बोनिसन ड्रॉप हिमालय

  1. फुट ड्रॉप के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार
  2. ब्रोमेनक आई ड्रॉप: उपयोग, साइड इफ़ेक्ट, कीमत और विकल्प देखें
  3. Himalaya se nikalne wali nadiyon ke naam
  4. Himalaya Bonnisan Drops Uses
  5. Himalaya ki Betiyan Class 7 Hindi Chapter 3 Explanation with Video
  6. Classification or Division of the Himalayan Mountain Range
  7. शिशु की बंद नाक के लिए नेजल ड्रॉप्स/स्प्रे: उपयोग का सही तरीका, फायदे व साइड
  8. हिमालया बोनिसन सिरप के फायदे और खुराक


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फुट ड्रॉप के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार

फुट ड्रॉप क्या है? पैर के अगले हिस्से को उठा न पाने की स्थिति को मेडिकल भाषा में “फुट ड्रॉप” या “ड्रॉप फुट” कहा जाता है। यह समस्या होने पर व्यक्ति चलने के दौरान उसके पैर का अंगूठा व उंगलियां जमीन से घसीटते हुए चलता है। फुट ड्रॉप कोई रोग नहीं है, बल्कि यह किसी नस, मांसपेशियां या शारीरिक संरचना से संबंधित समस्या से होने वाला एक लक्षण है। फुट ड्रॉप वैसे तो कुछ समय के लिए होता है, जबकि कुछ दुर्लभ मामलों में यह स्थायी रूप से भी हो सकता है। (और पढ़ें - पैर के अगले हिस्से को बिल्कुल न उठा पाना या फिर सामान्य के मुकाबले बहुत कम उठा पाना ही फुट ड्रॉप का सबसे मुख्य लक्षण है। उदाहरण के लिए चलने के दौरान जब पैर को उठाकर आगे ले जाया जाता है, तो उस दौरान पैर का अगला हिस्सा पूरी तरह से ऊपर नहीं उठ पाता है। ड्रॉप फुट की समस्या में आमतौर पर देखे जाने वाले लक्षणों में निम्न शामिल हैं - • पैर में चप्पल न रख पाना - फुट ड्रॉप में पहनी हुई चप्पल ढीली महसूस होना और बार-बार निकलना। • पैर में झटका लगना - पैर की मांसपेशियां कमजोर होने के कारण बार-बार पैर में झटका लगना। • गिरना - फुट ड्रॉप में बार-बार गिरना, शरीर का संतुलन बिगड़ना या ठोकर लगना काफी आम हो जाता है। ऐसा आमतौर पर पैर का अगला हिस्सा पूरी तरह से न उठा पाने के कारण होता है। • चलते समय टांग को अधिक उठाना - पैर का अगला हिस्सा उठ न पाने के कारण चलते समय टांग को अधिक ऊपर उठाना पड़ता है, जैसा सीढ़ियां चढ़ने के दौरान होता है। • पैर घुमा कर रखना - ड्रॉप फुट से पीड़ित व्यक्ति चलते समय पंजे को जमीन से टकराने के बचाने के लिए पैर को घुमाकर रखने की कोशिश करता है। इस दौरान वह पंजे से पहले एड़ी रखने की कोशिश करता है। • सुन्न होना - फुट ड्रॉप में पैर का ...

ब्रोमेनक आई ड्रॉप: उपयोग, साइड इफ़ेक्ट, कीमत और विकल्प देखें

ब्रोमेनक आई ड्रॉप एक दर्द निवारक दवा है. इसका इस्तेमाल मोतियाबिंद की सर्जरी करने वाले मरीजों में ऑपरेशन के बाद आंखों में दर्द और सूजन के इलाज के लिए किया जाता है. ब्रोमेनक आई ड्रॉप का उपयोग करने से पहले हमेशा अपने हाथ धोएं. डॉक्टर द्वारा निर्धारित संख्या में ही ड्रॉप्स का इस्तेमाल करें और प्रत्येक ड्रॉप के बीच लगभग पांच मिनट तक प्रतीक्षा करें. . आपको ड्रॉपर या बोतल का टिप नहीं छूना चाहिए. इससे संक्रमण हो सकता है. दवा का इस्तेमाल करने से धुंधली नज़र , प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता बढ़ना , रंग दृष्टि में बदलाव, दृष्टि में कमी, आंखों में दर्द, आंखों में दर्द और आंख में आंसू आने का कारण बन सकता है. ये आमतौर पर अस्थायी होते हैं और समय के साथ ठीक हो जाते हैं. हालांकि, अगर वह बने रहते हैं या और खराब हो जाते हैं, तो यह बात आपको अपने डॉक्टर को बतानी चाहिए. आपका डॉक्टर लक्षणों की रोकथाम या इन्हें कम करने के तरीके बता सकता है. इस दवा का उपयोग करने से पहले, आपको अपने डॉक्टर को उन सभी दवाओं के बारे में बताना चाहिए जिन्हें आप ले रहे हैं. अगर आपको पहले से कोई बीमारी या विकार है, तो आपको अपने डॉक्टर को भी बताना चाहिए. गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को दवा का उपयोग करने से पहले, अपने डॉक्टरों से परामर्श करना चाहिए. ब्रोमेनक आई ड्रॉप आंखों की सर्जरी के बाद के लक्षणों से राहत देने में मदद करता है जैसे दर्द, लालिमा, खुजली, पीड़ा, या आंखों में पानी आना. डोज़ और इलाज का समय आपकी कंडीशन के आधार पर आपके डॉक्टर द्वारा बताए जाएंगे. सुनिश्चित करें कि आप इलाज का पूरा कोर्स पूरा कर लें.. इससे यह सुनिश्चित होगा कि लक्षण पूरी तरह से ठीक हो गए हैं और वे वापस नहीं आएंगे. गर्भावस्था के दौरान ब्रोमेनक आई ...

Himalaya se nikalne wali nadiyon ke naam

• हिमालय की तीन नदियां सिंधु , सतलज , एवं ब्रह्मपुत्र हिमालय की उत्पत्ति से पहले भी यहां बहती थी। • तीनों नदियां मानसरोवर झील से निकलती हैं। यह तीनों नदियां हिमालय के उत्थान से पहले तिब्बत के मानसरोवर झील से निकलती थी तथा टेथिस सागर में गिरती थी। • आज जहां पर हिमालय पर्वत है वहां पर पहले टेथिस सागर का विस्तार था जिसे टेथिस भूसन्नति भी कहा जाता है। जब टेथिस भूसन्नति से हिमालय का उत्थान प्रारंभ हुआ तो यह तीनों नदियों ने अपना रास्ता एवं दिशा परिवर्तन नहीं किया बल्कि इन तीनों नदियों ने हिमालय के उत्थान के साथ साथ हिमालय को काटती रही अर्थात अपनी घाटी को गहरा करती रही जिसके परिणाम स्वरुप इन तीनों नदियों ने वृहद हिमालय में अपनी अपनी जगह पर गहरे एवं संकरी घाटियों का निर्माण कर दिया जिसे गार्ज या आई( I) आकार की घाटी भी कहते हैं। या कैनियन भी कहते हैं। कैनियन गार्ज की अपेक्षा अधिक गहरा होता है।जैसे- • सिंधु गार्ज – सिंधु नदी पर जम्मू-कश्मीर में गिलगिट के समीप • शिपकिला गार्ज – हिमाचल प्रदेश में सतलज नदी पर • दिहांग गार्ज – अरुणाचल प्रदेश में ब्रम्हपुत्र नदी पर हिमालय की पूर्ववर्ती नदी एवं ब्रम्हपुत्र अंतर्राष्ट्रीय नदी हैं अर्थात इनमें से प्रत्येक नदी तीन देशों से होकर गुजरती है • सिंधु नदी – चीन , भारत , पाकिस्तान • सतलज नदी – चीन , भारत , पाकिस्तान • ब्रह्मपुत्र नदी – चीन , भारत , बांग्लादेश सिंधु नदी तंत्र Sindhu Nadi Tantra • सिंधु नदी तंत्र की मुख्य नदी सिंधु है। • सिंधु नदी के बाएं तट पर आकर मिलने वाली पांच प्रमुख सहायक नदियों का क्रम इस प्रकार है – पश्चिम से पूर्व की ओर सिंधु , झेलम , चिनाब , रावि , व्यास , सतलज • सिंधु तंत्र में दो नदियां तिब्बत के मानसरोवर झील से निकलती हैं...

Himalaya Bonnisan Drops Uses

Himalaya Bonnisan Drops Uses | हिमालया बोनिसान के फायदे | Benefits,Dose,Price Himalaya Bonnisan Drops : बोनिसान आयुर्वेदिक कंपनी हिमालया का बना हुआ एक हर्बल प्रोडक्टस है जो खास तौर से बच्चों के पेट दर्द, पेट में ऐठन, पेट में गैस बनना, भूख की कमी, अपच, कब्ज़, अफारा इत्यादि को दूर करने के लिए प्रयोग किया जाता है। बोनिसान ड्रॉप्स और लिक्विड दो तरह का आता है जो नवजात शिशु से लेकर बड़े बच्चों तक में सेवन किया जाता है तो आइये जानते है इस हिमालया बोनिसान के फायदे, इस्तेमाल करने का सही तरीका और इसकी किमत इत्यादि की पूरी जानकारी विस्तार से। हिमालया बोनिसान ड्रॉप्स के फायदे – बोनिसान ड्रॉप्स बच्चों के पेट दर्द, पेट में ऐठन, पेट में गैस बनना, भूख की कमी, अपच, कब्ज़, अफारा इत्यादि को दूर करता है। बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. नवजात शिशु जो अक्सर पेट दर्द, गैस और ऐठन की वजह से रोते हैं। उनके लिए बोनिसान ड्रॉप्स बहुत ही लाभकारी होता है। हिमालया बोनिसान ड्रॉप्स का सेवन – बोनिसान ड्रॉप्स क महीने तक के नवजात शिशु को 5 से 10 ड्राप दिन में तिन बार बोनिसान ड्रॉप्स दे और एक से तीन साल तक के बच्चों को बोनिसान लिक्विड देना चाहिए, आधा से एक चम्मच तक तीन बार दे। Benefits of Himalaya Bonnisan Drops – Bonnisan Drops cures colic, stomach cramps, gas in the stomach, loss of appetite, indigestion, constipation, bloating etc. in children. Increases immunity of children. Newborn babies who often cry because of abdominal pain, gas and cramps. Bonisan drops are very beneficial for them. How to use Himalaya Bonnisan Drops – 5 to 10 drops should be given to a newborn baby up to one month old, ...

Himalaya ki Betiyan Class 7 Hindi Chapter 3 Explanation with Video

NCERT Class 7 Hindi Vasant Bhag 2 Book Chapter 3 Himalaya ki Betiyan Summary, Explanation with Video and Question Answers Himalaya ki Betiyan – Class 7 Hindi Vasant Bhag 2 book chapter 3 detailed explanation of lesson ” Himalaya ki Betiyan” along with meanings of difficult words. Given here is the complete explanation of the lesson, along with Summary and all the exercises, Question and Answers given at the back of the lesson. Take Free Online MCQs Test for इस लेख में हम हिंदी कक्षा 7 ” वसंत भाग – 2 ” के पाठ – 3 ” हिमालय की बेटियाँ ” कहानी के पाठ – प्रवेश , पाठ – सार , पाठ – व्याख्या , कठिन – शब्दों के अर्थ और NCERT की पुस्तक के अनुसार प्रश्नों के उत्तर , इन सभी के बारे में चर्चा करेंगे – हिमालय की बेटियाँ पाठ प्रवेश प्रकृति की अपनी ही अनूठी सुंदरता होती है। प्रकृति की बेजोड़ सुंदरता का कोई मुकाबला नहीं कर सकता। न जाने कितने ही कवियों और लेखकों ने प्रकृति की सुंदरता को शब्दों में पिरोने की कोशिश की है परन्तु कोई भी कामयाब नहीं हो पाया है। प्रस्तुत पाठ में भी लेखक ने हिमालय से बहती नदियों का अत्यधिक सूंदर मानवीकरण किया है। कहीं लेखक ने नदियों को हिमालय की बेटियाँ कह कर सम्बोधित किया है , तो कहीं इनकी चंचलता और कल-कल की ध्वनि की तुलना छोटे बच्चों की शरारतों और खिलखिलाहटों है। प्रस्तुत पाठ ” हिमालय की बेटियाँ ” में लेखक ” नागार्जुन ” ने गंगा , यमुना और सतलुज नदियों का बहुत ही अद्भुत मानवीयकरण किया है। इस पाठ के जरिए लेखक हमें सन्देश देना चाहता है कि हर किसी का चाहे वह मनुष्य हो या प्रकृति , का रूप हमेशा वैसा ही नहीं होता जैसा हमें दिखाई दे रहा हो। हो सकता है जो हमें भयानक और ...

Classification or Division of the Himalayan Mountain Range

भारत की उत्तरी सीमा पर स्थित हिमालय भू-वैज्ञानिक और संरचनात्मक रूप से नवीन वलित पर्वत श्रंखला है , जिसका निर्माण यूरोपीय और भारतीय प्लेट के अभिसरण से टर्शियरी कल्प में हुआ था | Image Source: nirmancare यह पश्चिम में सिंधु नदी से लेकर पूर्व में ब्रह्मपुत्र नदी तक चापाकार रूप में लगभग 2400 किमी. की लंबाई में विस्तृत है | हिमालय पर्वत की चौड़ाई पश्चिम पश्चिम से पूर्व की ओर जाने पर घटती जाती है , इसीलिए कश्मीर में इसकी चौड़ाई लगभग 400 किमी. है और अरुणाचल प्रदेश की इसकी चौड़ाई सिमटकर 150 किमी. तक ही रह जाती है | इसके विपरीत हिमालय की ज़्यादातर ऊँची चोटियाँ इसके पूर्वी आधे भाग में पायी जाती हैं | हिमालय के उत्तर में ट्रांस हिमालय पाया जाता है , जिसमें काराकोरम , लद्दाख और जास्कर श्रेणियाँ शामिल हैं | हिमालय का विभाजन हिमालय को दो आधारों पर विभाजित किया जाता है: 1 . उत्तर से दक्षिण विभाजन 2 . पश्चिम से पूर्व विभाजन हिमालय का उत्तर से दक्षिण विभाजन हिमालय में उत्तर से दक्षिण क्रमशः वृहत हिमालय , मध्य हिमालय और शिवालिक नाम की तीन समानांतर पर्वत श्रेणियाँ पायी जाती हैं | यह तीनों श्रेणियाँ घाटियों या भ्रंशो के द्वारा आपस में अलग होती हैं| Image Source: knowledgeofindia वृहत हिमालय (Great Himalaya) हिमालय की सबसे ऊतरी श्रेणी को वृहत हिमालय, ग्रेट हिमालय,हिमाद्रि आदि नामों से जाना जाता है| यह हिमालय की सर्वाधिक सतत और सबसे ऊँची श्रेणी है, जिसकी औसत ऊँचाई लगभग 6000 मी. है| हिमालय की सर्वाधिक ऊँची चोटियाँ (माउंट एवरेस्ट, कंचनजंघा आदि) इसी पर्वत श्रेणी में पायी जाती हैं| हिमालय की इस श्रेणी का निर्माण सबसे पहले हुआ था और इसका कोर ग्रेनाइट का बना हुआ है| यहाँ से कई बड़े-बड़े ग्लेशियरों की उत्पत...

शिशु की बंद नाक के लिए नेजल ड्रॉप्स/स्प्रे: उपयोग का सही तरीका, फायदे व साइड

क्या है नेजल सेलाइन ड्रॉप? नेजल सेलाइन ड्रॉप्स नाक की ब्लॉकेज को साफ करने का कामयाब नुस्खा है। इसकी मदद से नासिका मार्ग में जमे पराग व धूल के कणों को आसानी से बाहर निकाला जा सकता है। इसके अलावा यह अतिरिक्त बलगम को दूर कर नमी प्रदान करने में भी सहायक होता है। यही नहीं, नेसल सेलाइन ड्रॉप श्वसन तंत्र से संबंधित लेख में आगे हम जानेंगे कि क्या शिशुओं के लिए नेजल ड्रॉप्स का इस्तेमाल सुरक्षित है। क्या नेजल ड्रॉप्स का इस्तेमाल शिशुओं के लिए सुरक्षित है? बच्चों के लिए नेजल सेलाइन ड्रॉप को सुरक्षित माना जा सकता है। इस बात की पुष्टि एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध से होती है। शोध में माना गया है कि सेलाइन ड्रॉप्स शिशुओं को बंद नाक की समस्या से राहत दिलाने का प्रभावी और सुरक्षित तरीका है। साथ ही यह बंद नाक की समस्या के साथ ही कमजोरी और आर्टिकल के अगले भाग में जानते हैं बच्चों को किस उम्र में नेजल ड्रॉप्स दिया जा सकता है। किस उम्र में बच्चों को नेजल ड्रॉप्स देना शुरू कर सकते हैं? सेलाइन नेजल ड्रॉप से संबंधित दो अलग-अलग शोध इस बात की पुष्टि करते हैं कि बच्चे को बंद नाक के कारण सांस लेने में तकलीफ से बचाने के लिए जन्म के बाद से ही सेलाइन नेजल ड्रॉप्स का इस्तेमाल किया जा सकता है शिशुओं के लिए कैसे उपयोग करें नेजल सेलाइन ड्रॉप्स? बच्चों के लिए नेजल सेलाइन ड्रॉप्स का इस्तेमाल करने का तरीका नीचे बता रहे हैं: • सबसे पहले अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं। • ड्रॉपर या सिरिंज की मदद से उचित डोज लें। • शिशु को गोद में आराम से लिटाएं और फिर एक हाथ से मुंह को धीरे से पकड़ें। इसके बाद दूसरे हाथ की मदद से ड्रॉप डालें। लेख के अगले भाग में जानते ह...

हिमालया बोनिसन सिरप के फायदे और खुराक

Bonnisan दवा बच्चों स्वस्थ और खुश रखती है | शिशु पेट का दर्द, दस्त, पेट दर्द और अपच सहित शिशुओं और बच्चों में आम पाचन विकार से लड़ने में मदद करता है। Bonnisan के उपयोग से बच्चों के पेट दर्द के साथ जुड़े चिकनी मांसपेशियों की ऐंठन से राहत मिलती है और गैस expels करने में मदद कराती है तथा क्रोनिक इन्फेक्शन से लड़ने में मदद कराती है. Bonnisan समग्र स्वास्थ्य सुनिश्चित करता है: यह शिशुओं और बच्चों के पाचन तंत्र को मजबूत करता है| जो पाचन तंत्र के सामान्य शारीरिक कार्यों को बहाल मदद करता है। Bonnisan को नीचे दी गयी बिमारिओं में प्रयोग किया जा सकता है • शिशुओं और बच्चों में आम पाचन शिकायतों के इलाज के लिए • स्वस्थ विकास को बढ़ावा देने के लिए शिशुओं और बच्चों के लिए एक दैनिक स्वास्थ्य के पूरक के रूप में मुख्य सामग्री डिल तेल ( गिलोय(Tinospora Gulancha) अमला ( उपयोग के लिए दिशा निर्देश सबसे अच्छा यह है अपने शिशु या बच्चे को अपने चिकित्सक या बच्चों का चिकित्सक को दिखा कर परामर्श करें। यहाँ दावा सिरप के रूप में उपलब्ध है। दुष्प्रभाव Bonnisan निर्धारित मात्रा में लिया जाये तो इसके कोई साइड इफेक्ट नहीं होते हैं | अपने चिकित्सक से परामर्श के बिना आपकी समस्या का इलाज करने के लिए इस जानकारी का उपयोग न करें। The opinions expressed herein are authors personal opinions and do not represent any one's view in anyway. Do not use this information to diagnose or treat your problem without consulting your doctor. यहां व्यक्त की गई राय लेखक और लेखकों की व्यक्तिगत राय है और किसी भी डॉक्टर की राय का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। अपने चिकित्सक से परामर्श किए बिना अपनी समस्या का निदान या इलाज करने के लिए इस ...