Blood group kitne prakar ke hote hain

  1. वेद किसे कहते हैं
  2. ब्लड ग्रुप कितने तरह के होते है?
  3. ब्लड ग्रुप कितने प्रकार होता है? » Blood Group Kitne Prakar Hota Hai
  4. लिंफोसाइट्स क्या है? (What Is Lymphocytes In Hindi)
  5. रस कितने प्रकार के होते हैं
  6. blood kitne prakar ke hote hai
  7. न्यूट्रॉफिल क्या है? (What Is Neutrophils In Hindi)


Download: Blood group kitne prakar ke hote hain
Size: 50.6 MB

वेद किसे कहते हैं

अनुक्रम • • • • • • • वेद क्या है – वेद किसे कहते हैं? (what is vedas in hindi) हिन्दू धर्म में वेदों का स्थान सम्मान जनक हैं. वेद हमारे धर्म के पवित्र साहित्य हैं. तथा वेद विश्व के सबसे पुराने साहित्य भी हैं. वेद सनातन संस्कृति के आधारशीला हैं. वेद से ही भारतीय सस्कृति इतनी समृध्द और विकसित हैं. यह भारतीयों के जीवन की शैली का आधार हैं. वेद शब्द संस्कृत भाषा के ‘विद’ शब्द से बना हैं जिसका अर्थ होता हैं ज्ञान. प्राचीन काल में ऋषियों ने गहन ध्यान कर के जो ज्ञान अर्जित किया था. उस ज्ञान को वेदों में श्लोको और मंत्रो के रूप में लिखा गया हैं. यह वेद हिन्दू धर्म के ऋषियों और मुनियों की हज़ारों सालो के ध्यान और शोध का परिणाम हैं. वेदों की रचना किसने की थी – वेद किसने लिखे (vedo ki rachna kisne ki) वेदों की रचना ऋषि कृष्ण द्वैपायन ने की थी. इन्हें आज वेदव्यास भी कहा जाता हैं. वेदव्यास से तात्पर्य वेदों को विभाजित करने वाले से हैं. ऋषि कृष्ण द्वैपायन भगवान का रूप थे. तथा इसका जन्म द्वापर युग में हुआ था. पहले सिर्फ एक ही वेद होता था. लेकिन जब द्वापर युग पूरा हुआ और कलियुग शुरू हुआ. तब एक समस्या यह थी की इतने बढे एक वेद का अध्ययन मनुष्य के द्वारा कलयुग में करना मुश्किल था. इसलिए वेदव्यास ने ऋषियों की आज्ञा से एक वेद के चार भाग कर दीए. किस वेद में योग के बारे में उल्लेख मिलता है? ऋग्वेद वेद में योग से सम्बन्धित ज्ञान उपलब्ध हैं. यह सबसे प्राचीन वेद भी माना जाता हैं. वेदों का काल ऐसा माना जाता हैं की वेद सृष्टि के आरम्भ से पहले के हैं. इस अनुसार वेदों को 1,96,08,53,117 वर्ष पूर्व का माना जाता हैं. पुराने समय में भाषा और लिपि इतनी समृध्द नहीं थी. अंत ऋषि मुनि अपने शिष्यों को मौखिक रूप मे...

ब्लड ग्रुप कितने तरह के होते है?

ब्लड ग्रुप की खोज किसने की? ब्लड ग्रुप की खोज सन् 1900 में कार्ल लैडस्टीनर ने की थी और इसके लिए इन्हें सन् 1930 में नोबेल पुरस्कार भी मिला था. ब्लड ग्रुप क्या होता है (What is Blood group in Hindi) ब्लड हमारे पूरे शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है और इसी के द्वारा हमारे शरीर की सभी क्रियाएं संचालित होती है. अगर किसी व्यक्ति को किसी ब्लड की जरूरत पड़ती है तो सबसे पहले उसका ब्लड ग्रुप चेक किया जाता है उसके बाद उसके ब्लड ग्रुप का ही ब्लड उसे चढ़ाया जाता है. मनुष्य के रक्तों की भिन्नता का प्रमुख कारण लाल रक्त कण (RBC) में पाया जाने वाला ग्लाइको प्रोटीन है जिसे एन्टीजन भी कहा जाता है. अगर किसी व्यक्ति को गलत ब्लड ग्रुप का ब्लड चढ़ा दिया जाता है तो इससे व्यक्ति की RBC कणिकाएं आपस में चिपक जाती है जिससे रुधिर वाहनियाँ अवरुद्ध हो जाती है और व्यक्ति की मौत हो जाती है. एन्टीजन दो तरह के होते है- एन्टीजन A और एन्टीजन B एन्टीजन या ग्लाइको प्रोटीन की उपस्थिति के बेस पर मनुष्य में 4 तरह के ब्लड ग्रुप होते है A, B, AB, O. ब्लड ग्रुप A का एन्टीजन A, ब्लड ग्रुप B का एन्टीजन B, ब्लड ग्रुप AB का एन्टीजन A और B दोनों होते है और O का कोई एन्टीजन नही होता है. किसी एन्टीजन की अनुपस्थिति में एक विपरीत प्रकार की प्रोटीन रुधिर प्लाज्मा में पाई जाती है जिसको एंटीबॉडी भी कहते हैं. ब्लड ग्रुप कितने तरह का होता है? ब्लड ग्रुप मुख्य रूप से 4 प्रकार का होता है A, B, AB, और O. हर ब्लड पॉजिटिव या नेगेटिव होता है और इस प्रकार ब्लड ग्रुप 4 से लेकर 8 हो जाते है. • A+, B+, AB+, O+ • A-, B-, AB-, O- अगर किसी व्यक्ति का ब्लड ग्रुप A+ है और उसे ब्लड की जरूरत है तो उसे A+ का ही ब्लड चढ़ाया जा सकता है. ब्लड ग्रुप O को सर्...

ब्लड ग्रुप कितने प्रकार होता है? » Blood Group Kitne Prakar Hota Hai

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। आपका प्रश्न है ब्लड ग्रुप कितने प्रकार के होते हैं तो देखिए मुख्य दया ब्लड ग्रुप चार प्रकार के होते हैं एक तो होता है ए ब्लड ग्रुप एक होता है तीसरा होता है एबी ब्लड ग्रुप और चौथा होता है और अगर हम इसमें आरएच फैक्टर को शामिल कर दें तो यह चारों 22 भाग में डिवाइड हो जाते हैं तो यह आठ प्रकार के बन जाते हैं जिससे अगर किसी की आरबीसी की सतह पर आरएच फैक्टर है तो वह पॉजिटिव बन जाता है और अगर किसी की आरबीसी की सतह पर आरएच फैक्टर नहीं है तो नेगेटिव बन जाता है इस प्रकार से प्रत्येक मीट ग्रुप के दो भाग हो जाते हैं जैसे ही पॉजिटिव नेगेटिव बी पॉजिटिव बी नेगेटिव एबी पॉजिटिव एबी नेगेटिव ओ नेगेटिव और पॉजिटिव 8 भाग में डिवाइड हो जाता है aapka prashna hai blood group kitne prakar ke hote hain toh dekhiye mukhya daya blood group char prakar ke hote hain ek toh hota hai a blood group ek hota hai teesra hota hai ab blood group aur chautha hota hai aur agar hum isme rh factor ko shaamil kar de toh yah charo 22 bhag me divide ho jaate hain toh yah aath prakar ke ban jaate hain jisse agar kisi ki RBC ki satah par rh factor hai toh vaah positive ban jata hai aur agar kisi ki RBC ki satah par rh factor nahi hai toh Negative ban jata hai is prakar se pratyek meat group ke do bhag ho jaate hain jaise hi positive Negative be positive be Negative ab positive ab Negative O Negative aur positive 8 bhag me divide ho jata hai आपका प्रश्न है ब्लड ग्रुप कितने प्रकार के होते हैं तो देखिए मुख्य ...

लिंफोसाइट्स क्या है? (What Is Lymphocytes In Hindi)

आज हम जानेंगे कि लिंफोसाइट्स क्या होता है? (Lymphocytes kya hai) लिंफोसाइट्स के बढ़ने का कारण? (cause of high lymphocytes), लिंफोसाइट्स कैसे बढ़ाएं? (How to increase lymphocytes) , लिंफोसाइट्स घटने का कारण?, लिंफोसाइट्स कैसे कम करें? (how to decrease lymphocytes) इत्यादि Lymphocytes से जुड़े सारे सवालों के उत्तर आज हम जानेंगे। 9.1 Conclusion लिंफोसाइट्स क्या है? (What Is Lymphocytes In Hindi) आइए जानते हैं लिंफोसाइट्स क्या होता है ( Lymphocytes kya hai) या लिंफोसाइट का मतलब क्या होता है (Lymphocytes meaning in hindi)। दोस्तों जैसा कि आप सभी लोगों को पता है कि जब भी हमारे शरीर में कोई bacteria या virus या fungi का attack होता है तो उस वक्त हमारे खून में मौजूद white blood cells उस bacteria या virus को मार के खत्म कर देती है। लेकिन कुछ स्थिति में हमारी श्वेत रक्त कोशिकाएं वायरस या बैक्टीरिया को समझ नहीं पाते हैं और ऐसी स्थिति में उस virus या bacteria से लड़ने का काम Lymphocytes द्वारा किया जाता है। यानी कि Lymphocytes हमें होने वाले बीमारियों से बचाता है तथा हमें स्वस्थ रखता है। लेकिन कभी-कभी हमारे शरीर में Lymphocytes level low हो जाती है और कभी-कभी हमारे शरीर में Lymphocytes level high हो जाती है तो कम होने पर और बढ़ने पर भी यह हमारे शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। इसकी एक मात्रा होती है और अगर लिंफोसाइट्स उस मात्रा से अधिक या कम हो जाए तो यह हमारे शरीर के लिए हानिकारक होता है। शरीर में लिंफोसाइट्स की मात्रा कितनी होती है। (Lymphocytes kitna hona chahiye) White Blood Cells की तरह हमारे शरीर में lymphocytes की भी एक न्यूनतम और अधिकतम मात्रा होती है। अगर लिंफोसाइट्स हमारे शरीर...

रस कितने प्रकार के होते हैं

Q. भाव कितने प्रकार के होते हैं? रस किसे कहते हैं? रस हमारे अंदर के भाव (Emotions) को कहते है। रस यानी हमारे अंदर छुपे हुए ऐसे भाव होते है जिन्हे हम हर दिन अलग अलग तरीके से व्यक्त करते रहते है। इन्ही रस के वजेसे हर इंसान अपने अंदर के भाव को प्रगट करके दुसरो के सामने रखता है जिससे सामनेवालों को पता चलता है असल में वह क्या कहना चाहता है या उसका उद्देश्य क्या है। रस को किसी भाषा की जरुरत नहीं होती अपने चेहरे के भाव से यह प्रगट होते होते रहते है। रस के कितने अंग होते हैं? रस के चार अंग है और हर एक का अलग ही महत्त्व है। रस ९ प्रकार के होते हैं इसलिए उन्हें नवरस भी कहा जाता है। इन्हें अपनी जिंदगी के साथ साथ नवरस मतलब जो ९ इमोशंस है वह कौन से है, नौ रसों के नाम इसके बारे में हम अभी विस्तार से पढ़ेंगे। इन्ही नवरस के जरिये लोग अंदाज़ा लगते है की आपका 1. शृंगार रस शृंगार रस में प्यार जो है उसे समझना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि हर एक इंसान का अपना प्यार जताने का तरीका अलग होता है। उसके साथ साथ अलग अलग इंसान के प्रति हम अलग तरीके से प्यार देते है। शृंगार रस को समझने के लिए सबसे पहले प्यार क्या है उसको समझना बहुत जरूरी है। ऐसा जरूरी नहीं है कि प्यार मतलब “मैं तुमसे बहुत मोहब्बत करता हूं”. हर बार प्यार मतलब यही नहीं होता है। प्यार के अलग-अलग तरीके हैं। जब आप प्यार के अलग-अलग तरीके को समझेंगे तभी आपको समझ में आएगा कि श्रृंगार रस क्या है। जैसे कि आप अपने माता-पिता से प्यार करते हैं। उनको जब आप कहेंगे कि मैं आपको बहुत प्यार करता हूं तो उनसे बात करने का तरीका बिल्कुल ही अलग होगा। अगर आप अपने दोस्त से, गर्लफ्रेंड से या फिर अपनी बीवी से कैसे कहेंगे उसका तरीका बहुत अलग होगा। जैसे अगर कोई छोटे बच्च...

blood kitne prakar ke hote hai

Hello Aspirant, There are four main blood groups (types of blood) – A, B, AB and O. Your blood group is determined by the genes you inherit from your parents. Each group can be either RhD positive or RhD negative, which means in total there are eight main blood groups . The ABO system There are four main blood groups defined by the ABO system: • blood group A – has A antigens on the red blood cells with anti-B antibodies in the plasma • blood group B – has B antigens with anti-A antibodies in the plasma • blood group O – has no antigens, but both anti-A and anti-B antibodies in the plasma • blood group AB – has both A and B antigens, but no antibodies Blood group O is the most common blood group. Almost half of the UK population (48%) has blood group O. Receiving blood from the wrong ABO group can be life threatening. For example, if someone with group B blood is given group A blood, their anti-A antibodies will attack the group A cells. This is why group A blood must never be given to someone who has group B blood and vice versa. As group O red blood cells don't have any A or B antigens, it can safely be given to any other group. The NHS Blood and Transplant (NHSBT) website has more information about the different blood groups . The Rh system Red blood cells sometimes have another antigen, a protein known as the RhD antigen. If this is present, your blood group is RhD positive. If it's absent, your blood group is RhD negative. This means you can be one of eight blood grou...

न्यूट्रॉफिल क्या है? (What Is Neutrophils In Hindi)

4.2.1 Conclusion न्यूट्रोफिल क्या होता है? (Neutrophils kya hai) न्यूट्रोफिल्स का मतलब क्या होता है? (Neutrophils meaning in hindi) जैसा की आप सभी लोगों को पता है कि जब भी हमारे शरीर में किसी प्रकार का कोई इंफेक्शन होता है या कोई वायरस का आक्रमण होता है या किसी बैक्टीरिया का आक्रमण होता है तो उस स्थिति में हमारे शरीर में मौजूद श्वेत रक्त कोशिकाएं हमें उस व्यक्ति या या वायरस से बचाता है Neutrophils असल में श्वेत रक्त कोशिकाओं का ही एक प्रकार है जो कि हमें हमारे शरीर में होने वाले बीमारी से हमें बचाता है। जब भी हमारे शरीर में किसी व्यक्ति या का आक्रमण होता है तो उस स्थिति में हमारे शरीर में मौजूद Neutrophils हमें उन बैक्टीरिया से बचाता है और हमारे शरीर को स्वस्थ रखता है। शरीर में न्यूट्रोफिल कितना होना चाहिए? आइए जानते हैं कि हमारे शरीर में Neutrophils की मात्रा कितनी होनी चाहिए ताकि जब भी कभी हम बीमार हो तो हमारे शरीर में मौजूद बैक्टीरिया से न्यूट्रोफिल हमें बचा पाए। अगर मैं आप को प्रतिशत में बताऊं तो हमारे शरीर में न्यूट्रोफिल की मात्रा 40 से 70% के बीच होती है। न्यूट्रोफिल टेस्ट क्या होता है? Neutrophils टेस्ट बिल्कुल उसी तरह का होता है जिस प्रकार हम अपना खून की जांच करवाते हैं खून जांच बहुत से अलग-अलग प्रकार के होते हैं। यह निर्भर करता है कि आप किस बीमारी या इंफेक्शन से पीड़ित है उसके हिसाब से अलग-अलग प्रकार की खून की जांच की जाती है। और Neutrophils टेस्ट उन्ही जांच में से एक है इसमें यह देखा जाता है कि आप के खून में न्यूट्रोफिल की मात्रा कितनी है Neutrophils कम या ज्यादा तो नहीं है। इसमें भी इंजेक्शन की सहायता से आपके शरीर से खून निकाला जाता है और उसके बाद एक लैप में ले...