Bipolar disorder kya hota hai

  1. बाइपोलर डिसआर्डर क्या है
  2. Bipolar Junction Transistor
  3. ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर के कारण और इलाज OCD In Hindi
  4. बाइपोलर डिसआर्डर क्या है
  5. ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर के कारण और इलाज OCD In Hindi
  6. Bipolar Junction Transistor
  7. बाइपोलर डिसआर्डर क्या है
  8. Bipolar Junction Transistor
  9. ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर के कारण और इलाज OCD In Hindi
  10. बाइपोलर डिसआर्डर क्या है


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बाइपोलर डिसआर्डर क्या है

यह एक तरह की काम्प्लेक्स मानसिक बीमारी है जिसमे रोगी का मन लगातार कई महीनो या हफ्तों तक या तो बहुत उदास रहता है या फ़िर बहुत खुश | इस रोग को मैनिक डिप्रेशन (MANIC DEPRESSION) भी कहाँ जाता है. यह एक साइक्लिक डिसऑर्डर है जिसमे पीड़ित व्यक्ति की मनोदशा बारी-बारी से दो अलग और विपरीत अवस्थाओं में जाती रहती है। इस बीमारी में इंसान के behaviour में अचानक बदलाव देखने को मिलता है. कभी उसका मिजाज काफी खुश रहता है तो कभी कभी बिना बात पर काफी उदास. उदासी के समय नकारात्मक विचार (जैसे अपने आप को दोषी महसूस करना ) तथा अत्यधिक ख़ुशी के दौरान मन में ऊँचे ऊँचे विचार (जैसे मैं बहुत अमीर, क्रिएटिव या शक्तिशाली हूँ) आते हैं | मौसम में बदलाव इस रोग में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है. पतझड़ और सर्दी के समय रोगी में मरीज में तनाव के लक्षण देखे जा सकते है. कब होता है बाइपोलर डिसआर्डर – onset of bipolar disorder in hindi बाइपोलर डिसआर्डर लगभग हर 100 में से एक इंसान को जिन्दगी में कभी ना कभी हो सकती है | bipolar disorder की शुरुआत प्राय 15 साल से 20 साल के बीच होती है और इसमें पुरुष (male) तथा महिलाएँ (female) दोनों ही समान रूप से प्रभावित होते हैं | बाइपोलर डिसआर्डर के लक्षण – sign and symptoms of bipolar disorder in hindi Depression (अवसाद): लक्षण मे शामिल है- • अत्यधिक उदासी • किसी भी काम में अरुचि • चिड़चिड़ापन और घबराहट • भविष्य के बारे में सोच कर निराशा • शरीर में ऊर्जा की कमी और अपने आप से नफ़रत • नींद की कमी और मन में रोने की इच्छा • आत्मविश्वास की कमी लगातार बनी रहती है • मन में आत्महत्या के विचार आते रहते हैं • वजन में लाभ या हानि ‘मैनिया’ के लक्षण:- symptoms of mania in hindi • रोगी का वास्तविक...

Bipolar Junction Transistor

Bipolar junction transistor (BJT) is the type of transistor and three-terminal What is Transistor and Its Types? The transistors are semiconductor devices, which will conduct and resist the electric current and voltage. Usually, transistors will act either as a switch or as an amplifier. The main function of transistors is to regulate and control the flow of current in the electronic circuit. The transistors are mainly classified into three types based on p-n junctions. They are unipolar junction transistors, bipolar junction transistors and field-effect transistors. (Image will be Uploaded soon) BJT Characteristics and Types Usually, BJTs will have three terminals and two p-n junctions. The three terminals are namely, base, emitter and collector. In BJT, only less current will flow between base and emitter terminals and a larger current will flow between collector and emitter terminals. Based on the doping BJTs are mainly classified into two types. They are PNP transistors and NPN transistors. (Image will be Uploaded soon) BJTs are classified into two types, PNP transistors and NPN transistors. Let us understand these types of transistors in detail. NPN Transistor In NPN transistors, one p-type semiconductor is placed between two n-type semiconductors and it forms the two p-n junctions. These NPN transistors are widely used in many electronic devices, mainly to amplify weak signals. In the NPN transistors, the current flow will be usually from the emitter to the collector...

ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर के कारण और इलाज OCD In Hindi

नैना 33 वर्ष की एक महिला है जो एक बच्चे की माँ है. उसके मन में बार बार यह विचार आता है की उसके बच्चे को बैक्टीरियल इन्फेक्शन हो सकता है. इस बात से वह काफी परेशान रहती है और दिन में कई बार इस बारे में सोचती रहती है. इस वजह से वह रोजाना घर के सभी कपडे धोती है और दिन में कई बार घर को साफ़ करती है. साथ ही वह अपने बच्चे के हाथ भी कई बार साबुन से धुलवाती है. नैना की इस आदत से वह और घर के बाकी सदस्य भी काफी परेशान है. इसलिए वे एक मनोचिकित्सक की परामर्श लेते है जहाँ नैना को obsessive compulsive disorder से ग्रसित पाया जाता है. क्या है ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर – obsessive compulsive disorder in hindi Obsessive compulsive disorder एक ऐसी बीमारी है जहाँ रोगी के मन में बार बार तर्कहीन विचार आते है और वह न चाहते हुए भी उन विचारो के बारे सोचता है और उन्हें पूरा करने की कोशिश करता है. ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर obsession और compulsion से मिलकर बना है. obsession वह विचार, संदेह या चिंतन है जो रोगी की इच्छा के विपरीत उसके मन में बार बार आता है. और उस व्यक्ति का उस पर नियंत्रण नहीं होता है. ऐसे विचार अक्सर हास्यपद, तर्कहीन और असगंत होते है. रोगी भी इस बात को अच्छे से समझता है और उनसे छुटकारा भी पाना चाहता है लेकिन वह ऐसा कर नही पाता. इसलिए दिन में ज्यादातर समय वह अशांत और बेचैन रहता है. जब ओबसेशन एक्शन में बदल जाता है तो उसे compulsion कहा जाता है. इसमें पीड़ित व्यक्ति एक ही काम को कई बार करते है. हालाकिं वे जानते है की ये काम अर्थहीन है लेकिन ऐसा करने से वे अपने आपको रोक नहीं पाते क्योकि ऐसा करके वे क्षणिक शांति का अनुभव करते है.. उदहारण के तौर पर बार बार हाथ धोना, बार बार पैसे गिनना, ताला...

बाइपोलर डिसआर्डर क्या है

यह एक तरह की काम्प्लेक्स मानसिक बीमारी है जिसमे रोगी का मन लगातार कई महीनो या हफ्तों तक या तो बहुत उदास रहता है या फ़िर बहुत खुश | इस रोग को मैनिक डिप्रेशन (MANIC DEPRESSION) भी कहाँ जाता है. यह एक साइक्लिक डिसऑर्डर है जिसमे पीड़ित व्यक्ति की मनोदशा बारी-बारी से दो अलग और विपरीत अवस्थाओं में जाती रहती है। इस बीमारी में इंसान के behaviour में अचानक बदलाव देखने को मिलता है. कभी उसका मिजाज काफी खुश रहता है तो कभी कभी बिना बात पर काफी उदास. उदासी के समय नकारात्मक विचार (जैसे अपने आप को दोषी महसूस करना ) तथा अत्यधिक ख़ुशी के दौरान मन में ऊँचे ऊँचे विचार (जैसे मैं बहुत अमीर, क्रिएटिव या शक्तिशाली हूँ) आते हैं | मौसम में बदलाव इस रोग में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है. पतझड़ और सर्दी के समय रोगी में मरीज में तनाव के लक्षण देखे जा सकते है. कब होता है बाइपोलर डिसआर्डर – onset of bipolar disorder in hindi बाइपोलर डिसआर्डर लगभग हर 100 में से एक इंसान को जिन्दगी में कभी ना कभी हो सकती है | bipolar disorder की शुरुआत प्राय 15 साल से 20 साल के बीच होती है और इसमें पुरुष (male) तथा महिलाएँ (female) दोनों ही समान रूप से प्रभावित होते हैं | बाइपोलर डिसआर्डर के लक्षण – sign and symptoms of bipolar disorder in hindi Depression (अवसाद): लक्षण मे शामिल है- • अत्यधिक उदासी • किसी भी काम में अरुचि • चिड़चिड़ापन और घबराहट • भविष्य के बारे में सोच कर निराशा • शरीर में ऊर्जा की कमी और अपने आप से नफ़रत • नींद की कमी और मन में रोने की इच्छा • आत्मविश्वास की कमी लगातार बनी रहती है • मन में आत्महत्या के विचार आते रहते हैं • वजन में लाभ या हानि ‘मैनिया’ के लक्षण:- symptoms of mania in hindi • रोगी का वास्तविक...

ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर के कारण और इलाज OCD In Hindi

नैना 33 वर्ष की एक महिला है जो एक बच्चे की माँ है. उसके मन में बार बार यह विचार आता है की उसके बच्चे को बैक्टीरियल इन्फेक्शन हो सकता है. इस बात से वह काफी परेशान रहती है और दिन में कई बार इस बारे में सोचती रहती है. इस वजह से वह रोजाना घर के सभी कपडे धोती है और दिन में कई बार घर को साफ़ करती है. साथ ही वह अपने बच्चे के हाथ भी कई बार साबुन से धुलवाती है. नैना की इस आदत से वह और घर के बाकी सदस्य भी काफी परेशान है. इसलिए वे एक मनोचिकित्सक की परामर्श लेते है जहाँ नैना को obsessive compulsive disorder से ग्रसित पाया जाता है. क्या है ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर – obsessive compulsive disorder in hindi Obsessive compulsive disorder एक ऐसी बीमारी है जहाँ रोगी के मन में बार बार तर्कहीन विचार आते है और वह न चाहते हुए भी उन विचारो के बारे सोचता है और उन्हें पूरा करने की कोशिश करता है. ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर obsession और compulsion से मिलकर बना है. obsession वह विचार, संदेह या चिंतन है जो रोगी की इच्छा के विपरीत उसके मन में बार बार आता है. और उस व्यक्ति का उस पर नियंत्रण नहीं होता है. ऐसे विचार अक्सर हास्यपद, तर्कहीन और असगंत होते है. रोगी भी इस बात को अच्छे से समझता है और उनसे छुटकारा भी पाना चाहता है लेकिन वह ऐसा कर नही पाता. इसलिए दिन में ज्यादातर समय वह अशांत और बेचैन रहता है. जब ओबसेशन एक्शन में बदल जाता है तो उसे compulsion कहा जाता है. इसमें पीड़ित व्यक्ति एक ही काम को कई बार करते है. हालाकिं वे जानते है की ये काम अर्थहीन है लेकिन ऐसा करने से वे अपने आपको रोक नहीं पाते क्योकि ऐसा करके वे क्षणिक शांति का अनुभव करते है.. उदहारण के तौर पर बार बार हाथ धोना, बार बार पैसे गिनना, ताला...

Bipolar Junction Transistor

Bipolar junction transistor (BJT) is the type of transistor and three-terminal What is Transistor and Its Types? The transistors are semiconductor devices, which will conduct and resist the electric current and voltage. Usually, transistors will act either as a switch or as an amplifier. The main function of transistors is to regulate and control the flow of current in the electronic circuit. The transistors are mainly classified into three types based on p-n junctions. They are unipolar junction transistors, bipolar junction transistors and field-effect transistors. (Image will be Uploaded soon) BJT Characteristics and Types Usually, BJTs will have three terminals and two p-n junctions. The three terminals are namely, base, emitter and collector. In BJT, only less current will flow between base and emitter terminals and a larger current will flow between collector and emitter terminals. Based on the doping BJTs are mainly classified into two types. They are PNP transistors and NPN transistors. (Image will be Uploaded soon) BJTs are classified into two types, PNP transistors and NPN transistors. Let us understand these types of transistors in detail. NPN Transistor In NPN transistors, one p-type semiconductor is placed between two n-type semiconductors and it forms the two p-n junctions. These NPN transistors are widely used in many electronic devices, mainly to amplify weak signals. In the NPN transistors, the current flow will be usually from the emitter to the collector...

बाइपोलर डिसआर्डर क्या है

यह एक तरह की काम्प्लेक्स मानसिक बीमारी है जिसमे रोगी का मन लगातार कई महीनो या हफ्तों तक या तो बहुत उदास रहता है या फ़िर बहुत खुश | इस रोग को मैनिक डिप्रेशन (MANIC DEPRESSION) भी कहाँ जाता है. यह एक साइक्लिक डिसऑर्डर है जिसमे पीड़ित व्यक्ति की मनोदशा बारी-बारी से दो अलग और विपरीत अवस्थाओं में जाती रहती है। इस बीमारी में इंसान के behaviour में अचानक बदलाव देखने को मिलता है. कभी उसका मिजाज काफी खुश रहता है तो कभी कभी बिना बात पर काफी उदास. उदासी के समय नकारात्मक विचार (जैसे अपने आप को दोषी महसूस करना ) तथा अत्यधिक ख़ुशी के दौरान मन में ऊँचे ऊँचे विचार (जैसे मैं बहुत अमीर, क्रिएटिव या शक्तिशाली हूँ) आते हैं | मौसम में बदलाव इस रोग में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है. पतझड़ और सर्दी के समय रोगी में मरीज में तनाव के लक्षण देखे जा सकते है. कब होता है बाइपोलर डिसआर्डर – onset of bipolar disorder in hindi बाइपोलर डिसआर्डर लगभग हर 100 में से एक इंसान को जिन्दगी में कभी ना कभी हो सकती है | bipolar disorder की शुरुआत प्राय 15 साल से 20 साल के बीच होती है और इसमें पुरुष (male) तथा महिलाएँ (female) दोनों ही समान रूप से प्रभावित होते हैं | बाइपोलर डिसआर्डर के लक्षण – sign and symptoms of bipolar disorder in hindi Depression (अवसाद): लक्षण मे शामिल है- • अत्यधिक उदासी • किसी भी काम में अरुचि • चिड़चिड़ापन और घबराहट • भविष्य के बारे में सोच कर निराशा • शरीर में ऊर्जा की कमी और अपने आप से नफ़रत • नींद की कमी और मन में रोने की इच्छा • आत्मविश्वास की कमी लगातार बनी रहती है • मन में आत्महत्या के विचार आते रहते हैं • वजन में लाभ या हानि ‘मैनिया’ के लक्षण:- symptoms of mania in hindi • रोगी का वास्तविक...

Bipolar Junction Transistor

Bipolar junction transistor (BJT) is the type of transistor and three-terminal What is Transistor and Its Types? The transistors are semiconductor devices, which will conduct and resist the electric current and voltage. Usually, transistors will act either as a switch or as an amplifier. The main function of transistors is to regulate and control the flow of current in the electronic circuit. The transistors are mainly classified into three types based on p-n junctions. They are unipolar junction transistors, bipolar junction transistors and field-effect transistors. (Image will be Uploaded soon) BJT Characteristics and Types Usually, BJTs will have three terminals and two p-n junctions. The three terminals are namely, base, emitter and collector. In BJT, only less current will flow between base and emitter terminals and a larger current will flow between collector and emitter terminals. Based on the doping BJTs are mainly classified into two types. They are PNP transistors and NPN transistors. (Image will be Uploaded soon) BJTs are classified into two types, PNP transistors and NPN transistors. Let us understand these types of transistors in detail. NPN Transistor In NPN transistors, one p-type semiconductor is placed between two n-type semiconductors and it forms the two p-n junctions. These NPN transistors are widely used in many electronic devices, mainly to amplify weak signals. In the NPN transistors, the current flow will be usually from the emitter to the collector...

ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर के कारण और इलाज OCD In Hindi

नैना 33 वर्ष की एक महिला है जो एक बच्चे की माँ है. उसके मन में बार बार यह विचार आता है की उसके बच्चे को बैक्टीरियल इन्फेक्शन हो सकता है. इस बात से वह काफी परेशान रहती है और दिन में कई बार इस बारे में सोचती रहती है. इस वजह से वह रोजाना घर के सभी कपडे धोती है और दिन में कई बार घर को साफ़ करती है. साथ ही वह अपने बच्चे के हाथ भी कई बार साबुन से धुलवाती है. नैना की इस आदत से वह और घर के बाकी सदस्य भी काफी परेशान है. इसलिए वे एक मनोचिकित्सक की परामर्श लेते है जहाँ नैना को obsessive compulsive disorder से ग्रसित पाया जाता है. क्या है ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर – obsessive compulsive disorder in hindi Obsessive compulsive disorder एक ऐसी बीमारी है जहाँ रोगी के मन में बार बार तर्कहीन विचार आते है और वह न चाहते हुए भी उन विचारो के बारे सोचता है और उन्हें पूरा करने की कोशिश करता है. ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर obsession और compulsion से मिलकर बना है. obsession वह विचार, संदेह या चिंतन है जो रोगी की इच्छा के विपरीत उसके मन में बार बार आता है. और उस व्यक्ति का उस पर नियंत्रण नहीं होता है. ऐसे विचार अक्सर हास्यपद, तर्कहीन और असगंत होते है. रोगी भी इस बात को अच्छे से समझता है और उनसे छुटकारा भी पाना चाहता है लेकिन वह ऐसा कर नही पाता. इसलिए दिन में ज्यादातर समय वह अशांत और बेचैन रहता है. जब ओबसेशन एक्शन में बदल जाता है तो उसे compulsion कहा जाता है. इसमें पीड़ित व्यक्ति एक ही काम को कई बार करते है. हालाकिं वे जानते है की ये काम अर्थहीन है लेकिन ऐसा करने से वे अपने आपको रोक नहीं पाते क्योकि ऐसा करके वे क्षणिक शांति का अनुभव करते है.. उदहारण के तौर पर बार बार हाथ धोना, बार बार पैसे गिनना, ताला...

बाइपोलर डिसआर्डर क्या है

यह एक तरह की काम्प्लेक्स मानसिक बीमारी है जिसमे रोगी का मन लगातार कई महीनो या हफ्तों तक या तो बहुत उदास रहता है या फ़िर बहुत खुश | इस रोग को मैनिक डिप्रेशन (MANIC DEPRESSION) भी कहाँ जाता है. यह एक साइक्लिक डिसऑर्डर है जिसमे पीड़ित व्यक्ति की मनोदशा बारी-बारी से दो अलग और विपरीत अवस्थाओं में जाती रहती है। इस बीमारी में इंसान के behaviour में अचानक बदलाव देखने को मिलता है. कभी उसका मिजाज काफी खुश रहता है तो कभी कभी बिना बात पर काफी उदास. उदासी के समय नकारात्मक विचार (जैसे अपने आप को दोषी महसूस करना ) तथा अत्यधिक ख़ुशी के दौरान मन में ऊँचे ऊँचे विचार (जैसे मैं बहुत अमीर, क्रिएटिव या शक्तिशाली हूँ) आते हैं | मौसम में बदलाव इस रोग में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है. पतझड़ और सर्दी के समय रोगी में मरीज में तनाव के लक्षण देखे जा सकते है. कब होता है बाइपोलर डिसआर्डर – onset of bipolar disorder in hindi बाइपोलर डिसआर्डर लगभग हर 100 में से एक इंसान को जिन्दगी में कभी ना कभी हो सकती है | bipolar disorder की शुरुआत प्राय 15 साल से 20 साल के बीच होती है और इसमें पुरुष (male) तथा महिलाएँ (female) दोनों ही समान रूप से प्रभावित होते हैं | बाइपोलर डिसआर्डर के लक्षण – sign and symptoms of bipolar disorder in hindi Depression (अवसाद): लक्षण मे शामिल है- • अत्यधिक उदासी • किसी भी काम में अरुचि • चिड़चिड़ापन और घबराहट • भविष्य के बारे में सोच कर निराशा • शरीर में ऊर्जा की कमी और अपने आप से नफ़रत • नींद की कमी और मन में रोने की इच्छा • आत्मविश्वास की कमी लगातार बनी रहती है • मन में आत्महत्या के विचार आते रहते हैं • वजन में लाभ या हानि ‘मैनिया’ के लक्षण:- symptoms of mania in hindi • रोगी का वास्तविक...