सामानों का बहिष्कार कर रहे थे। भगत सिंह जब स्कूल में पढ़ रहे थे तब उनकी आयु 14 वर्ष थी और इसी आयु में उन्होंने विदेशी कपड़े जला दिए। इसके बाद से गांव-गांव में उनके पोस्टर छपने लगे और वे प्रसिद्ध होने लगे। Advertisements लाहौर षड्यंत्र मामले में भी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी थी, व बटुकेश्वर दत्त को आजीवन कारावास दिया गया था। भगत सिंह को 23 मार्च 1931 को शाम को सुखदेव और राजगुरु के साथ फांसी पर लटका दिया गया था। तीनों ही क्रांतिकारियों ने हंसते-हंसते अपना जीवन देश के प्रति न्योछावर कर दिया था। 3. वक्ता, लेखक और पा...