भोपाल से उज्जैन की दूरी

  1. हरसिद्धि माता मंदिर उज्जैन के दर्शन और यात्रा से जुड़ी पूरी इन्फोर्मेशन
  2. Best 20 उज्जैन के प्रमुख दर्शनीय और धार्मिक स्थलों की जानकारी
  3. भोपाल और उज्जैन के रंगकर्मियों ने सिखाए गुर, बच्चों को बताई नाटक की बारिकियां
  4. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग
  5. भोपाल से उज्जैन ट्रेन कितने बजे है
  6. जानिए, उज्जैन से शेष ज्योतिर्लिंगों की दूरी के अद्भुत आंकड़े
  7. उज्जैन कैसे पहुंचे
  8. 15 के बाद कभी भी उज्जैन से इंदौर और चित्तौड़गढ़ के लिए चलेंगी मेमू ट्रेनें, समय बचेगा
  9. भारतीय रेल टाइम टेबल, पीएनआर, ट्रेन, किराया, आगमन / प्रस्थान, रनिंग स्टेटस


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हरसिद्धि माता मंदिर उज्जैन के दर्शन और यात्रा से जुड़ी पूरी इन्फोर्मेशन

4.5/5 - (2 votes) माँ हरसिद्धि माता मंदिर उज्जैन के प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर से लगभग 350 मीटर की दूरी पर स्थित है। हरसिद्धि माता मंदिर भारत के 51 प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है, जो उज्जैन आने वाले श्रद्धालुयों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है। हरसिद्धि मंदिर का निर्माण मराठा काल के दौरान किया गया था जिसमे मंदिर की मुख्य देवी अन्नपूर्णा की मूर्ति महासरस्वती और महालक्ष्मी की मूर्तियों के बीच गहरे लाल रंग में स्थापित है। हरसिद्धि माता मंदिर की और अधिक जानकारी के लिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़े जिसमे आप हरसिद्धि माता मंदिर से जुड़ी कथायें, हरसिद्धि माता दर्शन, मदिर की टाइमिंग और यात्रा से जुड़ी पूरी इन्फोर्मेशन को डिटेल में जान सकेगें- Table of Contents • • • • • • • • • • • • हरसिद्धि माता मंदिर से जुड़ी पोराणिक कथायें – Stories Harsiddhi Mata Temple in Hindi माँ हरी हरसिद्धि माता मंदिर उज्जैन मध्यप्रदेश भारत में स्थापित 51 प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है। माना जाता है यह प्रसिद्ध मंदिर उस स्थान पर स्थित है जहाँ देवी सति की कोहनी गिरी थी। बात दे हरसिद्धि माता मंदिर से एक प्रमुख पोराणिक कथा का संबंध भी है, जिसके अनुसार कहा जाता है, उस समय चंड और मुंड नामक दो दैत्य थे जिन्होंने बहुत आतंक मचा रखा था। इसी कारण भगवान शिव के कहने पर देवी पार्वती ने दोनों राक्षसों को मारने के लिए हरसिद्धि का रूप धारण किया था, जिसके बाद देवी सति को उनके एक और नाम माँ हरसिद्धि के नाम से जाना जाने लगा। माँ हरसिद्धि माता के दर्शन का समय – H arsiddhi Mata Temple Ujjain Timings in Hindi Image Credit : Mahesh_Gaur_ यदि आप उज्जैन के प्रमुख धार्मिक स्थल में से माँ हरसिद्धि माता मंदिर की यात्रा की योजना बना रहे है,...

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Best 20 उज्जैन के प्रमुख दर्शनीय और धार्मिक स्थलों की जानकारी

भारत के सबसे प्राचीन शहरों में से एक उज्जैन में घूमने की जगह बेहद प्रसिद्ध और ऐतिहासिक है। मध्यप्रदेश में स्थित उज्जैन हिंदुओ की धार्मिक आस्था का बहुत ही पवित्र स्थान माना जाता है। प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर उज्जैन में ही स्थित है जहां पर भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। हर 12 सालों बाद कुंभ मेले का आयोजन यहां पर होता है उस दौरान मेले में लाखों का जनसैलाब उमड़ पड़ता है। शिप्रा नदी के पूर्वी तट पर स्थित यह शहर यहां आने वाले श्रद्धालुओं को पूरी तरह से भक्ति भाव में लीन कर देता है। उज्जैन को पहले उज्जयिनी के नाम से भी जाना जाता था। इंदौर से लगभग 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित उज्जैन में आप को कई उज्जैन के प्रसिद्ध मंदिर देखने को मिल जाएंगे जहां पर आप अपने परिवार के साथ दर्शन करने जा सकते हैं। उज्जैन प्राचीन समय से धर्म, संस्कृति, आस्था, शिक्षा और दर्शन का प्रसिद्ध केंद्र रहा है। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • उज्जैन में घूमने की जगह – Ujjain Mai Ghumne Ki Jagah हिंदुओ की धार्मिक आस्था का केंद्र उज्जैन भारत के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में आता है जहां पर आप अपनी फैमली और दोस्तो के साथ घूमने और दर्शन करने जा सकते हैं। उज्जैन के सबसे प्रसिद्ध दर्शनीय स्थलों के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े। 1. उज्जैन का सबसे प्रसिद्ध मंदिर महाकालेश्वर मंदिर – Mahakaleshwar Temple, Ujjain In Hindi यह मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। मंदिर में होने वाली भस्म आरती श्रद्धालुओ के बीच बहुत लोकप्रिय है जो सुबह 4 बजे होती है। अपनी उज्जैन यात्रा के दौरान महाकालेश्वर मंदिर जा...

भोपाल और उज्जैन के रंगकर्मियों ने सिखाए गुर, बच्चों को बताई नाटक की बारिकियां

क्षेत्र की लोकप्रिय नाट्य संस्था लोक गुंजन ने नगर के बच्चों को नाटक अभिनय का प्रशिक्षण निःशुल्क दिया। 1 महीने की कार्यशाला के तहत नगर के विभिन्न बच्चों ने अभिनय की बारीकियों के साथ संवाद ,स्टेज-डेकोरेशन, प्रकाश -सज्जा, प्रॉपर्टी निर्माण, कॉस्टयूम बनाने के साथ अभिनय, गीत-लेखन और लोक संगीत की बारीकियों को समझने का काम किया। प्रशिक्षण के दौरान वरिष्ठ रंगकर्मी और ओ झमरु गीत के गायक प्रवीण चौबे, भोपाल, रंगकर्मी हर्षित शर्मा उज्जैन ने बच्चों को प्रशिक्षण दिया। सुबह 7 बजे से नर्मदा तट पर बच्चों को योग व्यायाम, डांसिंग मोमेंट का अभ्यास करवाया। सुबह 8 से 11 बजे तक अभिनय, संगीत और गायन का अभ्यास करवाया। प्रशिक्षण के दौरान रंगकर्मी प्रवीण चौबे और रंगकर्मी हर्षित शर्मा ने भी विशेष योगदान देते हुए बच्चों को अभिनय की बारीकियां सिखाई। हर्षित शर्मा ने बताया कि रंगमंच ही वह विधा है, जिसमें अन्य सभी विधाए समाहित है। इसलिए बच्चों को अभिनय एवं रंगमंच की विधा से जोड़ना चाहिए। रंगकर्मी प्रवीण चौबे ने बताया कि रंगमंच के माध्यम से बच्चों का मानसिक, शारीरिक एवं कलात्मक विकास होता है। इसलिए निजी स्कूल संचालकों के साथ सरकार को भी रंग मंच एवं अभिनय के विषयों को शिक्षा में जोड़ना चाहिए। स्कॉलर एकेडमी के संचालक नितिन मनोरे ने शिक्षा के साथ रंगमंच एवं अभिनय को जोड़ने का कार्य किया है, जो सराहनीय है। प्रशिक्षण के व्यवस्थापक रंगकर्मी कृष्ण लाल विश्वकर्मा ने बताया कि मंच माइक और बोलने की क्षमता का विकास रंगमंच के माध्यम से ही होता है। बच्चों ने 1 महीने के प्रशिक्षण में इस तरह की सभी कलाओं को सीख सीखने का सराहनीय कार्य किया है। प्रशिक्षण के दौरान बच्चों ने गीत लेखन, स्क्रिप्ट राइटिंग के साथ समूह में कार्य क...

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग

अगर आप उज्जैन में स्थित श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में दर्शन करने का मन बना रहे हैं तो यहां हम आपको बता दें कि उज्जैन, जिसका प्राचीन नाम उज्जयनी या अवन्तिका नगरी भी है, यह हिन्दू धर्म के लगभग सभी महत्वपूर्ण धर्मस्थलों से संबंधित मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। क्योंकि उज्जैन, धार्मिक महत्व के लिहाज से सात मोक्ष पुरियों में से एक है। इसके अलावा उज्जैन का महत्व केवल धर्म के लिए ही नहीं बल्कि अध्यात्म, कला, साहित्य, संस्कृति और इतिहास के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध है। उज्जैन कोई बहुत बड़ा या विकसित महानगर तो नहीं है, लेकिन, किसी महानगर से कम भी नहीं है। आज भी आप यहां के निवासियों की दिनचर्या में वही सैकड़ों वर्ष पुराने कला, संस्कृति, अध्यात्म और प्राचीन साहित्य के रंगों का असर देख सकते हैं। उज्जैन में क्या है खास – वैसे यहां हम यह भी बता दें कि, उज्जैन में श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के अलावा भी अनेकों मंदिर हैं जो सिद्ध और विश्व प्रसिद्ध हैं जिनमें – चिंतामन गणेश मंदिर, महर्षि सांदीपनि का आश्रम, जंतर-मंतर, प्राचीनकाल का सबसे अद्भूत और आश्चर्य चकीत कर देने वाला 52 कुंड, क्षिप्रा नदी का रामघाट, भगवान मंगलनाथ और देवी कढ़कालिका का प्रसिद्ध मंदिर। इन सब के अलावा, यहां जो सबसे विशेष और आकर्षण का केन्द्र है, वो है इतिहास पुरूष सम्राट विक्रमादित्य के जीवन से जुड़े कुछ एतिहासिक तथ्य और प्रमाण। और ये सभी स्थान यहां उज्जैन शहर में लगभग 15 से 20 किलोमीटर के दायरे में उपलब्ध हो जाते हैं। देवी कढ़कालिका का प्रसिद्ध मंदिर उज्जैन कैसे पहुंचे – अगर आप भी उज्जैन दर्शन के लिए जाना चाहते हैं तो बता दें कि, उज्जैन शहर के लिए, देश के हर भाग से और हर राज्य से रेल और सड़क मार्ग स...

भोपाल से उज्जैन ट्रेन कितने बजे है

Table of Contents Show • • • • भोपाल से उज्जैन के बीच 51 ट्रेनें प्रतिदिन चलती हैं। भोपाल से उज्जैन के बीच यात्रा की अनुमानित दूरी क्या है? भोपाल से उज्जैन के बीच यात्रा की अनुमानित दूरी 173 कि.मी. है। भोपाल में कितने रेलवे स्टेशन हैं? भोपाल में 9 रेलवे स्टेशन हैं। उज्जैन में कितने रेलवे स्टेशन हैं? उज्जैन में 8 रेलवे स्टेशन हैं। भोपाल से उज्जैन तक यात्रा करने के लिए कितनी साप्ताहिक ट्रेनें उपलब्ध हैं? भोपाल से उज्जैन तक यात्रा करने के लिए, 51 साप्ताहिक ट्रेनें उपलब्ध हैं। भोपाल से उज्जैन के बीच कौन सी ट्रेन सबसे तेज़ है? भोपाल और उज्जैन के बीच सबसे तेज़ ट्रेन लोकमान्य तिलक - इलाहाबाद स्पेशल है। भोपाल से उज्जैन तक की सबसे तेज़ ट्रेन, यात्रा तय करने में कितना समय लेती है? भोपाल से उज्जैन तक की सबसे तेज़ ट्रेन की यात्रा अवधि 2घंटे 5मिनट है। भोपाल से उज्जैन तक पहुँचने के लिए सबसे तेज़ ट्रेन द्वारा लिया गया समय क्या है? भोपाल से उज्जैन तक पहुँचने के लिए सबसे तेज़ ट्रेन द्वारा लिया गया समय 2घंटे 5मिनट है। भोपाल से उज्जैन मार्ग पर चलने वाली सबसे धीमी ट्रेन का नाम क्या है? उसके बारे में जानकारी दें। भोपाल से उज्जैन मार्ग पर चलने वाली सबसे धीमी ट्रेन का नाम हबीबगंज दाहोद फास्ट पैसेंजर है। यह भोपाल से 11:55:00 बजे निकलती है और 16:45:00 बजे उज्जैन पहुँचती है। यह ट्रेन 173 कि.मी. की दूरी तय करती है। भोपाल से उज्जैन तक की सबसे किफ़ायती ट्रेन कौन सी है? सारी जानकारी प्रदान करें। भोपाल से उज्जैन तक चलने वाली सबसे किफ़ायती ट्रेन 59394 हबीबगंज दाहोद फास्ट पैसेंजर है और इसका किराया 55 रुपए है। यह 173 कि.मी. की दूरी तय करती है। भोपाल से उज्जैन तक की यात्रा के लिए,यात्रा तिथि से कितने दिन पहले तत्का...

जानिए, उज्जैन से शेष ज्योतिर्लिंगों की दूरी के अद्भुत आंकड़े

उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की विश्व में अलग ही ख्याति है. देश में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के अलावा 11 और ज्योतिर्लिंग है. इन सभी ज्योतिर्लिंग का उज्जैन महाकालेश्वर से दूरी के आंकड़ों पर नजर डालें तो ये आंकड़े बड़े ही रोचक नजर आते हैं. दरसअल, उज्जैन में 2016 में महाकुंभ सिंहस्थ का आयोजन होना है, इस लिहाज से यहां आने वाले साधु और संतों सहित भक्तों का जमावड़ा लगेगा. सिंहस्थ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिये यह एक रोचक तथ्य है कि उज्जैन से मध्यप्रदेश के विभिन्न तीर्थ स्थलों और देश के अन्य तीर्थ स्थलों की दूरी का एक अलग महत्व है. विख्यात सोमनाथ (गुजरात) ज्योतिर्लिंग पर जिसकी उज्जैन महाकालेश्वर से दूरी 777 किलोमीटर है. इसी तरह ओंकारेश्वर उज्जैन (मप्र) से 111 किलोमीटर, भीमाशंकर (महाराष्ट्र) 666 किमी, काशी विश्वनाथ (उत्तरप्रदेश) 999 किमी, मल्लिकार्जुन (आंध्रप्रदेश) 1000 किमी, केदारनाथ (उत्तराखंड) 888 किमी, त्रयंबकेश्वर (महाराष्ट्र) 555 किमी, बैजनाथ (झारखंड) 1000 किमी, रामेश्वर (तमिलनाडु) 2000 किमी और घृष्णेश्वर (महाराष्ट्र) 555 किमी हैं. हालांकि, आज वर्तमान में इन ज्योतिर्लिंगों की दूरियों में आंशिक बदलाव कुछ नए मार्गों और शहरों के बायपास के कारण हुआ है. आज इनकी उज्जैन से मल्लिकार्जुन 1090 किमी, केदारनाथ 902 किमी, त्रयंबकेश्वर 503 किमी, घृष्णेश्वर 533 किमी, रामेश्वरम 2091 किमी, ओंकारेश्वर 113 किमी दूरी पर स्थित है. .

उज्जैन कैसे पहुंचे

आज के इस आर्टिकल में हम कोई व्यक्ति आपने यहां से उज्जैन जो कि मध्य प्रदेश राज्य में स्थित है को कैसे विजिट कर सकता है, इस विषय पर बात करने वाले हैं। अगर आप भी उनमें से एक हैं जिन्हें उज्जैन कैसे जाया जा सकता है जानने को इच्छा हैं, तो आप हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें। चलिए हम अपनी जानकारी में आगे बढ़ते हैं, लेकिन आगे बढ़ने से पहले हम थोड़ा सा जानकारी उज्जैन के बारे में भी प्राप्त कर लेते हैं – विषय - सूची • • • • • • • • • उज्जैन के बारे में – About Ujjain In Hindi उज्जैन हमारे भारत देश के मध्य प्रदेश राज्य में शिप्रा नदी के तट पर बसा हुआ एक पवित्र शहर एवं पौराणिक शहर के रूप में जाना जाता है। मध्य प्रदेश में स्थित यह उज्जैन शहर एक सामाजिक और धार्मिक संस्कृति वाला खूबसूरत शहर है। यहां पर कई ऐसे धार्मिक स्थल देखे जा सकते हैं, जिसे विजिट करने लोग भारत के अलग-अलग क्षेत्रों के अलावा विदेशों से भी काफी अधिक संख्या में आया करते हैं। उज्जैन को अधिकतर लोग यहां पर आयोजित होने वाले कुंभ मेले के दौरान काफी अधिक संख्या में विजिट किया करते हैं। उज्जैन की जलवायु की बात करें तो आप यहां पर उष्णकटिबंधीय जलवायु का अनुभव कर सकते हैं। मध्यप्रदेश में स्थिति उज्जैन के इतिहास के बारे में बताया जाता है कि इसका इतिहास का प्रमाण 600 ईसा पूर्व का मिलता है। चलिए अब हम अपने इस आर्टिकल में मेन मुद्दे पर आते हुए यह जान लेते हैं कि कोई व्यक्ति उज्जैन अपने यहां से कैसे पहुंच सकता है – उज्जैन कैसे जाएं ? – How To Reach Ujjain. मध्यप्रदेश राज्य में शिप्रा नदी के तट पर बसा हुआ उज्जैन को कोई व्यक्ति अपने यहां से किसी भी माध्यम यानी कि वायु मार्ग, रेल मार्ग या सड़क मार्ग के द्वारा काफी आसानी से विजिट कर ...

15 के बाद कभी भी उज्जैन से इंदौर और चित्तौड़गढ़ के लिए चलेंगी मेमू ट्रेनें, समय बचेगा

कोरोना का संकट खत्म होने के बाद रेलवे की गतिविधियां तेज हो गई हैं। रेलवे से आने-जाने वालों के लिए समय अब पटरी पर आने लगा है। 15 नवंबर के बाद उज्जैन को रेलवे की दो बड़ी सौगातें मिल सकती हैं। इसमें सबसे बड़ी इंदौर के लिए दो मेमू ट्रेन चलना है। जबकि चित्तौड़गढ़ के लिए भी उज्जैन से मेमू ट्रेन चल सकती है। रतलाम रेल मंडल के पास इसके लिए दाे रैक उपलब्ध हैं। हालांकि अभी दोनों ट्रेनें किस दिन से ट्रैक पर चलेंगी इस बारे में शेड्यूल अधिकृत रूप से जारी नहीं किया गया है। दरअसल 15 नवंबर को उज्जैन-फतेहाबाद-इंदौर के बीच मेमू ट्रेन का वर्चुअल उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इसके साथ ही 26 नवंबर को पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आलोक कंसल रतलाम रेल मंडल के चित्तौड़गढ़-रतलाम खंड का निरीक्षण करेंगे। डीआरएम विनीत गुप्ता का कहना है कि मंडल से मेमू चलाने की सभी तैयारियां पूरी कर ली। कुछ तकनीकी खामियां है, उन्हें दूर किया जा रहा है। हमारी कोशिश है कि पश्चिम रेलवे जीएम के निरीक्षण से पहले यात्रियों को इस ट्रेन की सुविधा मिल जाए। पश्चिम रेलवे ने इसका शेड्यूल अभी तक फाइनल नहीं किया है। उज्जैन-फतेहाबाद-इंदौर दिन में दो फेरे लगाएगी मेमू उज्जैन-फतेहाबाद-इंदौर के बीच चलने वाली मेमू ट्रेन दिन में दो फेरे लगाएगी। अभी देवास के रास्ते इंदौर-उज्जैन की दूरी 80 किमी है, इसमें 1.30 से 2 घंटे का समय लगता है। लेकिन फतेहाबाद वाले रूट से यह दूरी 17 किमी तक कम हो जाएगी। इससे दोनों शहरों के बीच 1.15 घंटे में ही सफर तय हो जाएगा। फतेहाबाद के रास्ते चलने वाल ट्रेन दोनों शहरों के बीच चिंतामण गणेश, लेकोड़ा, फतेहाबाद, बालौदा टाकुन, अजनोद, पालिया, लक्ष्मीबाई नगर स्टेशनों पर रुकेगी।। यह रहेगा शेड्यूल उज्जैन से इंदौर उज्जैन से...

भारतीय रेल टाइम टेबल, पीएनआर, ट्रेन, किराया, आगमन / प्रस्थान, रनिंग स्टेटस

भारतीय रेल सफर सूचना PNR स्टेटस • • • • • • • • • • तत्काल टिकट बुकिंग • • • • • • • टिकट बुकिंग • • • • • • • • • कैंसिल /वापसी • • • • • • • • • • • ट्रेन किराया • • • • • • • • ट्रेन यात्रा • • • • • • जब ट्रेन में हों • • • • • • • • जानकारी • • • • • • • ट्रेन ढूंढ़ना • • • सहायता • • • • • • • शिकायत • • • • • रेलवे कर्मचारी • • • • • • ट्रेवल एजेंट • • • रिजर्वेशन कोटा • • • • • • • विदेशी पर्यटक • • • • • • • eRail.in • • • • • •