बल क्या है परिभाषा

  1. घर्षण क्या है, बल परिभाषा सूत्र प्रकार लिखिए gharsan bal
  2. इलेक्ट्रोस्टैटिक बल क्या हैं?
  3. आर्किमिडीज सिद्धांत (उत्पलावन बल ) : परिभाषा और उपयोग
  4. बल की परिभाषा, मात्रक, सूत्र, प्रकार और उदाहरण - RKJKAHANI.COM
  5. केन्द्रीय बल या केंद्रीय बल किसे कहते हैं, परिभाषा, सूत्र, उदाहरण
  6. प्रकृति के मूल बल क्या है, परिभाषा, सूत्र, प्रकार तथा उदाहरण
  7. वोल्टेज क्या होता है? परिभाषा, प्रकार, सूत्र, मात्रक, और इकाई


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घर्षण क्या है, बल परिभाषा सूत्र प्रकार लिखिए gharsan bal

घर्षण (Friction) यदि क्षैतिज मेज पर रखी पुस्तक को किसी वेग से धक्का दे दें तो पुस्तक थोड़ा सा चलने के बाद विरामावस्था में आ जाता है। इससे स्पष्ट है कि पुस्तक पर कोई बल कार्य करता है जो मेज पर पुस्तक के गति का विरोध करता है। इस बल को घर्षण बल कहते हैं। यह घर्षण बल पुस्तक व मेज के अणुओं के बीच पारस्परिक क्रिया से उत्पन्न होता है। जब दो सम्पर्कित पिंडो में से किसी एक पिण्ड को गतिमान किया जाता है या गतिमान करने का प्रयास किया जाता है तब उनके सम्पर्क तलों के मध्य उपस्थित वह बल जो उनकी एक- दूसरे के आपेक्ष गति का विरोध करता है, घर्षण बल कहलाता है। माना एक वस्तु किसी मेज पर विरामावस्था में रखा गया है। वस्तु पर एक बाह्य बल लगाया जाता है। परंतु यदि यह बाह्य बल परिमाण में छोटा हो तो वस्तु में थोडा सा भी विस्थापन नहीं होगा। लेकिन यह बल परिमाण में चाहे कितना भी छोटा हो, पिण्ड को F/m त्वरण से गतिशील होना चाहिए। अतः स्पष्ट है कि कोई बल है जो बाह्य बल का विरोध करता है, इसे ही स्थैतिक घर्षण बल कहते हैं। स्थैतिक घर्षण बल को 'fs' से प्रदर्शित करते हैं। (b) सीमांत घर्षण बल इस कारण सम्पर्क बिन्दुओं पर प्रतिक्रिया बल N उर्ध्वाधरत: ऊपर के बजाय थोडा झुक जाता है। इस प्रकार प्रतिक्रिया बल, क्षैतिज घटक Nsinθ के कारण लुढ़क रही वस्तु की गति में प्रतिरोध उत्पन्न हो जाता है, इस प्रतिरोध को लोटनिक घर्षण कहते हैं। घर्षण सम्बन्धी प्रश्न-उत्तर 1. स्थैतिक घर्षण बल को किससे प्रदर्शित करते हैं ?

इलेक्ट्रोस्टैटिक बल क्या हैं?

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आर्किमिडीज सिद्धांत (उत्पलावन बल ) : परिभाषा और उपयोग

आपने कभी महसूस किया होगा कि जब आप किसी टंकी से बाल्टी द्वारा पानी को बाहर निकाला तब बाल्टि के भार को महसूस किया था तो उसमें जब पानी के अन्दर बाल्टि अन्दर होती है तो उसका भार पानी के भार निकालने पर का भार अधिक होता है। यह परिवर्तन उत्पलावन बल के कारण होता है। इस बल का नाम खोजकर्ता आर्किमिडीज सिद्धांत के नाम से जाना जाता है कहते हैं इसी चर्चा हम प्रयोग के माध्यम से करेंगे। • यह पदार्थों का आपेक्षिक घनत्व ज्ञात करने में उपयोगी है। • जलयानों और पनडुब्बी के डिजाइन बनाने में किया जाता है। • दुग्धमापी (Lactometer ) से दूध की शुद्धता मापने के लिए • आद्रता (Hydrometer ) से द्रवों का घनत्व ज्ञात करने में • पानी में बर्फ का तैरना भी इससे समझा जा सकता है। • उत्पलावकता, तरलो ( द्रव, गैस) का गुण है। आर्किमिडीज सिद्धांत ( उत्पलावन बल ) के उदाहरण • लोहे कील का डुबना : लोहे कील का • कॉक का पानी में तैरना : कॉक का घनत्व पानी के घनत्व से कम है इसलिए पानी में कॉक तैरने लगता है। • तालाब की तुलना में समुद्र पानी में तैरना ज्यादा आसान होता है क्योंकि समुद्र पानी का घनत्व, तालाब के पानी के घनत्व से अधिक होता है। अतः उत्पलावन बल अधिक लगता है। • उत्पलावन बल के कारण पत्थर को हवा के बजाय पानी में उठाना अधिक आसान होता है। • झील में पत्थर को डालने पर जैसे-जैसे वह नीचे आता है उस पर सभी जगह उत्पलावन बल का मान समान रहता है। • 100 Kg लोहे की छड़ एवं 100 Kg रूई का बोरा पलड़ वाली तुला♎ से तोलने पर संतुलन पाठ्यांक 100 Kg आता है। परन्तु रुई का आयतन अधिक होने के कारण इस पर वायु का अधिक उत्पलावन बल लगता है जिससे इसके भार में कमी हो जाती है जबकि वास्तव में रुई का बोरा 100Kg से अधिक से था। About Us हम copyright का...

बल की परिभाषा, मात्रक, सूत्र, प्रकार और उदाहरण - RKJKAHANI.COM

• • • • • • • • • • • • • • • • • • • बल क्या है बल वह भौतिक कारण है जो किसी वस्तु पर लगकर उस की विराम की अवस्था अथवा सरल रेखा में एक समान गति की अवस्था मे परिवर्तन लाता है अथवा लाने का प्रयत्न करता है बल (force) कहलाता है। बल लगाकर किसी वस्तु की आकृति ओर आकार में परिवर्तन लाया जा सकता है। जैसे हवा से भरे बैलून को यदि हाथ से जोर से दबाया जाय तो उस की आकृति ओर आकार दोनो ही बदल जाते है। बल का मात्रक और सूत्र बल का मात्रक ‘ न्यूटन ‘ होता है । इसे N से सूचित किया जाता है। • 1 न्यूटन बल वह बल है जो 1 किग्रा द्रव्यमान की किसी वस्तु में 1 मीटर/सेकंड² का त्वरण उत्पन्न कर देता है • 1 न्यूटन ( N ) = 1 किग्रा – मीटर / सेकंड² • 1 न्यूटन = 10⁵ डाइन • C.GS. पद्धति में बल का मात्रक डाइन ( Dyne ) है • Dyne – lgm – cm / sec² • बल का एक अन्य मात्रककिलोग्राम भार है इसे गुरुत्वीय मात्रक भी कहते हैं • 1 किलोग्राम भार उस बाल के बराबर होता है जो 1 किलोग्राम की वस्तु पर गुरुत्व के कारण लगता है • गुरुत्वीय बल = द्रव्यमान × गुरुत्वीय त्वरण • किसी वस्तु पर लगने वाले गुरुत्वीय बल को वस्तु का भार भी कहते हैं । इसे W से सूचित किया जाता है • W = mg [ जहाँ g – 9.8 मीटर /सेकंड² होता है ।] • 1 किग्रा भार = 1 किग्रा x9.8किग्रा – मीटर / सेकंड² = 9.8 किग्रा मीटर/ सेकंड² =9.8 न्यूटन होता है । • अत ; भार ( W : Weight ) एक बल है और उसका मात्रक न्यूटल है । द्रव्यमान m का मात्रक किया है । इसलिए सूत्र : g = w/m • गुरुत्वीय त्वरण को न्यूटना किग्रा मात्रक में व्यक्त किया जाता m बलों के प्रकार ( types of forces) बल मुख्यतः दो रूपों में लगाए जाते हैं खींचने के रूप में अथवा धकेलने के रूप में ।बल को मुख्यतः चार भागों में...

केन्द्रीय बल या केंद्रीय बल किसे कहते हैं, परिभाषा, सूत्र, उदाहरण

माना यदि किसी मूल बिन्दु से कण का स्थिति वेक्टर \overrightarrow ….(1) यहाॅं F(r), दूरी r का कोई फलन है। यदि F(r) धनात्मक है। अर्थात् F(r) > 0 तो बल प्रतिकर्षणात्मक तथा यदि F(r) < 0 तो बल आकर्षणात्मक होगा। केंद्रीय बल के अंतर्गत गति यदि कोई कण केंद्रीय बल के अंतर्गत गति करता है तो उस कण पर लगने वाला बल आघूर्ण \overrightarrow अतः इस प्रकार “केंद्रीय बल के कारण कण का कोणीय संवेग संरक्षित (नियत) रहता है” Note – सम्बन्धित प्रश्न पूछे जाते हैं – Q.1 केन्द्रीय बल के अंतर्गत किसी कण की गति को समझाइए? Q.2 समझाइए कि केन्द्रीय बल के कारण कोणीय संवेग संरक्षित (नियत) रहता हैं? Q.3 सिद्ध कीजिए कि यदि केवल केन्द्र लक्षित बल हो, तो कोणीय संवेग सुरक्षित रहता है। उदाहरण दीजिए? Q.4 केंद्रीय बल की परिभाषा दीजिए? तथा उदाहरण सहित समझाइए कि केंद्रीय बल के अंतर्गत कोणीय संवेग संरक्षित रहता है? आशा करते हैं यह लेख आपको पसन्द आया होगा तो इसे अपने दोस्तों में शेयर करें और यदि कोई सवाल या क्योरी हो, तो आप हमें कमेंट्स के माध्यम से बता सकते हैं। हम जल्द ही उसका हल दें देंगे। और पढ़ें..

प्रकृति के मूल बल क्या है, परिभाषा, सूत्र, प्रकार तथा उदाहरण

1.7.2 असंजक बल क्या है प्रकृति के मूल बल है प्रकृति में निम्नलिखित चार प्रकार के मूल बल कार्य करते हैं। प्रकृति के मूल बलों के नाम, 1.गुरुत्वाकर्षण (या गुरुत्वीय) बल (Gravitational Forces in Hindi), 2.विद्युत-चुम्बकीय बल (Electro-magnetic Forces in Hindi), 3.तीव्र नाभिकीय बल (Strong Nuclear Forces in Hindi) तथा 4.मन्द नाभिकीय बल (Weak Nuclear Forces in Hindi) । सभी प्रेक्षित बलों को इन्हीं मूल बलों के आधार पर समझा जा सकता है। अब हम प्रकृति के चारों मूल बलों के बारे में वर्णन करेंगे। 1.गुरुत्वाकर्षण बल क्या है न्यूटन के अनुसार, ब्रह्माण्ड में प्रत्येक कण दूसरे कण को एक बल से आकर्षित करता है। जोकि उनके द्रव्यमानों के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। यदि कणों के द्रव्यमान m 1 व m 2 हों तथा उनके बीच की दूरी r हो, तो इस बल का परिमाण F = G \frac की दिशा में है। जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। गुरुत्वाकर्षण बल अतः m 2 पर m 1 के कारण लगा बल \overrightarrow । इस बल के नियम को “ व्युत्क्रम-वर्ग-नियम” कहते हैं क्योंकि यह कणों के बीच की दूरी के व्युत्क्रम वर्ग के अनुसार परिवर्तित होता है। इसे भी पढ़े… गुरुत्वाकर्षण बल के गुण (1).यह एक दूरी पर क्रिया बल है जोकि दो कणों के बीच सदैव लगता है चाहे उनके बीच कोई भी माध्यम हो। (2).दो कणों के बीच की दूरी बढ़ने पर यह तेजी से घटता है। (3).किसी गोलीय रूप में सममित द्रव्यमान वितरण के द्वारा किसी बाह्य कण पर लगा यह गुरुत्वाकर्षण बल का मान वही होता है। (4).माना गोले का सम्पूर्ण द्रव्यमान उसके केन्द्र पर ही संकेन्द्रित है, तो पृथ्वी द्वारा उसकी सतह पर स्थित किसी कण पर लगा बल F = \frac है, तो q 2 के ...

वोल्टेज क्या होता है? परिभाषा, प्रकार, सूत्र, मात्रक, और इकाई

नमस्कार दोस्तो, आपने अपनी जीवन के अंतर्गत अक्सर वोल्टेज के बारे में जरूर पढ़ा होगा या फिर कहीं ना कहीं तो इसके बारे में जरूर पढ़ा होगा। दोस्तों क्या आप जानते हैं, कि वोल्टेज क्या होता है, वोल्टेज की परिभाषा क्या होती है (write the definition of volt in hindi), इसका सूत्र तथा मात्रक क्या होता है, तथा किस तरह से यह निश्चित कार्य करती है। यदि आपको इस विषय के बारे में कोई जानकारी नहीं है, तथा इसके बारे में जानना चाहते हैं, तो इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको इसके बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं। हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से बताने वाले हैं, कि वोल्टेज क्या होता है, इसके अलावा हम आपको इस विषय से जुड़ी हर एक जानकारी इस पोस्ट में देने वाले हैं। वोल्ट किसे कहते हैं? | volt kise kahate hain दोस्तों अपने अलग-अलग जगह पर वोल्टेज के बारे में पढ़ा होगा जब भी विद्युत धारा या फिर बिजली की बात आती है, तो उसमें वोल्टेज का नाम अक्षर लिया जाता है। अगर बात की जाएगी वोल्टेज की परिभाषा क्या होती है, तो वोल्टेज की परिभाषा निम्न प्रकार से है :- अगर दोस्तों बात की जाएगी वोल्टेज के कितने प्रकार होते हैं, तो आपकी जानकारी के लिए मैं बता दूं कि वोल्टेज के कुल 2 प्रकार होते हैं :- • AC voltage • DC वोल्टेज डीसी वोल्टेज की दिशा समय के साथ स्त्री रहती है इसके अलावा एसी वोल्टेज की दिशा समय के साथ परिवर्तित होने लगती है, या फिर परिवर्तित होती है। डीसी वोल्टेज हमें बैटरी के अंतर्गत देखने को मिलता है इसके अलावा एसी वोल्टेज के उदाहरण की बात की जाए, तो हमारे घरेलू लाइन के अंतर्गत एसी वोल्टेज होता है। वोल्टेज का सूत्र | volt ka sutra अगर वोल्टेज के सूत्र की बात की जाए तो वोल्टेज का सूत्र निम्न है:- वोल्टेज क...