भूषण किस युग के कवि हैं

  1. भूषण किस काल के कवि हैं Doubt Answers
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  3. महाकवि भूषण
  4. हिंदी साहित्य के 190 महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
  5. 'भूषण' किस काल के कवि हैं?
  6. भारत भूषण (हिन्दी कवि)
  7. मैथिलीशरण गुप्त किस युग के कवि हैं
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भूषण किस काल के कवि हैं Doubt Answers

1 year ago महाकवि भूषण (१६१३ - १७१५) रीतिकाल के तीन प्रमुख हिन्दी कवियों में से एक हैं, अन्य दो कवि हैं बिहारी तथा केशव। रीति काल में जब सब कवि शृंगार रस में रचना कर रहे थे, वीर रस में प्रमुखता से रचना कर भूषण ने अपने को सबसे अलग साबित किया। 'भूषण' की उपाधि उन्हें चित्रकूट के राजा रूद्रसाह के पुत्र हृदयराम ने प्रदान की थी। Disclaimer अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी

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भूषण (1613-1715 ई.) भूषण का जन्म कानपुर जिले के तिकवापुर ग्राम में हुआ था। ये कान्यकुब्ज ब्राह्मण थे। कहते हैं भूषण निकम्मे थे। एक बार नमक मांगने पर भाभी ने ताना दिया कि नमक कमाकर लाए हो? उसी समय इन्होंने घर छोड दिया और कहा 'कमाकर लाएंगे तभी खाएंगे। प्रसिध्द है कि कालांतर में इन्होंने एक लाख रुपए का नमक भाभी को भिजवाया। हिन्दू जाति का गौरव बढे और उन्नति हो यह इनकी अभिलाषा थी। इस कारण वीर शिवाजी को इन्होंने अपना आदर्श बनाया तथा उनकी प्रशंसा में कविता लिखी। चित्रकूट नरेश के पुत्र रुद्र सोलंकी ने भी इनकी कविता सराही और इन्हें 'भूषण की उपाधि दी। इनके प्रसिध्द ग्रंथ हैं- 'शिवराज भूषण, 'शिवा बावनी तथा 'छत्रसाल-दशक, जिनमें वीर, रौद्र, भयानक और वीभत्स रसों का प्रभावशाली चित्रण है। 'भूषण रीतिकाल के एकमात्र कवि हैं, जिन्होंने शृंगारिकता से हटकर वीरता और देशप्रेम के वर्णन से कविता को गौरव प्रदान किया। पद इन्द्र जिमि जंभ पर, बाडब सुअंभ पर, रावन सदंभ पर, रघुकुल राज हैं। पौन बारिबाह पर, संभु रतिनाह पर, ज्यौं सहस्रबाह पर राम-द्विजराज हैं॥ दावा द्रुम दंड पर, चीता मृगझुंड पर, 'भूषन वितुंड पर, जैसे मृगराज हैं। तेज तम अंस पर, कान्ह जिमि कंस पर, त्यौं मलिच्छ बंस पर, सेर शिवराज हैं॥ ऊंचे घोर मंदर के अंदर रहन वारी, ऊंचे घोर मंदर के अंदर रहाती हैं। कंद मूल भोग करैं, कंद मूल भोग करैं, तीन बेर खातीं, ते वे तीन बेर खाती हैं॥ भूषन शिथिल अंग, भूषन शिथिल अंग, बिजन डुलातीं ते वे बिजन डुलाती हैं। 'भूषन भनत सिवराज बीर तेरे त्रास, नगन जडातीं ते वे नगन जडाती हैं॥ छूटत कमान और तीर गोली बानन के, मुसकिल होति मुरचान की ओट मैं। ताही समय सिवराज हुकुम कै हल्ला कियो, दावा बांधि परा हल्ला बीर भट जोट मैं॥ 'भूषन भनत ...

महाकवि भूषण

प्रश्न १. महाकवि भूषण का परिचय देते हुए उनकी कृतियों पर प्रकाश डालिए। वीर रस के महान कवि भूषण भारतीय संस्कृति के अनन्य भक्त थे। जिस समय भूषण का आविर्भाव हुआ था, उस समय रीतिकालीन कवि सुरा-सुन्दरी के प्रमाद में डूबे विलासी राजाओं के लिए शृंगारिक रचनाएँ रच रहे थे। ऐसे समय में भूषण ने अपनी ओजस्वी वाणी में राष्ट्रीयता का सिंहनाद किया। उन्होंने शिवाजी एवं छत्रसाल की प्रशंसा में काव्य रचना की और राष्ट्रीयता एवं देश-प्रेम के जो भाव जाग्रत किए. वे आज भी लोगों के द्वारा सराहे जाते हैं। जीवन-परिचय कविवर भूषण का जन्म कानपुर जिले के तिकवांपुर नामक गाँव में सं. 1670 विक्रमी (सन 1613 ई.) में हुआ था। इनके पिता का नाम पं. रत्नाकर त्रिपाठी था। भूषण के तीन भाई थे— चिन्तामणि, मतिराम और नीलकण्ठ, जो रीतिकाल के प्रसिद्ध कवि थे। भूषण का वास्तविक नाम ‘अज्ञात’ है। ‘भूषण’ की उपाधि उन्हें चित्रकूट के राजा रुद्रराम ने प्रदान की थी। पारिवारिक कारणों से भूषण गृह त्यागकर दिल्ली में औरंगजेब के दरबार में चले गए थे। वहाँ से वे चित्रकूट के राजा रुद्रराम के दरबार में चले आए और सम्मान प्राप्त किया। इसके बाद वे शिवाजी और महाराजा छत्रसाल के दरबार में रहे। सम्वत् 1772 (सन 1714 ई.) में इनका देहान्त हो गया। रचनाएँ भूषण की प्रमुख रचनाएँ है— ‘ शिवा बावनी‘, ‘ शिवराज भूषण‘ और ‘ छत्रसाल दशक‘। ‘ शिवा बावनी‘ में महाराजा छत्रपति शिवाजी के शौर्यपूर्ण कार्यों का वर्णन है। ‘शिवराज भूषण’ काव्यशास्त्रीय लक्षण ग्रन्थ है। इसमें 105 अलंकारों के लक्षण आर उदाहरण दिए गए हैं। अलंकार के लक्षण दोहों में हैं तथा उदाहरण कवित्त, सवैया, छप्पय अथवा दोहों में हैं तथा सभी उदाहरण महाराज शिवाजी की प्रशंसा में लिखे गए हैं। प्रशस्ति निरूपण में ये ...

हिंदी साहित्य के 190 महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

हिंदी साहित्य के 190 महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर हिंदी विषय की परीक्षा में हमेशा हिंदी साहित्य से संबंधित काफी महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे जाते हैं. तो जो विद्यार्थी हिंदी विषय की परीक्षा की तैयारी कर रहा है उसके लिए आज इस पोस्ट में हम आपको हिन्दी व्याकरण प्रश्न पत्र हिंदी साहित्य वस्तुनिष्ठ प्रश्न हिंदी साहित्य के वस्तुनिष्ठ प्रश्न हिंदी साहित्य प्रश्न हिन्दी साहित्य प्रश्न उत्तर हिन्दी साहित्य प्रश्न सामान्य हिंदी प्रश्न हिन्दी हल प्रश्न पत्र से संबंधित काफी महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर देने वाले हैं जो कि पहले परीक्षा में पूछे जा चुके हैं और आगे आने वाली परीक्षा में भी इनमें से कौन से प्रश्न पूछे जा सकते हैं तो इन्हें बहुत ही ध्यानपूर्वक पढ़ें और अगर यह को फायदेमंद लगे तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करें. 1.किस पुस्तक का 15 भारतीय भाषाओं और 40 विदेशी भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है ? उत्तर :- पंचतंत्र 2.सर्वप्रथम भारत को इंडिया किसने कहा ? उत्तर :- यूनानवासियों ने 3.पुरापाषाण युग में आदि मानव के मनोंरजन का साधन क्या था ? उत्तर :- शिकार करना 4.किस युग को ‘चाल्कोलिथिक एज’ कहा जाता है ? उत्तर :- ताम्रपाषाण युग को 5.प्राचीन काल में मानव द्वारा किस अनाज का प्रयोग हुआ ? उत्तर :- चावल 6.आधुनिक मानव के हाल का पूर्वज कौन है ? उत्तर :- क्रोमैगनन मनुष्य 7.विक्रम संवत का शुभारंभ कब हुआ ? उत्तर :- 57 ई. 8.सर्वप्रथम किस विदेशी यात्री ने भारत यात्री की ? उत्तर :- फाह्यान ने 9.तक्षशिला नगर किन नदियों के मध्य स्थित था ? उत्तर :- सिंधु व झेल 10.सर्वप्रथम भारतवर्ष का जिक्र किस अभिलेखा में मिला है— उत्तर :- हाथी गुंफा अभिलेख में 11.चीनी यात्री ह्नेनसांग सर्वप्रथम किस भारतीय राज्य पहुँचा ? उत...

'भूषण' किस काल के कवि हैं?

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भारत भूषण (हिन्दी कवि)

भारत भूषण (८ जुलाई १९२९ - १७ दिसम्बर २०११) जीवन परिचय [ ] भारत भूषण का जन्म प्रमुख कृतियाँ [ ] इनका गीत संग्रह 'सागर के सीप' है। इसके अतिरिक्त तमाम कविताएं पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं। 'राम की जल समाधि' इनकी बहुचर्चित कविता है। इन्हें भी देखें [ ] • यह लेख किसी लेखक, कवि अथवा नाटककार के बारे में एक

मैथिलीशरण गुप्त किस युग के कवि हैं

Table of Contents • • • • मैथिलीशरण गुप्त किस युग के कवि हैं? मैथिलीशरण गुप्त आधुनिक काल के द्विवेदी युग के प्रमुख कवि हैं। मैथिलीशरण गुप्त का प्रारंभिक जीवन गुप्त जी का जन्म 3 अगस्त 1886 को उत्तर प्रदेश में झांसी के पास चिरगांव में हुआ था। वे अपने पिता सेठ रामचरण कनकने और माता काशी बाई की तीसरी संतान थे। बचपन में खेलकूद में अधिक रूचि होने के कारण उनकी स्कूली शिक्षा अधूरी रह गयी। हिन्दी, बंगला, संस्कृत साहित्य का अध्ययन उन्होंने घर पर ही किया। मुंशी अजमेरी जी के मार्गदर्शन में उन्होंने 12 वर्ष की आयु में ब्रजभाषा में अपनी पहली कविता कनकलता लिखी। आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी से मिलने के बाद उन्होंने खड़ी बोली में कवितायें लिखना प्रारंभ किया जिसका प्रकाशन मासिक पत्रिका “सरस्वती” में होने लगा। 12 दिसम्बर 1964 को दिल का दौरा पड़ने से भारत के राष्ट्रकवि ने इस जगत से विदा ले ली। मैथिलीशरण गुप्त की रचनाएँ गुप्त जी मुख्य रूप से द्विवेदी काल के कवि हैं और उनकी रचनाए रामायण एवं महाभारत से अत्यंत प्रभावित हैं। इनका प्रथम काव्य संग्रह “रंग में भंग” और उसके बाद में “जयद्रथ वध” प्रकाशित हुई। उन्होंने बंगाली भाषा के काव्य ग्रन्थ “मेघनाथ वध” और “ब्रजांगना” एवं संस्कृत के प्रसिद्ध ग्रन्थ “स्वप्नवासवदत्ता” का अनुवाद भी किया। गुप्त जी द्वारा एक महाकाव्य ‘साकेत’ की रचना भी की गयी। जो सन् 1916-17 ई. में प्रारंभ होकर 1931 में पूरा हुआ। 16 अप्रैल 1941 को उन्हें व्यक्तिगत सत्याग्रह में शामिल होने के लिए गिरफ्तार किया गया परन्तु उनके विरुद्ध आरोप सिद्ध नहीं होने से उन्हें 07 महीने में छोड़ दिया गया। सन् 1948 में आगरा विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें डी.लिट. की उपाधि भी दी गयी। मध्य प्रदेश के संस्कृति र...

UP Board Solutions for Class 10 Hindi आधुनिक काल – UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 10 Hindi आधुनिक काल These Solutions are part of आधुनिक काल अतिलघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1 आधुनिक काल के उन दो साहित्यकारों के नाम लिखिए, जिनके नाम के साथ ‘युग’ जुड़ गया। उन दोनों की एक-एक रचना का नाम भी लिखिए। उत्तर • भारतेन्दु हरिश्चन्द्र–प्रेम माधुरी तथा • महावीरप्रसाद द्विवेदी—अद्भुत आलाप। प्रश्न 2 आधुनिक काल के तीन अन्य नाम लिखिए। उत्तर आधुनिक काल के तीन अन्य नाम हैं— • गद्य-काल, • नवीन विकास-काल तथा • पुनर्जागरण-काल। प्रश्न 3 आधुनिक काल कविता की प्रमुख विशेषताओं (प्रवृत्तियों) का उल्लेख कीजिए। या आधुनिक काल की दो प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। [2012, 16] उत्तर आधुनिक कविता की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं— • जीवन के यथार्थ का चित्रण। • देश-प्रेम की (UPBoardSolutions.com) भावना। • खड़ी बोली में काव्य-रचना। • बौद्धिकता की प्रधानता। • गीति-काव्य की प्रधानता। • नये उपमानों के प्रयोग एवं • प्रतीकात्मकता।। प्रश्न 4 आधुनिक हिन्दी काव्य की दो मुख्य विशेषताओं का उल्लेख कीजिए और इस काल के दो कवियों तथा उनकी एक-एक महाकाव्य रचनाओं का नामोल्लेख कीजिए। उत्तर आधुनिक हिन्दी काव्य की दो मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार हैं— • ब्रजभाषा के स्थान पर खड़ी बोली का प्रचलन। • प्रबन्ध मुक्तक शैली के स्थान पर मधुर गीत और मुक्त छन्दों की रचना का प्रचलन। आधुनिक काल के दो कवि जयशंकर प्रसाद तथा मैथिलीशरण गुप्त हैं। इनमें से प्रसाद जी ने ‘कामायनी’ तथा गुप्त जी ने ‘साकेत’ महाकाव्य की रचना की। प्रश्न 5 हिन्दी खड़ी बोली में काव्य-रचना करने वाले किन्हीं दो प्रमुख कवियों के नाम बताइए और उनकी रचनाओं का भी उल्लेख कीजिए। उत्तर • अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’-प्रियप्रवास तथा • मैथिल...

महाकवि भूषण

प्रश्न १. महाकवि भूषण का परिचय देते हुए उनकी कृतियों पर प्रकाश डालिए। वीर रस के महान कवि भूषण भारतीय संस्कृति के अनन्य भक्त थे। जिस समय भूषण का आविर्भाव हुआ था, उस समय रीतिकालीन कवि सुरा-सुन्दरी के प्रमाद में डूबे विलासी राजाओं के लिए शृंगारिक रचनाएँ रच रहे थे। ऐसे समय में भूषण ने अपनी ओजस्वी वाणी में राष्ट्रीयता का सिंहनाद किया। उन्होंने शिवाजी एवं छत्रसाल की प्रशंसा में काव्य रचना की और राष्ट्रीयता एवं देश-प्रेम के जो भाव जाग्रत किए. वे आज भी लोगों के द्वारा सराहे जाते हैं। जीवन-परिचय कविवर भूषण का जन्म कानपुर जिले के तिकवांपुर नामक गाँव में सं. 1670 विक्रमी (सन 1613 ई.) में हुआ था। इनके पिता का नाम पं. रत्नाकर त्रिपाठी था। भूषण के तीन भाई थे— चिन्तामणि, मतिराम और नीलकण्ठ, जो रीतिकाल के प्रसिद्ध कवि थे। भूषण का वास्तविक नाम ‘अज्ञात’ है। ‘भूषण’ की उपाधि उन्हें चित्रकूट के राजा रुद्रराम ने प्रदान की थी। पारिवारिक कारणों से भूषण गृह त्यागकर दिल्ली में औरंगजेब के दरबार में चले गए थे। वहाँ से वे चित्रकूट के राजा रुद्रराम के दरबार में चले आए और सम्मान प्राप्त किया। इसके बाद वे शिवाजी और महाराजा छत्रसाल के दरबार में रहे। सम्वत् 1772 (सन 1714 ई.) में इनका देहान्त हो गया। रचनाएँ भूषण की प्रमुख रचनाएँ है— ‘ शिवा बावनी‘, ‘ शिवराज भूषण‘ और ‘ छत्रसाल दशक‘। ‘ शिवा बावनी‘ में महाराजा छत्रपति शिवाजी के शौर्यपूर्ण कार्यों का वर्णन है। ‘शिवराज भूषण’ काव्यशास्त्रीय लक्षण ग्रन्थ है। इसमें 105 अलंकारों के लक्षण आर उदाहरण दिए गए हैं। अलंकार के लक्षण दोहों में हैं तथा उदाहरण कवित्त, सवैया, छप्पय अथवा दोहों में हैं तथा सभी उदाहरण महाराज शिवाजी की प्रशंसा में लिखे गए हैं। प्रशस्ति निरूपण में ये ...

भारत भूषण (हिन्दी कवि)

भारत भूषण (८ जुलाई १९२९ - १७ दिसम्बर २०११) जीवन परिचय [ ] भारत भूषण का जन्म प्रमुख कृतियाँ [ ] इनका गीत संग्रह 'सागर के सीप' है। इसके अतिरिक्त तमाम कविताएं पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं। 'राम की जल समाधि' इनकी बहुचर्चित कविता है। इन्हें भी देखें [ ] • यह लेख किसी लेखक, कवि अथवा नाटककार के बारे में एक