भू साझा प्रॉपर्टी क्या है

  1. [2023] बिहार अपना खाता पोर्टल: भू नक्शा, जमाबंदी नकल, Land Records, खाता खसरा नंबर
  2. भूलेख UP
  3. प्रॉपर्टी या संपत्ति कार्ड क्या है
  4. संपत्ति कर
  5. एक से ज्यादा लोगों के बीच कैसे बांटी जाती है प्रॉपर्टी, यहां जानिए हर छोटी
  6. प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन में कितना समय लगता है
  7. जमीन का एग्रीमेंट कैसे होता है


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[2023] बिहार अपना खाता पोर्टल: भू नक्शा, जमाबंदी नकल, Land Records, खाता खसरा नंबर

बिहार अपना खाता पोर्टल 2023 Apna Khata Bihar Portal Land Records:- बिहार सरकार राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा पोर्टल जारी किया है जिसके माध्यम से बिहार के नागरिक ऑनलाइन माध्यम द्वारा भूमि की जानकारी देख सकते हैं। बिहार अपना खाता पोर्टल के जरिए जमीन संबंधित विवरण ऑनलाइन चेक कर सकते हैं जैसे कि बिहार का खाता खसरा, अपना खाता, बिहार जमाबंदी नकल, लैंड रिकार्ड्स आदि देख सकते हैं। बिहार अपना खाता पोर्टल पर जमाबंदी, खसरा संख्या, जमीन भू नक्शा, लैंड रिकार्ड्स देखने के लिए ऑफिसियल वेबसाइट biharbhumi.bihar.gov.in का इस्तेमाल करना होगा। ऑनलाइन अपना खाता पोर्टल पर जमीन संबंधित जानकारी देखने प्रक्रिया निःशुल्क है। अतः आज के इस लेख में हम यही साझा करेंगे कि बिहार अपना खाता पोर्टल पर अपनी भूमि का विवरण कैसे देखें (Bihar Apna Khata portal (khata khesra)? जैसे कि बिहार का खाता खसरा कैसे देखे, जमाबंदी नंबर से जमीन कैसे देखें, बिहार अपना खाता भू नक्शा ऑनलाइन कैसे देखें, जमीन किसके नाम है कैसे चेक करें इत्यादि। सभी डिटेल को क्रमशः साझा किया है अतः पोस्ट में बताए गए सभी भूमि से जुड़ी जानकारी को चरणबद्ध तरीके से फॉलो करें। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • बिहार अपना खाता पोर्टल क्या है एवं भूमि जानकारी कैसे देखें ? Apna Khata Bihar portal बिहार राज्य सरकार द्वारा जमीन संबंधित जानकारियां प्राप्त करने के लिए बिहार अपना खाता पोर्टल लॉन्च किया है। इस पोर्टल के माध्यम से बिहार के नागरिक भूमि नक्शा लैंड रिकॉर्ड, जमाबंदी, अपना खाता, भूलेख नकल, खाता खसरा नंबर, जमीन किसके नाम पर है, जमीन खेती करने योग्य है अथवा नहीं, भूमि विवादित है या नहीं आदि जानकारी प्राप्त कर सकते है। राजस्व एवं भूमि...

भूलेख UP

उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार ने अपने सभी भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल बना दिया है. इससे राज्य के निवासियों को, भूमि के स्वामित्व की जानकारी और संबंधित सर्विसेज़ का ऑनलाइन एक्सेस मिलता है. भूस्वामी, प्रॉपर्टी के खरीदार, विक्रेता और क्रॉस वेरिफिकेशन में शामिल व्यक्ति, इन विवरणों को भूलेख UP के जरिए आसानी से एक्सेस कर सकते हैं. भूलेख, भूमि या प्रॉपर्टी के प्लॉट से संबंधित सभी लिखित जानकारी दर्शाता है. भूलेख UP, उत्तर प्रदेश राज्य की राजस्व परिषद द्वारा तैयार की गई एक सरकारी वेबसाइट है. यह राज्य की भौगोलिक सीमाओं के भीतर भूमि रिकॉर्ड के एक्सेस और सत्यापन के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में काम करती है. इसे 2 मई, 2016 को शुरू किया गया था. भूलेख उत्तर प्रदेश के परिचय ने राज्य में विभिन्न प्रणालियों के तहत भूमि रिकॉर्ड रखने से संबंधित सभी मैनुअल कार्यों को समाप्त कर दिया है. भूलेख यूपी के लाभ भूलेख यूपी पोर्टल यूज़र को निम्नलिखित लाभ प्रदान करता है • खरीदारों, विक्रेताओं और भूमि के मालिकों के लिए, भूमि के विवरण का एक्सेस आसान हो जाता है. रिकॉर्ड से लेकर मानचित्र या भू नक्शा UP से संबंधित सभी जानकारी एक ही स्थान पर मिलती है • यह सिस्टम पहले से कहीं अधिक पारदर्शी है. इससे भूमि पर अवैध कब्जा, मुकदमों, अपराध, नाबालिगों के शोषण, या किसी अन्य भूमि स्वामित्व से संबंधित उत्पीड़न की संभावना कम हो जाती है • यूज़र ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अपनी भूमि से संबंधित किसी भी नए रिकॉर्ड को अपडेट कर सकते हैं • भूमि से संबंधित सभी विवरण, केवल खसरा खतौनी नंबर प्रदान करके एक्सेस किए जा सकते हैं • राज्य में भूस्वामियों को अब राजस्व विभाग के ऑफिस का चक्कर लगाने या भूमि से संबंधित विवरण प्राप्त करने के लिए पटवार...

प्रॉपर्टी या संपत्ति कार्ड क्या है

यहाँ तक कि भू-माफियाओं द्वारा एक ही प्लाट या फ्लैट को कई लोगो को विक्रय (Sell) कर दिया जाता है, ऐसे में लोगो को अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है | देश की जनता को इस प्रकार की समस्याओं से निजात दिलानें के लिए सरकार द्वारा प्रॉपर्टी या संपत्ति कार्ड बनवाना अनिवार्य कर दिया है | हालाँकि देश के कुछ राज्यों में पहले से ही लागू किया जा चुका है और आगे आनें वाले कुछ समय में इसे देश के सभी राज्यों में अनिवार्य कर दिया जायेगा | आखिर यह प्रॉपर्टी या संपत्ति कार्ड क्या है, इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और Property Card Portal के बारें में आपको यहाँ विस्तार से जानकारी दे रहे है | प्रॉपर्टी डीलर (PROPERTY DEALER) कैसे बने प्रॉपर्टी या संपत्ति कार्ड का क्या मतलब है ? सरकार द्वारा प्रॉपर्टी या संपत्ति कार्ड जारी करनें का मुख्य उद्देश्य लोगो को भू-माफियाओं, दलालों और फ्रॉड से बचाना है | इस दस्तावेज़ का उपयोग शहर की सीमा के अन्दर भूमि से संबंधित अदालती मुकदमों में एक प्रमाण के रूप में किया जा सकता है। (ECONOMIC RECESSION) क्या है प्रॉपर्टी या संपत्ति कार्ड की आवश्यकता (Property Card Required) यदि हम ग्रामीण क्षेत्रो की बात करे तो यहाँ पर प्रत्येक भूमि का एक रिकार्ड होता है, जो सरकारी अभिलेखों में खाता नंबर, गाटा संख्या आदि के नाम से दर्ज होता है | यदि हम शहरों की बात करे तो यहाँ फ्लैट नंबर या प्लाट नंबर होता है, परन्तु कोई ऐसा यूनिक आइडेंटिटी नंबर नहीं होता जिससे उसकी सभी जानकारी प्राप्त की जा सके| यही कारण है कि शहरों में एक ही फ्लैट को कई लोगो को सेल कर दिया जाता है, इसलिए सरकार द्वारा प्रॉपर्टी या संपत्ति कार्ड बनवाना अनिवार्य कर दिया गया है | हालाँकि अभी इसे इंश्योरेंस एजेंट ...

संपत्ति कर

अनुक्रम • 1 विभिन्न देशों में • 1.1 भारत • 1.2 अन्य देश • 2 सन्दर्भ • 3 बाहरी कड़ियाँ विभिन्न देशों में [ ] भारत [ ] प्रभारित व्यक्ति भारतीय अधिनियम के तहत निम्‍नलिखित व्‍यक्तियों द्वारा निर्धारण वर्ष के दौरान धारित संपत्ति पर कर प्रभारित किया जाता है:- • व्‍यक्ति • हिन्‍दू अविभाजित परिवार ( एचयूएफ) • कंपनी परिस्थितियां कर की कराधेयता भी निर्धारिती की रिहायशी आकलन पर आयकर अधिनियम के प्रयोजन के लिए रिहायशी स्थिति की तरह निर्भर करता है। उत्‍पादकता परिसंपत्तियों पर संपत्ति कर नहीं लगाया जाता हैं अत: • गेस्‍ट हाउस, आवासीय मकान, वाणिज्यिक भवन • मोटर कार • जेवरात, बुलियन, सोने चांदी आदि के बर्तन • पाल, बोट और वायुयान • शहरी भूमि • हाथ में नकदी (५०,००० रुपए तक), केवल व्‍यक्ति एवं हिन्‍दू अविभाजित परिवार के लिए निम्‍नलिखित को परिस‍म्‍पत्तियों में शामिल नहीं किया जाएगा:- • उपर्युक्‍त में से कोई यदि व्‍यापार में स्‍टॉक के रूप में धारित हो • व्‍यापार या व्‍यवसाय के लिए धारित मकान • वाणिज्यिक परिसर की प्रकृति की कोई संप‍त्ति • मकान जिसे वर्ष में ३०० दिन से अधिक छोड़ दिया गया। • स्‍वर्ण जमा बांड • कर्मचारी को कंपनी द्वारा या अधिकारी या पूर्णकालिक. निदेशक आबंटित अवासीय मकान (सकल वेतन अर्थात ऐसे कर्मचारी, अधिकारी, निदेशक के लिए पूर्वापेक्षा मानक कटौती के पहले को छोड़कर 5,00,000 से कम हो)। छूट धन कर से छूट दी जाने वाली परिसम्‍पत्तियां निम्‍नलिखित हैं:- • न्‍यास के अधीन धारित संपत्ति • एचयूएफ की संपत्ति में निर्धारिती का ब्‍याज जिसका वह सदस्‍य है। • भूतपूर्व शासक का रिहायशी भवन • भारतीय स्‍वदेश भेजे गए लोगों की परिसंपत्तियां • व्‍यक्ति और हिन्‍दू अविभाजित परिवार निर्धारिती का एक मकान या मक...

एक से ज्यादा लोगों के बीच कैसे बांटी जाती है प्रॉपर्टी, यहां जानिए हर छोटी

अगर प्रॉपर्टी परिवार के लोगों के बीच बांटनी हो तो बंटवारा नामा बनवाया जाता है। इस दस्तावेज के जरिए कानूनी तौर पर प्रॉपर्टी के सभी वारिसों को हिस्सा दिया जाता है और वह इसके मालिक बन जाते हैं। लागू होने वाले कानून के तहत हर सह-मालिक को उसका हिस्सा दिया जाता है। बंटवारे के बाद हर प्रॉपर्टी को नया टाइटल मिलता है और हर सह-मालिक दूसरे के हिस्से में अपना हित छोड़ देता है। कम शब्दों में कहें तो यह एेसी प्रक्रिया है, जिसमें संपत्ति का सरेंडर और अधिकारों का ट्रांसफर शामिल है। जिस शख्स को जो हिस्सा मिलता है, वही उसका नया मालिक बन जाता है और अपनी मर्जी से वह उस संपत्ति के साथ जो चाहे व्यवहार कर सकता है यानी उसे बेचने, ट्रांसफर, एक्सचेंज या गिफ्ट के तौर पर देने का अधिकार उसी के पास आ जाता है। आपसी सहमति: आपसी सहमति के मामले में बंटवारानामा प्रॉपर्टी के सह-मालिकों के बीच होता है। लेकिन इसे कानूनी शक्ल देने के लिए बंटवारानामा इलाके के सब-रजिस्ट्रार दफ्तर में रजिस्टर्ड कराना पड़ता है। एक से ज्यादा लोग भी प्रॉपर्टी के मालिक हो सकते हैं और उन सभी के पास संपत्ति का इस्तेमाल करने का समान या निश्चित प्रतिशत होता है। जॉइंट ओनरशिप या संयुक्त स्वामित्व का एक अहम पहलू गैर-विभाजित शेयर है। हालांकि प्रॉपर्टी में सभी सह-मालिक समान होते हैं या कुछ हिस्से के मालिक। उनका शेयर निश्चित सीमाओं के साथ पता नहीं लगाया जा सकता। इसलिए शेयर गैर-विभाजित रहते हैं। लेकिन अगर सह-मालिकों का प्रॉपर्टी के बंटवारे पर एक नजरिया नहीं है तो फिर इसके लिए अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ता है। इसके बाद स्टैंप पेपर पर स्पष्ट तरीके से हर शख्स का हिस्सा और बंटवारे की तारीख लिखी जानी चाहिए। यह नया बंटवारानामा भी सब-रजिस्ट्रार दफ्तर म...

प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन में कितना समय लगता है

Rate this post प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन में कितना समय लगता है property registration me kitna time lagta hai : जब भी हम कोई नया घर बनवाते हैं या खरीदते हैं तो सबसे महत्वपूर्ण कार्य होता है उसकी रजिस्ट्री करवाना। ताकि भविष्य में हमें किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े। अगर आपने कोई नया घर बनाया है या कोई नया घर खरीदा है और उसकी रजिस्ट्री अपने नाम पर नहीं कराई है तो आगे चलकर आपको दुविधा का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि आज के जमाने में ऐसे बहुत से लोग हैं जो लोगों को बेवकूफ बनाकर प्रॉपर्टी हथियाने के चक्कर में रहते हैं। ऐसे में नए घर खरीदते समय ज्यादा सावधानी बरतनी पड़ती है। क्या आपने भी कोई नया घर लिया है? यदि हां तो आपको उसकी रजिस्ट्री फौरन करानी चाहिए। यदि आप यह जानना चाहते हैं कि प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन कराने की प्रक्रिया क्या है? और प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन में कितना वक्त लगता है तो आप बिल्कुल सही जगह पहुंच चुके हैं क्योंकि यहां हम इसकी संपूर्ण जानकारी आपके लिए लेकर आए हैं। तो चलिए सबसे पहले जानते हैं कि प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता क्यों होती है। प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन में होने वाला खर्च प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन में कितना समय लगता है ? प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन करने की जो प्रक्रिया है, वह काफी लंबी होती है। इसलिए आपको इसमें थोड़ा वक्त लग सकता है। यहां विभिन्न तरह के डॉक्यूमेंट को वेरीफाई करवाना होता है। जिसके बाद आपकी प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन हो सकता है। अगर आपके सारे दस्तावेज सही है और आपने हर एक प्रक्रिया को पार कर लिया है, तो लगभग 30 दिनों में आपकी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री हो जाएगी। आइये जानते है कि इसके लिए आवश्यक दस्तावेज़ क्या है – प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के लिए आव...

जमीन का एग्रीमेंट कैसे होता है

2/5 - (2 votes) जमीन का एग्रीमेंट कैसे होता है jameen ka agreement kaise hota hai : जमीन का एग्रीमेंट एक कानूनी प्रक्रिया है। इसके द्वारा दो लोगों के बीच एक सहमति बनती है, कि वह किसी पर्टिकुलर जमीन को किसी अन्य व्यक्ति को निश्चित दिन के लिए निश्चित पैसे पर दे रहे हैं। साथ ही कुछ नियम और शर्तें भी होती हैं जिनका उल्लंघन करने पर एग्रीमेंट को खतम भी किया जा सकता है। जमीन का एग्रीमेंट सामान्य तौर पर किसी वकील के द्वारा करवाया जाता है। हालांकि कुछ राज्यों में इसके लिए कोर्ट की भी आवश्यकता पड़ती है। फिलहाल इस आर्टिकल में आज हम जानेंगे कि “जमीन का एग्रीमेंट कैसे करें” अथवा “जमीन का एग्रीमेंट कैसे करवाते हैं।” एग्रीमेंट होने के बाद प्रॉपर्टी मालिक रजिस्ट्री ना करे तो क्या करें ? जमीन का एग्रीमेंट क्या है ? जमीन का एग्रीमेंट एक प्रकार का कानूनी डॉक्यूमेंट होता है, जिसमें किसी जमीन की खरीदी बिक्री या फिर जमीन को भाड़े पर देने की सारी जानकारी होती है। इसे सहमति पत्र भी कहते हैं। अगर आप किसी जमीन को बेच रहे हैं और कोई व्यक्ति जमीन को ले रहा है, तो दोनों व्यक्ति के बीच जब सहमति बन जाती है। तो ऐसी अवस्था में एग्रीमेंट का इस्तेमाल किया जाता है अथवा आप किसी व्यक्ति को मकान भाड़े पर दे रहे हैं और सामने वाला व्यक्ति मकान भाड़े पर ले रहा है, तो जो सहमति होती है। उसके लिए भी एग्रीमेंट तैयार करवाया जाता है, जिसके अंदर विभिन्न बातों का उल्लेख होता है। जमीन का एग्रीमेंट कैसे होता है ? कानूनी प्रक्रिया होने के नाते जमीन के एग्रीमेंट की कार्यवाही में स्टांप पेपर का इस्तेमाल किया जाता है। जिस पर आवश्यक जानकारियों को लिखा जाता है और दोनों ही पक्षों के हस्ताक्षर भी करवाए जाते हैं। जमीन का एग्रीमेंट आ...