भगत सिंह कोश्यारी

  1. भगत सिंह कोश्यारी
  2. Vibrant village is the heritage of Uttarakhand Koshyari
  3. भगत सिंह कोश्यारी के बयान पर भड़के ठाकरे बंधु, जानें ऐसा क्या बोले कि राज्यपाल को देनी पड़ी सफाई
  4. 'भगत सिंह कोश्यारी यांचे स्वागत करणारे देशद्रोही',आदित्य ठाकरे यांची टीका
  5. भगत सिंह कोश्यारी का जीवन परिचय, महाराष्ट्र के भूतपूर्व गवर्नर, जन्म, उम्र, परिवार, वाइफ, नेटवर्थ
  6. Bhagat Singh Koshyari Clarification On His Statement On Maharashtra Economy
  7. MVA सरकार और भगत सिंह कोश्यारी के बीच किन मुद्दों पर रहा टकराव?
  8. इंदिरा हृदयेश की पुण्यतिथि पर हल्द्वानी में लगा राजनीति के दिग्गजों का जमावड़ा, ऐसे किया याद, political veterans gather in haldwani on the death anniversary of indira hridayesh
  9. 'श्री अन्न महोत्सव' में पहुंचे भगत सिंह कोश्यारी, दिया 'कोदू झंगोरा खाएंगे, उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाएंगे' का नारा, bhagat singh koshyari participated in dehradun millet festival


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भगत सिंह कोश्यारी

15:12, 30 जुलाई 2022 (IST) भगत सिंह कोश्यारी ( Bhagat Singh Koshyari, जन्म- परिचय भगत सिंह कोश्यारी का जन्म 17 जून, 1942 को उत्तराखंड के बागेश्वर जिले स्थित नामती चेताबागड़ गांव में हुआ था। महाराष्ट्र के राज्यपाल की जिम्मेदारी संभाल रहे कोश्यारी को बीजेपी को उत्तराखंड में स्थापित करने वाले नेताओं में शुमार किया जाता है। उन्होंने अपना पूरा जीवन राजनीतिक शुरुआत भगत सिंह कोश्यारी ने छात्र जीवन से ही राजनीति में कदम रख दिया था। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने सांसद से राज्यपाल उत्तराखंड के पन्ने की प्रगति अवस्था टीका-टिप्पणी और संदर्भ संबंधित लेख

Vibrant village is the heritage of Uttarakhand Koshyari

पूर्व सीएम सहकारी समिति की अध्यक्ष डॉ. पूजा गौड़ और पद्मश्री प्रेमचंद शर्मा द्वारा कृषि के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की सराहना की। कहा कि किसानों और खेती के विकास के लिए बड़े स्तर पर कार्य करने को प्रदेश सरकार से वार्ता की जाएगी। उन्होंने कहा कि गांवों को इस तरह विकसित किया जाना चाहिए, जो पूरे देश के लिए नजीर साबित हो। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में परंपरागत खेती के साथ ही बागवानी और नगदी फसलों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाना जरूरी है। ग्रामीणों को उनकी उपज आसानी से बाजार तक पहुंचाने की सुविधा होनी चाहिए। कहा कि बीते कुछ वर्षों से किसानों दशा में सुधार आया है, इसका मुख्य कारण सरकार का खेती की ओर ध्यान देना है। अब सरकार किसानों के हित के लिए कई योजनाएं चला रही है। इसके साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में भी खेती के लिए नवाचार किए जा रहे हैं। इस दौरान समिति के उपाध्यक्ष श्री मेहर चंद गौड, भागचंद, रोशन लाल, बिशना, पदमचंद, अक्षय बरसंता, गोविंद राम लोकटा, संतराम आदि मौजूद रहे।

भगत सिंह कोश्यारी के बयान पर भड़के ठाकरे बंधु, जानें ऐसा क्या बोले कि राज्यपाल को देनी पड़ी सफाई

हालांकि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के गुजराती-राजस्थानी वाले बयान के बाद कांग्रेस और एनसीपी ने शिवसेना और मनसे के सुर में सुर मिला लिया है. मामले की नजाकत को देखते हुए बीजेपी ने राज्यपाल के बयान से पल्ला झाड़ कर खुद को अलग कर लिया है. मामले ने इतना तूल पकड़ा कि कोश्यारी को अपने इस विवादित बयान पर लिखित सफाई देनी पड़ी. राजभवन की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, “महाराष्ट्र को आगे बढ़ाने में मराठी लोगों का सबसे ज्यादा योगदान है. मुंबई महाराष्ट्र की शान है. यह देश की आर्थिक राजधानी भी है. मेरा मराठी लोगों को कम आंकने का कोई इरादा नहीं था. मैंने केवल गुजरातियों और राजस्थानियों के योगदान पर बात की. मराठी लोगों ने मेहनत से बनाया महाराष्ट्र, इसी वजह से आज कई मराठी उद्यमी मशहूर हैं.” कोश्यारी पर उद्धव का तीखा हमला शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर निशाना साधा है. उन्होंने राज्यपाल के बयान को निंदनीय बताया. उन्होंने कहा कि आखिर कब तक, किसी के पद का आदर करते हुए खामोश बैठना है, यह पता नहीं है. मैं राज्यपाल पद को लेकर कुछ नहीं कहना चाह रहा, लेकिन उस पद का मान, कुर्सी पर बैठने वाले इंसान को भी रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि पिछले दो-तीन साल में गवर्नर के जो बयान हैं, उन्हें देखकर ऐसा लगता है कि महाराष्ट्र के नसीब में ऐसे लोग क्यों आते हैं? महाराष्ट्र: स्कूल में मिला हैंड ग्रेनेड, उसपर अरबी भाषा में लिखा था संदेश उद्धव यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने महाराष्ट्र में ही मराठी मानुष का अपमान किया है. महाराष्ट्र में बहुत सारी चीजें हैं, जो उन्हें दिखानी होंगी. खाना-पीना, पहाड़ जैसी कई चीजें हैं. महाराष्ट्र की कोल्हापुरी चप्पल भी इन्हें दि...

'भगत सिंह कोश्यारी यांचे स्वागत करणारे देशद्रोही',आदित्य ठाकरे यांची टीका

माजी राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी यांचं मंगळवारी मुंबईत आगमन झालं.सर्वोच्च न्यायालयाच्या निकालानंतर पहिल्यांदाच भगत सिंह कोश्यारी महाराष्ट्राच्या दौऱ्यावर आले आहेत.मुंबई विमानतळावर कोश्यारी यांचं जंगी स्वागत करण्यात आलं. तर दुसरीकडे भगत सिंह कोश्यारी यांच्या स्वागतावरून आमदार आदित्य ठाकरे यांनी टीका केली आहे.

भगत सिंह कोश्यारी का जीवन परिचय, महाराष्ट्र के भूतपूर्व गवर्नर, जन्म, उम्र, परिवार, वाइफ, नेटवर्थ

भगत सिंह कोश्यारी का जीवन परिचय, महाराष्ट्र के भूतपूर्व गवर्नर, जन्म, उम्र, परिवार, वाइफ, नेटवर्थ, हिस्ट्री, इंस्टाग्राम, टि्वटर, न्यूज़, कमेटी, बेटा, बेटी, मेरिज, स्टेटमेंट, धर्म, फैमिली बैकग्राउंड, शिक्षा, राजनीतिक करियर [Bhagat Singh Koshyari Biography in Hindi] (Former Governor Of Maharashtra, Birth, Age, Family, Wife, Net worth, History, Instagram, Twitter, News, Committee, Son, Daughter, Marriage, Statement, Religion, Family Background, Education, Political Career) भगत सिंह कोश्यारी न्यूज़ (Bhagat Singh Koshyari News) 1.2.2 Share this: भगत सिंह कोश्यारी एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जिन्होंने 2019 से 2023 तक महाराष्ट्र के 22वें राज्यपाल के रूप में कार्य किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मूने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी जी का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। कोश्यारी जी ने अपने पद से स्तीफा दे दिया है। कोश्यारी ने भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और उत्तराखंड के लिए पार्टी के पहले राज्य अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। उन्होंने 2001 से 2002 तक उत्तराखंड के दूसरे मुख्यमंत्री के रूप में भी कार्य किया और उसके बाद 2002 से 2003 तक उत्तराखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे। उन्होंने उत्तर प्रदेश विधान परिषद में एमएलसी के रूप में और उत्तराखंड विधान सभा में विधायक के रूप में भी कार्य किया। बाद में उन्होंने उत्तराखंड से 2008- 2014 तक राज्यसभा में सांसद के रूप में कार्य किया और फिर नैनीताल-उधमसिंह नगर निर्वाचन क्षेत्र से 16वीं लोकसभा में सांसद के रूप में कार्य किया। जिससे उन्हें राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों और राष्ट्रीय संसद के दोनों सदनों में निर्वाचित होने का गौरव प्राप्त हुआ। भगत स...

Bhagat Singh Koshyari Clarification On His Statement On Maharashtra Economy

Bhagat Singh Koshyari Clarification: पिछले काफी दिनों से शांत पड़ी महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में फिर से हलचल तेज हो गई है. महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) के बयान के बाद यहां उनका विरोध होना शुरू हो गया. इस पर उनकी सफाई भी आई है. सफाई देते हुए उन्होंने कहा है कि मुंबई (Mumbai) महाराष्ट्र का गौरव है. यह देश की आर्थिक राजधानी (Economic Capital) भी है. मुझे गर्व है कि मुझे छत्रपति शिवाजी महाराज और मराठी जनता की इस धरती पर राज्यपाल के रूप में सेवा करने का अवसर मिला. इस वजह से मैंने बहुत ही कम समय में मराठी भाषा सीखने की कोशिश की. उन्होंने आगे कहा कि कल राजस्थानी समाज के कार्यक्रम में मैंने जो बयान दिया था, उसमें मेरा मराठी आदमी को कम करके आंकने का कोई इरादा नहीं था. मैंने केवल गुजराती और राजस्थानी मंडलों द्वारा पेशे में किए गए योगदान पर बात की. मराठी लोगों ने मेहनत कर महाराष्ट्र का निर्माण किया. इसीलिए आज कई मराठी उद्यमी प्रसिद्ध हैं. वे न केवल महाराष्ट्र में, बल्कि भारत में और पूरी दुनिया में मराठी का झंडा बड़े पैमाने पर लगा रहे हैं. इसलिए मराठी लोगों के योगदान को कम करके आंकने का सवाल ही नहीं उठता. एक समुदाय की सराहना दूसरे समुदाय का अपमान नहीं भगत सिंह ने कहा कि हमेशा की तरह मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया. महाराष्ट्र के निर्माण में मराठी लोगों की मेहनत का सबसे ज्यादा योगदान है. हाल ही में राजनीतिक चश्मे के माध्यम से सब कुछ देखने की दृष्टि विकसित हुई है, हमें उसे बदलना होगा. एक समुदाय की सराहना करना दूसरे समुदाय का अपमान नहीं है. राजनीतिक दलों को इस पर अकारण विवाद नहीं खड़ा करना चाहिए. कम से कम मेरे द्वारा मराठी लोगों का कभ...

MVA सरकार और भगत सिंह कोश्यारी के बीच किन मुद्दों पर रहा टकराव?

उद्धव ठाकरे (UBT) की पार्टी के नेताओं, एनसीपी और कांग्रेस सभी ने कोश्यारी पर तीखी टिप्पणी की. इसी क्रम में आदित्य ठाकरे ने इसे महाराष्ट्र के लिए बड़ी जीत बताया है. साथ ही कहा कि महाराष्ट्र विरोधी राज्यपाल का इस्तीफा आखिरकार मंजूर. उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई फुले, हमारे संविधान, विधानसभा और लोकतांत्रिक आदर्शों का लगातार अपमान करने वाले को राज्यपाल के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता है. एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि पूर्व राज्यपाल ने शिवाजी महाराज, ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले व अन्य पर अकारण टिप्पणी कर लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है. भाजपा ने भगत सिंह कोश्यारी के कार्यकाल की सराहना करते हुए उन्हें राज्यपाल पद के साथ पूरा न्याय करने वाला ईमानदार व्यक्ति करार दिया है. बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने कहा कि राज्य में ईमानदारी से काम करने और सही मायने में जिम्मेदारी निभाने के लिए मैं उन्हें सलाम करना चाहता हूं. एमवीए और राज्यपाल के बीच शीत युद्ध देवेंद्र फडणवीस ने जब सुबह के वक्त सीएम पद और अजीत पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी, तब शपथ ग्रहण समारोह की अध्यक्षता की भगत सिंह कोश्यारी ने ही की थी. हालांकि ये सरकार लंबे समय तक नहीं चली और एमवीए ने जल्द ही सरकार बना ली थी. कोविड संकट के दौरान भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को धार्मिक संस्थानों को फिर से खोलने के मुद्दे पर लिखा और पूछा कि ठाकरे धर्मनिरपेक्ष हो गए हैं. इस प्रकरण ने एमवीए के कई शीर्ष नेताओं को नाराज कर दिया था. महाराष्ट्र कैबिनेट ने विधान परिषद के लिए मनोनीत होने वाले 12 नेताओं की एक सूची प्रस्तुत की थी. इस पर राज्यपाल न...

इंदिरा हृदयेश की पुण्यतिथि पर हल्द्वानी में लगा राजनीति के दिग्गजों का जमावड़ा, ऐसे किया याद, political veterans gather in haldwani on the death anniversary of indira hridayesh

हल्द्वानी: शहर में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का जमावड़ा रहा. मौका था पार्टी की दिग्गज नेता रहीं स्वर्गीय इंदिरा हृददेश की दूसरी पुण्यतिथि का. इस मौके पर महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल मौजूद रहे. इंदिरा हृदयेश की पुण्यतिथि पर नेताओं का जमावड़ा भगत सिंह कोश्यारी ने इंदिरा हृदयेश के काम याद दिलाए: इंदिरा हृदयेश की पुण्यतिथि पर उत्तराखंड के नेताओं ने दलगत राजनीति से उठकर ये संदेश दिया कि भले ही राजनीतिक फ्रंट अलग हों, लेकिन सुख-दुख में वो साथ हैं. इस दौरान भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि स्वर्गीय इंदिरा हृदयेश के साथ उनकी कई यादें जुड़ी हुई हैं. हकीकत तो यह है कि इंदिरा हृदयेश ने हमेशा दलगत राजनीति से उठकर राज्य के विकास के लिए काम किया. करन माहरा ने इंदिरा हृदयेश को ऐसे किया याद: कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने कहा कि इंदिरा हृदयेश एक विजनरी पर्सनालिटी थीं. उन्होंने हमेशा राज्य के, गांव के विकास के लिए कार्य योजना बनाई. करण माहरा ने कहा कि आज हमें जरूरत है कि हम इंदिरा हृदयेश के अधूरे सपनों को पूरा करें और उसे आगे बढ़ाने का काम करें. हरीश रावत ने इंदिरा हृदयेश के साथ की यादें साझा कीं: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इंदिरा हृदयेश के साथ रही अपनी कुछ यादों को साझा किया. उन्होंने कहा कि स्वर्गीय इंदिरा हृदयेश और हरीश रावत ने राज्य के हित के लिए साथ में संघर्ष किया. हरीश रावत ने कहा कि वह संपूर्ण और दृढ़ व्यक्तित्व की नेता थीं. उन्होंने राज्य के लिए अपना सब कुछ समर्पित कर दिया. ये भी पढ़ें: इंदिरा हृदयेश की पुण्यत...

'श्री अन्न महोत्सव' में पहुंचे भगत सिंह कोश्यारी, दिया 'कोदू झंगोरा खाएंगे, उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाएंगे' का नारा, bhagat singh koshyari participated in dehradun millet festival

देहरादून में 13 से 16 मई तक 'श्री अन्न महोत्सव' का आयोजन चल रहा है. 'श्री अन्न महोत्सव के जरिये मोटे अनाज के प्रति लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. आज पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने 'श्री अन्न महोत्सव' में शिरकत की. उन्होंने यहां 'कोदू झंगोरा खाएंगे, उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाएंगे' का नारा दिया. देहरादून: राजधानी देहरादून में इन दिनों चार दिवसीय मिलेट महोत्सव चल रहा है. आज मिलेट महोत्सव का तीसरा दिन था. मिलेट महोत्सव के तीसरे दिन महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल और बीजेपी के वरिष्ठ नेता भगत सिंह कोश्यारी कार्यक्रम में पहुंचे. इस मौके पर भगत सिंह कोश्यारी ने 'कोदू झंगोरा खाएंगे, उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाएंगे' का नारा दिया. राजधानी में आयोजित मिलेट्स महोत्सव के तीसरे दिन पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता भगत सिंह कोश्यारी पहुंचे. उनके अलावा पर्यावरणविद अनिल जोशी ने भी मिलेट्स महोत्सव में प्रतिभाग किया. इस अवसर पर भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि आने वाला समय मिलेट्स का है. ये एक ऐसा अन्न है जो स्वास्थ्य के लिए सर्वोत्तम है. पहले लोग मोटे अनाज को गरीबों का अनाज कहा करते थे. लेकिन आज के समय में इसकी गुणवत्ता के कारण सभी लोग इसके इस्तेमाल पर जोर दे रहे हैं. इस मौके पर भगत सिंह कोश्यारी ने 'कोदू झंगोरा खाएंगे, उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाएंगे' का नारा दिया. पढे़ं- देहरादून में श्री अन्न महोत्सव का आगाज, सीएम धामी ने किया शुभारंभ पर्यावरणविद अनिल जोशी ने भी मिलेट्स की उपयोगिता पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा मिलेट्स को उत्तराखंड के मंदिरों से जोड़ दिया जाए. जिससे वहां मिलने वाला प्रसाद मिलेट्स का हो, इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी. वे आत्मनिर्भर भी बनेंगे. अनिल जोशी ने म...