भुजंगासन

  1. भुजंगासन विधि और लाभ
  2. भुजंगासन मराठी माहिती
  3. भुजंगासन योग
  4. भुजंगासन करने का सही तरीका, फायदे और सावधानियां
  5. भुजंगासन करने का तरीका, 10 फायदे और सावधानियां
  6. भुजंगासन करने की सही विधि, लाभ और इसकी सावधानियां
  7. भुजंगासन कैसे करें
  8. International Yoga Day 2023: Yoga Poses For Strong And Flexible Spine


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भुजंगासन विधि और लाभ

आज हम शरीर की स्वस्थ, निरोगी एवं सबसे महत्वपूर्ण, लचीला बनाने वाले भुजंगासन के बारे में विस्तार से जानेंगे। Steps of Bhujangasana जानने से पहले यह जान लेना आवश्यक है कि भुजंगासन क्या है तथा इसके क्या उद्देश्य अथवा लाभ हैं। मेरा मानना है हमारे आस पास जितने भी लोग तथा पशु पक्षी हैं, हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए कुछ ना कुछ संदेश देते हैं। संस्कृति का यह श्लोक जो हमने बचपन में पढ़ा था “काकचेश्टा बकोध्यानम, श्वाननिद्रा तथैव च” बड़े होकर गहराई से समझ में आया। Advertisement महादेव के गले में निवास कर रहे नाग देवता अपने आप में बहुत कुछ गुण समय हुए हैं। उनका सबसे आकर्षित करने वाला गुण शरीर का लचीलापन है। हमारे पूर्वजों ने गहराई से प्रकृति को समझा तथा उनके गुणों को धारण करने के लिए योगासन, मुद्राएं तथा भिन्न भिन्न ध्यान योग की विधियां बनाईं। जिनमें से एक महत्वपूर्ण आसान भुजंगासन है। What is Bhuajngasana in Hindi | भुजंगासन क्या है कोबरा आसन तथा सर्प आसान के नाम से प्रचलित भुजंगासन हठ योग की एक ऐसी मुद्रा है जो शरीर में सर्प सामान लचीलापन लाती है। Advertisement भुजंग संस्कृत भाषा का शब्द है जिसका अर्थ साँप तथा आसन का अर्थ अवस्था है। इस आसन के अभ्यास में शारीरिक अवस्था बिल्कुल फन फैलाए सांप की तरह बनती है। दूसरे शब्दों में कहूं तो योग की वह अवस्था जो भुजंग के समान पोस्चर तथा लचीली कमर प्रदान करे, भुजंगासन कहलाती है। Importance of Bhujangasana in Hindi | भुजंगासन का महत्व • भुजंगासन उस एकमात्र योग मुद्रा “सूर्य नमस्कार” का हिस्सा है जिसके एक चक्र पूर्ण होने में सम्पूर्ण शरीर की ऊर्जा में बदलाव आ जाता है। • सूर्य नमस्कार के १२ आसनों के अन्तर्गत भुजंगासन आठवें स्थान पर है। निरोगी काय...

भुजंगासन मराठी माहिती

योगासन हे शारीरिक आणि मानसिक स्वस्थतेचे एक महत्वाचे साधन आहेत. यामध्ये आपण विविध प्रकारच्या योगासनांची माहिती मराठीत मिळवू शकतो जे आपल्या शारीरिक आणि मानसिक स्वस्थतेला मदत करू शकतात. ह्या ब्लॉगमध्ये आपण योगासनांच्या विविध प्रकारांची अधिक माहिती मिळवू शकता जसे की सूर्यनमस्कार, वृक्षासन, भुजंगासन आणि इतर अनेक योगासने. हे सर्व योगासने आपल्याला शरीर, मन आणि आत्म्यासाठी फायदेशीर आहेत. • या आसनाच्या नियमित सरावाने छाती, खांदे, मान आणि मस्तकाचा भाग सुदृढ व मजबूत बनतो. • या आसनाच्या नित्य सरावाने पाठीचे दुखणे व इतर विकार नष्ट होतात. • या आसनात पोटाच्या स्नायूंवर भरपूर दाब पडत असल्याने अपचन व मलावरोध नाहीसे होतात. शरीरात उष्णता वाढते. • या आसनाच्या नियमित सरावामुळे दमा असणाऱ्या रोग्यांना याचा बराच फायदा होतो. • स्त्रियांच्या मासिक पाळीच्या तक्रारी सुद्धा दूर होतात. • या आसनाच्या नित्य सरावाने स्रीयांचे बीजाशय व गर्भाशय कार्यक्षम व सुदृढ बनते. • हे आसन केल्याने गर्भाशयातील रक्ताभिसरण चांगले होते. यामुळे प्रसूती नैसर्गिकरित्या व विनासायास होण्यास मदत होते.

भुजंगासन योग

भुजंगासन (Cobra Pose), योग की दुनिया में पीठ के सबसे महत्वपूर्ण आसनों में से एक है। संस्कृत भाषा में ‘भुजंग’ का अर्थ ‘सांप’ होता है। यानी ये आसन सांप के आकार का दिखता है ​। इसलिए इसका नाम भुजंगासन पड़ा है। साथ ही भुजंगासन को कोबरा पोज के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि ये आसन कोबरा के फन फैलाने जैसा दिखता है। सूर्य नमस्कार योग में कुल 12 मुद्राएं होती हैं। इन मुद्राओं में 7वें नंबर की मुद्रा भुजंगासन (Bhujangasan) होती है। भुजंगासन (Bhujangasan) या कोबरा पोज (Cobra Pose) सबसे खास क्यों है? भुजंगासन करते वक्त आपका पूरा शरीर में खिंचाव होता है। जिससे शरीर लचीला बनता है और आपका और पढ़ें : भुजंगासन करने का सही तरीका (Cobra Pose Steps) भुजंगासन के कई लाभ हैं, जिनके बारे में हम इस लेख में बात करेंगे। सबसे पहले बात करते हैं कि भुजंगासन कैसे करें? भुजंगासन करने के हर चरण को नीचे समझाया गया है। इन चरणों को जानकर आप सही तरीके से भुजंगासन कर सकते हैं। • सबसे पहले, अपने पैरों को सीधा करें और पेट के बल लेट जाएं। पैर की उंगलियों को आपस में छुआते हुए बाहर की तरफ रखना चाहिए। • अपनी हथेलियों को छाती के दोनों किनारों के पास रखें। आपके हाथ शरीर के करीब होने चाहिए और कोहनी बाहर की ओर होनी चाहिए। • अपने माथे को फर्श पर रखें और शरीर को ढीला छोड़ें • धीरे-धीरे सांस लें और अपने माथे, गर्दन और फिर कंधों को ऊपर उठाएं। • अपनी पीठ की मांसपेशियों की मदद से, छाती को ऊंचा करते जाएं और फिर अपने हाथ की ताकत का उपयोग करते हुए, सिर को पूरी तरह से ऊपर उठा दें। • अपनी गर्दन को धीरे से पीछे की ओर ले जाएं, ताकि आपकी मुद्रा कोबरा मुद्रा की तरह दिखे। • ऊपर की ओर देखते हुए आराम से सांस लें। अपनी छाती को पूरी तरह से...

भुजंगासन करने का सही तरीका, फायदे और सावधानियां

भुजंगासनयाकोबरापोज़क्याहै– What is Bhujangasana or Cobra Pose in Hindi? भुजंगासनएकहठयोगहैऔरइसेआधुनिकयोगमेंएकपीछेझुकताहुआआसनमानाजाताहै।संस्कृतमें‘भुजंग’काअर्थ‘साँप’होताहै।यहआसनभीसांपजैसादिखताहै।इसलिएइसेभुजंगासनकहाजाताहै।भुजंगासनकोकोबरामुद्राकेरूपमेंभीजानाजाताहैक्योंकियहकोबराकीदुर्गंधफैलानेजैसालगताहै। सूर्यनमस्कारयोगमें, कुल 12 आसनहैं।बुधनंगासनइसयोगके 7 वेंचरणमेंआताहैजिसेउर्ध्वमुखसंवासनकेविकल्पकेरूपमेंकियाजाताहै।योगकेकुछस्कूलोंकेबीसवींशताब्दीकेअधिवक्ताओंनेघायलरीढ़कीतरहविशिष्टअंगोंपरयोगकेचिकित्सीयप्रभावोंकेलिएदावेकिएहैं। Avertisement भुजंगासनबहुतमहत्वपूर्णक्योंहै– Why is Bhujangasan Important in Hindi? जबआपभुजंगासनकरतेहैंतोआपकेपूरेशरीरकोएकअच्छाखिंचावमिलताहै।यहआपकेपाचनतंत्रपरबहुतअच्छाप्रभावडालताहै, औरइसेमजबूतबनाताहै।इससेआपकाशरीरलचीलाभीहोसकताहै। व्यायामनकरनेकेकारणहमारीपीठकीमांसपेशियांसबसेअधिकप्रभावितहोतीहैं।धीरे-धीरेयेमांसपेशियांकमजोरहोजातीहैंऔरइसकेकारणपीठमेंदर्द, झुकने, स्लिपडिस्कऔरपीठसेजुड़ीअन्यसमस्याएंहोनेलगतीहैं।इसलेखमेंहमआपकोभुजंगासनयोगविधि, लाभऔरसावधानियोंकेबारेमेंबताएंगे।यहआपकोइसयोगमुद्राकेलाभलेनेमेंमददकरेगा। Avertisement भुजंगासनयोगकेप्रकार– Types of Bhujangasana Yoga in Hindi भुजंगासनयाकोबरामुद्राके 4 प्रकारहैं, जिन्हेंआपअपनेशरीरकीजरूरतोंऔरक्षमताओंकेअनुसारचुनसकतेहैं। 1. पारंपरिकभुजगंसना उठताहुआहाथभुजगसाना यहउनलोगोंकेलिएहैजोइसेमजबूतबनानेकेलिएआपकीपीठकोमजबूतकरनाचाहतेहैं।इसस्थितिमेंआपअपनीपीठकोऊपरउठासकतेहैंऔरहाथकोसीधारखसकतेहैंताकियहआसानीसेहोसके। Avertisement भुजंगासनकरनेकासहीतरीका– The Right Way To Perform Cobra Pose in Hindi आइएजानेंभुजंगासनकोसहीतरीकेसेकैसेकरें।भुजंगासनकेन...

भुजंगासन करने का तरीका, 10 फायदे और सावधानियां

भुजंगासन के फायदे Bhujangasana Benefits in Hindi | भुजंगासन योग के कुछ प्रशिद्ध आसनों में से एक है। आपको अपने योग सत्र में इस आसन को जरूर शामिल करना चाहिए। यह मोटापा कम करने, कमर और भुजाओं को मजबूत बनाने, पाचन अंगों को स्वस्थ रखने और पेट की समस्याओं को दूर करने के लिए बेस्ट योगासनों में से एक है। साथ ही तनाव दूर करने के लिए भी भुजंगासन के लाभ अच्छे हैं। भुजंगासन का अभ्यास भी ज्यादा कठिन नहीं है, बिगिनर्स आसानी से इसका अभ्यास कर सकते हैं। लेकिन भुजंगासन का अभ्यास सही तरीके से करना भी जरूरी होता है, अगर गलत विधि से इसका अभ्यास किया गया तो यह शरीर को हानि भी पहुंचा सकता है। खासकर इसके गलत अभ्यास से कमर को क्षति पहुँचने का खतरा ज्यादा रहता है। इजी लाइफ हिंदी के इस लेख में हम भुजंगासन के फायदे (bhujangasana benefits in hindi), इसे करने का सही तरीका और इस आसन की सावधानियों के बारे में जानेंगे। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • भुजंगासन क्या है – Bhujangasana in Hindi भुजंगासन संस्कृत भाषा के दो सब्द भुजंग और आसन से मिलकर बना है। “भुजंग” का अर्थ सांप और “आसन” का अर्थ बैठने की मुद्रा है, इस तरह से भुजंगासन का अर्थ सांप जैसी मुद्रा से है। इस आसन को करते समय शरीर का आकार सांप की तरह दिखाई देता है, शायद इसलिए इसे यह नाम दिया गया होगा। जबकि इंग्लिश में इसे Cobra Pose के नाम से भी जाना जाता है। हेल्थ के लिए भुजंगासन के फायदे (bhujangasana benefits in hindi) जबरदस्त है। खासकर मोटापे से परेशान लोगों को इसका अभ्यास जरूर करना चाहिए। एक अच्छी डाइट के साथ इस आसन के नियमित अभ्यास से मोटापे को कंट्रोल करके शरीर को लचीला और फिट बनाया जा सकता है। साथ ही जो लोग द...

भुजंगासन करने की सही विधि, लाभ और इसकी सावधानियां

आज के युग में व्यक्ति के जीवन में योग बहुत महत्वपूर्ण बन चुका है। योग करने से किसी भी प्रकार का रोग, बीमारी, मोटापा, अनिद्रा और तनाव आदि जैसी समस्याएं हमारे शरीर से दूर रहती हैं। प्रतिदिन योग करने से हमारा शरीर स्वस्थ बना रहता है। सभी योगासन महत्वपूर्ण माने जाते है परंतु भुजंगासन की कुछ अलग ही विशेषताएं हैं। आज हम आपको भुजंगासन क्या होता है, इसे करने की सही विधि, समय, लाभ और सावधानियों के बारे में बताएंगे। क्या होता है भुजंगासन ? भुजंग शब्द संस्कृत से लिया हुआ एक शब्द है जिसका अर्थ है सर्प। इसलिए भुजंगासन को सर्पआसन या कोबरा पोज भी कहते हैं क्योंकि इस आसन में हमारा शरीर एक सर्प की भांति होता है। सभी योगासनों में भुजंगासन एक प्रसिद्ध आसन माना जाता है। पीठ के दर्द के रोगियों के लिए यह आसन अत्यंत लाभदायक है। सूर्य नमस्कार में भुजंगासन सातवें क्रम पर आता है प्रतिदिन यह आसन करने से कंधे, कोहनी, पीठ, गर्दन और लीवर को मजबूती मिलती है। भुजंगासन करने का उचित समय भुजंगासन हमेशा खाली पेट करना चाहिए। यदि आपने खाना खाया है तो उसके तकरीबन 3 से 4 घंटे बाद ही इस आसन को करें। इससे खाने को पचने का पर्याप्त समय मिलता है और आसन करने में आसानी होती है। भुजंगासन करने की विधि 1. भुजंगासन करने के लिए सर्वप्रथम पेट के बल लेट जाइए 2. इसके बाद हथेली को कंधे के नीचे रखिए 3. अपने दोनों पैरों को पीछे की तरफ खींचते हुए सीधा रखिए और दोनों पैरों में दूरी नहीं होनी चाहिए 4. इसके बाद साँस लें और शरीर के अगले भाग को ऊपर की और उठाएं 5. इस वक्त एक बात का ख्याल रखें की कमर पर ज्यादा खिंचाव ना आने पाए 6. 10-20 सेकंड्स के लिए इसी अवस्था में बने रहिए 7. फिर सांस छोड़ते हुए सामान्य अवस्था में आ जाएं 8. शुरुआती दिनो...

भुजंगासन कैसे करें

“भुजंग” शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है। भुजंग का अर्थ सर्प होता है, इसलिए भुजंग-आसन को “सर्प आसन” भी कहा जाता है। भुजंगासन को अंग्रेजी में Cobra Pose कहा जाता है। सभी आसनों में से भुजंग आसन एक प्रसिद्ध आसन है। पीठ के दर्द के रोगीयों के लिए यह आसान अत्यंत गुणकारी होता है। सम्पूर्ण व्यायाम कहे जाने वाले सूर्यनमस्कार ( Suryanamaskar) में भुजंगासन सातवे क्रम पर आता है। यह लाभदायी आसन प्रति दिन करने से करने से कंधे, हाथ, कुहनियाँ, पीठ, किडनी, और लीवर को मज़बूती मिलती है, तथा अनेक रोगों से मुक्ति मिलती है। भुजंग आसन कैसे करें – How To Do Bhujangasana (Cobra Pose) • भुजंग आसन करने के लिए सर्वप्रथम किसी स्वच्छ और साफ हवादार जगह का चयन कर लें। उसके बाद आसन (चटाई) बिछा कर पेट के बल लेट जाएं। • फिर दोनों परों को अच्छी तरह से लंबा कर के फैला दें। और ठोड़ी (chin) ज़मीन पर लगा दें। दोनों कुहनिया (Elbows) दोनों तरफ की पसलियों से सटी हुयी रख कर, दोनों हाथों की हथेलियाँ ज़मीन पर लगा दें। (Note- याद रहे की आप के हाथों के पंजे सीधे होने चाहिए ओर ज़मीन की और होने चाहिए, तथा दोनों कुहनिया (Elbows) सीधी आकाश की और मुड़ी होनी चाहिए )। • भुजंग आसन करते वक्त इस बात का खास ध्यान रखे की दोनों हाथों के पंजे, हमेशा दोनों कंधों के ठीक नीचे (ज़मीन पर) लगे होने चाहिए। • अब अपनें सिर को ज़मीन से लगा दें। और फिर अपनी दोनों आँखें बंद कर के सांस शरीर के अंदर भरते हुए धीरे धीरे ठोड़ी (chin) को ऊपर उठाएँ, उसके बाद गर्दन को ऊपर आकाश की तरफ उठाएँ। फिर अपनी छाती को धीरे धीरे ऊपर उठाएँ। और उसके बाद अपने पेट के भाग को धीरे धीरे ऊपर उठा लें। • अब आगे, गर्दन को ऊपर की ओर ले जाते हुए पीठ को पीछे की ओर जुकाना है (कमान की तरह ...

International Yoga Day 2023: Yoga Poses For Strong And Flexible Spine

International Yoga Day 2023: दिन भर ऑफिस में बैठकर या खड़े रहकर काम करने से बैक बोन या रीढ़ की हड्डी पर सबसे ज्यादा दवाब पड़ता है, यही वजह है कि अक्सर लोगों को सर्वाइकल प्रॉब्लम होती है. योग के जरिए आप इस परेशानी को जड़ से खत्म कर सकते हैं. कुछ योगासन हैं जो आपके रीढ़ को मजबूत और फ्लेक्सिबल बनाने में मदद करते हैं. आइए उन योगासनों के बारे में जानते हैं. रीढ़ को मजबूत बनाने के लिए योगासन | Yoga To Strengthen The Spine यह भी पढ़ें • योग दिवस पर बालासोर जाएंगे रेल मंत्री, हादसे के दौरान मदद करने वालों से करेंगे मुलाकात • डेली कर लीजिए ये 5 योगासन, बढ़ेगी पाचन शक्ति पेट से जुड़ी दिक्कतों को दूर करने में मिलेगी मदद • Yoga For Kids: एग्जाम स्ट्रेस कर रहा है परेशान तो डेली रूटीन में शामिल करें ये 7 योगासन, मिनटों में दूर हो जाएगा सारा तनाव सर्पासन (Snake Pose) सर्पासन भी कोबरा पोज की तरह ही बैक बोन को मजबूत बनाने में मदद करता है. इससे पीठ की मांसपेशियों पर प्रभाव पड़ता है. स्टेप्स: पैरों को एक साथ मिलाकर पेट के बल लेट जाएं. ठोड़ी को फर्श पर रखें और उंगलियों को आपस में फंसा लें, हाथों को नितंबों पर रख दें. जैसे ही आप सांस लेते हैं, सिर और छाती को ऊपर उठाएं, बाहों को ऊपर उठाएं और उन्हें पैरों तक पहुंचाएं. सांसों को रोकें और फिर नीचे जाते हुए छोड़ें. वारियर 1 पोज (Warrior 1 pose) इस पोज में हाथ उठे होते हैं, उठी हुई आर्म्स का बैक मसल्स पर भी प्रभाव पड़ता है. इस पोज में ऊपरी पीठ को सीधा किया जाता है, इससे बैक बोन मजबूत और फ्लेक्सिबल होती हैं. स्टेप्स: ताड़ासन में शुरू करें. बाएं पैर को तीन से चार फीट पीछे ले जाएं और पंजों को 45 डिग्री बाहर की ओर मोड़ें. सांस लें और आर्म्स तक पहुंचें. ...