बजरंग बाण लिखित में

  1. Bajrang Baan: श्री बजरंग बाण व इसके चमत्कारिक फायदे
  2. Shri Bajrang Baan In Hindi
  3. [Free PDF] बजरंग बाण पाठ
  4. Full Bajrang Baan pdf in 1 Page Free Download
  5. [PDF] श्री बजरंग बाण पाठ
  6. Tuesday Bajrang Baan Path Vidhi And Benefit Rules


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Bajrang Baan: श्री बजरंग बाण व इसके चमत्कारिक फायदे

1. श्री बजरंग बाण हिंदी में 2. श्री बजरंग बाण पढ़ने के फायदे 3. श्री बजरंग बाण अंग्रेजी में 4. डाउनलोड श्री बजरंग बाण का MP3 रिंगटोन 5. श्री बजरंग बाण का हिंदी लिरिक्स विडियो 1. श्री बजरंग बाण – हिंदी में दोहा निश्चय प्रेम प्रतीति ते , विनय करैं सनमान । तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥ चौपाई जय हनुमंत संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी।। जनके काज बिलंब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै।। जैसे कूदि सिंधु महिपारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा।। आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुरलोका।। जाय विभीषण को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा।। बाग उजारि सिंधु महँ बोरा। अति आतुर यमकातर तोरा।। अक्षय कुमार मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा।। लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुरपुर मह भई।। अब बिलंब केहि कारन स्वामी। कृपा करहु उर अंतरयामी।। जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता। आतुर होइ दुख करहु निपाता।। जय गिरिधर जय जय सुखसागर। सुर-समूह-समरथ भट-नागर।। ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले। बैरिहि मारु बज्र की कीले।। गदा बज्र लै बैरिहि मारो। महारज प्रभु दास उबारो।। ओंकार हुंकार महाबीर धावो। वज्र गदा हनु बिलम्ब न लावो।। ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा। ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर शीशा।। सत्य होहु हरि शपथ पायके। राम दूत धरु मारु जायके।। जय जय जय हनुमंत अगाधा। दुख पावत जन केहि अपराधा।। पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत हौं दास तुम्हारा।। वन उपवन मग गिरिगृह माहीं। तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं।। पांय परौं कर जोरि मनावौं। यहि अवसर अब केहि गोहरावौं।। जय अंजनि कुमार बलवंता। शंकर सुवन वीर हनुमंता।। बदन कराल काल कुल घालक। राम सहाय सदा प्रति पालक।। भूत प्रेत पिशाच निशाचर । अग्नि बैताल काल मारीमर।। इन्हें मारु तोहिं सपथ...

Shri Bajrang Baan In Hindi

॥दोहा॥ निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करै सनमान। तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करै हनुमान॥ जो भी राम भक्त श्री बजरंग बलि हनुमान के सामने संकल्प लेकर पूरी श्रद्धा व प्रेम से उनसे प्रार्थना करता है श्री हनुमान उनके सभी कार्यों को शुभ करते हैं। ॥चौपाई॥ जय हनुमन्त सन्त हितकारी। सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी॥ जन के काज विलम्ब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै॥ हे संतों का कल्याण करने वाले श्री हनुमान आपकी जय हो, हे प्रभु हमारी प्रार्थना सुन लिजिए। हे बजरंग बली वीर हनुमान अब भक्तों के कार्यों को संवारने में देरी न करें व सुख प्रदान करने के लिए जल्दी से आइये। जैसे कूदि सिन्धु वहि पारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥ आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुर लोका॥ जाय विभीषण को सुख दीन्हा। सीता निरखि परम पद लीन्हा॥ बाग उजारि सिन्धु महं बोरा। अति आतुर यम कातर तोरा॥ अक्षय कुमार मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा॥ लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुर पुर महं भई॥ हे बजरंग बलि जैसे आपने कूद कर सागर को पार कर लिया था। सुरसा जैसी राक्षसी ने अपने विशालकाय शरीर से आपको लंका जाने से रोकना भी चाहा, लेकिन जिस तरह आपने उसे लात मार कर देवलोक पंहुचा दिया था। जिस तरह लंका जाकर आपने विभिषण को सुख दिया। माता सीता को ढूंडकर परम पद की प्राप्ति की। आपने रावण की लंका के बाग उजाड़े और आप रावण के भेजे सैनिकों के लिए यम के दूत बने। जितनी तेजी से आपने अक्षय कुमार का संहार किया, जैसे आपने अपनी पूंछ से लंका को लाख के महल के समान जला दिया जिससे आपकी जय जयकार सुर पुर यानि स्वर्ग में होने लगी। अब विलम्ब केहि कारण स्वामी। कृपा करहुं उर अन्तर्यामी॥ जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता। आतुर होइ दु:ख करहुं निपाता॥ जय गिरिधर जय जय सुख सागर। सु...

[Free PDF] बजरंग बाण पाठ

Free download बजरंग बाण पाठ PDF | Bajrang Baan PDF in Hindi, scroll down & click on the download link given below. “यह बजरंग बाण जो जापै, तेहिते भूत प्रेत सब कापें” जो भक्त बजरंग बाण पाठ का जप करते है उनके पास आने और उनको किसी भी प्रकार की हानि पहुंचाने का सोचकर ही भूत-प्रेत डर से कांपने लगते हैं। बजरंग बाण पाठ– Bajrang Baan Path Page Contents • • • • • बजरंग बाण की रचना गोस्वामी तुलसीदास जी के द्वारा 16वी शताब्दी की गयी। इस पोस्ट में आप पढ़ सकते है बजरंग बाण पाठ करने के लाभ और नियम जिनको ध्यान में रखकर इस पाठ को करना चाहिए। बजरंग बाण का ह्रदय से पाठ करने से मन की शांति तो मिलती ही है साथ ही साथ अनेकोनेक सांसारिक सुख का भी लाभ मिलता है। इस पोस्ट में बजरंग पाठ का अर्थ विस्तार पूर्वक दिया गया है ताकि व्यक्ति पाठ का महत्व व् अर्थ समझ कर इसका नियमित पाठ करे और अपने जीवन को सुखी बना सके। बजरंग बाण पाठ लिरिक्स अर्थ सहित– Bajrang Baan Lyrics with Meaning in Hindi पाठ को ऑफलाइन पढ़ने के लिए नीचे स्क्रॉल कर Bajrang Baan PDF डाउनलोड करे। ।। दोहा ।। निश्चय प्रेम प्रतीति ते, विनय करें सनमान । तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करें हनुमान।। अर्थ: जो भक्त अपने ह्रदय में आपके प्रति पूरी श्रद्धा व प्रेम भाव सहित संकल्प के साथ आपसे प्रार्थना करते है। हे हनुमान जी, आप अपने सभी भक्तों के सकल कार्यों को शुभदायक और सफल करते हैं। ।। चौपाई ।। जय हनुमंत संत हितकारी, सुन लीजै प्रभु अरज हमारी । जन के काज विलम्ब न कीजे, आतुर दौरि महासुख दीजै । जैसे कूदि सिंधु बही पारा, सुरसा बदन पैठि बिस्तारा । आगे जाइ लंकिनी रोका, मारेहु लात गई सुर लोका । अर्थ:हे संतों का हित करने वाले हनुमान जी, आपकी सदा ही जय हो, हे प्र...

Full Bajrang Baan pdf in 1 Page Free Download

5/5 - (3 votes) आज हम सम्पूर्ण बजरंग बाण हिन्दी, इंग्लिश और बंगाली भाषा में पीडीऍफ़ ( Bajrang Baan PDF 1 Page) दे रहे हैं। क्योंकि ज्यादातर लोगों के पास बजरंग बाण नहीं रहने की वजह से वह पाठ नहीं कर पाते हैं। इसीलिए आपकी सुबिधा के लिए हमारा यह प्रयास। Bajrang Baan pdf in 1 Page आप बहुत ही आसानी से बजरंग बाण का पीडीएफ ( Bajrang Baan pdf in 1 Page Free Download) प्रिंट लेकर पाठ कर सकते हैं। मंगलबार और शनिबार बजरंग बाण का पाठ करने से हनुमान जी बहुत ही प्रसन्न होते हैं। तो चलिए शुरू करते हैं बजरंग बाण पाठ। और पढ़िए Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • Bajrang Baan in Hindi| सम्पूर्ण बजरंग बाण ||दोहा|| निश्चय प्रेम प्रतीत ते, विनय करें सनमान ॥ तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान ॥ ||चौपाई|| जय हनुमंत संत हितकारी ॥ सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ॥1॥ जन के काज विलम्ब न कीजै ॥ आतुर दौरि महा सुख दीजै ॥2॥ जैसे कूदि सुन्धु वहि पारा ॥ सुरसा बद पैठि विस्तारा ॥3॥ आगे जाई लंकिनी रोका ॥ मारेहु लात गई सुर लोका ॥4॥ जाय विभीषण को सुख दीन्हा ॥ सीता निरखि परम पद लीन्हा ॥5॥ बाग उजारी सिंधु महं बोरा ॥ अति आतुर जमकातर तोरा ॥6॥ अक्षय कुमार मारि संहारा ॥ लूम लपेट लंक को जारा ॥7॥ लाह समान लंक जरि गई ॥ जय जय धुनि सुरपुर में भई ॥8॥ अब विलम्ब केहि कारण स्वामी ॥ कृपा करहु उन अन्तर्यामी ॥9॥ जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता ॥ आतुर होय दुख हरहु निपाता ॥10॥ जै गिरिधर जै जै सुखसागर ॥ सुर समूह समरथ भटनागर ॥11॥ जय हनु हनु हनुमंत हठीले ॥ बैरिहि मारु बज्र की कीले ॥12॥ गदा बज्र लै बैरिहिं मारो ॥ महाराज प्रभु दास उबारो ॥13॥ ॐ कार हुंकार महाप्रभु धावो ॥ बज्र गदा हनु विलम्ब न लावो ॥14॥...

[PDF] श्री बजरंग बाण पाठ

बजरंग बाण पाठ: दोहा और चौपाई बजरंग बाण दोहा निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान। तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥ बजरंग बाण चौपाई जय हनुमंत संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥ जन के काज बिलंब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै॥ जैसे कूदि सिंधु महिपारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥ आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुरलोका॥ जाय बिभीषन को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा॥ बाग उजारि सिंधु महँ बोरा। अति आतुर जमकातर तोरा॥ अक्षय कुमार मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा॥ लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुरपुर नभ भई॥ अब बिलंब केहि कारन स्वामी। कृपा करहु उर अंतरयामी॥ जय जय लखन प्रान के दाता। आतुर ह्वै दुख करहु निपाता॥ जै हनुमान जयति बल-सागर। सुर-समूह-समरथ भट-नागर॥ ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले। बैरिहि मारु बज्र की कीले॥ ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा। ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीसा॥ जय अंजनि कुमार बलवंता। शंकरसुवन बीर हनुमंता॥ बदन कराल काल-कुल-घालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक॥ भूत, प्रेत, पिसाच निसाचर। अगिन बेताल काल मारी मर॥ इन्हें मारु, तोहि सपथ राम की। राखु नाथ मरजाद नाम की॥ सत्य होहु हरि सपथ पाइ कै। राम दूत धरु मारु धाइ कै॥ जय जय जय हनुमंत अगाधा। दुख पावत जन केहि अपराधा॥ पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत कछु दास तुम्हारा॥ बन उपबन मग गिरि गृह माहीं। तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीं॥ जनकसुता हरि दास कहावौ। ताकी सपथ बिलंब न लावौ॥ जै जै जै धुनि होत अकासा। सुमिरत होय दुसह दुख नासा॥ चरन पकरि, कर जोरि मनावौं। यहि औसर अब केहि गोहरावौं॥ उठु, उठु, चलु, तोहि राम दुहाई। पायँ परौं, कर जोरि मनाई॥ ॐ चं चं चं चं चपल चलंता। ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता॥ ॐ हं हं हाँक देत कपि चंचल। ॐ सं सं सहमि पराने ख...

Tuesday Bajrang Baan Path Vidhi And Benefit Rules

Bajrang Baan Path: मंगलवार का दिन राम भक्त हनुमान जी की पूजा के लिए समर्पित है. हनुमान जी को संकटमोचन भी कहा जाता है. कहते हैं जब विपदा बहुत प्रबल हो जाए, हर कार्य में निराशा हाथ लगे तब हनुमान जी की पूजा और बजरंग बाण का पाठ करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. बजरंग बाण को बहुत प्रभावशाली माना गया है. हनुमान जी की कृपा पाने के लिए विशेषकर मंगलवार और शनिवार को ये पाठ करना उत्तम माना गया है. बजरंग बाण पाठ को विधि पूर्वक करने से डर, रोग, ग्रह दोष दूर होते हैं. आइए जानते हैं कब करना चाहिए बजरंग बाण का पाठ और इसके क्या है लाभ. कब करें बजरंग बाण पाठ बजरंग बाण का पाठ बहुत शक्तिशाली है. नियम के अनुसार इस पाठ को करने का उद्देश्य किसी विशेष कार्य को सिद्ध करने के लिए किया जाता है. बाण का अर्थ है निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करना. यही वजह है कि बजरंग बाण का पाठ तभी करना चाहिए जब सारी परिस्थितियां आपके विरुद्ध हो जाएं और कोई हल नजर ना आए तो इस पाठ के करने से हनुमान जी की विशेष कृपा मिलती है और जल्द परिणाम दिखने लगते हैं. बजरंग बाण के फायदे • भय, रोग, दोष से छुटकारा पाने के लिए • कार्य में आ रही बाधाओं को दूर करने और उसमें सफलता प्राप्त करने के लिए • दुश्मनों पर जीत हासिल करने के लिए बजरंग बाण पाठ करने की विधि • मंगलवार या शनिवार को निमित्त इच्छाओं की पूर्ति के लिए बजरंग बाण के पाठ का संकल्प लें. • सूर्योदय से पहले स्नान के बाद हनुमान जी के प्रिय रंग लाल या नारंगी रंग के वस्त्र पहनें. • हनुमान जी की तस्वीर के समक्ष घी का दीपक जलाएं. • बजरंग बाण का पाठ कुश के आसन पर बैठकर करें. ये पाठ शुद्ध उच्चारण के साथ और एक बार में ही पूरा करने का विधान है. बजरंग बाण दोहा निश्चय प्रेम प्रतीति ते, विनय ...