चैत्र मास का पंचांग 2023

  1. Chaitra Month 2023 हिंदू कैलेंडर का पहला माह चैत्र मास शुरू जानिए इसका महत्व
  2. राम नवमी पंचांग
  3. Aaj ka Panchang 27 March 2023: आज का शुभ और अशुभ मुहूर्त
  4. आज का पंचांग 24 मार्च 2023: मां चंद्रघंटा की पूजा, गणगौर व्रत, देखें शुभ मुहूर्त, राहुकाल और दिशाशूल
  5. Ashadha Masik Shivratri 2023 Date Shubh Muhurat Lord Shiva Puja At Night Significance
  6. Aaj Ka Panchang 14 June:बुधवार का पंचांग, शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय


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Chaitra Month 2023 हिंदू कैलेंडर का पहला माह चैत्र मास शुरू जानिए इसका महत्व

नई दिल्ली, Chaitra Month 2023: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, फाल्गुन मास साल का आखिरी माह होता है। इसके बाद चैत्र मास आता है, जो प्रथम माह माना जाता है। चैत्र मास मार्च और अप्रैल माह की शुरुआत में पड़ता है। शास्त्रों के अनुसार, चैत्र मास में ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना करनी आरंभ की थी। हिंदू नववर्ष को कई नामों से जाना जाता है। आंध्र प्रदेश में इसे उगादिनाम यानी युग का आरंभ नाम से जाना जाता है। इसके साथ ही जम्मू- कश्मीर में नवरेह, पंजाब में वैशाखी, महाराष्ट्र में गुड़ीपड़वा, सिंध में चेतीचंड, केरल में विशु, असम में रोंगली बिहू जैसे नामों से जाना जाता है। जानिए चैत्र मास का महत्व। कब से शुरू हो रहा चैत्र मास 2023? हिंदू कैलेंडर के अनुसार, चैत्र मास 8 मार्च 2023, बुधवार से शुरू हो रहा है, जो 6 अप्रैल, शुक्रवार को समाप्त हो जाएगा। इस मास की शुरुआत गणगौर व्रत के साथ हो रही है। इसके अलावा इस मास में रंग पंचमी, शीतला सप्तमी, पापमोचनी एकादशी, भौमवती अमावस्या, झूलेलाल जयंती, मत्स्य जयंती, गुड़ी पड़वा, रामनवमी, चैत्र नवरात्रि, कामदा एकादशी जैसे बड़े व्रत त्योहार पड़ रहे हैं। चैत्र मास का महत्व धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चैत्र मास की प्रतिपदा तिथि के दिन भगवान विष्णु के दशावतारों के प्रथम अवतार मत्स्य अवतार लेकर जल प्रलय में घिरे मनु को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया था। इसके बाद नई सृष्टि का संचार हुआ था। इसके साथ ही ब्रह्मा जी ने चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से सृष्टि की रचना करना आरंभ कर दिया था। चैत्र मास 2023 व्रत त्योहार 8 मार्च 2023 बुधवार- होली, इष्टी, धुलेंडी 09 मार्च 2023 गुरुवार- भाई दूज, भ्रातृ द्वितीया 11 मार्च 2023 शनिवार- भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 12 मार्च 2023...

राम नवमी पंचांग

पंचांग 30/03/2023 • March 30, 2023 चैत्र शुक्ल पक्ष नवमी, अनला संवत्सर विक्रम संवत 2080, शक संवत 1945 (शोभकृत संवत्सर), चैत्र | नवमी तिथि 11:30 PM तक उपरांत दशमी | नक्षत्र पुनर्वसु 10:59 PM तक उपरांत पुष्य | अतिगण्ड योग 01:02 AM तक, उसके बाद सुकर्मा योग | करण बालव 10:17 AM तक, बाद कौलव 11:30 PM तक, बाद तैतिल | मार्च 30 गुरुवार को राहु 02:03 PM से 03:34 PM तक है | 04:15 PM तक चन्द्रमा मिथुन उपरांत कर्क राशि पर संचार करेगा | क्या आप जानते हैं कि भगवान श्री रामचंद्र जी का जन्म आज से करीब-करीब 7100 साल पेहले हुआ था ? ईस वर्श श्री राम का जन्म वाल्मीकि रामायण में भगवान श्री राम जी के जन्म के समय का वर्णन दिया गया हैं। जब भगवान विष्णु ने अपने सांत्वे अव्तार में जन्म लिया, उस समय चैत्र मास के शुक्ल पक्ष नवमी क तिथि थी। पुनर्वसू उस पावन समय में सूर्य, मंगल, शनी, गुरु और शुक्र ये पांचों और चंद्र के साथ बृहस्पति लग्न मे विराजमान थे। अगर इस आंकड़े का हम गणना करें और यह खोज करें कि नक्षत्रों का स्थान इस अनुक्रम में कब थी, तब हमे भगवान श्री रामचंद्र जी के जन्म का सही समय प्राप्त होगी। इसे कई वैज्ञानिकों ने कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के माध्यम से खोज कर उस पावन समय का पता कर लिया हैं। भगवान श्री रामचंद्र जी का जन्म आज से तक्रीबन 7135 साल पेहले, जनवरी 10 के दिन, दोपहर 12 से 1 बजे के बीच हुआ था। राम नवमी पंचांग नवमी तिथि आरंभ : March 29, 2023 9:07 PM नवमी तिथि अंत : March 30, 2023 11:30 PM मध्याहना : March 30, 2023 12:31 PM पूजा मुहूर्त : March 30, 11:18 AM - March 30, 1:44 PM Edit Page Auspicious Yogas • सर्वार्थसिद्धि योग - Mar 30 06:25 AM - Mar 30 10:59 PM (Punarvasu and Thursday) • अमृतसिद्धि ...

Aaj ka Panchang 27 March 2023: आज का शुभ और अशुभ मुहूर्त

डीएनए हिंदीः.सोमवार, 27 मार्च 2023, चैत्र, शुक्ल पक्ष, षष्ठी तिथि है और रोहिणी नक्षत्र रहेगा. आज नवरात्रि का छठवां दिन है और आज के दिन देवी कात्यायनी की पूजा की जाएगी, . चलिए पंडित दिव्यांक शास्त्री से आज का पंचांग विस्तार से जानें. आज का पंचांग (27 मार्च 2023 दिन सोमवार) • तिथि (Tithi): षष्ठी - 17:30:09 तक • नक्षत्र (Nakshatra): रोहिणी - 15:27:40 तक • करण (Karna): तैतिल - 17:30:09 तक, गर - 30:12:57 तक • पक्ष (Paksha): शुक्ल • योग (Yoga): आयुष्मान - 23:18:00 तक • दिन (Day): सोमवार • मास पूर्णिमांत (Month Purnimanta): चैत्र • मास अमांत (Month Amanta): चैत्र • दिन की अवधि (Day Duration): 12:18:22 आज का अशुभ मुहूर्त (Aaj Ka Ashubh Muhurt, Monday, 27 March 2023) • दुष्ट मुहूर्त (Dusht Muhurat): 12:51:30 से 13:40:44 तक, 15:19:11 से 16:08:24 तक • राहु काल (Rahu Kaal): 07:50:00 से 09:22:18 तक • यमगंड (Yamaganda): 10:54:36 से 12:26:54 तक 27 मार्च 2023 दिन सोमवार का शुभ मुहूर्त (Aaj Ka Shubh Muhurt) अभिजीत (Abhijit): 12:02:17 से 12:51:30 तक आज का दिशा शूला (Disha Shoola) : पूर्व

आज का पंचांग 24 मार्च 2023: मां चंद्रघंटा की पूजा, गणगौर व्रत, देखें शुभ मुहूर्त, राहुकाल और दिशाशूल

आज चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है. गणगौर की पूजा के लिए शिव और पार्वती की मिट्टी की मूर्ति बनाते हैं. मां चंद्रघंटा की पूजा करने से शुक्र दोष दूर होता है. आज का पंचांग 24 मार्च 2023: आज चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है. आज चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन और मां चंद्रघंटा की पूजा है. आज मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की आराधना करते हैं और व्रत रखते हैं. आज गणगौर व्रत भी है. आज राजस्थान समेत उत्तर भारत के कई शहरों में गणगौर व्रत रखा जाता है. यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती के लिए रखते हैं. गणगौर की पूजा के लिए शिव और पार्वती की मिट्टी की मूर्ति बनाते हैं. गणगौर व्रत और पूजा करने से अखंड सौभाग्य प्राप्त होता है. शिव और पार्वती की कृपा से मनचाहा जीवनसाथी मिलता है. पति की आयु लंबी होती है और दांपत्य जीवन खुशहाल रहता है. सुहागन महिलाएं गणगौर का व्रत और पूजा अपने पति से छिपाकर करती हैं. इस व्रत में माता पार्वती को जितना सोने के आभूषण अर्पित करते हैं, उतना ही परिवार में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है. शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी की पूजा का भी है. धन और वैभव की देवी माता लक्ष्मी के लिए आज व्रत रखा जाता है और शाम के समय में विधिपूर्वक पूजा की जाती है. पूजा के समय श्री लक्ष्मी चालीसा, श्रीसूक्त और कनकधारा स्तोत्र का पाठ किया जाता है. महालक्ष्मी के मंत्र का जाप करने से धन, संपत्ति और वैभव में बढ़ोत्तरी होती है. माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए दूध से बनी कोई सफेद मिठाई का भोग लगा सकते हैं. आज के दिन आप बताशा भी चढ़ा सकते हैं. पूजा में कमल पुष्प, लाल गुलाब, कमलगट्टा, पीली कौड़ियां, अक्षत्, श्रीफल, माला, नैवेद्य, कुमकुम आदि अर्पित कर सकते हैं. आज के दिन श...

Ashadha Masik Shivratri 2023 Date Shubh Muhurat Lord Shiva Puja At Night Significance

Ashadha Masik Shivratri 2023: त्रिनेत्रधारी भगवान शंकर को भोलेनाथ कहा गया है, शिव मन के भोले हैं. कहते हैं जो सच्चे मन से एक लोटा जल शिवलिंग पर अर्पित कर दे तो महादेव उसके समस्त कष्ट हर लेते हैं. वैसे तो हर सोमवार शिव जी को समर्पित है लेकिन हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि महादेव को प्रसन्न करने के लिए उत्तम मानी गई है, इस तिथि के मासिक शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है. शिव की प्रिय शिवरात्रि तिथि पर रात्रि में जागरण कर पूजा करने का विधान है. मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने से कभी न खत्म होने वाला पुण्य प्राप्त होता है. आइए जानते हैं आषाढ़ माह की मासिक शिवरात्रि व्रत की डेट, मुहूर्त और पूजा विधि. आषाढ़ मासिक शिवरात्रि 2023 डेट (Ashadha Masik Shivratri 2023 Date) आषाढ़ महीने की मासिक शिवरात्रि का व्रत 16 जून 2023 को रखा जाएगा. समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए शिवरात्रि के दिन शिवलिंग का रुद्राभिषेक करना बहुत शुभ फलदायी माना जाता है. इस तिथि पर शिव जी का विवाह हुआ था वहीं कुछ मान्यताओं के अनुसार इसी तिथि पर पहली बार महादेव का शिवलिंग के रूप में प्राक्ट्य माना जाता है. आषाढ़ मासिक शिवरात्रि 2023 मुहूर्त (Ashadha Masik Shivratri 2023 Muhurat) पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 16 जून 2023 को सुबह 08 बजकर 39 मिनट पर होगा और इसकी समाप्ति 17 जून 2023 को सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर पर होगी. • शिव पूजा का समय - 17 जून 2023, प्रात: 12.02 - प्रात: 12.42 रात्रि में क्यों होती है शिव पूजा (Shiv Puja at Night Significance) चतुर्दशी तिथि पर रात्रि में शिव का विवाह हुआ था. शिव संहार के देवता है, इसलिए उन्हें रात्रि प्रिय है. रात्रि संहार काल की प्रति...

Aaj Ka Panchang 14 June:बुधवार का पंचांग, शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

Aaj Ka Panchang 14 June: बुधवार का पंचांग, शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय विस्तार 14 June 2023 का दैनिक पंचांग / Aaj Ka Panchang: बुधवार, 14 जून 2023 को आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि रहेगी। इस एकादशी को योगिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। वहीं अतिगंदा योग और अश्विनी नक्षत्र का संयोग रहेगा। दिन के शुभ मुहूर्त की बात करें बुधवार होने की वजह से कोई भी अभिजीत मुहूर्त नहीं रहेगा। राहुकाल दोपहर 12 बजकर 21 मिनट से दोपहर 02 बजकर 04 मिनट तक रहेगा। हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय एवं काल की सटीक गणना की जाती है। पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास एवं पक्ष आदि की जानकारी देते हैं। आइए जानते हैं आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय। तिथि एकादशी 08:50 तक नक्षत्र अश्विनी 13:42 तक प्रथम करण द्वितिय करण बालवा कौवाला 08:50 तक 20:40 तक पक्ष कृष्ण वार बुधवार योग अतिगंदा 26:58 तक सूर्योदय 05:26 सूर्यास्त 19:14 चंद्रमा मेष राहुकाल 12:21 − 14:04 विक्रमी संवत् 2080 शक सम्वत 1944 मास आषाढ़ शुभ मुहूर्त अभिजीत 11:53 − 12:48 पंचांग के पांच अंग तिथि हिन्दू काल गणना के अनुसार 'चन्द्र रेखांक' को 'सूर्य रेखांक' से 12 अंश ऊपर जाने के लिए जो समय लगता है, वह तिथि कहलाती है। एक माह में तीस तिथियां होती हैं और ये तिथियां दो पक्षों में विभाजित होती हैं। शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या कहलाती है। तिथि के ना - प्...