चंपाकली आभूषण

  1. राजस्थान के आभूषण
  2. चंपाकली आभूषण कहाँ पहना जाता है?
  3. राजस्थान प्रमुख आभूषण PDF Download
  4. [Solved] चंपाकली आभूषण शरीर के किस अंग पर पहना जाता है?
  5. राजस्थान प्रमुख आभूषण PDF Download
  6. राजस्थान के आभूषण
  7. चंपाकली आभूषण कहाँ पहना जाता है?
  8. [Solved] चंपाकली आभूषण शरीर के किस अंग पर पहना जाता है?
  9. राजस्थान के आभूषण
  10. [Solved] चंपाकली आभूषण शरीर के किस अंग पर पहना जाता है?


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राजस्थान के आभूषण

Rajasthan Ke Aabhushan – राजस्थान के आभूषण भारत के सभी आभूषणों मे अपना एक विशेष महत्व रखते है। राजस्थान भारत के हर काल मे विभिन्न सभ्यताओ का केंद्र रहा है। भारतीय नरिया अपनी सुंदरता को बढ़ाने के लिए बहुत तरह के आभूषण पहनती है। राजस्थानी नारिया भी उन्ही मे है, यहाँ की नारिया जिन आभूषणों को पहनती है उनमे भारत की हर सभ्यताओ की झलक देखने को मिलती है । सारणी का उपयोग करे गले के आभूषण– राजस्थान के आभूषण TRICK : मामा चम्पा ने तुलसी चंदन का हँसली हार लेकर मोहन की पंच मंडली को मोहा। मा मादलिया मा मटरमाला च चंपाकली ने नीबोरी तुलसी तुलसी हार चंदन चंदन हार क कंठी, कंठसरी हँसली हँसली/खंगाली हार मो मोहनमाला प पँचलड़ी मो मोहरु हा हालरों Others: हमेल, गुलिबन्ध, बजट्टी, ठुस्सी, आड़, चोलिया/चोल्या

चंपाकली आभूषण कहाँ पहना जाता है?

Explanation : चंपाकली आभूषण गले में पहना जाता है। राजस्थानी महिलाओं के इसके अलावा गला व छाती के आभूषण तुलसी बजंट्टी, हालरो, हांसली, पोत, चन्द्रमाला, कंठमाला, हाकर, चंपाकली, कंठी, पंचलड़ी, मटरमाला, मोहनमाला, जालरो, चंद्रहार, तिमणिया, ढुस्सी, निबोरी, जुगावली, कंठसारी, मांदलिया, खुंगाली, जंजीर, हार, हंसहार, कंठी आदि होते है। वही सिर व मस्तक पर के आभूषणों में बोर, बोरला, शीशफूल, रखड़ी, टिकड़ा मांग टीका, फीणी, सांकली, तावित, मेमंद, सुरमंग आ​ते है। इसमें सिर पर बांधे जाने वाले आभूषणों को चूंडा रत्न कहा जाता है। Tags :

राजस्थान प्रमुख आभूषण PDF Download

राजस्थान प्रमुख आभूषण सिर के आभूषण :–  शीशफूल :– सिर के पीछे बालों में दोनों और सोने की बारीक साकल बांधकर ललाट पर लटकाई जाती है उसे शीशफूल या सेरज कहते हैं।  सिरमाँग :– सुहागिन स्त्रियों के मांग के स्थान पर तिल्ली के आकार का चेन से जुड़ा हुआ पहना जाने वाला गाना।  गोफण :– स्त्रियों के बालों की छोटी छोटी लटो में गुथा जाने वाला आभूषण गोपण कहलाता है।  बोर या बोरला :– मोटे बोर के आकार में सोने चांदी से बना हुआ आभूषण जिसके आगे के भाग में छोटे-छोटे दाने उभरे हुए होते हैं तथा उसके पीछे वाले भाग में एक छोटा हुक बना होता है इस हुक से धागा बांधकर महिलाएं सिर के बालों के मध्य में ललाट पर लगाते हुए बांधती है।  रखड़ी :– रखड़ी को भी सिर पर मांग के ऊपर बांधा जाता है रखड़ी बोर के समान गोलाकार आकृति में होती है परंतु लकड़ी पर कीमती पत्थर के नगो की जड़ाई की जाती है लकड़ी के पीछे लगाए जाने वाले सोने के छोटे हुक को बगड़ी कहते हैं।  पतरी :– रखडी के नीचे ललाट के दोनों तरफ बालों के किनारे के साथ सोने का चौड़ा पत्तर पतरी कहलाता है।  टीका या तिलक :– यह सोने की परत का बना हुआ फूल की आकृति जैसा होता है जिसमें नगीनों की जडाई की जाती है उसे टीका या तिलक कहते हैं इसे महिलाएं मांग भरने की जगह है सिर पर लटकाती है।  टिड्डी या भळको :– स्त्रियों के मांग भरने के नीचे ललाट पर पहने जाने वाला आभूषण।  टीकी या बिंदी :– सुहागिन स्त्रियों के माथे की शोभा बढ़ाने वाला यह आभूषण जिसे महिलाएं ललाट के मध्य में लगाती है। मैमंद स्त्रियों के माथे पर पहनने का आभूषण है जिस पर लोक गीत भी गाये जाते है।  मौड़ :– विवाह के अवसर पर दूल्हे और दुल्हन के कान व सिर पर बांधने का मुकुट मौड़ कहलाता है कान के आभूषण :–  कर्णफूल :–...

[Solved] चंपाकली आभूषण शरीर के किस अंग पर पहना जाता है?

सही उत्तर गलाहै। • चंपाकली एक राजस्थानी आभूषण है। • यह राजस्थान की महिलाओं द्वारा पहना जाता है। Additional Information • राजस्थान में पहने जाने वाले गलेके आभूषण हंसाली, कथला, चिड़, मणिकमाला और तख्ती हैं। • राजस्थान में पहने जाने वाले सिर के आभूषण राखड़ी, घुंडी, टीका और झाल हैं। • राजस्थान में पहने जाने वाले माथे के गहने शिशफूल, सुमंग, टीका और राकड़ी हैं। • राजस्थान में पहने जाने वाले कान के आभूषण टोंतिया, टॉप्स, बैड या बैडल हैं।

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राजस्थान प्रमुख आभूषण सिर के आभूषण :–  शीशफूल :– सिर के पीछे बालों में दोनों और सोने की बारीक साकल बांधकर ललाट पर लटकाई जाती है उसे शीशफूल या सेरज कहते हैं।  सिरमाँग :– सुहागिन स्त्रियों के मांग के स्थान पर तिल्ली के आकार का चेन से जुड़ा हुआ पहना जाने वाला गाना।  गोफण :– स्त्रियों के बालों की छोटी छोटी लटो में गुथा जाने वाला आभूषण गोपण कहलाता है।  बोर या बोरला :– मोटे बोर के आकार में सोने चांदी से बना हुआ आभूषण जिसके आगे के भाग में छोटे-छोटे दाने उभरे हुए होते हैं तथा उसके पीछे वाले भाग में एक छोटा हुक बना होता है इस हुक से धागा बांधकर महिलाएं सिर के बालों के मध्य में ललाट पर लगाते हुए बांधती है।  रखड़ी :– रखड़ी को भी सिर पर मांग के ऊपर बांधा जाता है रखड़ी बोर के समान गोलाकार आकृति में होती है परंतु लकड़ी पर कीमती पत्थर के नगो की जड़ाई की जाती है लकड़ी के पीछे लगाए जाने वाले सोने के छोटे हुक को बगड़ी कहते हैं।  पतरी :– रखडी के नीचे ललाट के दोनों तरफ बालों के किनारे के साथ सोने का चौड़ा पत्तर पतरी कहलाता है।  टीका या तिलक :– यह सोने की परत का बना हुआ फूल की आकृति जैसा होता है जिसमें नगीनों की जडाई की जाती है उसे टीका या तिलक कहते हैं इसे महिलाएं मांग भरने की जगह है सिर पर लटकाती है।  टिड्डी या भळको :– स्त्रियों के मांग भरने के नीचे ललाट पर पहने जाने वाला आभूषण।  टीकी या बिंदी :– सुहागिन स्त्रियों के माथे की शोभा बढ़ाने वाला यह आभूषण जिसे महिलाएं ललाट के मध्य में लगाती है। मैमंद स्त्रियों के माथे पर पहनने का आभूषण है जिस पर लोक गीत भी गाये जाते है।  मौड़ :– विवाह के अवसर पर दूल्हे और दुल्हन के कान व सिर पर बांधने का मुकुट मौड़ कहलाता है कान के आभूषण :–  कर्णफूल :–...

राजस्थान के आभूषण

Rajasthan Ke Aabhushan – राजस्थान के आभूषण भारत के सभी आभूषणों मे अपना एक विशेष महत्व रखते है। राजस्थान भारत के हर काल मे विभिन्न सभ्यताओ का केंद्र रहा है। भारतीय नरिया अपनी सुंदरता को बढ़ाने के लिए बहुत तरह के आभूषण पहनती है। राजस्थानी नारिया भी उन्ही मे है, यहाँ की नारिया जिन आभूषणों को पहनती है उनमे भारत की हर सभ्यताओ की झलक देखने को मिलती है । सारणी का उपयोग करे गले के आभूषण– राजस्थान के आभूषण TRICK : मामा चम्पा ने तुलसी चंदन का हँसली हार लेकर मोहन की पंच मंडली को मोहा। मा मादलिया मा मटरमाला च चंपाकली ने नीबोरी तुलसी तुलसी हार चंदन चंदन हार क कंठी, कंठसरी हँसली हँसली/खंगाली हार मो मोहनमाला प पँचलड़ी मो मोहरु हा हालरों Others: हमेल, गुलिबन्ध, बजट्टी, ठुस्सी, आड़, चोलिया/चोल्या

चंपाकली आभूषण कहाँ पहना जाता है?

Explanation : चंपाकली आभूषण गले में पहना जाता है। राजस्थानी महिलाओं के इसके अलावा गला व छाती के आभूषण तुलसी बजंट्टी, हालरो, हांसली, पोत, चन्द्रमाला, कंठमाला, हाकर, चंपाकली, कंठी, पंचलड़ी, मटरमाला, मोहनमाला, जालरो, चंद्रहार, तिमणिया, ढुस्सी, निबोरी, जुगावली, कंठसारी, मांदलिया, खुंगाली, जंजीर, हार, हंसहार, कंठी आदि होते है। वही सिर व मस्तक पर के आभूषणों में बोर, बोरला, शीशफूल, रखड़ी, टिकड़ा मांग टीका, फीणी, सांकली, तावित, मेमंद, सुरमंग आ​ते है। इसमें सिर पर बांधे जाने वाले आभूषणों को चूंडा रत्न कहा जाता है। Tags :

[Solved] चंपाकली आभूषण शरीर के किस अंग पर पहना जाता है?

सही उत्तर गलाहै। • चंपाकली एक राजस्थानी आभूषण है। • यह राजस्थान की महिलाओं द्वारा पहना जाता है। Additional Information • राजस्थान में पहने जाने वाले गलेके आभूषण हंसाली, कथला, चिड़, मणिकमाला और तख्ती हैं। • राजस्थान में पहने जाने वाले सिर के आभूषण राखड़ी, घुंडी, टीका और झाल हैं। • राजस्थान में पहने जाने वाले माथे के गहने शिशफूल, सुमंग, टीका और राकड़ी हैं। • राजस्थान में पहने जाने वाले कान के आभूषण टोंतिया, टॉप्स, बैड या बैडल हैं।

राजस्थान के आभूषण

Rajasthan Ke Aabhushan – राजस्थान के आभूषण भारत के सभी आभूषणों मे अपना एक विशेष महत्व रखते है। राजस्थान भारत के हर काल मे विभिन्न सभ्यताओ का केंद्र रहा है। भारतीय नरिया अपनी सुंदरता को बढ़ाने के लिए बहुत तरह के आभूषण पहनती है। राजस्थानी नारिया भी उन्ही मे है, यहाँ की नारिया जिन आभूषणों को पहनती है उनमे भारत की हर सभ्यताओ की झलक देखने को मिलती है । सारणी का उपयोग करे गले के आभूषण– राजस्थान के आभूषण TRICK : मामा चम्पा ने तुलसी चंदन का हँसली हार लेकर मोहन की पंच मंडली को मोहा। मा मादलिया मा मटरमाला च चंपाकली ने नीबोरी तुलसी तुलसी हार चंदन चंदन हार क कंठी, कंठसरी हँसली हँसली/खंगाली हार मो मोहनमाला प पँचलड़ी मो मोहरु हा हालरों Others: हमेल, गुलिबन्ध, बजट्टी, ठुस्सी, आड़, चोलिया/चोल्या

[Solved] चंपाकली आभूषण शरीर के किस अंग पर पहना जाता है?

सही उत्तर गलाहै। • चंपाकली एक राजस्थानी आभूषण है। • यह राजस्थान की महिलाओं द्वारा पहना जाता है। Additional Information • राजस्थान में पहने जाने वाले गलेके आभूषण हंसाली, कथला, चिड़, मणिकमाला और तख्ती हैं। • राजस्थान में पहने जाने वाले सिर के आभूषण राखड़ी, घुंडी, टीका और झाल हैं। • राजस्थान में पहने जाने वाले माथे के गहने शिशफूल, सुमंग, टीका और राकड़ी हैं। • राजस्थान में पहने जाने वाले कान के आभूषण टोंतिया, टॉप्स, बैड या बैडल हैं।