बकासुर

  1. Krishna Chalisa
  2. Demon Bakasura Story in Hindi भीम और बकासुर की कहानी
  3. भीम और बकासुर की कहानी Bheem aur rakshas bakasur story in hindi
  4. बकासुर
  5. Demon Bakasura Story in Hindi भीम और बकासुर की कहानी
  6. भीम और बकासुर की कहानी Bheem aur rakshas bakasur story in hindi
  7. Krishna Chalisa
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Krishna Chalisa

भगवान् श्री कृष्ण को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्ति के लिए Krishna Chalisa/ कृष्ण चालीसा एक महत्वपूर्ण साधन है. भगवान् श्रीकृष्ण श्रीकृष्ण भगवान् इस जगत के पालनहार हैं. जिन पर उनकी कृपा रहती है, उसे कोई भी विपत्ति हरा नहीं सकती है. भगवान् कृष्ण अपने भक्तों को सभी तरह की कठिनाई का सामना करने की शक्ति प्रदान करतें हैं. भगवान् कृष्णा की कृपा से मनुष्य सभी तरह के संकटो से बचा रहता है. भगवन कृष्ण सदा अपने भक्त की रक्षा करतें हैं. उनकी कृपा जिसपर रहती है वह सदा सुख से जीवन यापन करता है. अरुण अधर जनु बिम्बा फल, नयन कमल अभिराम || पूर्ण इन्द्र, अरविन्द मुख, पिताम्बर शुभ साज | जय मनमोहन मदन छवि, कृष्णचन्द्र महाराज || || चौपाई || जय यदुनन्दन जय जगवन्दन | जय वसुदेव देवकी नन्दन || जय यशोदा सुत नन्द दुलारे | जय प्रभु भक्तन के दृग तारे || जय नट-नागर नाग नथैया | कृष्ण कन्हैया धेनु चरैया || पुनि नख पर प्रभु गिरिवर धारो | आओ दीनन कष्ट निवारो || वंशी मधुर अधर धरी तेरी | होवे पूर्ण मनोरथ मेरो || आओ हरि पुनि माखन चाखो | आज लाज भारत की राखो || गोल कपोल, चिबुक अरुणारे | मृदु मुस्कान मोहिनी डारे || रंजित राजिव नयन विशाला | मोर मुकुट वैजयंती माला || कुण्डल श्रवण पीतपट आछे | कटि किंकणी काछन काछे || नील जलज सुन्दर तनु सोहे | छवि लखि, सुर नर मुनिमन मोहे || मस्तक तिलक, अलक घुंघराले | आओ कृष्ण बांसुरी वाले || करि पय पान, पुतनहि तारयो | अका बका कागासुर मारयो || मधुवन जलत अग्नि जब ज्वाला | भै शीतल, लखितहिं नन्दलाला || सुरपति जब ब्रज चढ़यो रिसाई | मसूर धार वारि वर्षाई || लगत-लगत ब्रज चहन बहायो | गोवर्धन नखधारि बचायो || लखि यसुदा मन भ्रम अधिकाई | मुख महं चौदह भुवन दिखाई || दुष्ट कंस अति उधम मचायो | कोट...

Demon Bakasura Story in Hindi भीम और बकासुर की कहानी

हिन्दू ग्रन्थ महभारत में एक बकासुर Bakasura नामक राक्षश था जिसका वध भीम ने किया था | वो राक्षस एकचक्रनगर नाम के गाँव में रहता था और वहा के राजा को भारी मात्रा में भोजन भेजने को बाध्य करता है | वो राक्षश Bakasur भोजन के साथ भोजन भेजने वाले को भी निगल जाता था | कुंती के निर्देशानुसार उसका पुत्र भीम भोजन लेकर बकासुर Bakasur के पास जाता है और उसका वध कर देता है |आइये इस कहानी Demon Bakasura Story in Hindi को विस्तार से सुनाते है पांडव और उनकी माता वनवास पर थे | एक दिन जगह जगह घूमते हुए वो एक शांत गाँव में पहुचे | वहा पर वो एक ग्रामीण ब्राह्मण के यहाँ पर रुके जिसने उन्हें आश्रय दिया | उस ब्राह्मण के एक पुत्री और एक पुत्र था | कुछ दिनों तक समय बिताने के बाद एक दिन कुंती को ब्राह्मण के घर से किसी के रोने की आवाज आयी और वो वहा पर देखने गयी | उस परिवार का हर सदस्य अपना जीवन त्यागने को तत्पर था | ब्राह्मण कह रहा था कि परिवार का मुखिया होने के नाते बली के लिए जाना और अपने परिवार की रक्षा करना उसका उत्तरदायित्व है | पत्नी कहरही थी कि उसके परिवार के लिए बलि देना उसका कर्तव्य है | दुसरी ओर पुत्री और पुत्र दोनों भी बलि के लिए तत्पर थे | कुंती को उनके इस व्यवहार का कारण समझ में नही आया और ब्राह्मण से उसका कारण पुछा | ब्राह्मण ने उनको बकासुर की कहानी Bakasura Story सुनाई ” हमारे राजा ने राक्षश बकासुर से समझौता किया है जिसमे हमको प्रतिदिन एक बैलगाडी भरकर भोजन के साथ एक गाँववाला भेजना होगा जिसे वो असुर खायेगा | उस राक्षसं Bakasura ने अभी तक कई गाँव वालो कोइस तरीके से मार दिया है और आज हमारे परिवार की बारी है | हमारे परिवार का एक सदस्य बकासुर के लिए भोजन लेकर जाएगा ” ब्राह्मण की बात सुनकर कुं...

भीम और बकासुर की कहानी Bheem aur rakshas bakasur story in hindi

Bheem aur rakshas bakasur story in hindi दोस्तों यह कहानी है महाभारत काल की जब पांडव वन में छुपकर रहते थे एक दिन वह घूमते-घूमते एक ब्राह्मण के पास जा पहुंचे.वह ब्राह्मण के पास आश्रय लेकर रहते थे एक दिन पांडवों को पता लगा की ब्राह्मण का पूरा परिवार दुखी है और वह जोर जोर से रो रहे है. जब पांडवों ने इसका कारण पूछा तो उन्हें बताया गया कि इस गांव में एक बकासुर नाम का राक्षस है वह गाव वासियो को एक एक करके मार डालता है दरअसल हमारे राजा का उस बकासुर से समझौता हुआ है कि राजा एक गाड़ी में भोजन भरकर उसके साथ गाव का एक आदमी रोज भेजेगा और राक्षस भोजन के उस आदमी का भक्षण भी करेगा. Bheem aur rakshas bakasur story in hindi रोजाना गांव के किसी न किसी व्यक्ति को गाड़ी में भोजन के साथ भेजा जाता है यह रोज रोज होता है और आज मेरे परिवार की है तभी पांडवों ने देखा कि ब्राह्मण परिवार के सभी सदस्य खुद को भोजन के साथ बकासुर के पास जाने का कह रहे थे तभी भीम ने उस बकासुर का वध करके उस गांव को और गांव के लोगों को बकासुर के आतंक से बचाने का निर्णय लिया कि वह उस बकासुर के पास भोजन लेकर जाएगा और उसको मार डालेगा. भीम एक गाड़ी पर बहुत सारा भोजन रखकर चल पडे और जैसे ही बकासुर उस जंगल में पहुंचा तो बकासुर उसे दिख गया.भीम ने बकासुर को भड़काने के लिए गाड़ी में रखा सारा भोजन खा लिया तव वह बकासुर बहुत ही क्रोधित हुआ और भीम और बकासुर का युद्ध हुआ जिसमें बकासुर की मृत्यु हो गई इस तरह से भीम ने बकासुर को मारकर गांव वासियों को उसके आतंक से बचाया. जब यह बात गांव वासियों को पता लगी तो वह उनके स्वागत के लिए ब्राह्मण के दरवाजे पर खड़े हो गए इधर सभी पांडवो ने भीम को मार्ग में ही रोक लिया और उस गांव से चले गए क्योंकि उन्हें...

बकासुर

बकासुर बकासुर एक दानव जो की महाभारत युद्ध का एक चरित्र था। बकासुर दैत्य का वध पांडू पुत्र भीम ने किया था। महापुरूष का कहना है कि एकचक्र के शहर में एक छोटा सा गांव, उत्तर प्रदेश के जिले प्रतापगढ़ शहर के दक्षिण में स्थित द्वैतवन में रहता था वर्तमान में चक्रनगरी को चकवड़ के नाम से जाना जाता है। बकासुर मुख्यतः तीन स्थान में रहता था जो द्वैतवन के अंतर्गत आता था। पहला चक्रनगरी, दूसरा बकागढ़...

Demon Bakasura Story in Hindi भीम और बकासुर की कहानी

हिन्दू ग्रन्थ महभारत में एक बकासुर Bakasura नामक राक्षश था जिसका वध भीम ने किया था | वो राक्षस एकचक्रनगर नाम के गाँव में रहता था और वहा के राजा को भारी मात्रा में भोजन भेजने को बाध्य करता है | वो राक्षश Bakasur भोजन के साथ भोजन भेजने वाले को भी निगल जाता था | कुंती के निर्देशानुसार उसका पुत्र भीम भोजन लेकर बकासुर Bakasur के पास जाता है और उसका वध कर देता है |आइये इस कहानी Demon Bakasura Story in Hindi को विस्तार से सुनाते है पांडव और उनकी माता वनवास पर थे | एक दिन जगह जगह घूमते हुए वो एक शांत गाँव में पहुचे | वहा पर वो एक ग्रामीण ब्राह्मण के यहाँ पर रुके जिसने उन्हें आश्रय दिया | उस ब्राह्मण के एक पुत्री और एक पुत्र था | कुछ दिनों तक समय बिताने के बाद एक दिन कुंती को ब्राह्मण के घर से किसी के रोने की आवाज आयी और वो वहा पर देखने गयी | उस परिवार का हर सदस्य अपना जीवन त्यागने को तत्पर था | ब्राह्मण कह रहा था कि परिवार का मुखिया होने के नाते बली के लिए जाना और अपने परिवार की रक्षा करना उसका उत्तरदायित्व है | पत्नी कहरही थी कि उसके परिवार के लिए बलि देना उसका कर्तव्य है | दुसरी ओर पुत्री और पुत्र दोनों भी बलि के लिए तत्पर थे | कुंती को उनके इस व्यवहार का कारण समझ में नही आया और ब्राह्मण से उसका कारण पुछा | ब्राह्मण ने उनको बकासुर की कहानी Bakasura Story सुनाई ” हमारे राजा ने राक्षश बकासुर से समझौता किया है जिसमे हमको प्रतिदिन एक बैलगाडी भरकर भोजन के साथ एक गाँववाला भेजना होगा जिसे वो असुर खायेगा | उस राक्षसं Bakasura ने अभी तक कई गाँव वालो कोइस तरीके से मार दिया है और आज हमारे परिवार की बारी है | हमारे परिवार का एक सदस्य बकासुर के लिए भोजन लेकर जाएगा ” ब्राह्मण की बात सुनकर कुं...

भीम और बकासुर की कहानी Bheem aur rakshas bakasur story in hindi

Bheem aur rakshas bakasur story in hindi दोस्तों यह कहानी है महाभारत काल की जब पांडव वन में छुपकर रहते थे एक दिन वह घूमते-घूमते एक ब्राह्मण के पास जा पहुंचे.वह ब्राह्मण के पास आश्रय लेकर रहते थे एक दिन पांडवों को पता लगा की ब्राह्मण का पूरा परिवार दुखी है और वह जोर जोर से रो रहे है. जब पांडवों ने इसका कारण पूछा तो उन्हें बताया गया कि इस गांव में एक बकासुर नाम का राक्षस है वह गाव वासियो को एक एक करके मार डालता है दरअसल हमारे राजा का उस बकासुर से समझौता हुआ है कि राजा एक गाड़ी में भोजन भरकर उसके साथ गाव का एक आदमी रोज भेजेगा और राक्षस भोजन के उस आदमी का भक्षण भी करेगा. Bheem aur rakshas bakasur story in hindi रोजाना गांव के किसी न किसी व्यक्ति को गाड़ी में भोजन के साथ भेजा जाता है यह रोज रोज होता है और आज मेरे परिवार की है तभी पांडवों ने देखा कि ब्राह्मण परिवार के सभी सदस्य खुद को भोजन के साथ बकासुर के पास जाने का कह रहे थे तभी भीम ने उस बकासुर का वध करके उस गांव को और गांव के लोगों को बकासुर के आतंक से बचाने का निर्णय लिया कि वह उस बकासुर के पास भोजन लेकर जाएगा और उसको मार डालेगा. भीम एक गाड़ी पर बहुत सारा भोजन रखकर चल पडे और जैसे ही बकासुर उस जंगल में पहुंचा तो बकासुर उसे दिख गया.भीम ने बकासुर को भड़काने के लिए गाड़ी में रखा सारा भोजन खा लिया तव वह बकासुर बहुत ही क्रोधित हुआ और भीम और बकासुर का युद्ध हुआ जिसमें बकासुर की मृत्यु हो गई इस तरह से भीम ने बकासुर को मारकर गांव वासियों को उसके आतंक से बचाया. जब यह बात गांव वासियों को पता लगी तो वह उनके स्वागत के लिए ब्राह्मण के दरवाजे पर खड़े हो गए इधर सभी पांडवो ने भीम को मार्ग में ही रोक लिया और उस गांव से चले गए क्योंकि उन्हें...

Krishna Chalisa

भगवान् श्री कृष्ण को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्ति के लिए Krishna Chalisa/ कृष्ण चालीसा एक महत्वपूर्ण साधन है. भगवान् श्रीकृष्ण श्रीकृष्ण भगवान् इस जगत के पालनहार हैं. जिन पर उनकी कृपा रहती है, उसे कोई भी विपत्ति हरा नहीं सकती है. भगवान् कृष्ण अपने भक्तों को सभी तरह की कठिनाई का सामना करने की शक्ति प्रदान करतें हैं. भगवान् कृष्णा की कृपा से मनुष्य सभी तरह के संकटो से बचा रहता है. भगवन कृष्ण सदा अपने भक्त की रक्षा करतें हैं. उनकी कृपा जिसपर रहती है वह सदा सुख से जीवन यापन करता है. अरुण अधर जनु बिम्बा फल, नयन कमल अभिराम || पूर्ण इन्द्र, अरविन्द मुख, पिताम्बर शुभ साज | जय मनमोहन मदन छवि, कृष्णचन्द्र महाराज || || चौपाई || जय यदुनन्दन जय जगवन्दन | जय वसुदेव देवकी नन्दन || जय यशोदा सुत नन्द दुलारे | जय प्रभु भक्तन के दृग तारे || जय नट-नागर नाग नथैया | कृष्ण कन्हैया धेनु चरैया || पुनि नख पर प्रभु गिरिवर धारो | आओ दीनन कष्ट निवारो || वंशी मधुर अधर धरी तेरी | होवे पूर्ण मनोरथ मेरो || आओ हरि पुनि माखन चाखो | आज लाज भारत की राखो || गोल कपोल, चिबुक अरुणारे | मृदु मुस्कान मोहिनी डारे || रंजित राजिव नयन विशाला | मोर मुकुट वैजयंती माला || कुण्डल श्रवण पीतपट आछे | कटि किंकणी काछन काछे || नील जलज सुन्दर तनु सोहे | छवि लखि, सुर नर मुनिमन मोहे || मस्तक तिलक, अलक घुंघराले | आओ कृष्ण बांसुरी वाले || करि पय पान, पुतनहि तारयो | अका बका कागासुर मारयो || मधुवन जलत अग्नि जब ज्वाला | भै शीतल, लखितहिं नन्दलाला || सुरपति जब ब्रज चढ़यो रिसाई | मसूर धार वारि वर्षाई || लगत-लगत ब्रज चहन बहायो | गोवर्धन नखधारि बचायो || लखि यसुदा मन भ्रम अधिकाई | मुख महं चौदह भुवन दिखाई || दुष्ट कंस अति उधम मचायो | कोट...

बकासुर

बकासुर बकासुर एक दानव जो की महाभारत युद्ध का एक चरित्र था। बकासुर दैत्य का वध पांडू पुत्र भीम ने किया था। महापुरूष का कहना है कि एकचक्र के शहर में एक छोटा सा गांव, उत्तर प्रदेश के जिले प्रतापगढ़ शहर के दक्षिण में स्थित द्वैतवन में रहता था वर्तमान में चक्रनगरी को चकवड़ के नाम से जाना जाता है। बकासुर मुख्यतः तीन स्थान में रहता था जो द्वैतवन के अंतर्गत आता था। पहला चक्रनगरी, दूसरा बकागढ़...