चंद्र बीज मंत्र

  1. महाशिवरात्रि : 10 शुभ शिव मंत्र जाप से भोलेनाथ को प्रसन्न करें
  2. Chandra Yantra
  3. चन्द्र मंत्र
  4. Chant These Mantras To Get Rid Of Chandra Dosh
  5. नवग्रह मंत्र
  6. आपके लिए वरदान हैं नौ ग्रहों के ये नौ मंत्र, जानें ये चौंका देने वाले फायदे
  7. Chant These Mantras To Get Rid Of Chandra Dosh
  8. चन्द्र मंत्र
  9. नवग्रह मंत्र
  10. आपके लिए वरदान हैं नौ ग्रहों के ये नौ मंत्र, जानें ये चौंका देने वाले फायदे


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महाशिवरात्रि : 10 शुभ शिव मंत्र जाप से भोलेनाथ को प्रसन्न करें

इन मंत्रों के जाप से जहां सर्वव्याधियों का नाश होता है,वहीं शिवभक्त को बुद्धि, ज्ञान, ऐश्वर्य, सुख-सौभाग्य आदि समस्त सुखों की प्राप्ति होती है। अत: महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान शिव का दूध से अभिषेक और पूजन करते हुए निम्न मंत्रों का जाप करना चाहिए। आइए यहां जानते हैं 10 खास शुभ शिव मंत्र- (Lord Shiv Mantra) Mangal puja Amalner : भूमि पुत्र मंगल देव का अमलनेर में बहुत ही जागृत मंदिर है। यहां पर मंगल देव के साथ ही पंचमुखी हनुमान और भू माता विराजमान हैं। यहां पर हजारों की संख्‍या में लोग मंगल दोष की शांति के लिए आते हैं। इसी के साथ ही जिन लोगों को भूमि से संबंधित कोई समस्या है वे लोग भी यहां पर मंगल देव की पूजा और अभिषेक करने के लिए आते हैं। Lal kitab for money : लाला किताब के उपाय अचूक होते हैं। यह विद्या ज्योतिष से अलग मानी जाती है। हालांकि दोनों ही विद्या में कोई खास अंतर नहीं है। यदि आप आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं या कर्ज चढ़ गया है तो आपको लाल किताब के अचूक उपाय करना चाहिए। हालांकि यदि ये उपाय आप किसी लाल किताब के विशेषज्ञ से पूछकर करेंगे तो ज्यादा ठीक रहेगा। Naukri 2023 : आजकल अच्‍छी नौकरी मिलना मुश्‍किल है। देश में लाखों बेरोजगार लोग होंगे जो नौकरी की तलाश में भटक रहे हैं। हालांकि उन शहरों में नौकरी ज्यादा होती है जहां पर आबादी ज्यादा है और जहां पर कारोबारी कार्य ज्यादा होता है। इसीलिए कई लोगों को नौकरी की तलाश में अपना शहर छोड़कर जाना पड़ता है। ऐसे शहरों में जाकर भी उन्हें ढंग की नौकरी नहीं मिल रही हैं तो उन्हें करना चाहिए कौनसा वार। Sun transit in Gemini sign June 2023 : सूर्यदेव 15 जून 2023 की शाम को 06:07 बजे मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य का एक राशि से दूसरी राश...

Chandra Yantra

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, चंद्र यंत्र चंद्रदेव को समर्पित है। भगवान चंद्रमा को सोम के नाम से जाना जाता है, जिसका अर्थ अमृत होता है। भगवान चंद्रमा ऋषि अत्री और माता अनुसूया के बेटे हैं और हिन्दू धर्म में चंद्रदेव का काफी महत्व है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, चंद्रमा मन का कारक होता है और वह मन औऱ मस्तिष्क को नियंत्रित करता है। चंद्र यंत्र (chandra yantra) का उपयोग मन और मस्तिष्क को शांत करने के लिए किया जाता है। कर्क राशि और लग्न वालों को और जिन जातकों की कुंडली में चंद्र की महादशा चल रही हो तो उन्हें इस यंत्र की पूजा करनी चाहिए। इस यंत्र की विधिपूर्वक पूजा करने से मातृ दोष, गंड मूल दोष को दूर किया जा सकता है। चंद्र यंत्र के साथ सदैव भगवान शिव का पूजन करना भी आवश्यक है क्योंकि भोलेनाथ के मस्तक पर चंद्र देव विराजमान हैं। ;चंद्र यंत्र के लाभ चंद्र यंत्र की स्थापना करने से धन कमाने के लिए अच्छे फल प्राप्त होते हैं। इस यंत्र को धारण करने से कलात्मक और मानसिक शांति प्राप्त होती है। इस यंत्र को स्थापित करने से प्रेम संबंधों में प्रगाढ़ता आती है और इस यंत्र का पूजन करने से आपको मनचाहा जीवनसाथी भी मिल सकता है। कुंडली में चंद्रमा के अशुभ प्रभाव को कम करने लिए भी इसका उपयोग किया जाता है। चंद्र यंत्र को स्थापित करने से नौकरी और व्यापार में सफलता प्राप्त होती है। चंद्र यंत्र को धारण करने या स्थापित करने से मनोबल हमेशा उच्च रहता है और मन में स्थिरता बनी रहती है। यदि आपको सर्दी जुकाम और गले की समस्या है तो चंद्र यंत्र धारण करने से आपको राहत मिल सकती है। ध्यान रखने योग्य बातें इस यंत्र को पश्चिम की ओर पूर्व दिशा में स्थापित करना उत्तम माना गया है। इस यंत्र को इस्तेमाल करने से पहले ज्योतिषीय ...

चन्द्र मंत्र

ज्योतिष में चंद्रमा कर्क राशि का स्वामी है। चंद्र का अर्थ संस्कृत में "उज्ज्वल और चमकदार" है। ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा का व्यक्ति के मनोविज्ञान, भावनाओं और दृष्टिकोण पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। हमारी इच्छाएं, बुनियादी व्यवहार और अवचेतन मन यानी सभी चंद्रमा द्वारा प्रतिनिधित्व करते हैं। चंद्रमा समग्र रूप से मातृत्व और स्त्री शक्ति से जुड़ा हुआ है। यह हमारे भीतर के बच्चे और मातृत्व दोनों का प्रतिनिधित्व करता है। यह संवेदनशील, सहानुभूतिपूर्ण और विचारशील है। चंद्रमा हमारे सहज और तात्कालिक आवेगों का भी प्रतिनिधित्व करता है। इसके साथ ही सूर्य के संकेतों को नियोजित करने वाले पश्चिमी ज्योतिष के विपरीत हम चंद्र सौर चक्र का उपयोग करते हैं और हिंदू वैदिक ज्योतिष में चंद्र राशि से जाते हैं। भगवान चंद्र को चंद्रमा भगवान के रूप में भी जाना जाता है। वह हर किसी की कुंडली के लिए एक महत्वपूर्ण ग्रह हैं। मानव मन का शासक चंद्र या सोम है, जो ग्रह का अधिष्ठाता देवता है। किसी व्यक्ति की कुंडली पर चंद्रमा का प्रभाव कई तरह के अनुकूल और प्रतिकूल परिणाम दे सकता है। चंद्र मंत्र: वे कैसे मदद करते हैं? चंद्र मंत्र (chandra mantra) एक शक्तिशाली कहानी है जो लोगों की चंद्रमा से जुड़ने में मदद कर सकती है। इस मंत्र के उच्चारण से आध्यात्मि रूप में भगवान चंद्रमा से जुड़ने में मदद मिलती है। ऐसे कई चंद्र मंत्र हैं, जिनका बार-बार उच्चारण करने से व्यक्ति का जीवन समृद्ध और सुखद हो सकता है। चंद्र मंत्र का जाप करने से परेशान व्यक्ति के दुख कम हो सकते हैं। ऐसा उस व्यक्ति की कुंडली में भगवान चंद्रमा की स्थिति के कारण भी हो सकता है। इससे उसकी जिंदगी में सुखद और प्रभावशाली असर देखने को भी मिलता है। चंद्र मंत्र का जाप...

Chant These Mantras To Get Rid Of Chandra Dosh

नई दिल्ली: सनातन धर्म (Sanatan Dharma) में हर दिन किसी ना किसी देवी-देवता को समर्पित है. इसी क्रम में सोमवार (Monday) का दिन चंद्र देवता (Chandra Dev) को समर्पित है, जिन्हें मन का कारक भी माना गया है. बता दें कि चंद्रमा को सोम (Som) भी कहा जाता है. चन्द्रमा के अधिदेवता भी शिव (Shiva) हैं और इसके प्रत्याधिदेवता जल. सोमवार का दिन भगवान शिव शंकर (Lord Shiva Shankar) का भी माना जाता है. इस दिन देवों के देव महादेव (Lord Mahadev) का विधि-विधान से पूजन (Pujan) और व्रत (Vrat) किया जाता है. मान्यता है कि इस दिन भोलेनाथ का पूजन (Bholenath Ka Pujan) करने से चंद्रमा के दोष का निवारण होता है, साथ ही विशेष फल की प्राप्ति होती है. भगवान भोलेनाथ के कई नामों में से एक नाम है सोमसुंदर, यहां सोम का अर्थ चंद्र से है. मान्यता है कि जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा मजबूत होता है, उनका हर तरह की परिस्थिति में मन नियंत्रण में होता है. वहीं, इसी तरह कुंडली में चंद्रमा के कमजोर होने पर बेचैनी बनी रहती है. कहते हैं कि चंद्र दोष (Chandra Dosh) के प्रभाव के कारण व्यक्ति के ना सिर्फ मन पर, बल्कि उसकी माता की सेहत आदि पर भी असर पड़ता है. इसके लिए चंद्र का मजबूत रहना अनिवार्य है. कहते हैं कि कुंडली में चंद्रमा कमजोर होने पर सोमवार को चंद्रमा कवच समेत इन मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है. आइए जानते हैं कि किन उपायों को करने से चंद्र दोष दूर (Chandra Dosh ke Upay) किया जा सकता है. श्री चंद्र कवच | Shri Chandra Kavach Stotram श्रीचंद्रकवचस्तोत्रमंत्रस्य गौतम ऋषिः । अनुष्टुप् छंदः। चंद्रो देवता। चन्द्रप्रीत्यर्थं जपे विनियोगः । समं चतुर्भुजं वन्दे केयूरमुकुटोज्ज्वलम् । वासुदेवस्य नयनं शंकरस्य च भूषणम् ॥ १ ...

नवग्रह मंत्र

ज्योतिष शास्त्र में नवग्रह मंत्र ग्रहों की शांति एवं उनका आशीष पाने के लिए होते हैं। इन मंत्र से व्यक्ति अपने उद्देश्य को प्राप्त कर सकता है। साथ ही वह इन मंत्रों जाप से अपनी समस्त बाधाओं से मुक्ति पा सकता है। वैदिक शास्त्रों में कहा गया है कि ‘मन: तारयति इति मंत्र:’ अर्थात मन को तारने वाली ध्वनि ही मंत्र है। ग्रहों के वैदिक और तांत्रिक मंत्रों में असीम शक्ति समाहित होती है जिससे मानव कल्याण संभव है। परंतु इसके लिए मंत्र का उच्चारण शुद्ध रूप से होना चाहिए। यदि इसके उच्चारण में थोड़ी सी भी त्रुटि हुई तो अर्थ का अनर्थ भी हो जाता है। प्राचीन शास्त्रों में नव ग्रहों के मंत्र के महत्व को विस्तार से बताया गया है। ज्योतिष में नवग्रह मंत्र दो प्रकार के होते हैं जिन्हें वैदिक और तांत्रिक मंत्र कहा जाता है। इसके अलावा सभी नौ ग्रहों के बीज मंत्र भी होेते हैं। वैदिक व तांत्रिक मंत्र क्या होते हैं? वेद में ग्रहों से संबंधित जिन मंत्रों का वर्णन है उन्हें वैदिक मंत्र कहा जाता है। वहीं तंत्र विद्या के ग्रंथों में ग्रहों के लिए उपयोग किए गए मन्त्रों को तांत्रिक मंत्र कहा जाता है। जबकि बीज मंत्र को मंत्रों का प्राण कहते हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि किसी भी मंत्र की शक्ति उसके बीज मंत्र में समाहित होती है। इन मंत्रों के द्वारा समस्त प्रकार की बाधाओं, विकारों तथा समस्याओं का चमत्कारिक निदान किया जा सकता है। नीचे सभी नौ ग्रहों के मंत्रों को बताया जा रहा है– सूर्य के मंत्र ज्योतिष में सूर्य को ग्रहों का राजा कहा जाता है। सूर्य के आशीर्वाद से मनुष्य को सम्मान और सफलता प्राप्त होती है। जिनमें सूर्य के वैदिक, तांत्रिक और बीज मंत्र प्रमुख हैं। सूर्य का वैदिक मंत्र ॐ आ कृष्णेन रजसा वर्तमानो निव...

आपके लिए वरदान हैं नौ ग्रहों के ये नौ मंत्र, जानें ये चौंका देने वाले फायदे

आपके लिए वरदान हैं नौ ग्रहों के ये नौ मंत्र, जानें ये चौंका देने वाले फायदे आपके लिए वरदान हैं नौ ग्रहों के ये नौ मंत्र, जानें ये चौंका देने वाले फायदे By September 14, 2020 11:12 AM 2020-09-14T11:12:55+5:30 2020-09-14T11:13:31+5:30 ज्योतिष विज्ञान में नौ ग्रह बताएं गए हैं, जिनकी चाल का सीधा असर व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है। किसी व्यक्ति की कुंडली को देखकर ग्रहों की स्थिति पर विचार किया जाता है। Highlights नौ ग्रहों की चाल का सीधा असर व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है। व्यक्ति की कुंडली को देखकर ग्रहों की स्थिति पर विचार किया जाता है। ज्योतिष विज्ञान में नौ ग्रह बताएं गए हैं, जिनकी चाल का सीधा असर व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है। किसी व्यक्ति की कुंडली को देखकर ग्रहों की स्थिति पर विचार किया जाता है। ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार जन्मपत्री (कुंडली) में जब ग्रह कमजोर होते हैं तो व्यक्ति को उससे संबंधित बुरे परिणाम प्राप्त होते हैं। वहीं जब ग्रह मजबूत होते हैं तो जातकों को उसका प्रत्यक्ष लाभ भी मिलता है। हालांकि ग्रहों को मजबूत बनाने के लिए उपाय भी बताए गए हैं और इनमें सबसे ज्यादा कारगर उपाय है ग्रहों से जुड़े मंत्रों का जाप। आइए जानते हैं ग्रह और उनसे जुड़े मंत्र और उनका लाभ। सूर्य ग्रह सूर्य बीज मंत्र - ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः। विधि - मंत्र को रविवार के प्रात: काल के समय स्नान ध्यान के बाद 108 बार जपें। चंद्र ग्रह ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि कुंडली में चंद्र दोष होने से कलह, मानसिक विकार, माता-पिता की बीमारी, दुर्बलता, धन की कमी जैसी समस्याएं सामने आती हैं। चंद्रमा मन का कारक ग्रह होता है। कुंडली में चंद्र को मजबूत बनाने के लिए चंद्र ग्रह के बीज मंत्र का जप क...

Chant These Mantras To Get Rid Of Chandra Dosh

नई दिल्ली: सनातन धर्म (Sanatan Dharma) में हर दिन किसी ना किसी देवी-देवता को समर्पित है. इसी क्रम में सोमवार (Monday) का दिन चंद्र देवता (Chandra Dev) को समर्पित है, जिन्हें मन का कारक भी माना गया है. बता दें कि चंद्रमा को सोम (Som) भी कहा जाता है. चन्द्रमा के अधिदेवता भी शिव (Shiva) हैं और इसके प्रत्याधिदेवता जल. सोमवार का दिन भगवान शिव शंकर (Lord Shiva Shankar) का भी माना जाता है. इस दिन देवों के देव महादेव (Lord Mahadev) का विधि-विधान से पूजन (Pujan) और व्रत (Vrat) किया जाता है. मान्यता है कि इस दिन भोलेनाथ का पूजन (Bholenath Ka Pujan) करने से चंद्रमा के दोष का निवारण होता है, साथ ही विशेष फल की प्राप्ति होती है. भगवान भोलेनाथ के कई नामों में से एक नाम है सोमसुंदर, यहां सोम का अर्थ चंद्र से है. मान्यता है कि जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा मजबूत होता है, उनका हर तरह की परिस्थिति में मन नियंत्रण में होता है. वहीं, इसी तरह कुंडली में चंद्रमा के कमजोर होने पर बेचैनी बनी रहती है. कहते हैं कि चंद्र दोष (Chandra Dosh) के प्रभाव के कारण व्यक्ति के ना सिर्फ मन पर, बल्कि उसकी माता की सेहत आदि पर भी असर पड़ता है. इसके लिए चंद्र का मजबूत रहना अनिवार्य है. कहते हैं कि कुंडली में चंद्रमा कमजोर होने पर सोमवार को चंद्रमा कवच समेत इन मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है. आइए जानते हैं कि किन उपायों को करने से चंद्र दोष दूर (Chandra Dosh ke Upay) किया जा सकता है. श्री चंद्र कवच | Shri Chandra Kavach Stotram श्रीचंद्रकवचस्तोत्रमंत्रस्य गौतम ऋषिः । अनुष्टुप् छंदः। चंद्रो देवता। चन्द्रप्रीत्यर्थं जपे विनियोगः । समं चतुर्भुजं वन्दे केयूरमुकुटोज्ज्वलम् । वासुदेवस्य नयनं शंकरस्य च भूषणम् ॥ १ ...

चन्द्र मंत्र

ज्योतिष में चंद्रमा कर्क राशि का स्वामी है। चंद्र का अर्थ संस्कृत में "उज्ज्वल और चमकदार" है। ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा का व्यक्ति के मनोविज्ञान, भावनाओं और दृष्टिकोण पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। हमारी इच्छाएं, बुनियादी व्यवहार और अवचेतन मन यानी सभी चंद्रमा द्वारा प्रतिनिधित्व करते हैं। चंद्रमा समग्र रूप से मातृत्व और स्त्री शक्ति से जुड़ा हुआ है। यह हमारे भीतर के बच्चे और मातृत्व दोनों का प्रतिनिधित्व करता है। यह संवेदनशील, सहानुभूतिपूर्ण और विचारशील है। चंद्रमा हमारे सहज और तात्कालिक आवेगों का भी प्रतिनिधित्व करता है। इसके साथ ही सूर्य के संकेतों को नियोजित करने वाले पश्चिमी ज्योतिष के विपरीत हम चंद्र सौर चक्र का उपयोग करते हैं और हिंदू वैदिक ज्योतिष में चंद्र राशि से जाते हैं। भगवान चंद्र को चंद्रमा भगवान के रूप में भी जाना जाता है। वह हर किसी की कुंडली के लिए एक महत्वपूर्ण ग्रह हैं। मानव मन का शासक चंद्र या सोम है, जो ग्रह का अधिष्ठाता देवता है। किसी व्यक्ति की कुंडली पर चंद्रमा का प्रभाव कई तरह के अनुकूल और प्रतिकूल परिणाम दे सकता है। चंद्र मंत्र: वे कैसे मदद करते हैं? चंद्र मंत्र (chandra mantra) एक शक्तिशाली कहानी है जो लोगों की चंद्रमा से जुड़ने में मदद कर सकती है। इस मंत्र के उच्चारण से आध्यात्मि रूप में भगवान चंद्रमा से जुड़ने में मदद मिलती है। ऐसे कई चंद्र मंत्र हैं, जिनका बार-बार उच्चारण करने से व्यक्ति का जीवन समृद्ध और सुखद हो सकता है। चंद्र मंत्र का जाप करने से परेशान व्यक्ति के दुख कम हो सकते हैं। ऐसा उस व्यक्ति की कुंडली में भगवान चंद्रमा की स्थिति के कारण भी हो सकता है। इससे उसकी जिंदगी में सुखद और प्रभावशाली असर देखने को भी मिलता है। चंद्र मंत्र का जाप...

नवग्रह मंत्र

ज्योतिष शास्त्र में नवग्रह मंत्र ग्रहों की शांति एवं उनका आशीष पाने के लिए होते हैं। इन मंत्र से व्यक्ति अपने उद्देश्य को प्राप्त कर सकता है। साथ ही वह इन मंत्रों जाप से अपनी समस्त बाधाओं से मुक्ति पा सकता है। वैदिक शास्त्रों में कहा गया है कि ‘मन: तारयति इति मंत्र:’ अर्थात मन को तारने वाली ध्वनि ही मंत्र है। ग्रहों के वैदिक और तांत्रिक मंत्रों में असीम शक्ति समाहित होती है जिससे मानव कल्याण संभव है। परंतु इसके लिए मंत्र का उच्चारण शुद्ध रूप से होना चाहिए। यदि इसके उच्चारण में थोड़ी सी भी त्रुटि हुई तो अर्थ का अनर्थ भी हो जाता है। प्राचीन शास्त्रों में नव ग्रहों के मंत्र के महत्व को विस्तार से बताया गया है। ज्योतिष में नवग्रह मंत्र दो प्रकार के होते हैं जिन्हें वैदिक और तांत्रिक मंत्र कहा जाता है। इसके अलावा सभी नौ ग्रहों के बीज मंत्र भी होेते हैं। वैदिक व तांत्रिक मंत्र क्या होते हैं? वेद में ग्रहों से संबंधित जिन मंत्रों का वर्णन है उन्हें वैदिक मंत्र कहा जाता है। वहीं तंत्र विद्या के ग्रंथों में ग्रहों के लिए उपयोग किए गए मन्त्रों को तांत्रिक मंत्र कहा जाता है। जबकि बीज मंत्र को मंत्रों का प्राण कहते हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि किसी भी मंत्र की शक्ति उसके बीज मंत्र में समाहित होती है। इन मंत्रों के द्वारा समस्त प्रकार की बाधाओं, विकारों तथा समस्याओं का चमत्कारिक निदान किया जा सकता है। नीचे सभी नौ ग्रहों के मंत्रों को बताया जा रहा है– सूर्य के मंत्र ज्योतिष में सूर्य को ग्रहों का राजा कहा जाता है। सूर्य के आशीर्वाद से मनुष्य को सम्मान और सफलता प्राप्त होती है। जिनमें सूर्य के वैदिक, तांत्रिक और बीज मंत्र प्रमुख हैं। सूर्य का वैदिक मंत्र ॐ आ कृष्णेन रजसा वर्तमानो निव...

आपके लिए वरदान हैं नौ ग्रहों के ये नौ मंत्र, जानें ये चौंका देने वाले फायदे

आपके लिए वरदान हैं नौ ग्रहों के ये नौ मंत्र, जानें ये चौंका देने वाले फायदे आपके लिए वरदान हैं नौ ग्रहों के ये नौ मंत्र, जानें ये चौंका देने वाले फायदे By September 14, 2020 11:12 AM 2020-09-14T11:12:55+5:30 2020-09-14T11:13:31+5:30 ज्योतिष विज्ञान में नौ ग्रह बताएं गए हैं, जिनकी चाल का सीधा असर व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है। किसी व्यक्ति की कुंडली को देखकर ग्रहों की स्थिति पर विचार किया जाता है। Highlights नौ ग्रहों की चाल का सीधा असर व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है। व्यक्ति की कुंडली को देखकर ग्रहों की स्थिति पर विचार किया जाता है। ज्योतिष विज्ञान में नौ ग्रह बताएं गए हैं, जिनकी चाल का सीधा असर व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है। किसी व्यक्ति की कुंडली को देखकर ग्रहों की स्थिति पर विचार किया जाता है। ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार जन्मपत्री (कुंडली) में जब ग्रह कमजोर होते हैं तो व्यक्ति को उससे संबंधित बुरे परिणाम प्राप्त होते हैं। वहीं जब ग्रह मजबूत होते हैं तो जातकों को उसका प्रत्यक्ष लाभ भी मिलता है। हालांकि ग्रहों को मजबूत बनाने के लिए उपाय भी बताए गए हैं और इनमें सबसे ज्यादा कारगर उपाय है ग्रहों से जुड़े मंत्रों का जाप। आइए जानते हैं ग्रह और उनसे जुड़े मंत्र और उनका लाभ। सूर्य ग्रह सूर्य बीज मंत्र - ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः। विधि - मंत्र को रविवार के प्रात: काल के समय स्नान ध्यान के बाद 108 बार जपें। चंद्र ग्रह ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि कुंडली में चंद्र दोष होने से कलह, मानसिक विकार, माता-पिता की बीमारी, दुर्बलता, धन की कमी जैसी समस्याएं सामने आती हैं। चंद्रमा मन का कारक ग्रह होता है। कुंडली में चंद्र को मजबूत बनाने के लिए चंद्र ग्रह के बीज मंत्र का जप क...