Bulb ka avishkar kisne kiya

  1. Bulb Ka Aavishkar Kisne Kiya Or Kab Kiya
  2. बल्ब का आविष्कार किसने किया और कब किया?
  3. Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya Tha In Hindi
  4. Bulb ka avishkar kisne kiya? बल्ब की खोज किसने की?
  5. Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya Tha
  6. Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya
  7. बल्ब का आविष्कार किसने और कब किया?
  8. बल्ब का आविष्कार किसने किया व कब हुआ था? Bulb Inventor in Hindi


Download: Bulb ka avishkar kisne kiya
Size: 18.69 MB

Bulb Ka Aavishkar Kisne Kiya Or Kab Kiya

Bulb Ka Aavishkar Kisne Kiya Or Kab Kiya Bulb to ham sabhi apne gharo me roshni ke liye ustemal karte hai. Kabhi hame ye nahi socha ki ye bhi bahut badi khoj hai. Or aaj lite bulb ki tini jarurt hai. Ki iske bina to har ghar roshni bina milega. Or inki mang badhti hi ja rahi hai. par pichle kuch time se bulb ki jagah CFL ne le liya hai. Kyonki ye bulb se kam lite leti hai. Or vah jyada roshni bhi deti hai. or ab to LED bulb jo bahut hi kam lite me bahut jyada roshni deti hai. Bulb ka aavishkar Davy, Swann and Thomas Edison ne 1878 me kiya 14 October 1878 par Edison or unki tame ko pata chala ki ek Carbonated bamboo fiber 1200 se jyada hours chal sakta hai. Is aavishkar se pahle bahut kosis ki gayi. Jaise 1802 me Humphrey Davy pahle lite ki roshni ka aavishkar kiya. Unhone kaha ki lite ke sath paryog kiya or ek Electric battery ka aavishkar kiya. Jab vah apne battery or carbon ka ek tukda karne ke liye taro se juda huaa. Carbon glowed Light ka Construction kiya. Uska aavishkar electric arc Deepak ke roop me jana jata tha. Or yah jab roshni ka production kiya gaya. Yah hai. ki yah jyada time ke liye production or jyada Practical use ke liye bhi ujjval tha. 1850 me ek English physicist named Joseph Wilson Hans ek khali Glass bulb me attached carbonated paper fiber dwara ek light bulb banaya or 1860 tak vah kaam Prototype tha. Lekin ek acha Vacuum ki kami or light ki Adequate supply ek bulb jiska jivan bhar itni bhi roshni ki ek effect prodcer vichar kiya jana kam tha. lekin 1...

बल्ब का आविष्कार किसने किया और कब किया?

आवश्यकता ही आविष्कार की जननी होती है। आवश्यकताओं के अनुसार ही इंसान नई-नई चीजों की खोज करता है। इसी के कारण आज टेक्नोलॉजी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। आज तक वैज्ञानिकों ने कई सर्वश्रेष्ठ खोज की है, उनमें से बल्ब को विज्ञान का महत्वपूर्ण आविष्कार माना जाता है, जिसने दुनिया में एक नए युग की शुरुआत कर दी। प्राचीन समय में जब बल्ब नहीं हुआ करता था तब लोग मोमबत्ती या लालटेन का प्रयोग करते थे। लेकिन उससे आग लगने का खतरा ज्यादा रहता था। लेकिन बल्ब का आविष्कार ने मानो दुनिया में क्रांति ला दी। अब कई तरह के बल्ब आने लगे हैं, जो कम इलेक्ट्रिक सिटी के साथ लंबे समय तक जलने की क्षमता रखते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं बल्ब का आविष्कार किसने किया (Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya) और किस तरह बल्ब काम करता है। तो चलिए इस लेख के माध्यम से इन तमाम प्रकार के प्रश्नों का उत्तर जानते हैं। विषय सूची • • • • • • • • • • बल्ब क्या है? बल्ब कांच के आवरण से ढका हुआ गोलियाकार तपदीप्त लैंप होता है। इसके अंदर टंगस्टन धातु से बना कुंडलीनुमा आकार का पतला सा तंतु होता है, जिसे फिलामेंट कहा जाता है। बल्ब में टंगस्टन का उपयोग करने का कारण यह है कि टंगस्टन धातु का गलनांक सबसे अधिक होता है। इसका गलनांक 3422 डिग्री सेल्सियस होता है, जिसके कारण यह अत्यधिक करंट से भी गलता नहीं है। टंगस्टन धातु को हवा से बचाने के लिए इसके चारों ओर कांच का आवरण लगाया जाता है। इसके साथ ही इसे जंग से बचाने के लिए इसके अंदर आर्गन गैस भी भरी जाती हैं। बल्ब कैसे जलता है? बात करें बल्ब कैसे कार्य करता है तो बल्ब रेजिस्टेंस यानी प्रतिरोध के कारण काम करता है। प्रतिरोध इलेक्ट्रॉन को प्रवाहित होने से रोकता है। सभी तारों का कुछ ना कुछ रेजिस्टें...

Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya Tha In Hindi

हम्फ्री डेवी ने बिजली के साथ प्रयोग किया और बैटरी बनाई। जब उन्होंने तार को बैटरी से जोड़ा और कार्बन को एक साथ रखा, तो कार्बन प्रकाश उत्सर्जित करने लगा। इस प्रकार पहले बिजली के बल्ब का आविष्कार हुआ। उनके आविष्कार को इलेक्ट्रिक आर्क लैंप कहा जाता था। लेकिन इस आविष्कार के साथ दिक्कत यह थी कि रोशनी ज्यादा देर तक नहीं टिकती थी। इसके बाद 1840 में ब्रिटिश वैज्ञानिक वॉरेन डे ला रुए ने एक कुंडलित प्लेटिनम फिलामेंट को एक वैक्यूम ट्यूब में रखा और उसमें से विद्युत धारा प्रवाहित की। इस प्रयोग का उद्देश्य यह था कि प्लेटिनम का उच्च गलनांक इसे उच्च तापमान पर नियंत्रण में रखेगा। तो कक्ष में कुछ गैस अणु होंगे जो प्लेटिनम के साथ प्रतिक्रिया करेंगे और प्रकाश पहले से अधिक समय तक चलेगा। लेकिन इस प्रयोग के साथ सबसे बड़ी दिक्कत ये थी कि प्लैटिनम बहुत महंगा होता है। इसके बाद 1850 में जोसेफ स्वान नाम के एक वैज्ञानिक ने कांच के बल्ब में कार्बोनाइज्ड पेपर फिलामेंट्स का इस्तेमाल कर एक बिजली का बल्ब बनाया, लेकिन अच्छे वैक्यूम और बिजली की कमी के कारण यह ज्यादा समय तक नहीं चला। 1870 तक, अच्छे वैक्यूम पंप बाजार में आ गए, जिसके बाद जोसेफ स्वान ने फिर से प्रयोग करना शुरू किया। 3 फरवरी 1879 को टाइन पर न्यूकैसल की साहित्यिक और दार्शनिक सोसायटी की बैठक के दौरान इसका उपयोग फिर से दिखाया गया। इन लैम्पों में प्रयुक्त कार्बन की छड़ों का प्रतिरोध बहुत कम था। इस वजह से लैंप तक बिजली ले जाने के लिए बड़े कंडक्टर की जरूरत पड़ती थी। इसलिए यह सामान्य उपयोग या बिक्री के लिए उपयुक्त नहीं था। इसके बाद उनका ध्यान कार्बन तंतुओं के सुधार की ओर गया। जिसे उन्होंने रूई की मदद से तैयार किया, जिसे पार्चमेंटाइज्ड थ्रेड का नाम दिया ग...

Bulb ka avishkar kisne kiya? बल्ब की खोज किसने की?

Bulb ka avishkar kisne kiya? इस सवाल का जबाब जानने के लिए लोगों में काफी उत्सुकता होती हैं. आज भले ही पूरी दुनिया रात के अँधेरों में प्रकाश से जगमगाती हैं. लेकिन सोचिए जब बल्ब का आविष्कार नहीं हुआ था. तो उस समय लोग दिया और मशाल जलाकर कैसे अपनी जिन्दगी व्यतीत करते रहे होगे. आज के इस लेख में हम आपको एक ऐसे आविष्कारक की रोचक कहानी सुनाने जा रहे हैं. जिन्होंने पूरी दुनिया को प्रकाश से रोशन कर दिया था. जी हां आज हम जानेंगे की bulb ki khoj kisne ki? बल्ब का आविष्कार किसने किया और कब किया? पहले के जमाने में रात के अँधेरे में लोग कोई कार्य नहीं कर सकते थे. जैसे की रात में आप कही घुमने नहीं जा सकते थे. आप हॉकी, क्रिकेट या फुटबॉल जैसा कोई खेल नहीं खेल सकते थे. लेकिन बल्ब के आविष्कार के बाद हम वह सभी कार्य कर सकते हैं. जिस कार्य को करने के लिए रोशनी की जरूरत होती हैं. Bulb ki khoj ने मानो लोगों की पूरी जिन्दगी ही बदल कर रख दी. बल्ब एक तरह से खाली काँच का गोला होता हैं और उस गोले के अंदर टंगस्टन का तार और गैस भरा होता हैं. खासकर क्रिपटोन गैस सबसे उत्तम माना जाता हैं. फिर जब उस टंगस्टन के तार में बिजली प्रवाहित की जाती हैं. तो वह टंगस्टन तार गर्म होकर तुरन्त प्रकाश उत्पन्न कर देता हैं. गर्म होकर प्रकाश उत्पन्न करने की प्रक्रिया को तापदीप्ति कहते हैं. ऐसा कहा जाता है की Edison ने Bulb का Filament को बनाने के लिए दो हजार से ज्यादा अलग-अलग सामानों पर एक्सपेरिमेंट किया था. वैसे तो तापदीप्ति बल्ब बनाने में काफी कम लागत लगता हैं. लेकिन तापदीप्ति बल्ब बहुत ज्यादा बिजली खाती हैं. ज्यादा बिजली खर्च होने के कारण ही वर्तमान समय में लोगों ने बल्ब का इस्तेमाल करना लगभग बंद कर दिया हैं. आधुनिक टेक्न...

Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya Tha

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya Tha, बल्ब का आविष्कार किसने किया था? तो दोस्तों जैसा कि आप सब जानते है की पुराने जमाने में घरों में लालटेन या घी के दीपक जलते थे और मशाल और मोमबत्ती का इस्तेमाल करते थे. लेकिन इस तरह इन चीजों का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं करने पर बहुत सी दुर्घटनाएं भी हो जाती थी और काफी नुकसान हो जाता था| लेकिन जब से Bulb (बल्ब) का आविष्कार हुआ है| घर में Bulb जलना शुरू हुआ और घर में रोशनी फैल गई| लेकिन बहुत ही कम लोगो लोगों को मालूम होगा कि Bulb (बल्ब) का Invention (आविष्कार) किसने किया | तो दोस्तों आज हम आपको Balb (बल्ब) बारे में जानकारी देने वाले है. आइए जानते हैं कि Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya Tha आविष्कार किसने किया था? TAJMAHAL KISNE BANWAYA THA Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya Tha सन 14 अक्टूबर 1878 को थॉमस ऐल्वा एडीसन (Thomas Alva Edison) ने Balb का आविष्कार किया था| एडीसन उस जमाने के मशहूर वैज्ञानिक थे| उन्होंने कार्बन फिलामेंट लाइट बल्ब का अविष्कार किया था| जो कि बिजली के तार को जोड़ने से गरम होकर बल्ब जलने लगता था| इस अविष्कार करने में उन्हें लगभग डेढ़ साल का समय लगा था और जब यह बल्ब अविष्कार होने के बाद जलाया गया तो 13 घंटे से भी ज्यादा तक बल्ब जला था| उन्होंने बल्ब का तो अविष्कार किया ही था लेकिन इसके आलावा 1091 प्रकार के छोटे-बड़े उपकरणों का अविष्कार किया जैसे ग्रामोफोन, मोशन पिक्चर कैमरा, कार्बन टेलीफोन ट्रांसमीटर, एल्कलाइन स्टोरेज बैटरी और भी शामिल है| इन All यंत्रों का एडिसन जी के नाम पर पेटेंट बुक हैं| एडिसन ने दुनिया के पहले लाइट Balb को पेटेंट अपने नाम कराया| इस अनोखे अविष्कार को करने में उनको लगभग डेढ़...

Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya

Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya, कैसा हो अगर हमारे जीवन से इन रंग बिंरगे बल्बो को दूर कर दिया जाये तो हमारा जीवन कितना अधूरा और अंधेरा हो जायेगा। ये हमारी आज की कल्पना है लेकिन सदियो पहले बल्ब के आविष्कार से पहले हमारा जीवन कुछ इसी प्रकार का हुआ करता था। लेकिन आज हमारा जीवन बल्क की चका चौंध रौशनी से जगमगा रहा है इसीलिए आज के संदर्भ मे हमारा यह जानने बेहद लाजमी है कि Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya? हम इस आर्टिकल मे आप सभी विद्यार्थियो व युवाओँ को ना केवल ये बतायेगे कि Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya? बल्कि साथ ही साथ हम आपको विस्तार से बिदुं दर बिंदु करके बतायेगे कि बल्ब का आविष्कार किसने किया और कब किया? बल्ब का हमारे जीवन के सभी पहलूओ में अमूल्य महत्व है जिसके बिना ना केवल हम अपने जीवन की कल्पना कर सकते है बल्कि ना ही हम अपने भविष्य की कोई रुपरेखा ही खींच सकते है और बल्ब के आविष्कार के महत्व को समझते हुए हमारा यह जानना बेहद जरुरी है कि बल्ब का आविष्कार कब हुआ व एलईडी बल्ब का आविष्कार किसने किया? हमारा यह आर्टिकल बेहद रोचक व ज्ञानपूर्ण होगा जिसमें हम आप सभी पाठको, युवाओँ व विद्यार्थियो को ना केवल ये बतायेगे कि Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya? बल्कि साथ ही साथ हम आपको बल्ब के आविष्कार से जुड़े सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में भी बतायेगे जिसके लिए आपको अन्त तक इस आर्टिकल को पढ़ना होगा। Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya 6 सारांश आखिर बल्ब होता क्या है जिस प्रकार बल्ब के आविष्कार से पहले हम अंधेरे में, उजाला करने के लिए लक़ड़ी य़ा फिर मोमबत्ती जलाते थे ताकि अंधेरे में रौशनी हो सकें। वैसे अगर बल्‍ब की बात करे ये कांच की एक बंद आकृति वाला एक विद्युत उपकरण होता है जिसके भीतर बिजली उत्पन्न होने से ज...

बल्ब का आविष्कार किसने और कब किया?

आज आप इस आर्टिकल में जानेंगे कि Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya पहले के समय में जब बल्ब का आविष्कार नहीं हुआ था तब लोग रौशनी के लिए दिया, मशाल और मोमबत्ती का इस्तमाल करते थे। लेकिन इस तरह इन चीजों का सही तरीके से इस्तमाल नहीं करने पर बहुत सी दुर्घटनाएं भी हो जाती थी। लेकिन जब सेबल्ब काआविष्कार हुआ है तब से लोगो की जिंदगी बदल गई है। पहले रात के समय कुछ काम करना कठिन था पर बल्ब के आविष्कार के बाद आज कोई भी काम आसानी से हम रौशनी में रात में कर सकते है। आज हम रात में ट्रेवल कर पाते हैं, कोई भी खेल जैसे क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी हम रात में खेल सकते है। आपको बता दे बल्ब एक खोखला काँच का गोला होता है। जो अंदर से निर्वात की तरह कार्य करता है। इस गोले में एक टंगस्टन का तंतु लगा होता है, जब इस तंतु में बिजली प्रवाहित की जाती है तो यह कुछ ही पल में गर्म हो जाता है। • • • • • बल्ब का आविष्कार थॉमस ऐल्वा एडीसन (Thomas Alva Edison) ने 14 अक्टूबर 1878 में किया था। एडीसन उस समय के एक जाने माने वैज्ञानिक थे। उन्होंने कार्बन फिलामेंट लाइट बल्ब का अविष्कार किया था। जो कि बिजली के तार को जोड़ने से गरम होकर बल्ब जलने लगता था। इस अविष्कार करने में उन्हें लगभग डेढ़ साल का समय लगा था और जब यह बल्ब अविष्कार होने के बाद जलाया गया तो 13 घंटे से भी ज्यादा तक बल्ब जला था। उन्होंने बल्ब का तो अविष्कार किया ही था लेकिन इसके आलावा 1091 प्रकार के छोटे-बड़े उपकरणों का अविष्कार किया जैसे ग्रामोफोन, मोशन पिक्चर कैमरा, कार्बन टेलीफोन ट्रांसमीटर, एल्कलाइन स्टोरेज बैटरी और भी शामिल हैं। इन सारे यंत्रों का एडिसन जी के नाम पर पेटेंट बुक है। एडिसन ने विश्व का पहला लाइट बल्ब का पेटेंट अपने नाम कराया। इस अनोखे अविष्कार को उन...

बल्ब का आविष्कार किसने किया व कब हुआ था? Bulb Inventor in Hindi

5/5 - (1 vote) प्राचीन काल में जब बल्ब या बिजली का नामोनिशान नहीं होता था, तब लोग रात के अंधेरे को दूर करने के लिए मशालें जलाते थे, लेकिन जब से दुनिया को बल्ब के रूप में एक नई पहचान मिली है, तभी से लोगों को एक महत्वपूर्ण पहचान मिली है। उनके दैनिक जीवन में लब्ब एक हिस्सा बन गया। आज इस पोस्ट के माध्यम से मैं बल्ब के आविष्कार के बारे में विस्तार से चर्चा करने जा रहा हैं, आशा है कि आप इस महत्वपूर्ण आविष्कार के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करेंगे। 8 Conclusion बल्ब क्या है? बल्बों को इनकैंडोसेंट लैंप या तापदीप्त लैप भी कहा जाता हैं, जिन्हें बोलचाल की भाषा में बल्ब और शीशबत्ती कहा जाता है। तापदीप्त लैंप के माध्यम से इसमें प्रकाश उत्पन्न होता है। अगर आप तापदीप्त का अर्थ नहीं जानते हैं, तो आपको बता दें कि गर्मी से उत्पन्न होने वाले उत्सर्जन को तापदीप्त कहा जाता है। इसके अंदर एक बहुत पतला फिलामेंट उपलब्ध होता है, जब यह इसमें से गुजरता है तो फिलामेंट गर्म होकर प्रकाश देने लगता है। बिजली के बल्ब में एक तार लगा होता है, जो टंगस्टन नाम के धातू से बना हुआ होता हैं उसे ही फिलामेंट कहते हैं। बल्ब का आविष्कार किसने किया था? बल्ब का आविष्कार Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya Thomas Alva Edison Bulb का आविष्कार कब हुआ? 1878 आविष्कार के बाद जब बल्ब जलाया गया तो वह 13 घंटे तक जलता रहा। एडिसन को दुनिया के पहले लाइट बल्ब पेटेंट के आविष्कार का श्रेय दिया जाता है, उन्होंने न केवल बल्ब का आविष्कार किया बल्कि 1091 प्रकार के छोटे और बड़े उपकरणों का भी आविष्कार किया। इनमेंएल्कलाइन स्टोरेज बैटरी, ग्रामोफोन, कार्बन टेलीफोन ट्रांसमीटर और आदि उपकरण शामिल थे। एडिसन ने बल्ब के आविष्कार के दौरान काफी रिसर्च किया,...