बवासीर में दूध पीना चाहिए या नहीं

  1. क्या बवासीर में दूध पी सकते हैं?
  2. बवासीर में दूध पीना चाहिए या नहीं
  3. Is milk good in piles? Can piles patient drink milk? know from expert
  4. बवासीर में दुध पीना चाहिए या नहीं
  5. ऐसे होगा कपूर से बवासीर का इलाज
  6. बवासीर में दूध पीना चाहिए या नहीं? जानें गुदा रोग विशेषज्ञ से
  7. बवासीर में चावल खाना चाहिए या नहीं और अगर खाना चाहिए तो कितना खा सकते है


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क्या बवासीर में दूध पी सकते हैं?

बवासीर गुदा द्वार में होने वाली एक समस्या है, जिसमें मल द्वार पर मस्से जैसे मांस बढ़ जाते हैं, जो बैठने या मल त्याग करने में बहुत ज्यादा दर्द देते हैं। इस बीमारी में गुदा और निचले मलाशय में नसों में सूजन हो जाती है। कई बार मलाशय में मस्सा जमा होने से ब्लीडिंग की समस्या भी हो सकती है। बवासीर से जूझ रहे व्यक्ति का उठना-बैठना और चलना भी मुश्किल हो जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि बवासीर के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन इसके होने में खानपान और जीवनशैली मुख्य भूमिका निभाती है। वैसे तो कुछ दवाओं से बवासीर ठीक हो जाता है, लेकिन अगर ये समस्या लंबे समय तक बनी रहती है तो ऑपरेशन की नौबत भी आ सकती है। बवासीर होने पर कई लोग दूध पीना छोड़ देते हैं। ऐसा कहा जाता है कि बवासीर की समस्या में दूध पीने से सेहत को और भी नुकसान पहुंच सकता है। अगर आपको भी ऐसा ही लगता है तो ये धारणा बिल्कुल गलत है। बवासीर की समस्या में दूध पीना हानिकारक नहीं बल्कि सेहतमंद होता है। बवासीर में दूध पीने के फायदे दवाओं की गर्मी को करता है कम ये बात तो जग जाहिर है कि दवाओं को बनाने के लिए कई तरह के केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है। केमिकल्स होने की वजह से ज्यादातर दवाएं खाने से शरीर की गर्मी बढ़ती है। कई बार दवाओं के सेवन से पेट में जलन, सूजन और कब्ज जैसी समस्या भी हो सकती है। शरीर में दवाओं की गर्मी को कम करने के लिए दूध पीने की सलाह दी जाती है। पोषक तत्वों की कमी को करता है पूरा बवासीर में जब शरीर के एक हिस्से से खून का रिसाव हो रहा होता है, तो इस दौरान आयरन और हीमोग्लोबिन भी बाहर निकलते हैं। शरीर में इन पोषक तत्वों की कमी न हो, इसके लिए दूध का सेवन करने की सलाह दी जाती है। वात और पित्त के प्रभाव हो करता है कम बवासीर...

बवासीर में दूध पीना चाहिए या नहीं

बवासीर रोगी को खान-पान का चयन बड़े ही समझदारी से करना चाहिए। खान-पान में सुधार करके बवासीर के लक्षणों को कम किया जा सकता है, तो यदि खान-पान में बर्बरता की गई और गलत आहार का चयन किया गया तो यह लक्षणों को घटाने के बजाय दुगनी रफ़्तार से बढ़ा सकता है हमने अपने रोगियों की मदद करने के लिए एक डाइट चार्ट बनाया है और बताया है कि बवासीर होने पर रोगी क्या खा सकता है और क्या नहीं। बहरहाल, हमारे पाठकों ने ये जानना चाहा है कि क्या हम बवासीर में दूध पी सकते हैं और यदि नहीं पी सकते हैं तो इसका कारण क्या है? आज हम इसी प्रश्न का उत्तर जानने की कोशिश करेंगे। Table of Contents • • • • बवासीर में दूध पीना चाहिए या नहीं – Should We Drink Milk In Piles इसके बारे में अभी तक कोई रिसर्च नहीं हुई है, लेकिन ज्यादातर डॉक्टरों का कहना है कि बवासीर, फिशर या फिस्टुला जैसी किसी भी गुदा संबंधी बीमारी में दूध या उससे बने उत्पाद के सेवन से बचना चाहिए। क्योंकि, अप्रत्यक्ष रूप से ये कब्ज का कारण बन सकते हैं। चलिए जानते हैं कि आखिर क्यों दूध कब्ज का कारण बन सकता है। डेयरी उत्पाद से कब्ज क्यों होता है? हममें से अधिकांश लोग दूध बाजार में खरीदते हैं, बाजार में मिलने वाले दूध को हम प्रोसेस्ड फूड कह सकते हैं, क्योंकि यह पैकेट में पैक होने से पहले कई तरह की प्रक्रियाओं से गुजरता है। पढ़ें – क्या पाइल्स में अंडे का सेवन करना चाहिए दूध में गाय से उत्पन्न होने वाले एंटीबायोटिक और हार्मोन भी होते हैं, दूध को शुद्ध बनाने के लिए पाश्चुरीकृत (Pasteurization) की प्रक्रिया के दौरान इन्हें भी मार दिया जाता है। इस प्रक्रिया में बहुत से ऐसे बैक्टीरिया, खनिज और एंजाइम भी मर जाते हैं जो लोगों के लिए अच्छे होते हैं और दूध को पचाने क...

Is milk good in piles? Can piles patient drink milk? know from expert

पाइल्स जिसे हेमोराइड (Hemorrhoids) भी कहते हैं और सामान्य भाषा में इसे बवासीर के नाम से जाना जाता है। बवासीर की बीमारी मलाशय और गुदा के हिस्से को प्रभावित करती है। बवासीर के कारण की बात करें तो यह बीमारी आमतौर पर कब्ज के कारण होती है। बवासीर के कारण लोगों को बेहद तकलीफ का सामना करना पड़ता है। ऐसे लोगों को डेली रूटीन के काम करने में परेशानी होती है। शौच करने में सबसे ज्यादा दिक्कत होती है। शौच के दौरान उन्हें कब्ज की वजह से ज्यादा देर तक बैठना पड़ता है। शौच करने में गुदा द्वार में दर्द होता है और कई बार तो मल के साथ खून भी आता है। बवासीर दो तरह की होती है खूनी बवासीर और बादी वाली बवासीर। खूनी बवासीर में मस्से खूनी सुर्ख होते है और मल के साथ खून आता है। जबकि बादी बवासीर में मस्से काले रंग के होते है और मस्सों में खुजली,दर्द और सूजन की शिकायत रहती है। होम्योपैथिक डॉक्टर सितल टोंगसे के मुताबिक पाइल्स के मरीजों को खास हिदायत दी जाती है कि वो डाइट का ध्यान रखें। डाइट में फाइबर से भरपूर फूड्स का सेवन करें ताकि स्टूल टाइट नहीं रहे। अक्सर पाइल्स के मरीजों के मन में ये सवाल रहता है कि क्या पाइल्स के मरीज दूध का सेवन कर सकते हैं। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि कैसे पाइल्स में दूध का सेवन बीमारी को कैसे प्रभावित करता है। पाइल्स के मरीज दूध का सेवन कर सकते हैं क्या? दूध पोषक तत्वों से भरपूर लिक्विड फूड है जिसका सेवन सेहत के लिए बेहद उपयोगी है। कैल्शियम,विटामिन डी और प्रोटीन हमारी बॉडी के ज्यादातर अंगों के लिए उपयोगी है। दूध में लेक्टॉज मौजूद होता है जो हमारी सेहत के लिए उपयोगी है। कुछ लोगों को दूध का सेवन करने से कब्ज की परेशानी हो सकती है। आप जानते हैं कि कब्ज ही पाइल्स की समस्या को बढ़...

बवासीर में दुध पीना चाहिए या नहीं

Bawasir Me Dudh Pina Chahiye Ya Nahi –बवासीर को हम पाइल्स के नाम से भी जानते है। बवासीर एक खतरनाक बीमारियों में से जानी जाती है। इस बीमारी के होने पर आपके शरीर से मल के माध्यम से ब्लड का रिसाव होता हैं, पेट में जोरों का दर्द, पुरी तरह से सुस्ती लगना पाइल्स का लक्षण हैं। बवासीर से शरीर के पोषक तत्वों की पूर्ति हेतु दुध पीना चाहिए या नहीं। आप भी यदि बवासीर का शिकार हैं या बवासीर में दुध पिए या नहीं इसकी जानकारी लेना चाहते हैं। तो आज इस लेख के माध्यम से सारी महत्वपूर्ण बातों की जानकारी आपसे साझा की जाएगी। पाइल्स से होने वाली समस्या और उससे कैसे निजात पाया जाए। इन सारी बातों को सरल और स्पष्ट तरीकों से इस लेख के माध्यम से दर्शाया गया है। • • • • Table of Contents • • • • • • बवासीर में दुध पीना चाहिए या नहीं / Milk in Piles डॉक्टर और एक्सपर्ट के अनुसार किसी भी बवासीर के मरीज को दुध का सेवन वर्जित है। परंतु हां यह कहा जा सकता है कि ऑपरेशन के बाद कमजोरी को कम करने के लिए आप दुध का सेवन कर सकते हैं। या फिर दूध से बने उत्पादों का भी सेवन किया जा सकता है। यदि आप कभी-कभार हल्के गर्म और गुनगुने दूध का सेवन किया जा सकता है या फिर दही और छेना जैसे उत्पाद को खाया जा सकता है। दूध और दूध से बने उत्पाद शरीर में कमजोरी को कम करते हैं । इसलिए दुध पूरी तरह से नहीं छोड़ना है। कभी कभार हल्की गर्म या गुनगुने दुध को जरूर पिए। क्या बवासीर में डायरी उत्पादों का सेवन कर सकते है? आपको बता दें यदि आप बवासीर के मरीज है तो भी आपको दुध मना किया गया है ना कि दुध से बनाई गई प्रोडक्ट्स को खाने से रोका गया है। आप चाहे तो दुध में घी मिलाकर उसका सेवन भी कर सकते हैं बल्कि फायदेमंद सिद्ध होगा। यदि आप चाहे तो ओट्स...

ऐसे होगा कपूर से बवासीर का इलाज

कपूर एक ज्वलनशील और सुगंधित पदार्थ है जो पूजा से लेकर मेडिकल क्षेत्र में उपयोगी है। मेडिकल क्षेत्र में इसका मुख्य उपयोग ओवर-द-काउंटर दवाओं को बनाने के लिए किया जाता है। कपूर दो प्रकार का होता है। एक पेड़ों से प्राप्त किया जाता है जिसे भीमसेनी कपूर कहते है। एक रसायन द्वारा बनाया जाता है जिसे कृत्रिम कपूर कहते हैं। कपूर कफ, अपच और खांसी में प्रभावी है। इसकी मदद से बवासीर के दर्द और सूजन को भी कम किया जा सकता है। पढ़ें- विषय वस्तु • • • • • • • • • • • कपूर बवासीर में कैसे फायदेमंद है? बवासीर को हराने के लिए कपूर एक साथ कई फायदे प्रदान करता है, जैसे: सूजन कम करता है सूजन ही बवासीर के दर्द का सबसे बड़ा कारण हैं। गुदा क्षेत्र की रक्त वाहिकाओं और मांसपेशियों में सूजन आ जाता है, जो लगातार बढ़ता जाता है। कपूर एक प्रतिकारक के रूप में कार्य करता है जो स्थानीय रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है और सूजन दूर करता है। दर्द से छुटकारा जब कपूर बाहरी रूप से त्वचा पर लगाया जाता है तो प्रभावित क्षेत्र में झुनझुनी शुरू हो जाती है। यह मांसपेशियों में गर्माहट प्रदान करता है जिससे दर्द दूर हो जाता है। खुजली में लाभदायक बवासीर होने पर गुदा क्षेत्र में तेज खुजली होती है, पर दर्द इतना तीव्र रहता है का खुजलाने का साहस नहीं होता। कपूर कई प्रकार के संक्रमण से छुटकारा दिलाने में सक्षम है जो खुजली पैदा करते हैं। पढ़ें- दर्द कम करता है कपूर गर्माहट प्रदान करने के साथ ठंडाहट का अहसास भी दिलाता है, जिससे दर्द पर दोतरफा वार होता है। इसके लिए कपूर का स्प्रे या क्रीम का उपयोग किया जा सकता है। कपूर से बवासीर का इलाज कैसे होता है? बवासीर से छुटकारा पाने के लिए आप कपूर का निम्न तरीकों से उपयोग कर सकते हैं: नारियल और कप...

बवासीर में दूध पीना चाहिए या नहीं? जानें गुदा रोग विशेषज्ञ से

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बवासीर में चावल खाना चाहिए या नहीं और अगर खाना चाहिए तो कितना खा सकते है

बवासीर में चावल खाना चाहिए या नहीं यह सालों से चली आ रही एक बहस का विषय है। क्योंकि कुछ लोगों का मानना ​​है कि चावल को बवासीर के दौरान कम मात्रा में खाना चाहिए, जबकि कुछ लोग इसे बवासीर में खाना पसन्द करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि इससे उनकी स्थिति पर कोई प्रभाव नही पड़ता। आज के इस लेख में हम बवासीर में चावल खाने के पक्ष और विपक्ष में अलग-अलग तर्क तलाशने की कोशिश करेंगे, चलिए जानते है। बवासीर में चावल खाना चाहिए या नहीं बवासीर के रोगियों को ध्यान रखते हुए, उन्हें उचित मात्रा में चावल खाना चाहिए। अधिक मात्रा में चावल खाने से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। यदि आप बवासीर के रोगी हैं तो आप एक पूर्ण डाइट प्लान बनाने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें और वो आपको सही मात्रा में चावल खाने के लिए सलाह देंगे। हालांकि चावल खाने के मामले में दूसरा पक्ष यह है कि, अधिक मात्रा में चावल का सेवन करने से पाइल्स की समस्या में और भी बढ़ोतरी हो सकती है। चावल में उपस्थित फाइबर के अधिक सेवन से पाचन तंत्र के कुछ अंगों का कार्य ठीक से नहीं होता है जो पाइल्स की समस्या को बढ़ा सकता है। इसलिए, बवासीर के मरीजों को चावल के अधिक सेवन से परहेज करना चाहिए। वो उन आहारों का सेवन कर सकते हैं जो उन्हें सीमित फाइबर प्रदान करते हैं, जैसे कि फल, सब्जियां, अनाज आदि। इसके अलावा, पाइल्स के मरीजों को बहुत सारा पानी पीना चाहिए ताकि उनके पाचन तंत्र का कार्य ठीक से हो सके। हालांकि, बवासीर से जूझ रहे लोगों को सफेद चावल की जगह ब्राउन राइस का सेवन करना चाहिए। बवासीर में ब्राउन राइस को बहुत फायदेमंद पाया गया है। सफेद चावल की तुलना में ब्राउन राइस में कार्बोहाइड्रेट, मैंगनीज, आयरन, फास्फोरस, फाइबर, नियासिन, विटामिन बी 6...