चंद्रशेखर आजाद का निबंध

  1. Chandra Shekar Azad In Hindi चंद्रशेखर आजाद पर निबंध
  2. चंद्रशेखर आजाद पर निबंध
  3. चंद्रशेखर आजाद की जीवनी और निबंध हिंदी
  4. चंद्रशेखर आजाद पर निबंध: chandra shekhar azad essay in hindi, short essay, 100 words, 200 words, 500 words
  5. Essay on Chandra Shekhar Azad: चंद्रशेखर आजाद पर हिन्दी में निबंध
  6. चन्द्रशेखर आजाद पर निबंध
  7. चंद्रशेखर आजाद पर निबंध (Essay On Chandra Shekhar Azad)


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Chandra Shekar Azad In Hindi चंद्रशेखर आजाद पर निबंध

चंद्रशेखर आजाद का संगठन : – नौजवान सभा , कृति किसान पार्टी और हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिक एसोसिएशन था। chandra shekhar azad in hindi story चंद्रशेखर आजाद का स्वतंत्रता संघर्ष : – चंद्रशेखर आजाद बचपन से ही साहसी , आत्मविश्वासी और दृढ़निश्चयवादी था। उनके अंदर योजना को कुश्लता पूर्वक नितृत्व करने का अपार क्षमता था। उसने अपने साहस और वीरता से अंग्रेजी सरकार के अंदर स्वतंत्रता का खोप पैदा कर दिया था। पहली बार जब उसे 15 वर्ष की आयु में गिरप्तार कर मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया था तो मजिस्ट्रेट ने उनसे उनका नाम पूछा तो उसने अपना नाम – आजाद बताया पिता का नाम – स्वाधीन और घर – जेलखाना बताया। इस बात को सुनकर मजिस्ट्रेट ने उनका आत्मविश्वास तोरने के के लिए उस पर डंडा चार्ज का आदेश दिया। लेकिन उनके ऊपर जीतनी बार प्रहार किया जाता था उनका मुख से एक ही आवाज निकालता था। भारत माता की जय , भारत माता की जय about chandrasekhar azad in hindi चंद्रशेखर आजाद:- चंद्रशेखर आजाद जब बड़े होकर संस्कृत की शिक्षा करने के लिए कशी गए थे। उसी समय भारत में अंग्रेज अपने वरश्चव को मजबूत करने के लिए रॉलेक्ट एक्ट नियम पारित किया था। जिनका सारा सदस्य अंग्रेज था। इस राष्ट विरोधी एक्ट का विरोध करने के लिए सन 1919 ई को अमृतशाहार के जलियावाला बाग हत्याकांड के बाद जैसे ही गांधीजी ने असहयोग आंदोलन का आह्वान किया लोगों में जन क्रांति का सैलाब भड़क गया। छात्रों ने स्कुल और कॉलेज छोड़ दिया। सरकारी कर्मचारी ने नौकरी से अपना त्यागपत्र देने लगा विदेशी वस्तु का बहिष्कार होने लगा तभी चंद्रशेखर आजाद भी इस आंदोलन में कूद पड़े देश में जैसे ही असहयोग आंदोलन मन्द पड़ने लगा चंद्रशेखर आजाद देश की आजादी के लिए एक शक्तिशाली और सशक्त रास्...

चंद्रशेखर आजाद पर निबंध

हम यहां पर चंद्रशेखर आजाद पर निबंध हिंदी में शेयर कर रहे है। इस निबंध में चंद्रशेखर आजाद के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेयर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है। चंद्रशेखर आजाद पर निबंध (Essay on Chandra Shekhar Azad in Hindi) भारत की आजादी से पहले भारत के कई क्रांतिकारियों ने अपने जीवन की आहुति दी थी। उसमें चंद्रशेखर आजाद का नाम भी शामिल है। चंद्रशेखर आजाद भारत एक बहादुर क्रांतिकारी व्यक्ति थे। जिन्होंने भारत की आजादी में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया और अंग्रेजों के खिलाफ कई प्रकार के अभियान और क्रांतिकारी गतिविधियां चलाई। चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई 1906 को मध्यप्रदेश में हुआ था। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में महान नायक के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया। चंद्रशेखर आजाद ने 14 वर्ष की उम्र में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ आंदोलन करने शुरू कर दिए थे। चंद्रशेखर आजाद ने गांधीजी के असहयोग आंदोलन में भाग लिया और उसके पश्चात ब्रिटिश सरकार ने गिरफ्तार करके जेल में भेज दिया था। ब्रिटिश सरकार की हजारों लाठियां खाने के बाद भी वंदे मातरम का नारा लगाते रहे। चंद्रशेखर आजाद ने लाला लाजपत राय की मृत्यु का बदला भी लिया और हर कदम पर भारत को आजाद कराने के लिए ब्रिटिश सरकार के खिलाफ लड़ते रहे। 1919 में जब जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ तब चंद्रशेखर आजाद सिर्फ 13 साल के थे और उनके मन में इस हत्याकांड से देश को आजाद कराने की एक चिंगारी जाग उठी। उसके पश्चात 14 साल की उम्र में चंद्रशेखर आजाद ने बनारस आकर ब्रिटिश सरकार के खिलाफ आंदोलन करने शुरू कर दिए। 16 साल की उम्र में ब्रिटिश सरकार के द्वारा इनको गिरफ्तार कर दिया गया। उसके बाद भी चंद्रशेखर आजाद ने आज़ादी की लड़ाई ...

चंद्रशेखर आजाद की जीवनी और निबंध हिंदी

3 चंद्रशेखर आजाद निबंध – Chandrashekhar azad nibandh Hindi चंद्रशेखर आजाद की जीवन परिचय – Chandra shekhar azad jivan parichay महान नेता चंद्रशेखर बहुत काम उम्र में ही आजाद ब्रिटिश विदेशी आंदोलनों में भाग लेने के लिए प्रेरित हुए जब वह कशी विद्यापीठ वाराणसी में पढ़ रहे थे. तो वह केवल 15 साल के थे तब उन्होंने महात्मा गाँधी द्वारा चलाये गए असहयोग आंदोलन में सक्रीय रूप से भाग लिया था. वह असहयोग आंदोलन में भाग लेने के लिए जेल में जाने वाले सबसे काम उम्र के आंदोलन कारी थे. केवल 15 साल की उम्र में आजादी के आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए एक युवा के लिए बहुत कम उम्र है. लेकिन आजाद ने भारत को स्वतंत्र करने के लिए यह लड़ाई लड़ी चौरी चौरा की घटना के बाद जब महात्मा गाँधी ने 1922 में असहयोग आंदोलन को ख़तम करने का फैसला लिया तो इस फैसले से खुश नहीं थे. 1922 में गाँधी द्वारा असहयोग आंदोलन को ख़तम करने के बाद आजाद राम प्रसाद बिस्मिल के संपर्क में आये जिन्होंने क्रन्तिकारी गतिविधियों में शामिल हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन नमक संस्थान की स्थापना की चंद्रशेखर आजाद को मोतीलाल नेहरू जैसे बहुत सारे दिग्गज नेताओ का समर्थन प्राप्त था. जिन्होंने नियमित रूप से एच आर ए के समर्थन के लिए पैसे दिए थे. उन दिनों उन्हें कई कांग्रेस नेताओ का भी समर्थन मिला था. खासतौर से जब वह सयुंक्त प्रान्त में जो इन दिनों उत्तरप्रदेश में झांसी के निकट है. एक बदली हुई पहचान पंडित हरिशंकर ब्रम्हचारी के साथ जी रहे थे. चंद्रशेखर आजाद ने 6 साल के भीतर भगत सिंह अशफाक उल्ला खान,शुखदेव थापर और जगदीस चंद्र चटर्जी के साथ मिल जुल कर हिंदुस्तान सोसलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन संसथान का गठन किया था. काकोरी ट्रैन डकैती – Kakori conspiracy hindi ...

चंद्रशेखर आजाद पर निबंध: chandra shekhar azad essay in hindi, short essay, 100 words, 200 words, 500 words

By Jul 12, 2019 चंद्रशेखरआजादपरनिबंध (chandra shekhar azad essay in hindi) चंद्रशेखरआजादएकभारतीयक्रांतिकारीऔरभगतसिंहकेगुरुथे।भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरु, रामप्रसादबिस्मिलऔरअशफाकउल्लाखानकेसाथ-साथआज़ादकोसबसेलोकप्रियभारतीयप्रगतिवादियोंकेबीचएकउदाहरणकेरूपमेंदेखाजाताहै। चंद्रशेखरआजादकेपितापंडितसीतारामतिवारीएकगरीब, रूढ़िवादीब्राह्मणथे, जिन्हेंअपनीआजीविकाकीतलाशमेंउत्तरप्रदेशमेंअपनेघरगाँवबदरकाछोड़नापड़ाथा।उन्होंनेकुछसमयपहलेअलीराजपुरराज्यमेंऔरअबमध्यप्रदेशकेझाबुआक्षेत्रमेंएककस्बेभरवारामेंएकराज्यसंयंत्रमेंएकद्वारपालकेरूपमेंभरदिया।यहींकीचड़सेभरीएकबांसकीझोपड़ीमें, 23 जुलाई 1906 कोजगरानीदेवीनेचंद्रशेखरआज़ादकोजन्मदिया। आजादनेअपनीप्रारंभिकस्कूलीशिक्षाभवरामेंप्राप्तकी।वहअपनेपड़ोसकेभीललड़कोंकेसाथधनुषऔरतीरकेसाथघूमनेऔरशिकारकरनेकाशौकीनथा।यहउनकेरूढ़िवादीपिताकोबहुतनापसंदथा।जबचंद्रशेखरआज़ादलगभग 14 वर्षकेथे, तोवेकिसीतरहवनांचीपहुंचे।तबउन्होंनेएकसंस्कृतपाठशालामेंप्रवेशकिया, जहाँउन्हेंनि: शुल्कबोर्डिंगप्रदानकीगईऔरउनकीमृत्युकाशोकव्यक्तकियागया।वेअविवाहितथेऔरएक‘ब्रह्मचारी’काजीवनव्यतीतकररहेथे, जिसेउन्होंनेइसपाठशालामेंशुरूकिया। वेमहात्मागांधीकेनेतृत्वमें 1920-21 केअहिंसा, असहयोगआंदोलनकेमहानराष्ट्रीयउत्थानकेदिनथे।युवाचंद्रशेखरआज़ाद, अन्यछात्रोंकेसाथ, मोहितहोगएऔरउसमेंआगए।स्वभावसे, वहनिष्क्रियअध्ययनसेअधिकऊर्जावानगतिविधियोंसेप्यारकरताथा।बहुतजल्द, वहशिवप्रसादगुप्ताजैसेस्थानीयनेताओंकापसंदीदाबनगया। गिरफ्तारहोतेसमय, आज़ादइतनाछोटाथाकिउसकीहथकड़ीउसकीकलाईकेलिएबहुतबड़ीथी।उन्हेंएकमजिस्ट्रेटकेसामनेपरीक्षणकेलिएरखागयाथाजोस्वतंत्रता-सेनानियोंकेप्रतिक्रूरताकेलिएकुख्यातथा।चंद्रशेखरआज़ादकादरबारमेंरवैयाखराबथा। उन्होंनेअपनानामआज़ाद...

Essay on Chandra Shekhar Azad: चंद्रशेखर आजाद पर हिन्दी में निबंध

परिचय : लोकप्रिय स्वतंत्रता सेनानी एवं भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई, 1906 को मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के भाबरा नामक स्थान पर हुआ। उनके पिता का नाम पंडित सीताराम तिवारी एवं माता का नाम जगदानी देवी था। उनके पिता ईमानदार, स्वाभिमानी, साहसी और वचन के पक्के थे। यही गुण चंद्रशेखर को अपने पिता से विरासत में मिले थे। विवरण : चंद्रशेखर आजाद 14 वर्ष की आयु में बनारस गए और वहां एक संस्कृत पाठशाला में पढ़ाई की। वहां उन्होंने कानून भंग आंदोलन में योगदान दिया था। 1920-21 के वर्षों में वे गांधीजी के असहयोग आंदोलन से जुड़े। वे गिरफ्तार हुए और जज के समक्ष प्रस्तुत किए गए। जहां उन्होंने अपना नाम 'आजाद', पिता का नाम 'स्वतंत्रता' और 'जेल' को उनका निवास बताया। 17 दिसंबर, 1928 को चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह और राजगुरु ने शाम के समय लाहौर में पुलिस अधीक्षक के दफ्तर को घेर लिया और ज्यों ही जे.पी. साण्डर्स अपने अंगरक्षक के साथ मोटर साइकिल पर बैठकर निकले तो राजगुरु ने पहली गोली दाग दी, जो साण्डर्स के माथे पर लग गई वह मोटरसाइकिल से नीचे गिर पड़ा। फिर भगत सिंह ने आगे बढ़कर 4-6 गोलियां दाग कर उसे बिल्कुल ठंडा कर दिया। जब साण्डर्स के अंगरक्षक ने उनका पीछा किया, तो चंद्रशेखर आजाद ने अपनी गोली से उसे भी समाप्त कर दिया। उपसंहार : अलफ्रेड पार्क, इलाहाबाद में 1931 में उन्होंने रूस की बोल्शेविक क्रांति की तर्ज पर समाजवादी क्रांति का आह्वान किया। उन्होंने संकल्प किया था कि वे न कभी पकड़े जाएंगे और न ब्रिटिश सरकार उन्हें फांसी दे सकेगी। इसी संकल्प को पूरा करने के लिए उन्होंने 27 फरवरी, 1931 को इसी पार्क में स्वयं को गोली मारकर मातृभूमि के लिए प्राणों की आहुति दे दी।

चन्द्रशेखर आजाद पर निबंध

चन्द्रशेखर आजाद पर छोटे और बड़े निबन्ध (Short and Long Essays on Chandrashekhar Azad, Chandrashekhar Azad par Nibandh Hindi mein) निबन्ध 1 (250 शब्द) – चन्द्रशेखर आजादः एक क्रान्तिकारी परिचय चन्द्रशेखर आजाद भारत मे जन्में एक बहादूर और क्रान्तिकारी व्यक्ति थे, जिन्हें उनकी क्रांतिकारी गतिविधियों के लिए हमेशा याद किया जाता है। अपने साहसिक गतिविधियों के कारण वो भारतीय युवाओं मे एक हीरो के रुप मे जाने जाते है। अपने नाम के अनुरुप ही वो अंग्रेजी साम्राज्य के खिलाफ की गई कई क्रांतिकारी गतिविधियों के बाद भी ब्रिटिश कभी उन्हें पकड़ नही सके। उनके क्रांतिकारी गतिविधियों पर एक नजर चन्द्रशेखर आजाद हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (एच.आर.ए) के साथ जूड़े थे, जिसको 1928 मे बदलकर हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (एच.एस.आर.ए.) के नाम से जाना जाने लगा। दोनों ही संगठनों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ क्रांतिकारी गतिविधियों मे हिस्सा लिया और उन गतिविधियों मे चन्द्रशेखर आजाद हमेशा ही आगे रहें। चन्द्रशेखर आजाद से जुड़ी कुछ महत्वपुर्ण गतिविधियों को नीचे प्रदर्शित किया गया है – • काकोरी ट्रेन डकैती ट्रेन डकैती की यह घटना 9 अगस्त 1925 मे लखनऊ के नजदीक काकोरी मे चन्द्रशेखर आजाद और हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (एच.आर.ए.) के अन्य साथियों द्वारा इस घटना को अंजाम दिया गया था। इस घटना का मुख्य उद्देश्य संघ की क्रांतिकारी गतिविधियों को वित्तपोषित करना था। • वायसराय की ट्रेन को उड़ाया चन्द्रशेखर आजाद ने 23 दिसंबर 1926 मे वायसराय लार्ड इरविन को ले जाने वाली ट्रेन को बम धमाके मे उड़ाने मे भी शामिल थे। हांलाकि इस घटना मे ट्रेन पटरी से उतर गयी थी और वायसराय अचेत हो गया था। • सॉन्डर्स की हत्या चन्द्रशेखर आजाद ...

चंद्रशेखर आजाद पर निबंध (Essay On Chandra Shekhar Azad)

Essay On Chandra Shekhar Azad Jayanti 2022: भारतकेमहानस्वतंत्रतासेनानीचंद्रशेखरआजादकीआजजयंतीमनाईजारहीहै।चंद्रशेखरआजादकाजन्म 23 जुलाई 1906 कोमध्यप्रदेशकेझाबुआमेंहुआ।चंद्रशेखरआजादनेब्रिटिशसाम्राज्यकेऔपनिवेशिकशासनकेखिलाफकड़ासंघर्षकिया।चंद्रशेखरआजादजयंती 2022 केउपलक्ष्यमेंहमआपकोउनकेप्रारंभिकजीवन, संघर्षऔरउपलब्धियोंकेबारेमेंबताएगा।यदिआपचंद्रशेखरआजादपरनिबंधलिखनेकीतैयारीकररहेहैंतोहमआपकेलिएसबसेबेस्टचंद्रशेखरआजादपरनिबंधलिखनेकाड्राफ्टलेकरआएहै।चंद्रशेखरआजादपरनिबंधमेंआपकोभारतीयस्वतंत्रतासंग्राममेंउनकेअतुलनीययोगदानकेबारेमेंपताचलेगा।चंद्रशेखरआजादपरनिबंधविद्यार्थियोंकीसमझकेलिएआसानभाषामेंलिखागयाहै।तोआइयेजानतेहैंचंद्रशेखरआजादपरनिबंधकैसेलिखें? चंद्रशेखरआजादपरनिबंध Chandra Shekhar Azad Essay In Hindi हमेंआजादीहमारेस्वतंत्रतासेनानियोंऔरराष्ट्रवादियोंकेबलिदानसेमिलीहै।उन्होंनेब्रिटिशसाम्राज्यकेऔपनिवेशिकशासनकेखिलाफअथकसंघर्षकियाहै।भारतीयस्वतंत्रताकेसबसेमहानशहीदोंमेंसेएकहैंचंद्रशेखरआजाद, वहभारतमाताकेसच्चेसपूतथे, जिन्हेंकिसीसेकोईभयनहींथा।उनकीबहादुरीकोहमेशाभारतकेस्वतंत्रतासंग्रामकेइतिहासमेंयादरखाजाएगा।चंद्रशेखरआजादपरइसनिबंधमेंहमउनकेप्रारंभिकजीवनऔरक्रांतिकारीगतिविधियोंपरचर्चाकरेंगे।उसकानामचंद्रशेखरतिवारीथा।आजादकाजन्म 23 जुलाई 1906 कोमध्यप्रदेशकेझाबुआजिलेकेभावरामेंहुआथा।वहएकगरीबपरिवारसेताल्लुकरखतेथे।वहचंद्राभीलआदिवासीबच्चोंकेसाथबड़ेहुए।वहबचपनसेहीकाफीफुर्तीलेथे, उनकीमांउन्हेंसंस्कृतकाविद्वानबनानाचाहतीथी, जिसकेलिएआजादकोबनारसकेकाशीविद्यापीठभेजा।वहांवहराष्ट्रवादसेपरिचितहुएऔरवहएकस्वतंत्रतासेनानीबनगए। सन 1919 मेंजलियांवालाबागकीघटनासेवहबेहदपरेशानथे।वहसिर्फ 13 सालकेथे, जबवह 1920 मेंमहात्मागांधीद्वाराशुरूकिएगएअस...