चंद्रशेखर आजाद की जयंती

  1. चंद्रशेखर आजाद की जयंती आज, PM मोदी ने किया नमन, कहा
  2. महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की मनाई गई जयंती
  3. Chandrashekhar Azad Birth Anniversary Shot Himself At Alfred Park In Allahabad
  4. महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की जयंती, जानिए उनकी जिंदगी की अनकही कहानियां
  5. चंद्रशेखर आजाद की जयंती पर भोपाल में होगा 'यूथ महापंचायत' का आयोजन
  6. महान क्रांतिकारी शहीद चंद्रशेखर आजाद की जयंती आज, PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि । Prime Minister Narendra Modi pays tribute to great revolutionary Shahid Chandra Shekhar Azad


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चंद्रशेखर आजाद की जयंती आज, PM मोदी ने किया नमन, कहा

बता दें कि चंद्रशेखर आजाद के अलावा भारत की स्वतंत्रता में अहम में भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बाल गंगाधर तिलक की जयंती भी आज ही है। पीएम मोदी बाल गंगाधर तिलक को भी नमन किया है। पीएम मोदी ने चंद्रशेखर आजाद को याद करते हुए ट्वीट कर लिखा कि 'भारत माता के वीर सपूत चंद्रशेखर आजाद को उनकी जयंती पर नमन। अपनी युवावस्था के दौरान उन्होंने भारत को साम्राज्यवाद के चंगुल से मुक्त कराने में खुद को झोंक दिया। वह एक भविष्यवादी विचारक भी थे, और एक मजबूत और न्यायपूर्ण भारत का सपना देखते थे।' Remembering the valiant son of Bharat Mata, the remarkable Chandra Shekhar Azad on his Jayanti. During the prime of his youth he immersed himself in freeing India from the clutches of imperialism. He was also a futuristic thinker, and dreamt of a strong and just India. — Narendra Modi (@narendramodi) गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा है कि चंद्रशेखर आजाद का शौर्य ऐसा था कि अंग्रेज भी उनके सामने नतमस्तक हो जाते थे। चंद्रशेखर आजाद ने बचपन से ही आजाद भारत के विचार को जिया और चरितार्थ किया और अंतिम सांस तक आजाद रहे। उनके बलिदान ने स्वाधीनता की जो लौ जगाई वो आज हर भारतवासी के ह्रदय में देशभक्ति की अमर ज्वाला बन धधक रही है।' चंद्रशेखर आजाद का शौर्य ऐसा था कि अंग्रेज भी उनके सामने नतमस्तक हो जाते थे। आजाद ने बचपन से ही आजाद भारत के विचार को जिया व चरितार्थ किया और अंतिम सांस तक आजाद रहे। उनके बलिदान ने स्वाधीनता की जो लौ जगाई वो आज हर भारतवासी के ह्रदय में देशभक्ति की अमर ज्वाला बन धधक रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि असाधारण वीरता व अदम्य साहस के पर्याय, राष्ट्रभक्ति की प्रतिमूर्ति, स्...

महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की मनाई गई जयंती

नेताजी सुभाषचंद्र बसु स्मारक समिति टैक्सी स्टैंड पर चंद्रशेखर आजाद व बाल गंगाघर तिलक की जयंती मनाई गई। वरिष्ठ कवि दिनेश चंद्र शर्मा ने उनके क्रांतिकारी विचारों का वर्णन किया। भगवती राय, डा. व्यासमुनि राय, नौबत मौर्य, हनुमान, डा. श्रीकांत पांडेय आदि थे। अध्यक्षता युधिष्ठिर तिवारी ने की। महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की जयंती पर समाजवादी पार्टी की ओर से समता भवन पर विचार गोष्ठी हुई। जिलाध्यक्ष रामधारी यादव ने कहा कि चंद्रशेखर का नाम भारत के स्वतंत्रता संघर्ष के इतिहास में अमिट है। बचपन में अंग्रेजों ने उन्हें 15 कोड़ो का दंड दिया था तभी उन्होंने संकल्प लिया कि अब अंग्रेजों के हाथ कभी नहीं लगेंगे। इसी संकल्प को पूरा करते हुए उन्होंने 27 फरवरी 1931 को पुलिस से घिरने के बाद अल्फ्रेड पार्क इलाहाबाद में स्वयं को गोली मारकर अपने प्राणों की आहुति दे दी। गांधी जी के असहयोग आंदोलन से जुड़ने के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और आजादी की लड़ाई में अपने क्रांतिकारी क्रियाकलापों से स्वतंत्रता आंदोलन की ज्वाला को निरंतर प्रज्वलित करते रहे। निजामुद्दीन खां, अरुण कुमार श्रीवास्तव, सूरज राम बागी, चंद्रिका यादव, रामवचन यादव, कमलेश यादव, अमित ठाकुर, दिनेश यादव आदि थे। सादात : समता महाविद्यालय सादात में अमर बलिदानी चंद्रशेखर आजाद की 116वीं जयंती श्रद्धापूर्वक मनाई गई। उनके चित्र पर महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डा. रणजीत सिंह ने माल्यार्पण किया। मुख्य वक्ता इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर श्याम मोहन यादव ने उनके जीवन और स्वतंत्रता के लिए उनके आत्मोत्सर्ग रेखांकित करते हुए कहा कि महज 14 साल की उम्र में मजिस्ट्रेट के सामने निडर होकर नाम आजाद, पिता स्वतंत्रता और घर को जेल बताना उनको ...

Chandrashekhar Azad Birth Anniversary Shot Himself At Alfred Park In Allahabad

आज हम महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की 115वीं जयंती मना रहे हैं. आजाद ने अंग्रेजों के पकड़ में ना आने की शपथ के चलते खुद को गोली मार ली थी. आजाद जब तक जिए आजाद रहे, उन्हें कोई कैद नहीं कर पाया. जब आजाद को अंग्रेजी सरकार ने असहयोग आंदोलन के समय गिरफ्तार किया था और अदालत में उनसे उनका परिचय पूछा गया तो उन्होंने कहा था- मेरा नाम आजाद और पिता का नाम स्वतंत्रता और मेरा पता जेल है. रामप्रसाद बिस्मिल और चंद्रशेखर आजाद ने साथी क्रांतिकारियों के साथ मिलकर ब्रिटिश खजाना लूटने और हथियार खरीदने के लिए ऐतिहासिक काकोरी ट्रेन डकैती को अंजाम दिया. इस घटना ने ब्रिटिश सरकार को हिलाकर रख दिया था. बात 9 अगस्त 1925 की है. शाम का वक्त था. हल्का हल्का सा अंधेरा छाने लगा था. लखनऊ की तरफ सहारनपुर पैसेंजर एक्सप्रेस आगे बढ़ रही थी. लखनऊ से पहले ही काकोरी स्टेशन पर 10 क्रांतिकारी सवार हुए और ट्रेन को लूट लिया. लाला लाजपत राय की मृत्यु का बदला... लाला लाजपत राय की मृत्यु का बदला लेने के लिए आजाद, राजगुरू और भगत सिंह ने योजना बनाई थी. 17 दिसंबर 1928 को आजाद, भगत सिंह और राजगुरु ने शाम के समय लाहौर में पुलिस अधीक्षक के दफ्तर को घेर लिया और ज्यों ही जेपी सांडर्स अपने अंगरक्षक के साथ मोटर साइकिल पर बैठकर निकले, तो राजगुरु ने पहली गोली दाग दी. फिर भगत सिंह ने आगे बढ़कर 4-6 गोलियां दागी. जब सांडर्स के अंगरक्षक ने उनका पीछा किया, तो चंद्रशेखर आजाद ने अपनी गोली से उसे भी खत्म कर दिया. इसके बाद लाहौर में जगह-जगह पोस्टर लगे कि लाला लाजपत राय की मृत्यु का बदला ले लिया गया है. इसके बाद एक दिन उन्हें इलाहाबाद के एल्फ्रेड पार्क में उन्हें उनके मित्र सुखदेव राज ने बुलाया. वो बात कर ही रहे थे कि पुलिस ने उन्हें घेर...

महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की जयंती, जानिए उनकी जिंदगी की अनकही कहानियां

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक और लोकप्रिय स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई, 1906 को मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के भाबरा नामक स्थान पर हुआ। आजाद का जन्मस्थान भाबरा अब 'आजादनगर' के रूप में जाना जाता है। उनके पिता का नाम पंडित सीताराम तिवारी और माता का नाम जगदानी देवी था। उनके पिता ईमानदार, स्वाभिमानी, साहसी और वचन के पक्के थे। यही गुण चंद्रशेखर को अपने पिता से विरासत में मिले थे। चंद्रशेखर आजाद 14 वर्ष की आयु में बनारस गए और वहां एक संस्कृत पाठशाला में पढ़ाई की। वहां उन्होंने कानून भंग आंदोलन में योगदान दिया था। 1920-21 के वर्षों में वे गांधीजी के असहयोग आंदोलन से जुड़े। वे गिरफ्तार हुए और जज के सामने पेश किए गए। जहां उन्होंने अपना नाम 'आजाद', पिता का नाम 'स्वतंत्रता' और 'जेल' को उनका निवास बताया। उनके इस जवाब पर उन्हें 15 कोड़ों की सजा दी गई। हर कोड़े के वार के साथ उन्होंने, 'वंदे मातरम्' और 'महात्मा गांधी की जय' का स्वर बुलंद किया। इसके बाद वे सार्वजनिक रूप से आजाद कहलाए। जब क्रांतिकारी आंदोलन उग्र हुआ, तब आजाद उस तरफ खिंचे और 'हिन्दुस्तान सोशलिस्ट आर्मी' से जुड़े। रामप्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में आजाद ने काकोरी कांड (1925) में भाग लिया और पुलिस की आंखों में धूल झोंककर फरार हो गए। 17 दिसंबर, 1928 को चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह और राजगुरु ने शाम के समय लाहौर में पुलिस अधीक्षक के दफ्तर को घेर लिया और ज्यों ही जे.पी. साण्डर्स अपने अंगरक्षक के साथ मोटर साइकिल पर बैठकर निकले तो राजगुरु ने पहली गोली दाग दी, जो साण्डर्स के माथे पर लग गई वह मोटरसाइकिल से नीचे गिर पड़ा। फिर भगत सिंह ने आगे बढ़कर 4-6 गोलियां दाग कर उसे बिल्कुल ठंडा कर दिया। जब साण्डर्स के अंगरक्षक ने उ...

चंद्रशेखर आजाद की जयंती पर भोपाल में होगा 'यूथ महापंचायत' का आयोजन

भोपाल,14 जुलाई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि युवाओं में नेतृत्व का विकास करने की दिशा में 'यूथ महापंचायत' का आयोजन किया जा रहा है। इसके सार्थक परिणाम लाने के लिए कोई कमी नहीं रहने दी जाए। नए विचारों एवं सुझावों से इस दिशा में कार्य किया जाए। युवा स्टार्टअप की विभिन्न गतिविधियों से भी जुड़ सकें इसके लिए प्रयास किए जाएं। मुख्यमंत्री चौहान आज मंत्रालय में राज्य स्तरीय 'यूथ महापंचायत' की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। खेल एवं युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस तथा संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि 'यूथ महापंचायत' का उद्देश्य शहीद चंद्रशेखर आजाद की विरासत को आगे बढ़ाते हुए मध्यप्रदेश के उत्साही युवाओं को साथ लाकर एक मंच प्रदान करना है, जिससे वे राज्य, देश और दुनिया की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक चुनौतियों की पहचान कर हरसंभव समाधान सुझाएं। प्रत्येक जिले से चुने गए आदर्श युवा प्रतिनिधियों और उनके संरक्षकों के पारस्परिक संवाद के इस दो दिवसीय आयोजन से आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के विजन में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास होगा। साथ ही युवाओं में नेतृत्व कौशल भी विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेश के युवा बेटे-बेटियों से प्रदेश के गौरव शहीद चंद्रशेखर आजाद की जयंती पर होने वाली राज्य स्तरीय 'यूथ महा पंचायत' में भाग लेकर राष्ट्र और समाज की उन्नति में सहभागी बनने का आहवान किया है। उन्होंने युवाओं से कहा कि अपनी योग्यता का उपयोग कर आत्म- निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में सहभागी बनें। संचालक खेल एवं युवा कल्याण श्री रवि गुप्ता ने बताया कि शहीद चंद्रशेखर आजाद की 116वीं जयंती पर भोपाल में आगामी 𝟐𝟑 एवं 𝟐𝟒 जुल...

महान क्रांतिकारी शहीद चंद्रशेखर आजाद की जयंती आज, PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि । Prime Minister Narendra Modi pays tribute to great revolutionary Shahid Chandra Shekhar Azad

भारत माता के वीर सपूत चंद्रशेखर आजाद को उनकी जयंती पर मेरी विनम्र श्रद्धांजलि। वे एक निर्भीक और दृढ़ निश्चयी क्रांतिकारी थे, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने जीवन की आहुति दे दी। उनकी वीरता की गाथा देशवासियों के लिए प्रेरणा का एक स्रोत है। — Narendra Modi (@narendramodi) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक कहे जाने वाले शहीद चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई 1906 को मध्य प्रदेश के देखें लाइव टीवी 14 वर्ष की उम्र में ही वह 17 दिसंबर 1928 को चंद्रशेखर आजाद, राजगुरू और भगत सिंह ने लाहौर में पुलिस अधीक्षक के दफ्तर को घर लिया और जैसे ही जेपी साण्डर्स बाहर निकले तो राजगुरू ने उन पर गोली दाग दी. फिर भगत सिंह ने भी साण्डर्स को गोली मारी और वहां से निकल लिए. इस पर जब साण्डर्स के अंगरक्षक ने उनका पीछा किया तो चंद्रशेखर आजाद ने उसे भी खत्म कर दिया.